दिल्ली विधानसभा चुनाव में अगर भाजपा ने शाहीन बाग के साथ रास्ते धुव्रीकरण की राजनीति को बल ना दिया होता था। तो निश्चित तौर पर भाजपा को करारी हार का सामना करना पडता । चुनावी सभाओं में जिस तरीके से भाजपा के शीर्ष नेत्त्व से लेकर भाजपा शासित राज्यों के मुक्यमंत्री , केन्द्रीय मंत्रियों और दर्जनों सांसदों ने घर- घर जाकर वोट मांगे। केन्द्रीय ग्हमंत्री अमित शाह ने तो दिल्ली की ज्यादात्तर विधानसभा में जाकर भाजपा प्रत्याशी के प्रचार में पर्चे बांटे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दो चुनावी सभायें भी की । चुनाव मेंं भाजपा के पक्ष में हवा को ना देखते हुये मतदान के एक सप्ताह पहले ही काफी युद्व स्तर पर मेहनत की थी ।बतातें चलें चुनाव में प्रबंधन की कमी और जिन प्रत्याशियों को टिकट दिया गया था उससे पार्टी कार्यकर्ताओं में काफी नाराजगी थी जो पार्टी आलाकमान को मालूम था । ऐसे में भाजपा प्रत्याशियों ने भाडे पर लोगों को बुलाकर पार्टी की टोपरी पहनाकर चुनावी सभायें तो कर ली थी पर चुनाव परिणाम कैसे आने है ये प्रत्याशियों को भली भॉति मालूम था।
शाहीन बाग तक सिमट गया भाजपा का प्रचार, मिली हार
कांग्रेस का चुनाव में दम -खम से न लडना भाजपा का हार का कारण बना
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप पार्टी को जिताने के लिये आप पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ- साथ जिस तरीके से पर्दे के पीछे कांग्रेस के युवा कार्यकर्ता काम कर रहे थे ।उससे ये बात तो चुनाव के पूर्व सामने आने लगी थी। कि कांग्रेस के ज्यादात्तर कार्यकर्ताओं को ये मैसेज था, कि कांग्रेस तो चुनाव मैदान से बाहर है। ऐसे में भाजपा को सत्ता को दूर करने के लिये क्यों ना आप पार्टी को जिताया जायें। चुनाव के दौरान कांग्रेस के सक्रिय नेताओं का कहना था ,कि कांग्रेस अगर चुनाव मैदान में दम खम से चुनाव लडेगी तो निश्चित तौर पर कांग्रेस सत्ता में तो आएगी नही बल्कि आप पार्टी को सत्ता से दूर कर देगी। ऐसे में क्यों ना भाजपा को सत्ता को दूर करने के लिये प्रयास किया जाये। जहां ही कांग्रेस पार्टी पूरे दम खम के साथ चुनाव लडी वहां निश्चित तौर पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ अशोक वालिया , बल्ली मारान से हारून युसुफ , और राजौरी गार्डन और गांधी नगर अरविन्द सिंह लवली सहित अन्य सीटों पर कांग्रेस पार्टी के नेता अपने दम खम पर चुनाव लडी ।वहां पर भाजपा ने अच्छी खासी बढत ही हासिल नहीं की बल्कि जीत दर्ज की है। कांग्रेस के युवा नेता अर्जुन और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने तहलका संवाददाता को बताया कि जिस तरीेके से चुनाव के दौरान कांग्रेस आला कामान ने दो -चार रैलियां कर अपनी औपचारिेकता भर दर्ज की है। जिससे मतदाता ये समझ चुका था। कि कांग्रेस चुनाव लड नही रही है। ऐसे में कांग्रेस का सक्रिय मतदाता उदास ही नहीं दिखा बल्कि चुनाव मतदान से दूर रहा है। कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि जिस तरीके से कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनाव लडा है उससे तो अब स्पष्ट हो गया है कि अगले दो साल बाद दिल्ली नगर निगम के चुनाव में कांगे्रस पार्टी को हार का सामना करना पड सकता है। कांग्रेस पार्टी के कई वरिष्ठ नेता इस बार के चुनाव से काफी हताश है । आने वाले दिनों कांग्रेस कई वरिष्ठ नेता कांग्रेस पार्टी को अलविदा कर सकते है।सर्वविदित है कि कांग्रेस का मतदाता ही आप पार्टी में तब्दील हुआ था । क्योंकि आंदोलन से निकली आप पार्टी अब पूरी तरह से राजनीतिक पार्टी बन गई है। ऐसे में आप पार्टी के नेताओं ने कांगे्रस तक ये मैसेज पहुंचाने में सफल रहे है कि आप पार्टी को कांग्रेस पार्टी अघोषित रूप से अगर सहयोग करती है तो निश्चित तौर पर भाजपा को सत्ता से दूर किया जा सकता है।
आप पार्टी के नेता मनीष सिसौदिया चुनाव के पूर्व और चुनाव के दौरान जिस तरीके से भाजपा पर हमला बोल रही थी और कांग्रेस को लेकर पूरी तरह से बेफ्रिक दिख रही थी कि कांग्रेस का चुनाव में लडना एक दिखवा है । चुनावी धुव्रीकरण में सीधा लाभ आप पार्टी को ही मिलना है।
