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नागरिकता संशोधन क़ानून के खिलाफ आज राष्ट्रपति से मिलेंगे विपक्षी नेता

देश भर में जबरदस्त विरोध प्रदर्शनों के बीच कांग्रेस सहित तमाम विपक्ष के नेता मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलकर नागरिकता क़ानून के प्रति अपना विरोध दर्ज करेंगे।

छात्रों और आम लोगों के साथ-साथ कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दल भी इसके खिलाफ सामने आये हैं। देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। सोमवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी दिल्ली में धरने पर बैठीं थी जिसके बाद नागरिकता क़ानून को लेकर राजनीति गरमा गयी है।

विपक्ष अब केंद्र सरकार पर हमलावर होने की तैयारी में है। विपक्ष नागरिकता संशोधन कानून को सांप्रदायिक बता चुका है। साथ ही कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दल इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

अब आज इस मुद्दे पर विपक्ष के नेता राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे।  विपक्षी दल के नेता शाम ४.३० बजे राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे। इस दौरान विपक्षी दलों के सभी प्रमुख नेता मौजूद रहेंगे।

गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर देश भर में हिंसक प्रदर्शन देखे जा रहे हैं। जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में भी हिंसक प्रदर्शन हुए हैं।

लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवाने होंगे अगले सेना प्रमुख

भारतीय सेना के अगले सेना प्रमुख लेफ्टीनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवाने होंगे।
इसी साल सितंबर में  उन्होंने वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ की जिम्मेदारी संभाली थी। इससे पहले वे सेना की ईस्टर्न कमांड के प्रमुख थे। जो भारत की चीन के साथ लगभग 4,000 किलोमीटर की सीमा की देखभाल करती है।
तब से ही उन्हें अगले आर्मी चीफ की रेस में माना जा रहा था। अब वह मौजूदा जनरल बिपिन रावत के बाद कार्यभार संभालेंगे। वर्तमान सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत 31 दिसंबर को रिटायर हो रहे हैं।
गौरतलब है कि सरकार तीनों सेनाओं की एकीकृत कमांड के तौर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति पर विचार कर रही है। इस फोर स्टार पोजिशन वाले पद का ऐलान अगले कुछ ही दिनों में हो सकता है।

आरटीआई कार्यकर्ता अखिल गोगोई पर लगाया आतंक रोधी कानून

नागरिकता संशोधन कानून का पूर्वोत्तर में तो विरोध हो ही रहा है साथ ही पश्चिम बंगाल में भी व्यापक हिंसक प्रदर्शन किए गए हैं। एक ओर जहां दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया में विरोध कर रहे निहत्थे छात्रों को पुलिसिया बर्बरता का शिकार होना पड़ा है तो दूसरी ओर पूर्वोत्तर में जाने-माने आरटीआई कार्यकर्ता अखिल गोगोई पर आंतक रोधी कानून के तहत कार्रवाई की गई है।

दरअसल, अखिल गोगोई विवादित नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ धरना दे रहे थे। असम के जोरहाट में धरने पर बैठे गोगोई पर ‘काले कानून’  के तहत कार्रवाई की गई है। उन पर हाल ही में पारित यूएपीए के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। यानी अब उन पर आतंकियों की तरह मुकदमा चलाया जाएगा।

अखिल गोगोई ने सामाजिक कार्य के साथ ही सूचना के अधिकार के तहत कई अहम खुलासे किए हैं। संभवत: उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की एक वजह ये भी हो सकती है। अखिल गोगोई कृषक मुक्ति संग्राम समिति के सलाहकार भी हैं। इससे पहले, जामिया के छात्रों के समर्थन में दिल्ली पुलिस की कैंपस में घुसकर बर्बरता बरतने का विरोध में रविवार देर रात ही सड़कों पर उतर आए।

