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बुर्के पर टिप्पणी मामले में खतीजा से मिला तस्लीमा नसरीन को जवाब

संगीतकार ए आर रहमान की बेटी खतीजा के पर्दा किये जाने को लेकर लेखिका तस्लीमा नसरीन की टिप्पणी का अब उन्होंने जवाब दिया है। दरअसल, बांग्लादेश की चर्चित लेखिका और भारत में निर्वासित जीवन बिता रहीं तस्लीमा ने मशहूर संगीतकार की बेटी के बुर्का पहनने को लेकर पिछले दिनों ट्विटर पर लिखा था कि ऐसा देखकर मुझे घुटन महसूस होती है। अब खतीजा रहमान ने सोशल मीडिया इंस्टाग्राम के जरिये उनको करारा जवाब दिया है।

तस्लीमा ने सोशल मीडिया पर लिखा कमेंट वायरल हो गया था। ट्वीट में विवादित लेखिका ने लिखा था कि ‘मुझे ए आर रहमान का संगीत बेहद पसंद है, लेकिन जब भी मैं उनकी बेटी को देखती हूं तो मुझे घुटन महसूस होती है। यह मालूम होते हुए काफी दुख होता है कि एक पढ़ी-लिखी महिला का भी उसके परिवार में आसानी से ब्रेनवॉश कर दिया जाता है।’

खतीजा ने अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट में तस्लीमा नसरीन को संबोधित करते हुए लिखा, केवल एक साल ही बीता है और यह विषय एक बार फिर से सुर्खियों में है। यूं तो देश में बहुत कुछ हो रहा है और लोग इस बात से चिंतित हैं कि महिला क्या पोशाक पहनना चाहती है। मैं जीवन में अपनी चुनी हुई चीजों और विकल्पों पर पछतावा नहीं करूंगी। मैं बेहद खुश हूं और इस बात का मुझे फख्र है कि मैं क्या करती हूं और उन लोगों का धन्यवाद, जिन्होंने मुझे इस तरह स्वीकार किया।’

खतीजा यहीं नहीं रुकीं, उन्होंने एक कदम आगे बढ़ते हुए लिखा-प्रिय तस्लीमा नसरीन, मुझे दुख है कि आपको मेरे पहनावे से घुटन होती है। कृपया ताजी हवा में सांस लें, क्योंकि मुझे अपने पहनावे को लेकर कोई घुटन नहीं होती है, बल्कि मुझे इस बात का फख्र है कि जिस चीज के लिए मैं खड़ी हूं। मैं आपको सलाह देती हूं कि गूगल करें कि असल में नारीवाद का क्या अर्थ है? क्योंकि इसका अर्थ दूसरी महिलाओं को नीचा दिखाना नहीं होता है और न ही किसी के पिता को मुद्दे में लाना।’

केजरीवाल, छह मंत्रियों ने शपथ ली

अरविन्द केजरीवाल ने रविवार को लगातार तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उनके साथ छह मंत्रियों ने भी शपथ ली है। उपराज्यपाल अनिल बैजल ने इन सबको पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। मंत्री गोपाल राय ने आजादी के शहीदों के नाम पर शपथ ली। केजरीवाल से पहले शीला दीक्षित भी तीन बार तीन पूरे कार्यकाल के लिए दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। शपथ के बाद केजरीवाल ने जनता को संबोधित भी किया और अपनी जीत को जनता की जीत बताया।

जिन मंत्रियों ने दिल्ली के रामलीला मैदान में केजरीवाल के साथ शपथ ली उनमें मनीष सिसोदिया भी शामिल हैं जो पिछली सरकार में उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री थे। शिक्षा के क्षेत्र में जबरदस्त काम भी आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार के सत्ता में आने का एक बड़ा कारण रहा है।

अन्य मंत्रियों में सत्येंद्र जैन, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन,  राजेंद्रपाल  गौतम शामिल हैं। मंत्री गोपाल राय ने आजादी के शहीदों के नाम पर शपथ ली।

