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भारत का सबसे महंगा शहर बना मुंबई

मुंबई : भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई सबसे महंगे शहर के तौर पर शीर्ष स्थान पर बनी हुई है। मुंबई ने दिल्ली जैसे शहर को पीछे छोड़ दिया है। सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। एशिया में, पहले नंबर पर मुंबई और दूसरे नंबर पर दिल्ली है। यहां खर्चे और रहने की लागत, दोनों ही मामले में यह सबसे महंगा शहर है। रैंकिंग में मुंबई छह पायदान ऊपर चढ़ गया है, जबकि दिल्ली दो पायदान ऊपर आई है।

कॉस्ट ऑफ लिविंग की मर्सर सर्वे 2024 की एक रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई अब प्रवासियों के लिए एशिया में 21वें स्थान पर है, जबकि दिल्ली सर्वे किए गए स्थानों में 30वें पोजीशन पर है। मर्सर में इंडिया मोबिलिटी लीडर राहुल शर्मा ने कहा, वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बीच भारत काफी हद तक मजबूत स्थिति में है। भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण विकास हुआ है। सर्वे के अनुसार, रोजगार वृद्धि, मध्यम वर्ग का बढ़ता दायरा और समग्र आर्थिक विकास जैसे कारकों ने देश में रहने की लागत को प्रभावित किया है।

राहुल शर्मा ने कहा, “मुंबई की रैंकिंग में वृद्धि के बावजूद, भारतीय शहरों में रहने की कम लागत ने मल्टीनेशनल कंपनियों या भारतीय कंपनियों को वैश्विक प्रतिभाओं को आकर्षित करने में काफी हद तक फायदा हुआ है।” वैश्विक स्तर पर, हांगकांग ने एक बार फिर रहने के लिए सबसे महंगे शहर की लिस्ट में टॉप पर जगह बनाई है। इस साल के सर्वे में, मुंबई 11 पायदान चढ़कर वैश्विक स्तर पर 136वें स्थान पर पहुंच गया है।

रैंकिंग में शामिल अन्य भारतीय शहरों में 4 पायदान की उछाल पर नई दिल्ली (164), 5 पायदान की गिरावट के साथ चेन्नई (189), 6 पायदान की गिरावट के साथ बेंगलुरु (195), स्थिरता पर हैदराबाद (202), 8 पायदान की उछाल के साथ पुणे (205) और 4 पायदान की उछाल के साथ कोलकाता (207) है। सर्वे में कहा गया है कि ऊर्जा और लागत के मामले में मुंबई और पुणे सबसे महंगे शहर बने हुए हैं। शर्मा ने कहा, घरेलू मांग और मजबूत सेवा क्षेत्र द्वारा संचालित हमारी संपन्न अर्थव्यवस्था वैश्विक प्रतिभा के लिए एक स्थिर वातावरण प्रदान करती है।

सकारात्मक राजनीति का परिणाम हमेशा ही सकारात्मक मिलेगा : तेजस्वी यादव

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को जहां रिक्त सरकारी पदों को भरने में मिशन मोड में काम करने का निर्देश वरिष्ठ अधिकारियों को दिया है, वहीं विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मंगलवार को नौकरियों को लेकर पुरानी महागठबंधन की सरकार को ‘क्रेडिट’ देने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि हमारी सकारात्मक राजनीति का परिणाम हमेशा ही सकारात्मक मिलेगा।

राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि हमने 𝟏𝟕 महीनों के अल्प कार्यकाल में 𝟓 लाख से अधिक सरकारी नौकरियां दी। इसी दौरान तीन लाख सरकारी नौकरियां प्रक्रियाधीन करवाई जो चुनाव आचार संहिता के कारण कुछ महीनों से रुकी थी। महागठबंधन की सरकार जाने से पहले पूर्व निर्धारित तीसरे चरण में एक लाख शिक्षकों की भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने की वजह से वह रद्द हो गयी थी।

