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एक दिन में अब तक के रेकॉर्ड 55,078 मामले, कोविड-19 से जा चुकी है 35,747 की जान

देश में कोविड-19 के मामले अब चिंताजनक आंकड़ों की तरफ बढ़ रहे हैं। दुनिया में मौतों के मामले में भारत अब 5वें नंबर पर पहुंच गया है। पिछले 24 घंटे में देश में रेकॉर्ड 55,078 मामले सामने आए हैं जिससे इस महामारी के कुल मरीजों की संख्या अब 16 लाख के पार चली गयी है। देश में कोविड 19 से मरने वालों की कुल संख्या  35,747 हो गई है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटों में 779 लोगों की मौत हुई है। वैसे अच्छी खबर यह है कि स्वस्थ होने वालों की संख्या बढ़कर 10,57,805 हो गई है। आज सुबह आठ बजे तक के डाटा के मुताबिक देश में कोरोना वायरस संक्रमण के अब तक 16,38,870 मामले सामने आए हैं।

पिछले 24 घंटों में 779 की मौत के साथ मरने वालों की कुल संख्या 35,747 हो गई है। लगातार दूसरे दिन 50,000 से अधिक कोविड-19 मामले सामने आए हैं। देश में आज की तारीख में 5,45,318 लोग संक्रमण की चपेट में हैं और उनका इलाज चल रहा है।

आंकड़ों के मुताबिक मरीजों के स्वस्थ होने की दर 64.54 प्रतिशत हो गई जबकि इस बीमारी से मृत्यु दर घटकर 2.18 प्रतिशत हो गई है। आईसीएमआर के मुताबिक 30 जुलाई तक कुल 1,88,32,970 नमूनों की जांच की गई है जिनमें से 6,42,588 नमूनों की जांच बृहस्पतिवार को की गई।

पिछले 24 घंटे में (सुबह 8 बजे तक) हुई 779 लोगों की मौतों में 266 की मौत महाराष्ट्र में हुई जबकि तमिलनाडु में 97, कर्नाटक 83, आंध्र प्रदेश 68 और उत्तर प्रदेश में 57 लोगों की मौत हुई। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में 46, दिल्ली 29, गुजरात 22, जम्मू-कश्मीर 17, मध्य प्रदेश 14 और राजस्थान और तेलंगाना में 13-13 लोगों की जान गयी है।

ओडिशा में 10, पंजाब में नौ, झारखंड में पांच, बिहार, हरियाणा, मणिपुर और उत्तराखंड में चार-चार, गोवा और छत्तीसगढ़ में तीन-तीन, असम, अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह और केरल में दो-दो जबकि लद्दाख और पुडुचेरी में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है।

20 साल में 4 साल की सजा, हाईकोर्ट ने ढाई घंटे बाद लगाई रोक

तहलका के सनसनीखेज स्टिंग ऑपरेशन वेस्ट एंड के 20 साल पुराने रक्षा सौदा भ्रष्टाचार मामले में समता पार्टी की पूर्व अध्यक्ष जया जेटली को निचली अदालत ने चार साल की सजा सुनाई, जिस पर उच्च अदालत ने रोक लगा दी है। दिल्ली की सीबीआई की विशेष अदालत ने जया जेटली और उनके दो अन्य सहयोगियों को चार साल की कैद की सजा सुनाई थी। उनके दो सहयोगियों में पूर्व पार्टी सहयोगी गोपाल पचेरवाल और मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) एस पी मुरगई शामिल है। इन दोनों लोगों को भी चार साल की सजा सुनाई गई। अदालत की कार्रवाई बंद कमरे में हुई। तीनों दोषियों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया और उन्हें आज शाम पांच बजे तक आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया गया था।

सजा सुनाए जाने के महज करीब ढाई घंटे बाद ही  दिल्ली हाई कोर्ट ने सजा को सस्पेंड कर दिया है।

​फिलहाल दोषियों को मामले में बड़ी राहत मिल गई है। इससे पहले बुधवार को  बुधवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दोषियों की सजा को लेकर अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें सुनी।  जया जेटली और उनके दो अन्य सहयोगियों के लिए सीबीआई ने सात साल की कैद की मांग की थी।

