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काेराेना के नाम पर मास्काें की दलाली

अब तक के  इतिहास में दिल्ली  में काेराेना वायरस काे लेकर जाे हङकंप मचा है इसकाे लेकर दिल्ली और केन्द्र सरकार के साथ साथ दिल्ली के डाक्टराें ने जाे तत्परता दिखाई उसकाे लेकर डाक्टराें की जितनी प्रशंसा की जाये कम  है । क्याेंकि अक्सर भारत देश में काेई भी बीमारी फैलनें पर ही डाक्टराें काे जब सरकार से आदेश मिलता था तब जाकर कुछ करते थे । पर  इस बार डाक्टराें  ने चीन में हुई माैताें काे देखकर डाक्टराें  ने मरीजाें का इलाज ही नहीं किया बल्कि उनकी मदद भी है। इसका सीधा उदाहरण दिल्ली के सरकारी और  निजी अस्पतालाें में देखनें काे मिल रहा है।इस समय दिल्ली में मेडिकल स्टाेराें में मास्काें का टाेटा है । मास्काें की दिल्ली एनसीआर में जमकर दलाली चल रही है जाे गरीबाें के लिये काफी परेशानी का कारण बना हुआ है। सफदरजंग अस्पताल , लाेकनायक अस्पताल ओर दिल्ली नगर निगम के कई अस्पतालाें में आलम यें है  कि यहां पर खुले आम मास्काें की दलाली में यहां के स्वास्थ्य कर्मचाऱी काेराेना जैसी खतरनाक बीमारी का भय दिखाकर एक मास्क की कीमत 18 से 20 रुपयें वसूलें में लगे है।

यहाँ पर इलाज कराने आयें मरीजाें ने बताया कि उनकाे काेराेना वायरस नहीं है । पर सावधानी के ताैर पर मास्काें काे लेने आये ताे यहाँ मास्काें के नाम पर कालाबाजारी का सामना करना पडा । तहलका संवाददाता काे इलाज कराने आये सुरेश ने बताया कि मास्काें की दलाली की शिकायत उन्हाेंने दिल्ली के सी एम और केन्द्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्री से की है।  

कांग्रेस के ७ सदस्य सत्र की बाकी अवधि के लिए निलंबित

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सात कांग्रेस सदस्यों को इस सत्र की बाकी की अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया है। उनपर सदन के भीतर हंगामा करने का आरोप था। अभी सत्र ३ अप्रैल तक चलना है। कांग्रेस ने पार्टी सदस्यों के निलंबन को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसका विरोध किया है।

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने गुरूवार को कांग्रेस सदस्यों गौरव गोगोई, टीएन प्रतापन, डीन कुरियाकोस, राजमोहन उन्नीथन, बैनी बहनान, मणिकम टेगोर और गुरजीत सिंह औजला को निलंबित करने संबंधी प्रस्ताव सदन में पेश किया। इसे सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया। पीठासीन सभापति ने मीनाक्षी लेखी ने कहा कि जिन माननीय सदस्यों को निलंबित किया गया है, वे तुरंत बाहर चले जाएं।

गौरतलब है कि दिल्ली हिंसा पर चर्चा कराने के लिए अड़े विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा था कि इस पर और हर मुद्दे पर सरकार होली के बाद लोकसभा में चर्चा कराने के लिये तैयार है। उनके इस प्रस्ताव पर विपक्षी सांसद भड़क गए थे और पन्ने फाड़कर स्पीकर की ओर फेंकने लगे थे। ओम बिरला ने हंगामा कर रहे विपक्ष के सांसदों को नसीहत देते हुए कहा था कि सदन में प्ले कार्ड लाना ठीक नहीं है।

उन्होंने कहा था कि सदन सबकी सहमति से चलता है। इसके साथ ही ओम बिरला ने उन सांसदों को चेतावनी दी कि वेल में आने वाले कार्रवाई होगी फिर चाहे वे सत्ता पक्ष के सांसद हों या फिर विपक्ष के। ओम बिरला ने कहा था कि सांसद को पूरे सत्र के लिए निलंबित किया जाएगा, लेकिन अध्यक्ष की हिदायतों के बाद भी लोकसभा में हंगामा जारी रहा था।