उन्होंने आगे सरकार से कहा, “अब लोकसभा चुनाव पूर्ण हो चुके हैं। पहले से प्रक्रियाधीन तीन लाख नौकरियों के अलावा सरकार हमारी सरकार के निर्णय अनुसार सभी विभागों की बाकी रिक्तियों पर यथाशीघ्र बहाली प्रक्रिया शुरू कर नियुक्तियां कराए।”

उन्होंने दावा करते हुए एक बयान में कहा कि यही एनडीए और मुख्यमंत्री हैं जो कहते थे कि 10 लाख सरकारी नौकरियां देना असंभव है। इतनी नौकरियों का पैसा तेजस्वी कहां से लाएगा? जब हमारे साथ सरकार में आकर बैठे तो हमने साइंटिफिक तरीके से मुख्यमंत्री जी सहित वरीय अधिकारियों (जो इनके कार्यकाल में हमेशा संविदा और आउटसोर्सिंग के पक्षधर रहे) को बताया और समझाया कि कैसे 𝟏𝟎 लाख से अधिक सरकारी नौकरियां दी जा सकती हैं। इससे पहले तक वो यह मानने को ही तैयार नहीं होते थे कि बिहार में लाखों पद रिक्त भी हैं।

तेजस्वी ने आगे कहा कि हमारी सकारात्मक राजनीति का परिणाम हमेशा ही सकारात्मक मिलेगा। जिन लाखों युवक-युवतियों को नौकरियां मिली और मिलेंगी, उन पर हमारी इस पॉजिटिव और प्रोग्रेसिव और मुद्दे आधारित राजनीति का जीवन भर प्रभाव रहेगा।

एक्स ने भारत में दो लाख से अधिक खातों पर लगाया प्रतिबंध

नई दिल्ली : एलन मस्क की कंपनी एक्स ने 26 अप्रैल से 25 मई के बीच भारत में 2,29,925 खातों पर प्रतिबंध लगा दिया। इनमें से अधिकतर बाल यौन शोषण और नग्नता को बढ़ावा देने वाले थे। उथल-पुथल से गुजर रहे माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ने देश में आतंकवाद को बढ़ावा देने पर 967 खातों को भी हटा दिया। कुल मिलाकर, एक्स ने 230,892 खातों पर प्रतिबंध लगाया।

माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ने अपनी मासिक रिपोर्ट में कहा कि उसे भारत में यूजर्स से 17,580 शिकायतें मिलीं। खाता निलंबन की अपील करने वाली 76 शिकायतों पर कंपनी ने कार्रवाई की। कंपनी ने कहा, “हमें इस रिपोर्टिंग अवधि के दौरान खातों के बारे में सामान्य प्रश्नों से संबंधित 31 अनुरोध प्राप्त हुए।” भारत से सबसे अधिक शिकायतें प्रतिबंध से बचने (6,881) के बारे में थीं, इसके बाद घृणित आचरण (3,763), संवेदनशील वयस्क सामग्री (3,205) और दुर्व्यवहार/उत्पीड़न (2,815) के बारे में थीं। 26 मार्च से 25 अप्रैल के बीच, एक्स ने देश में 1,84,241 खाते प्रतिबंधित किए। माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ने अपने प्लेटफॉर्म पर आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए 1,303 खाते भी बंद किए।

बंगाल रेल हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 15 हुई

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में सोमवार सुबह हुए रेल हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 15 हो गई है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी में हुए ट्रेन हादसे में मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। इसकी घोषणा रेल मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिए दी है। उन्होंने सोमवार को एक्स पर लिखा, पीड़ितों को बढ़ी हुई अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी; मृत्यु की स्थिति में 10 लाख रुपये और गंभीर रूप से चोटिल को 2.5 लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों को 50,000 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

इससे पहले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हादसे पर दुख जताते हुए एक्स पर लिखा कि रेलवे के एनएफआर जोन में दुर्भाग्यपूर्ण हादसा हुआ है। बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। रेलवे, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ पूरे तालमेल के साथ काम कर रहे हैं। घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है।

