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सचिन और बागी विधायक बैठक में आएं, कोई मामला है तो मिलकर सुलझा लेंगे : सुरजेवाला

विधायक दल की बैठक जिसे दो बार टाला गया है, से ऐन पहले कांग्रेस ने एक प्रेस  कांफ्रेंस करके बागी तेवर दिखा रहे सचिन पॉयलट और उनके समर्थक विधायकों से इस बैठक में आने की अपील की है। पार्टी ने कहा है कि मोदी सरकार और भाजपा जितने भी हथकंडे कर ले, वो सरकार को नहीं गिरा पाएंगे। पार्टी ने पहले ही इसके लिए व्हिप जारी की हुई है। कांग्रेस विधायक दल की बैठक भी फिलहाल शुरू नहीं हुई है और इसे कुछ समय के लिए टाल दिया गया है।

उधर सचिन पॉयलट की तरफ से मीडिया में यह रिपोर्ट आई है जिसमें उन्होंने कहा है कि ”वे भाजपा में नहीं जा रहे हैं”, हालांकि उनके जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक में आने संभावना काम दिख रही है। यह भी जानकारी मिली है कि जयपुर में कांग्रेस दफ्तर से ऐसे तमाम पोस्टर और होर्डिंग हटाए जाने लगे हैं, जिनमें सचिन पॉयलट की तस्वीर हैं।

प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए जयपुर भेजे गए वरिष्ठ नेताओं रणदीप सुरजेवाला, अजय माकन और प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे ने कहा कि सचिन और सभी विधायकों से अपील की कि वे बैठक में शामिल हो जाएँ। उन्होंने कहा वे कांग्रेस की तरफ से, अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी की तरफ से सचिन और विधायकों से   कह रहे हैं कि मतभेद हों भी तो भी उनपर बात हो सकती है। सचिन और सभी साथी पूरे कांग्रेस को परिवार में सभी बहुत ही प्रिय हैं।

उन्होंने कहा कि ”आपके कहीं और जाने से कांग्रेस ही नहीं आपको भी नुक्सान होगा। परिवार में रहना ही हम सब और प्रदेश की जनता के लिए सही है”। सुरजेवाला ने कहा कि पिछले ४८ घंटे में  सचिन पायलट से शीर्ष नेतृत्व और अन्य नेताओं की बात हुई है। उन्होंने कहा संगठन और पार्टी से ऊपर कोई नहीं है। सुरजेवाला की इस अपील से साफ़ लग रहा है कि सचिन के लिए यह आखिरी अवसर है, और उसके बाद पार्टी उनपर सीधी कार्रवाई कर सकती है।

सुरजेवाला ने कहा कि सचिन प्रदेश कांग्रेस के माननीय अध्यक्ष हैं और उपमुख्यमंत्री भी हैं। ”व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा हो सकती है, लेकिन राजस्थान की जनता किसी भी प्रतिस्पर्धा से ऊपर है।” आयकर और ईडी के छापों पर सुरजेवाला ने कहा कि ”भाजपा लोकतंत्र की मंडी में यह खरीददारी नहीं कर पायेगी। भाजपा के अग्रिम विभाग आयकर और ईडी अपनी ड्यूटी पर लग गए हैं। मोदी और अमित शाह ने यह शुरू करवाई हैं। जान लें, पैसे के बल और सरकारी संस्थानों के दुरूपयोग के बूते भी  आप राजस्थान की चुनी हुई सरकार नहीं गिरा पाएंगे।

गहलोत के नजदीकियों पर आयकर, ईडी के छापे

राजस्थान में सरकार बचाने और सरकार गिराने की जंग के बीच केंद्र सरकार भी लगता है ”सक्रिय” हो गयी है। राजस्थान की राजधानी जयपुर में सोमवार सुबह आयकर और ईडी के छापे पड़े हैं। भाजपा ने इसमें किसी राजनीतिक कोण से इंकार किया है, लेकिन कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा केंद्र में अपनी सरकार के इदारों को राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ इस्तेमाल कर रही है, क्योंकि उसका सरकार गिराकर अपनी सरकार बनाने का सपना चकनाचूर हो गया है।

जयपुर में गहलोत के नजदीकी माने जाने वाले ”आम्रपाली ग्रुप” पर भी इनकम टैक्स छापा पड़ा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे भैभव गहलोत के एक प्रतिष्ठान पर भी ईडी ने रेड डाली है। राजनीतिक हलकों में आयकर और ईडी की इस कार्रवाई को शुद्ध रूप से राजनीति से जोड़कर देख्या जा रहा है। कांग्रेस ने इसे सीधे-सीधे भाजपा का सत्ता का दुरूपयोग करना बताया है।

