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ट्रंप के प्रयासों से इजराइल-यूएई के बीच ऐतिहासिक समझौता, पूर्ण राजनयिक संबंध बहाल करेंगे, इजराइल वेस्ट बैंक के हिस्सों को मिलाने की योजना रोकेगा
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रयासों से इजराइल और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच एक ऐतिहासिक शांति समझौता हुआ है। दोनों देशों ने समझौते के तहत पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने पर सहमति जताई है। समझौते के तहत इजराइल भी वेस्ट बैंक के बड़े हिस्सों को अपने साथ मिलाने की योजना को स्थगित कर देगा।
समझौते के बाद अमेरिका, इजराइल और यूएई ने एक साझे बयान में कहा – ‘यह ऐतिहासिक कूटनीतिक सफलता पश्चिम एशिया क्षेत्र में शांति को आगे बढ़ाएगी। यह एक नया रास्ता खोलने के संयुक्त अरब अमीरात और इजराइल के साहस को दिखाती है। इससे क्षेत्र में व्यापक संभावनाएं पैदा होंगी’।
रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रंप ने इस समझौते को लेकर गुरुवार शाम जानकारी दी। अपने ट्वीट में ट्रंप ने कहा – ‘बड़ी सफलता ! हमारे दो अच्छे दोस्तों, इजराइल और संयुक्त अरब अमीरात के बीच ऐतिहासिक शांति समझौता !’ इसके अलावा ट्रंप ने इजराइल, यूएई और अमेरिका का संयुक्त बयान भी ट्विटर पर शेयर किया है।
इसमें तीनों देशों ने कहा है कि इस समझौते से पश्चिम एशिया क्षेत्र में शांति लाने में मदद मिलेगी। राष्ट्रपति ट्रंप ने ओवल आफिस से घोषणा की – ‘उनचास वर्षों के बाद इजराइल और संयुक्त अरब अमीरात अपने राजनयिक संबंध सामान्य बना रहे हैं। वे अपने दूतावासों और राजदूतों का आदान-प्रदान करेंगे और अलग-अलग क्षेत्रों में सहयोग शुरू करेंगे जिनमें पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, व्यापार और सुरक्षा शामिल हैं। अब जब शुरुआत हो गई है, मैं उम्मीद करता हूं कि और अरब और मुस्लिम देश संयुक्त अरब अमीरात को फॉलो करेंगे।’
रिपोर्ट्स के मुताबिक समझौते के तहत इजराइल वेस्ट बैंक के बड़े हिस्सों को अपने में मिलाने की योजना को स्थगित कर देगा। अमेरिका, इजराइल और यूएई के साझे बयान में कहा गया है ‘राष्ट्रपति ट्रंप, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान, अबू धाबी के क्राउन प्रिंस और यूएई सशस्त्र बलों के उप सुप्रीम कमांडर ने गुरुवार को बात की और इजराइल और यूएई के बीच संबंधों के पूर्ण रूप से सामान्य बनाने सहमति जताई’।
हिमाचल के हणोगी में पहाड़ी से मलवा गिरा, 2 चालकों की मौत, मंदिर को भी नुकसान
भारी बारिश से हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में प्रसिद्ध हणोगी माता मंदिर के पास पहाड़ गिर जाने से चंडीगढ़-मंडी-कुल्लू-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग-21 अवरुद्ध हो गया है। बड़ी चट्टानें सड़क पर गिरने से वहां खड़े एक वाहन और गुजर रहे एक वाहन में बैठे दो लोगों की मौत हो गयी। मंदिर परिसर को भी नुक्सान पहुंचा है।
जानकारी के मुताबिक मंडी-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग -71 पर भारी बारिश के पास पहाड़ी खिसकने से भारी चट्टानें सड़क पर आ गिरीं। यह घटना सुबह सवा 5 बजे के आसपास की है। हणोगी माता मंदिर के पास पहाड़ी खिसकने से मंदिर के सामने खड़ी एक गाड़ी टाटा 407 पर बड़ा पत्थर आ गिरा। भीतर सो रहे चालक की चट्टान के नीचे दबकर मौत हो गई। उसका शव निकाला जा रहा है।