वहीं कंचनजंगा एक्सप्रेस हादसे पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने मृतकों के परिवार वालों को 2 लाख रुपये और घायलों की 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक्स पर लिखा, ”प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की है कि पश्चिम बंगाल में रेल दुर्घटना में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।”

बता दें कि पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में सोमवार को बड़ा रेल हादसा हो गया। न्यू जलपाईगुड़ी के रंगापानी स्टेशन के पास कंचनजंगा एक्सप्रेस पर पीछे से आ रही मालगाड़ी ने टक्कर मार दी। इस हादसे में 15 लोगों की मौत हो गई है। जबकि कई यात्रियों के घायल होने की भी खबर है।

चुनाव 2024 : जनादेश में संदेश

जनादेश का संदेश बिलकुल स्पष्ट है कि ज्वलंत मुद्दों को अपने जोखिम पर नज़रअंदाज़ करें और उससे भी अधिक लोकतंत्र को विपक्ष-मुक्त बनाने का कभी सपना न देखें। अबकी बार 400 पार के नारे ने शायद यही बताने की कोशिश की थी; लेकिन यह सिर्फ़ एक बयानबाज़ी बनकर रह गया है। हालाँकि पार्टी थिंक टैंक का मानना है कि इस नारे के बिना शालीनता जनादेश को और भी मुश्किल बना देती। संदेश यह है कि जब बेरोज़गारी, मुद्रास्फीति, अग्निवीर, कृषि क्षेत्र में अशान्ति और राज्य की ताक़त का प्रदर्शन जैसे अनसुलझे मुद्दे हों, तो आप मतदाताओं को गारंटी के लिए नहीं ले सकते। एग्जिट पोल के पक्षपातपूर्ण पूर्वानुमानों ने अधिकांश मुख्यधारा की मीडिया और पक्षपाती चुनाव विशेषज्ञों को बेनक़ाब कर दिया।

इधर शेयर बाज़ारों में ख़ून-ख़राबे की स्थिति आ गयी, जब 15 महीनों में रुपये में सबसे बड़ी गिरावट देखी गयी। वास्तव में एनडीए ने इंडिया गठबंधन द्वारा दिये गये झटके से ख़ुद को उबार लिया है और एन. चंद्रबाबू नायडू जैसे क्षेत्रीय क्षत्रपों के समर्थन से केंद्र में सरकार बनायी है, जिन्हें राजनीतिक गुमनामी से हटाकर सरकार बरक़रार रखने के लिए नीतीश कुमार के साथ निर्णायक भूमिका में लाया गया है।

भाजपा ने ओडिशा में अच्छा प्रदर्शन किया है और दक्षिण में बड़ी बढ़त बनायी है। दिल्ली, हिमाचल, उत्तराखण्ड और मध्य प्रदेश में भी उसने सभी सीटों पर जीत हासिल की है। हालाँकि उत्तर प्रदेश में लगे झटके ने उसे झकझोर कर रख दिया है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि अयोध्या में राम मंदिर के गढ़ फ़ैज़ाबाद में उसे हार मिली, जहाँ समाजवादी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन ने उल्लेखनीय प्रदर्शन के साथ भाजपा प्रत्याशी को हरा दिया। 2019 में चार लाख से अधिक के मुक़ाबले वाराणसी में प्रधानमंत्री की ख़ुद की जीत का अंतर पार्टी को चिन्तित करने वाला है। महाराष्ट्र में भी आश्चर्य था। पश्चिम बंगाल में प्रतिष्ठित नेता ममता बनर्जी ने अपनी चतुर राजनीतिक बुद्धिमत्ता से अपनी स्थिति को और मज़बूत किया है। भाजपा को राजस्थान और हरियाणा में भी नुक़सान हुआ, जबकि छत्तीसगढ़ और गुजरात में उसे एक-एक सीट गँवानी पड़ी।

