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भाजपा सांसद मेनका गांधी ने हैदराबाद एनकाउंटर पर उठाये सवाल

हैदराबाद में डाक्टर रेप और मर्डर केस के आरोपियों के एक एनकाउंटर में मारे जाने के बाद देश भर में प्रतिक्रियायों का दौर जारी है। संसद में भी इस मसले पर सदस्यों  राय रखी है। भाजपा की वरिष्ठ नेता और सांसद मेनका गांधी ने जहां एनकाउंटर को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि आप कानून हाथ में नहीं ले सकते, वहीं सपा सदस्य जया बच्चन ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि देर आए दुरुस्त आए। उधर हैदराबाद रेप-मर्डर घटना पर जल्द इंसाफ की मांग कर रहे लोगों ने एनकाउंटर के बाद खुशी का इजहार किया है।

फिलहाल एनकाउंटर पर लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रिया आ रही है। कुछ समर्थन कर रहे हैं तो कुछ विरोध। संसद में आरोपियों को सरेआम लिंच करने की मांग करने वाली सपा के सदस्य जया बच्चन ने एनकाउंटर पर कहा – ‘देर आए दुरुस्त आए”। हालांकि, भाजपा की वरिष्ठ नेता और संसद सदस्य मेनका गांधी ने हैदराबाद एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए कहा कि हैदराबाद में जो हुआ वह सही नहीं है। मेनका ने कहा – ”वहां जो भी हुआ है, वह बहुत भयानक हुआ इस देश के लिए।  क्योंकि आप कानून को हाथ में नहीं ले सकते हैं। वैसे भी उनको फांसी मिलती। अगर आप उनको पहले ही बंदूक से मार दोगे, तो फिर फायदा क्या है, अदालत का, पुलिस का, कानून का। फिर आप बंदूक उठाओ और जिसको भी मारना है मारो।”

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने इस पर कहा – ”एनकाउंटर हमेशा ठीक नहीं होते हैं। इस मामले में पुलिस के दावे के मुताबिक आरोपी बंदूक छीन कर भाग रहे थे। ऐसे में शायद उनका फैसला ठीक है। हमारी मांग थी कि आरोपियों को फांसी की सजा मिले, लेकिन कानूनी प्रक्रिया के तहत. हम चाहते थे कि स्पीडी जस्टिस हो। पूरी कानूनी प्रक्रिया के तहत ही कार्रवाई होनी चाहिए। आज लोग एनकाउंटर से खुश हैं, लेकिन हमारा संविधान है, कानूनी प्रक्रिया है।”

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्वीट में कहा – ”मैं सिद्धांतों में विश्वास करता हूं। हमें अभी और ज्यादा जानने की जरुरत है, मान लें अगर अपराधी हथियारबंद थे तो पुलिस गोली चलाने की वजह जस्टिफाई कर सकती है। जब तक पूरी जानकारी नहीं आ जाती है तब तक हमें आलोचना नहीं करना चाहिए। लेकिन इसके बिना एक्स्ट्रा ज्यूडिशियल किलिंग नियमों से बंधे समाज में स्वीकार्य नहीं है।”

पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने भी हैदराबाद पुलिस की तारीफ की है। उन्होंने ट्वीट कर एनकाउंटर करने वाले पुलिसकर्मियों का अभिनंदन किया।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा – ”हैदराबाद की घटना से लोगों में संतोष और ख़ुशी है। ये चिंता का विषय है कि देश की कानून व्यवस्था पर लोगों का विश्वास टूट चुका है। हम सब को मिलकर हमारी कानून व्यवस्था और जांच प्रणाली को मजबूत करना होगा ताकि लोग दोबारा इस व्यवस्था पर विश्वास करने लगे और हर पीड़ित को जल्द न्याय मिल पाए।”

साध्वी प्रज्ञा ने कहा – ”शठे शाठ्यम समाचरेत्।।, यद्यपि शुद्धं लोक विरुद्धम्। अर्थात ”भले ही लोगों को लगे कि ऐसा करना गलत है, दुष्ट के साथ दुष्टता का व्यवहार करना चाहिए।”

बाबा रामदेव ने कहा – ”हैदराबाद पुलिस ने साहसपूर्ण कार्य किया, न्याय दिया गया है। इस पर कानूनी सवाल उठाना अलग बात है, लेकिन मुझे यकीन है कि देश के लोगों को शांति मिली है।”

कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा – ”हैदराबाद में दरिंदो को अपने पाप की सज़ा मिली। सभ्य समाज मे ऐसे पापियों के लिए कोई स्थान नही होना चाहिए। मातृशक्ति की सुरक्षा सर्वोपरि है।”

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा – ”मेरी पार्टी के लोगों को भी हमने जेल भेजा था, जिन पर किसी तरह के आरोप लगे थे। मेरा उत्तर प्रदेश की सरकार से कहना है कि हैदराबाद की पुलिस से यूपी पुलिस को सीख लेनी चाहिए और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।”

उधर जनता में एनकाउंटर को लेकर भले जो सोच हो, देशभर दुष्कर्म और जघन्य हत्या को लेकर गुस्सा जाता रहे लोगों ने इसका स्वागत किया है। खासकर महिलाओं ने खुशी जताई है। हैदराबाद में कई महिलाओं ने पुलिसकर्मियों को राखी बांधी तो कई जगह लोग मिठाई बांटते दिखे। एनकाउंटर की जगह भी भारी भीड़ जमा हो गयी है। हैदराबाद पुलिसकर्मियों का स्वागत फूल बरसाकर किया गया और खुशी में पटाखे भी फोड़े गए।

सिंचाई घोटाले में अजित पवार को एसीबी की क्लीन चिट !

सिंचाई घोटाले के आरोपों में फंसे एनसीपी नेता अजित पवार को महाराष्ट्र के एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने क्लीन चिट दे दिया है। 27 नवंबर को बॉम्बे हाईकोर्ट के नागपुर बेंच में जमा किए गए एफिडेविट के अनुसार विदर्भ इरिगेशन कारपोरेशन के चेयरमैन अजित पवार को एक्जिक्युटिव एजेंसियों के कार्यों के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।क्योंकि पवार के पास कोई लीगल दायित्व नहीं है। यह हलफनामा महाविकास आघाडी सरकार द्वारा लिए गए शपथ समारोह के एक दिन पहले यानी 27 नवंबर नवंबर को जमा किया गया। शिवसेना, एनसीपी, कांग्रेस की महा विकास आघाडी ने 28 तारीख को शपथ ग्रहण किया था।

याद रहे कि इसके पहले यह खबर उस वक्त सुर्खियों में थी, जब अचानक अजित पवार ने एनसीपी चीफ शरद पवार को बिना बताए , पूर्व सीएम देवेंद्र फर्नांडिस के साथ मिलकर महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार बना ली थी। उस वक्त दावा किया जा रहा था की बीजेपी को सपोर्ट करने के एवज में बतौर बख्शीश उन्हें सिंचाई घोटाले से बख्शा जा रहा है। हालांकि एंटी करप्शन ब्यूरो के मुखिया परमवीर सिंह ने इन खबरों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि सिर्फ उन्हीं फाईलों को बंद किया गया जिसमें अजित पवार की कोई भूमिका नहीं थी और जांच आगे चलती रहेगी।

सिंचाई घोटाले का मामला उस वक्त जब महाराष्ट्र में एनसीपी कांग्रेस की सरकार थी और अजित पवार वाटर रिसोर्सेज डेवलपमेंट मिनिस्टर थे। पवार पर उनके अपने महकमे के प्रोजेक्ट में अनिमियतता और प्रोजेक्ट के बजट को बढाने का आरोप था।

डाक्टर रेप-मर्डर के आरोपी एनकाउंटर में मारे गए

तेलंगाना में डाक्टर के साथ रेप और उसकी हत्या करने वाले चारों आरोपी आज तड़के एक एनकाउंटर में मारे गए। पुलिस के मुताबिक अदालत में चार्जशीट दाखिल करने के बाद इन चारों आरोपियों को पुलिस घटनास्थल ले गई थी ताकि ”सीन ऑफ क्राइम” (रिकंस्ट्रक्शन) किया जा सके लेकिन इस दौरान इन आरोपियों ने पुलिस के बन्दूक छीनकर भागने की कोशिश की। इसके बाद वे एनकाउंटर में मारे गए।

