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ओडिशा में बिजली की तारों की चपेट में आई बस में लगी आग, १० की मौत

ओडिशा में बिजली की तारों की चपेट में आने से रविवार शाम एक बस में आग लग गयी जिससे १० लोगों की मौत हो गयी है। कुछ लोग घायल हुए हैं जिनका इलाज किया जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक हादसे का शिकार बस में बाराती सवार थे। घटना गंजम जिले के ब्रह्मपुर की है जहाँ बस  से जा टकराई। बिजली की तारों से टकराने के बाद बस में आग लग गयी जिसमें १० लोग जलकर जान गंवा बैठे। बहुत से लोग इस हादसे में घायल हुए हैं।

जानकारी के मुताबिक घायलों की संख्या ३५ से ज्यादा है।

घटनास्थल पर दर्जन से ज्यादा एम्बुलेंस और दमकल गाड़ियां भेजी गयी हैं। राहत और बचाव कार्य जारी है। घायलों को एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक गंजम जिले के तहत ब्रम्हपुर में यह बस बिजली की तार की  चपेट में आ गई। छह लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी जबकि कुछ बहुत गंभीर लोगों ने अस्पताल जाकर दम तोड़ा। घटना में घायल सवारियों को रेस्क्यू कर नजदीक के एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है और उनका इलाज चल रहा है।

थाईलैंड में सैनिक ने अंधाधुंध फायरिंग कर कमांडर सहित १९ नागरिकों की जान ली

थाईलैंड के नाखोन रत्चासिमा शहर में शनिवार देर शाम एक थाई सैनिक ने एक शॉपिंग मॉल में अंधाधुंध फायरिंग कर अपने कमांडिंग अधिकारी सहित २० नागरिकों की हत्या कर दी। बाद में सैनिकों ने इस सैनिक को भी मार गिराया। इस सैनिक ने घटना से पहले फेसबुक पर लाइव चलाकर किसी बड़ी घटना का संकेत दिया।

इस घटना में कई लोग घायल हुए हैं। थाईलैंड के रक्षा मंत्रालय ने एक ब्यान में बताया कि एक कनिष्ठ अधिकारी जाकराफंथ थोम्मा ने सेना के शिविर से हथियार चुराकर अपने कमांडिंग अफसर की हत्या कर दी। थोम्मा इसके बाद एक शॉपिंग सेंटर में पहुँच गया और उसने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी जिसमें १९ नागरिकों की मौत हो गयी। बाद में इस सैनिक को भी सुरक्षा बलों ने मार गिराया।

गोलीबारी करने वाले सैनिक की उम्र करीब ३२ साल थी। उसने शॉपिंग सेंटर में लगातार गोलीबारी करके १९ लोगों की जान ले ली। वारदात को अंजाम देते वक्त आरोपी अपने फेसबुक अकाउंट पर लाइव था। घटना करने को लेकर उसने कई पोस्ट भी लिखीं लेकिन किसी ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया।

प्रियंका गांधी महीने में दूसरी बार आज वाराणसी जाएंगी, संत रविदास जयंती समारोह में शामिल होने का कार्यक्रम

एक महीने में दूसरी बार कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी आ रही हैं। प्रियंका सीरगोवर्धन स्थित रविदास मंदिर जाएंगी और वहां संत रविदास के दर्शन कर जयंती समारोह में शामिल होंगी।

गौरतलब है कि कांग्रेस महसचिव बनने के बाद प्रियंका गांधी को यूपी का जिम्मा दिया गया था और वे इसके बाद यह पांचवां मौक़ा होगा जब वो वाराणसी आएंगी। मई, २०१९ के लोकसभा चुनाव से पहले इस चर्चा ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी थी कि प्रियंका गांधी पीएम मोदी के खिलाफ लोकसभा चुनाव में वाराणसी से मैदान में उतर सकती हैं। हालांकि, बाद में खुद प्रियंका ने कहा था कि वो लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रहीं।

प्रियंका गांधी के बार-बार वाराणसी आने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जहां कोतुहल और उत्साह है, वहीं राजनीति के जानकार पर भी इसपर दिलचस्पी दिखा रहे हैं। आज प्रियंका संत रविदास के दर्शन के बाद कार्यकर्ताओं से संक्षिप्त मुलाकात कर सकती हैं। उनके दौरे का मुख्य मकसद संत रविदास की जयंती पर आयोजित समारोह में हिस्सा लेना है।