इसके अलावा कुछ देर बाद ही पहाड़ी दोबारा दरकने से वहां से गुजर रहे एक और टाटा 407 वाहन पर भी चट्टानें आ गिरीं। इससे चालक की मौत हो गयी। यह वाहन मंडी से कुल्लू की तरफ जा रहा था। इसके चालक की पहचान गुरमुख सिंह (बंगाणा, ऊना निवासी) के रूप मे हुई है। इस वाहन में जो दूसरे लोग बैठे थे, वे घायल हो गए हैं। उन्हें इलाज के लिए नगवाईं के अस्पताल में भर्ती किया गया है। सड़क वाहाल करने की कोशिशें की जा रही हैं।
राजस्थान विधानसभा में विश्वास मत रखा गहलोत ने, कार्यवाही 1 बजे तक स्थगित
राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सदन शुरू होते ही विश्वास मत रखा है। हालांकि, भारी बारिश के कारण जयपुर की सड़कों पर पानी भरने से कई विधायक अभी विधानसभा नहीं पहुंच पाए हैं। इसके चलते सदन की कार्यवाही को स्पीकर ने दोपहर एक बजे तक के लिए स्थगित कर दिया है।
कांग्रेस विधायक दल की गुरुवार को बैठक में सचिन पायलट की मुख्यमंत्री गहलोत की इक महीने से ज्यादा समय के बाद मुलाकात हुई। इसमें दोनों ने हाथ भी मिलाये। अब दोपहर 1 बजे सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होगी। अभी तक भाजपा ने अविश्वास प्रस्ताव नहीं रखा है, जिसकी उसने गुरूवार को घोषणा की थी। वैसे मुख्यमंत्री के विश्वास मत का प्रस्ताव रख देने के बाद संभवता इसका महत्व नहीं रहेगा, क्योंकि अहले के प्रस्ताव पर ही शायद कार्यवाही होगी।
आज एक दिलचस्प चीज यह देखने को मिली अभी तक सचिन पायलट गुट के विधायक अलग से विधानसभा पहुंचे हैं। गहलोत समर्थक विधायक अलग से आये हैं। भारी बारिश के कारण जयपुर में सड़कों पर पानी जमा हो जाने के कारण विधायकों को लेकर आ रही बस बीच में ही फंस गयी, जिससे उन्हें सदन में पहुंचने में देर हुई है। इसे देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने सदस्यों के आग्रह पर सदन की कार्यवाही को दोपहर एक बजे तक स्थगित कर दिया है।
उधर विधानसभा के भीतर सदस्यों के बैठने के क्रम में फेरबदल किया गया है। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की नई सीट बहुत पीछे चली गयी है। पहले वे मुख्यमंत्री गहलोत की बगल में बैठते थे। पायलट विधानसभा में अब तीसरी पंक्ति में निर्दलीय विधायक संजय लोढ़ा के बगल की सीट पर बैठेंगे। उन्हें यह सीट अब अलॉट की गयी है।
नए सीट क्रम के मुताबिक विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने जो नए नियम जारी किए हैं, उसके मुताबिक सचिन पायलट की जगह संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल मुख्यमंत्री के बगल वाली सीट पर बैठेंगे। सचिन पायलट मंत्री नहीं हैं, लिहाजा परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास और स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा के पीछे उन्हें 127 नंबर की सीट दी गई है, जो निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा के बगल में है। उधर जिन दो मंत्रियों विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को बर्खास्त किया गया था, उनमें विश्वेंद्र सिंह सबसे आखिरी पंक्ति में 14वें नंबर की सीट पर बैठेंगे, जबकि रमेश मीणा को दूसरे क्रम में पांचवी पंक्ति की 54 नंबर सीट अलॉट हुई है। कोरोना के कारण आपसी दूरी का भी पालन किया गया है।
श्रीनगर में आतंकी हमला, पुलिस के 2 जवान शहीद