पुलिस के मुताबिक यह एनकाउंटर तड़के करीब तीन बजे हुआ। पुलिस चारों आरोपियों को घटनास्थल ले गई थी ताकि ”सीन ऑफ क्राइम” (रिकंस्ट्रक्शन) किया जा सके। लेकिन इस दौरान एक आरोपी ने पुलिसकर्मी का हथियार छीन कर भागने की कोशिश की। पुलिस के मुताबिक आरोपी भागने की फिराक में थे। वे भाग जाते तो  हंगामा खड़ा हो जाता इसलिए पुलिस ने कहा उसके पास एनकाउंटर के अलावा और कोइ चारा नहीं था।

पुलिस के मुताबिक यह आरोपी जवाबी फायरिंग में मारे गए। याद रहे २८ नवंबर को इन आरोपियों ने एक महिला डाक्टर का रेप करने के बाद उसकी ह्त्या कर उसका शव जला दिया था। इस घटना से देश भर में गुस्सा फ़ैल गया था और लगातार प्रदर्शन हो रहे थे। मामले की सुनवाई के लिए फॉस्ट ट्रैक कोर्ट का गठन किया गया था।   एनकाउंटर को लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं।

रेपो रेट में कोइ कटौती नहीं

रिज़र्व बैंक आफ इंडिया (आरबीआई) ने इस बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। केंद्रीय बैंक ने अलवत्ता चालू माली साल के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान घटाकर ५ फीसदी कर दिया है जबकि पिछला अनुमान ६.१ फीसदी था।

आरबीआई की आज की घोषणा से लोन सस्ते होने की उम्मीद को झटका लगा है।

 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के सभी छह सदस्यों ने ब्याज दरें स्थिर रखने के पक्ष में वोट दिया है। आर्थिक मंदी और इसे लेकर मोदी सरकार पर कांग्रेस सहित विपक्ष के हमलों के बीच केंद्रीय बैंक ने चालू माली साल के लिए जीडीपी ग्रोथ दर का अनुमान भी घटाकर ५ फीसदी कर दिया है। पिछला अनुमान ६.१ फीसदी था।

मौद्रिक नीति समीक्षा की तीन दिन चली बैठक के बाद गुरुवार को आरबीआई ने इन फैसलों की जानकारी दी। आरबीआई ने दूसरी छमाही (अक्टूबर-मार्च) में रिटेल महंगाई दर का अनुमान बढ़ाकर ४.७-५.१ फीसदी किया है। पिछली बार ३.५ फीसदी  से ३.७ फीसदी का अनुमान जताया गया था। जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ सिर्फ ४.४ फीसदी रह गई और पिछले छह साल में यह सबसे कम है।

गौरतलब है कि पिछली लगातार पांच बैठकों में आरबीआई ने रेपो रेट हर बार घटाया था और कुल १.३५ फीसदी की कटौती की थी। इस बार कटौती की उम्मीद जताई जा रही थी लेकिन ऐसा हुआ नहीं है। हालांकि, आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) की अगली बैठक ४ से ६ फरवरी के बीच होगी। संभावना है कि आरबीआई उसमें रेपो रेट में कटौती कर सकता है।

यूएस संयुक्त बेस पर्ल हार्बर पर गोलीबारी, बाल-बाल बचे भारतीय वायुसेना प्रमुख

अमेरिकी नौसेना और वायु सेना के संयुक्त बेस पर्ल हार्बर हिकम में गुरुवार सुबह जो गोलीबारी हुई है उसमें  भारतीय वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया बाल-बाल बच गए।  जब यह घटना हुई, भदौरिए अपनी टीम के साथ बेस पर ही मौजूद थे।

रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी नौसेना और वायु सेना के संयुक्त बेस पर्ल हार्बर हिकम में गुरुवार सुबह अचानक गोलीबारी शुरू हो गयी। जब यह गोलीबारी शुरू हुई , भारतीय वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया अपनी टीम के साथ बेस पर ही थे।

घटना के मुताबिक शिपयार्ड पर तैनात एक गनमैन ने अचानक ही गोलीबारी शुरू कर दी। इस घटना में कम से कम तीन लोग घायल हुए हैं, वहीं दो की हालत गंभीर है। गोलीबारी करने वाले गनमैन ने खुद को भी गोली मार ली। घटना के बाद पूरे इलाके की घेराबंदी कर ली गयी।