इससे पहले वे ठीक एक महीना पहले १० जनवरी को रविदास मंदिर में पूजा करने पहुंचीं थीं। उस दिन प्रियंका राजघाट स्थित संत रविदास मंदिर में दर्शन करने पहुंची थीं। वहां से नाव से वो पंचगंगा घाट स्थित श्रीमठ गई थीं। वे सीएए का विरोध करने के दौरान १९ दिसंबर को जेल गए आंदोलनकारियों से भी मिलीं थीं और जेल से बाहर आए लोगों, बीएचयू छात्रों और सामाजिक कार्यकर्ताओं से श्रीमठ में ही संवाद किया था। वो श्री काशी विश्वनाथ मंदिर दर्शन को भी गईं थीं।

पिछले साल फरवरी में पार्टी महासचिव बनने के बाद वे २० मार्च को पहली बार वाराणसी आई और इसके बाद १६ मई और फिर १९ जुलाई को भी आईं। कार्यक्रम के मुताबिक प्रियंका गांधी दोपहर करीब १२ बजे लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट पर उतरने के बाद सीधे सीरगोवर्धन स्थित रविदास मंदिर जाएंगी और वहां  संत रविदास के दर्शन कर उनके जयंती समारोह में हिस्सा लेंगी।

खुद प्रियंका ने एक ट्वीट में कहा है – ”संत शिरोमणि गुरु रविदास ने सामाजिक बराबरी, बंधुत्व, भाईचारे और श्रम की महत्ता का संदेश दिया। भारत में बहुत पुरानी परंपरा रही है, जो मनुष्य को मनुष्य की कोटि से देखती है, धर्म और जाति के चश्मे से नहीं, गुरु रविदास इस परंपरा के वाहक रहे हैं। आज हम सबके लिए गुरुदेव रविदास की वाणी और विचार अनुकरणीय है ताकि हम एक बेहतर समतामूलक समाज बना सकें।”

बिना शादी किए बॉलीवुड अभिनेत्री कल्कि ने दिया बच्चे को जन्म

बॉलीवुड अभिनेत्री कल्कि केकला अपने पहले बच्चे की मां बनी है। उसने बॉयफ्रेंड गाय हर्शबर्ग की एक बेटी को जन्म दिया है। वो लंबे समय से हर्शबर्ग के साथ लिव इन में रह रही हैं।
कल्कि ने सोशल मीडिया इंस्टाग्राम पर अपनी प्रेगनेंसी की घोषणा कर फैन्स को चौंका दिया था। अब उन्होंने अपने बच्चे को जन्म दिया है।
प्रेगनेंसी के दौरान कल्कि ने बेबी बंप की कई तस्वीरें शेयर की थीं। केल्कि केकला के बेटी को जन्म देने की खुशखबरी विरल भयानी ने सोशल मीडिया पर दी है। उन्होंने इंस्टाग्राम पर कैप्शन के साथ तस्वीरों का कोलाज शेयर करते हुए लिखा- ‘बधाई कल्कि, उसने बीती रात एक बच्ची को जन्म दिया है।’
करीना कपूर खान के चैट शो में व्हाट्स विमेन वॉन्ट में कल्कि ने अपने माता-पिता की बिना शादी किये मां बनने पर प्रतिक्रिया दी थी। कहा था, ‘शुक्र है कि मेरे माता-पिता रूढ़िवादी नहीं हैं।
कल्कि फिल्म गली बॉय में भी नजर आई थींl इस फिल्म में उनके अलावा रणवीर सिंह और आलिया भट्ट की अहम भूमिका थी।
बता दें कि कल्कि की पहली शादी मशहूर फिल्मी हस्ती अनुराग कश्यप के साथ हुई थी। दुर्भाग्य से वो ज़्यादा दिन नहीं चल सकी थी और दोनों के बीच तलाक़ हो गया था।

