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बीजेपी द्वारा सरकार न बनाने की घोषणा के बाद सियासी हलचल तेज।

बीजेपी द्वारा महाराष्ट्र मे सरकार बनाने से इनकार करने के बाद महाराष्ट्र में सत्ता बनाने को लेकर चल रहे घमासान ने एक नया मोड़ ले लिया है। अब यह कहा जा सकता है कि गेंद शिवसेना के पाले में है। बीजेपी के बाद शिवसेना सेकंड लार्जेस्ट पार्टी है जिसे गवर्नर सत्ता स्थापना के लिए न्योता दे सकते हैं। अब शिवसेना को अपने उस दावे को सच साबित करना पड़ेगा जिसमें उसने अब तक उसके पास बहुमत साबित करने के लिए पर्याप्त विधायक होने की बात की है।

अब शिवसेना को सत्ता काबिज करने के लिए एनसीपी और कांग्रेस की मदद लेनी होगी। सारा दारोमदार एनसीपी और कांग्रेस पर ही है। हालांकि एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार बार-बार यह कह चुके हैं कि उन्हें जनादेश विपक्ष में बैठने के लिए मिलाा है और वे इस जनादेश का आदर करेंगे। इसके अलावा एक महत्वपूर्ण शर्त्त एनसीपी ने शिवसेेेन को समर्थन देने के लिए रखी कि शिवसेना बीजेपी से अपने संबंध तोड़ दे । वहीं पर आईडियोलॉजिकल डिफरेंसेस के चलते कॉन्ग्रेस शिवसेना को समर्थन देने में हिचक रही है। शिवसेना को समर्थन देने के मसले पर कांग्रेसमें दो धड़े हैं एक शिवसेना को समर्थन देने के पक्ष में और दूसरा उसके विरोध में।

बीजेपी द्वारा सरकार न बनाने का ऐलान करने के पहले बीजेपी के आला लीडरान ने एक मीटिंग ली केयरटेकर चीफ मिनिस्टर के निवास स्थान वर्षा में।

इस मीटिंग के बाद महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोशियारी से मुलाकात की गई और उन्हें सूचित किया गया कि बीजेपी सरकार नहीं बनाना चाहती है और शिवसेना चाहे तो एनसीपी कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना सकती है इस मीटिंग में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अमित शाह भी शामिल हुए।

हालांकि इसके बाद भी वर्षा में बीजेपी की कोर टीम की मीटिंग चल रही है इस मीटिंग का एजेंडा फिलहाल बताया नहीं गया है।

वहीं दूसरी ओर बीजेपी के इंकार के बाद शिवसेना के खेमे में भी गतिविधियां तेज हो गई है। शिवसेना नेता उद्धव से मिलने उनके निवास स्थान मातोश्री में पहुंचे। अगली मीटिंग रिट्रीट होटल में होने जा रही है रिट्रीट होटल में कल से जूनियर ठाकरे यानी आदित्य ठाकरे जमे हुए हैं इसी होटल में हॉर्स ट्रेडिंग के डर से शिवसेना ने अपने एमएलएस को ठहराया है।

धर्म के ठेकेदारों ने दिवंगत सैनिक की विधवा के बाल काटे, मुंह काला किया, जूते पहनाकर देव रथ के सामने घसीटा

एक बेहद शर्मनाक घटना में हिमाचल के मंडी जिले में करीब ८१ साल की एक बुजुर्ग महिला, जो दिवंगत पूर्व सैनिक की पत्नी है, को धर्म के ठेकेदारों ने गले में जूतों की माला पहनाकर और उनके चेहरे पर कालिख पोत कर सड़क पर देवता के रथ के आगे घसीटा। यही नहीं क्रूरता की तमाम हदों को लांघते हुए बुजुर्ग महिला के केश भी काट डाले गए। घटना से बुरी तरह आहत और सहमी महिला बीमार पड़ गयी है। महिला का सड़क पर घसीटे जाने का वीडियो वायरल हो गया है और लोगों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

घटना मंडी जिले के उपमंडल सरकाघाट की गोहर पंचायत की है। वहां के समाहल गांव में इस बुजुर्ग महिला के साथ हुई क्रूरता के मामले में पुलिस ने १६ लोगों को गिरफ्तार किया है। मंडी के एसपी ने डीएसपी सरकाघाट चंद्रपाल सिंह को इस शर्मनाक घटना की जांच का जिम्मा सौंपा है। महिला का नाम राजदेई बताया गया है।

