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लुधियाना के एसीपी अनिल कोहली की कोरोना से मृत्यु

कोरोना वायरस से पीड़ित पंजाब के लुधियाना के एसीपी अनिल कोहली की मृत्यु हो गयी है। शनिवार को उन्होंने एसपीएस अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे गंभीर रूप से बीमार होने के बाद वेंटिलेटर पर थे।

जानकारी के मुताबिक लुधियाना उत्तर के एसीपी अनिल कोहली (५२) का एसपीएस अस्पताल में कोरोना का इलाज चल रहा था। शनिवार को उनका देहांत हो गया। उनके पहले एक पटवारी की भी पंजाब में कोरोना के चलते मृत्यु हो गयी थी।

कोहली मूल रूप से खन्‍ना के रहने वाले थे। लुधियाना में पिछले दो दिन में कोराेना से दो लोगों की मौत हो गयी है। अब तक पुंजाब में कोरोना के कारण १६ लोगों की जान गयी है जबकि संक्रमित लोगों के मामले २२५ से ज्यादा हो गए हैं।

पंजाब पुलिस कोहली की मौत से सकते में है। कहा जा रहा है कि उनकी प्लाज्‍मा थैरेपी की तैयारी भी चल रही थी लेकिन उस से पहले ही उनका निधन हो गया। अभी तक पंजाब में एक भी ऐसा इलाज (प्लाज्‍मा थैरेपी) फिलहाल नहीं हुआ है।

अनिल कोहली के संपर्क में आए तीन लोगों के भी कोविड-१९ टेस्ट किए गए थे। इनमें एसीपी की पत्‍नी, उनका चालाक और उनके अधीन एक सब इंस्पेक्टर शामिल हैं।

…तो डाक कर्मचारियों को 10 लाख रुपये का मुआवज़ा देगी सरकार

कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए एक तरफ़ जहाँ देश के सभी लोग घरों में क़ैद हैं, वहीं जनसेवा से जुड़े सभी सरकारी, ग़ैर-सरकारी कर्मचारी, स्वयंसेवी संगठनों के लोग दिन-रात लोगों की सेवा में लगे हुए हैं। ऐसे ही सेवा संस्थानों में से एक है डाक विभाग। बता दें कि लॉकडाउन के बावजूद डाक विभाग के सभी अधिकारी, कर्मचारी लोगों की सेवा में लगातार लगे हुए हैं। ऐसे में सरकार ने निर्णय लिया है कि अगर कोई डाककर्मी कोरोना वायरस की चपेट में आ जाता है, तो उसे 10 लाख रुपये का मुआवज़ा दिया जाएगा।

सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने फ़ैसला किया है कि ग्रामीण डाक सेवक (जीडीएस) सहित सभी डाक कर्मचारियों को ड्यूटी करते समय अगर कोरोना वायरस का संक्रमण हो जाता है, तो उसे 10 लाख रुपये का मुआवज़ा दिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, ये दिशा-निर्देश जल्द प्रभावी हो जाएँगे और कोरोना वायरस का संकट ख़त्म होने तक के लिए लागू रहेंगे। गृह मंत्रालय की ज्ञापन संख्या 40-3/2020-डीएम-1 (ए) के पैरा –11 (iii) में इस बात को दोहराया गया है। इसमें कहा गया है कि ग्रामीण डाक सेवक सहित डाक कर्मचारी ग्राहकों को मेल डिलीवरी, डाक घर बचत बैंकडाक जीवन बीमा देने, एईपीएस सुविधा के तहत किसी भी बैंक और किसी भी शाखा से ग्राहकों के दरवाज़े तक धन की निकासी को सरल बनाने के विभिन्न दायित्वों का निर्वाह कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त डाक घर स्थानीय राज्य प्रशासन एवं पुलिस अधिकारियों के साथ सम्पर्क कर देश भर में कोविड-19 किट, फूड पैकेट, राशन एवं अनिवार्य दवाओं आदि पहुँचा रहे हें। इस प्रकार डाक घर विभागीय कर्तव्यों के साथ-साथ कोविड-19 के संकट के समय सामाजिक प्रयोजन की भी सेवा कर रहे हैं। यदि इस दौरान उन्हें संक्रमण होता है, तो उन्हें 10 लाख रुपये क्षतिपूर्ति के तहत दिये जाएँगे।    

