बिहार के उत्तर पूर्वी इलाके में चक्रवाती तूफान से अब तक 65 लोगों के मारे जाने की सूचना है. मृतकों में से अधिकांश पूर्णिया, मधेपुरा और मधुबनी जिलों के थे. हैरानी की बात ये है कि इस तूफान की जानकारी देने में मौसम विभाग पूरी तरह से असफल साबित हुआ.
मंगलवार देर रात आए इस तूफान के समय हवा 100 से 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी. बारिश के साथ गिरे ओलों ने हजारों लोगों के आशियानों को उजाड़ने के साथ ही फसलों को तबाह कर दिया. आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, मधेपुरा, पूर्णिया, सहरसा, सुपौल, कटिहार, किशनगंज, दरभंगा और मधुबनी जिले के तकरीबन 25 हजार घर तूफान से उजड़ गए. तूफान से सबसे ज्यादा प्रभावित पूर्णिया जिला हुआ है. प्रभावित इलाकों मे बिजली की आपूर्ति पूरी तरह ठप पड़ गई है. इलाके में यातायात और रेलवे पर भी खासा असर पड़ा है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों से नुकसान का जायजा लेकर जल्द से जल्द सर्वे रिपोर्ट तैयार करने को कहा है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर नीतीश कुमार से नुकसान की जानकारी ली और हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया. नीतीश कुमार ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह को भी हालात से अवगत कराया.
नहीं थ्ाा तूफान का अलर्ट
चौंकाने वाली बात ये है कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के साथ ही बिहार मौसम विज्ञान विभाग भी इस तूफान की सूचना देने में नाकाम साबित हुआ. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की लापरवाही पर उठ रहे सवाल पर पटना शाखा के निदेशक एके सेन ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि हल्की बारिश के साथ बिजली कड़कने की संभावना थी. चक्रवाती तूफान की कोई आशंका नहीं थी. विभागीय सूत्रों के अनुसार विभाग ने अपनी वेबसाइट पर सिर्फ हल्की बारिश की सूचना को अपडेट किया था.
चार लाख का मुआवजा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रभावित इलाका का जायजा लेने के बाद मृतकों के परिजन को चार लाख रुपये का मुवावजा देने की घोषणा की है. घायलों को तुरंत 4500-4500 रुपये की नकद सहायता देने का भी एलान किया. आपदा प्रबंधन के अधिकारी के अनुसार प्रभावितों को 2000 रुपये नकद, एक कुंतल अनाज और कपड़े के लिए 1800 रुपये मुहैया कराए गए हैं.