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होशियारपुर में अपाचे की इमरजेंसी लैंडिंग

पंजाब के होशियारपुर में एक अपाचे हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग हुई है। इसके दोनों पायलट सुरक्षित हैं। अमेरिका से भारत ने यह हेलीकॉप्टर पिछले साल ही खरीदे हैं। इसमें तकनीकी दोष आने के बाद इसकी इमरजेंसी लैंडिंग हुई है।

जानकारी के मुताबिक वायुसेना के इस लड़ाकू हेलिकॉप्टर अपाचे की आपात लेंडिंग तब करनी पडी जब यह पठानकोट से उड़ान भरने के बाद इस क्षेत्र में था। यह आपात लैंडिंग दसूहा के तहत आने वाले हाजीपुर इलाके के बुड्ढावड़ गाँव में करनी पड़ी।

वायु सेना के अपाचे हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी आ गई। इसके बाद उसे आपात स्थिति में गाँव में खेतों में उतारना पड़ा। हेलीकॉप्टर ने पठानकोट से उड़ान भरी थी और किसी तकनीकी खराबी के चलते यह इमरजेंसी लैंडिंग हुई।

जानकारी के मुताबिक हेलीकॉप्टर के दोनों पायलट सुरक्षित हैं और हेलीकॉप्टर को भी कोइ क्षति नहीं पहुँची है। जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुँची जिसके बाद पठानकोट बेस पर सेना अधिकारियों को घटना की सूचना दी गयी।

गौरतलब है कि  भारत ने पिछले सवाल ही अमेरिका से अपाचे हेलिकॉप्टर खरीदे हैं।  इस हेलीकॉप्टर को ताकतवर हेलिकॉप्टर माना जाता है जिसका निर्माण अमेरिकी विमान कंपनी बोइंग करती है। भारत के अमेरिका से इस हेलिकॉप्टर की खरीद के मुताबिक उसे २२ हेलिकॉप्टर खरीदने हैं जिनमें से आठ उसे मिल चुके हैं।

दिल्ली में निजी स्कूल, कॉलेजों ने तीन महीने की फीस ली तो होगी कार्रवाई : सिसोदिया

दिल्ली सरकार ने राजधानी में निजी स्कूलों के फीस को लेकर अभिभावकों को भेजे जा रहे पत्रों पर सख्ती दिखाते हुए शुक्रवार को आदेश जारी किया कि बिना सरकार की मंजूरी के दिल्ली के स्कूल फीस नहीं बढ़ा पाएंगे। सरकार ने कहा कि स्कूल अभी सिर्फ एक माह की ”ट्यूशन फीस” ही ले पाएंगे और न ही कोइ स्कूल ऑनलाइन क्लासेज रोक सकता है। स्टाफ को भी समय पर सेलरी देनी जरूरी होगी।

उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, जिनके पास शिक्षा मंत्रालय भी है ने कहा कि सरकार को शिकायतें मिली हैं कि कुछ स्कूल बढ़ी फीस के साथ अभिभावकों को पत्र भेज रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह भी जानकारी मिली है कि जिन अभिभावकों ने अभी फीस जमा नहीं की, उनके बच्चों की ऑनलाइन क्लासेज रोक दी गई हैं जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।

सिसोदिया ने कहा – ”हम बताना चाहते हैं कि स्कूलों को ट्रस्ट चलाते हैं और उनका काम प्रॉफिट कमाना नहीं बल्कि सेवा करना है। अगर स्कूल फीस बढ़ा रहे हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। सरकार यह साफ़ कहना चाहती है चाहे सरकारी जमीन पर बने स्कूल हों या फिर निजी, किसी भी स्कूल को बगैर सरकार की मंजूरी के फीस बढ़ाने की अनुमति नहीं मिलेगी।”

