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बिहार के शेखपुरा और बेगूसराय स्कूल में 48 स्टूडेंट्स बेहोश

बिहार : प्रदेश में गर्मी का कहर जारी है।पूरा उत्तर भारत लू की चपेट में है।इस बीच बिहार में स्कूल के स्टूडेंट्स गर्मी के कारण अचान बेहोश होने लगे। ताजा मामला शेखपुरा और बेगूसराय का है। जहां स्कूली बेहोश गर्ल स्टूडेंट्स को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।मध्य विद्यालय मटिहानी में सुबह करीब 10 बजे स्कूली छात्राएं अचानक बेहोश होने लगीं।इसके बाद प्रिंसिपल चंद्रकांत सिंह ने पहले स्कूल में ही ओआरएस का घोल पिलाया, इसके बावजूद बेहोश होने का सिलसिला जारी रहा।वहीं शेखपुरा के स्कूल में भी गर्मी के कारण छात्राएं बेहोश हो गईं। कई राज्यों के स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां शुरू हो गई हैं।लेकिन बिहार में अभी भी पढ़ाई जारी है।

बुधवार को बिहार के बेगूसराय और शेखपुरा में 48 स्कूली छात्राएं क्लासरूम में ही बेहोश होकर गिरने लगी।शेखपुरा के एक स्कूल में गर्मी के कारण 24 छात्राएं बेहोश हो गईं। भीषण गर्मी के कारण छात्राओं की तबीयत इतनी बिगड़ गई कि उन्हें आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।शेखपुरा जिले के अरियरी प्रखंड अंतर्गत मनकौल उत्क्रमित मध्य विद्यालय समेत कई स्कूलों में छात्र बेहोश हो गए।भीषण गर्मी के कारण कुछ छात्र प्रार्थना के दौरान तो कुछ कक्षा में ही बेहोश हो गए।

केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, अंतरिम जमानत 7 दिन बढ़ाने से किया इनकार

नई दिल्ली : दिल्ली के सीएम केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की 7 दिन की अंतरिम जमानत बढ़ाने वाली याचिका पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया है। अरविंद केजरीवाल ने मेडिकल ग्राउंड पर अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट में जज जेके महेश्वरी की बेंच के समक्ष यह मामला मेंशन किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि हम इस संबंध में कोई आदेश नहीं दे सकते हैं। आप इस मामले को लेकर चीफ जस्टिस के पास जाइये। चीफ जस्टिस ही इस मामले में फैसला लेंगे।

आज सुप्रीम कोर्ट में जैसे ही सुनवाई शुरू हुई, अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हम सात दिनों की अंतरिम राहत और चाहते हैं। मेडिकल टेस्ट करवाने हैं। ये कोर्ट से मिली आजादी का दुरुपयोग नहीं है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीजेआई ही इस पर फैसला लेंगे।शीर्ष अदालत ने यह भी सवाल पूछा कि आपने पिछले हफ्ते जस्टिस दत्ता के सामने इसकी मेंशनिंग क्यों नहीं की। बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट से मेडिकल ग्राउंड पर 7 दिन की अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग की थी।

केजरीवाल ने अपनी अर्जी में कहा कि स्वास्थ्य जटिलताओं और बढ़े हुए जोखिम संकेतों को देखते हुए उनका मेडिकल टेस्ट अति आवश्यक है। कारावास के दौरान किसी भी तरह की परेशानी न हो और उनके हेल्थ और जीवन को किसी भी संभावित दीर्घकालिक नुकसान से बचाया जा सके, इसके लिए ये टेस्ट जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि मैं अपनी अंतरिम जमानत के दौरान वह हर दिन सार्वजनिक रूप से दिखाई दे रहा हूं और उपलब्ध हूं। कानून की प्रक्रिया से मेरे भागने का कोई जोखिम नहीं है।

मिजोरम में पत्थर की खदान ढहने से 10 लोगों की मौत

मिजोरम : आइजोल जिले से एक दर्दनाक खबर आई है, जहां मंगलवार की सुबह करीब 6 बजे के आसपास आइजोल की मेल्थम और ह्लिमेन सीमा पर एक पत्थर की खदान ढह गई। इस हादसे में 10 लोगों की मौत हो गई है और कई अन्य मलबे में फंसे हुए हैं। राहत और बचाव कार्य जारी है, लेकिन बारिश के कारण इन कार्यों में बाधा आ रही है।