नतीजे वाले दिन ईवीएम को मत कोसना, हम ४५ से ज्यादा सीट जीत रहे : तिवारी

मतदान बाद के सर्वे में टीवी चैनल भले आप की सरकार की वापसी की पक्की संभावना जता रहे हों, दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी इन सर्वे को पूरी तरह खारिज करते हुए शाम को दावा किया कि नतीजे वाले दिन साफ़ हो जाएगा कि भाजपा ४८ सीट जीतेगी। इसके साथ ही तिवारी ने यह भी कहा कि ”उस दिन ईवीएम को गाली न देना। यह सर्वे फेल हो जायेंगे और भाजपा ४८ सीटें जीतेगी।” इस बीच खबर है कि गृह मंत्री अमित  शाह ने भाजपा नेताओं की दिल्ली के चुनाव के मद्देनजर आज रात बैठक बुलाई है।

कमोवेश सभी टीवी सर्वों में  सरकार दुबारा बनते हुए दिखाई गयी है और उसे ४५ से लेकर ६० तक सीटें दी जा रही हैं। भाजपा का आंकड़ा कमोवेश हर सर्वे में २० से काम दिखाया गया है। लेकिन भाजपा के कई नेताओं ने इन सर्वे के बाद दावा किया है कि ”यह चुनाव भाजपा ही जीत रही है और उसे ४५ से ज्यादा सीटें मिलेंगी”।

सबसे दिलचस्प ब्यान दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी की तरफ से आया है जिन्होंने अभी से ”सफाई” दे दी है।  उन्होंने कहा – ”उन लोगों को अभी कह देता हूँ कि नतीजे वाले दिन ईवीएम को मत कोसना। यह चुनाव हम ही जीत रहे हैं।  ईवीएम को गाली देने वाले अभी सुन लें कि जनता भाजपा को जिताने जा रही है।” भाजपा के जीतने का भरोसा पार्टी सांसद प्रवेश वर्मा ने भी जताया है।

उधर सर्वे के मुताबिक एबीपी-सी वोटर ने आप को ४९-६३, भाजपा को ५-१९ और कांग्रेस को ०-४ सीटें, रिपब्लिक-जन की बात ने रामशा ४८-६१, ९-२१, ०-१, इण्डिया न्यूज़-नेता ने क्रमशा ५३-५७, ११-=१७, ०-२, टाइम्स नाउ-आईपीएसओएस ने ४४, २६, ०, टीवी ९-सिसरो ने ५४, १५, १, न्यूज़ एक्स-पोल्स्टर ने ५०-५६, १०-१४, ० दिए हैं। पोल आफ पोल में यह आंकड़ा क्रमशा आप को ५३, भाजपा को १५ और कांग्रेस को ०२ सीटें दी गयी हैं।

भाजपा नेताओं के अचानक दावे शुरू करने और तीन बजे के बाद मतदान में अचानक आई ”तेजी” से अब कई कयास लगने शुरू हो गए हैं। विपक्ष के नेताओं को भी इससे ”आशंका” होने लगी है।

पंजाब के तरनतारन में धमाके में १५ के मरने की आशंका

पंजाब के तरनतारन में एक धमाके में कमसे कम १५ लोगों की मौत हो जाने की आशंका है। यह धमाका एक वाहन में हुआ है जिसमें श्रद्धालु बैठे थे। अभी सरकारी स्तर पर मरने वालों की संख्या की पुष्टि नहीं की गयी है।
जानकारी के मुताबिक तरनतारन में बााबा दीप सिंह के जन्म दिवस को समर्पित नगर कीर्तन के दौरान यह धमाका हुआ है। धमाका इतना जबरदस्त था कि कुछ लोगों की  मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कई गंभीर रूप से घायल हो गए। नगर कीर्तन में धमाके के कारण अफरा-तफरी मच गई।
धमाका कैसे हुआ अभी इसकी पूरी जानकारी नहीं मिल सकी है लेकिन बताया जा रहा है पटाखों से भरी ट्राली में धमाका हुआ है। पुलिस बल के साथ-साथ आलाधिकारी भी मौके पर पहुंच चुके हैं।
आशंका जताई जा रही है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। घटनास्थल पर अफरा-तफरी का माहौल है। घटनास्थल को पुलिस ने चारों ओर से घेर लिया है। पुलिस का कहना है कि जांच के बाद ही घटना के बारे में कोई जानकारी दी जा सकती है। अभी तक की जानकारी के मुताबिक नगर कीर्तन में आतिशबाजी के दौरान ट्रैक्टर पर रखी विस्फोटक सामग्री में आग लगने से यह धमाका हुआ। अभी घटना की जांच की जा रही है। इसके बाद ही पक्के तौर पर कुछ कहा जा सकता है। कई घायलों की स्थिति अभी गंभीर बनी है। आशंका जताई जा रही है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।