घटना पर भारतीय वायु सेना ने कहा है कि एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया सुरक्षित हैं। वायुसेना प्रमुख भदौरिया हिंद प्रशांत क्षेत्र में बदलते सुरक्षा परिदृश्य पर बातचीत के लिए विभिन्न वायुसेना बलों के प्रमुखों के सम्मेलन में भाग लेने के लिए इस समय हवाई स्थित अमेरिकी अड्डे पर हैं।

भारतीय वायुसेना के प्रवक्ता ने कहा – ”वायुसेना प्रमुख और उनका दल सुरक्षित है”। एक अधिकारी ने बताया कि वायुसेना प्रमुख पर्ल हार्बर में अमेरिकी वायुसेना अड्डे पर ठहरे हुए हैं और गोलीबारी नौसैन्य अड्डे पर हुई। अधिकारी ने बताया कि ये दोनों जगह एक दूसरे के निकट नहीं हैं।

पर्ल हार्बर बेस ओहू समुद्र तट के दक्षिणी किनारे पर स्थित है जहां वायु सेना और नौसेना दोनों के सैन्य अड्डे हैं। पर्ल हार्बर या ‘पर्ल बंदरगाह’ हवाई द्वीप में हॉनलूलू से दस किमी उत्तर-पश्चिम, अमेरिका का प्रसिद्ध बंदरगाह एवं नौसैनिक अड्डा है। इस बंदरगाह के २० वर्ग किलोमीटर के दायरे में सैकड़ों जहाजों के रुकने का स्थान है।

गृह मंत्री नरसिम्हा राव ने गुजराल की सेना बुलाने की सलाह मानी होती तो १९८४ सिख दंगे नहीं होते : मनमोहन

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने १९८४ के सिख दंगों को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा है कि यदि उस समय के गृह मंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने इंद्र कुमार गुजराल की सलाह मानी होती तो दिल्ली में सिख नरसंहार से बचा जा सकता था। उस समय की  घटना का बड़ा खुलासा करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा है कि इंद्र कुमार गुजराल ने सिख दंगा को रोकने के लिए सेना को तैनात करने की सलाह दी थी, लेकिन नरसिम्हा राव ने उनकी सलाह को अनदेखा कर दिया।

मनमोहन के इस ब्यान के बाद देश में राजनीति तेज हो सकती है। याद रहे १९८४ में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के उनकी ही सुरक्षा कर्मियों के हाथों हत्या के बाद सिख दंगे भड़क उठे थे जिसमें सैंकड़ों सिखों की हत्या कर दी गयी थी। इनमें से कई मामलों में अब तक न्याय नहीं मिल पाया है।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने यह बयान एक दिन पहले दिल्‍ली में पूर्व प्रधानमंत्री इन्दर कुमार गुजराल की १००वीं जयंती पर आयोजित समारोह एक कार्यक्रम में दिया है। पूर्व पीएम ने कहा – ” दिल्‍ली में जब सिख दंगे हो रहे थे, गुजरालजी उस समय के गृह मंत्री नरसिम्हा राव के पास गए थे। उन्‍होंने राव से कहा कि स्थिति इतनी गंभीर है कि सरकार के लिए जल्द से जल्द सेना को बुलाना जरूरी है। अगर राव गुजराल की सलाह मानकर जरूरी कार्रवाई करते तो शायद १९८४ के नरसंहार से बचा जा सकता था।”

जब प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देशभर में सिख विरोधी दंगे भड़क उठे थे, तब गुजराल ने दंगा भड़कने की रात को तत्कालीन गृहमंत्री राव से मुलाकात की थी। मनमोहन ने कहा – ”गुजराल सिख दंगे से पहले के माहौल को लेकर काफी परेशान थे। वह रात में नरसिम्हा राव से मिलने गए थे। इंद्र कुमार ने नरसिम्हा राव को सलाह दी थी कि हालात बेहद नाजुक हैं। इसलिए सरकार को सेना की सहायता लेनी चाहिए। लेकिन नरसिम्हा राव ने गुजराल की सलाह को नहीं माना।”