निर्भया मामले में नया डेथ वारंट जारी, २० मार्च को सुबह ५.३० बजे फांसी

निर्भया के चार दोषियों को फांसी देने के लिए नया डेथ वारंट जारी हो गया है। अब यह फांसी २० मार्च को सुबह ५.३० बजे होगी।

राष्ट्रपति ने बुधवार को ही चौथे दोषी पवन गुप्ता की दया याचिका खारिज की थी जिसके बाद सभी चार दोषियों के कानूनी अधिकार इस्तेमाल हो गए थे। अब दोषियों को २० मार्च को सुबह ५.३० बजे फांसी का नया डेथ वारंट जारी कर दिया गया है।

इससे पहले चारों दोषियों ने अपने-अपने वकीलों के जरिये बचाव के सभी कानूनी लाभ की कोशिश की थी लेकिन उनकी तमाम याचिकाएं सब तरफ से खारिज हो गयी थीं। दोषियों के वकील ने दावा किया था कि अभी उनके पास काफी विकल्प हैं और उनका उपयोग किया जाएगा।

इससे पहले चारों दोषियों के लीयते तीन बार डेथ वारंट जारी हुआ था लेकिन उसपर अमल नहीं किया जा सका था क्योंकि दोषियों के कुछ कानूनी विकल्प बचे हुए थे।

छह करोड़ अंशधारकों को बड़ा झटका, पीएफ ब्याज दर घटकर ८.५ फीसदी हुई

साल २०१३-१४ में कर्मचारी भविष्य निधि (पीएफ) की जो ब्याज दर ८.७५ फीसदी थी वो घटकर अब ८.५ पर पहुँच गयी है। गुरूवार को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने करीब छह करोड़ अंशधारकों को बड़ा झटका दिया जब उसने यह दर पिछली ८.६५ से घटाकर ८.५० करने का ऐलान किया। सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक में पीएफ जमा पर ब्याज दर घटाने का यह फैसला किया गया।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने इस तरह वित्त वर्ष २०१९-२० के लिए पीएफ ब्याज दरों में  ०.१५ फीसदी की कटौती कर दी है। केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने गुरूवार को यह जानकारी दी।

आंकड़ों  को देखें तो नई ब्याज दर पिछले सात साल में सबसे कम है। हालांकि, वित्त वर्ष २०१२-१३ में भी एक बार इसे ८.५ किया गया था, हालांकि उसके बाद २०१३-१४ में इसे बढाकर ८.७५ फीसदी कर दिया गया था। अब ईपीएफओ अपने सदस्यों को उनकी भविष्य निधि (पीएफ) पर ८. ५ फीसदी ही ब्याज देगा।

सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की गुरूवार को हुई बैठक में प्रोविडेंट फंड (पीएफ) जमा पर ब्याज दर घटाने का फैसला किया गया। लॉन्ग टर्म एफडी, बॉन्ड और सरकारी प्रतिभूतियों से ईपीएफओ को मिलने वाले रिटर्न में सालभर में ५०-८० बेसिस पॉइंट्स की कमी आई है और इसे ब्याज दर घटाने का बड़ा कारण माना जा रहा है। वित्त मंत्रालय भी श्रम मंत्रालय पर इस बात के लिए दबाव बना रहा था कि ईपीएफ पर ब्याज दर को सरकार की अन्य लघु बचत योजनाओं मसलन भविष्य निधि जमा (पीपीएफ) और डाकघर बचत योजनाओं के समान किया जाए।

गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने से उत्तराखंडी नाखुश

उत्तराखंड के भाजपा शासित मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भले ही बजट सत्र में यह ऐलान कर दिया है कि सूबे की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण होगी, पर इससे स्थानीय लोग खुश नहीं हैं। उनकी लंबे समय से मांग रही है कि प्रदेश की स्थायी राजधानी गैरसैंण ही बनाई जाए।
उत्तराखंड के लिए यह मांग उठाने वाले पेशावर कांड के महानायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली थे। उत्तराखंड क्रांति दल ने 1992 में गैरसैंण को राज्य की औपचारिक राजधानी तक घोषित कर दिया था। इस पर 1994 मेें अनशन भी किया गया था, जिसके बाद मुलायम सरकार झुक गई थी और अलग राज्य बनाए जाने की बात कही गई थी।
9 नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तराखंड बना था, तब ही गैरसैंण राजधानी बनाई गई थी, देहरादून को अस्थायी राजधानी बनी थी। गैरसैंण को राजधानी बनाए जाने को लेकर फिर से आंदोलन शुरू हुए और राज्य आंदोलनकारियों ने ‘पहाड़ी प्रदेश की राजधानी पहाड़ हो’ का नारा बुलंद किया।
इसलिए गैरसैण को जनभावनाओं की राजधानी भी कहा जाने लगा। अब भी महज ग्रीष्मकालीन राजधानी का दर्जा दिए जाने से अधिकतर पहाड़ी लोग खुश नहीं हैं। वे चाहते हैं कि स्थायी राजधानी गैरसैंण बनाई जाए।
इसे मुुद्दा बनाकर राजनीतिक दल अपनी जीत की राह तो बनाते रहे, यहां तक कि कांग्रेस की विजय बहुगुणा सरकार के शासनकाल में गैरसैंण राजधानी की उम्मीदें तब ज्यादा प्रबल हुई थीं जब उन्होंने यहां विधानसभा भवन, सचिवालय, ट्रांजिट हॉस्टल और विधायक आवास का शिलान्यास किया। इसके बाद पूर्व सीएम हरीश रावत के कार्यकाल के दौरान ये बनकर तैयार भी हो गए। अब तक यहां पर विधानसभा छह सत्र भी आयोजित हो चुके हैं।
बता दें कि उत्तराखंड के बजट सत्र के दौरान लंबे समय से कयासों के बीच सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर दिया। इस घोषणा के साथ ही प्रदेश में अब दो राजधानियां हो जाएंगी, लेकिन स्थायी राजधानी की पहेली कायम है। भाजपा ने अपने चुनाव संकल्प पत्र में इस मुद्दे को शामिल किया था।

ओ माई गॉड… ये इंदौर है क्या…!

सिडनी से इंदौर आई सुधा शर्मा ने एयरपोर्ट से बाहर जैसे ही कदम रखे, आसपास सब कुछ बदला-सा देखकर उसके मुंह से यही शब्द निकले – ओ माई गॉड ये इंदौर है क्या। वह दस साल बाद इंदौर आई थी। तीन साल पहले गंदगी वाला शहर। लेकिन यही शहर पिछले तीन सालों से बराबर देश के सबसे साफ शहर में अव्वल रहा है। इसे ’क्लिनेस्ट सिटी ऑफ इंडिया’ का खिताब मिला। सबसे खास बात यह है कि इंदौर शहर स्वच्छता की रैंकिंग में आने के बाद रहने लायक शहर में भी शुमार हो चुका है। आइए जानते हैं इस शहर को स्वच्छता में अव्वल लाने पर क्या-क्या कदम उठाए गए हैं।

इंदौर के लोगों का कहना है कि शहर में गंदगी का जो आलम था, उस दृष्टि से इस शहर को स्वच्छ बना पाना सपने जैसा लगता था लेकिन यहां के नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों के दृढ़ संकस्प और मेहनत के चलते इंदौर शहर की काया बदल गई। बल्कि पांच जनवरी 2020 को शहर की पहली आदर्श, स्वच्छ और स्मार्ट सड़क के लोकार्पण समारोह के अवसर पर लोगों ने इस सड़क पर बैठकर खाना खाया था। शायद यह स्वच्छता का जश्न मनाने का रोचक ढंग था। इंदौर की अव्वल नंबर पर लाने के लिए निगम की महापौर रही मालिनी गौड़, तत्कालीन कमिश्नर मनीष सिंह और वर्तमान कमिश्नर आशीष सिंह की भूमिका सराहनीय है।