जानकारी के मुताबिक जयपुर और अन्य जगह करीब १० छापे आयकर और ईडी ने मारे हैं। पता चला है कि इनमें से एक छापा तो वहां पड़ा जहाँ कांग्रेस को समर्थन करने वाले दो विधायक रुके हैं।

राजस्थान कांग्रेस संकट के बीच सोनिया ने तीन नेता जयपुर भेजे, राहुल का भी सचिन को भरोसा  

राजस्थान में संकट को देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वरिष्ठ नेताओं रणदीप सुरजेवाला, अजय माकन और अविनाश पांडे (प्रभारी राजस्थान) को जयपुर जाने को कहा है। वहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पॉयलट के बीच चल रही लड़ाई के गंभीर रुख ले लेने के बाद कांग्रेस आलाकमान ने यह फैसला किया है। राहुल गांधी ने भी सचिन पायलट को कहा है कि उनकी सारी बातें सुनी जाएंगी।

गहलोत ने आज रात ९ बजे पार्टी विधायकों की बैठक बुला रखी है। प्रभारी अविनाश पांडे पहले से जयपुर में हैं जबकि सुरजेवाला और माकन के देर रात जयपुर पहुँचाने की संभावना है। इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी सचिन पायलट से कहा है कि उनकी सारी बातें सुनी जाएंगी और सभी मतभेद को ख़त्म किया जाएगा। ”तहलका” की जानकारी के मुताबिक राहुल गांधी इस घटनाक्रम से बहुत आहत हैं, और वे किसी भी सूरत में सचिन को कांग्रेस से नहीं जाने देना चाहते हैं।

गहलोत आरोप लगा रहे हैं कि भाजपा की सरकार गिराने की कोशिश में है। सारे फसाद की शुरुआत तब हुई जब उपमुख्यमंत्री सचिन पॉयलट को पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक के कार्यालय (एटीएस और एसओजी) से एक पत्र मिला है जिसमें एक प्रकरण में ब्यान दर्ज कराने के लिए समय, तारीख और जगह बताने के लिए कहा गया है। माना जाता है कि पायलट इसे अपना अपमान मान रहे हैं और इससे बहुत नाराज हैं।

वैसे सचिन पायलट के अलावा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी एसओजी का नोटिस दिया गया है। जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के १० विधायक मानेसर चले गए हैं। यह पायलट खेमे के हैं और उनके फोन भी बंद हैं।

मध्य प्रदेश से सबक लेते हुए राजस्थान के वर्तमान संकट को हल करने की कांग्रेस में गंभीर कोशिश शुरू हो गयी है। राजनीतिक उठापटक के बीच कांग्रेस से नाराज चल रहे राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थक २२ विधायक शनिवार को तावडू स्थित आईटीसी ग्रैंड होटल में पहुंचे थे। देर शाम सचिन पायलट दिल्ली चले गए। पॉयलट और गहलोत  जिन अन्य विधायकों को एसओजी का पत्र मिला है वह विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले से जुड़ा है। इसी के बाद राजनीति ज्यादा गरमाई है। सीएम गहलोत ने आज रात पार्टी के विधायकों और मंत्रियों की बैठक के अलावा सोमवार सुबह १०.३० बजे विधायक दल की बैठक भी बुलाई है।

गहलोत ने पूछताछ के लिए इस बुलावे के मामले में साफ़ किया है कि ”कांग्रेस विधायक दल ने एसओजी से भाजपा नेताओं के खरीद-फरोख्त की जो शिकायत की थी, उस संदर्भ में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, चीफ व्हिप और अन्य कुछ मंत्रियों और  विधायकों को सामान्य बयान देने के लिए नोटिस आए हैं। मीडिया में कुछ जगह इसे अलग ढंग से प्रस्तुत करना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि सचिन से उनका पूरा स्नेह है।”

इस बीच कांग्रेस महासचिव और राजस्थान में पार्टी प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा है कि पार्टी के सभी विधायक उनके संपर्क में हैं। ”सरकार सही स्थिति में है और अपना कार्यकाल पूरा करेगी। सचिन पायलट से संपर्क की कोशिश की जा रही है। भाजपा  सरकार गिराने की कोशिश कर रही है लेकिन सफल नहीं होगी”।

