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मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने लद्दाख के टेलीस्कोप का क‍िया जिक्र

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए देश को 115 वीं बार संबोधित किया। इस कार्यक्रम में उन्होंने देश और दुनिया में भारत के बढ़ते हुए रुतबे, लोगों की पहुंच, उन्नति, आत्मनिर्भर भारत के अभियान के तहत की गई अतुलनीय वृद्धि को रेखांकित किया। साथ ही उन्होंने अक्टूबर में लद्दाख में 4300 मीटर की ऊंचाई पर स्थापित एशिया के सबसे बड़े ‘इमेजिंग टेलीस्कोप मेस’ का भी जिक्र किया।

प्रधानमंत्री ने कहा, “अब आत्मनिर्भर भारत अभियान, एक जन अभियान बन रहा है। यह अभियान हर क्षेत्र में उपलब्धियां हासिल कर रहा है। जैसे इसी महीने लद्दाख के हानले में हमने एशिया की सबसे बड़ी ‘इमेजिंग टेलीस्कोप मेस’ का भी उद्घाटन किया है। ये 4300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह ‘मेड इन इंडिया’ है।”

उन्होंने कहा, “आत्मनिर्भरता हमारी सिर्फ पॉलिसी ही नहीं, यह हमारा पैशन बन गया है। इस योजना को शुरू किए अभी ज्यादा दिन नहीं हुए हैं। आप 10 साल पहले चले जाइए, तब अगर कोई कहता था कि किसी जटिल तकनीक को भारत में विकसित करना है, तो लोगों को विश्वास नहीं होता था। कई लोग इसका उपहास उड़ाते थे। लेकिन आज वही लोग, देश की सफलता को देखकर अचंभे में पड़े रहते हैं।”

उन्होंने कहा, “लद्धाख एक ऐसी जगह है, जहां ठंड -30 डिग्री सेंटीग्रेड से भी अध‍िक है। यहां ऑक्सीजन की कमी है। इसके बावजूद हमारे वैज्ञानिकों और स्थानीय उद्योग ने वो कर दिखाया, जो एशिया के किसी और देश ने नहीं किया। लद्दाख में स्थापित हान्ले टेलिस्कोप भले ही दूर की दुनिया देख रहा हो, लेकिन ये हमें आत्मनिर्भर भारत की ताकत भी दिखा रहा है। हम आत्मनिर्भर भारत से दुनिया में अग्रणी बन रहे हैं।”

जस्टिन ट्रूडो के फैसले से कनाडा में कई लोग हो जाएंगे बेरोजगार, नागरिकता मिलना भी मुश्किल

नई दिल्ली :  भारत और कनाडा के बीच पैदा हुआ तनाव थमने की बजाय बढ़ता जा रहा है। वहीं इसी बीत कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने बड़ा फैसला लिया है। जिसका सीधा असर भारतीयों पर होने वाला है। पीएम ट्रूडो ने 2025 से विदेशी अस्थायी कर्मचारियों की भर्ती के लिए नियम सख्त कर दिए हैं। उन्होंने इसे ‘कनाडा फर्स्ट’ का नाम दिया है।

ट्रूडो ने सोशल मीडिया पर बताया कि कंपनियों को नौकरी में अब कनाडाई नागरिकों को प्राथमिकता देनी होगी। कनाडा की कंपनियों को अब विदेशी कर्मचारियों को अस्थायी तौर पर नौकरी पर रखने से पहले ये बताना होगा कि उन्हें कनाडा का योग्य नागरिक नहीं मिला। ट्रूडो ने कहा कि यह निर्णय ‘अस्थाई’ है और कनाडा की आबादी में हो रहे इजाफे को रोकने के लिए लिया गया है। ट्रूडो सरकार के इस फैसले आ असर कनाडा में रहने वाले लोगों पर होने वाला है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रूडो सरकार के इस फैसले से प्रवासी और युवाओं के बीच बेरोजगारी बढ़ सकती है। भारतीय छात्र शॉपिंग मॉल, फूड स्टोर और रेस्त्रां में काम कर रहे हैं। कनाडा में 2023 में भारतीय अस्थाई वर्करों की संख्या सबसे ज्यादा थी। कुल 1.83 लाख अस्थाई कर्मचारियों में से 27 हजार भारतीय थे।