केजरीवाल ने शपथ ग्रहण से ठीक पहले ट्वीट करते हुए दिल्ली के लोगों से कहा कि अपने बेटे को आशीर्वाद देने के लिए वे रामलीला मैदान में जरूर आएं। शपथ ग्रहण समारोह में उन्होंने सभी दिल्लीवासियों को निमंत्रण देने के साथ-साथ ५० लोगों को विशेष तौर पर बुलाया था इनमें सफाईकर्मी, मेट्रो चालक, किसान आदि शामिल थे।  ये लोग मंच पर मौजूद रहे।

आप नेताओं ने बताया था कि केजरीवाल के साथ मंच पर कुल ७० लोग रहेंगे और  कुल एक लाख लोग इस शपथ ग्रहण समारोह में जुटेंगे। दिल्ली में एक मुख्यमंत्री के रूप में तीन बार शपथ लेने का यह दूसरा मौका है। इससे पहले कांग्रेस की सरकार में शीला दीक्षित ने तीन बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थीं, हालांकि, उनकी तीनों परियां पूरे पांच-पांच साल की रही थीं जबकि केजरीवाल की पहली पारी दो ही साल की थी।

 केजरीवाल ने २०१३ में पहली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके बाद वह १४  फरवरी २०१५ को दूसरी बार मुख्यमंत्री बने।

ईराक में अमेरिकी ठिकानों पर फिर हमला

कुछ दिन की शांति के बाद अमेरिका और ईरान के बीच फिर तनाव दिखा है। इस बार दोबारा इराक की राजधानी बगदाद में स्थित अमेरिकी दूतावास पर रॉकेट से हमला हुआ है। यह ग्रीन जोन इलाका है और वहां काफी संख्या में सरकारी इमारतें हैं। इस हमले में किस तरह का नुक्सान हुआ है, इसकी अभी जानकारी नहीं है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक जिस इलाके में ईरान की तरफ से रॉकेट दागे गए वहां  एयरक्राफ्ट देखे गए हैं। यह हमला ग्रीन जोन में किया गया जहां बहुत सी सरकारी इमारतें हैं। उसी इलाके में कुछ देशों के दूतावास भी स्थित हैं।

जनरल सुलेमानी की मौत के बाद ईरान ने बदले की जो बात कही थी उसके बाद कुछ घटनाओं को छोड़कर थोड़ी शांति दिख रही थी। लेकिन अब यह हमला हुआ है जिससे जाहिर होता है कि ईरान-अमेरिका के बीच तनातनी बनी हुई है।

तीन दिन पहले, १३ फरवरी को, ईरान ने अमेरिका को धमकी दी थी कि अगर वे जरा सी भी गलती करेंगे तो ईरान अमेरिका और इजराइल पर हमला करेगा। युद्ध जानकारों के मुताबिक ईरान ऐसे हमले करके अमेरिका पर दबाव की कोशिश कर रहा है। यदि पिछले साल अक्टूबर से हिसाब लगाया जाये तो यह १९वां हमला है।