भले ही बिहार, ओडिशा और आंध्र प्रदेश ने एनडीए को समर्थन दिया है; लेकिन ज़ाहिर है कि अब देश को विपक्ष मुक्त होने का कोई ख़तरा नहीं है। साथ ही जनादेश ने ईवीएम और भारत के चुनाव आयोग जैसी संस्था की विश्वसनीयता पर संदेह को दूर कर दिया है। जनादेश न केवल अपने सहयोगियों के कारण, बल्कि एक मज़बूत विपक्ष के कारण भी सरकार को नियंत्रण में रखेगा। 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद यह पहली बार होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्ण बहुमत के बिना केंद्र में सरकार चलाएँगे और उनके हाथ बँधे रहेंगे; क्योंकि वह अपने एनडीए सहयोगियों पर निर्भर होंगे। चुनाव के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयानों में भी एक संदेश है, जहाँ उन्होंने विनम्रता और सर्वसम्मति की आवश्यकता पर ज़ोर दिया है। इससे पता चलता है कि जहाँ तक वैचारिक रास्ते का सवाल है, संघ भाजपा के साथ एकमत नहीं है। फिर भी यह कहना जल्दबाज़ी होगी कि ‘इंडिया’ खिल रहा है और ‘कमल’ मुरझा रहा है।

कुवैत के मजदूर कैंप की भीषण आग में 40 भारतीयों ने गंवाई जान, 30 घायल

कुवैत: मंगाफ में बुधवार सुबह एक इमारत में लगी भीषण आग में 41 लोगों की मौत हो गई और 30 घायल हो गए। मरने वालों में 40 भारतीय शामिल हैं। कुवैत में भारतीय दूतावास ने कहा कि आग की घटना में 30 से अधिक भारतीय श्रमिक घायल हो गए।

घटना स्थानीय समयानुसार सुबह 6 बजे मंगाफ शहर में हुई। न्यूज एजेंसी रायटर के हवाले से एक वरिष्ठ पुलिस कमांडर ने स्टेट टीवी को बताया, ‘जिस इमारत में आग लगी, उसका इस्तेमाल श्रमिकों के आवास के लिए किया जाता था और वहां बड़ी संख्या में श्रमिक थे।’

अधिकारियों ने बताया कि आग बुधवार तड़के कुवैत के दक्षिणी अहमदी प्रांत के मंगाफ इलाके में छह मंजिला इमारत की रसोई में लगी। अधिकारियों ने आग लगने के कारणों की जांच शुरू कर दी है। बताया जाता है कि इमारत में करीब 160 लोग रहते थे, जो एक ही कंपनी के कर्मचारी हैं।

कुवैत में भारतीय दूतावास ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, ‘भारतीय श्रमिकों से जुड़ी आग की दुखद घटना के संबंध में दूतावास ने एक इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर +965-65505246 शुरू किया है। सभी संबंधित लोगों से अनुरोध है कि वे अपडेट के लिए इस हेल्पलाइन से जुड़ें। दूतावास हर संभव सहायता करेगा।’

विदेश मंत्री एस. जयशंकर का ट्वीट

कुवैत शहर में आग लगने की घटना पर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने X पर कहा, ‘आग लगने की घटना सुनकर बहुत दुख हुआ। खबर है कि 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और 50 से ज्यादा लोग अस्पताल में भर्ती हैं। हमारे राजदूत शिविर में गए हैं। हम आगे की जानकारी का इंतजार कर रहे हैं। दुखद रूप से अपनी जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। घायलों के शीघ्र और पूर्ण स्वस्थ होने की कामना करता हूं। हमारा दूतावास इस संबंध में सभी संबंधित लोगों को पूरी सहायता देगा।’

बिल्डिंग के मालिक को गिरफ्तार करने का आदेश

कुवैत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, कुवैत के आंतरिक मंत्री शेख फहाद अल-यूसुफ अल-सबाह ने पुलिस को मंगाफ बिल्डिंग के मालिक को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है। साथ ही बिल्डिंग के चौकीदार और घटनास्थल पर आपराधिक साक्ष्य कर्मियों की जांच पूरी होने तक श्रमिकों के लिए जिम्मेदार कंपनी के मालिक को भी गिरफ्तार करने का आदेश दिया है।