इंडिया गेट पर प्रियंका गांधी का धरना

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी जामिया में छात्रों पर बर्बरता की घटनाओं, महिला सुरक्षा और नागरिकता संशोधन के खिलाफ छात्र आंदोलन को समर्थन देने के लिए सोमवार शाम इंडिया गेट पर धरने पर बैठी गईं। उनके साथ बड़ी संख्या में समर्थक और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी धरने पर बैठे हैं।

संभावना है कि धरने के बाद वे मीडिया से बात कर सकती हैं। जामिया यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन के दौरान कई छात्राएं घायल हो गईं थीं। छात्राओं का आरोप है कि दिल्ली पुलिस ने उनपर हमला किया, साथ ही कैंपस में आंसू गैस के गोले छोड़े गए। प्रियंका इस मुद्दे पर भी विरोध धरना कर रही हैं।

प्रियंका गांधी के साथ-साथ उनके समर्थक भी धरने पर बैठे हैं। गांधी के साथ केसी वेणुगोपाल, पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी, अहमद पटेल गुलाम नबी आज़ाद आदि भी धरने   पर बैठे हैं।

इससे पहले कांग्रेस महासचिव ने कहा है कि देश गुंडों की जागीर नहीं है। उनका दो  घंटे का धरना-प्रदर्शन ४ बजे शुरू हुआ। धरने पर बैठने से पहले जामिया मिलिया इस्लामिया घटना पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार ने संविधान और छात्रों पर हमला किया है, उन्होंने विश्वविद्यालय में प्रवेश करने के बाद छात्रों पर हमला किया है। हम संविधान के लिए लड़ेंगे, हम इस सरकार के खिलाफ लड़ेंगे।

प्रियंका गांधी ने रविवार देर रात भी ट्वीट कर कहा था कि पीएम को युवाओं की आवाज सुननी होगी।

उन्होंने ट्वीट में कहा – ”देश की यूनिवर्सिटीज में घुसकर उसके अंदर छात्रों को पीटा जा रहा है। ऐसे समय में जब सरकार को जनता की आवाज सुननी चाहिए, उस वक्त बीजेपी सरकार नॉर्थ ईस्ट, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में छात्रों और पत्रकारों पर जुल्म ढा रही है। यह सरकार डरपोक है।”

कुलदीप सेंगर दोषी करार

दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने भाजपा के विधायक रहे कुलदीप सिंह सेंगर को अपहरण और रेप मामले में दोषी करार दिया है। इस पर अदालत का आज ही फैसला आया है। अदालत उन्हें १९ दिसंबर को सजा सुनाएगी।

बहुचर्चित उन्नाव रेप मामले में आरोपी सेंगर को अदालत ने रेप की धाराओं के तहत दोषी करार दिया है। अदालत ने सबूतों के अभाव में एक और आरोपी शशी को बरी कर दिया है।

दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में सेंगर पर आरोपों का मामला चल रहा था। अब अदालत ने उन्हें दोषी करार दिया है। भाजपा के विधायक रहे सेंगर को लेकर बहुत से आरोप लगते रहे। भाजपा पर भी आरोप लगे कि वह उसे बचाने की कोशिश कर रही थी। सेंगर पर चार्ज शीट दायर करने में देरी पर भी खूब बबाल मचा था।

हालांकि, भाजपा नेता इन आरोपों को गलत बताते रहे थे। यह मामला मीडिया में आने के बाद जब तेज हो गया तो जनता के दबाव के बाद भाजपा ने सेंगर को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था।

आज़म खान के बेटे अब्दुल्ला का निर्वाचन रद्द

समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम का निर्वाचन रद्द हो गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनके हलफनामे और उसमें दर्ज आयु को गलत पाया।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने २७ सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और अब जस्टिस एसपी केसरवानी की बेंच ने फैसला सुनाया है। अब्दुल्ला उत्तर प्रदेश में स्वार विधानसभा हलके से निर्वाचित हुए थे। कोर्ट के इस फैसले से समाजवादी पार्टी नेता और सांसद आजम खान को झटका लगा है। उनके बेटे अब्दुल्ला आजम की इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी है।