छवि को हो रहे नुक्सान की ‘भरपाई’ की कोशिश में भाजपा

लगता है कि भाजपा में ऊटपटांग बयानबाजी से हो रहे नुक्सान और आम जनता में खराब हो रही छवि से चिंतित भाजपा में ”डैमेज कंट्रोल” की कोशिश शुरू हो गयी है।  गृह मंत्री अमित शाह के उत्तेजक नारों को भाजपा की हार का एक कारण बताने के बाद अब पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा ने पार्टी के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह को तलब कर  उनके विवादित बयानों पर उनकी ”क्लास” लगाई है।
भाजपा दिल्ली में अपने बहुत बुरे प्रदर्शन के बाद काफी चिंतित और परेशान है। उसके इनपुट्स और तमाम मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि पार्टी नेताओं के उत्तेजक नारों और बयानों से उसे बहुत नुक्सान पहुँच रहा है। पार्टी के अपने सर्वेक्षण बता रहे कि उसकी आक्रमक चुनाव प्रचार वाली छवि उसे लाभ देने की जगह नुक्सान देने लगी है और लोग चाह रहे हैं कि जिस पार्टी को उन्होंने कुछ महीने पहले ही दोबारा बड़े बहुमत के साथ सत्ता सौंपी है, वो देश की विकराल समस्यायों को लेकर समाधान के रास्ते खोजे।
”तहलका” की जानकारी के मुताबिक देश में नागरिकता क़ानून से लेकर हाल में बहुत सी ऐसी चीजें हुई हैं जिन्होंने मोदी सरकार को चिंता में डाल दिया है। सरकार को यह बिलकुल भी उम्मीद नहीं थी कि सीएए आदि के खिलाफ आंदोलन इतना लम्बा खिंच जाएगा। सरकार मान रहे है कि इस आंदोलन से उसकी छवि को नुक्सान पहुंचा है।
उधर नए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा पार्टी के भीतर बेलगाम हो रहे नेताओं पर शिकंजा कसने की तैयारी में हैं। माना आ रहा है कि बहुत से नेता पार्टी लाइन से बहुत आगे जाकर आक्रमक ब्यान दे रहे हैं जिससे पार्टी को नुकसान हो रहा है। नड्डा चाहते हैं कि पार्टी के नेता ब्यान देते हुए समझदारी दिखाएँ और बहुत संतुलित होकर बोलें। वो पार्टी की सोच जरूर रखें, लेकिन बहुत समझदारी के साथ ताकि उसका लाभ मिले और नुक्सान न हो।
गिरिराज सिंह जैसे नेता अपने विवादित बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहते हैं। उनके ब्यान कई बार तो बहुत ही विवादित होते हैं। पिछले काफी समय से लोगों के बीच अब सरकार को लेकर सोच बदल रही है। उनका कहना है कि सरकार को बेरोजगारी, महंगाई, किसान, इकॉनमी जैसे मुद्दों पर फोकस करना चाहिए अन्यथा जनता की स्पोर्ट की कोइ गारंटी नहीं रहेगी। वैसे भी  भाजपा लगातार राज्यों के चुनाव हार रही है। इससे भाजपा नेतृत्व में चिंता है। उसे इसी साल बिहार के भी चुनाव झेलने हैं।
दिल्ली चुनाव के वक्त गिरिराज सिंह के शाहीन बाग को लेकर ”यह शाहीन बाग़ अब सिर्फ आंदोलन नहीं रह गया है यहां सुसाइड बॉम्बर का जत्था बनाया जा रहा है” जैसे ब्यान पर लोगों ने नकारात्मक प्रतिक्रिया दिखाई थी। उनके अलावा दिल्ली के सांसद
प्रवेश वर्मा ने भी बहुत से विवादित बयान दिए। इसके अलावा उन्होंने ”देवबंद आतंकवाद की गंगोत्री है और हाफिज सईद समेत बड़े-बड़े आतंकवादी यहीं से निकलते हैं” वाले ब्यान पर भी काफी विवाद हुआ है।
यह माना जा रहा था कि अपनी युवा ब्रिगेड को पार्टी ही आगे कर रही है ताकि दिल्ली चुनाव में ध्रुवीकरण किया जा सके। प्रवेश वर्मा के अलावा भाजपा के युवा तुर्क माने जाने वाले अनुराग ठाकुर के एक ब्यान पर भी खूब विवाद हुआ।
भाजपा इस बात से बहुत चिंतित है कि जिन नरेंद्र मोदी और अमित शाह को ”चुनाव जिताने की गारंटी देने वाला नेता” पार्टी के कार्यकर्ता मानते थे, वे राज्यों के चुनावों में अपना करिश्मा नहीं दिखा पा रहे और पार्टी को वोट नहीं दिला पा रहे। बहुत से राज्य हाल के महीनों में भाजपा के हाथ से खिसक गए हैं जिससे आने वाले महीनों में उसकी राज्य सभा नफरी भी प्रभावित होगी। ऐसा होने से उसे अपने महत्वाकांक्षी बिलों को पास करवाने में दिक्कत पेश आएगी।
हालांकि भाजपा नेतृत्व की कवायद का अब उसे क्या लाभ मिलेगा, यह तो वक्त ही बताएगा क्योंकि भाजपा को अब मुद्दों पर आना पड़ेगा। यदि, भाजपा सिर्फ नेताओं की क्लास लगाकर ही शांत होकर बैठ जाती है, तो शायद उसे आने वाले समय में और दिक्क्तें झेलनी पड़ें। बिहार विधानसभा के चुनाव आने वाले समय में भाजपा की सबसे परीक्षा होंगे।