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शाहीन बाग धरने पर कोर्ट ने कहा, आप रास्ता नहीं रोक सकते, केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस
नागरिकता क़ानून के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में दो महीने से जारी आंदोलन को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि एक कॉमन क्षेत्र में इस तरह रास्ता रोककर प्रदर्शन जारी नहीं रखा जा सकता है। साथ ही सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। इस मामले पर अगली सुनवाई अब १७ फरवरी को होगी।
न्यायालय ने हालांकि, कोइ अंतरिम आदेश या धरना हटाने को लेकर कोइ आदेश नहीं दिया है। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसफ की बेंच ने इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि यह धरना प्रदर्शन कई दिन से चल रहा है। अदालत ने कहा कि एक कॉमन क्षेत्र में यह जारी नहीं रखा जा सकता, वरना सब लोग हर जगह धरना देने लगेंगे।
अदालत ने पूछह कि क्या आप पब्लिक एरिया को इस तरह बंद कर सकते हैं, क्या आप पब्लिक रोड को ब्लॉक कर सकते हैं। प्रदर्शन बहुत लंबे अरसे से चल रहा है।
अदालत ने कहा कि प्रदर्शन को लेकर एक जगह सुनिश्चित होनी चाहिए। कोर्ट ने दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है।
मामले की अगली सुनवाई १७ फरवरी को होगी। गौरतलब है कि नागरिकता कानून के खिलाफ करीब दो महीने से प्रदर्शन चल रहा है। प्रदर्शन के चलते यातायात बाधित होने और सड़क बंद होने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। यह याचिकाएं भाजपा नेता और पूर्व विधायक नंदकिशोर गर्ग और एक वकील अमित साहनी ने दायर की हुई हैं। याचिका में शाहीन बाग धरने को हटाने के अलावा गाइडलाइन बनाने की मांग की है। साथ ही साहनी ने मांग की है कि शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन को हटाया जाए ताकि कालिंदी कुंज और शाहीन बाग का रास्ता फिर से खुल सके। उनकी मांग है कि इसके लिए कोर्ट केंद्र सरकार और संबंधित विभाग को आदेश दे।
चार बार के चैंपियन भारत को हरा बांग्लादेश अंडर-१९ विश्व कप विजेता बना
सिर्फ २१ रन पर सात विकेट गंवाने वाली भारत की टीम का लगातार पांचवां अंडर-१९ विश्व क्रिकेट कप जीतने का सपना रविवार को टूट गया। फाइनल में बांग्लादेश ने शानदार खेल दिखाकर एक दिलचस्प मुकाबले में उसे तीन विकेट से हरा दिया। बंगलादेश पहली बार यह विश्व कप जीता है।
बांग्लादेश ने २३ गेंद शेष रहते डकवर्थ लुइस नियम के तहत सात विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया। बांग्लादेश की ओर से परवेज हुसैन इमोन ने ४७, कप्तान अकबर अली ने नाबाद ४३ और तंजीद हसन ने १७ रन बनाए। भारत के लिए रवि बिश्नोई ने १० ओवर में ३० रन देकर सर्वाधिक चार विकेट लिए। उनके अलावा सुशांत मिश्रा ने दो और यशस्वी जायसवाल ने एक विकेट हासिल किया।
टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत की टीम १७७ रन पर सिमट गयी। यशस्वी जायसवाल ने शानदार ८८ रन की पारी खेली, हालांकि वे शतक बनाने से चूक गए। भारत की शुरुआत ही बहुत धीमी हुई और बांग्लादेश के गेंदबाजों ने भारतीय बल्लेबाजों पर अंकुश लगाकर रखा। भारत की रन गति ३० ओवर तक बहुत धीमी रही जिससे वो एक बड़ा स्कोर खड़ा करने में नाकाम रहा।
एक समय टीम इण्डिया का स्कोर ४० ओवर में १५६ रन था और उसके सिर्फ तीन विकेट ही गिरे थे। तब लग रहा था कि भारत २०० से पार निकल जाएगा जो कुलमिलाकर एक अच्छा स्कोर होगा। लेकिन ऐसा नहीं हो सका और भारत ने सिर्फ २१ रन के भीतर ७ विकेट गँवा दिए।
बंगलादेश ने बहुत सधे तरीके से शुरुआत की लेकिन भारत के गेंदबाजों, खासकर रवि बिश्नोई ने अपनी गुगली से भारतीय खेमे में उम्मीद की किरण जगा दी। बिश्नोई ने चार विकेट झटककर एक मौके पर बंगलादेशी खेमे में हड़कंप मचा दिया। लेकिन बाद में बांग्लादेश ने संभालकर खेलते हुए लक्ष्य के नजदीक जाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी।
यह बांग्लादेश के क्रिकेट इतिहास में पहला वर्ल्ड कप खिताब है। पहले बांग्लादेश की सीनियर या महिला क्रिकेट टीम भी कोई वर्ल्ड कप जैसा खिताब नहीं जीत पाई थी। अकबर अली की कप्तानी वाली बांग्लादेश टीम ने अंडर-१९ क्रिकेट वर्ल्ड कप जीत लिया।