लोगों की समस्यायों पर मंत्रिमंडल समूह की बैठक, राहत को लेकर चर्चा हुई  

कोरोना के चलते वर्तमान हालत पर चर्चा के लिए आज दिल्ली में मंत्री समूह (जीओएम) की बैठक हुई जिसकी अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। उनके आवास पर हुई इस बैठक के बाद राजनाथ ने एक ट्वीट में कहा कि ”हमने लोगों की समस्यों और राहत को लेकर चर्चा की”।
बैठक में लोगों को राहत देने पर चर्चा हुई। बैठक के बाद राजनाथ सिंह ने कहा कि राहत में मंत्रालयों की भूमिका को लेकर गहन चर्चा की गई। बैठक के बाद राजनाथ सिंह ने एक ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने कहा – ”सीमित गतिविधियों को अनुमति देने के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं। हमने इसमें चर्चा की कि लोगों को होने वाली कठिनाइयों और लोगों को राहत देने में मंत्रालय क्या भूमिका निभा सकते हैं”।
इस बैठक में दो दिन पहले आरबीआई के घोषित उपायों की सराहना की गई। बैठक में कहा गया कि किराने का सामान, सब्जियां आदि जरूरी चीजों की आपूर्ति सरकार की चिंता का विषय रहा है, क्योंकि ऑनलाइन खुदरा विक्रेता और ई-कॉमर्स कंपनियां  लॉकडाउन के बीच माल देने के लिए मुश्किल झेल रही हैं।
बैठक में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, पियूष गोयल, संतोष गंगवार, धर्मेंद्र प्रधान, रमेश पोखरियाल, राम विलास पासवान, स्मृति ईरानी और गिरिराज सिंह शामिल हुए। यह मंत्रीमंडल समूह की लॉक डाउन के बाद पांचवीं बैठक है।
बैठक में २० अप्रैल से कुछ स्थानों पर राहत देने के केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों के बारे में भी बात की गयी। इसके साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से की गई आर्थिक सहायता की घोषणा को लागू करने पर भी मंत्रियों ने चर्चा की। इसमें देश में जरूरी सामान की आपूर्ति सुनिश्चित करने पर मंत्रियों ने मंथन किया।
याद रहे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की अगुवाई में भी शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रियों की एक बैठक हुई थी जिसमें लॉकडाउन लागू करने के उपायों पर चर्चा की गयी थी।  जिन स्थानों में कोरोना के ज्यादा मामले आ रहे हैं, वहां लॉकडान के सख्ती से पालन पर चर्चा हुई।

राजनाथ सिंह का ट्वीट –
@rajnathsingh
Interacted with the GoM on the COVID-19 situation. We discussed ways to mitigate the hardships faced by the people and the role ministries can play in providing relief to people.

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वर्तमान हालत पर चर्चा के लिए मनमोहन सिंह के नेतृत्व में ‘सलाहकार ग्रुप’ का गठन किया

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वर्तमान हालत पर चर्चा और विभिन्न मामलों पर पार्टी के विचार तय करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में एक सलाहकार ग्रुप का गठन किया है। इसमें पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, जयराम रमेश, पी चिदंबरम, रणदीप सुरजेवाला जैसे नेताओं को शामिल किया गया है।

 पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल की तरफ से जारी एक प्रेस रिलीज में बताया गया है कि यह सलाहकार ग्रुप हर रोज मिलेगा। इसमें वर्तमान मुद्दों/हालत पर चर्चा की जाएगी और उन्हें लेकर पार्टी के क्या विचार होंगे उसपर मंथन किया जाएगा।

पूर्व प्रधानमंत्री और वरिष्ठ नेता मनमोहन सिंह को इस सलाहकार ग्रुप का अध्यक्ष बनाया गया है जबकि पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी को भी इसमें जगह दी गयी है। वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला को इस कमिटी का संयोजक बनाया गया है।

सलाहकार ग्रुप में मनमोहन सिंह, राहुल गांधी, रणदीप सुरजेवाला के अलावा केसी वेणुगोपाल, पी चिदंबरम, मनीष तिवारी, जयराम रमेश, प्रवीण चक्रवर्ती, गौरव वल्लभ, सुप्रिय श्रीनाते और रोहन गुप्ता को शामिल किया गया है। यह ग्रुप तत्काल प्रभाव से काम शुरू कर देगी और हर रोज बैठक कर वर्तमान हालत पर चर्चा और विभिन्न मामलों पर पार्टी के विचार तय करेगा।