गौरतलब है कि २०१७ के विधानसभा चुनाव में भाजपा की हवा के बावजूद रामपुर में आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला दोनों ही अपनी सीटें जीतने में कामयाब रहे थे। अब्दुल्ला आजम ने भाजपा प्रत्याशी लक्ष्मी सैनी को करीब ५० हजार मतों से ज्यादा हराया था, जबकि बीएसपी के नवाब काजिम अली तीसरे नंबर रहे थे।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यह निर्वाचन रद्द कर दिया है। आरोप है कि चुनाव लड़ते वक्त अब्दुल्ला आजम की उम्र पूरी नहीं थी और इसके लिए उन्होंने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया। अब्दुल्ला के खिलाफ बसपा उम्मीदवार रहे नवाब काजिम अली ने शिकायत दर्ज की थी। इस शिकायत में आरोप था कि चुनाव के वक्त अब्दुल्ला की उम्र २५ साल नहीं थी।

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जामिया मिलिया हिंसा मामला, कल सुनवाई संभव

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जामिया और अलीगढ़ हिंसा का मामला सर्वोच्च न्यायालय में पहुंच गया है। वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने इसे लेकर सर्वोच्च अदालत का दरवाजा खटखटाया है। अदालत ने इसपर सुनवाई स्वीकार करते हुए कहा है कि हिंसा रूक जाएगी, तभी हम इस मामले को सुनेंगे।

रविवार को हुई हिंसा और छात्रों पर पुलिस बर्बरता के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने सोमवार को अर्जी दाखिल की। इंदिरा जयसिंह ने प्रधान न्यायाधीश जस्टिस बोबडे की बेंच को मामले का स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि यह मानव अधिकार हनन का गंभीर मामला है।

अदालत इंदिरा जयसिंह की अर्जी पर सुनवाई को तैयार हो गयी है और इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश सीए बोबडे ने जामिया हिंसा मामले पर नाराजगी जाहिर की। चीफ जस्टिस ने कहा कि क्योंकि वे स्टूडेंट्स हैं, इसका मतलब ये नहीं कि वे कानून-व्यवस्था अपने हाथ में ले लेंगे। हिंसा रूक जाएगी, तभी हम इस मामले को सुनेंगे। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि इस पर सब कुछ शांत होने पर फैसला लेना होगा। इस समय ऐसा माहौल नहीं है, जब हम कुछ तय कर सकें, दंगे रुकने दीजिए।

उधर पुलिस ने हिरासत में लिए गए सभी ५१ छात्रों को रिहा कर दिया है। जामिया में हिंसा के बाद यूनिवर्सिटी को पांच जनवरी तक के लिए पहले ही बंद कर दिया गया है।

दिल्ली पुलिस ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हिंसा के संबंध में रविवार को दो मामले दर्ज किए थे। उधर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भी पुलिस के साथ छात्रों की झड़प हुई है , जिसमें करीब ६० लोग घायल हो गए। इसके बाद प्रशासन ने आज इंटरनेट पर रोक लगा दी है।

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में देश के और हिस्सों में भी प्रदर्शन की ख़बरें  हैं। जामिया के एक छात्र को दिल्ली में कड़ाके की ठंड में पुलिस के खिलाफ शर्ट उतार कर प्रदर्शन करते देखा गया। छात्रों का कहना है कि उनके साथ लाइब्रेरी के अंदर घुसकर मारपीट की गई।

जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में हिंसा के बाद पांच जनवरी तक छुट्टी

जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में रविवार हुई हिंसा के बाद पांच जनवरी तक छुट्टी घोषित कर दी गई है। जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों का कहना है कि वो किसी  प्रदर्शन में शामिल नहीं थे। छात्रों ने आरोप लगाया है कि पुलिस लाइब्रेरी के अंदर घुस गई और छात्रों की पिटाई की।
छात्रों के अनुसार उन्हें लाइन में लगाकर हाथ ऊपर उठाकर वहां से लाया गया। पीएचक्यू के सामने छात्रों का धरना अब ख़त्म हो गया है। छात्र सोमवार को घरों को जाते देखे गए हैं। इस हिंसा में छात्र और पुलिस के लोग दोनों घायल हुए हैं। प्रदर्शन की शुरुआत नागरिकता क़ानून के विरोध से हुई है।
सोमवार सुबह वहां हालत सामान्य दिखे हैं। वहां बड़ी संख्या में पुलिस तैनात की गयी है। विश्वविद्यालय में पांच जनवरी तक छुट्टी कर दी गई है। रविवार की घटना के बाद देश के कुछ अन्य जगह छात्रों ने प्रदर्शन करके इन छात्रों का समर्थन किया है।
दिल्ली सरकार ने साउथ ईस्ट जिले के सभी सरकारी और निजी  स्कूल बंद रखने की घोषणा की है। वहीं दिल्ली मेट्रो ने जिन १५ स्टेशनों पर कल आवाजाही के लिए रोक लगाई थी, उन्हें आज खोल दिया गया है। पुलिस ने दंगा फैलाने के आरोप में हिरासत में लिए गए ५० छात्रों की रिहाई के लिए पीएचक्यू पर देर रात डीयू और जेएनयू के छात्रों का प्रदर्शन जारी रहा। हालांकि करीब साढ़े तीन बजे रिहाई के बाद आखिरकार प्रदर्शन खत्म हो गया। छात्र घर और होस्टल वापस लौट गए।
सोमवार को इलाके में हालात सामान्य दिख रहे हैं। जामिया की तरफ जाने वाली सड़कों को अब आम यातायात के लिया खोला गया। जामिया में दिन के समय हुए हुड़दंग के बाद जामिया की तरफ जाने वाली सड़क जहापर पथराव हुआ जिसे आम यातायात के लिए बंद किया गया था। भारी सुरक्षा बल के बीच अब जामिया की तरफ जाने वाली सड़क को आम यातायात के खोल दिया गया है।
इससे पहले रविवार को दिल्ली के जामिया मिलि्लया इस्लामिया विश्वविद्यालय में हुई हिंसा के बाद बढ़े तनाव के बीच अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भी देर शाम बड़ी संख्या में छात्रों ने जबरदस्त हंगामा और पथराव किया। हालात के मद्देनजर विश्वविद्यालय को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी छात्र विश्वविद्यालय के बाब-ए-सर सय्यद गेट पर एकत्र हुए और जगह-जगह लगाई गई बैरिकेडिंग तोड़ डाली और पथराव किया। पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस का भी इस्तेमाल किया।
तनाव को देखते हुए साउथ ईस्ट जिले के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया है। ये स्कूल आज बंद रहेंगे। आज जिन इलाकों के स्कूल बंद रहेंगे उसमें जमिया, ओखला, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी और मदनपुर खादर के स्कूल शामिल हैं।
जामिया यूनिवर्सिटी में हंगामे की तपिश अलीगढ़ तक महसूस की गई। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के बाहर छात्रों ने प्रदर्शन किया। विरोध के दौरान छात्रों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की तो वहीं पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े। अलीगढ़ में आज रात १० बजे तक इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई हैै। हालात पर काबू पाने के लिए आगरा जोन के एडीजी अजय आनंद एएमयू कैंपस पहुंच गए हैं। एएमयू प्रशासन ने पांच जनवरी तक यूनिवर्सिटी बंद रखने का फैसला किया है। पटना में भी नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन हुआ।

मोदी, राहुल, शाह की सरदार पटेल को श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित कई नेताओं ने लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की है।