बताया जा रहा है कि रेमल तूफान के कारण सोमवार से भारी बारिश हो रही है, जिसने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। खदान ढहने के कारण आसपास के कई घर भी तबाह हो गए हैं। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।

स्थानीय प्रशासन, पुलिस, असम राइफल्स, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीमें मौके पर मौजूद हैं और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। बारिश और खराब मौसम के बावजूद, सभी एजेंसियां मिलकर मलबे में फंसे लोगों को निकालने का प्रयास कर रही हैं।

यह पहली बार नहीं है कि मिजोरम में ऐसा हादसा हुआ है। ठीक दो साल पहले, 14 नवंबर 2022 को प्रदेश के हनथियाल जिले में एक पत्थर की खदान ढह गई थी। उस घटना में खनन के दौरान कई बड़े-बड़े पत्थर मजदूरों पर गिर पड़े थे, जिसके मलबे के ढेर में 12 मजदूर दब गए थे। असम राइफल्स, बीएसएफ, स्थानीय पुलिस और एनडीआरएफ ने मिलकर राहत कार्य किया था, जिसमें 11 मजदूरों के शव बरामद किए गए थे।

इस बार की घटना ने एक बार फिर से मिजोरम में खनन गतिविधियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रदेश सरकार और संबंधित विभागों को इस मामले की जांच कर आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके।

हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की निराशा बढ़ती जा रही है…

खालिद सलीम

2024 के चुनाव के छ चरण पूरे हो चुके हैं अब तक चुनाव के जो आंकड़े और समीकरण बने हैं वह प्रधानमंत्री और बीजेपी के लिए बहुत ही परेशान करने वाले हैं पहले चरण के चुनाव के बाद प्रधानमंत्री जी ने समझ लिया था की 2024 का यह चुनाव 2014 और 2019 के बिल्कुल विपरीत है क्योंकि उनके पास आवाम को समझने के लिए अपनी उपलब्धियां नहीं थी उन्होंने नौजवानों को 2 करोड़ नौकरियां देने और हर एक गरीब हिंदुस्तानी के खाते में 15 लख रुपए देने का जो वादा किया था वह उसे पर खडरे नहीं उतरे चुनाव जीतने के लिए उनके पास अब एक ही विकल्प रह गया था कि माहौल को हिंदू मुस्लिम कर दिया जाए इसीलिए उन्होंने हिंदुओं को भड़काने के लिए मुसलमान के खिलाफ माहौल तैयार करने का प्रयास किया प्रधानमंत्रीजी ने कांग्रेस पर इल्जाम लगाया कि वह हिंदू मां और बहनों के मंगलसूत्र उतार कर घुसपैठियों और दहशतगर्दो को दे देगी यानी प्रधानमंत्री जी ने मुसलमान को घुसपैठया और दहशतगर्द करार दे दिया प्रधानमंत्री जी यहीं पर नहीं रुके बल कि माहौल को कैमरे करने के लिए उन्होंने कांग्रेस पर यह भी इल्जाम लगाया कि वह एस सी एस टी और ओबीसी का रिजर्वेशन उन से छीन कर मुसलमानो को दे देगी, प्रधानमंत्री जी को मालूम हो गया है की 2024 का चुनाव जितना उनके लिए लोहे के चने चबाने के बराबर है इसीलिए वह तमाम हरबे इस्तेमाल कर रहे हैं जो की हमारे हिंदू भाइयों को मुसलमान के खिलाफ भड़काने के काम आ सकते हैं
लेकिन दिलचस्प बात यह है की चुनाव से पहले 22 जनवरी को उन्होंने राम मंदिर का जो उद्घाटन किया वह भी इलेक्शन जीतने की एक मुहिम का ही हिस्सा था हमारे हिंदू भाई इस बात को अच्छी तरह समझते हैं कि राम मंदिर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की वजह से बना है और वह बन चुका है राम मनदिर अब चुनाव का कोई मुद्दा नहीं रहा चुनाव के जो असल मुद्दे हैं वे बेरोजगारी महंगाई लॉ एंड ऑर्डर के मसले हे ,
पेट्रोल की बढ़ती हुई कीमत सिलेंडर की कीमतें यह सारे मसले आम हिंदुस्तानी के मसले हैं इन मसाले से हिंदू मुसलमान सिख इसाई सब बराबर जूझ रहे हैं और यही मसले चुनाव के मुद्दे हैं
हैरत की बात यह है कि हमारे प्रधानमंत्री जी इन बातों को क्यों भूल गए हैं और वह सिर्फ क्मयूनल बुनियाद पर ही चुनाव जीतने के मंत्र को फिर आजमाना चाहते हैं
बच्चों
चुनाव के चार मरहले पूरे हो चुके हैं और प्रधानमंत्री जी को यह अंदाजा हो गया है की चुनाव उनके हाथ से निकला चला जा रहा है बीजेपी और उसके एलाइंस को उतनी सिटें भी नहीं मिल रही है़ जिस से वह दोबारा सत्ता में आ सके हिंदी बेल्ट जो बीजेपी का घर समझा जाता था जैसे योपी, राजस्थान ,मध्य प्रदेश ,हरियाणा ,हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड बिहार यहा़
बीजेपी को बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है बड़े-बड़े पत्रकार आओर विशेषज्ञ अपने अपने अनुभव और लोगों से मिलकर जो आंकड़े पेश कर रहे हैं उनके मुता
अनुसार एनडीए को 225 या उससे भी कम सीट मिल रही है यह अलग बात है की गोदी मीडिया न्यूज़ चैनल अभी भी एनडीए एलाइंस को हुकूमत बनाता हुआ दिख रहा है लेकिन साउथ में बीजेपी के लिए पहले की तरह ही कुछ भी नहीं है और हिंदी पट्टी में उसे भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है दिलचस्प बात यह है कि बीजेपी के बड़े लीडर भी इस बात को समझ रहे हैं यहां तक की आरएसएस बी इस चुनाव को गंभीरता से नहीं ले रहा है बताया जाता है कि आरएसएस का कैडर
जिस तरह 2014 और 2019 में चुनाव अभियान में जुट गया था और घर-घर जाकर मुहिम चला रहा था वह इस मर्तबा खामोश बैठा हुआ है और सुस्त है इस बार भाजपा के साथ यह क्यों हुआ उसके बहुत से कारण है सबसे पहली बात तो यह है कि प्रधानमंत्री जी बीजेपी से बड़े हो गए हैं यह आरएसएस और बीजेपी के बड़े लीडरों को भी पसंद नहीं है मगर वह हालात की वजह से खामोश बैठे हुए हैं जिसका चुनाव परिणाम यह होने जा रहा है कि बीजेपी हार की तरफ बढ़ रही है दूसरी वजह यह है कि प्रधानमंत्री जी ने मोदी की गारंटी के नाम से लोगों को बहलाया और फुसलाया था वह गारंटी कहीं भी दिखाई नहीं दे रही है यही वजह है कि हमारे प्रधानमंत्री जी इस मर्तबा बहुत ज्यादा अओर निराश हैं उनके अंदर ना 2014 का जोश है और ना 2019 की लगन और मेहनत नजर आ रही है फिर भी वह चाहते हैं के 4 जून 2024 को तीसरी मर्तबा भी प्रधानमंत्री के पद को संभाले़ं
हमें नहीं लगता कि यह चमत्कार तीसरी मर्तबा भी होने जा रहा है आपको क्या लगता है