विशेष सीबीआई जज वीरेंदर भट के समक्ष सीबीआई की ओर से पेश वकील ने कोर्ट से कहा था कि दोषियों को अधिक से अधिक सजा देनी चाहिए, क्योंकि उनके द्वारा किए गए अपराध बेहद गंभीर है। सीबीआई ने कहा था कि तहलका न्यूज पोर्टल के स्टिंग ऑपरेशन के बाद इस मामले में आरोपियों की भूमिका खुले तौर पर सबके सामने आई।

रक्षा मंत्री के आवास पर ली थी रिश्वत
इस मामले में न्यूज पोर्टल तहलका ने जनवरी 2001 में ‘ऑपरेशन वेस्टएंड’ नामक स्टिंग किया था। इसमें काल्पनिक कंपनी बनाकर सेना के लिए हाथ से संचालित होने वाले थर्मल इमेजर्स की आपूर्ति ऑर्डर के लिए दोषियों को रिश्वत लेते दिखाया गया था। जया जेटली ने तत्कालीन रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडीज के सरकारी आवास पर काल्पनिक कंपनी का प्रतिनिधि बनकर आए मैथ्यू सैम्युअल से 2 लाख रुपये की रिश्वत ली थी, जबकि मुरगई ने 20 हजार रुपए लिए थे। एक अन्य आरोपी सुरेंदर कुमार सुरेखा बाद में इस मामले की गवाह बन गई थीं।

विधानसभा सत्र तक होटल में ही रुकेंगे कांग्रेस और समर्थक विधायक, दल की बैठक में किया गया इसका फैसला

राजस्थान में कांग्रेस और उसके सभी समर्थक विधायक 14 अगस्त तक होटल में ही रहेंगे। इसका फैसला कांग्रेस विधायक दल की बैठक में किया गया जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की। हालांकि, मंत्री अपने कार्यों को लेकर सचिवालय जा सकते हैं।

याद रहे उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों के ‘बागी’ होने के बाद जब सरकार के लिए खतरा पैदा हो गया था तब कांग्रेस इन विधायकों को फेयरमोंट होटल ले गयी थे और तब से यह सभी वहीं रह रहे हैं। आज इसी होटल में हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में यह फैसला हुआ कि विधायक 14 अगस्त तक होटल में ही रुकेंगे।

याद रहे बुधवार को राज्यपाल कलराज मिश्र 14 अगस्त से विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए तैयार हो गए जिसके बाद इसकी अधिसूचना जारी कर दे गयी। गहलोत सरकार ने कहा है कि वह सत्र के दौरान कोरोना को लेकर चर्चा करना चाहती है। संभावना है कि इस दौरान कुछ बिल भी सदन में लाए जा सकते हैं।

देखना दिलचस्प होगा कि पायलट समर्थक जिन 19 विधायकों को स्पीकर सीपी जोशी ने नोटिस जारी किया था और जिसपर राजस्थान हाई कोर्ट ने किसी तरह की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी, उन्हें लेकर अब क्या होता है क्योंकि हाईकोर्ट के फैसले को स्पीकर ने आज ही सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। विधानसभा सत्र के लिए राजभवन की तरफ से देर रात जारी बयान के मुताबिक राज्यपाल ने कोरोना के नियमों के पालन का मौखिक निर्देश दिया है।

उधर नाराज कांग्रेस नेता सचिन पायलट, जिन्हें कुछ रोज पहले उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था, ने राजस्थान कांग्रेस के नए प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को उनके पदभार ग्रहण करने पर ट्वीट के जरिये बधाई दी और कहा उम्मीद है कि डोटासरा बिना किसी दबाव या पक्षपात के उन कार्यकर्ताओं, जिनकी की मेहनत से सरकार बनी है, उनका पूरा मान-सम्मान रखेंगे।