राहुल ने अमेठी को ११ ट्रक राशन भेजा, कहा कोरोना बड़ी चुनौती के साथ एक अवसर भी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कोरोना वायरस को एक बहुत बड़ी चुनौती के साथ-साथ  एक अवसर भी बताते हुए कहा है कि कोरोना से लड़ने के लिए हमें नए समाधान जुटाने होंगे। राहुल गांधी ने अपने पूर्व लोक सभा क्षेत्र उत्तर प्रदेश के अमेठी को ११ ट्रक राशन जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए भेजा है।

राहुल गांधी ने शनिवार को एक ट्वीट में कहा – ”कोविड-१९ जैसी वैश्विक महामारी एक बड़ी चुनौती है लेकिन यह एक अवसर भी है। हमें संकट की इस घड़ी में अपने  वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और डाटा विशेषज्ञों के वृहद् पूल को आज जरूरी नए समाधानों पर काम करने के लिए सक्रिय करने की जरूरत है।”

गौरतलब है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने पुराने लोकसभा क्षेत्र उत्तर प्रदेश के अमेठी में जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए ११ ट्रक राशन भेजा है। इसमें पांच ट्रक चावल, पांच ट्रक आटा-गेहूं और एक ट्रक दालों के अलावा तेल, मसाले और अन्य खाद्य सामग्री है। अमेठी में राहुल गांधी के भेजे राशन को जरूरतमंदों और गरीबों में वितरित की गयी। यह सामग्री अमेठी लोकसभा क्षेत्र की ८७७  ग्राम/नगर पंचायतों और नगर पालिकाओं में राहुल गांधी की तरफ से १६,४००० राशन किट बनाकर वितरित की गयी।

गौरतलब है कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तीन दिन पहले एक प्रेस कांफ्रेंस करके सरकार को कुछ सुझाव भी दिए थे। उन्होंने सरकार से इमरजेंसी राशन कार्ड जारी करने की भी अपील की थी। अब उन्होंने एक ट्वीट में भी कहा – ”हम सरकार से अपील करते हैं कि इस संकट में आपातकाल राशन कार्ड जारी किए जाएँ। ये उन सभी के लिए हों जो इस लॉकडाउन में भोजन की कमी का सामना कर रहे हैं। लाखों देशवासी बिना राशन कार्ड के पीडीएस का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। अनाज गोदाम में सड़ रहा है जबकि सैकड़ों भूखे पेट इंतज़ार कर रहे हैं। यह अमानवीय है।”

राहुल गांधी का ट्वीट –

@RahulGandhi
The #Covid19 pandemic is a huge challenge but it is also an opportunity. We need to mobilise our huge pool of scientists, engineers & data experts to work on innovative solutions needed during the crisis.

इस बेजुबान को आप भी खिलाने से खुद को नहीं रोक पाएंगे

इंसानियत अभी जिंदा है। कहते हैं खुदा ने जब पैदा किया है तो खाने-पीने का इंतजाम भी वही करता है। कीड़े मकोड़ों से लेकर जिंद-परिंदे तक और समुद्र में व्हेल जैसी भारी भरकम मछली का पेट भी कभी खाली नहीं रहता।
पर, दुनिया में इंसान को सबसे बेहतरीन मखलूक यूं ही नहीं कहा गया है। इसके उदाहरण समय-समय पर सामने आते रहते हैं। ऐसा ही एक मामला फिलहाल लॉकडाउन के दौरान एक बेजुबान बन्दर के साथ दिखा जिसके हाथ भी नहीं हैं। भूख उसे थाने तक खींच लाई! कोई भी शख्स इसको अपने हिस्से का भी खाना खिलाने से नहीं रोक सकता।
सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें एक पुलिसकर्मी बन्दर को केला खिला रहा है। जो दुनिया को एक सबक दे रहा है। देश और दुनियाबन्दी के दौरान जब अपने पालतू जानवरों को छोड़े जाने की कहानियों ने तो कई दिल तोड़ दिए हैं, यह वीडियो एक अविश्वसनीय उदाहरण और सबक के रूप में है।
ट्विटर पर खुशबू नाम की यूजर द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो में एक पुलिस स्टेशन के बाहर मास्क पहने बैठे एक अधिकारी को दिखाया गया है। वह एक हाथ से अपने फोन को पकड़े है, जबकि दूसरे से केले का छिलका उतारकर बन्दर को खिला रहे हैं। यह वीडियो वायरल हो गया है। लोग इसे पसंद कर रहे हैं और तारीफ भी कर रहे हैं।

