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राहुल गांधी बस में पार्टी सांसदों के साथ दिल्ली दंगा पीड़ित इलाकों में प्रभावितों से मिलने निकले

दिल्ली दंगों को लेकर लगातार संसद के भीतर मोदी सरकार पर हमला कर रही कांग्रेस के नेता राहुल गांधी अब से कुछ देर पहले दंगा पीड़ित इलाकों के लिए निकले हैं। उनके साथ पार्टी के सांसद भी हैं।

जानकारी के मुताबिक राहुल गांधी और यह सांसद एक बस में दंगा पीड़ित इलाकों के लिए निकले हैं जहाँ वे पीड़ितों से मिलकर उनका हाल जानेंगे। कांग्रेस इस मामले को लेकर संसद में भी बहुत मुखर है और लगातार मोदी सरकार पर हमला कर रही है।

कांग्रेस नेता बार-बार आरोप लगा रहे हैं कि केंद्र सरकार इन दंगों के मामले में जिम्मेवार है और गृह मंत्री अमित शाह को इस्तीफा दे देना चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में कई विपक्षी दल राष्ट्रपति से भी इस सिलसिले में मिल चुके हैं।

अब राहुल गांधी बुधवार को दिल्ली के दंगे से प्रभावित इलाकों के लिए जा रहे हैं। वहां अभी तक सरकार से लेकर किसी भी विपक्षी नेता ने जाने की जहमत नहीं उठाई थी। इस लिहाज से राहुल गांधी पहले ऐसे राष्ट्रीय नेता हैं जो दंगे से पीड़ित लोगों का दिख-दर्द जानने उनके बीच जा रहे हैं।

राहुल एक बस में सवार हैं और उनके साथ कांग्रेस के अन्य सांसद और कुछ नेता भी हैं। वे करीब ४३५ पर अपने निवास से निकले हैं।

सर्वोच्च न्यायालय का दिल्ली हाई कोर्ट को हिंसा मामले की सुनवाई ६ मार्च से करने का निर्देश

सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को दिल्ली में हाल में हुई हिंसा के मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय को एक बड़ा आदेश देते हुए हिंसा से जुड़ी तमाम याचिकाओं पर इसी शुक्रवार को सुनवाई करने को कहा है। पहले हाई कोर्ट ने इस मामले पर अगली  सुनवाई १३ अप्रैल के लिए तय की थी। याद रहे दिल्ली हिंसा में अब तक ४८ लोगों की मौत हो चुकी है और बड़ी संख्या में घायल अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं।

सर्वोच्च अदालत ने दिल्ली हिंसा के मामले में भाजपा नेताओं के कथित भड़काऊ भाषणों को लेकर एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली पीआईएल (जनहित याचिका) पर सर्वोच्च अदालत ने दिल्ली उच्च न्यायालय को निर्देश दिया कि वह ६ मार्च को इस मामले को सुने। सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि इस मामले की सुनवाई एक महीने के लिए टाल देना न्यायसंगत नहीं है। उच्च न्यायालय ने इस मामले  की सुनवाई १३ अप्रैल तक के लिए टाल दी थी।

सर्वोच्च अदालत ने बुधवार को अपने निर्देश में कहा – ”न्याय के हित में हाईकोर्ट को निर्देश दिया जाता है कि मामले की सुनवाई शुक्रवार को करे। हेट स्पीच समेत इस हिंसा से जुड़ी सभी याचिकाओं पर शुक्रवार को सुनवाई की जानी चाहिए।” न्यायालय ने कहा कि हाईकोर्ट मामले की यथासंभव जल्द सुनवाई करे और नेता लोगों से बात करे।

हालांकि, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इसका विरोध किया। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि ”हम चाहते हैं कि किसी भी सूरत में शांति हो।” प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट शांतिपूर्वक विवाद का हल निकालने की कोशिश करे। हालांकि, भाजपा नेताओं को ओर से भड़काऊ भाषण देने के मामले में हर्ष मंदर की याचिका पर सर्वोच्च अदालत ने कहा कि इस पर तब तक सुनवाई नहीं होगी जब तक कि न्यायपालिका को लेकर की गई उनकी टिप्पणी का मामला नहीं सुलझ जाता है। प्रधान न्यायाधीश ने मंदर के भाषण का ट्रांसक्रिप्ट मांगा है।

उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में पूर्व विधायक सेंगर कोर्ट में दोषी करार

दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने बुधवार को उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर समेत सात लोगों को दोषी करार दिया। मामले में चार अन्य आरोपी बरी हो गए हैं।

अपने फैसले में कोर्ट ने पीड़िता के पिता की हत्या के तरीके को जधन्य बताया। गौरतलब है कि पीड़िता के पिता की अप्रैल, २०१८ में पुलिस कस्टडी में हत्या हो गई थी। कोर्ट इस मामले में सजा १२ मार्च को सुनाएगा। कोर्ट ने सेंगर को आपराधिक साजिश का दोषी पाया है। फैसला सुनाते हुए तीस हजारी कोर्ट के जज ने इसे अपने  न्यायिक जीवन का सबसे चुनौतीपूर्ण ट्रायल बताया। फैसला सुनाते हुए जज ने सीबीआई और पीड़ित के वकील की सराहना की।

इस मामले में पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, उप निरीक्षक पुलिस कामता  प्रसाद, एसएचओ अशोक सिंह भदौरिया, विनीत मिश्रा उर्फ विनय मिश्रा, बीरेंद्र सिंह उर्फ बउवा सिंह, शशि प्रताप सिंह उर्फ सुमन सिंह और जयदीप सिंह उर्फ अतुल सिंह को कोर्ट ने दोषी करार दिया गया। शैलेंद्र सिंह उर्फ टिंकू सिंह, राम शरण सिंह उर्फ सोनू सिंह, कांस्टेबल अमीर खान और शरदवीर सिंह कोर्ट से बरी हो गए हैं।

तीस हजारी कोर्ट ने इससे पहले 29 फरवरी को इस मामले पर सुनवाई की थी और फैसले के लिए चार मार्च की तिथि तय की थी। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इस मामले को यूपी से बाहर तब्दील कर दिया गया था।

बम धमाकों के आरोप से अब्दुल करीम टुंडा बरी

गाजियाबाद की जेल में बंद बम धमाकों के आरोप में गिरफ्तार 77 वर्षीय अब्दुल करीम टुंडा को हैदराबाद की अदालत ने बरी कर दिया है। टुंडा पर 1998 के सिलसिलेवार धमाके का षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया गया था। मेट्रोपोलिटन सत्र न्यायाधीश ने कहा कि अभियोजन पक्ष टुंडा के खिलाफ सबूत जुटाने में नाकाम रहा है।

एजेंसियों का मानना था कि टुंडा लश्कर-ए-तैयबा नामक आतंकी संगठन से जुड़ा है और वह बम बनाने में माहिर है। सुरक्षा एजेंसियों ने देश भर में 40 से ज्यादा बम धमाकों को अंजाम देने का आरोप लगाकर उसे गिरफ्तार किया था।

हैदराबाद में वर्ष 1998 में टुंडा और अन्य के खिलाफ गणपति महोत्सव के दौरान सिलसिलेवार बम धमाकों की साजिश रचने का मामला दर्ज किया गया था। उन पर कई तरह के आरोप लगाए गए थे। हैदराबाद पुलिस के अनुसार, टुंडा षड्यंत्र में शामिल और कुछ को बम बनाने की ट्रेनिंग भी दी थी।

पुलिस ने बताया कि कुल 28 आरोपियों में से कुछ को गिरफ्तार किया गया और सजा हुई, कई अब भी फरार हैं। टुंडा को 16 अगस्त 2013 को भारत-नेपाल सीमा स्थित बनबासा से केंद्रीय एजेंसी ने गिरफ्तार किया था। बाद में हैदराबाद पुलिस ने उसे हिरासत में लिया था। वह 26/11 के मुंबई हमले में भी लिप्त माना था।

टुंडा की गिरफ्तारी के दौरान मुख्यधारा की मीडिया ने उसे बिल्कुल आतंकी की तरह से पेश किया था।

70 साल के शख्स पर तमाम तरह के इल्जाम और आलेख प्रकाशित किए थे। अब जब उसे अदालत की तरफ से बरी कर दिया गया है और गाजियाबाद के पास स्थित घर पर आतंकी के ठप्पे की कोई भरपाई कर सकता है? इससे निजात दिलाने को भी मीडिया उतनी ही तत्परता दिखाने का माद्दा रख सकता है, जितना पकड़े जाने पर किया था। शायद नहीं, क्योंकि न तो यह तब जिम्मेदार था और न ही अब जिम्मेदारी निभाता नजर आएगा?

दिल्ली की तर्ज पर अब झारखंड में 100 यूनिट बिजली मुफ्त

झारखंड में हेमंत सोरेन के नेवतृत्व वाली सरकार ने दिल्ली सरकार की तर्ज पर अब कम बिजली खपत वाले सूबे के उपभोक्ताओं के लिए 100 यूनिट तक बिजली मुफ्त दिए जाने का एलान किया है। सीएम केजरीवाल के चर्चित हुए मॉडल को अपनाते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के गठबंधन से सरकार चला रहे सोरेन ने इसके साथ ही मोहल्ला क्लीनिक खोले जाने का भी अपने 2020-21 में पहले बजट में किया है।
गठबंधन की सरकार के पेश अपने पहले बजट में लोगों की बुनियादी जरूरतों शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली पर फोकस किया गया है। इसके अलावा मोहल्ला क्लीनिक के जरिये लोगों को बीमारियों से निजात दिलाने के प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए भी अलग से बजट में प्रावधान किया गया है।
विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट मंगलवार को पेश किया गया। 86, 370 करोड़ रुपये के बजट में आठ प्रतिशत विकास दर हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य के वित्त मंत्री उरांव ने बजट पेश किया और उन्होंने इसमें दिल्ली की तरह शिक्षा और स्वास्थ्य पर खास ध्यान दिया है।  सूबे के बजट में 100 यूनिट बिजली खपत फ्री देने के अलावा में 57 लाख परिवारों को अनुदानित दर पर खाद्यान, लुंगी और धोती मुहैया कराने का भी प्रावधान किया गया है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में घर बनवाने वालों को 50 हजार रुपये अतिरिक्त राज्य सरकार देगी।  50 साल अधिक के सभी लोगों, विधवाओं को राशन उपलब्ध कराने की योजना पेश की है। छात्रवृति के लिए अलग से 30 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। मिड-डे मील बनाने वाले रसोइयों को अब 1500 की जगह उन्हें 2000 रुपये मानदेय दिया जाएगा।
50 हजार रुपये तक के किसानों के कर्ज होंगे माफ
झारखंड के इस बजट में किसानों के लिए कर्ज माफी का भी एलान किया गया है। सूबे के उन किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा जिनकी राशि 50 हजार रुपये या इससे कम है।

कोरोना के चलते होली कार्यक्रमों में शामिल नहीं होंगे पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी भी होली मिलन कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। खुद उन्होंने ट्वीट करके कुछ देर पहले यह जानकारी दी है।

पीएम ने इसका कारण कोरोना वायरस के मामले भारत में दिखना बताया है। ट्वीट में पीएम ने कहा है कि दुनिया भर के विशेषज्ञ सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। उन्होंने देश के नागरिकों से कहा है कि वे हर हालत में सावधानी बरतें।

इससे पहले पीएम मोदी ने ट्वीट करके देश की जनता को आश्वस्त किया था सभी एहतियाती उपाए किये जा रहे हैं और देश में किसी तरह का ख़तरा कोरोना को लेकर नहीं है।

दिल्ली में बैठक
इस बीच स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन सिंह ने दिल्ली में कोरोना को लेकर एक बैठक की है जिसमें सभी मुख्य संबंधित अधिकारी शामिल हुए हैं। इसमें कोरोना को लेकर देश के सामने चुनौतियों और उनसे निबटने पर चर्चा की गयी है।

मध्य प्रदेश में सियासी उठापठक

मध्य प्रदेश में जबरदस्त सियासी हलचल मची हुई है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा उसकी सरकार गिराने के लिए विधायकों की खरीद -फरोख्त कर रही है।कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा आलाकमान की शह पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज चौहान यह सारा षड्यंत्र रच रहे हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा है कि भाजपा ने सत्तारूढ़ दल के १० विधायकों को बंधक बनाया है लेकिन उनमें से कुछ पार्टी में लौट आये हैं और सरकार को कोइ ख़तरा नहीं है। यह सब घमासान तब शुरू हुआ है जब राज्यसभा के चुनाव बिलकुल पास हैं।

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी कहा है कि उनकी सरकार को कोइ ख़तरा नहीं है। कांग्रेस के एक मंत्री ने कहा है कि खरीद फरोख्त की भाजपा की कोशिशों की रेकार्डिंग है और भाजपा को एक्सपोस किया जाएगा।

कांग्रेस ने भाजपा पर ”हॉर्स ट्रेडिंग” का आरोप लगाया है। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा ने उसके विधायकों को बंधक बना लिया है। हालांकि, यह भी दावा किया है कि इनमें से काफी विधायक वापस लौट आये हैं क्योंकि उन्हें धोखे से ले जाया गया था। भाजपा ने इस तरह के आरोपों को गलत बताया है।

सत्तारूढ़ कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता और राज्‍यसभा के सदस्‍य दिग्विजय सिंह ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी ने गुरुग्राम के एक होटल में १०-११  विधायकों को रखा था। उन्‍होंने कहा – ”इनमें से छह से सात विधायकों को भाजपा के कब्‍जे से मुक्‍त करा लिया गया है। अब सिर्फ चार विधायक ही भाजपा के पास हैं।”  उधर गुरुग्राम में रात भर सियासी ड्रामा दिखा। वहां कुछ विधायक होटल में रुके थे।

यह सब घमासान तब शुरू हुआ है जब राज्यसभा के चुनाव बिलकुल पास हैं।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री को सुप्रीम कोर्ट से झटका

सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को 2014 के चुनावी हलफनामे से जुड़े मामले में झटका दिया है। 2019 के अपने फैसले की समीक्षा करने से शीर्ष अदालत ने इनकार कर दिया। अदालत ने चुनावी हलफनामे में दो आपराधिक केसों की जानकारी छिपाने के  मामले में नागपुर कोर्ट में ट्रायल जारी रखने के निर्देश दिए हैं।
फडणवीस ने सुप्रीम कोर्ट से 1 अक्टूबर 2019 के उस आदेश पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया था जिसमें 2014 के चुनावी हलफनामे में दो आपराधिक मामलों की जानकारी छिपाने के मामले में नागपुर की अदालत  को ट्रायल फिर से चलाने का आदेश दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में कहा था कि फडणवीस ने जानबूझकर यह जानकारी छिपाई थी। ये दोनों मामले नागपुर के ही हैं। इनमें से एक मानहानि से जुड़ा है, जबकि दूसरा ठगी का है।
जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने कहा कि पिछले साल सुनाए गए आदेश की समीक्षा का कोई आधार नहीं है। इन्हें खारिज किया जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने फडणवीस की पुनर्विचार याचिका खारिज की थी। 18 फरवरी को खुली अदालत में सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रखा गया था।
बता दें कि वकील सतीश उके ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर आरोप लगाया था कि 2014 के चुनाव का नामांकन दाखिल करते समय में फडणवीस ने झूठा हलफनामा दायर किया था। याचिका में आरोप लगाया गया है कि उन्होंने अपने खिलाफ दो आपराधिक मामलों की जानकारी छुपाई थी।

दिल्ली हिंसा मामले में शाहरुख़ गिरफ्तार

एक वीडियो में पुलिस वाले के ऊपर पिस्टल तानते हुए दिख रहे शाहरुख़ को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसे यूपी के शामली से दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने पकड़ा है।

पुलिस उसे दिल्ली ला रही है। वो दिल्ली हिंसा के मामले में बांछित था। उसे शामली  से गिरफ्तार करने की पुष्टि पुलिस ने की है। उससे पूछताछ में यह जानने की कोशिश की जाएगी कि उसे हथियार कहाँ से मिले।

उसपर आरोप है कि उसने जाफराबाद में ८ राउंड गीली चलाई थी। उसे तलाश करने के लिए दिल्ली पुलिस काफी दिन से जुटी थी।

पीएम से शिष्टाचार भेंट, दिल्ली के विकास में मदद माँगी : केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी से संसद भवन में मिले। मुलाकात के बाद केजरीवाल ने इसे शिष्टाचार भेंट बताया और कहा कि उन्होंने पीएम से दिल्ली के विकास में मदद माँगी है। उन्होंने कहा कि पीएम से मुलाकार के दौरान दिल्ली की हिंसा पर भी बातचीत हुई।

सीएम बनने के बाद केजरीवाल की मोदी से यह पहली मुलाकात थी। केजरीवाल ने पीएम से मुलाकात के बाद इसे शिष्टाचार भेंट बताया। उन्होंने कहा कि पीएम से मुलाकार के दौरान दिल्ली की हिंसा पर भी बातचीत हुई।  साथ ही उन्होंने पीएम से दिल्ली के विकास पर मदद भी माँगी।

केजरीवाल जब संसद भवन पहुंचे, उनके (आप) राज्य सभा सदस्य संजय सिंह भी साथ थे। दिल्ली दंगों के मद्देनजर इस मुलाक़ात को बहुत अहम माना जा रहा था। पिछले दिनों नागरिकता संशोधन कानून के विरोध प्रदर्शनों के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा में अब तक ४६ लोगों की मौत हो चुकी है। दोनों की बैठक में इंसा पर भी बात हुई।

संभावना थी कि दोनों नेताओं के बीच दिल्ली हिंसा पर भी बात हो सकती है। दिल्ली में भड़की हिंसा और मौजूदा हालात पर चर्चा के लिए केजरीवाल गृहमंत्री अमित शाह से पहले ही मिल चुके हैं।

तीसरी बार सीएम बनने के बाद केजरीवाल अलग तरह की राजनीति करते दिख रहे हैं और यह माना जा रहा है कि वे पीएम मोदी और भाजपा के खिलाफ बिलकुल नहीं बोल रहे हैं। शपथ के बाद तो उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री बेशक शपथ समारोह में नहीं आये, उनका उनपर आशीर्वाद रहेगा।