डोटासरा ने भी इसका जवाब दिया – ‘बहुत बहुत धन्यवाद सचिनजी। मुझे भी उम्मीद है कि आप भाजपा और खट्टर सरकार की मेहमानवाज़ी छोड़कर उन सभी कांग्रेसी कार्यकर्ताओं जिनकी मेहनत से सरकार बनी है, उनके मान-सम्मान को बरक़रार रखने के लिए जयपुर आकर कांग्रेस सरकार के साथ खड़े होंगे।’ यही नहीं सचिन पायलट ने स्पीकर सीपी जोशी को भी उनके जन्मदिन पर बढ़ाई दी है।

यूपी के डाक्टर कफील को लेकर प्रियंका गांधी ने सीएम योगी को लिखा पत्र, रिहाई की मांग  

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के डॉ. कफील खान की रिहाई के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखी है। प्रियंका ने इसमें योगी से कहा है कि सरकार संवेदनशीलता परिचय देते कफील को न्याय देने की मांग की है।

दो दिन पहले ही प्रियंका गांधी ने गाजियाबाद के व्यवसायी विक्रम त्यागी के लापता होने और इससे उनके परिवार की परशानी को लेकर भी सीएम योगी को पत्र लिखकर चिंता जताई थी। याद रहे त्यागी करीब एक महीने से गायब हैं और उनके परिवार को आशंका है कि उनका अपहरण हुआ है। परिवार के कई बार के आग्रह के बावजूद यूपी पुलिस और प्रशासन ने त्यागी को ढूंढ़ने को लेकर कुछ नहीं किया है।

यूपी कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल भी दो दिन पहले त्यागी के परिजनों से मिला था। इसके बाद प्रियंका ने योगी को पात्र लिखा जिसमें उन्होंने कहा – ”वे बहुत ही चिंतित और परेशान हैं। कृपया उनकी मदद करें और पुलिस अधिकारियों को सख्ती से निर्देशित करें कि पूरी तरह से उनकी सहायता की जाए।”

कांग्रेस नेता ने पत्र में कहा कि उत्तर प्रदेश में अपहरण की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। कानून-व्यवस्था बिगड़ती जा रही है और ऐसे में पुलिस और प्रशासन की जिम्मेदारी है कि पूरी मुस्तैदी और दक्षता से कार्रवाई करें। पहले भी प्रियंका ने यूपी में हो रही अपहरण घटनाओं का जिक्र करते हुए योगी को पत्र लिखकर कहा था कि मुख्यमंत्री प्रदेश की कानून व्यवस्था ठीक करें क्योंकि जनता परेशान है।

उधर अब गुरूवार को प्रियंका ने कफील खान का मामला उठाया है। प्रियंका ने कहा कि उनकी पत्नी शाबिस्ता ने बताया था कि जेल में उसके पति की जान को खतरा है। उन्हें अधिक सुरक्षा दिए जाने की मांग की थी। शाबिस्ता ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को भी पत्र लिखा है जिसमें पति के  लिए सुरक्षा की मांग की है। उनका आरोप है कि उनके पति को जेल में प्रताड़ित किया जा रहा है और उनसे गरिमा के खिलाफ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है साथ ही उनकी हत्या की आशंका भी उन्होंने जताई है।

पिपुल्स लिब्रेशन आर्मी के उग्रवादियों का सेना पर हमला ; चार जवान शहीद और चार घायल

मणिपुर की राजधानी इंफल से 100 किलोमीटर दूर म्यांमार सीमा पर सेना की सेना की असम राइफल्स की टीम पर पिपुल्स लिब्रेशन आर्मी के उग्रवादियों के हमला करने की खबर है। इस हमले में सुरक्षा बल के चार जवान शहीद हो गए हैं। हमले में चार जवान गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं।

जानकारी के मुताबिक यह हमला म्यांमार की सीमा के पास हुआ है। वहां पहले से घात लगाकर बैठे पिपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के आतंकवादियों ने यह हमला किया। हमला चंदेल जिला में म्यानमार बॉर्डर से सटे इलाके में हुआ है।