जम्मू कश्मीर में स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले आतंकवादी हमला हुआ है। कश्मीर संभाग के श्रीनगर के नागम में आतंकवादियों ने शुक्रवार को जेके पुलिस की एक टीम पर हमला किया, जिसमें दो जवान शहीद हो गए हैं। इस हमले में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का हाथ होने की आशंका जताई गयी है।
जानकारी के मुताबिक आतंकियों ने यह हमला नागम बाइपास के पास किया उन्होंने पुलिस टीम पर अंधाधुंध गोलियां बरसा दीं। अचानक हुए इस हमले में 2 जवान शहीद हो गए हैं जबकि एक जवान घायल हुआ है। हमला करने वाले आतंकियों की खोज शुरू कर दी गयी और इसके लिए आपरेशन शुरू कर दिया गया है।
इस बीच घटना को लेकर कश्मीर पुलिस ने एक ट्वीट किया है। इसमें बताया गया है कि आतंकियों ने नागम बाइपास के पास पुलिस की टीम पर अंधाधुंध गोलीबारी की। इस हमले में तीन पुलिस कर्मी घायल हो गए जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया गया। हालांकि, वहां दो ज्यादा घायल जवानों की मौत हो गयी।
इस घटना के बाद पूरे इलाके को घेर लिया गया है और सुरक्षाबल आतंकियों के खिलाफ खोज अभियान चला रहे हैं। अभी तक की जानकारी के मुताबिक आतंकियों को खोजा नहीं जा सका है। आशंका है कि वे इलाके में ही कहीं छिपे हो सकते हैं।
गहलोत ने कहा, हम विधानसभा में विश्वास मत लाएंगे, उन्होंने पायलट से मिलाया हाथ
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरूवार शाम कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद कहा कि 14 अगस्त से शुरू होने वाले विधानसभा के सत्र में वे विश्वास मत लाएंगे। उन्होंने कहा कि उनके पास पहले ही बहुमत था। उधर भाजपा भी विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने की घोषणा कर चुकी है।
आज शाम कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई जिसमें सचिन पायलट और मुख्यमंत्री गहलोत के बीच 35 दिन के बाद पहली बार मुलाकात हुई। दोनों ने कांग्रेस आलाकमान के दूत वरिष्ठ नेता वेणुगोपाल के सामने एक दूसरे के साथ हंस कर बात की और हाथ भी मिलाया।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा – ‘हममें कल विधानसभा में खुद विश्वास मत लाएंगे। किसी भी एमएलए की शिकायत है उसे दूर करेंगे। अभी चाहें अभी मिल लें। बाद में चाहे बाद में मिल लें।’
मुख्यमंत्री आवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक में पायलट और गहलोत गुट के सभी विधायक एकसाथ नजर आए। बैठक के दौरान ही गहलोत ने ऐलान किया कि विधानसभा में कांग्रेस खुद विश्वास प्रस्ताव पेश करेगी। सामने देखने से तो ऐसा ही लगता है कि कांग्रेस की लड़ाई ख़त्म हो गयी है, हालांकि, भाजपा अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात क्यों कर रही है, यह थोड़ा हैरानी पैदा करने वाला सवाल है।
पायलट के रुख से नहीं लगता कि वे कोई खेल कर रहे हैं, या किसी बड़े ड्रामे की तैयारी में हैं। वैसे राजनीति के बारे में कभी कोई भविष्यवाणी नहीं की सकती। आज पायलट और उनके समर्थक विधायक सीएम अशोक गहलोत से उनके आवास पर मुलाकात करने पहुंचे।
इससे पहले कांग्रेस ने आज पायलट गुट के दो बड़े नेताओं भंवरलाल शर्मा और विश्वेंद्र सिंह (दोनों विधायक) का कांग्रेस निलंबन वापस ले लिया। बाद में पायलट और बागी विधायकों के पार्टी में लौटने को लेकर सीएम गहलोत ने कहा कि पिछले एक महीने में पार्टी में जो भी गलतफहमी हुई है, हमें देश, राज्य, लोगों और लोकतंत्र के हित को देखते हुए उसे भूलने की जरूरत है।
आज सचिन पायलट की गहलोत से काफी दिन बाद पहली मुलाकात होगी ; फिर होगा क्या, क्या पता, क्या खबर !