शिक्षा मंत्री ने साफ़ कहा कि स्कूल अभी सिर्फ एक माह की फीस लेंगे और यह फीस भी सिर्फ ”ट्यूशन फीस” होगी। स्कूल कोई भी वार्षिक शुल्क, परिवहन शुल्क नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते अभी स्कूल की बसें नहीं चल रही हैं तो अभिभावकों से बसों का शुल्क भी नहीं लिया जाएगा।

उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कोइ इन आदेशों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ एजुकेशन एक्ट और महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई होगी। उन्होंने स्कूलों से कहा कि जिन बच्चों की ऑनलाइन क्लासेस बंद की गई हैं, स्कूल उसे तुरंत चालू करें।

आरबीआई का बाज़ार में ५०,००० करोड़ निवेश का ऐलान

कोरोना के कहर के बीच लॉक डाउन के चलते देश में कामकाज को चलायमान  बनाये रखने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को बाज़ार में निवेश के लिए ५०,००० करोड़ रुपए का ऐलान किया। यह पैसा छोटे और मझोले उद्योगों को दिया जायेगा ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर लॉक डाउन का विपरीत असर न पड़े।

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार सुबह एक प्रेस कांफ्रेंस में इसकी जानकारी देते हुए कहा – ”हमने देश में कोरोना के बढ़ते मामलों और लॉक डाउन के दृष्टिगत कामकाज को सुचारू बनाये रखने के लिए कई पहल की है। वर्तमान में पूरी दुनिया एक बड़ी आर्थिक मंद की तरफ़ बढ़ रही है लेकिन भारत के हालात उतने ख़राब नहीं हैं। मार्च के बाद जरूर हमपर असर पड़ा है।”

याद रहे गुरूवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक प्रेस कांफ्रेंस करके लॉक डाउन के बाद छोटे-मझोले उद्योगों को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था कि लॉक डाउन का असर बाद में सामने आएगा लिहाजा सरकार से उन्होंने अभी से उपाए करने की मांग उठाई थी।

अब आरबीआई ने शुक्रवार को उपरोक्त ऐलान किये हैं। गवर्नर ने कहा कि बाज़ार में ५०,००० करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। दास ने कहा – ”राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक को २५,००० करोड़, स्मॉल इंडस्ट्रीज़ डेवेलपमेंट बैंक को १५,००० करोड़ रुपए और नेशनल हाउसिंग बैंक को १०,०००  करोड़ रुपए दिए जाएंगे। रिजर्व बैंक फिलहाल बैंकों को डिविडेंड नहीं बंटेगा।”

आरबीआई गवर्नर ने दावा किया कि जी-२० देशों में भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे बेहतर हालत में है। उन्होंने कहा कि देश में बैंकिंग सेक्टर पूरी तरह से काम कर रहा है और लगभग ९१ फ़ीसदी बैंक एटीएम चालू हैं।

इस बीच रिज़र्व बैंक ने रिवर्स रेपो रेट में २५ बेसिस प्वाइंट की कटौती की है जिससे बाज़ार में और पैसा आएगा। रिवर्स रेपो रेट चार फ़ीसदी से घटकर ३.७५ फ़ीसदी कर दिया गया है, जबकि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है।

उन्होंने कहा कि भारत में भी मार्च से हालात ख़राब हुए लेकिन बावजूद इसके भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़ रही है। ”जब सारी दुनिया में मंदी है, भारतीय अर्थव्यवस्था के १.९ फ़ीसदी की दर से बढ़ने की बात है। आज की घोषणा आख़िरी नहीं है, स्थिति को देखते हुए रिज़र्व बैंक आगे भी इस तरह की घोषणा करेगा।”