कनाडा के आप्रवासन, शरणार्थी और नागरिकता मंत्री मार्क मिलर ने गुरुवार को कहा कि एक साल पहले हमने 2025 और 2026 में 5-5 लाख लोगों को नागरिकता देने का फैसला किया था, लेकिन हमें ये बदलना पड़ रहा है। कनाडा की जनसंख्या वृद्धि विकसित देशों में सबसे ज्यादा है। राष्ट्रीय सांख्यिकी एजेंसी के मुताबिक, कनाडा की आबादी 2023 से 2024 तक 3.2% यानी 13 लाख बढ़ी। यह 1957 के बाद सबसे बड़ी सालाना वृद्धि है। कनाडा में पिछले एक साल में जनसंख्या में जितना इजाफा हुआ, उसका 97% अप्रवासियों को नागरिकता देने की वजह से हुआ है। कनाडा की 2021 की जनगणना के मुताबिक, 23% आबादी विदेश में जन्मी थी, जिन्हें बाद में कनाडा की नागरिकता मिली। 2021 तक ज्यादातर अप्रवासी एशिया और मिडिल ईस्ट के थे। कनाडा में हर पांच में एक अप्रवासी भारतीय है। मिल ने कहा- हम अगले 3 सालों में अपने यहां आने वाले प्रवासियों की संख्या में कमी लाएंगे।

प्रशांत किशोर का मायावती पर आरोप, कहा-वे करोड़ों रुपये लेकर देती हैं पार्टी टिकट

बिहार में चार विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव को लेकर प्रचार अभियान शुरू हो गया है। इस बीच, जन सुराज के सूत्रधार और पार्टी के स्टार प्रचारक प्रशांत किशोर ने शनिवार को अपने प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार शुरू कर दिया। उन्होंने सबसे पहले रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के नुआंव प्रखंड से अपने जनसंवाद कार्यक्रम की शुरुआत की।

प्रशांत किशोर ने बसपा प्रमुख मायावती पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बसपा की विचारधारा के आधार पर यहां के लोग वोट देते आए हैं। लेकिन, जब आपके बच्चे बीमार होते हैं या आप पर कोई संकट आता है, तो न तो मायावती आती हैं और न ही उनके नेता। उन्होंने कहा कि मायावती करोड़ों रुपये लेकर बसपा का टिकट देती हैं। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि करोड़ों रुपये देकर टिकट पाने वाला नेता आपकी चिंता करेगा या मायावती को दिए गए पैसों की।

प्रशांत किशोर ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि आने वाले उप-चुनाव में आप अपनी जाति का बंधन तोड़कर अपने बच्चों के भविष्य के लिए, अपने बिहार के भविष्य के लिए वोट करें, ताकि बिहार का कोई युवा जब दूसरे राज्य में जाए, तो उसे कोई बिहारी कहकर गाली न दे।

प्रशांत किशोर ने रामगढ़ में लोगों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर आप भाजपा को वोट देंगे, तो याद रखिएगा कि वे सत्ता के लिए वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का साथ देंगे। वही मुख्यमंत्री जिन्होंने कोरोना संकट में आपको अपने हाल पर छोड़ दिया। बिहार के बच्चे पूरे देश से पैदल चलकर बिहार पहुंचे, लेकिन आपके मुख्यमंत्री अपने आवास से बाहर तक नहीं निकले। यह चुनाव ऐसे असंवेदनशील मुख्यमंत्री को सबक सिखाने का चुनाव है।