पांडे की दिल्ली गए कई विधायकों से भी बातचीत हुई जिसके बाद कई विधायक जयपुर वापस लौट गए हैं। पांडे ने कहा कि ”एसओजी के नोटिस पर सभी को जांच में सहयोग करना चाहिए। इसमें क्या नुकसान है”। एसओजी ने सरकार को अस्थिर करने के प्रयास के मामले में दो मोबाइल नंबरों पर हुई बातचीत के तथ्यों के आधार पर स्वत: संज्ञान (सू-मोटो) लेते हुए शुक्रवार को एक प्राथमिकी दर्ज की थी।

 उधर घटनाक्रम से चिंतित वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने साफ तौर पर सार्वजनिक रूप से माना कि वह राजस्थान के हालात को लेकर कांग्रेस के लिए चिंतित हैं। उन्होंने ट्वीट किया – ”पार्टी के लिए चिंतित हूं। क्या हम तब जागेंगे जब सबकुछ हमारे हाथ से निकल चुका होगा?”

कुलमिलाकर आज रात की बैठक तो अहम है ही, दिल्ली से आ रहे नेताओं की भूमिका भी इस मामले को ख़त्म करने की होगी। कहा जा रहा है कि राहुल गांधी किसी भी सूरत में मामला यहीं ख़त्म करना करना चाहते हैं।

ड्रग तस्करी में हथियारों के साथ बीएसएफ का जवान गिरफ्तार

पंजाब पुलिस ने जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक जवान को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी ड्रग तस्करी के मामले में हुई है। मीडिया रिपोर्ट में जवान पंजाब के गुरदासपुर का रहने वाला बताया गया है। आरोपी जवान जम्मू के सांबा सेक्टर में तैनात था।
अधिकारियों ने रविवार को बताया है कि गिरफ्तार जवान के पास से हथियार और गोला बारूद भी बरामद हुए हैं। हालांकि जवान के नाम का खुलासा नहीं किया गया है। आरोपी के पास से 80 कारतूस, एक पिस्तौल, 12 बोर के दो कारतूस और दो मैगजीन के साथ तीन मोबाइल भी जब्त किए गए हैं। बीएसएफ पाकिस्तान के साथ लगती 3,300 किलोमीटर से अधिक लंबी सीमा की रक्षा में तैनात है।
फिलहाल, जवान के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है। पंजाब पुलिस जवान से पूछताछ कर रहे हैं कि वह ड्रग तस्करी किसके लिए कर रहा था और इतने हत्यारों के साथ वह कहां जा रहा था। बता दें कि पंजाब से सटे पाकिस्तान बॉर्डर पर लगातार ड्रग तस्करी के कई मामले सामने आते रहे हैं और सबसे ज्यादा पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में ड्रग तस्करी का कारोबार चलता है।

मौसमी बीमारियों के साथ कोरोना का खतरा और घातक

कोरोना का कहर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है बल्कि बरसाती मौसम में डेंगू , स्वाइन फ्लू के साथ –साथ जलजनित बीमारियों का प्रकोप बढने से कोरोना का संक्रमण तेजी से शहरों के साथ –साथ गांव-गांव में विकराल रूप धारण करता जा रहा है।

डाँक्टरों और  वैज्ञानिकों द्वारा परीक्षण से इस बात की पुष्टि भी हुई है कि बरसाती मौसम में संक्रमित बीमारियों के कारण बच्चे, युवा और बुजुर्ग को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना करना पडता है। नीति आयोग के सदस्य डाँ वी के पाँल  पहले ही मौसमी बीमारियों खासकर बरसाती मौसम में सावधानी बरतने की अपील कर चुके है। मैक्स अस्पताल के कैथ लैब के डायरेक्टर डाँ विवेका कुमार का कहना है कि कोरोना काल में संक्रमण से बचने के लिये सावधानी बरतनी चाहिये । क्योंकि जिनको हार्ट रोग, मधुमेह और उच्चरक्त चाप की शिकायत है, उन्हें जरा सी स्वास्थ्य संबंधी अगर दिक्कत है, तो डाक्टरी परामर्श लेना चाहिये और इलाज भी करवाना चाहिये।इंडियन हार्ट फाउंडेशन के अध्यक्ष डाँ आर एन कालरा का कहना है कि शहरों के साथ अब गांवों में कोरोना के मामले बढने से इस बात की आशंका बढने लगी है कि गांवों में समय रहते काबू ना पाया जा सका तो परिणाम घातक हो सकते है।डाँ कालरा का कहना है कि डेंगू , चिकुनगुनिया, मलेरिया और जलजनित से होने वाली बीमारियों के लक्षण कोरोना जैसे ही होते है। इसमें रोगी को हल्का बुखार ,  खांसी का आना जैसे लक्षण होते है। इसलिये कोरोना के नाम पर घबराने की जरूरत नहीं है बल्कि इलाज करवाये ताकि कोरोना को काबू पाया जा सकें ।उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल के वैज्ञानिकों  अध्ययन से इस बात का खुलासा हुआ है कि कोरोना और डेंगू दोनों के ही एंटीवाँडी आपस में मिश्रित होकर संक्रणण की जांच को प्रभावित करते है,जिसके चलते फाँल्स पाँजीटिव रिर्पोट आने की संभावना बढ जाती है। डाँ कालरा का कहना है कि कोई भी रोग ऐसा नहीं है जिसका ईलाज ना निकला हो  कोरोना के ईलाज को लेकर वैक्सीन आने से कोरोना को काबू पा लिया जायेगा। लेकिन तब तक सावधानी और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। संक्रमित स्थानों में जाने से बचें।गांबों में आज भी स्वास्थ्य सेवायें लचर है ऐसें में कोरोना का बढना चिंता की बात है । सरकार के साथ आम लोगों को जागरूक होना होगा।