असुरक्षित हाथ उठा रहे कचरा, संक्रमण का खतरा

गरीबी, भुखमरी और अज्ञानता भी किसी बीमारी से कम नहीं है। ऐसे ही मामले दिल्ली के तमाम इलाकों में देखे जा सकते हैं। कोराना वायरस के कहर को रोकने के तमाम प्रयास  सरकार कर रही है। वहीं शासन और प्रशासन की अनदेखी के कारण सुबह-सुबह घरों से कचरा उठाने वालों पर किसी  का कोई ध्यान नहीं है। ये कचरा उठाने वाले नाबालिग मुंह में बिना मास्क लगाये और हाथों में दस्ताने पहने बिना कचरा हाथ से उठाकर अपनी ठेली में जाते हैं। तहलका संवाददाता ने सुबह ही कचरा उठाने वालों से बात की और उन लोगों से भी बात की है, जो इस समय में दिल्ली कोरोना वायरस को लेकर जागरूकता अभियान के नाम पर दिखावा कर रहे हैं। कचरा उठाने वाले एस. कुमार (बदला हुआ नाम) ने बताया कि गरीबी के कारण और उनका मां-बाप वर्षों से यही काम करते आ रहे हैं। ऐसे में उनको इस काम करने में कोई दिक्कत नहीं होती है, इसलिए वो किसी डर के घरों से कचरा उठाते हैं।
यहीं हाल पांडव नगर में सुबह से ही कचरा उठाने वाली बदला नाम लक्ष्मी ने बताया कि उनको पहले एक -दो दिन तो मास्क मिले हैं, पर अब नहीं दिये जा रहे हैं। लक्ष्मी ने बताया कि उनको बीमारी से ज्यादा भुखमरी से डर लगता है, क्योंकि एक तो वो समाज में उपेक्षित हैं और कोई उनसे बात करने को तैयार नहीं है, तो अपने पास कैसे बैठाएगा? जैसा भी है अब उनको तो काम करना ही है। लक्ष्मी ने बताया कि उनको सही मायने में ये भी पता नहीं है कि कोरोना वायरस बीमारी क्या है?
जागरूकता अभियान चलाकर कोरोना वायरस के नाम पर लोगों को मास्क और हाथों के दस्ताने बांटने वाले डीसी ने बताया कि उन्होंने जब तक मास्क बांटे हैं, जब तक उनके पास थे, पर अब नहीं हैं। इसलिए नहीं बांट रहे हैं।
पाडंव नगर के गली नम्बर 9 के जे ब्लॉक में इस समय हॉट स्पॉट के नाम पर पूरी गली सील है। वहीं पर सुबह सुबह से कचरा उठाने वाले ठेली घंटों खड़ी रहती है। इसी ब्लॉक में रहने वाले राज ने बताया कि सरकार एक ओर तो लॉकडाउन कर सोशल डिस्टेंस के नाम पर काफी सख्ती से पालन करवा रही है वहीं पर कचरा वाला बिना मास्क और हस्ताने के घरों में जा जाकर दरवाजों को खटखटाकर और घरों की वैल बजाकर कूड़ा उठा रहे हैं, जिससे संक्रमण फैलने का काफी खतरा है। पर सरकार की कोई भी एजेंसी ऐसी नहीं है, जो इन कूड़ा वालों पर रोक लगा सके, जो काफी घातक है। इस बारे में डॉ गिरीश त्यागी का कहना है कि अज्ञानता भी एक बीमारी है। क्योंकि अज्ञानता और जागरूकता के अभाव में तमाम बीमारी आसानी से लोगों को अपनी चपेट में ले लेती है। इसके कारण लोगों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत होने लगती है। उन्होंने बताया कि मौजूदा दौर में इस समय लोगों को सबसे ज्यादा खतरा अगर किसी को है, तो वो इस संक्रमण से है। दिल्ली एमसीडी में काम करने वाले सफाई कर्मचारियों को तो मास्क और हाथों में दस्ताने लगाकर साफ करने के लिये पूरी सुविधा दी जा रही है। लेकिन वहीं पर कूड़ा-कचरा उठाने वालों को न जाने क्यों मास्क और दस्ताने नहीं दिये जा रहे हैं? सामाजिक कार्यकर्ता रवि कुमार ने बताया कोरोना वायरस के नाम पर अब स्थानीय लोग राजनीति करने लगे हैं। कुछ लोगों को भंडारा खिलाकर सोशल मीडिया में वाह- शवाह लूट रहे हैं। पर हकीकत में जो सही मायने में संक्रमण फैला सकते हैं, उन पर किसी का कोई ध्यान नहीं है। बताते चले दिल्ली में शायद ही ऐसी कोई गली हो जहां पर ये कूड़ा-कचरा उठाने वाले सुबह-सुबह से कूड़ा उठाते देखे न जाते हों, जो लोगों के लिये काफी डर और भय का कारण बने हुये हैं।

महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 3000 के पार

महाराष्ट्र वैश्विक महामारी कोरोना की सबसे ज्यादा मार झेल रहा है। यहां देशभर में सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं और कोरोना के सर्वाधिक पॉजिटिव मामले आए हैं। बृहस्पतिवार को प्रदेश में कोरोना के 165 नए मामले रिपोर्ट हुए और यह आंकड़ा तीन हजार के पार हो गया।

देश में कोरोना कुल मामले 12 हजार के पार चुके हैं। मृतक भी 400 ज्यादा हो चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अब तक देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 12,380 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। अच्छी बात यह है कि इनमें से अब तक 1489 लोग इलाज के बाद पूरी तरह ठीक भी हो चुके हैं। पिछले 24 घंटे में 941 नए मामले सामने आ चुके हैं जबकि 37 की मौत हुई। देश में अब तक 414 की मौत हो चुकी है।

स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र में 3081 लोग कोरोना पॉजिटिव हैं। जबकि 187 लोगों की मौत हो चुकी है। 165 नए मामलों में 107 अकेले मुंबई में दर्ज हुए। वहीं, पुणे में 19, नागपुर में 11 और ठाणे में 13 संक्रमित मिले। मुंबई में 15 लाख की घनी आबादी वाली झुग्गी बस्ती धारावी में कोरोना के 11 नए मामले आए, जिससे यह संख्या 71 हो गई। वहीं, मुंबई के जुहू पुलिस स्टेशन में तैनात एक कांस्टेबल की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। कांस्टेबल के संपर्क में आए दूसरे पुलिसकर्मियों का भी टेस्ट कराया जा रहा है।

शेल्टर होम से 30 लोग फरार
महाराष्ट्र के अकोला में एक शेल्टर होम में रखे गए आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के 30 प्रवासी मजदूर फरार हो गए। जिलाधिकारी जितेंद्र पापलकर ने बताया कि इनमें से कोई भी कोरोना से संक्रमित नहीं था। पुलिस ने लॉकडाउन के बीच 30 मार्च को अपने गृह राज्यों को लौटने का प्रयास कर रहे इन मजदूरों को  पकड़ा था। इसके बाद इन्हें एक शेल्टर होम में रखा गया था। हाईकोर्ट ने प्रवासी मजदूरों का डाटा तैयार करने का निर्देश दिया है।

325 ज़िले कोरोना वायरस से सुरक्षित

एक तरफ़ जहाँ पूरा देश लॉकडाउन और इसके चलते तमाम दिक़्क़तों से परेशान है, वहीं इसके फ़ायदे भी दिख रहे हैं। क्योंकि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव का एक सुगम और अच्छा रास्ता आपसी दूरी रखना ही है। आपको सुखद आश्चर्य होगा कि देश के 325 ज़िले कोरोना वायरस के संक्रमण से पूरी तरह मुक्त है। इन ज़िलों में  कोरोना वायरस का एक भी मामला सामने नहीं आया है। यह बात स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने कही है। संयुक्त सचिव ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करके बताया है कि देश के 325 ज़िले कोरोना वायरस से मुक्त हैं। उन्होंने सभी लोगों से लॉकडाउन का पालन करने के लिए भी कहा और हिम्मत बँधायी।
वीडियो कॉन्फ्रेंस में अनेक स्वास्थ्य अधिकारी और विश्व स्वास्थ्य संगठन के क्षेत्र अधिकारी शामिल हुए।
संयुक्त सचिव ने बताया कि ज़िला स्तर पर कोविड-19 के प्रकोप के लिए योजनाएँ बनायी जा रही हैं। साथ ही उन्होंने  चीन की दो कंपनियों द्वारा भारत को रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट सहित पांच लाख परीक्षण किट मिलने की जानकारी भी दी।
संक्रमित स्थानों पर बढ़ रहे कोरोना के मामले 
वहीं दूसरी ओर चिंता का विषय यह है कि संक्रमित वाली जगहों पर कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। 16 अप्रैल को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बताया कि देश में बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस के 941 नये मामले सामने आये हैं, जबकि 37 मौतें हुई हैं।
इन दिनों महाराष्ट्र में सबसे अधिक नये मामले सामने आ रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में महाराष्ट्र में 165 से अधिक नये मामले संज्ञान में आये हैं। इसी के साथ महाराष्ट्र में संक्रमित लोगों की संख्या 3081 हो गयी है।