कानून की देवी की आंखों पर पट्टी बंधी, पर जज अंधा नहीं

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के बिश्नाह क्षेत्र में दो साल पहले हत्या मामले की जांच पर अदालत ने पुलिस को फटकार लगाई है। जांच करने वाले अधिकारी के खिलाफ एसएसपी जम्मू को कार्रवाई करने का आदेश दिया। अदालत ने पुलिस को मामले की जांच दोबारा करने को कहा है। इसके लिए एक महीने का वक्त दिया है।
अतिरिक्त जिला जज ताहिर खुर्शीद ने ने पुलिस की जांच में सात खामियों को उजागर करते हुए इस मामले की जांच को फिर से करने का आदेश दिया। न्यायाधीश ने जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि मृतक के सिर और शरीर पर चोटों के निशान थे, जिसका पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी चला, इसके बावजूद पुलिस ने तभी एफआईआर क्यों नहीं दर्ज की।
पुलिस ने मामले में एफएसएल की रिपोर्ट का इंतजार एक साल तक क्यों किया, जबकि मौत का कारण स्पष्ट। जिन लोगों ने तीनों को वैन में शव ले जाते देखा, उनके बयान भी कानून के तहत नहीं दर्ज नहीं किए गए। पुलिस ने मामले की सीडीआर क्यों चार्जशीट में शामिल नहीं की, जबकि यह एक अहम सबूत है। उस वैन के दस्तावेज भी नहीं जब्त किए जिनसे शव ले गए।
पुलिस ने मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। लसवाड़ा के रहने वाले विनोद कुमार का शव बिश्नाह की नहर में मिला था। पुलिस ने इस केस में सुखविंदर कुमार, अरुण खजूरिया और बिन्नी कुमार को गिरफ्तार किया था। पुलिस जांच में बताया कि मृतक विनोद और वह हेरोइन की कारोबार करते थे। एक दिन दोनों में बहस हुई और उसने विनोद को मार दिया।
जज ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि जांच करने वाले अफसरों के जेहन में यह बात रहनी चाहिए कि न्यायपालिका में कानून की देवी की आंखों पर पट्टी बंधी होती है, लेकिन जज अंधा नहीं है। अभियोजन के लिए पेश किए गए सबूत कितने सही हैं या नहीं यह दिख जाता है। जांच में लापरवाही या ढिलाई से ही अपराधियों के हौसले बुलंद होते हैं।