मुंबई में २१ नौसैनिक कोरोना संक्रमित पाए गए

कोरोना वायरस का संक्रमण भारतीय नौसेना तक पहुँच गया है। खबर है कि मुंबई में नौसेना परिसर में २१ नौसैनिक कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं जिनमें २० आईएनएस आंग्रे पर तैनात हैं। इसके बाद आईएनएस आंग्रे को पूरी तरह से बंद करने की खबर है।

नौसेना में कोरोना पॉजिटिव का यह मामला सेना के आठ जवानों में कोरोना की पुष्टि होने के बाद आया है। जानकारी के मुताबिक इससे पहले ७ अप्रैल को भी एक नौसैनिक कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। अब आशंका जताई जा रही है कि यह २० नौसैनिक उसी संक्रमित नौसैनिक के कारण कोरोना की चपेट में आये हो सकते हैं। इसे लेकर नौसेना ने एक  बयान में बताया है कि संक्रमित पाए गए सभी नौसैनिक आईएनएस आंग्रे के एक ही रिहायशी ब्लॉक में रह रहे थे।

इस ब्लॉक को अब क्वॉरन्टीन कर दिया गया है। नौसेना के ब्यान  कि मुंबई में नौसैन्य परिसरों के भीतर सेवारत कुल २१ कर्मी कोविड-१९ संक्रमित मिले हैं। इनमें आईएनएस आंग्रे के २० नौसैनिक शामिल हैं। हालांकि, राहत की बात यही है कि नौसेना के किसी जहाज या  पनडुब्बी में नौसैनिकों में कोरोना संक्रमण की कोइ खबर नहीं है।

इन  नौसैनिकों को मुंबई के एक नौसैन्य अस्पताल में इलाज के लिए रखा गया है। ज्यादातर संक्रमित उस नौसैनिक के संपर्क में आए थे जो सात अप्रैल को कोविड-१९  से संक्रमित मिला था। संपर्क में आए सभी लोगों को पृथक वास (आईसोलेशन) में भेज दिया गया है। उधर इस घटना के बाद आईएनएस आंग्रे को पूरी तरह बंद कर दिया गया है।

यूपी सरकार के लॉक डाउन के बीच कोटा से छात्र वापस बुलाने से बिहार के सीएम नीतीश नाराज

लॉक डाउन की घोषणा के बावजूद उत्तर प्रदेश सरकार ने राजस्थान के कोटा को करीब २६५ से ज्यादा बसें भेजकर वहां फंसे (रुके) प्रदेश के छात्रों को वापस घर लाने की मुहिम चलाई लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री और भाजपा के सहयोगी नीतीश कुमार इससे नाराज हो गए हैं। नीतीश ने इसे पीएम मोदी के घोषित लॉकडाउन के खिलाफ बताया है।

यूपी सरकार ने शुक्रवार को छात्रों को लाने के लिए यह बसें भेजी थीं। कोटा, जो कि  एजुकेशन सिटी के नाम से जाना जाता है में ३०,००० से ज्यादा छात्र कोचिंग और शिक्षा ग्रहण करते हैं। यह छात्र घर जाना चाहते थे, जिसके बाद यूपी सरकार ने वहां यह बसें भेज दीं। नमन करीब ८००० छात्रों को वापस लाने की कोशिश की जा रही है।

यह छात्र कोटा में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और कुछ समय से सोशल मीडिया के जरिये उन्हें कोटा से घर ले जाने की गुहार लगा रहे थे। लॉकडाउन के बाद से वहां तमाम  कोचिंग सेंटर बंद हो चुके हैं लिहाजा यह छात्र वहां रुके हुए हैं।

लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यूपी सरकार के कोटा में फंसे प्रदेश के छात्रों को लाने के लिए बसें भेजे जाने से नाराज हो गए हैं। नीतीश ने कहा कि यह  लॉकडाउन के खिलाफ है और इससे ऐसा करने का दूसरे राज्यों पर भी दबाव बनेगा।

नीतीश ने कहा है कि योगी सरकार के इस क़दम से लॉकडाउन का मतलब ही ख़त्म हो जाता है। इस बीच बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने इस बारे में राजस्थान सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि उसे छात्रों को वापस लाने के लिए दी गई अनुमति को वापस ले लेना चाहिए।