‘तहलका’ की जानकारी के मुताबिक यह घटना अंधविश्वास और गुंडागर्दी से जुड़ी है जिसमें धरम के ठेकेदारों ने इस बुजुर्ग महिला पर कथित जादू-टोने का आरोप लगा उससे अमानुषिक व्यवहार किया। हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कड़ा संज्ञान लेते हुए एसपी मंडी को त्वरित कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

सरफिरों की हैवानियत का शिकार बुजुर्ग महिला के दामाद ने सरकाघाट थाने में शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस को दी गयी शिकायत में २० लोगों के नाम लिखवाए थे, जिन्होंने बुजुर्ग के साथ यह क्रूरता की। शिकायत के मुताबिक जादूटोना का आरोप लगाने वाले बहशियों ने बुजुर्ग महिला के बाल काटे, उनके चेहरे पर कालिख पोती गई और गले में जूतों की माला पहनाकर देवता के रथ के आगे उन्हें घसीटा गया।

बुजुर्ग महिला ने उसे छोड़ने की बार-बार गुहार लगाई लेकिन किसी ने उनकी न सुनी।    धर्म के ठेकेदार अपनी मनमानी करते रहे। यही नहीं, गांव वालों ने इस बहशी घटना का वीडियो भी बना डाला और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।

भी तक की जानकारी के मुताबिक यही बुजुर्ग महिला विधवा हैं और उनकी दो विवाहित बेटियां हैं। यहां तक कि कोइ उनकी देखभाल करने वाला भी नहीं। जानकारी के मुताबिक समाहल गांव में स्थानीय देवता का मंदिर है जिनकी ग्रामीणों में खूब आस्था है। देव पुजारी (गुर) की तीन साल पहले मृत्यु हो गई जिसके बाद कोई पुजारी तय नहीं हुआ। हालांकि कुछ असामजिक तत्वों ने इसका फायदा उठाकर खुद को देवता का सेवक बताकर लोगों को धर्म के नाम पर डराना-धमकाना शुरू कर दिया। माना जाता है कि यही लोग इस घटना के पीछे हैं।

‘तहलका’ को मिली जानकारी के मुताबिक कोइ हफ्ता भर पहले देवरथ के साथ यह लोग बुजुर्ग महिला के घर गए और उसपर कथित जादू-टोना का आरोप लगाया। यही नहीं उसके घर में तोड़ फोड़ भी की गयी। इसकी जानकारी बुजुर्ग महिला को मिली तो उसके गांव आकर पंचायत में इसकी शिकायत की। आरोप है कि पंचायत के सामने भी इन लोगों ने महिला को देवता के नाम पारदराय-धमकाया और शिकायत वापस लेने की मांग की।

बुरी तरह डरी बुजुर्ग महिला ने भारी दाव में शिकायत वापस ले ली और अपनी बेटी के  घर लौट गई। लेकिन जब वह फिर अपने गांव आई तो इन समाज विरोधी तत्वों ने  महिला के सिर के बाल काटे, उनका मुंह काला किया और उनके गले में जूतों की माला पहनाकर देवटा के रथ के साथ पूरी गांव में घसीटा।

रविवार को उसकी बेटी महिला को मीडिया के सामने भी लाई जहाँ उसकी हालत खराब दिख रही थी और बेटी भी रो रही थी। आरोप है कि इतनी शर्मनाक घटना के बाद भी प्रशासन का कोइ अधिकारी महिला को सांत्वना देने नहीं गया। यह बुजुर्ग महिला एक पूर्व सैनिक की पत्नी है। उनकी एक बेटी तृप्ता भरेड़ी में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं और दूसरी बेटी नर्स हैं। तृप्ता के पति हमीरपुर में एडवोकेट हैं।

तृप्ता के मुताबिक सीएम जयराम के आदेश के बाद उनकी मां के बयान दर्ज किए गए हैं। और १६ लोगों की गिऱफ्तारी भी हुई है। गिरफ्तारी के बाद गांव में तनाव होने से एसडीएम ने सरकाघाट में धारा १४४ लगा दी। स्थिति से निपटने के लिए पुलिस तैनात की गयी है। उनके मुताबिक सरकाघाट के विधायक इंद्र सिंह ने उनकी मान से मिलने का भरोसा दिया है।