उल्लेखनीय है कि तरारी में सीपीआई के सुदामा प्रसाद, बेलागंज में राजद के सुरेंद्र यादव, इमामगंज में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के जीतन राम मांझी और रामगढ़ में राजद के सुधाकर सिंह के लोकसभा पहुंच जाने से ये चारों सीटें खाली हुई हैं। सभी सीटों पर 13 नवंबर को वोटिंग होगी और 23 नवंबर को नतीजे आएंगे।

शिवसेना यूबीटी ने 15 प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट की जारी

मुंबई  : महाराष्ट्र में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने शनिवार को अपने प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी।दूसरी लिस्ट में 15 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया गया है।

प्रदेश की विपक्षी महागठबंधन महाविकास अघाड़ी में मौजूद कांग्रेस, राष्ट्रवादी पार्टी (शरद पवार) और शिवसेना (यूबीटी) पार्टियों में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय हो गया है। इसके बाद से पार्टियों द्वारा अपने प्रत्याशियों के ऐलान का सिलसिला लगातार जारी है। शनिवार को शिवसेना (यूबीटी) ने अपने 15 प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी।

पार्टी ने धुले शहर से अनिल गोटे, चोपड़ा से राजू तडवी, जलगांव शहर से जयश्री महाजन, बुलढाणा से जयश्री शेलके, दिग्रस से पवन जायसवाल, हिंगोली से रूपाली पाटिल, परतुर से आसाराम बोराडे, देववली से योगेश घोलप, कल्याण पश्चिम से सचिन बासरे, कल्याण पूर्ण से धनंजय बोडारे, श्रीगोंदा से अनुराधा नागवाड़े, शिवडी सीट से अजय चौधरी, भयखला से मनोज जामसुतकर, कणकवली से संदेश पारकर और वडाला से श्रद्धा जाधव को मैदान में उतारा है।

इससे पहले पार्टी ने 23 अक्टूबर को अपने 65 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी थी। इस तरह शिवसेना (यूबीटी) ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए अब तक अपने 80 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। पार्टी को अब अपने सिर्फ पांच सीटों पर प्रत्याशी उतारने हैं।

दरअसल, सीट शेयरिंग को लेकर कई दिनों से चल रहे गतिरोध के बाद कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) और शिवसेना (यूबीटी) से मिलकर बने महाविकास अघाड़ी (एमवीए) ने 85-85 सीटों पर चुनाव लड़ने का फॉर्मूला तय किया।

बता दें कि 288 विधानसभा सीटों वाले महाराष्ट्र एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महायुति सरकार सत्ता में है। प्रदेश में सभी सीटों के लिए एक ही चरण में 20 नवंबर को वोटिंग होनी है, वहीं मतगणना 23 नवंबर को होगी।

यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख ने लेबनान में युद्ध विराम की बात दोहराई

ब्रुसेल्स : यूरोपीय संघ (ईयू) के विदेश मामलों और सुरक्षा नीति के उच्च प्रतिनिधि जोसेप बोरेल ने कहा कि लेबनान में चल रहे संकट को हल करने के लिए सात कदम उठाने की तत्काल आवश्यकता है।

फ्रांस में गुरुवार को आयोजित लेबनान के लोगों और संप्रभुता के समर्थन सम्मेलन के बाद उनका यह बयान आया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, इस सम्मेलन में लेबनान को मानवीय सहायता और सुरक्षा बलों के समर्थन के लिए कुल मिलाकर 1 अरब डॉलर का वादा किया गया था।

उन्होंने कहा कि लेबनान में स्थिति बेहद गंभीर है और हिज्बुल्लाह और इजरायल के बीच सैन्य टकराव को समाप्त करने के लिए तत्काल और बड़े पैमाने पर प्रयासों की आवश्यकता है, जो नागरिक आबादी को भारी पीड़ा पहुंचा रहा है और लेबनानी सामाजिक ताने-बाने को नष्ट कर रहा है।

बोरेल ने जोर देकर कहा, “पहला कदम युद्धविराम है, शत्रुता को रोके बिना, कुछ भी संभव नहीं होगा।”