उन्नाव में रेप पीड़िता को जलाकर मारने की कोशिश

हैदराबाद में डाक्टर के रेप-हत्या की खबर की स्याही अभी सूखी भी नहीं है कि उत्तर प्रदेश के उन्नाव में दुष्कर्म की पीड़िता को पेट्रोल डालकर गुरूवार सुबह जला दिया गया। उसकी हालत बेहद गंभीर है। देश में पहले से ही हैदराबाद की घटना को लेकर उभरे गुस्से के बाद यह घटना हुई है। इस घटना के बाद कांग्रेस के महासचिव प्रियंका गांधी ने घटना पर गहरा अफ़सोस जताते हुए यूपी सरकार पर हमला किया है और कहा है कि वह नाकाम साबित हुई है।

जानकारी के मुताबिक घटना उन्नाव के बिहार थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाली सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता से जुड़ा है। उसे पांच युवकों ने पेट्रोल छिड़ककर जला डाला। लड़की ७० फीसदी से ज्यादा जल गयी है। पिता की शिकायत के बाद पुलिस ने पीड़िता को अस्पताल पहुंचाया जहाँ उसकी हालत बेहद खराब देखकर उसे लखनऊ रेफर किया गया है।

सब-डिविजनल मैजिस्ट्रेट को दिए गए बयान में पीड़िता ने बताया कि वह गुरुवार सुबह चार बजे रायबरेली जाने के लिए बैसवारा स्टेशन जा रही थी। गौर गांव के मोड़ के पास पहले से मौजूद हरिशंकर त्रिवेदी, रामकिशोर त्रिवेदी, उमेश वाजपेई के साथ रेप के आरोपी शिवम और शुभम त्रिवेदी ने कथित तौर पर लाठी-डंडों से उसे पीटने के बाद चाकू से कई वार किए। इसके बाद पेट्रोल डाल दिया और आग लगा दी।

पुलिस ने इस घटना में पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है जिनमें दो लड़की से गैंगरेप मामले  के आरोपी हैं। इन दोनों को हाल में जमानत मिली थी। आरोप है कि इन दोनों ने दोस्तों के साथ मिलकर लड़की का दिसंबर में रेप किया था।
पुलिस के मुताबिक कि मार्च में रायबरेली के लालगंज थाना क्षेत्र में एक केस दर्ज हुआ था। इसमें लड़की की तरफ से आरोप था कि उसे शादी का झांसा देकर गैंगरेप किया गया। इन दोनों आरोपियों का नाम पेट्रोल डालकर जलाने की घटना में भी शामिल है।

सुबह उसकी चीखें सुनकर इकट्ठा हुए राहगीरों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर आई पुलिस उसे लेकर सबसे पहले सुमेरपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पीएचसी पहुंची। नाजुक हालत में उसे उन्नाव जिला अस्पताल भेज दिया गया। इससे पहले एसडीएम दयाशंकर पाठक पीएचसी पहुंच गए। एसडीएम को दिए बयान में पीड़िता ने पूरी घटना का ब्योरा दिया है।
इस बीच इस मामले को लेकर यूपी सरकार पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट में कहा – ”कल देश के गृह मंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने साफ-साफ झूठ बोला कि यूपी की कानून व्यवस्था अच्छी हो चुकी है। हर रोज ऐसी घटनाओं को देखकर मन में रोष होता है। भाजपा नेताओं को अब फर्जी प्रचार से बाहर निकलना चाहिए।”

रीवा हादसे में १० लोगों की मौत

मध्य प्रदेश के रीवा में एक सड़क हादसे में १० लोगों के मौत हो गयी है। हादसे में १६ लोग घायल भी हुए जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है। घायलों में कई लोगों की हालत गंभीर बताई गयी है जिससे मरने वालों की संख्या बढ़ने का अंदेशा है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक हादसा रीवा क्षेत्र में ट्रक और बस की टक्कर से हुआ। हादसे में घायल हुए लोगों को का निजी अस्पताल में इलाज किया जा रहा है, वहीं मृत के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। फिलहाल घटनास्थल पर बचाव कार्य जारी है।

हादसा रीवा से करीब ३० किलोमीटर की दूरी पर गुद बाइपास पर बस और ट्रक के बीच टक्कर होने से हुआ। पुलिस के अनुसार इस हादसे में अब तक १० लोगों की मौत हो चुकी है जबकि १६ लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। घायलों में कई की हालत गंभीर बताई जा रही है जिससे मरने वालों के संख्या बढ़ सकती है। घायलों को रीवा के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

