सरकार को हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से हुई त्रासदी को राजनीतिक रूप से न देखकर मानवीय हित का सोचकर काम करना चाहिए- राजीव शुक्ला 

हिमाचल प्रदेश के कांग्रेस प्रभारी और राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला ने भारत सरकार से हिमाचल में भारी बारिश के चलते हुई त्रासदी को राष्ट्रीय तबाही घोषित करने का आग्रह किया है। शुक्ला ने कहा हैं कि सरकार ने अभी तक सिर्फ 200 करोड़ रुपए दिए हैं, लेकिन हम 10 हजार करोड़ रुपए की मांग कर रहे हैं। 

दिल्ली स्थित कांग्रेस पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राजीव शुक्ला ने कहा कि, “मुझे ऐसा लग रहा है जिस तरह से विध्वंसकारी बारिश से तबाही हुई है उसको राष्ट्रीय रिकॉग्नाइज नहीं किया जा रहा है। राज्य में 13000 करोड़ का नुकसान हुआ है जबकि केंद्र सरकार ने केवल 200 करोड़ की ही मदद की है। कांग्रेस शासित राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़, कर्नाटका ने जिस प्रकार हिमाचल सरकार की मदद की है उसी तरह बाकी राज्य भी हिमाचल की मदद करें।”

राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला ने कहा कि, “जिस तरह से केदारनाथ में तबाही हुई थी और भुज में भूकंप आया था, उसी तर्ज पर केंद्र सरकार को हिमाचल में भी राहत पैकज देना चाहिए। हमारी सरकार से कुछ मांगे है जिसमें – हिमाचल में 10 हजार करोड़ रुपए का राहत पैकेज दिया जाए, इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए, जिनका घर टूटा है केंद्र सरकार उनकी आर्थिक मदद करे, सभी राज्यों को आर्थिक सहायता देनी चाहिए, और सड़कों का जल्द से जल्द पुनर्निर्माण कराया जाना चाहिए।”

शुक्ला ने आगे कहा कि, “राज्य में हुई इस त्रासदी में 330 लोग मर गए है, 35 लापता है, 12000 घर तबाह हो गए है, 13000 करोड़ का नुकसान हुआ है और 75000 पर्यटक और पर्यटकों की 17000 गाडियां फसी थी जिसे सरकार ने सुरक्षित निकाल लिया। सभी मंत्रियों और अधिकारियों ने मिलकर यह प्रयास किया है। सेब की फसल तैयार लेकिन उसे बाजारों में लाने के लिए रास्ते ठीक नही है पुल ध्वस्त हो गए है सड़के टूट गई है। हमारी सरकार से गुहार है की सरकार इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करे।” 

एक सवाल के जवाब में शुक्ला ने कहा कि, “राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कुछ समय पहले दिल्ली आए थे। उन्होंने पीएम मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह  से मुलाक़ात कर राज्य में आई त्रासदी के किए मदद का अनुरोध किया था। लेकिन जैसा बोला गया था वैसा अभी हुआ नहीं है।सरकार को जल्द से जल्द सहायता करनी चाहिए। सरकार को  इसे राजनीतिक रूप से न देखकर मानवीय हित का सोचकर काम करना चाहिए।”