लेखक खालिद सलीम,स्तंभकार हैं, विचार व्यक्तिगत हैं

135KM की रफ्तार से सुंदरबन के पास तट से टकराया चक्रवाती तूफान ‘रेमल’,

पश्चिम बंगाल: साइक्लोन ‘रेमल’ का पश्चिम बंगाल में कहर देखने को मिला है।साइक्लोन से घर तबाह हो गए।पेड़ उखड़ गए और बिजली के खंभे भी गिर गए हैं।सुंदरवन के गोसाबा इलाके में मलबे की चपेट में आने से एक व्यक्ति घायल हो गया।चक्रवात आने से पहले पश्चिम बंगाल में संवेदनशील इलाकों से एक लाख से ज्यादा लोगों को निकाला गया। मौसम कार्यालय ने कहा, चक्रवाती तूफान रेमल ने रविवार रात पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप और बांग्लादेश के खेपुपारा के बीच 135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दस्तक दी।
मौसम विभाग का कहना है कि मानसून से पहले ही बंगाल की खाड़ी में आने वाला पहला साइक्लोन है। IMD ने पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा के तटीय जिलों में 27 मई को अत्यधिक भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की है।असम और मेघालय में भी अत्यधिक भारी बारिश होने की आशंका है। IMD के अनुसार, यह कुछ और समय तक लगभग उत्तर की ओर और फिर उत्तर-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ता रहेगा। आज सुबह तक धीरे-धीरे कमजोर होकर एक चक्रवाती तूफान में बदल जाएगा। इससे पहले 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं और साइक्लोन ‘रेमल’ बांग्लादेश और उससे सटे पश्चिम बंगाल के तटों के बीच पहुंचा।रविवार रात 8:30 बजे पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के निकटवर्ती तटों पर लैंडस्लाइड होना शुरू हो गया।

BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चक्रवात रेमल के मद्देनजर पश्चिम बंगाल और आसपास के राज्यों के लोगों के लिए चिंता जताई है।उन्होंने ट्वीट किया और कहा, मैंने बीजेपी की स्टेट यूनिट के सभी कार्यकर्ताओं से चर्चा की है और विस्तृत निर्देश दिए हैं। भाजपा बंगाल और पड़ोसी राज्यों को दिशा-निर्देशों के अनुरूप राहत एवं बचाव कार्य में मदद करेगी।मैंने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से प्रभावित और जरूरतमंद लोगों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए भी कहा है।
पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर में दीघा समुद्र तट पर सोमवार सुबह लोग मौसम का आनंद लेते देखे गए। बड़ी संख्या में लोग समुद्र तट पर देखे गए। चक्रवात रेमल और कमजोर होने वाला है।चक्रवात रेमल अब कमजोर हो रहा है।अगले कुछ घंटों में और कमजोर होगा।उत्तरी बंगाल की खाड़ी के ऊपर ‘रेमल’ पिछले 6 घंटे के दौरान 11 किमी प्रति घंटे की गति के साथ लगभग उत्तर की ओर बढ़ गया है। सागर द्वीपों के बीच बांग्लादेश और आसपास के पश्चिम बंगाल तटों को पार कर गया।इस सिस्टम के उत्तर-उत्तरपूर्व की ओर बढ़ने और आज सुबह तक धीरे-धीरे कमजोर होकर चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है। इसके बाद यह उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ेगा और धीरे-धीरे और कमजोर हो जाएगा।

आईपीएल 2024 के फाइनल में KKR ने 10 साल बाद जीता तीसरा खिताब

नई दिल्ली:आईपीएल 2024 सीजन के फाइनल मुकाबले में कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) ने धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) को करारी शिकस्त दी।
आईपीएल 2024 की विजेता कोलकाता नाइट राइडर्स बनी। फाइनल में शाहरुख खान की टीम ने सनराइजर्स हैदराबाद को हराकर इतिहास रच दिया।केकेआर ने तीसरी बार आईपीएल की ट्रॉफी अपने नाम की है।हैदराबाद की केकेआर के महारथियों के आगे हैदराबाद ने घुटने टेक दिए। मुकाबला रोमांचक होने की उम्मीद थी, क्योंकि दोनों ही टूर्नामेंट की बेस्ट टीमें थीं। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मिचेल स्टार्क और आंद्रे रसेल की आग उगलती गेंदों का हैदराबाद के बल्लेबाजों के पास कोई जवाब नहीं था, जिसके चलते टीम 113 रन पर ही ढेर हो गई।टारगेट का पीछा करते हुए रहमानुल्लाह गुरबाज (39 रन) और वेंकटेश अय्यर (नॉटआउट 52 रन) की विस्फोटक बैटिंग से केकेआर ने 10.3 ओवर में ही 114 रन बनाकर जीत दर्ज कर ली।