दक्षिण दिल्ली में कोरोना पॉजिटिव ने ७२ घरों में की पिज़्ज़ा डिलीवरी, यह सभी और १७ अन्य डिलीवरी बॉय भी होम क्वारनटीन किये गए

दक्षिण दिल्ली इलाके में एक फूड डिलीवरी बॉय (१९ साल) के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने से हंगामा मच गया है। इन ने १२ अप्रैल तक लोगों के घरों में जाकर पिज़्ज़ा डिलीवरी की है। इस पिज्जा डिलिवरी बॉय के संपर्क में ७२ परिवार आये जिनके लिए उसने पिज़्ज़ा डिलीवर किया लिहाजा इन लोगों को भी होम क्वारनटीन कर दिया गया है। इसके अलावा डिलीवरी बॉय के संपर्क वाले १७ अन्य डिलिवरी ब्वॉय भी क्वारनटीन किये गए हैं।

जानकारी के मुताबिक दक्षिण दिल्ली के हौज खास, मालवीय नगर, सावित्री नगर और साथ लगते इलाकों में ७२ परिवारों को पिज़्ज़ा/खाना डिलीवरी की थी जिसके बाद इन सभी लोगों को होम क्वारनटीन कर दिया गया है। उनके अलावा इस डिलीवरी बॉय के संपर्क वाले १७ अन्य डिलिवरी ब्वॉय को भी क्वारनटीन किया गया है।

सरकारी अधिकारीयों के मुताबिक दक्षिण दिल्ली के ७२ परिवार इस डिलिवरी ब्वॉय के संपर्क में आए थे। अभी तक इन लोगों का टेस्ट नहीं किया गया है लेकिन सभी को  होम क्वारनटीन किया गया है। इन लोगों में कोरोना के लक्षण मिलते हैं तो उनकी  जांच की जाएगी। फिलहाल इन परिवारों की पहचान गुप्त रखी गयी है।इन सभी परिवारों पर अब स्वास्थ्य विभाग निगरानी रख रहा है।

डिलिवरी ब्वॉय को आरएमएल अस्पताल में भर्ती किया गया है और उसका इलाज चल रहा है। संक्रमित युवक की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं मिली है। आशंका है कि दक्षिण  दिल्ली इलाके में किसी संक्रमित शख्स के संपर्क में आने से वह संक्रमित हुआ होगा।

झज्जर में कोरोना और जनता के बीच रक्षा कवच बन गया है ‘ठीकरी पहरा’

हरियाणा में झज्जर एक ऐसा जिला है, जहां लोग कोविड-१९ विषाणु से बचे हुए हैं। कोरोना के मामले में संवेदनशील राजधानी दिल्ली के निकट होने के बावजूद झज्जर जिले में अभी तक एक भी कोरोना पॉजिटिव मामला सामने नहीं आया है। इसका सबसे बड़ा कारण है आपसी दूरी बनाये रखने के लिए स्थानीय स्तर पर बनाया गया आत्म अनुशासन है जो ‘ठीकरी पहरा” के कारण संभव हुआ है। ठीकरी पहरा की यह परंपरा सदियों से वहां चल रही है।