नगर निगम इंदौर के टीम लीडर प्रोजेक्ट डिजाइन एंड मैनेजमेंट कंसल्मेंट असद वारसी का कहना है कि इंदौर शहर अगर क्लीनेस्ट सिटी ऑफ इंडिया बन पाया है तो उसके पीछे राजनीतिक इच्छाशक्ति, प्रशासनिक इच्छाशक्ति दौर  जनता के सहयोग से यह सब हो पाया है। उन्होंने बताया कि इंदौर में आवाज के प्रदूषण को कम करने और ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए भी लगातार काम कर रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार प्रशांत राय पे बताया कि इंदौर ऐसा शहर है जो सर्वधर्म समभाव का उदाहरण माना जा सकता है। गुजराती, मराठी, बंगाली या पंजाबी होने की लीक से परे इंदौर की पहचान किसी विशेष जाति, सम्पुदाय या धर्म से नहीं है। यहां तक राजनीतिक लोग भी मुद्दों पर चाहे बहस करते हों लेकिन सर्व हित के लिए आपस में मिलकर बैठते हैं। स्वच्छता अभिमान भी इसी धारणा साकार हो पाया है। यहां के एक मंत्री का जिक्र करते हुए वे कहते हैं कि शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी की सादगी बड़ी रोचक है। ये मंत्री साइकिल से चलते हैं और यहां कहीं चाय की तलब हो, वहीं किसी के घर अपनी पहचान बताकर चले जाते हैं चाय पीने। ऐेसे नेता जनता में अपनी अमिट छाप बना लेते हैं।

गायिका लता मेंगेश्कर, अभिनेता सलमान खान और शायद राहत इंदौरी की जन्मभूमि है इंदौर शहर। सांस्कृतिक गतिविधियों के चलते लोगों का आपस में काफी जुड़ाव रहता है। यहां के लोग खाने के भी काफी शौकीन हैं। छप्पन दुकान और सर्राफा बाजारा फूडियों का खास कंेंद्र है। यहां खाने की ओटें रात दो-ढाई बजे तक चलती हैं। बाजार दिन जैसी रोशनी से नहाया रहता है। छप्पन दूकान में हर तरह का खाना उपलब्ध रहता है। इस बाजार को विश्वस्तरीय स्मार्ट मार्केेट बनाने के लिए नगर निगम ने चार करोड़ रुपए की लागत से काम शुरू किया हुआ है जो छप्पन दिन में ही पूरा किया जाएगा। हर दिन काम की फीडबैक ली जाती है। नो व्हीकल जोन के अलावा इस बाजार का सौंदयीकरण भी किया जाएगा।

होली का त्योहार आने वाला है। शहर में रंगपंचमी का त्योहार सबसे खास है और बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। ट्रकों में रंगों के ड्रम भरे रहते हैं जहां से तीन-चार मंजिल तक पिचकारी से रंग फेंका जाता है। संध्या इस शहर में पिछले कई सालों से रह रही हैं और वरिष्ठ लेखिका हैं, बताती हैं कि स्वच्छता में नंबर वन आने के बाद सफाई से किसी तरह का समझौता नहीं किया जाता। त्योहार के बाद दो-तीन घंटे में ऐसी सफाई हो जाती है कि अगले दिन कहीं कोई रंग बिखरा नज़र नहीं आता। रंग भी ऑर्गेनिक ही इस्तेमान किए जाते हैं।

स्वच्छता सर्वेक्षण में फीडवैक के तरीकेः सर्वेक्षण करने वाली टीम लोेगों के घरों में जाकर सीधे बात करती है। इसके अलावा स्वच्छता ऐप्प, इंदौर  311 ऐप वोट फॉर माई सिटी और टोल फ्री नंबर 1969 पर कॉल की जा सकती है।

क्या -क्या पूछे जाते हैं सवाल- क्या आप अपने शहर का ओडीएफ स्टेट्स जानते हैं। क्या आप अपने शहर के कचरामुक्त सिटी की स्टार रेटिंग के बारे में जानते हैं। – क्या आप जानते हैं कि आपका शहर स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में भाग ले रहा है। – आप अपने शहर की सफाई के लिए कितने अंक देना चाहेंगे। – अपने शहर के व्यावसायिक व सार्वजनिक स्थानों की सफाई को कितने अंक देना चाहेंगे। – क्या आपसे सूखा व गीला कचरा अलग-अलग मांगा जाता है। – क्या आपके शहर मेें रोड़ डिवाइडर पर पौधारोपण हुआ है। – शहर के सार्वजनिक व सामुदायिक शौचालयों की सफाई के आप कितने अंक देना चाहेंगे।