ऐश्वर्या बच्चन, बेटी आराध्य बच्चन भी कोविड-१९ पॉजिटिव

बच्चन परिवार में अमिताभ और अभिषेक के बाद ऐश्वर्या बच्चन और उनकी बेटी आराध्य बच्चन भी कोविड-१९ पॉजिटिव पाए गए हैं। अमिताभ और अभिषेक को कल की पॉजिटिव पाए जाने के बाद मुंबई के नानावटी अस्पताल में भर्ती किया गया था। ऐश्वर्या बच्चन और उनकी बेटी आराध्य बच्चन के लक्षण भी हलके पाए गए हैं।

मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के सह कमिश्नर विश्वास मोटे ने इस जानकारी की पुष्टि की है। अभी यह जानकारी नहीं है कि ऐश्वर्या बच्चन और उनकी बेटी आराध्य बच्चन भी अस्पताल में भर्ती किया जाएगा। संभावना यही है कि दोनों को एहतियातन अस्पताल में भर्ती किया जाएगा।

जानकारी के मुताबिक परिवार में अन्य की रिपोर्ट नेगेटिव नेगेटिव आई है जिनमें अमिताभ की पत्नी जया भी शामिल हैं। रेपिड टेस्ट में ऐश्वर्या बच्चन और उनकी बेटी आराध्य बच्चन की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी, लेकिन स्वैप टेस्ट में रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

अमिताभ, अभिषेक स्थिर, बंगला ‘जलसा’ सील, अभिनेता अनुपम खेर की मां, भाई भी टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए

महानायक अमिताभ बच्चन और उनके अभिनेता पुत्र अभिषेक बच्चन, जिन्हें शनिवार को कोविड-१९ टेस्ट में पॉजिटिव आने के बाद मुंबई के नानावटी अस्पताल में भर्ती किया गया है, की हालत स्थिर बताई गयी है, और चिंता जैसी कोई बात नहीं है। दोनों इस समय आइसोलेशन वार्ड में हैं। उनके एंटीजेन टेस्ट की रिपोर्ट का अभी इंतजार  है, जिससे उनके कोरोना की स्थिति की पूरी जानकारी मिलेगी।

कुछ ही देर पहले उन्होंने अपना एक वीडियो अपलोड किया है जिसमें उन्होंने नानावटी अस्पताल और देश में डाक्टरों की कोविड-१९ में भूमिका की तारीफ़ की है, साथ ही कहा है कि इन हालातों से बाहर निकलेंगे।

इस बीच खबर है कि अभिनेता अनुपम खेर की मां, भाभी, भतीजी और भाई भी कोविड-१९ पॉजिटिव पाए गए हैं। अनुपम खेर ने खुद ट्वीट करके यह जानकारी दी है। हालांकि, खुद अनुपम की रिपोर्ट नेगेटिव है।