महाराष्ट्र में सरकार को लेकर बैठकें

राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी के भाजपा को सरकार बनाने के निमंत्रण और इसके लिए ११ नवंबर की समय सीमा निर्धारित करने के बाद महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर हलचल तेज हो गयी है। शिव सेना की बैठक हो रही है वहीं भाजपा की कोर कमेटी भी सीएम फडणवीस के घर मिल रही है। वैसे शनिवार मध्य रात्रि को महाराष्ट्र की १३वीं विधानसभा का कार्यकाल पूरा हो गया। था

शिव सेना ने कहा है कि ”कांग्रेस महाराष्ट्र की दुश्मन नहीं है” तो कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने कहा है कि भाजपा-शिव सेना सरकार बनाने में विफल रहे हैं लिहाजा दूसरे सबसे गठबंधन कांग्रेस-एनसीपी को सरकार बनाने का अवसर दिया जाए।

महाराष्ट्र में सरकार गठन का पेंच अभी फंसा हुआ है। एनसीपी नेता नवाब मलिक ने रविवार को ‘हॉर्स ट्रेडिंग’ के प्रति राज्यपाल को आगाह किया। साथ ही एनसीपी नेता ने  संकेत दिए कि विधानसभा में अगर भाजपा की सरकार नहीं बन पाती है तो ”एनसीपी महाराष्ट्र की जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार बनाने की कोशिश करेगी”।

राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी के भाजपा को सरकार बनाने का न्योता देते हुए ११  नवंबर तक बहुमत साबित करने को कहने के कई घंटे के बाद भी भाजपा ने सरकार गठन को लेकर अभी तक कोई साफ़ रुख नहीं दिखाया है। एनसीपी ने ज़रूर भाजपा  के सरकार बनाने में नाकाम रहने की स्थिति में अपनी कोशिश शुरू करने के संकेत दिए हैं।

बुलबुल ने २ की जान ली, धीमा पड़ा तूफान

बांग्लादेश के खेपूपाड़ा में तट से टकराने के बाद बंगाल की खाड़ी में उठा चक्रवाती तूफान ‘बुलबुल’ अब धीमा पड़ गया है। हालांकि इसके असर से बंगाल और ओड़िशा में भारी बारिश हुई है और दो लोगों की जान भी चली गयी। पश्चिम बंगाल के तट से टकराने के वक्त तूफान की रफ्तार १२० से १३५ किमी प्रति घंटे थी। सीएम ममता बनर्जी के मुताबिक करीब १.५० लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया गया है।

‘बुलबुल’ शनिवार रात पश्चिम बंगाल के सागर आइलैंड्स, ओडिशा के भद्रक और बांग्लादेश के खेपूपाड़ा में तट से टकराया। तूफान की रफ्तार ११०-१२० किमी प्रतिघंटा  के बीच थी। तूफान का असर दोनों राज्यों के तटीय इलाकों में दिखा और वहां भारी बारिश हुई। रिपोर्ट्स के मुताबिक २ लोगों की जान गयी है। कई जगह पेड़ गिरे से जिससे मकानों और धान की खेती को भी नुक्सान पहुंचा है।

तूफान की आशंका के बाद काेलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बाेस हवाईअड्डे पर शनिवार शाम ६ बजे से सुबह ६ बजे तक के लिए हवाई उड़ानाें पर राेक लगा दी गई। राज्य में एनडीआरएफ की ३५ टीमें काम कर रही हैं। भद्रक जिले में डीहा द्वीप के पास नाव डूबने से समुद्र में फंसे आठ मछुआराें काे रैपिड एक्शन फोर्स ने अन्य मछुआरों की मदद से बचाया है।

इस बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार सुबह बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बात कर तूफान से हुई तबाही का जायजा लिया  मदद का उन्हें भरोसा दिया। उधर बांग्लादेश के खेपूपाड़ा में तट से टकराने के बाद तूफान कमजोर पड़ गया।

ताजा ख़बरों के मुताबिक तूफान में बांग्लादेश के भोला, बारगुना और पटुआखाली से १५० मछुआरे लापता हैं। हालांकि, अधिकारियों ने १५,००० वॉलंटियर्स की मदद से करीब १५ लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।