जानकारी के मुताबिक असल राइफल्स की टुकड़ी पर यह हमला हुआ है। उग्रवादियों ने पहले एक आईईडी ब्लास्ट किया। इसके बाद सैनिकों पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी गयी। हमले के बाद इलाके में चौकसी बढ़ा दी गई है। सेना पूरे इलाके में सर्च अभियान चला रही है। अभी तक पिपुल्स लिब्रेशन आर्मी के उग्रवादियों को नहीं पकड़ा जा सका है।

राजस्थान कांग्रेस विधायक दल की 14 अगस्त के विधानसभा सत्र को लेकर चल रही बैठक

राजस्थान में राज्यपाल कलराज मिश्र के विधानसभा सत्र बुलाने के राजी होते ही,  कांग्रेस और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी अगली रणनीति बनाने में जुट गए हैं।  गहलोत की अगुवाई में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हो रही है। उधर विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय पहुंच गए हैं।

गहलोत अभी तक बहुत नाप तोल कर आगे बढ़ रहे हैं। विधानसभा सत्र बुलाने के राज्यपाल के फैसले को उनकी पहली जीत के रूप में देखा जा सकता है। गहलोत ने बिना धैर्य खोए, तीन बार राज्यपाल को पत्र पेश कर विधानसभा का सत्र बुलाने का आग्रह किया और इस दौरान कांग्रेस के नेता लगातार राज्यपाल के सत्र न बुलाने के लिए सीधे भाजपा नेतृत्व पर हमला करते रहे और राज्यपाल के फैसले के पीछे भाजपा को बताते रहे।
गहलोत ने दो पत्र भी इसके विरोध में पीएम मोदी को लिखे। इससे भाजपा पर दबाव बना, क्योंकि जनता में यह संदेश जा रहा था कि भाजपा सचिन पायलट गुट और राज्यपाल के जरिये गहलोत की सरकार गिराने का षड्यंत्र रच रही है। राज्यपाल से ‘न की संभावना’ को देखते हुए गहलोत ने बहुत चतुराई से तीन प्रस्ताव राज्यपाल को सत्र को लेकर भेजे।गहलोत ने पहले प्रस्ताव वाली तारीख के हिसाब से तीसरे में 14 अगस्त की तारीख लिखी, जिसे राज्यपाल को मंजूर करना पड़ा। वैसे भी मंत्रिमंडल की सिफारिश को संविधान के मुताबिक राज्यपाल को मानना ही पड़ना था। संविधान विशेषज्ञ मंत्रिमंडल की सिफारिश के बावजूद विधानसभा सत्र न बुलाने के राज्यपाल कलराज मिश्र के कदम को गलत बता रहे थे। यही नहीं राज्यपाल के फैसले से उंगली सीधे भाजपा की भूमिका पर उठ रही थी।

राज्यपाल चाहते थे कि सरकार बताए कि एजंडा क्या होगा। इसके अलावा गहलोत ने मंत्रिमंडल के प्रस्ताव में यह कहीं नहीं लिखा है कि सरकार विश्वास मत लेना चाहती है। ऐसा करते तो राज्यपाल को राष्ट्रपति शासन की सिफारिश का बहाना मिल सकता था। सचिन पायलट के सोशल मीडिया पर कांग्रेस का अपना पुराना चिन्ह हाथ दोबारा लगाने से कई कयास लगने शुरू हो गए हैं।

राजस्थान कांग्रेस विधायक दल की इस समय बैठक चल रही है। इस बैठक में कांग्रेस आलाकमान के दूत भी शामिल हैं। इस बैठक में भविष्य की रणनीति पर विचार किया जाएगा।

बहुत से लोग मानते हैं कि पायलट को अब लगता है कि उनका कांग्रेस में रहना ही उनके राजनीतिक भविष्य के लिए सही रहेगा। दूसरे यह भी चर्चा रही है कि भाजपा कथित तौर पर उनके समर्थक विधायकों को ही फोड़ने की कोशिश कर रही थी। इस सारी कवायद में सीएम गहलोत पायलट पर ही नहीं, भाजपा के रणनीतिकारों पर भी अभी तक भारी पड़े हैं। हो सकता है, बागी अब कांग्रेस में ही रहने को तैयार हो जाएं।

