दिल्ली की जनता को सता रहा है भय का बुलडोजर

दिल्ली में बुलडोजर चलें या न चलें पर भय का बुलडोजर जरूर चल रहा है। अवैध निर्माण करने वालों और मकान-दुकान और रेस्टोरेंट का बिना नक्शा पास किये हुये जिन्होंने निर्माण करवाया है उनको तोड़े जाने या बुलडोजर चलाये जाने का भय दिखाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की तर्ज पर दिल्ली में बुलडोजर चलाओं नीति बनाने पर बल दिया जा रहा है।

दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हुये दंगे के बाद दंगे में दोषियों के मकान पर बुलडोजर चलाने की बात हुई थी। बुलडोजर तो किसी कारण बस नहीं चल सका लेकिन बुलडोजर अवैध निर्माण करने वालों के बीच एक भय का माहौल बनाकर चला गया है।

इसी का लाभ शासन-प्रशासन से जुडे अधिकारी व जन प्रतिनिधि लेने में लगे है। दिल्ली नगर निगम के पूर्व जूनियर इंजीनियर सुभाष गर्ग का कहना है कि दिल्ली में अधिकतर काँलोनियां व मकान, दुकान और रेस्टोरेंट तमाम भवन निर्माण के नियमों को तांक पर रख कर बनायी गई है। और तो और कुछ दबंगों ने तो सड़कों पर भी कब्जा कर रखा है। इसी का लाभ अब शासन प्रशासन सियासतदानों के इशारे पर उठा रहे है।

बता रहे है कि बुलडोजर तो अवैध निर्माण कार्य कर चलना है। सो अभी से नक्शा पास करवा लो ताकि उनके निर्माण कार्य पर आने वाले दिनों में बुलडोजर न चल सकें। मौजूदा समय में नोर्थ और ईस्ट दिल्ली में सबसे ज्यादा बुलडोजर का भय दिखाया जा रहा है। लोगों में इस बात का डर है कि आगामी दिल्ली नगर निगम में अवैध निर्माण कार्य पर बुलडोजर चलाये जाने का चुनावी मुद्दा बनता है तो काफी मुश्किल हो सकती है।