आपका धन्यवाद इमरान खान : करतारपुर कॉरिडोर पर बोले मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पंजाब के करतारपुर साहिब जाने वाले सिख श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को रवाना किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने पाक पीएम इमरान खान का भारतीय श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान करने के लिए धन्यवाद किया।

करतारपुर जाने वाले पहले जत्थे में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल, हरदीप पुरी, पूर्व उपमुख्यमंत्री और शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल, कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू, सनी देओल के अलावा पंजाब के सांसद और विधायक शामिल हैं।

इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा – ”यह मेरा सौभाग्य है कि मैं आज देश को करतारपुर साहब कॉरिडोर समर्पित कर रहा हूं। मैं इमरान खान का बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने भारतीय सिख श्रद्धालुओं की भावनाओं को समझा।”

मोदी ने केंद्र और पंजाब सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा – ”केंद्र सरकार ने एक और महत्वपूर्ण फैसला किया है, जिसका लाभ दुनियाभर में बसे अनेक सिख परिवारों को हुआ है। कई सालों से, कुछ लोगों को भारत में आने पर जो दिक्कत थी, अब उन दिक्कतों को दूर कर दिया गया है।”

इससे पहले पीएम ने करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन किया। उन्होंने डेरा बाबा नानक स्थित कॉरिडोर के चेकपोस्‍ट से ५५० श्रद्धालुओं का पहला जत्था करतारपुर रवाना किया। मोदी ने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और अन्य नेताओं के साथ लंगर भी छका। उन्होंने रैली में कहा कि कॉरिडोर को कम वक्त में तैयार करने के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान को धन्यवाद देता हूं। पाकिस्तान के श्रमिक साथियों का भी आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने इतनी तेजी से अपनी तरफ के कॉरिडोर को पूरा करने में मदद की। इस कॉरिडोर का निर्माण कार्य ११ महीने में पूरा हुआ है।

मोदी ने कहा कि दुनियाभर में बसे सिख भाई-बहनों को बधाई देता हूं। गुरु नानक देव जी, सिर्फ सिख पंथ की, भारत की ही धरोहर नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए प्रेरणा पुंज हैं। गुरु नानक देव एक गुरु होने के साथ-साथ एक विचार हैं, जीवन का आधार हैं।

इस मौके पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि बंटवारे के बाद पहली बार आज सीमाएं खत्म हुई हैं। ”दोस्त इमरान खान के योगदान को कोई नकार नहीं सकता है। इसके लिए मोदीजी को भी धन्यवाद देता हूं।”

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा – ”ऐतिहासिक करतारपुर साहिब कॉरिडोर का खुलना क्षेत्रीय शांति के प्रति पाकिस्तान की प्रतिबद्धता का नमूना है। हमारा विश्वास है कि क्षेत्र की समृद्धि का रास्ता और आने वाली पीढ़ियों का बेहतर भविष्य शांति कायम करने में हैं। आज हम न सिर्फ सीमा बल्कि सिख समुदाय के लिए अपना दिल भी खोल रहे हैं।’’

विवादित ज़मीन रामलला की : सुप्रीम कोर्ट

सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या पर फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने हिन्दू पक्ष (मंदिर) के हक़ विवादित जमीन देने के अलावा अयोध्या में ही मुस्लिम पक्ष को ५ एकड़ ज़मीन मस्जिद बनाने के लिए देने का फैसला सुनाया है। कोर्ट के फैसले से वहां राम मंदिर बनाने का रास्ता साफ़ हो गया। सर्वोच्च अदालत ने आदेश में केंद्र सरकार को तीन महीने के भीतर ट्रस्ट बनाने को कहा है जो सारा काम देखेगा। निर्मोही अखाड़े का दावा सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली संबैधानिक बेंच ने यह फैसला  सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि सबूतों को देखते हुए  २.७७ एकड़ विवादित जमीन मंदिर को दी जाती है। फैसले में सर्वोच्च अदालत ने अयोध्या की विवादित जमीन का अधिकार हिंदू पक्ष को दे दिया है। साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि तीन महीने में एक ट्रस्ट बनाया जाए, जो मंदिर निर्माण का काम देखे। यानी कोर्ट का फैसला राम मंदिर के पक्ष में गया है और अब केंद्र सरकार को आगे की रूपरेखा तय करनी है।