थूकने वालों को सिहाज नहीं – शहर को पहचान देती ग्रेटर कैलाश रोड अथवा आदर्श रोड़, आदर्श और स्मार्ट बनाई गई है। लेकिन बदकिस्मती है कि पान खाकर थूकने वालों को स्वच्छ शहर की रैंकिंग से कोई लेना-देना नहीं। सड़क किनारे कई जगह दीवार के नीचे और स्टील के खंभों के नीचे पान की पीक दिखाई देती है। इसको लेकर भी नगर निगम के लोगों को गंभीरता से एक्शन लेने की जरूरत है।

स्वास्थ्य मंत्री का राज्यसभा में ब्यान, देश कोरोना के लिए तैयार, घबराने की जरूरत नहीं, अब तक २९ मामले  

स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने गुरूवार को राज्य सभा में एक ब्यान में बताया कि देश में कोरोना से निबटने के लिए पूरी तैयारी है और घबराने जैसी कोइ बात नहीं है। अभी तक देश में कोरोना के २९ पॉजिटीव मामले पाए गए हैं। भारत में अभी तक पाए गए सभी मरीजों की निगरानी की जा रही है। वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत ने डब्ल्यूएचओ की सलाह से बहुत पहले १७ जनवरी से आवश्यक तैयारी और कार्रवाई शुरू कर दी थी।

राज्य सभा में देश में फैल रहे कोरोना वायरस का मुद्दा गुरूवार को उठा। कांग्रेस सदस्य गुलाम नबी आजाद ने यह मुद्दा उठाया। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने एक बयान देकर बताया कि भारत में अभी तक पाए गए सभी मरीजों की निगरानी की जा रही है। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के २९ मामले अब तक आ चुके हैं और  विदेश से आए लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इसे देखते हुए विदेश से आने वाले सभी यात्रियों पर सरकार नजर बनाए हुए हैं। इटली से आए लोग कोरोना से संक्रमित हैं। बयान में मंत्री ने कहा – ”देश में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित २९ मरीजों का पता चला है। इनमें तीन मरीज ठीक हो चुके हैं। दिल्ली से एक मरीज पॉजिटिव पाया गया, जो इटली से आया था। ग्रुप ऑफ मिनिस्टर कोरोना वायरस के मामलों पर नजर बनाये हुए है।”

हर्षवर्धन ने बताया कि पूरे मामले पर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) भी नजर बनाए हुए हैं। चार मार्च तक अलग-अलग देशों से आने वाले ६,११,१७६ यात्रियों की अलग-अलग स्क्रीनिंग की जा चुकी है। हर्षवर्धन ने कहा कि चीन के वुहान से भारतीयों को सकुशल निकाला जा चुका है। वहां से आए सभी यात्रियों के टेस्ट निगेटिव पाए गए हैं।  कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए चीन, जापान और इटली जाने वाले लोगों का वीजा रद्द कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि मंत्रालय की ओर से सभी राज्यों को गाइडलाइन जारी की गई है।

जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल के आवास पर छापे, मामला दर्ज  

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल के यहाँ छापे मारे हैं। यह छापे बुधवार को उनसे लम्बी पूछताछ के बाद मारे गए हैं। ईडी ने उनके खिलाफ धनशोधन का मामला भी दर्ज किया है।

पूछताछ के बाद ईडी की टीम ने उनके मुंबई स्थित आवास पर छापेमारी की। गोयल के खिलाफ यह कार्रवाई मुंबई पुलिस के पास दर्ज एक ट्रैवल कंपनी की शिकायत के आधार पर की गयी। उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया जिसमें उनपर धनशोधन का आरोप है।

गौरतलब है कि एक ट्रैवल कंपनी ने गोयल और उनकी पत्नी अनिता गोयल पर ४६  करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी का आरोप लगाया है और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई हुई है। इसीके आधार पर ईडी ने गोयल, उनकी पत्नी और   जेट एयरवेज के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