गहलोत की रणनीति ने राजस्थान भाजपा में भी बड़ी लकीर खींच दी है। पूर्व मुख्यमंत्री और ताकतवर भाजपा नेता वसुंधरा राजे सिंधिया ने इन इस पूरे प्रकरण के दौरान सिर्फ एक बार कोई ब्यान दिया और बाकी समय वे चुप रहीं। राजस्थान के अधिकतर विधायक सिंधिया के समर्थक हैं। भाजपा, जो आमतौर पर ऐसे हालत में विपक्षी सरकारों वाले राज्यों में ‘तुरंत विश्वास प्रस्ताव हासिल करने’ की मांग शुरू कर देती है, राजस्थान में वह एक बार भी यह मांग करने की हिम्मत नहीं जुटा पाई। इससे जाहिर था कि गहलोत के पास बहुमत था, जो इस लड़ी में उनकी सबसे बड़ी ताकत रही है।

इस बीच राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष सीपी जोशी ने एक बार फिर अदालत का दरवाजा खटखटाया है। जोशी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एक नई एसएलपी दायर की गई है जिसमें उन्होंने राजस्थान हाईकोर्ट के 24 जुलाई के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें बागी विधायकों पर किसी तरह का एक्शन लेने पर रोक लगाई गयी है। पहले ही एक याचिका जोशी ने दायर की थी लेकिन उसे बाद में वापस ले लिया गया था।

उधर एक नए घटनाक्रम में हरियाणा के मानेसर के रिजॉर्ट की ओर से राजस्थान एसओजी को लिखित में दिए जवाब में बताया है कि उनके यहां कोई भी विधायक नहीं है। यही नहीं राजस्थान ऑडियो टेप मामले में आरोपी कारोबारी संजय जैन का वॉयस सैंपल लेने की इजाजत भी एसआईटी को मिल गई है। जैन का वॉयस सैंपल शुक्रवार को लिए जाने की संभावना है।

तहलका एक्सपोज : सीबीआई ने सभी दोषियों के लिए मांगी 7 साल कैद, ऐलान कल

तहलका के सनसनीखेज स्टिंग ऑपरेशन ‘वेस्ट एंड’ के करीब 20 साल पुराने रक्षा सौदा भ्रष्टाचार के मामले में दोषी करार समता पार्टी की पूर्व अध्यक्ष जया जेटली और उनके दो अन्य सहयोगियों के लिए सीबीआई ने सात साल की कैद की मांग की है। वहीं, जया जेटली की ओर से पेश वकील ने कोर्ट से अपील की उनकी मुवक्किल की उम्र बहुत ज्यादा है, लिहाजा उनकी उम्र को देखते हुए सजा सुनाने में नरमी बरती जाए।
बुधवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने दोषियों की सजा को लेकर अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें सुनीं। इसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला वीरवार के लिए सुरक्षित रख लिया।
विशेष सीबीआई जज वीरेंदर भट के समक्ष सीबीआई की ओर से पेश वकील ने कोर्ट से कहा कि दोषियों को अधिक से अधिक सजा देनी चाहिए, क्योंकि उनके द्वारा किए गए अपराध प्रकृति भी बेहद गंभीर है। सीबीआई ने कहा कि तहलका न्यूज पोर्टल के स्टिंग ऑपरेशन के बाद इस मामले में आरोपियों की भूमिका खुलेतौर पर सबके सामने आ चुकी है।
सीबीआई ने मांग की कि जया जेटली और उनकी ही पार्टी के पूर्व सहयोगी गोपाल पचेरलवाल व मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) एसपी मुरगई की सजा को लेकर कोई नरमी ना बरती जाए।  25 जुलाई को राउज एवेन्यू कोर्ट ने जया जेटली समेत तीन को भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश का दोषी ठहराया था।
न्यूज पोर्टल तहलका ने जनवरी 2001 में ‘ऑपरेशन वेस्ट एंड’ नामक स्टिंग किया था। इसमें काल्पनिक कंपनी बनाकर सेना के लिए हाथ से संचालित होने वाले थर्मल इमेजर्स की आपूर्ति ऑर्डर के लिए दोषियों को रिश्वत लेते दिखाया गया था। जया जेटली ने तत्कालीन रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडीज के आधिकारिक आवास पर काल्पनिक कंपनी का प्रतिनिधि बनकर आए मैथ्यू सैम्युअल से 2 लाख रुपये की रिश्वत ली थी, जबकि मुरगई ने 20 हजार रुपए नकद लिए थे।
मामला सामने आने के बाद तत्कालीन रक्षा मंत्री फर्नांडीज को अटल बिहारी वाजपेयी सरकार से इस्तीफा देना पड़ा था। इस मामले में भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण का भी नाम सामने आया था।