बच्चन परिवार का बंगला ”जलसा” सील कर दिया गया है। इससे पहले उसे सेनेटाइज भी किया गया है। परिवार में अमिताभ की पत्नी जया बच्चन और अभिषेक की पत्नी  ऐश्वर्या रॉय और अन्य सदस्यों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। उनके सारे स्टाफ के टेस्ट भी किये जा रहे हैं। दोनों  सीनियर और जूनियर बच्चन के जल्द स्वस्थ होने के किये देश भर में दुआएं की जा रही हैं। वैसे अभिषेक ने कल ही ट्वीट में कहा था कि चिंता की बात नहीं है। रात को दोनों के अस्वस्थ होने की खबर बाहर आते ही देश भर में सोशल मीडिया में दोनों के लिए दुआओं का दौर जारी हो गया। रात होने के बावजूद फिल्म इंडस्ट्री के हर छोटे-बड़े कलाकार ने उनकी स्वास्थ्य की कामना की।

ख़बरों के मुताबिक देश में कई जगह बच्चन के फैंस ने मंदिरों में भी पूजा-अर्चना की है। उनके स्वास्थ्य की ख़बरें लगातार ट्विटर पर टॉप ट्रेंड कर रही हैं। यहाँ यह गौरतलब है कि अमिताभ बच्चन स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं झेलते रहे हैं। उन्होंने खुद इस बात की जानकारी एक कार्यक्रम में दी थी कि उन्हें पीठ की बोन में टीवी हुई थी और इलाज के बाद वे पूरी तरह स्वस्थ हो गए थे।

इसके अलावा अमिताभ लीवर की समस्या आज तक झेल रहे हैं। उनका ७५ फीसदी लीवर खराब है और कोविड-१९ जैसी समस्या होने के कारण उन्हें अतिरिक्त सावधानी  की जरूरत रहेगी। वैसे अमिताभ जैसे ”लड़ाके” हैं और जिस तरह जीवन में उन्होंने समस्यायों हो हराया है, उम्मीद है इस बार भी वे स्वस्थ होकर बाहर आएंगे।

अमिताभ, अभिषेक बच्चन कोविड-१९ पॉजिटिव, नानावटी अस्पताल में भर्ती, परिवार में अन्य नेगेटिव निकले

अमिताभ बच्चन को कोविड-१९ पॉजिटिव पाए जाने के बाद मुंबई के नानावटी अस्पताल में भर्ती किया गया है। अमिताभ ने कुछ देर पहले ट्विटर हैंडल पर खुद इसकी जानकारी दी है। इसके बाद खबर आई है कि उनके अभिनेता बेटे अभिषेक बच्चन की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। खुद अभिषेक ने ट्वीट करके इसी पुष्टि की है। हालांकि, राहत की खबर यह है कि परिवार के अन्य सदस्यों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। दोनों का स्वास्थ्य ठीक है और फिलहाल चिंता की कोई बात नहीं है। दोनों को  बुखार बताया गया है, हालांकि, दोनों का आक्सीजन लेवल सामान्य है।
अमिताभ के ट्वीट के मुताबिक वे कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है। उन्होंने कहा कि अस्पताल के लोगों ने अथॉर्टीज को भी इस बारे में सूचना जारी की है। अभिषेक बिना लक्षण (एसिमटेमेटिक) बताये गए हैं। दोनों का आक्सीजन लेवल सामान्य बताया गया है। दोनों का दूसरा टेस्ट करवाया जा रहा है।
यह ट्वीट अमिताभ ने १०.५२ बजे पोस्ट किया। इसमें उन्होंने कहा है कि उनके परिवार के अन्य सदस्यों के भी टेस्ट किये गए थे, लेकिन राहत की खबर यह है कि परिवार के अन्य सदस्यों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है।
अभिषेक की टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई है जबकि परिवार के अन्य सदस्यों की रिपोर्ट के नतीजे का इंतजार किया जा रहा था। अमिताभ और अभिषेक ने लोगों से आग्रह कि जो इस दौरान उनसे मिले हैं उनसे आग्रह है कि वे अपना टेस्ट करवाएं।
इस बीच बच्चन के कोविड-१९ पॉजिटिव होने की खबर के बाद तमाम बॉलीवुड ने इसपर चिंता जताते हुए, उन्हें शुभकामनायें दी हैं। ट्वीटर पर भी यह खबर टॉप पर ट्रेंड कर रही है।