मुंबई पुलिस ने १८ फरवरी को एक अदालती आदेश के आधार पर नरेश गोयल और उनकी पत्नी के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। यह शिकायत अकबर ट्रैवल्स ऑफ इंडिया प्रा. लि. के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) की तरफ से दर्ज कराई गयी थी। ट्रैवल एजेंसी ने आरोप लगाया कि जेट एयरवेज ने वित्तीय संकट को छिपाया और ट्रैवल एजेंसी को आश्वासन दिया कि उन्हें कोई नुकसान नहीं होगा। ट्रैवल एजेंसी ने आरोपियों के आश्वासन पर सस्ती दरों पर मैनचेस्टर-मुंबई उड़ान के टिकट बेचे। आरोप के मुताबिक जनवरी २०१९ में कुछ जेट उड़ानों को रद्द कर दिया गया, जिससे शिकायतकर्ता को आरोपी से संपर्क करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

भारत आईसीसी महिला टी-२० विश्व कप फाइनल में, बारिश से सेमीफाइनल रद्द  

भारत आईसीसी महिला टी-२० विश्व कप के फाइनल में पहुँच गया है। बारिश के कारण ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में भारत हुए इंग्लैंड के बीच आज होने वाला पहला सेमी फाइनल मैच रद्द कर दिया गया। भारत की महिला टीम दूसरी बार आईसीसी महिला टी-२० विश्व कप के फाइनल में पहुँची है हालांकि उसने एक बार भी यह टूर्नामेंट नहीं जीता है।

बारिश के कारण यह सेमी फाइनल बिना टॉस के ही रद्द हो गया। इस तरह भारत को फाइनल में पहुँचने का अवसर मिल गया। यह दूसरी बार है कि भारत की महिला टीम इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुँची है।

भारत ने इस टूर्नामेंट के लीग मैचों में एक भी मैच नहीं हारा था जबकि इंग्लैंड को एक मैच में हार का सामना करना पड़ा था। भारत के इस टूर्नामेंट के लीग में सभी मैच जीतने के कारण आठ प्वाईंट और ०९७९ का रन रेट था। साल २०१८ में भारत को इंग्लैंड से ही सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा था।

भारत के लिए इस टूर्नामेंट में शेफाली वर्मा जबरदस्त फ़ार्म में हैं और वे अब तक १६१ रन बना चुकी हैं। दूसरा सेमीफाइनल ऑस्ट्रेलिया ुर दक्षिण अफ्रिका के बीच होना है और यदि कहीं वो मैच भी बारिश के कारण रद्द हो जाता है तो बेहतर रन औसत के कारण अक्षीण अफ्रिका फाइनल में पहुँच जाएगा।

निर्भया मामले में कल नया डेथ वारंट जारी होने की संभावना, चौथे दोषी पवन की दया याचिका भी खारिज

निर्भया दुष्कर्म-हत्या मामले में दोषियों के सभी विकल्प खत्म हो गए हैं। राष्ट्रपति के बुधवार को चौथे दोषी पवन गुप्ता की दया याचिका खारिज करते ही अब गुरूवार को फांसी के लिए नया डेथ वारंट जारी हो सकता है।

इस मामले में राम सिंह, पवन, अक्षय, विनय और मुकेश को फांसी की सजा सुनाई गयी थी। मार्च २०१४ में हाईकोर्ट और मई २०१७ में सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा बरकरार रखी थी। ट्रायल के दौरान मुख्य दोषी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। एक अन्य दोषी नाबालिग होने की वजह से तीन साल में सुधार गृह से छूट चुका है।

राष्ट्रपति की तरफ से पवन की  याचिका खारिज होने के बाद तिहाड़ प्रशासन बुधवार को नए डेथ वारंट के लिए पटिलाया हाउस कोर्ट पहुंचा। अब दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट गुरुवार दोपहर दो बजे फांसी की नई तारीख तय कर सकती है।

तिहाड़ जेल प्रशासन ने कोर्ट को बताया है कि निर्भया के चारों दोषियों के सभी कानूनी विकल्प ख़त्म हो चुके हैं और किसी दोषी की कोई याचिका कहीं भी लंबित नहीं है लिहाजा कोर्ट को नया डेथ वारंट जारी करना चाहिए। कोर्ट ने दोषियों को नोटिस जारी कर दिया है जिसपर कल दो बजे सुनवाई होगी।

इससे पहले तीन बार दोषियों की फांसी पर रोक लग चुकी है। सबसे पहले २२  जनवरी, फिर पहली फरवरी और तीसरी बार ३ मार्च को जो डेथ वारंट जारी किये गए  थे उनपर कानूनी पेंचों के चलते अमल नहीं हो सका था।