कोलकाता की टीम ने इतिहास रच दिया है। श्रेयस अय्यर की अगुवाई में केकेआर ने तीसरी बार आईपीएल ट्रॉफी अपने नाम की।इससे पहले 2012 और 2014 में केकेआर ने खिताब जीता था।ये दोनों ही खिताब गौतम गंभीर ने अपनी कप्तानी में टीम को जिताए थे। अब 10 साल बाद टीम फिर चैंपियन बनने में कामयाब रही है। गौतम गंभीर का केकेआर में आना टीम के लिए शुभ साबित हुआ।सीजन की शुरुआत से पहले गौतम गंभीर ने केकेआर में बतौर मेंटर वापसी की और टीम को खिताब जिताने में भी कामयाब रहे। इससे पहले दो साल तक गंभीर लखनऊ सुपर जायंट्स के मेंटर थे।

LPG के लिए बायोमेट्रिक e-KYC अनिवार्य, नहीं कराने पर 1 जून से बंद हो जाएगा कनेक्शन

नई दिल्ली:अगर आपने नहीं कराया है तो समय से करा लें। इस संबंध में पेट्रोलियम एवं गैस मंत्रालय ने पहले की तारीख को एक्सटेंड कर दिया है।

घरेलू गैस यानी LPG उपभोक्ताओं के लिए गैस एजेंसी में जाकर बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण (Biometric Authentication) के माध्यम से ई-केवाईसी (e-KYC) करना अनिवार्य कर दिया गया है।

इसलिए अगर आपने नहीं कराया है तो समय से करा लें। इस संबंध में पेट्रोलियम एवं गैस मंत्रालय ने पहले की तारीख को एक्सटेंड कर दिया है।

नहीं मिलेगी सब्सिडी
पहले LPG कंजूमर्स 31 दिसंबर 2023 e-KYC करवा सकते थे, लेकिन पेट्रोलियम एवं गैस मंत्रालय ने तारीख में बदलाव करते हुए इसे 31 मई 2024 तक कर दिया है।

इस तारीख तक भी e-KYC नहीं कराने वाले उपभोक्ताओं की आपूर्ति बाधित कर दी जाएगी साथ ही साथ सब्सिडी (subsidy) का लाभ भी नहीं ले पाएंगे।

इस प्रकार कराएं e-KYC
Step 1:- e-KYC को इलेक्ट्रॉनिक चेक कन्फर्मेशन कहा जाता है।

Step 2:- इसके माध्यम से आवश्यक दस्तावेजों के माध्यम से व्यक्ति की प्रामाणिकता की जांच की जाती है, ताकि आपको सरकारी सेवाओं का लाभ मिल सके।

Step 3:- इसे कराने के लिए सबसे पहले ग्राहकों को डिस्ट्रीब्यूटर ऑफिस जाना होगा।

Step 4:- यहां Aadhaar Card सत्यापन कराना होगा।

Step 5:- इसके बाद उपभोक्ताओं को गैस सिलेंडर पर सब्सिडी का लाभ मिल सकेगा।

बारूद फैक्ट्री में हुआ ब्लास्ट, 10 से ज्यादा लोगों के मरने की आशंका!

छत्तीसगढ़ : एक बारूद फैक्ट्री में ब्लास्ट हुआ है, जिससे पूरी इमारत ध्वस्त हो गई और मलबे के नीचे फैक्ट्री में काम कर रहे लोग दब गए। छत्तीसगढ़ में हुए इस हादसे में 10 लोगों के मारे जाने की खबर है, लेकिन अभी पुष्टि नहीं हुई है। मौके पर पुलिस, फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस पहुंच गई हैं। बचाव अभियान जारी है।
ब्लास्ट बेरला ब्लॉक के ग्राम बोरसी में बनी फैक्ट्री में हुआ। धमाके की आवाज दूर तक सुनाई दी और लोग दौड़े आए। मलबे के नीचे दबे लोगों को निकालकर नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कई घायलों को रायपुर के मेहाकारा अस्पताल में रेफर किए जाने की खबर है। बेमेतरा कलेक्टर और SDM समेत प्रशासन की टीमें भी मौके पर पहुंची हुई हैं।

बिहार पुलिस ने 100 किलो डोडा के साथ 54 किलो गांजा पकड़ा

बिहार:चौपारण में फैले गैर कानूनी धंधा को जड़ से उखाड़ने को लेकर अपने ही स्टाइल से आगे बढ़ रहे थाना प्रभारी दीपक सिंह आज जनता के चहेते बन बैठे है। हर दिन एक बड़ा खुलासा कर सभी को चौकाने पर मजबूर कर दिया है। पुलिस अधीक्षक को मिले गुप्त सूचना पर डीएसपी सुरजीत कुमार, थाना प्रभारी दीपक सिंह ने छापेमारी टीम बनाकर दुरागड़ा गाँव में छापामारी कर 107.4 किलोग्राम डोडा व 54.1 किलोग्राम गांजा बरामद किया है। डोडा व गांजा का सरकारी दर लगभग 47 लाख के आसपास है।