स्थानीय लोगों ने तालाबंदी के दौरान अनुशासन के साथ संयुक्त रूप से पहले चरण के दौरान जिला प्रशासन की प्रभावी व्यवस्था के साथ संयम और आत्म-नियंत्रण का परिचय दिया है। इसके परिणामस्वरूप एक भी कोरोना वायरस का मामला झज्जर में नहीं है।

हरियाणा सरकार के एक प्रवक्ता के मुताबिक दिल्ली के निकट होने के बावजूद, जिसे कोरोना वायरस के मामलों में संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है, झज्जर जिले में अभी तक एक भी कोरोना पॉजिटिव मामला नहीं है। जनसाधारण की जागरूकता और संवेदनशीलता ने भी इसे रोकने में अहम भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने २२ मार्च को जिस ”जनता कर्फ्यू” का आह्वान किया वह हरियाणा और खासकर पुराने रोहतक जिले में ”ठीकरी पहरे” के रूप में सदियों से एक परम्परा के रूप में जारी है।

उन्होंने बताया कि ठीकरी पहरे लगाने की इस परम्परा और कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने में स्थानीय प्रशासन की दूरगामी पहल ने जिले में सुरक्षा कवच का रोल अदा किया है। जिला प्रशासन ने सभी किरयाने की दुकानों, सब्जी की दुकानों, रेहड़ीवालों और दूध वितरकों की पहचान कर उन्हें पंजीकृत किया है और पास जारी किए हैं। उनकी मैपिंग करके हर घर में उनके मोबाइल नंबर पहुंचाए गए।

प्रवक्ता के मुताबिक पूरे जिले के किरयाना और सब्जी विक्रेताओं को ३०६ समूहों में बांटा गया और उनकी गतिविधि कम करने के लिए सामूहिक वाहन पास जारी किए गए। जिला प्रशासन ने जिले में करीब ६५,००० श्रमिकों और ५६,००० ईंट-भट्ठा मजदूरों का पहले ही सर्वे करवा लिया गया था जिसके चलते उसे इन श्रमिकों को नियंत्रित करने और गैर-सरकारी संगठनों और रेडक्रॉस के माध्यम से इन तक खाद्य सामग्री पहुंचाने में सुविधा रही।

जिला प्रशासन ने आम आदमी के लिए झज्जर और बहादुरगढ़, दोनों शहरों में मुख्य सब्जी मंडी को बंद कर दिया है ताकि ज्यादा लोगों को इकट्ठा होने से रोका जा सके। प्रवक्ता ने बताया कि लोगों का आवागमन अन्य राज्यों अथवा जिलों में न हो, इसके लिए जिला झज्जर की सभी सीमाएं सील की गई हैं। लॉकडाउन के उचित क्रियान्वयन के लिए जिल के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक कुल ७५ नाके लगाए गए हैं। वहीं सभी थाना एसएचओ सहित ७५ पीसीआर और राइडर नियमित तौर पर दिन-रात गश्तऔर पैट्रोलिंग कर रहे हैं।

लॉकडाउन के पहले चरण में प्रवासी श्रमिकों को ठहराने के लिए झज्जर जिले के झज्जर, बेरी, बहादुरगढ़ व बादली में कुल २४ शेल्टर होम्स में बच्चों और महिलाओं सहित करीब १२०० श्रमिक हैं। प्रशासन की निगरानी में सामाजिक और धार्मिक संगठनों के माध्यम से इन शैल्टर होम्स और अन्य जरूरतमंद लोगों को करीब साढ़े तीन लाख फूड पैकेट वितरित किए जा चुके हैं। साथ ही, अब तक करीब ३००० परिवारों तक को साप्ताहिक राशन सामग्री उपलब्ध कराई गई है।