अन्य आवश्यक कदमों में राष्ट्रपति चुनाव का आयोजन, अपने क्षेत्र पर लेबनान की संप्रभुता को बहाल करना और लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (यूएनआईएफआईएल) के जनादेश को बढ़ाना शामिल है। इसके अलावा, नए राष्ट्रपति के चुनाव के बाद मजबूत आर्थिक समर्थन के साथ-साथ लेबनानी लोगों को बिना शर्त आपातकालीन मानवीय सहायता का प्रावधान महत्वपूर्ण है।

बोरेल ने कहा, “हम इस समय लेबनान में संभावित राजनीतिक प्रक्रिया की शुरुआत और व्यापक स्तर पर होने वाले संघर्ष के बीच समय के साथ संघर्ष कर रहे हैं, जिसके परिणाम अनगिनत होंगे।”

शुक्रवार को बाद में बोरेल ने लेबनान में दिन में एक इजरायली हवाई हमले में तीन पत्रकारों की हत्या की निंदा की, और कहा कि पिछले एक साल में गाजा में लगभग 130 पत्रकारों की जान जा चुकी है।

उन्होंने ‘एक्स ‘पर कहा, “प्रेस की स्वतंत्रता और पहुंच की गारंटी होनी चाहिए, और पत्रकारों को हर समय सुरक्षा मिलनी चाहिए।”

हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनते ही खत्म की जा रही हैं नौकरियां : अमित मालवीय

नई दिल्ली : हिमाचल प्रदेश में सरकारी नौकरी पाने की इच्छा रखने वाले युवाओं को सरकार ने झटका दिया है। हिमाचल सरकार ने दो साल से खाली पड़े पदों को खत्म कर दिया है। इसे लेकर आदेश भी जारी किया गया है। हिमाचल सरकार के इस फैसले पर भाजपा ने तंज कसा है और कहा है कि चुनाव के दौरान युवाओं को सरकारी नौकरी देने के वायदे पर कांग्रेस ने प्रदेश में अपनी सरकार बनाई। लेकिन, सरकार बनने के बाद युवाओं से सरकारी नौकरी छीनी जा रही है।

भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर हिमाचल प्रदेश की सरकार पर तंज कसते हुए लिखा, हिमाचल प्रदेश सरकार ने दो साल या इससे अधिक समय से सरकारी विभागों या सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों में रिक्त चल रहे सभी पदों खत्म करने का आदेश जारी किया है। इन पदों की संख्या हजारों में बताई जा रही है।

बता दें कि हिमाचल प्रदेश की वित्त विभाग की ओर से आदेश जारी किया गया है। इस आदेश में कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश में बीते दो साल से खाली चल रहे सभी सरकारी पदों को खत्म किया जाए।

प्रधान सचिव(फाइनेंस) ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, राज्यपाल के सचिव को पत्र भेजा है। पत्र में साल 2014 के दिशानिर्देशों का हवाला दिया गया है। पत्र में कहा गया है कि विभाग इसकी अनुपालना नहीं कर रहे हैं और वित्त विभाग को इसका ब्योरा नहीं भेज रहे हैं। आदेश में कहा गया है कि दो साल के भीतर खाली पड़े पदों को भरने के लिए वित्त विभाग के पास कोई प्रस्ताव न भेजा जाए।

दूसरी ओर मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”पोस्ट कोड 939 का अंतिम परिणाम घोषित कर दिया गया है। सभी चयनित युवाओं को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। हमारी सरकार युवाओं को निरंतर रोजगार प्रदान कर रही है, जिससे हर युवा आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। यह केवल रोजगार नहीं है, बल्कि आपके सपनों को साकार करने का एक सुनहरा अवसर है।”

चक्रवाती तूफान ‘दाना’ का रेल और फ्लाइट सेवाओं पर असर शुरू, 300 से ज्यादा ट्रेनें कैंसिल

Kolkata, Oct 23 (ANI): A River Traffic Police officer alerts people to take shelter in a safer place in view of impending 'Dana Cyclone', at the bank of River Ganga in Kolkata on Wednesday. (ANI Photo)