थाना प्रभारी ने बताया कि दुरागड़ा गाँव निवासी कैलाश सिंह व बिट्टू सिंह अपने अपने घरों में डोडा व गांजा छिपाकर तस्करी के लिए रखा गया था। जब पुलिस पकड़ने गई तो दोनों अपने-अपने घर से निकालकर बाहर फेंक रहे थे। पुलिस को आता देख एक तस्कर भागने में सफल रहा है, वहीं पुलिस ने कैलाश सिंह को मौके पर से गिरफ्तार किया है। इस अभियान में अवर निरीक्षक नीलेश कुमार रंजन, संजय सिंह, बिंदेश्वर महतो शामिल थे।

उम्र की सीमा को तोड़ते हौसले

सतीश सिंह

प्रसिद्ध शायर दुष्यंत कुमार ने ए के सिंह, जिनका पूरा नाम अवधेश कुमार सिंह के लिये ही कभी लिखा था, “कौन कहता है, आसमान में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों”। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन, अहमदाबाद, गुजरात में पदस्थापित क्षेत्रीय आयुक्त-1, श्री सिंह ने इस कथन को सही मायनों में चरितार्थ किया है।

पूर्व में 50 वर्ष आयु वर्ग और अब 55 वर्ष आयु वर्ग में श्री सिंह मैराथन में देश के उभरते सितारे हैं। मूल रूप से बिहार के पखनपुर, थाना हिलसा, जिला नालंदा के रहने वाले श्री सिंह की पृष्ठभूमि खेल की नहीं रही है। पूर्व में उन्होंने स्कूल या कॉलेज या फिर जीवन के किसी भी कालखंड में कभी भी किसी भी खेल में हिस्सा नहीं लिया है।     

श्री सिंह की शैक्षणिक पृष्ठभूमि भी प्रभावशाली रही है। कुछ प्रतियोगी परीक्षाओं में तो वे ऑल इंडिया टॉपर रहे हैं। कई सरकारी नौकरियाँ कर चुके हैं। संघ लोक सेवा आयोग द्वारा 1998 में आयोजित सहायक आयुक्त, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की परीक्षा में श्री सिंह का मेरिट लिस्ट में 22वां स्थान रहा था।

2015 में कोलकाता पदस्थपाना के दौरान श्री सिंह ने मैराथन के बारे में पढ़ा। साथ में यह भी जाना कि जो भी प्रतिभागी दौड़ को पूरा करते हैं उन्हें पदक दिया जाता है। चूंकि, श्री सिंह नियमित रूप से सैर करते थे, इसलिए, उन्हें लगा कि वे भी मैराथन दौड़ सकते हैं और उन्होंने बिना देर किए  एयरटेल दिल्ली मैराथन, बड़ौदा अल्ट्रा मैराथन और 25 किलोमीटर के कोलकाता मैराथन के लिए अपना नामांकन करवा लिया। 

श्री सिंह ने पहली बार 2015 में 45 वर्ष से अधिक उम्र संवर्ग में बड़ौदा अल्ट्रा हॉफ मैराथन में हिस्सा लिया और 23वां स्थान हासिल किया। पहले प्रयास में सम्मानजनक स्थान हासिल करने से उनके आत्मविश्वास में अभूतपूर्व इजाफा हुआ। इसके बाद, 2015 में ही श्री सिंह ने दिल्ली और कोलकात्ता हॉफ मैराथन में हिस्सा लिया। कोलकात्ता हॉफ मैराथन में श्री सिंह ने 19वां स्थान हासिल किया तो दिल्ली हॉफ मैराथन में 153वां। तीनों उपलब्धियां, श्री सिंह ने बिना किसी प्रशिक्षण के हासिल की, जिससे उनके हौसले में अभूतपूर्व इजाफा हुआ। उन्हें लगा कि यदि मैराथन का पेशेवर प्रशिक्षण लिया जाये तो आसानी से वे अपने आयु वर्ग में गोल्ड मेडल जीत सकते हैं।       