ट्रोल होने पर भाजपा की बबीता फोगाट बोली-मैं जायरा वसीम नहीं…

देश में कोरोना संकट के बीच सियासत भी चालू है। देश की पहलवान रही और भाजपा में शामिल हुई भाजपा नेता बबीता फोगाट के विवादास्पद ट्वीट के बाद उनको ट्रोल किया जा रहा है। हालांकि इसके बाद भी पहलवान ने कहा है कि वह अपनी बात पर कायम है। बोलीं, पहले पहलवानी सीखी थी, अब राजनीति भी सीख लेगी।

तब्लीगी जमात पर बबीता अपने ट्वीट का अब खुलकर बचाव किया है। शुक्रवार को उन्होंने एक वीडियो जारी कर विरोध कर रहे लोगों पर हमला किया। उन्होंने कहा कि मैं ‘जायरा वसीम’ नहीं हूं और न ही किसी तरह की धमकी से डरने वाली हूं।

दरअसल, बबीता ने वीरवार को ट्विटर के जरिए तब्लीगी जमात पर निशाना साधा था। अपने ट्वीट में उन्होंने जो हैशटैग इस्तेमाल किया था वह कई लोगों को नागवार गुजरा था। उनके इस ट्वीट के बाद ट्विटर पर लोगों ने उनको घेरना शुरू कर दिया था, इसके साथ ही उनके फैन्स उनके समर्थन में आ गए थे और साथ समर्थन जताने लगे। दोनों हैशटैग शुक्रवार को टॉप ट्रेंड्स में बने रहे।

इसके बाद पहलवान ने वीडियो के जरिये अपनी बात पर कायम रहते हुए वीडियो शेयर किया जो इस प्रकार है- ‘कान खोलकर एक बात सुन लो और दिमाग में बिठा लेना कि मैं कोई जायरा वसीम नहीं हूं कि तुम्हारी धमकियों से डरकर घर पर बैठ जाऊंगी। मैं तुम्हारी धमकियों से नहीं डरने वाली। मैं असली बबीता फोगाट हूं। मैंने जो ट्वीट किया है, उसमें कुछ भी गलत नहीं लिखा है। मैं उस पर अब भी कायम हूं। मैंने सिर्फ उन लोगों के बारे में लिखा है, जिन्होंने कोरोना संक्रमण को फैलाया। क्या तब्लीगी जमात वाले नंबर वन पर नहीं बने हुए हैं। तबलीगी जमात ने कोरोना संक्रमण नहीं फैलाया होता, तो अब तक लॉकडाउन खुल गया होता। इससे पहले जो उन्होंने ट्वीट किया उस पर लिखा-कोरोना वायरस भारत की दूसरे नंबर की सबसे बड़ी समस्या है। जमाती अभी भी पहले नंबर पर बना हुआ है। बता दें कि इससे पहले भी वह विवादास्पद ट्वीट कर चुकी हैं, जिसके चलते उनका ट्विटर अकाउंट ब्लॉक हो चुका है।

शोपियां में मुठभेड़, २ आतंकी ढेर

सुरक्षा बलों ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर में एक मुठभेड़ में २ आतंकियों को मार गिराया है। यह घटना कश्मीर के शोपियां की है जहाँ मुठभेड़ अभी भी जारी है।

शोपियां में सुरक्षाबलों को जानकारी मिली थी कि इलाके में आतंकी छिपे हुए हैं। मारे गए दोनों ही आतंकी हिज्बुल मुजाहिदीन (एचएम) से जुड़े हुए थे। अभी सुरक्षाबल इलाके में डटे हुए हैं क्योंकि खबर है कि वहां और आतंकी हो सकते हैं।

पिछली रात ही यह मुठभेड़ शुरू हुई और सुरक्षा बलों ने काम से कम तीन आतंकियों को घेर लिया। देर रात शोपियां के डियारू इलाके में आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना मिलने के बाद पुलिस, सेना और सीआरपीएफ की टीम ने घेराबंदी कर तलाशी शुरू कर दी। खुस को सुरक्षाबलों से घिरते देख आतंकवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी।

सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई शुरू की जिसमें पहले एक आतंकी मारा गया।  मुठभेड़ जारी रही और कुछ घंटे बाद एक और आतंकी को ढेर कर दिया गया। इस तरह बी तक वहां दो आतंकियों को मार गिराया है। जो आतंकी मारे गए हैं उनके नाम  आसिफ और आशिक बताए गए हैं और दोनों का ताल्लुक एचएम से था।