नई दिल्ली :  चक्रवाती तूफान ‘दाना’  का असर ओडिशा और पश्चिम बंगाल में दिखना शुरू हो गया है। कई स्थानों पर तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है। चक्रवाती तूफान का असर का रेल  और विमान सेवाओं पर भी पड़ा है। इसकी वजह से 300 से ज्यादा ट्रेनों को कैंसिल करना पड़ा है। इनमें करीब 200 लोकल ट्रेनें भी शामिल हैं। जिन ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है, उनमें हावड़ा-सिकंदराबाद एक्सप्रेस, शालीमार-पुरी सुपर फास्ट एक्सप्रेस, नई दिल्ली-भुवनेश्वर एक्सप्रेस, हावड़ा-भुवनेश्वर एक्सप्रेस, हावड़ा-पुरी सुपर फास्ट एक्सप्रेस प्रमुख रुप से शामिल हैं। इसके अलावा 16 घंटे के लिए विमानों पर रोक लगा दी गई है। एनडीआरएफ की 50 से ज्यादा टीमें तैनात की गई हैं। 

रेलवे के अनुसार, 25 अक्टूबर तक कई ट्रेनें कैंसिल रहेंगी। दक्षिण पूर्व रेलवे के अनुसार, हावड़ा-सिकंदराबाद फलकनुमा एक्सप्रेस, कामाख्या-यशवंतपुर एसी एक्सप्रेस, हावड़ा-भुवनेश्वर शताब्दी एक्सप्रेस, हावड़ा-पुरी शताब्दी एक्सप्रेस और हावड़ा-यशवंतपुर एक्सप्रेस ट्रेनें भी रद्द की गई हैं।

चक्रवाती तूफान दाना के मद्देनजर पूर्वी रेलवे अपने सियालदह मंडल में बृहस्पतिवार रात आठ बजे से शुक्रवार सुबह 10 बजे तक 190 लोकल ट्रेन का परिचालन नहीं करेगा। पूर्वी रेलवे (ईआर) के अधिकारी ने कहा कि 24 अक्टूबर को रात आठ बजे से सियालदह स्टेशन से कोई भी लोकल ट्रेन नहीं चलाई जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जिस समय चक्रवात आने की आशंका है, उस दौरान कोई भी ट्रेन स्टेशन से दूर ना रहे।

रद्द की गई ट्रेन में सियालदह-कैनिंग खंड में 13 अप और 11 डाउन ट्रेन, सियालदह-लक्ष्मीकांतपुर खंड में 15 अप और 10 डाउन ट्रेन, सियालदह-बडगे बज खंड में 15 अप और 14 डाउन ट्रेन, सियालदह-डायमंड हार्बर खंड में 15 अप और 15 डाउन ट्रेन, सियालदह-बरुईपुर खंड में सात अप और नौ लोकल ट्रेन तथा सियालदह-बारासात/हसनाबाद खंड में 11 अप और नौ डाउन लोकल ट्रेन शामिल हैं।

भाजपा ने प्रियंका गांधी वाड्रा के हलफनामे पर उठाया सवाल

नई दिल्ली : भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने वायनाड लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार प्रियंका गांधी वाड्रा के हलफनामे का जिक्र करते हुए कहा है कि यह मोहब्बत की दुकान नहीं बल्कि दलाली की दुकान है। कांग्रेस में योग्यता की कोई कद्र नहीं है। दलितों और पिछड़ों का अपमान करना कांग्रेस और गांधी परिवार की आदत है। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान दलितों का अपमान नहीं सहेगा।

भाजपा के राष्ट्रीय मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए भाटिया ने कहा कि यह हलफनामा अपने आप में नकली गांधी परिवार के भ्रष्टाचार का कबूलनामा है। कानूनी बाध्यता के कारण, प्रियंका गांधी वाड्रा को अपने हलफनामे में इन सभी बातों का खुलासा करना पड़ा। इस हलफनामे में उनके पति रॉबर्ट वाड्रा की घोषित नेटवर्थ कम है, लेकिन इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जो डिमांड कर रहा है, वो इससे ज्यादा है। यह 75 करोड़ रुपए की है। इससे साफ होता है कि गांधी परिवार कितनी वसूली कर रहा था।