दिल्ली में कम वोटिंग से कयासों का दौर

दिल्ली में मतदान ख़त्म हो गया। नतीजे ११ को निकलेंगे, लेकिन अपेक्षाकृत कम करीब ५८ फीसदी मतदान (अंतिम आंकड़ा कुछ ज्यादा हो सकता है) ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। पिछले पांच चुनावों का मतदान प्रतिशत देखें तो यह हमेशा बढ़ता रहा, लेकिन अब अचानक नीचे आ गया है। इससे पहले १९९८ में सिर्फ ४८.९९ फीसदी वोट पड़े थे, जबकि पिछले चुनाव में २०१५ में ६७.१३ फीसदी मतदान हुआ था।
यदि चुनाव प्रचार का रुझान देखें तो भाजपा ने माहौल के ध्रुवीकरण की काफी कोशिश की थी। शाहीनबाग, जामिया से लेकर धारा ३७० और नागरिकता क़ानून को उसने चुनाव प्रचार के केंद्र में रखकर पाकिस्तान तक को चुनाव में घसीटा। इसका कितना असर हुआ, यह नतीजों से ही पता चलेगा।
लेकिन अपेक्षाकृत कम मतदान संकेत है कि संभवता चुनाव में ध्रुवीकरण की भाजपा की तुरुप चली नहीं है। भाजपा का वोटर अग्रेसिव माना जाता और वो मतदान में दिखा नहीं।  चेहरा भी सामने नहीं किया, जिसका नुक्सान उसे हो सकता है।
पुराने चुनावों की बात करें तो १९९३ में ६१.७५ प्रतिशत मतदान हुआ और भाजपा सत्ता में आई। उसके बाद आज तक भाजपा दिल्ली की सत्ता हासिल करने के लिए इंतजार कर रही है। उसके बाद शीला दीक्षित दिल्ली की राजनीति के फलक पर आईं और छा गईं।
कांग्रेस सत्ता में क्या आई मानों भाजपा का रास्ता ही बंद हो गया। हालांकि १९९८ में जब कांग्रेस सत्ता में आई तो यह १९९३ से २०१५ के बीच के छह चुनावों का सबसे कम मतदान हुआ था। तब महज ४८.९९ फीसदी वोट पड़े थे और कांग्रेस सत्ता में आई थी। इसी दौर में दिल्ली को बदलने का काम शुरू हुआ और मेट्रो लोगों को मिली।
इसके बाद २००३ के विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ा और ५३.४२ फीसदी वोट पड़े। सत्ता में फिर कांग्रेस आई और शीला दीक्षित मुख्यमंत्री बनीं। इस दौर को भी दिल्ली के विकास की दृष्टि से उत्तम कहा जाता है। हालांकि, इस दौरान भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे।
जब २००८ का विधानसभा हुआ तो केंद्र में यूपीए की सरकार थी जो मनरेगा, आरटीआई जैसी चीजें लाकर चर्चा में थी। इसका लाभ भी कांग्रेस को मिला और शीला दीक्षित की विकास वाली मुख्यमंत्री की छवि भी उसके काम आई। कुल ५७.५८ फीसदी वोट उस चुनाव में पड़े और कांग्रेस ने सत्ता संभाली।
लेकिन दो-तीन साल बीतने के बाद यूपीए सरकार के कुछ मंत्रियों के घोटालों में फंसने  और दिल्ली में शीला सरकार पर भी भ्र्ष्टाचार के आरोप लगने से कांग्रेस के सामने दिक्क्तें आनी शुरू हो गईं। यह वह दौर था जब अण्णा हज़ारे का आंदोलन उत्कर्ष पर पहुंचा और देश का महल ही बदल गया।
लोकसभा चुनाव से एक साल पहले २०१३ में दिल्ली विधानसभा का चुनाव हुआ और कांग्रेस की सत्ता से विदाई हो गयी। भ्र्ष्टाचार इस चुनाव का बड़ा मुद्दा बना और कांग्रेस ही नहीं भाजपा को भी पछाड़कर अण्णा आंदोलन से उपजे और आयकर विभाग के अधिकारी की नौकरी छोड़कर राजनीति में आये अरविन्द केजरीवाल का उदय हुआ जिन्होंने चुनाव से कुछ ही पहले आम आदमी पार्टी (आप) बनाई थी।
इस चुनाव में अच्छे ६५.६३ फीसदी वोट पड़े और आप सबसे बड़े दल के रूप में उभरी और उसने कांग्रेस की मदद से सरकार बनाई। वैसे आप ने पूरे चुनाव में कांग्रेस सरकार के कथित भ्रष्टाचार पर ही निशाना साधा था। लेकिन २०१४ के दिसंबर में कांग्रेस के समर्थन वापस लेने से दोबारा चुनाव की नौबत आ गयी और केजरीवाल सरकार को इस्तीफा देना पड़ा।
इसके बाद २०१५ में चुनाव हुए। केजरीवाल ने जनता से अपने लिए और विकास के लिए वोटर मांगे। इस बार फिर बम्पर वोटिंग हुई। कुल ६७.१३ फीसदी रेकॉर्ड वोट पड़े। केजरीवाल की पार्टी ७० में से ६७ सीटें जीत गयी जो किसी ने नहीं सोचा था। यहाँ तक कि खुद केजरीवाल ने नहीं।
अब २०२० में मतदान प्रतिशत फिर नीचे आ गया है। करीब ५५ फीसदी मतदान हुआ है जो अंतिम आंकड़ा सामने तक एकाध-दो प्रतिशत ऊपर हो सकता है। इसमें सबसे ज्यादा मतदान उन इलाकों में हुआ है जो नागरिकता आंदोलन के ज्यादा प्रभाव में रहे। नई दिल्ली जैसे जगह में कम मतदान हुआ जिससे संकेत मिलता है कि उन इलाकों में भाजपा के प्रचार का ज्यादा असर नहीं हुआ।
अब मतदान प्रतिशत को लेकर सभी राजनीतिक दलों के नेता अपना-अपना गुना-भाग करने के लिए जुटेंगे। सबके अपने-अपने दावे होंगे लेकिन काम मतदान संकेत यही दे रहा है कि सरकार के खिलाफ ऐंटी इंकम्बैंसी शायद नहीं थी और भाजपा ने जिस तरह चुनाव प्रचार को चलाया उसका ज्यादा असर नहीं हुआ है। कुछ जगह जिस तरह भाजपा के टिकट बदले गए, चर्चा है, कि वहां कार्यकर्ता नाराज थे और वे खुलकर मैदान में नहीं उतरे।
कांग्रेस इस चुनाव में खामोशी धारण किये रही और बहुत से जानकारों का कहना था कि उसे भय था कि यदि वह खुलकर मैदान में उत्तरी तो इससे वोट का जो बटबारा होगा उससे भाजपा को लाभ मिलेगा। कांग्रेस का मकसद इस चुनाव में अपने जीतने से ज्यादा भाजपा को हारने पर फोकस रहा। हालांकि, अभी भी यह नहीं कहा जा सकता है कि कांग्रेस शून्य पर ही रहेगी। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस भाजपा के बाद दूसरे नंबर पर रही थी।