संयोग से, नवंबर, 2015 में ही, श्री सिंह का तबादला पंजाब के लुधियाना शहर में हो गया। वे जानते थे कि खेल के मामले में पंजाब देश में अव्वल है। इसलिए, उन्हें यहाँ एक अच्छा कोच मिल सकता है। इस दौरान श्री सिंह ने ओ पी जैयशा के जीवन के बारे में लेख पढ़ा। लेख, जैयशा के जीवन संघर्ष के बारे में था, मसलन, जैयशा प्रतिकूल परिस्थितियों में भी कैसे सफलता की ऊंचाइयों तक पहुँची। उसी लेख में, श्री सिंह को जैयशा के पति और एथलीट के कोच श्री गुरमीत सिंह जी के बारे में जानकारी मिली।

यह भी पता चला कि जैयशा को सफलता के शिखर तक पहुंचाने में सबसे महत्वपूर्ण योगदान श्री गुरमीत जी का रहा है। लेख में बताया गया था कि श्री गुरमीत लुधियाना से हैं। श्री सिंह ने श्री गुरमीत जी से उन्हें प्रशिक्षित करने का आग्रह किया, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया।     

महज 6 महीनों के पेशेवर प्रशिक्षण के बाद, श्री सिंह ने जुलाई, 2016 में चंडीगढ़ के 21 किलोमीटर हॉफ मैराथन, रन द नाइट ग्लो में हिस्सा लिया और अपने आयु वर्ग में गोल्ड मेडल जीता। इस प्रतियोगिता में, श्री सिंह को ओवर ऑल 12वां स्थान हासिल हुआ। श्री सिंह ने अगस्त, 2016 में मुंबई में हुए आईडीबीआई हॉफ मैराथन में छठा स्थान प्राप्त किया तो अक्टूबर, 16 में आयोजित बड़ौदा अल्ट्रा हाफ मैराथन में चौथा स्थान। दिसंबर, 2016 को टाटा स्टील द्वारा आयोजित की जाने वाली कोलकात्ता हॉफ मैराथन में श्री सिंह ने तीसरा स्थान हासिल किया।     

20 नवंबर, 2016 को दिल्ली में आयोजित एयरटेल डेल्ही हॉफ मैराथन में श्री सिंह ने 19वां स्थान हासिल किया। यह उपलब्धि उन्होंने चिकनगुनिया से पीड़ित होने के बाद हासिल किया था। श्री सिंह ने इस हॉफ मैराथन को 1 घंटा 38 मिनट में पूरा किया था, जबकि 2015 में इसी दूरी को तय करने में उन्होंने 1 घंटा 55 मिनट का समय लिया था और उनका 153वां स्थान रहा था।

उपलब्धि के दृष्टिकोण से यह एक लंबी छलांग थी। श्री सिंह ने 2016 में हुए आईडीबीआई मुंबई हॉफ मैराथन में छठा स्थान हासिल किया तो 2017 में मुंबई में आयोजित स्टैंडर्ड चार्टर्ड हॉफ मैराथन में चौथा स्थान हासिल किया। 2017 के दिसंबर में पटना में हुए हॉफ मैराथन में श्री सिंह ने दूसरा स्थान हासिल किया।     

श्री सिंह के हॉफ मैराथन का कारवां यूं ही आगे बढ़ रहा था। इसी बीच, उन्हें बोस्टन मैराथन के बारे में पता चला। लोगों ने कहा कि बिना बोस्टन मैराथन दौड़े आपके मैराथन दौड़ने का सफर अधूरा है। चूँकि, बोस्टन मैराथन फुल यानी 42 किलोमीटर का होता है। इसलिये, श्री सिंह ने हॉफ मैराथन की जगह फुल मैराथन दौड़ना शुरू कर दिया।  

फिर, 2017 में ही लॉन्गफोर्ड, आयरलैंड में अगस्त महीने में हुए फुल मैराथन में श्री सिंह ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। फिर भी, वे बोस्टन मैराथन के लिये पात्रता हासिल नहीं कर सके। पुनश्च: 2017 में हुए आईडीबीआई दिल्ली फुल मैराथन में उन्होंने 13वां स्थान हासिल किया, लेकिन अपने लक्ष्य को हासिल करने से चूक गये। वर्ष 2018 में हुए आईडीबीआई दिल्ली फुल मैराथन में श्री सिंह ने 9वां स्थान हासिल करते हुए बोस्टन मैराथन की पात्रता हासिल कर ली। यह दूरी श्री सिंह ने 3 घंटे 24 मिनट में पूरी की।