उन्होंने आरोप लगाया कि गांधी परिवार के दिखाने के दांत कुछ और हैं और खाने के दांत कुछ और है। प्रियंका गांधी वाड्रा के हलफनामे से एक और बात साफ होती है कि ये एसयूवी और फॉर्म हाउस वाले हैं। इनके पास एसयूवी गाड़ी, बड़ा बंगला और फॉर्म हाउस है। शिमला में भी इनके पास घर है। जबकि पहाड़ों में घर खरीदने की अनुमति नहीं मिलती है, लेकिन वहां पर गांधी परिवार ने कानून को झुकवाया और उस बंगले की कीमत भी सही नहीं बताते हैं।

गौरव भाटिया ने गांधी परिवार पर मल्लिकार्जुन खड़गे का अपमान करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछड़े और दलित समाज के व्यक्ति को इस्तेमाल करना गांधी परिवार और कांग्रेस पार्टी की आदत है। उन्होंने एक फोटो दिखाते हुए कहा कि गांधी परिवार के सदस्य आगे बैठे हैं और खड़गे पीछे बैठे हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कल एक वीडियो वायरल हुआ, जिसके बारे में बताना जरूरी है।

कल जिस कमरे में प्रियंका गांधी वाड्रा का नामांकन हो रहा था, उस कमरे में मल्लिकार्जुन खड़गे बाहर से झांक रहे थे और कमरे को बंद कर दिया गया था। इससे ज्यादा आपत्तिजनक बात और क्या हो सकती है कि गांधी परिवार ओछी राजनीति करते हुए पिछड़े समाज के लोगों और दलितों का इस्तेमाल करता है। नामांकन के दौरान पांच लोग ही अंदर कमरे में रह सकते हैं, इसलिए गांधी परिवार के पांच सदस्यों को अंदर रखने के लिए खड़गे को बाहर रख दिया गया। गांधी परिवार और कांग्रेस ने पहले भी दलितों का अपमान किया। इससे पहले सीताराम केसरी के साथ भी अपमानजनक व्यवहार किया गया था।

उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने सांसद होने के बावजूद वायनाड में आई भयानक आपदा के समय एक पैसा भी डोनेट नहीं किया और ना ही इतने अमीर गांधी परिवार के किसी सदस्य ने कोई डोनेशन दिया। एक सवाल के जवाब में उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी स्वयं यह कह चुके हैं कि कांग्रेस एक मुस्लिम पार्टी है। राहुल गांधी तो मुस्लिम लीग को भी सेक्युलर पार्टी बता चुके हैं। पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती के बयान को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद राजनीतिक तौर पर वहां उनकी पार्टी को कोई कंधा देने वाला नहीं है।

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से की भेंट

नई दिल्ली:  केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सीएम बनने के बाद पहली बार बुधवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भेंट की। उन्होंने गृह मंत्री के साथ जम्मू-कश्मीर के मौजूदा सुरक्षा एवं विकासात्मक परिदृश्य पर चर्चा करने के साथ ही उन्हें प्रदेश कैबिनेट द्वारा जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा उसके वास्तविक रूप में पुनर्बहाल करने सबंधी प्रस्ताव से भी अवगत कराया।

जम्मू और कश्मीर को जल्द मिल सकता है राज्य का दर्जाखबर है कि केंद्र की तरफ से प्रक्रिया जल्द शुरू की जा सकती है। हालांकि, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। बुधवार शाम मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की दिल्ली में बड़ी बैठक हुई है। सरकार बनाने के बाद पहली ही बैठक में एनसी सरकार ने राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए प्रस्ताव पारित किया था। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि केंद्र जम्मू और कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की प्रक्रिया शुरू कर सकता है। सूत्रों के अनुसार, ‘आधे घंटे तक चली बैठक काफी सौहार्दपूर्ण माहौल में रही। जम्मू और कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की प्रक्रिया शुरू करने का गृहमंत्री ने नई सरकार को भरोसा दिया है।’