मोहाली में ईमारत गिरी, १५ लोग मलबे में दबे

पंजाब के मोहाली में एक तीन मंजिला ईमारत ढहने से करीब १५ लोग उसके मलबे में दब गए  हैं। उनके जिन्दा होने को लेकर अभी कोइ जानकारी नहीं है, हालांकि उन्हें बचाने के लिए आपरेशन शुरू किया गया है।
यह घटना करीब १२ बजे की है। पता चला है ईमारत के बेसमेंट में काम चल रहा था और उसमें जेसीबी से खुदाई की जा रही थी। इसी दौरान यह हादसा हुआ है। इसमें करीब १५ लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है।
पता चला है कि जेसीबी के चालक ने मोबाइल फोन से अपने भीतर फंसे होने की जानकारी बाहर किसी को दी। सके मुताबिक उसपर मलबा तो नहीं गिरा है लेकिन भीतर गैस के कारण उसे सांस लेने में दिक्कत आ रही है।
बड़े अधिकारी घटनास्थल पर पहुँच गए हैओं और राहत कार्य शुरू किया गया है। एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुँच गयी है।

दिल्ली में २ बजे तक २७.९ फीसदी मतदान

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार सुबह ८ बजे मतदान शुरू हो गया। दोपहर दो बजे तक मतदान शांतिपूर्ण चल रहा है। मतदान केंद्रों पर लोग वोट डालने पहुँच रहे हैं। हालांकि अभी तक मतदान की रफ़्तार धीमी दिखी है। यह रिपोर्ट लिखे जाने (२ बजे) एक २७.९ फीसदी मतदान हुआ है।

एक जगह कांग्रेस नेता अलका लाम्बा ने आप के एक कार्यकर्ता को थप्पड़ मार दिया। लाम्बा का आरोप है कि इस वयक्ति ने उनसे अभद्रता की।कुलमिलाकर चुनाव मतदान शांतिपूर्ण रहा है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, सीएम केजरीवाल, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी मनोज तिवारी, मेनका गांधी, मीनाक्षी लेखी, मनीष सिसोदिया सहित कई दिग्गजों ने अभी तक अपने मताधिकार का उपयोग किया है।

इस चुनाव में केजरीवाल के नेतृत्व में आप अपनी सरकार के कामकाज के नाम पर वोट मांग रही है जबकि विपक्षी भाजपा और कांग्रेस भी मैदान में डटे हैं। भाजपा ने चुनाव को अलग रंग देने की कोशिश की हालांकि, नतीजों से पता चलेगा, इसका कितना असर हुआ।

कुल ७० सीटों में से पिछली बार आप ने ६७ सीटें जीतकर भाजपा और कांग्रेस को समेत दिया था।

मतदान के लिए कड़ी सुरक्षा की गयी है। शाहीन बाग़ इलाके में मतदातों की लंबी  कतार दिखी है। कमोवेश सभी नेताओं ने मतदाताओं से जनता से अपने मताधिकार के इस्तेमाल की अपील की है। अभी तक (१२ बजे) तक १८ फीसदी मतदान हुआ है।