पूर्व आईएएस और जेकेपीएम प्रमुख शाह फैसल पर भी पीएसए लगाया गया, गिरफ्तार

पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्ला के बाद अब आईएएस से नेता बने जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के प्रमुख शाह फैसल के खिलाफ भी जम्मू कश्मीर प्रशासन ने जन सुरक्षा क़ानून (पीएसए) लगा दिया है और उन्हें जेल भेज दिया है। शाह फैसल पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने अनुछेद ३७० हटाए जाने का विरोध किया और भारत के अलावा  विदेशी मीडिया के सामने इसका विरोध करके लोगों को भड़काने की कोशिश की।

रिपोर्ट्स के मुताबिक जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के प्रमुख शाह फैसल, जो आईएएस टॉपर आहे हैं, को शनिवार सुबह पीएसए ऑर्डर सर्व किया गया और दोबारा हिरासत में ले लिया गया। इससे पहले फैसल को १४ अगस्त, २०१९ को भी गिरफ्तार किया गया था। इस तरह अब कश्मीर में अनुछेद ३७० हटाए जाने के बाद अब तक पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत आठ नेता गिरफ्तार हो चुके हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और उनके पुत्र उमर अब्दुल्ला, पीडीपी की महबूबा मुफ्ती, एनसी के अली मोहम्मद सागर के अलावा नईम अख्तर, सरताज मदनी और हिलाल लोन भी जान सुरक्षा क़ानून के तहत गिरफ्तार किये गए हैं।

फैसल पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने अनुछेद ३७० हटाने का विरोध किया था।

साथ ही देसी और विदेशी मीडिया में इसका विरोध कर लोगों को भड़काने की कोशिश की।

पंजाब में स्कूल वैन में आग से चार बच्चे जिन्दा जले

पंजाब के संगरूर में एक स्कूल वैन में आग लग जाने के बाद उसमें बैठे चार छात्रों कीजलने से मौत हो गयी। कुछ बच्चे गंभीर रूप से घायल हुए हैं जिनका इलाज किया जा रहा है।

यह दर्दनाक हादसा शनिवार दोपहर का है। संगरूर में एक स्कूल वैन छुट्टी होने के बाद छात्रों को लेकर जा रही थी कि अचानक उसमें आग लग गयी। इस बस में उस समय २० बच्चे सवार थे। वैन में बस का क्लीनर ही था जिसने खतरा भांपते ही बच्चों को बस से बाहर निकालना शुरू कर दिया।

हालांकि, आग बस में बहुत तेजी से फ़ैल गयी। वैन में तैनात स्‍टाफ ने काफी बच्चों को बाहर निकाल लिया लेकिन आग फैलने से वे कुछ बच्चों को नहीं निकाल  पाए जिससे चार बच्चों की जिन्दा ही जल जाने से मौत हो गयी।

जानकारी के मुताबिक तीन झुलसे बच्‍चों को लोंगोवाल के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था लेकिन गंभीर हालत को देखते हुए इन बच्‍चों को पीजीआइ, चंडीगढ़  रेफर कर दिया गया। इनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई गयी है।

पुलिस ने बताया कि यह बस निजी स्कूल सिमरन पब्लिक स्कूल की थी। छुट्टी के बाद वैन बच्चों को लौंगोवाल की तरफ लेकर जा रही थी। केहर सिंह वाली गांव के पास वैन में अचानक आग लग गई।