जिले में आपसी दूरी बनाए रखते हुए किरयाने और फल-सब्जियों की दुकानें सुबह सात से १० बजे और शाम को चार से सात बजे तक खोला जा रहा है। दवाई दुकानें  दिनभर और रात्रि के समय शैड्यूल अनुसार खुली रखी जा रही हैं।

लॉक डाउन सिर्फ ‘पोज बटन’, ज्यादा टेस्ट करना बहुत जरूरी : राहुल गांधी; बोले, अनाज बिना राशन कार्ड वालों को भी गोदाम से जारी करना चाहिए  

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरूवार को कहा कि लॉक डाउन कोरोना वायरस को हराने का मुख्य जरिया नहीं है और यह एक ”पोज़ बटन” की ही तरह है। राहुल ने जोर देकर कहा कि कोरोना की पूरी रोकथाम के लिए ज्यादा टेस्टिंग सबसे ज्यादा जरूरी चीज है। कांग्रेस नेता ने कहा कि लॉक डाउन से वायरस को फैलने से ”पोस्टपोन” किया जा सकता है, ख़त्म नहीं किया जा सकता है। कांग्रेस नेता ने जोर दिया कि रैंडम टेस्ट की संख्या बढ़ाने के लिए रणनीति जरूरी है। राहुल ने कहा कि हमें मिलकर इस समस्या से लड़ना है।

एक वीडियो प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस नेता ने कहा कि कोरोना से निपटना है तो टेस्टिंग हर हालत में बढ़ानी होगी। उन्होंने कहा कि देश में हमारी असली फ़ोर्स निचले स्तर पर है और बॉटम-अप से ही कोरोना को हराया जा सकता है। पीएम को अपनी निचले स्तर की इस सेना और एसेट को मजबूत करना होगा।

एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि आपने (राहुल ने) १२ फरवरी को ही सरकार को कोरोना को लेकर आगाह कर दिया था, लेकिन सरकार शुरू में ढीले दिखी, राहुल ने  कहा कि इस समय सवाल यह नहीं कि पहले क्या किया और कहा गया बल्कि यह है कि अब टेस्ट की संख्या कितनी तेजी से बढ़ाई जा सकती है।

उन्होंने कहा बहुत से गरीबों के पास राशन कार्ड नहीं है। इस समय सख्त जरूरत है  कि आने  वाले समय में बेरोजगारी और अनाज बड़ी समस्या हो सकती है लिहाजा सरकार को कुछ पैकेज और राहत देनी होगी। गरीब और मजदूर बड़ी गंभीर दिक्कत में हैं और उन्हें मदद की सख्त जरूरत है। राज्यों को ज्यादा पैसा देना होगा।

राहुल गांधी ने कहा लॉक डाउन के बाद आपको त्वरित नीति की जरूरत है जो नहीं बनी है। यह एक राष्ट्रीय मुद्दा है। गोदाम से सामान लोगों तक नहीं पहुँच रहा है। लॉक डाउन पर रणनीति बनानी ही होगी।

कांग्रेस नेता ने कहा कि हाट स्पॉट जोन तक बहुत त्वरित तरीके की जरूरत है। उन्होंने जोर देकर कहा कि एक ढांचा तैयार करने की सख्त जरूरत है क्योंकि असली समस्याएं आने वाले कुछ महीनों में देखने को मिलेंगी। राज्यों को अधिक सुविधाएँ और अधिकार देने की जरूरत है। उसी स्तर पर कोरोना से बेहतर तरीके से लड़ा जा सकता है। लॉक डाउन खुलने से पहले ही सरकार को इसकी तैयारी करनी होगी।

उनसे सवाल पूछा गया कि क्या केंद्र सरकार हर चीज अपने कंट्रोल में रखकर राज्यों को कोरोना से लड़ने में कमजोर कर रही है, राहुल ने कहा कि कुछ गलतियां हुई हैं जिनमें एक पलायन ( माइग्रेंट्स) को लेकर भी हुई है। बेहतर रणनीति की जरूरत है। राज्यों को ज्यादा फैसले करने का अधिकार देना चाहिए।