श्री सिंह ने 2019 में बोस्टन मैराथन में हिस्सा लिया। यह श्री सिंह के सपने के साकार होने जैसा था, क्योंकि बोस्टन मैराथन को दुनिया भर में मैराथन का मक्का-मदीना माना जाता है। उसके बाद, अप्रैल, 2018 में चंडीगढ़ में आयोजित डेली वर्ल्ड फुल मैराथन को 3 घंटे 32 मिनट में पूरी करते हुए गोल्ड मेडल जीतने का गौरव हासिल किया। श्री सिंह डेली वर्ल्ड मैराथन के ब्रांड एमबेस्डर भी रहे हैं।

श्री सिंह 2017 एवं 2018 में पंजाब मास्टर एथलेटिक्स के 400 व 800 मीटर में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। श्री सिंह ने 2019 में गुंटूर में संपन्न हुए राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में पंजाब का प्रतिनिधित्व करते 800 मीटर संवर्ग में कांस्य पदक भी जीत चुके हैं। वैसे, श्री सिंह स्वर्ण पदक के हकदार थे, लेकिन फिनिशिंग लाइन से कुछ मीटर पहले गिर जाने की वजह से उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।

श्री सिंह 2019 में मलेशिया की राजधानी क्वालालांपुर में आयोजित की गई एशियाई खेल में देश का प्रतिनिधित्व करते हुए 800 मीटर संवर्ग में 2.25 मिनट का समय लेकर 5वां स्थान प्राप्त कर चुके हैं। आम तौर पर मैराथन दौड़ने वाले 400 या 800 मीटर जैसी कम दूरी की स्पर्धाओं में भाग नहीं लेते हैं। यह श्री सिंह की विलक्षण प्रतिभा ही है कि वे मैराथन और छोटी दूरी की स्पर्धाओं में साथ-साथ अपनी जीत का परचम लहरा रहे हैं।   

2020 में कोरोना के आक्रमण से दुनिया थम सी गई थी। हर जगह डर और खौफ का माहौल था। ऐसे आपातकाल में श्री सिंह का मैराथन दौड़ना भी बंद हो गया, लेकिन जैसे ही महामारी का प्रकोप कम हुआ, श्री सिंह ने सितंबर 2021 में आयोजित की गई शिवालिक हिल्स हॉफ मैराथन में हिस्सा लिया और बिना अभ्यास के चौथा स्थान हासिल किया।

2022 और 2023 के सितंबर महीने तक पारिवारिक कारणों से श्री सिंह अभ्यास एवं मैराथन दोनों से दूर रहे, लेकिन 15 अक्तूबर को दिल्ली में आयोजित वेदांता हॉफ मैराथन में बिना तैयारी के 26वां स्थान हासिल किया। श्री सिंह ने पुनः 26 नवंबर 2023 को अहमदाबाद में आयोजित किये गये अडानी फुल मैराथन में 3 घंटे, 55 मिनट और 57 सेकेंड समय के साथ सातवाँ स्थान हासिल किया। फिर, चंडीगढ़ में 18 फरवरी 2024 को आयोजित सीएफएम फुल मैराथन में श्री सिंह ने 3 घंटे 32 मिनट और 1 सेकेंड समय के साथ ओवरऑल 16वां रैंक हासिल किया। साथ ही, बोस्टन एवं शिकागो मैराथन में हिस्सा लेने की पात्रता भी हासिल कर ली। अडानी मैराथन की तुलना में चंडीगढ़ मैराथन में श्री सिंह की टाइमिंग में काफी सुधार आया, जो दर्शाता है कि श्री फिर से ट्रैक पर आ चुके हैं और जल्द ही कुछ और शानदार उपलब्धियां श्री सिंह के खाते में आने वाली हैं।

सतीश सिंह-अहमदाबाद स्थित वरिष्ठ स्तंभकार हैं,विचार व्यक्तिगत हैं