राजस्थान में सरकार गिराने की साजिश में भाजपा नेता गिरफ्तार

राजस्थान में सियासी साजिश का खेल खुल्लमखुल्ला शुरू हो चुका है। शुक्रवार को विधायकों की खरीद-फरोख्त करके कांग्रेस सरकार गिराने की साजिश को लेकर केस दर्ज भाजपा नेता को गिरफ्तार किया गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा पर सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया है।
सीएम गहलोत ने कहा, ‘हमें कोरोना वायरस से लड़ने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और हम वही कर रहे हैं , लेकिन भाजपा हमारी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश में हैं। ऐसा अटल बिहारी वाजपेयी जी के समय पर नहीं था।
2014 के बाद धर्म के आधार पर विभाजन करने में गर्व किया जाने लगा है। गहलोत ने कहा, ‘कोरोना संक्रमण के संकट के इस दौर में भाजपा के नेताओं ने मानवता और इंसानियत को ताक पर रख दिया है। ये लोग सरकार गिराने में लगे हैं।  भाजपा नेता सरकार कैसे गिरे, किस प्रकार तोड़-फोड़ करें …खरीद फरोख्त के काम में लगे हैं।’
गहलोत ने इस बारे में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां, नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया और उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का नाम लेते हुए कहा कि सरकार को गिराने के लिए ये लोग अपने केंद्रीय नेताओं के इशारे पर जिस तरह का खेल खेल रहे हैं, वे तमाम बातें जनता के सामने आ चुकी हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यसभा चुनाव से पहले हर विधायक को 25-25 करोड़ रुपये ऑफर दिया गया था।
हालांकि उन्होंने कहा कि राजस्थान में सरकार स्थिर है, स्थिर रहेगी और पूरे पांच साल चलेगी। गहलोत ने कहा हमने तो अगला चुनाव जीतने की तैयारी भी शुरू कर दी है, इसी हिसाब से बजट पेश किया गया और इसी के अनुरूप सता चलाई जा रही है।
आरोप आधारहीन हैं : सतीश पूनिया
गहलोत के आरोप पर राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक चालाक राजनीतिज्ञ हैं, वे अपनी सरकार की विफलता के लिए भाजपा को दोष देने का प्रयास कर रहे हैं। उनके आरोप पूरी तरह से आधारहीन हैं। उनके पास संख्याबल है, उनकी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कौन करेगा।

पुलिस को भी न्याय तंत्र पर भरोसा नहीं!

दुर्दांत अपराधी विकास दुबे का कानपुर के पास ही शुक्रवार सुबह उज्जैन के महाकाल मंदिर से लाकर एनकाउंटर किया जाना, साबित करता है कि अपने सड़े हुए पुलिसिया सिस्टम को भी न्यायतंत्र पर भरोसा नहीं। यह लोकतंत्र के लिए बेहद घातक साबित होने वाला है।
पुलिस-अपराधी नेक्सस नई बात नहीं है। ऐसा भी नहीं कि एक विकास दुबे को टपकाने से बाकी के विकास दुबे सहम गए हों। वो आज भी घर में बैठकर मुस्करा रहे होंगे, और पुलिसिया व न्याय के खोखले हो चुके तंत्र का मखौल उड़ा रहे होंगे। आखिर इतनी हिम्मत इनको सरकारी पनाह से ही तो मिलती है!
कानपुर के बिकरू में सीओ समेत आठ पुलिस वालों की बेरहमी से हत्या किया जाना और फिर हफ्ते भर फरार रहना भी हज़ारों सवाल खड़े करता है। विकास ने माना था कि सीओ से खुन्नस थी, क्योंकि वो उसकी आपराधिक गतिविधियों से वाकिफ था और एक्शन लेने चाहता था। सीओ दुबे के एक पैर से लंगड़ाने की बात कह चुका था। 2 जुलाई को हत्याकांड में सबसे बेरहमी से कत्ल विकास दुबे और उसके गुर्गों ने डीएसपी देवेंद्र मिश्रा का ही किया था।  सिर में कई गोलियां दागने के बाद, उसका एक पैर कुल्हाड़ी से काट डाला था। कुछ मुखबिर किस्म के बुजदिल चौबेपुर थाने के खादीधारी तब भी पहले ही मैदान छोड़कर भाग गए थे। मतलब हर तंत्र में छेद ही छेद हैं।
इससे पहले ही दुबे का बाप पुलिस को कोर्ट में देख लेने की ‘धमकी’ दे चुका था, जो तंत्र की पोल खोलने के लिए काफी थी। आखिर लोगों का हमारी अदालतों और जजों पर भरोसा क्यों कम हो रहा, इस पर गंभीर चिंतन की ज़रूरत है। अदालतों में बैठे जजों को भी अपना आकलन करना होगा, वर्ना सड़क पर ही न्याय मिलने लगेगा तो फिर अदालतों, सरकारों और संसद का क्या काम?