पीएम मोदी ने रविवार को सरदार वल्लभ भाई पटेल की ६९वीं पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मोदी ने ट्वीट में कहा – ”महान सरदार पटेल की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि। अपने देश के प्रति उनकी असाधारण सेवा से हम हमेशा से प्रेरित हैं।”

उधर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी सरदार पटेल की तस्वीर लगाकर ट्वीट किया – ”सरदार पटेल को याद कर रहा हूं। एक नेता जिसने जाति और धर्म की संकीर्ण दीवारों के पार जाकर अपने अथक प्रयासों के साथ एकजुट भारत के निर्माण के लिए काम किया।”

देश के पहले गृह मंत्री पटेल का १५ दिसंबर, १९५० को निधन हुआ था। ”लौह पुरुष” के नाम से प्रसिद्ध पटेल का कई रियासतों का भारत में विलय कराने में योगदान था। पटेल को उनकी सेवाओं के लिए १९९१ में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न  से मरणोपरांत सम्मानित किया गया था।

भाजपा अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी श्रद्धांजलि में ट्वीट किया – ”सरदार पटेल के आदर्शों और लौह नेतृत्व से प्रेरित मोदी जी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने पिछले पांच वर्षों में देश से भ्रष्टाचार, जातिवाद और तुष्टिकरण को समाप्त कर एक सुरक्षित और सशक्त भारत बनाया है। आज सरदार पटेल जी की पुण्यतिथि पर माँ भारती के ऐसे महान सपूत को कोटि-कोटि वंदन।”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने याद करते हुए कहा कि हम आपके सिद्धांतों का अनुपालन करते हुए आपके सपनों का भारत बनाने को अहर्निश प्रयत्नशील हैं। सीएम योगी ने कहा कि एनआरसी पर पूरा देश एकजुट हो, यही लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
लखनऊ के जीपीओ पार्क स्थित सरदार पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद सभा में योगी ने कहा – ”सरदार पटेल ने अपने पुरुषार्थ के बल पर अंग्रेजों की कुटिलता को नहीं चलने दिया, जो भारत विरोधी तत्व देश को बांटने की कुत्सित मानसिकता रखते थे। उनके मंसूबों को ध्वस्त करते हुए उन्होंने एक भारत, श्रेष्ठ भारत का निर्माण किया।”

पटेल को राहुल ने ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी –

Rahul Gandhi ✔
@RahulGandhi Remembering Sardar Patel-a leader who worked tirelessly for an India united in common purpose,transcending narrow divisions of caste&creed.

अनशन पर बैठीं स्वाती मालीवाल की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती

तबीयत बिगड़ने के बाद १३ दिन से अनशन पर बैठीं दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल को अस्पताल में भर्ती किया गया है। रेप मामलों में जल्द फांसी की सजा देने की मांग कर रहीं मालीवाल का बजन घट गया है और उन्हें बेहद कमजोरी महसूस हो रही है।
जानकारी के मुताबिक रविवार सुबह अचानक मालीवाल की तबीयत बिगड़ गई। पिछले १३ दिन से अनशन पर बैठीं मालीवाल का वजन घट गया है और कमजोरी के कारण वे बात करने में भी असमर्थ हैं।
अस्पताल के चिकित्सकों के मुताबिक मालीवाल का यूरिक एसिड बढ़ गया था और वाइटल पैरामीटर फ्लक्चुएट कर रहा था। इस कारण उन्हें एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया। आज सुबह वह बेहोश हो गईं जिसके बाद उन्हें अस्पताव में भर्ती कराने का फैसला किया गया। उनका बजन करीब ७ किलो घट गया है।
सुबह जब मालीवाल बेहोश हुईं तो से पहले रात में डाक्टरों ने उनका चेकअप किया । चेकअप के बाद डाक्टरों ने सुझाव दिया कि मालीवाल को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत है लेकिन मालीवाल ने इससे इंकार कर दिया। रविवार सुबह मालीवाल बेहोश हो गईं जिसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया।