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दक्षिण कोरियाई लेखिका हान कांग को मिला साहित्य का नोबेल पुरस्कार

This photo taken on November 9, 2023 shows South Korean author Han Kang as she poses after co-winning (jointly with Portuguese author Lidia Jorge) the Medicis Prize for a foreign novel in Paris. South Korean author Han Kang won the Nobel Prize in Literature 2024, it was announced on October 10, 2024. (Photo by Geoffroy VAN DER HASSELT / AFP) / ALTERNATIVE CROP

स्टॉकहोम : साहित्य जगत में एक बड़ी खबर सामने आई है। 2024 का नोबेल साहित्य पुरस्कार दक्षिण कोरियाई लेखिका हान कांग को दिया गया है। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने उनके गहन काव्यात्मक गद्य को सम्मानित किया है, जो ऐतिहासिक आघात और मानव जीवन की नाजुकता को उजागर करता है।हान कांग अपनी गहन लेखनी और मानवीय भावनाओं की गहराई को प्रस्तुत करने के लिए जानी जाती हैं। उनके उपन्यासों में इतिहास के दर्दनाक अनुभवों को बड़े संवेदनशील और काव्यात्मक तरीके से चित्रित किया गया है। उनकी कुछ प्रमुख कृतियां हैं द वेजिटेरियन,” “द व्हाइट बुक,” “ह्यूमन एक्ट्स,” और ग्रीक लेसन्सइससे पहले, रसायन विज्ञान, भौतिकी और चिकित्सा के नोबेल पुरस्कारों की घोषणा की जा चुकी है। रसायन विज्ञान में डेविड बेकर, डेमिस हसाबिस और जॉन एम. जम्पर को प्रोटीन संरचना और कम्प्यूटेशनल प्रोटीन डिजाइन के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए यह पुरस्कार मिला। भौतिकी में जॉन जे. हॉपफील्ड और जेफ्री ई. हिंटन को कृत्रिम तंत्रिका नेटवर्क पर उनके शोध के लिए सम्मानित किया गया।नोबेल पुरस्कारों की शुरुआत 7 अक्तूबर से हुई थी। आने वाले दिनों में, 13 अक्तूबर को शांति के नोबेल और 14 अक्तूबर को अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार की घोषणा की जाएगी। ये पुरस्कार हर साल दुनिया के उत्कृष्ट योगदान देने वाले लोगों को दिए जाते हैं। नोबेल पुरस्कार के विजेताओं को 11 मिलियन स्वीडिश क्रोनर (लगभग 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर) की राशि दी जाती है।

रतन टाटा ने 86 की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा

मुंबई  : पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे भारतीय उद्योगपति और टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन नवल टाटा का यहां बुधवार को ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे। उन्हें सोमवार को उम्र संबंधी बीमारियों के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था और आज दिन उनकी स्थिति “गंभीर” हो गई थी।

रतन  टाटा मार्च 1991 से 28 दिसंबर 2012 तक टाटा समूह के अध्यक्ष रहे। उसके बाद 2016-2017 तक एक बार फिर उन्होंने समूह की कमान संभाली। उसके बाद से वह समूह के मानद चेयरमैन की भूमिका में आ गये थे। उनका जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था। उन्होंने अपने कार्यकाल में टाटा समूह को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया और उदारीकरण के दौर में समूह को उसके हिसाब से ढाला।

टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने कहा, “हम अत्यंत क्षति की भावना के साथ श्री रतन नवल टाटा को विदाई दे रहे हैं। वास्तव में एक असाधारण नेता हैं जिनके अतुलनीय योगदान ने न केवल टाटा समूह बल्कि हमारे राष्ट्र के मूल ढांचे को भी आकार दिया है।

“टाटा समूह के लिए टाटा एक चेयरपर्सन से कहीं अधिक थे। मेरे लिए वह एक गुरु, मार्गदर्शक और मित्र थे। उन्होंने उदाहरण पेश कर प्रेरित किया। उत्कृष्टता, अखंडता और नवीनता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के साथ टाटा समूह ने उनके नेतृत्व में अपने वैश्विक पदचिह्न का विस्तार किया। वह हमेशा अपने नैतिक दायरे के प्रति सच्चे रहे।

“परोपकार और समाज के विकास के प्रति श्री टाटा के समर्पण ने लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित किया है। शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य सेवा तक, उनकी पहल ने गहरी छाप छोड़ी है जिससे आने वाली पीढ़ियों को लाभ होगा। इस सभी कार्य को सुदृढ़ करना प्रत्येक व्यक्तिगत बातचीत में टाटा की वास्तविक विनम्रता थी। “पूरे टाटा परिवार की ओर से, मैं उनके प्रियजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। उनकी विरासत हमें प्रेरित करती रहेगी। हम उन सिद्धांतों को कायम रखने का प्रयास करते हैं जिनका उन्होंने बहुत उत्साहपूर्वक समर्थन किया। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक ट्वीट में रतन टाटा के निधन को बड़ी क्षति बताई।

नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन, तोड़ा पुलिस बैरिकेड

नोएडा:  नोएडा प्राधिकरण के बाहर गुरुवार को किसानों ने प्रदर्शन के दौरान जमकर हंगामा किया। किसान करीब एक बजे बड़ी संख्या में प्राधिकरण के गेट के बाहर पहुंच गए और उन्होंने पुलिस बैरिकेड को तोड़ दिया।

दरअसल, प्राधिकरण के गेट के बाहर किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेड लगाया था, लेकिन किसानों ने उसे तोड़ दिया और वह नोएडा प्राधिकरण के गेट के बाहर धरने पर बैठ गए। भारतीय किसान यूनियन मंच ने नोएडा प्राधिकरण के अधिसूचित 81 गांवों के किसानों से इस प्रदर्शन के लिए समर्थन मांगा था। भारतीय किसान यूनियन मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुधीर चौहान ने कहा कि नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने किसानों का शोषण किया है। नोएडा प्राधिकरण ने भूमि अर्जित करते समय किसानों से किए करार ओर समझौता को पूरा नहीं किया। भाकियू मंच 81 गांवों के सभी किसानों को उनका हक दिलाकर ही रहेगा।

किसान अपनी जिन मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, उनमें जिन किसानों को मूल पांच प्रतिशत के प्लॉट नहीं मिले हैं, उन सभी किसानों को पांच प्रतिशत के मूल प्लॉट दिए जाएं। जिन किसानों के न्यायालय से आदेश आ चुके हैं, उन सभी किसानों को अतिरिक्त पांच प्रतिशत के भूखंड या धनराशि दी जाए। सभी किसानों को वर्ष 1997 से 64.7 प्रतिशत मुआवजा और 10 प्रतिशत के विकसित भूखंड दिया जाए, नोएडा के सभी 81 गांव के किसानों की आबादी को 450 मीटर से एक हजार मीटर करते हुए आबादी का संपूर्ण समाधान करें और 1976 से वर्ष 1997 तक के सभी किसानों को कोटा स्कीम के प्लॉट आवंटित करें। इसके साथ ही किसानों की मांग है कि नोएडा प्राधिकरण के गांवों में स्वामित्व योजना लागू की जाए और गांवों में नक्शा नीति समाप्त की जाए, क्योंकि गांव में यह व्यावहारिक नहीं है।

किसानों को मिलने वाले मुआवजे की धनराशि में से 10 प्रतिशत धनराशि आबादी भूखंड देने के लिए काट ली गई थी और किसानों को केवल 90 प्रतिशत धनराशि का ही भुगतान किया गया था। अब नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी किसानों को 10 प्रतिशत विकसित भूखंड नहीं दे रहे हैं। यह करार नियमावली का उल्लंघन है। इन सभी मांगों को लेकर किसान नोएडा प्राधिकरण के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद है।

टोल प्लाजा पर देर हुई तो नहीं देना टोल टैक्स

नई दिल्ली : दुनिया के सबसे बड़े सड़क नेटवर्क की बात होती है तो इस लिस्ट में भारत का नाम भी आता है। सड़कों की मरम्मत हो या इसका रखरखाव, इसे संभालना भी बड़ी जिम्मेदारी होती है। ऐसे में सड़कों की मरम्मत और रखरखाव के लिए धन जुटाने के ल‍िए स्टेट और नेशनल हाइवे पर कुछ किलोमीटर की दूरी पर टोल प्लाजा स्थापित क‍िए गए हैं। हालांकि, हर एक्सप्रेसवे या हाइवे का टोल शुल्क एक जैसा नहीं होता है। लेकिन आपको टोल प्लाजा के उन नियमों के बारे में बताते हैं, जिसकी वजह से टोल टैक्स पूरी तरह फ्री हो सकता है।

देश के स्टेट, नेशनल हाइवे और एक्सप्रेस वे से रोजाना करोड़ों गाड़ियां गुजरती हैं। इस दौरान वाहन चालकों को टोल प्लाजा पर टोल टैक्स देना पड़ता है। हालांकि, कई बार टोल प्लाजा पर लंबी लाइन होने की वजह से लोगों को परेशानियों का सामना तो करना पड़ता ही है, साथ ही उन्हें टोल भी चुकाना पड़ता है। मगर कुछ साल पहले एक नियम लाया गया था, जो न सिर्फ लोगों के लिए राहत देने वाला था, बल्कि इस नियम के बारे में जानकारी होने पर आपको टोल देने से भी छुटकारा मिल सकता है।

साल 2021 में नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) लोगों की सहूलियत के लिए एक नियम लाई थी। इस नियम का उद्देश्य था कि कोई भी वाहन टोल प्लाजा पर 10 सेकंड से अधिक न रुके। अगर इससे अध‍िक वक्त लगता है, तो वह बिना टोल दिए वहां से जा सकता है।

एनएचआईए के नियम के अनुसार, टोल प्लाजा पर अगर अधिक भीड़ है या फिर वहां 10 सेकंड से अधिक रुकना पड़ रहा है, तो निशुल्क टोल का नियम लागू होगा। अगर इस दौरान आपको समस्या आती है, तो एनएचआई की हेल्पलाइन, 1033 पर संपर्क कर सकते हैं।

नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया का नियम कहता है कि अगर टोल प्लाजा पर 100 मीटर के दायरे में वाहनों की लंबी लाइन लगी हुई है, तो उस परिस्थिति में भी टोल टैक्स नहीं देना होता है। हालांकि, इस 100 मीटर में एक पीली पट्टी का होना आवश्यक माना जाता है। अगर आपकी गाड़ी इससे दूर है, तो आपको टोल टैक्स नहीं देना होगा। इसके अलावा टोल प्लाजा पर लगी फास्टैग मशीन के काम नहीं करने पर भी आप इससे बच सकते हैं।

उमर अब्दुल्ला होंगे जम्मू-कश्मीर के नए मुख्यमंत्री

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के गठबंधन को बहुमत प्राप्त हुआ है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने इस जनादेश के लिए जनता का आभार व्यक्त करते हुए घोषणा की है कि उमर अब्दुल्ला राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे। उन्होंने कहा कि जनता ने अपने वोट के माध्यम से यह संदेश दिया है कि वे 5 अगस्त 2019 के फैसले (धारा 370 हटाने) को स्वीकार नहीं करते हैं।

फारूक अब्दुल्ला ने बेरोजगारी, महंगाई और नशे के कारोबार के खिलाफ कार्यवाही करने का भी आश्वासन दिया। उमर अब्दुल्ला ने बडगाम और गांदरबल दोनों सीटों पर जीत हासिल की है, जिससे नेशनल कॉन्फ्रेंस चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। इस चुनाव में बीजेपी ने 29 सीटें जीती हैं, जबकि कांग्रेस के खाते में 6 सीटें आई हैं। महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी ने 3 सीटों पर जीत दर्ज की, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती को हार का सामना करना पड़ा।

लेबनान में पैदल घुसी इजरायली सेना, दर्जनों गांव बनाए श्मशान; जवाब में रॉकेट की बौछार

इजरायल  की 91वीं डिवीजन लेबनान में दाखिल हो चुकी है। यह डिवीजन टैंकों और तबाही मचाने वाले हथियारों के साथ आगे बढ़ रही है। लेबनानी  सुरक्षा सूत्रों के अनुसार इजरायली पैदल सेना ने लेबनान  के सीमावर्ती गांव मारून अल-रास में दाखिल हुई। करीब 50 इजरायली सैनिकों ने ब्लू लाइन को पार किया।

इजराइली सेना भारी गोलाबारी और हवाई हमलों के साथ आगे बढ़ने का रास्ता तैयार कर रही है। इस दौरान दक्षिणी लेबनान  में दर्जनों गांवों  को निशाना बनाया गया है। लेबनान सीमा के पास दर्जनों टैंकों  को देखा गया है। इन टैंकों को इजरायली ड्रोन और लड़ाकू विमान कवर देने में जुटे हैं।

सूत्रों के मुताबिक इजरायली सेना ने यारून, अल्मा अल-शाब, अल-वजानी और कफरचौबा समेत कई स्थानों पर दाखिल होने की कोशिश की। मगर हिजबुल्लाह जवाब में कई कत्युशा रॉकेटों की बौछार की। इजरायली सेना ने घोषणा की है कि 91वीं डिवीजन हिजबुल्लाह के खिलाफ लक्षित, सीमित और स्थानीयकृत ऑपरेशन में शामिल होने के लिए दक्षिणी लेबनान में प्रवेश कर चुकी है।

इससे पहले इजरायल की पैराट्रूपर डिवीजन 98 और आर्मर्ड डिवीजन 36 ने पिछले मंगलवार को लेबनान में जमीनी कार्रवाई शुरू की थी। उधर, इजरायली सेना ने बताया कि क्षेत्र में जारी तनाव के बीच अमेरिकी सेंट्रल कमांड के कमांडर माइकल एरिक कुरिल्ला रविवार को इजरायल पहुंचे। कुरिल्ला और इजरायली चीफ ऑफ जनरल स्टाफ हर्जई हलेवी ने तेल अवीव में स्थिति का आकलन किया। 23 सितंबर को इजरायल ने हिजबुल्लाह के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी। अब तक संघर्ष में कम से कम दो हजार लोगों की जान जा चुकी है।

एलपीजी गैस सिलिंडर उपभोक्ताओं के लिए ई-केवाईसी कराना हुआ जरूरी

नई दिल्ली :  एलपीजी गैस सिलिंडर उपभोक्ताओं के लिए बड़ी खबर है। अब आपकों अपने कनेक्शन का ई-केवाईसी करवाना होगा, नहीं तो आपका कनेक्शन काट दिया जाएगा।

2019 के पहले जिनका कनेक्शन है, उन्हीं को ई-केवाईसी करानी है। वहीं एजेंसियों के कर्मचारी घर-घर जाकर चूल्हा व पाइप की भी जांच करेंगे। 31 दिसंबर तक जिनका ई-केवाईसी नहीं हुआ तो उनके गैस कनेक्शन निरस्त किए जाएंगे। घरेलू गैस कनेक्शन को लेकर पेट्रोलियम कंपनियों ने अपने वास्तविक उपभोक्ताओं की पहचान शुरू कर दी है। वितरक एजेंसियों को उपभोक्ताओं की सुरक्षा को लेकर घर-घर जांच का निर्देश दिया गया है। इससे एजेंसियां ग्राहकों को जागरूक कर रहीं। जिले में इंडेन, भारत गैस और एचपी गैस के लगभग पौने पांच लाख उपभोक्ता हैं। इस समय घरेलू सिलिंडर का दाम 903 रुपये है, इस पर भारत सरकार की ओर से 48 रुपये और उज्ज्वला के लाभार्थियों को 300 रुपये सब्सिडी मिल रही है। यानि सामान्य सिलेंडर 855 और उज्ज्वला सिलेंडर 550 रुपये में मिल रहा है। लेकिन लंबे समय से उपभोक्ताओं का सर्वे न होने के कारण सब्सिडी में भी समस्या आ रही है।

इन समस्याओं को लेकर पिछले दिनों सरकार के निर्देश के क्रम में अब पेट्रोलियम कंपनियों की ओर से अभियान चलाकर ग्राहकों की ई-केवाइसी कराई जा रही है। इसके लिए दिसंबर तक का समय दिया गया है। घरेलू गैस कनेक्शन धारकों और सिलेंडर की सुरक्षा के मद्देनजर चूल्हा व सिलेंडर जांच कराना अनिवार्य होता है। इसके लिए गैस एजेंसियों की ओर से उपभोक्ताओं के घर कर्मी पहुंचकर जांच करेंगे, जरूरत पड़ने पर पाइप आदि बदला जाएगा। ई-केवाइसी के साथ-साथ यह कार्य किए जा रहे हैं।

भारत की स्टार जिमनास्ट दीपा कर्माकर ने किया संन्यास का ऐलान

नई दिल्ली  : भारत की स्टार जिमनास्ट दीपा कर्माकर ने खेल जगत को अलविदा कह दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने फैन्स को इस बात की जानकारी दी। दीपा ने अपने करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन उन्होंने हमेशा भारतीय जिमनास्टिक को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का प्रयास किया।

2016 रियो ओलंपिक में दीपा कर्माकर ने प्रोडुनोवा वॉल्ट करके सभी को चौंका दिया था। वह इस मुकाम तक पहुंचने वाली पहली भारतीय जिम्नास्ट थीं। हालांकि, वह पदक से महज 0.15 अंकों से चूक गई थीं।

दीपा कर्माकर  ने 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स में जिमनास्टिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रचा था। इसके अलावा, उन्होंने एशियन चैंपियनशिप में भी कई मेडल जीते। इसी साल उन्होंने एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर एक बार फिर सभी को प्रभावित किया था।

दीपा ने अपने संन्यास के फैसले के पीछे कई कारण बताए हैं। उन्होंने कहा कि वह काफी समय से इस बारे में सोच रही थीं और अब यह सही समय है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी बॉडी अब उन्हें और पुश करने की अनुमति नहीं देती।

दीपा कर्माकर  ने कहा कि वह जिमनास्टिक से हमेशा जुड़ी रहेंगी। वह युवा जिमनास्ट्स को मेंटर करना चाहती हैं और इस खेल को आगे बढ़ाने में अपना योगदान देना चाहती हैं। दीपा कर्माकर का संन्यास भारतीय जिमनास्टिक के लिए एक बड़ा नुकसान है। उन्होंने भारतीय जिमनास्टिक को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया और युवाओं के लिए एक प्रेरणा बनीं। हम उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हैं।

लालू, तेजस्वी और तेजप्रताप यादव को मिली जमानत, पासपोर्ट करना होगा सरेंडर

नई दिल्ली : लैंड फॉर जॉब स्कैम  मामले में आरजेडी  के प्रमुख लालू यादव, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव को राउज एवेन्यू कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने सभी आरोपियों को 1 लाख रुपए के मुचलके के साथ जमानत दे दी है। कोर्ट ने सभी आरोपियों को पासपोर्ट सरेंडर करने के लिए भी कहा है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव और मीसा भारती एक ही टेबल पर एक साथ बैठे थे।

कोर्ट को बताया गया कि समन की तामील करते हुए सभी आरोपी पेश हुए हैं। सभी आरोपीयों ने जमानत अर्जी दाखिल की है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को होगी। तेजस्वी यादव ने लैंड फॉर जॉब मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट से जमानत मिलने के बाद कहा कि ये मामला राजनीतिक है। केस में कोई दम नहीं है, ये हमारे खिलाफ साजिश है। कोर्ट पर भरोसा है। उसने हमें जमानत दी है। जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है।

रेलवे में ग्रुप D की नौकरी के बदले जमीन लेने के कथित घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए 8 आरोपियों को समन जारी किया था। जांच एजेंसी ने चार्जशीट में 11 आरोपी बनाए थे, जिनमें से 3 आरोपियों की मौत हो चुकी है।

आरोप है कि 2004 से 2009 के बीच लालू प्रसाद देश के रेल मंत्री थे, उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर रेलवे में ग्रुप D की भर्ती में कई लोगों को जमीन के बदले नौकरी पर लगवाया। इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी कर रही है। ईडी की ओर से दाखिल सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार को पेश होने का आदेश दिया था।

भारत होगा दुनिया का अगला सेमीकंडक्टर हब: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव

बेंगलुरु : केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव की ओर से कहा गया कि भारत दुनिया का अगला सेमीकंडक्टर हब बनने की तरफ तेजी से बढ़ रहा है, क्योंकि देश में इस सेक्टर में बड़ी संख्या में निवेश किया जा रहा है।

वैष्णव ने न्यूयॉर्क में हाल ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शीर्ष टेक सीईओ के बीच हुई राउंड टेबल बातचीत का हवाला देते हुए कहा कि इस दौरान तीन शीर्ष एग्जीक्यूटिव्स ने कहा कि ऐसा जोश हमने पिछले 35 से 40 वर्षों में इतिहास में किसी और देश में नहीं देखा है।

केंद्र सरकार की ओर से अब तक 1.52 लाख करोड़ रुपये के निवेश मूल्य के पांच सेमीकंडक्टर प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है।

चिप उत्पादन पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अमेरिकी की माइक्रोन टेक्नोलॉजी 2025 की शुरुआत भारत में चिप का उत्पादन करना शुरू कर देगी। वहीं, सीजी पावर सेमीकंडक्टर सुविधा का कंस्ट्रक्शन चल रहा है और टाटा की ओर से असम में बनाई जा रही एटीएमपी सुविधा में भी काम तेजी से किया जा रहा है और इसका कंस्ट्रक्शन शुरू हो गया है।

इससे पहले केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री की वृद्धि से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को मजबूती मिलेगी। सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री, सभी उद्योगों का आधार है। चिप का इस्तेमाल मेडिकल डिवाइस, मोबाइल फोन, लैपटॉप, कार, ट्रक, ट्रेन , टीवी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में किया जाता है।

साथ ही कहा कि अब तक सरकार की ओर से गई सभी पहल जिसमें डिजिटल इंडिया मिशन और टेलीकॉम इंडिया मिशन शामिल हैं, उसने सामान्य नागरिकों के हाथ में टेक्नोलॉजी आई है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत का सेमीकंडक्टर मार्केट 2026 तक 64 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। यह 2019 के बाजार मूल्य से करीब 3 गुना होगा।

जानकारों के मुताबिक, अपनी भारत अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ा सेमीकंडक्टर सेक्टर में एक बड़ा खिलाड़ी बनने की तरफ बढ़ रहा है। सेमीकॉम इंडिया प्रोग्राम और इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) जैसी पहल के कारण भारत को इस क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर बाजार हिस्सेदारी हासिल करने में मदद मिलेगी। इससे बड़ी संख्या में भारत में नौकरियां भी पैदा होंगी।