मंत्री ने आग लगने की जगह का दौरा करने के बाद एक बयान में कहा, ‘आज जो कुछ हुआ, वह कंपनी और बिल्डिंग मालिकों के लालच का नतीजा है।’ उन्होंने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी तरह के सुरक्षा आवश्यकताएं पूरी करने का आदेश दिया है।

झारखंड : चकाई-देवघर मार्ग पर भीषण सड़क हादसा, 3 की मौत

झारखंड:देवघर जिला स्थित चंद्रमंडीह थाना क्षेत्र के चकाई-देवघर मुख्य मार्ग पर अहले सुबह एक भीषण सड़क हादसा हुआ। एक अनियंत्रित कार सड़क किनारे पलट गई, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि हादसे के समय कार 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी। बाउंड्री वॉल से टकराने के बाद कार तीन बार पलटी। जेसीबी और गैस कटर की मदद से कार में फंसे शवों को बाहर निकाला गया। हादसा इतना भीषण था कि कार के परखच्चे उड़ गए। सभी मृतक पटना के गर्दनीबाग मोहल्ले के रहने वाले बताए जा रहे हैं।

घटना की सूचना मिलने के बाद चंद्रमंडीह पुलिस मौके पर पहुंची और तीनों को कार से निकालकर चकाई रेफरल अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और परिजनों को मोबाइल से घटना की सूचना दे दी है।

तीनों युवकों की पहचान पटना के गोरिया टोला निवासी गोरेलाल यादव, नवादा निवासी अमन कुमार, और संतोष कुमार यादव के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि तीनों पटना से देवघर जा रहे थे। स्थानीय लोगों ने बताया कि हादसे के बाद इतनी तेज आवाज हुई कि उन्हें लगा कि कोई बम फटा है। जिसके बाद वे मौके पर पहुंचे और चंद्रमंडीह थाने की पुलिस को हादसे की सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर गाड़ी में फंसे तीनों युवकों को बाहर निकाला, तब तक तीनों की मौत हो चुकी थी। जिसके बाद चंद्रमंडीह थाने की पुलिस ने मृतकों के परिजनों को पूरे मामले की जानकारी दी।

मोहन मांझी चुने गए ओड़िशा के नए मुख्यमंत्री

भुवनेश्वर: ओड़िशा के नए मुख्यमंत्री के रूप में मोहन चरण माझी का चयन भाजपा विधायक दल की बैठक में किया गया। इस बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव उपस्थित थे। भुवनेश्वर में आयोजित इस बैठक में माझी के नाम की घोषणा की गई।

भाजपा ने ओड़िशा विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करते हुए करीब 24 साल से सत्ता पर काबिज बीजू जनता दल (बीजद) को सत्ता से बेदखल कर दिया है। माझी कल मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। साथ ही, प्रभाती परिदा और केवी सिंह देव को उप मुख्यमंत्री (डिप्टी सीएम) के पद पर नियुक्त किया जाएगा।

इस महत्वपूर्ण जीत के साथ, भाजपा ने ओड़िशा की राजनीतिक परिदृश्य में एक नया अध्याय शुरू किया है। पार्टी के इस कदम से राज्य की राजनीति में नए समीकरण बनते दिखाई दे रहे हैं। मोहन माझी के नेतृत्व में भाजपा सरकार से राज्य के विकास और नई नीतियों की उम्मीद की जा रही है।

मोदी सरकार के विभागों का बंटवारा,जानिए किसे कौन सा मंत्रालय मिला

नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी ने कल प्रधानमंत्री पद की शपथ ली उनके साथ सभी सांसदों ने मंत्री पद की शपथ ली। इसके बाद लोगों को यह इंतजार था कि किस मंत्री को कौन सा मंत्रालय दिया जाएगा। इसका फैसला भी अब हो गया है। आज मोदी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक हुई जिसमें विभागों का बंटवारा कर दिया गया है।

शिवराज सिंह चौहान को दो मंत्रालय मिले हैं, उन्हें पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय की कमान सौंपी गई है।इसके अलावा उन्हें कृषि मंत्रालय भी सौंपा गया है।
ज्योतिरादित्य सिधिया टेलीकॉम मंत्रालय संभालेंगे।
भूपेंद्र यादव को पर्यावरण मंत्री की कमान दी गई है।
प्रह्लालाद जोशी को उपभोक्ता मंत्री बनाया गया है।
मोदी सरकार में रवनीत बिट्टू अल्पसंख्यक राज्यमंत्री बनाए गए।
सर्बानंद सोनोवाल को जहाजरानी मंत्रालय की कमान दी गई है।
टीडीपी नेता राममोहन नायडू को नागरिक उड्डयन मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया है।
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया है।
धर्मेंद्र प्रधान मोदी 3.0 में भी शिक्षा मंत्री बने रहेंगे।
किरण रिजिजू को संसदीय कार्य मंत्री बनाया गया है।
चिराग पासवान को खेल एवं युवा मंत्रालय की कमान सौंपी गई है।
गजेंद्र शेखावत को कला पर्यटन और संस्कृति मंत्री बनाया गया है।इसके अलावा सुरेश गोपी को पर्यटन कला संस्कृति राज्य मंत्री बनाया गया है।
पीयूष गोयल को वाणिज्य मंत्री बनाया गया है, जबकि श्रीपद नाईक को ऊर्जा राज्यमंत्री बनाया गया है।
मोदी 3.0 में सीआर पाटिल को जल शक्ति मंत्रालय की कमान सौंपी गई है।
अश्विनी वैष्णव को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की कमान सौंपी गई है। वैष्णव मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में रेल मंत्री थे।
हरियाणा से बीजेपी नेता और पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर को पावर मिनिस्टर बनाया गया है।वहीं, श्रीपद नायक एमओएस पावर होंगे।
मनोहर लाल खट्टर को आवास एवं शहरी मामलों का प्रभार भी मिल सकता है, तोखन साहू राज्यमंत्री होंगे।
विदेश मंत्रालय की कमान एक बार फिर से एस जयंशकर को दिया गया है।

लोकसभा चुनाव के नतीजों : NDA पर तीसरी बार भरोसा जताया…

Indian Prime Minister Narendra Modi gestures as he arrives at Bharatiya Janata Party (BJP) headquarters in New Delhi, India, June 4, 2024. REUTERS/Adnan Abidi

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि जनता ने तीसरी बार एनडीए पर विश्वास जताया, हम नई ऊर्जा, उमंग और संकल्प के साथ आगे बढ़ेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के इतिहास में ये एक अभूतपूर्व पल है।

पीएम मोदी ने कहा, “मैं इस स्नेह और आशीर्वाद के लिए अपने परिवारजनों को नमन करता हूं। मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हम नई ऊर्जा, नई उमंग, नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ेंगे। सभी कार्यकर्ताओं ने जिस समर्पण भाव से अथक मेहनत की है, मैं इसके लिए उनका हृदय से आभार व्यक्त करता हूं, अभिनंदन करता हूं।”

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में देश की जनता के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि यह विजय उनके विश्वास और समर्थन की वजह से ही संभव हो सकी है। उन्होंने देशवासियों को आश्वासन दिया कि उनकी सरकार जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए निरंतर प्रयासरत रहेगी और देश को प्रगति के पथ पर आगे ले जाएगी।

मोदी ने सभी एनडीए कार्यकर्ताओं के समर्पण और मेहनत की सराहना करते हुए कहा कि उनके प्रयासों के बिना यह सफलता संभव नहीं होती। उन्होंने इस चुनाव को लोकतंत्र का महोत्सव बताते हुए सभी नागरिकों को धन्यवाद दिया जिन्होंने इसमें हिस्सा लिया और इसे सफल बनाया।

इस ऐतिहासिक विजय के साथ, प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार को जनता की सेवा करने का एक और मौका मिला है, और उन्होंने इस अवसर को पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ निभाने का वचन दिया है।