अनलॉक 3 – अभी नहीं खुलेंगे स्कूल और कालेज, सिर्फ जिम खोलने की इजाजत

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को अनलॉक-3 के लिए गाइडलाइंस जारी कर दी हैं।इनमें सबसे ख़ास बात यह है कि पहली अगस्त से रात्रि कर्फ्यू ख़त्म हो जाएगा। हालांकि, स्कूल, सिनेमा हाल और मेट्रो अभी नहीं खुलेंगे।
जानकारी के मुताबिक जो गाइडलाइंस जारी की गयी हैं उनमें कहा गया है कि पहली  अगस्त से रात्रि कर्फ्यू अब खत्म हो जाएगा। और 5 अगस्त से जिम भी खोले जा सकेंगे। हालांकि, 31 अगस्त तक स्कूल और कॉलेज बंद ही रखने का फैसला किया गया है। जाहिर है छात्रों अभी और इन्तजार करना पड़ेगा।

इसके अलावा गाइडलाइंस में कहा गया है कि अनलॉक 3 में भी मेट्रो, सिनेमाघर, स्विमिंग पूल अभी नहीं खुलेंगे। इसके लिए लोगों को अभी और इंतजार करना होगा।

इसके आलावा कंटेनमेंट जोन्स में 31 अगस्त, 2020 तक लॉकडाउन की पाबंदियों में किसी भी तरह की ढील नहीं दी जाएगी। सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक या मनोरंजन से जुड़े आयोजनों पर रोक रहेगी।

केबिनेट ने नई शिक्षा नीति मंजूर की, मानव संसाधन विकास मंत्रालय अब शिक्षा मंत्रालय

केंद्र सरकार ने बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक में नई शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी। इसके अलावा मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर अब शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केबिनेट की बैठक में यह फैसले किये गए।

केंद्रीय मंत्रियों प्रकाश जावडेकर और रमेश पोखरियाल निंशक ने साझी प्रेस कांफ्रेंस में शाम को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता आज कैबिनेट की बैठक में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मंजूरी दी गयी है। उच्च शिक्षा में अब मल्टीपल इंट्री और एग्जिट का विकल्प दिया जाएगा। पांच साल के इंटीग्रेटेड कोर्स करने वालों को एमफिल नहीं करना होगा।

उन्होंने बताया कि अब कॉलेजों के एक्रेडिटेशन के आधार पर ऑटोनॉमी दी जाएगी। मेंटरिंग के लिए राष्ट्रीय मिशन चलाया जाएगा। हायर एजुकेशन के लिए एक ही रेग्यूलेटर रहेगा। अभी यूजीसी, एआईसीटीई शामिल हैं। हालांकि इसमें लीगल एवं मेडिकल एजुकेशन को शामिल नहीं किया जाएगा। सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों को लिए शिक्षा मानक समान रहेंगे। नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) की स्थापना होगी जिससे रिसर्च और इन्नोवेशन को बढ़वा मिलेगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम अब शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है।

उनके मुताबिक शिक्षा (टीचिंग, लर्निंग और एसेसमेंट) में तकनीकी को बढ़वा दिया जाएगा। तकनीकी के माध्यम से दिव्यांगजनों में शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा। ई-कोर्सेस आठ प्रमुख क्षेत्रीय भाषाओं में विकसित किया जाएंगे। नेशनल एजुकेशनल टेक्नोलॉजी फोरम (एनईटीएफ) की स्थापना की जाएगी।