फैसले में मुस्लिम पक्ष को अलग स्थान पर जगह देने के लिए कहा गया है। अर्थात सुन्नी वफ्फ बोर्ड को अलग अयोध्या में ही ५ एकड़ जमीन देने का आदेश कोर्ट ने दिया है। फैसले में कहा गया है कि मुस्लिम पक्ष जमीन पर दावा साबित करने में नाकाम रहा।

सर्वोच्च अदालत ने कहा कि आस्था के आधार पर मालिकाना नहीं दिया जा सकता।   साथ ही कोर्ट ने साफ कहा कि फैसला कानून के आधार पर ही दिया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने की पुख्ता जानकारी नहीं है। कोर्ट ने एएसआई  रिपोर्ट के आधार पर अपने फैसले में कहा कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने की भी पुख्ता जानकारी नहीं है। निर्मोही अखाड़े का दावा सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि अखाड़े का दावा लिमिटेशन से बाहर है। हालांकि, अनुच्छेद १४२  का इस्तेमाल करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने निर्मोही अखाड़ा को मंदिर बनाने वाले ट्रस्ट में शामिल करने का आदेश सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा है कि केंद्र सरकार तीन महीने में योजना लाए और ट्रस्ट बनाए। यह ट्रस्ट राम मंदिर का निर्माण करेगा।

करतारपुर गलियारे का आज शुभारंभ

करतारपुर गलियारे का आज शुभारंभ होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करतारपुर गलियारे के रास्ते पाकिस्तान के पंजाब सूबे में स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब जाने वाले ५०० से अधिक भारतीय तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को आज हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। पीएम मोदी ने सुबह सुल्तानपुर लोधी में बेर साहिब गुरुद्वारे में मत्था टेका।

पाकिस्तान के पंजाब में नारोवाल जिले में करतारपुर तक जाने वाले कॉरिडोर को श्रीगुरु नानक देवजी के ५५०वें प्रकाश पर्व के अवसर पर आज खोला जाएगा। पीएम  मोदी शनिवार सुबह सुल्तानपुर लोधी पहुंचे। करतारपुर गलियारे के उद्घाटन समारोह से पहले उन्होंने सुल्तानपुर लोधी में बेर साहिब गुरुद्वारे में मत्था टेका। वह डेरा बाबा नानक में एक सार्वजनिक समारोह में हिस्सा ले रहे हैं।

प्रधानमंत्री यात्री टर्मिनल भवन का भी उद्घाटन करेंगे जिसे एकीकृत जांच चौकी (आईसीपी) कहा जाएगा। तीर्थयात्री साढ़े चार किलोमीटर लंबे नवनिर्मित कॉरिडोर से जाने के लिए यहीं से मंजूरी लेंगे। यह भारत के पंजाब में डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे को करतारपुर स्थित दरबार साहिब से जोड़ेगा।

कश्मीर पर द्विपक्षीय संबंधों में तनाव के बावजूद पाकिस्तान और भारत ने २४  अक्टूबर को डेरा बाबा नानक में अंतरराष्ट्रीय सीमा के ‘जीरो प्वॉइंट’ पर एक समझौते पर दस्तखत करते हुए सिख धर्म के संस्थापक श्रीगुरु नानक देवजी के १२ नवंबर को ५५०वें प्रकाश पर्व के मद्देनजर नौ नवंबर को करतारपुर गलियारे के उद्घाटन का मार्ग प्रशस्त किया। समझौते के तहत हर रोज ५००० भारतीय श्रद्धालु श्री गुरुद्वारा दरबार साहिबजी में दर्शन कर सकेंगे जहां गुरु नानक ने अपने जीवन के अंतिम १८  साल बिताए थे।

सबसे शांति बनाये रखने की अपील

पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अयोध्या मामले के फैसले के दृष्टिगत देश के नागरिकों से शांति बनाये रखने की अपील की है। यूपी और जम्मू कश्मीर में तीन दिन के लिए धारा १४४ लगा दी गयी है। यूपी में अगले आदेश तक सभी स्कूल बंद रखने का आदेश जारी किया गया है।

पीएम मोदी ने एक ट्वीट में कहा – ”अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, वो किसी की हार-जीत नहीं होगा। देशवासियों से मेरी अपील है कि हम सब की यह प्राथमिकता रहे कि ये फैसला भारत की शांति, एकता और सद्भावना की महान परंपरा को और बल दे।”
गौरतलब है कि ७० साल साल पुराने आयोध्या विवाद पर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच फैसला सुनाने जा रही है। इस बीच सुरक्षा के मद्देनजर उत्तर प्रदेश ही नहीं जम्मू कश्मीर में भी धारा १४४ लगा दी गयी है। यूपी में स्कूल तीन दिन तक बंद रखने का आदेश जारी किया गया है।