गृह मंत्री शाह से मिलेंगी कल शाहीनबाग की प्रदर्शनकारी महिलाएं

शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी रविवार को अपनी मांगों के साथ गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे। वो उनसे दोपहर दो बजे गृह मंत्री के सरकारी आवास पर मुलाकात करेंगे। हालांकि, सरकार की तरफ से अभी तक इस मुलाकात को लेकर कोई  जानकारी नहीं आई है।
कहा गया है कि महिलाओं समेत शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी गृह मंत्री से मुलाकात के दौरान अपनी प्रमुख नागरिकता संशोधन कानून को वापस लेने की मांग कर सकते हैं। गौरतलब है कि शाहीन बाग में दिसंबर से धरने पर बैठी महिलाएं सीएए के अलावा एनआरसी और एनपीआर का भी विरोध कर रही हैं।
अब उनके प्रदर्शन को दो महीने से ज्यादा हो चुके हैं लेकिन वे अभी भी वहां जमे हुए हैं। उनका कहना है कि समाधान निकलने तक उनका धरना जारी रहेगा। शाहीन बाग की प्रदर्शनकारी महिलाओं ने शनिवार को कहा कि वे कल दोपहर दो बजे गृह मंत्री अमित शाह से मिलने जाएंगी।
उन्होंने कहा कि गृह मंत्री और पीएम मोदी तो उनके बुलाने पर शाहीन बाग नहीं आए, अब हम ही सर्कार से मिलने जा रहे हैं। उनके मुताबिक सरकार से उन्हें मिलने के लिए तीन दिन का वक्त दिया है। उधर सरकार या गृह मंत्रालय ने इसे लेकर अभी तक कुछ नहीं कहा है। याद रहे गृहमंत्री अमित शाह ने एक कार्यक्रम में यह कहा था कि अगले तीन दिन में सीएए को लेकर कोई भी उनसे आकर मुलाकात कर सकता है।
प्रदर्शनकारी महिलाओं ने मांग की कि प्रशासन उन्हें सुरक्षा उपलब्ध करवाए। वे  शांति से गृह मंत्री से मिलने जाएंगे और उन्हें रोका न जाए।

अनुराग कश्यप ने शाहीन बाग के स्टेज पर खाई बिरयानी

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी के विरोध प्रदर्शन कर केंद्र बने दिल्ली के शाहीन बाग में फिल्म निर्देशक अनुराग कश्यप पहुंचे। सिर्फ यहां पर पहुंचे ही नहीं, बल्कि यहां की दिल्ली चुनावों के दौरान चर्चित हो चुकी बिरयानी का स्वाद भी स्टेज पर ही चखा।
जामिया और शाहीन बाग का दौरा करने पहुंचे। उन्होंने कहा कि दो महीने से अधिक समय से विरोध प्रदर्शन चल रहा है। शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों के बीच बोले, मैं यहां पर बहुत दिनों से आना चाहता था। आप लोगों से हिम्मत मिलती है, इस हिम्मत से कितने सारे शाहीन बाग बन गए हैं। मैं सोच रहा था आऊंगा और स्टेज पर बिरयानी खाऊंगा। बोले मैं किसी राजनीतिक दल से नहीं, यह बहुत मुश्किल लड़ाई है, सब्र की लड़ाई है, जो आप लोग लड़ रहे हैं। बहुत सारे लोग हैं जो आप लोगों को देख रहें है और सोच रहें है कि यहां से छोडक़र चले जाएंगे।

चर्चित फिल्म निर्देशक बोले, मैं केंद्र सरकार की बहुत सारी चीजों से असहमत हूं। इस सरकार के पास दिल नहीं है, इनको प्यार की भाषा समझ नहीं आती। बस इसी तरीके से हम लड़ सकते हैं। सरकार से आप बस प्यार बांटते रहिए। वह ताकत को अपने हाथ मे रखना चाहती है। उन्होंने कहा कि कोई मुल्क सीमाओं से नहीं, लोगों से बनता है।

केंद्रीय गृह मंत्री पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि हमें सुरक्षा महसूस नहीं करा सकते, तो किस बात के गृह मंत्री हैं। हमें उनसे सुरक्षा की भावना आनी चाहिए। यदि कोई गलतफहमी है तो सरकार को चाहिए कि शाहीन बाग आए और वार्ता करे। बिना बातचीत किए कोई मामला कैसे सुलझ जाएगा।