दोनों मंत्रियों ने बताया कि अर्ली चाइल्डहुड केयर और एजुकेशन के लिए कैरिकुलम एनसीईआरटी द्वारा तैयार होगा। इसमें 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए विकसित किया जाएगा। बुनियाद शिक्षा (6 से 9 वर्ष के लिए) के लिए फाउंडेशनल लिट्रेसी एवं न्यूमेरेसी पर नेशनल मिशन शुरु किया जाएगा। पढ़ाई की रुपरेखा 5+3+3+4 के आधार पर तैयारी की जाएगी। इसमें अंतिम 4 वर्ष 9वीं से 12वीं शामिल हैं। नये कौशल (जैसे कोडिंग) का शुरु किया जाएगा। एक्सट्रा कैरिकुलर एक्टिविटीज को मेन कैरिकुलम में शामिल किया जाएगा।

मंत्रियों के मुताबिक गिफ्टेड चिल्ड्रेन एवं गर्ल चाइल्ड के लिए विशेष प्रावधान किया गया है। कक्षा 6 के बाद से ही वोकेशनल को जोड़ जाएगा। नई नेशनल क्यूरिकुलम फ्रेमवर्क तैयार किया जाएगा जिसमें ईसीई, स्कूल, टीचर्स और एडल्ट एजुकेशन को जोड़ा जाएगा। बोर्ड एग्जाम को भाग में बाटा जाएगा। बच्चों के रिपोर्ट कार्ड में लाइफ स्किल्स को जोड़ा जाएगा। वर्ष 2030 को हर बच्चे के लिए शिक्षा सुनिश्चित की जाएगी। विद्यालयी शिक्षा के निकलने के बाद हर बच्चे के पास कम से कम लाइफ स्किल होगी।

याद रहे पहली मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई शिक्षा नीति की समीक्षा की थी। पूर्व इसरो चीफ के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में विशेषज्ञों की एक समिति ने इसका मसौदा तैयार किया है। कुछ राज्यों में हिंदी को लागू किए जाने को लेकर चिंता है, लेकिन एचआरडी मंत्रालय ने इसे दूर करने का भरोसा दिया है। शिक्षा क्षेत्र के सुधारों की पीएम मोदी की ओर से समीक्षा के बाद सरकार ने कहा था कि सरकार का उद्देश्य सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, प्रारंभिक शिक्षा में सुधार लाना है।

एक राष्ट्रीय पाठ्यक्रम लाया जाएगा जिसका फोकस कई भाषाओं, 21वीं सदी की कुशलता, खेल और कला आदि के समावेश पर होगा। स्कूली और उच्च शिक्षा में टेक्नॉलजी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने पर भी विस्तार से चर्चा की गई थी। हालांकि, अधिकारियों ने यह नहीं बताया है कि क्या मसौदे में कोविड 19 संकट से मिले सबक को भी शामिल किया गया है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने प्रस्ताव दिया था कि मंत्रालय का मौजूदा नाम बदल कर शिक्षा मंत्रालय कर दिया जाए, और अब इसपर  केबिनेट ने मुहर लगा दी।

शिक्षा मंत्रालय ने उच्च शिक्षा के लिए एक ही रेगुलेटरी बॉडी ‘नेशनल हायर एजुकेशन रेगुलेटरी अथॉरिटी’ (एनएचईआरए) या ‘हायर एजुकेशन कमिशन ऑफ इंडिया’ तय किया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का निर्माण 1986 में किया गया था और 1992 में इसमें कुछ बदलाव किए गए थे। तीन दशक बाद भी कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है।