उनसे पूछा गया कि ज्यादातर कांग्रेस शासित राज्यों ने लॉक डाउन बढ़ाने की मांग की लेकिन आप कुछ और बात कर रहे हैं, राहुल ने कहा कि लॉक डाउन हमारे देश में पलायन की समस्या लेकर आया है जिसे सरकार को देखना होगा। उन्होंने कहा कि काफी क्षेत्र हैं जिनपर सोचना जरूरी है। हमारा देश अन्य देशों के मुकाबले ज्यादा कम्प्लीकेटिड देश है। यह लंबी लड़ाई है।

चीन से टेस्टिंग किट की क्वालटी पर उठाते सवाल पर राहुल ने कहा कि सभी देश टेस्टिंग किट चाहते हैं। रैपिड टेस्टिंग किट के लिए हमें कोइ अपना रास्ता भी निकलना पड़ेगा। नान हाट स्पॉट क्षेत्रों में भी टेस्टिंग जरूरी है। रणनीति से करना पड़ेगा। गैर भाजपा राज्यों से किट को लेकर भेदभाव के सवाल पर राहुल ने टिप्पणी से इंकार कर दिया।

पीएम कहाँ गलती कर गए, राहुल ने इस सवाल पर कहा कि आज मैं सिर्फ सुझाव ही देना चाहूंगा जिसमें गरीबों-मजदूरों को भोजन, छोटे उद्योगों के लिए राहत, एक बड़ी रणनीति और मिलकर लड़ाई लड़ने की जरूरत। मोदी से बहुत मुद्दों पर असहमति है लेकिन आज मिलकर लड़ने की जरूरत है। एक साथ खड़े होकर लड़े तो हम इसे (वायरस) को हरा देंगे।

डाक्टरों पर पत्थर फेंकने वालों पर भड़के सलमान, कहा ऐसा न हो इन सिरफिरों को समझाने के लिए कहीं सेना बुलानी पड़े

फिल्म कलाकार सलमान खान ने उन लोगों पर सख्त नाराजगी दिखाई है जो हाल में डाक्टरों या चिकित्सा दलों पर पत्थर फेंकने या हमला करने में शामिल रहे हैं। सलमान ने एक वीडियो सन्देश के जरिये कहा कि कुछ लोग डाक्टरों पर पत्थर फेंक रहे हैं, ऐसा न हो कि इन लोगों को समझाने के लिए सेना बुलानी पड़े।

सलमान खान, जो आजकल लॉक डाउन के चलते अपने फ़ार्म हाउस में हैं का यह वीडियो सन्देश सोशल मीडिया पर काफी देखा जा रहा है। इसमें सलमान ने कहा – ”

डॉक्टर आपकी जान बचाने के लिए आए हैं, नर्स आपकी जान बचाने के लिए आए हैं।  जो आप लोग उनपर पत्थर बरसा रहे हो, अगर ये डॉक्टर आपका इलाज नहीं करते और पुलिस सड़कों पर नहीं होती तो चंद लोगों की वजह से, जिनके दिमाग में चल रहा है कि हमें नहीं होगा (कोरोना) तो वह हिंदुस्तान के ढेर सारे लोगों को लेकर चल बसेंगे। कहीं ऐसी नौबत न आ जाए कि आप लोगों को समझाने के लिए सेना बुलानी पड़े।”

बॉलीवुड के सबसे लोकप्रिय सितारों में से एक सलमान कोरोना वायरस को लेकर लगातार सोशल मीडिया पर फोटो और वीडियो के जरिये जागरुकता सन्देश दे रहे हैं। अब सलमान का यह वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिसमें वह डॉक्टर्स और पुलिस पर पत्थर बरसाने वालों को फटकार लगाते दिख रहे हैं।

वीडियो सन्देश में सलमान लोगों से घर में ही रहकर प्रार्थना करने की सलाह देते दिख रहे हैं। उन्होंने कहा – ‘बचपन में यही पढ़ा था भगवान हम सबके अंदर हैं।”