अब्दुल्ला ने बाद में कहा कि यह एक शिष्टाचार भेंट थी, जिस दौरान उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री को जम्मू-कश्नीर की स्थिति से अवगत कराया और राज्य का दर्जा बहाल करने के मुद्दे पर भी चर्चा की। जम्मू-कश्मीर के वर्ष 2019 में केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद से पुलिस बल केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में आता है। दिल्ली में अपने प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री अब्दुल्ला कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात करेंगे और संभावना है कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी मिल सकते हैं। 90 सीटों वाली जम्मू और कश्मीर विधानसभा में एनसी ने 42 सीटों पर जीत हासिल की थी।

बता दें कि उमर अब्दुल्ला ने 16 अक्टूबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और तीन दिन पूर्व गांदरबल के गगनगीर क्षेत्र में एक हमले में आतंकियों ने डॉक्टर समेत सात लोगों की जान ले ली थी। जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के बाद से पुलिस व आंतरिक सुरक्षा का विषय गृह मंत्रालय के अधीन आता है। उमर फिलहाल नई दिल्ली में हैं और वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी मिल सकते हैं। हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में नेकां-कांग्रेस गठबंधन ने बहुमत प्राप्त कर लिया था और सरकार के गठन के बाद पहली मंत्रिमंडल की बैठक में जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने का प्रस्ताव पास किया था। प्रस्ताव के तहत मुख्यमंत्री को राज्य के दर्जे पर प्रधानमंत्री और केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा करने के लिए अधिकृत किया गया था। इस प्रस्ताव पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी मुहर लगा चुके हैं।

केंद्र सरकार ने गैर बासमती चावल से हटाया निर्यात शुल्क

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने एक बार फिर चावल निर्यात नीति में बदलाव किया है। सरकार ने गैर-बासमती चावल पर लगाया गया 10 प्रतिशत का निर्यात शुल्क पूरी तरह से हटा दिया है। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब देश के कुछ हिस्सों में चुनाव चल रहे हैं। सरकार का कहना है कि यह निर्णय सभी आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद लिया गया है। चुनाव आयोग ने भी इस निर्णय को मंजूरी दे दी है, बशर्ते इसका कोई राजनीतिक फायदा न उठाया जाए।

यह एक महीने के भीतर चावल निर्यात शुल्क में दूसरी कटौती है। इससे पहले सितंबर में, सरकार ने गैर-बासमती उबले चावल, भूरे चावल और धान पर निर्यात शुल्क 20 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया था। पिछले साल अल नीनो के कारण देश में कम बारिश हुई थी और धान की पैदावार प्रभावित हुई थी। इसीलिए सरकार ने चावल के निर्यात पर 20 प्रतिशत शुल्क लगाया था और जुलाई 2023 में सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध भी लगा दिया था।

हालांकि, इस साल चावल का उत्पादन पिछले साल की तुलना में अधिक होने का अनुमान है। कृषि मंत्रालय के अनुसार, इस साल चावल का उत्पादन 137.83 मिलियन टन रहने का अनुमान है। भारत के चावल निर्यात प्रतिबंध के कारण वैश्विक बाजार में चावल की कीमतें बढ़ गई थीं और थाईलैंड, वियतनाम और पाकिस्तान जैसे देशों को फायदा हुआ था।

इस फैसले से किसानों को अपनी फसल के अच्छे दाम मिल सकेंगे। चावल निर्यात बढ़ने से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। भारत के चावल निर्यात पर प्रतिबंध हटने से वैश्विक बाजार में चावल की कीमतें कम हो सकती हैं। आने वाले समय में चावल के निर्यात पर सरकार की नीति क्या होगी, यह देखना दिलचस्प होगा।