रफाल लड़ाकू विमान भारत उतरा, चीन से तनाव के बीच ताकतवर हुई देश की सेना  

आधुनिक लड़ाकू जेट रफाल बुधवार को भारत पहुंच गया। पांच लड़ाकू रफाल विमानों ने खुशगवार मौसम के बीच अंबाला एयरबेस पर 3.10 बजे लैंडिंग की। चीन से तनाव के बीच भारत की सेना इससे और ताकतवर हो गयी है। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया इस मौके पर उपस्थित थे। अंबाला के एयरबेस पर लैंडिंग के समय वहां जबरदस्त जोश का माहौल दिखा और उन्हें ‘वाटर सैल्यूट’ दिया गया। इन पांच रफाल के भारत की सीमा में प्रवेश करते ही दो सुखोई 30 एमकेआई फाइटर ने अंबाला तक एस्कॉर्ट किया। रफाल फाइटर खरीदने का फैसला मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के वक्त हुआ था। उधर कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया है कि फ्रांस से भारत आते हुए रफाल फाइटर यूएई में जिस एयरबेस पर ठहराव के लिए रुके थे, उस एयरबेस के पास ईरान की कुछ मिसाइल गिरी थीं, जो वास्तव में उनके अभ्यास का हिस्सा थीं।

लैंड करने के बाद वायुसेना प्रमुख भदौरिया ने उन पांचों पायलट का स्वागत किया, जो इन्हें यहां लेकर आये हैं। उन्होंने उनसे कुछ देर बात भी की। लैंडिंग के बाद रफाल को अंबाला एयरबेस के हैंगर में ले जाया गया। रफाल की लैंडिंग से पहले कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी और वहां धारा 144 लगा दी गयी थी। लोगों को रफाल लैंडिंग की तस्वीरें लेने से सख्त मना किया गया था। मीडिया को भी इसकी मनाही थी।

इस रफाल की खासियतों के मुताबिक इसकी लंबाई 15.30 मीटर जबकि चौड़ाई 10.80 मीटर है और इसका वजन 15000 किलो (हथियारों के साथ) है। इसकी गति   2450 किमी प्रति घंटा है जबकि रेंज 3700 किलोमीटर है। पांच विमानों का पहली खेप सोमवार को फ्रांसीसी बंदरगाह शहर बोरदु में मेरिग्नैक एयरबेस से रवाना हुई थी। ये विमान लगभग 7,000 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद बुधवार दोपहर अंबाला पहुंचे।

इन विमानों में तीन एक सीट वाले और दो विमान दो सीट वाले हैं। विमानों को अब से कुछ देर बाद अनौपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना में स्क्वाड्रन नंबर 17 में शामिल किया जाएगा, जिसे ‘गोल्डन एरोज’ के नाम से भी जाना जाता है। वैसे, इन विमानों को औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना में शामिल करने के लिए मध्य अगस्त (संभवता 20 अगस्त) के आसपास समारोह आयोजित किया जाएगा जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के अलावा देश के शीर्ष सैन्य अधिकारियों के शामिल होने की संभावना है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक रफाल जेट का पहला स्क्वाड्रन अंबाला एयरबेस पर जबकि दूसरा पश्चिम बंगाल के हासिमारा बेस पर रहेगा। अंबाला एयरबेस को भारतीय वायुसेना का महत्वपूर्ण बेस माना जाता है क्योंकि यहां से भारत-पाकिस्तान सीमा महज 220 किलोमीटर की दूरी पर है। भारत ने जो कुल 36 रफाल विमान खरीदे हैं, उनमें से 30 लड़ाकू विमान जबकि छह प्रशिक्षु विमान हैं।

उधर कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत के पांच रफाल लड़ाकू विमान यूएई के जिस अल-धाफरा बेस पर ठहराव के लिए रुके थे, उसके पास यह ईरानी मिसाइल गिरी थीं। यही मिसाइल ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के सैन्य अभ्यास के दौरान की बताई गयी हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक ईरानी मिसाईलें यूएई के अल-धाफरा बेस के पास गिरीं जिन्हें वास्तव में अभ्यास के दौरान होरमुज़ की खाड़ी में नकली अमेरिकी युद्धपोत पर दागी गई थीं। हालंकि, इससे रफाल को कोई खतरा नहीं बना।