अनुराग ने कहा कि लोग मुझे से ट्विटर पर कहते हैं कि गृह मंत्री से सम्मान से बात करू, पर उनके लिए मेरे मन में सम्मान नहीं है। उन्हें कानून का खुद नहीं पता है। यह सरकार अनपढ़ है।

जमानत मिलते ही डॉक्टर कफील पर लगाया रासुका

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में कथित भड़काऊ भाषण देने के मामले में डॉ. कफील खान की मुश्किलें कम नहीं ही रही हैं। जमानत मिलने के बाद रिहाई से पहले ही अब योगी सरकार ने उन पर  रासुका लगा दिया है। इससे अब उनका जेल से जल्द बाहर आने का रास्ता लगभग बंद हो चुका है।  मथुरा जेल से जमानत पर शुक्रवार को ही रिहा होने वाले थे।  देशभर में सीएए के विरोध में रासुका लगाए जाने की यह पहली कार्रवाई है।
डॉ. कफील को सीजेएम कोर्ट से सोमवार को ही जमानत मिली थी, लेकिन उनकी रिहाई नहीं हुई थी। डॉ कफील ने 12 दिसंबर को एएमयू में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिया था। इसके बाद थाना सिविल लाइंस में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले में यूपी एसटीएफ ने उन्हें 29 जनवरी को मुबंई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था।
इस पर अलीगढ़ के डीएम चंद्रभूषण सिंह ने कहा कि डॉ. कफील खान पर रासुका तामील कर रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेज दी गई है।
क्या है रासुका
रासुका यानी राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम-1980 देश की सुरक्षा के लिए सरकार को किसी व्यक्ति को हिरासत में रखने का अधिकार देता है। यह केंद्र और राज्य सरकार दोनों को समान रूप से मिला है। रासुका लगाकर किसी भी व्यक्ति को एक साल तक जेल में रखा जा सकता है। पर, तीन महीने से ज्यादा समय तक जेल में रखने के लिए एडवाइजरी बोर्ड की मंजूरी लेनी पड़ती है। देश की सुरक्षा के लिए खतरा होने और कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका पर रासुका लगाया जा सकता है।

…तो बिहार विधानसभा चुनाव  में नहीं चलेंगे नफ़रती बयान

दिल्ली चुनाव के दौरान भाजपा ने शाहीन बाग़ के बहाने जमकर ध्रुवीकरण की कोशिश की। पर वो सत्ता हासिल करने से बेहद दूर रही। अब रणनीतिकार यहां तक कि भाजप के ‘चाणक्य’ कहे जाने वाले अमित शाह के बोल भी बदले-बदले से सुनाई दे रहे हैं।
उन्होंने चुनाव परिणामों के बाद पहली बार स्वीकारा कि भाजपा को गोली मारो और भारत पाकिस्तान मैच जैसे बयानों से नुकसान हुआ। और सीएए पर बातचीत के लिए वक़्त देने तक कि बात कह दी है।
अब राजनीतिक दलों के लिए अगला लक्ष्य इसी साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव हैं। वहां पर नीतीश कुमार की जेडीयू और पासवान की लोजपा के साथ भाजपा का गठबंधन है। जो दिल्ली में भी मिलकर लडे, पर केजरीवाल के आगे फीके ही साबित हुए।
अब लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और जमुई से सांसद चिराग पासवान ने बिहार चुनाव को लेकर अभी से राजग और खासकर भाजपा को एक तरह से चेताया है। चिराग ने  भाजपा को सावधान करते हुए कहा कि जिस तरह की बयानबाजी दिल्ली चुनाव प्रचार के दौरान  की गई थी, वैसी बयानबाजी से बिहार चुनाव के दौरान बचना होगा। चिराग पासवान ने कहा, भाजपा नेताओं के तरफ से दिए जाने वाले नफरत भरे बयान सहयोगियों को असहज कर सकते हैं।
दिल्ली में आप की जीत पर लोजपा अध्यक्ष ने ट्वीट किया, ‘जिस प्रकार लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी जी को वोट मिले थे उसी प्रकार अरविंद केजरीवाल जी को उनके काम के आधार पर लोगों की दुआ मिली है। ढेर सारी शुभकामनाएं।’