‘मैं प्याज नहीं खाती’ वाले सीतारमण के ब्यान पर विपक्ष का करारा हमला

आज जबकि प्याज के कीमतें १२० से १५० रुपए प्रति किलो होने से देश भर में गुस्सा फ़ैल रहा है, मोदी सरकार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के लोक सभा में दिए ीा ब्यान कि वे तो प्याज ही नहीं खातीं, से विपक्षी दल भड़क गए हैं और उन्होंने इसे लेकर मोदी सरकार और सीतारमण पर करारा हमला बोला है।

प्याज की कीमतों को लेकर देश में मचे हाहाकार के बीच बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि वह प्याज़ नहीं खाती हैं, इसलिए उन्हें फर्क नहीं पड़ता है। वित्त मंत्री के इस बयान पर राजनीतिक घमासान मच गया है। कांग्रेस ने इसे लोगों का मजाक उड़ाने वाला ब्यान कहा है।

लोकसभा की कार्यवाही के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जब भाषण दे रही थीं, तो उन्होंने प्याज को लेकर यह टिप्पणी की थी। उस समय कांग्रेस की ओर से प्याज का मुद्दा उठाने पर निर्मला सीतारमण ने जवाब दिया था – ”मैं इतना लहुसन, प्याज नहीं खाती हूं जी। मैं ऐसे परिवार से आती हूं जहां अनियन से मतलब नहीं रखते।” सीतारमण का यह ब्यान अब एक बड़ा मुद्दा बन गया है ुर इसे लेकर उनकी आलोचना हो रही है। उनके ब्यान  पर बवाल मचने के बाद, हालांकि, निर्मला सीतारमण के दफ्तर की ओर से उनके बयान का वीडियो ट्वीट किया गया है जिसमें सरकार के उठाए गए कदमों की जानकारी दी गयी है। वीडियो के साथ लिखा गया कि इस वीडियो का एक हिस्सा वायरल किया जा रहा है जो गलत संदेश दे रहा है।

उधर पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने भी इसे लेकर सीतारमण पर निशाना साधा है और कहा है कि जो सरकार प्याज-लहुसन नहीं खाने को कहती है उसे अब जाना होगा।

चिदंबरम पहुंचे संसद, प्याज पर कांग्रेस प्रदर्शन

पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम जेल से रिहा होने के बाद गुरूवार को पहली बार संसद भवन पहुंचे। यही नहीं उन्होंने कांग्रेस के प्याज के मुद्दे पर प्रदर्शन में हिस्सा लिया। अपने पहले ही ब्यान में चिदंबरम ने मोदी सरकार पर करारा हमला करते हुए कहा है कि इस नाकाम सरकार को अब चले जाना चाहिए।

सर्वोच्च न्यायालय में जमानत अर्जी मंजूर होने के बाद चिदंबरम बुधवार शाम ही जेल से रिहा हुए हैं। बाहर आते ही उन्होंने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। चिदंबरम ने गुरूवार को कहा – ”यह सरकार लोगों को कम प्याज और लहसुन खाने की सलाह देती है। इसे अब चले जाना चाहिए। अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर ये सरकार पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है।”

इस बीच संसद के शीतकालीन सत्र के १४वें दिन सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद के दफ्तर में विपक्षी दलों की बैठक हुई। इसमें अहम मुद्दा रणनीति पर विचार किया गया।

उधर प्याज की कीमतें १२० से १५० रूपये प्रति किलो पहुंचने से देश में बढ़ रहे गुस्से को भुनाते हुए कांग्रेस ने गुरूवार को संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में पी चिदंबरम ने भी हिस्सा लिया। कांग्रेस के सदस्य टोकरी में प्याज लिए थे और सरकार के खिलाफ नारी रहे थे।

चिदंबरम करेंगे प्रेस कांफ्रेंस

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम गुरूवार दोपहर १२.३० बजे प्रेस कांफ्रेंस करेंगे। संभावना  है कि वे देश में अर्थव्यवस्था की बहुत खराब हो रही हालत पर बात करेंगे। चिदंबरम पहले से ही मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों के कटु आलोचल रहे हैं और इन्हें नाकाम और देश के खिलाफ बताते रहे हैं।