पीएम मोदी की अपील –

Narendra Modi

@narendramodi
अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, वो किसी की हार-जीत नहीं होगा। देशवासियों से मेरी अपील है कि हम सब की यह प्राथमिकता रहे कि ये फैसला भारत की शांति, एकता और सद्भावना की महान परंपरा को और बल दे।

महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार की तैयारी शुरू!

चीफ मिनिस्टर पद से अपने इस्तीफे के बाद देवेंद्र फडणवीस ने यही दावा किया था कि महाराष्ट्र में अगली सरकार बीजेपी के ही नेतृत्व में बनेगी। हालांकि इस बार उन्होंने यह नहीं कहा कि चीफ मिनिस्टरी भी वही संभालेंगे।

बीजेपी खेमे से खबर है कि शिवसेना द्वारा कड़े तेवर अपनाए जाने के बाद अब बीजेपी ने भी इसे अपनी इज्जत का मामला मान लिया है। भले ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यह कहा है कि सरकार के गठन में संघ की कोई भूमिका नहीं होगी। लेकिन नागपुर हेड क्वार्टर से भी नवीन सत्ता समीकरणों के चक्र तेजी से घूमने लगे हैं। सूत्रों का दावा है कि अगले 48 घंटे के भीतर यह तय कर लिया जाएगा कि महाराष्ट्र मेंं सरकार बीजेपी ही बनाए। संभावना जताई जा रही है कि अगले चीफ मिनिस्टर देवेंद्र फडणवीस ही होंगे। महाराष्ट्र में सत्ता के बन रहे नए समीकरण में बीजेपी के कद्दावर नेता नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के एक मराठा कद्दावर क्षत्रप नेेता की मुख्य भूमिका बताई जा रही है। इस नवीन सियासी समीकरण में दोनों दलों और लीडरान के अपने-अपने हित जुड़े हुए हैं।

महाराष्ट्र की सत्ता को अपने हाथ में रखने के लिए बीजेपी को फ्लोर टेस्ट में अपने आप को साबित करना पड़ेगा। माना जा रहा है कि पिछले सत्ता गठन की तरह इस बार भी बीजेपी कोसत्ता बनाने में कोई कठिनाई नहीं आएगी।

फिलवक्त बीजेपी इस मामले में अपने पत्तों को छिपा कर रखना चाहती है। बीजेपी नहीं चााहती कि उनकी अगली रणनीति की भनक से मित्र दल अपनी रणनीति में बदलाव करें। इसके मद्देनजर चीफ मिनिस्टर पद के लिए अन्य नामों पर भी चर्चा की जाएगी।दूसरी ओर शिवसेना ने भी लामबंदी शुरू कर दी है।

अयोध्या पर कल फैसला

सर्वोच्च न्यायालय शनिवार को अयोध्या पर फैसला सुनाएगा। शुक्रवार देर शाम मिली जानकारी के मुताबिक सर्वोच्च न्यायालय की पीठ शनिवार को फैसला सुनाएगी।  इस जानकारी के बाद अयोध्या में सुरक्षा और कड़ी करदी गयी है।
पहले माना जा रहा था कि सर्वोच्च अदालत १३-१५ के बेच किसी दिन फैसला सुनाएगी लेकिन सर्वोच्च अदालत की तरफ से शाम करीब ९ बजे बताया गया है कि अयोध्या पर शनिवार को फैसला सुनाया जाएगा।

राजनीतिक दृष्टि से बेहद संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद के फैसले का पूरे देश को इन्तजार है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ , जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की पांच सदस्यीय बेंच शनिवार की सुबह साढ़े दस बजे यह फैसला सुनाएगी।

गौरतलब है कि बेंच ने १६ अक्ट्रबर को इस मामले की सुनवाई पूरी की थी और फैसले को सुरक्षित रख लिया था।  ठ ने छह अगस्त से लगातार ४० दिन तक इस मामले में सुनवाई की थी। अब इस खबर के बाद सुरक्षा बंदोबस्त पूरी तरह चाक चौबंद कर लिए गए हैं।