राजस्थान की राजनीति का अभी पटाक्षेप नहीं हुआ है। पिछले एक महीने में एक बार भी गहलोत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात नहीं करने वाली राज्य भाजपा ने गुरूवार को विधायक दल की बैठक में अचानक फैसला किया है कि वह 14 अगस्त के विधानभा सत्र में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। उधर कांग्रेस के दो विधायकों भंवरलाल शर्मा और विश्वेन्द्र सिंह का निलंबन रद्द कर दिया गया है, जिनपर यह कार्रवाई उनका नाम ऑडियो सामने आने पर आने पर की गयी थी। कांग्रेस विधायक दल की भी आज शाम 5 बजे बैठक है, जिसमें नाराज रहे सचिन पायलट का एक महीने दिन बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से सामना होगा।
भाजपा ने गहलोत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का जो प्रस्ताव आज विधायक दल की बैठक में पास किया, वह बहुत आश्चर्यजनक है। वह भी तब जब सचिन पायलट दोबारा ‘कांग्रेस के साथ खड़े’ हो चुके हैं, भाजपा का यह नया पैंतरा राजनीतिक हलकों में बहुत दिलचस्पी से देखा जा रहा है। भाजपा का अभी तक यही कहना रहा है कि उसके पास बहुमत नहीं है। वैसे सच यह भी है कि गहलोत ने अपने समर्थक विधायकों को अभी भी ‘बाड़ेबंदी’ में रखा हुआ है। क्यों, यह अभी समझ से परे है ? क्या गहलोत को अभी भी किसी ‘षड्यंत्र’ का खतरा है?
पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया भी दिल्ली गयी थीं, जबकि आज भी भाजपा के कुछ बड़े नेता अचानक जयपुर पहुंचे हैं। यह घटनाक्रम दिलचस्पी पैदा कर रहा है। विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने आज कहा कि विधानसभा सत्र में वे सब मुद्दे लाएं जाएंगे, जो कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई के कारण सरकार के ठप्प हो जाने के कारण इस दौरान उभरे हैं।
आज कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सचिन पायलट का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से सामना होगा। करीब 35 दिन बाद। इस मुलाकात होगा, भी कहना कठिन है। क्या इस बैठक में गहलोत समर्थक विधायक पायलट पर हमला करेंगे ? या पायलट समर्थक विधायक सीएम को घेरेंगे ? देखना होगा। कांग्रेस आलाकमान के दूत केसी वेणुगोपाल जयपुर पहुँच चुके हैं। गहलोत समर्थक विधायक अभी भी होटल फेयरमाउंट में ‘बाड़ेबंदी’ में हैं। विधायक दल की बैठक सीएम हाउस में होगी, न कि होटल में।
गहलोत, बुधवार को राज्यपाल कलराज मिश्र से मिले थे, और उन्हें सचिन पायलट सहित 125 समर्थक विधायकों की सूची भी अपनी तरफ से दी थी। अब शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा का सत्र है। जाहिर है कांग्रेस इसके लिए अपने विधायकों को व्हिप जारी करेगी। व्हिप के बाद यदि कोई भी विधायक, पार्टी के फैसले के ख़िलाफ जाता है तो उसकी सदस्यता खतरे में पड़ जाएगी।
आज जयपुर में निश्चित ही बहुत कुछ होने वाला है। भाजपा के अचानक सक्रियता ने खेल दिलचस्प किया है, जो सचिन पायलट के वापस कांग्रेस के साथ खड़े होने के बाद एकतरफा समझा जा रहा था। सदन में भाजपा अविश्वास प्रस्ताव लाती है तो गहलोत को इसे जीतना ही होगा। अभी तक की चर्चा तो यही है कि गहलोत विश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं। यदि गहलोत प्रस्ताव जीत जाते हैं तो अगले छह महीने तक गहलोत की सरकार को दुबारा विश्वास नहीं जीतना होगा।
आज ही 14 अगस्त के विधानभा सत्र से ऐन पहले कांग्रेस के दो विधायकों भंवरलाल शर्मा और विश्वेन्द्र सिंह का निलंबन रद्द कर दिया गया है, जिनपर यह कार्रवाई उनका नाम ऑडियो सामने आने पर की गयी थी। नाराज विधायकों के खिलाफ भी इस दौरान जो मामले बनाये गए थे, वे सब वापस ले लिए गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने यह आज बसपा इ उन 6 विधायकों को विधानसभा सत्र में शामिल होने की इजाजत दी दी है, जिनके कांग्रेस में विलय को बसपा और भाजपा के एक विधायक ने चुनौती दी हुई है।
राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष 82 वर्षीय महंत नृत्य गोपाल दास कोरोना संक्रमित
कोरोना के बुन्देलखण्ड में जब मामले बढ रहे है ,तब सरकार बाजारों को खोलने की अनुमति दे रही है
जैसे-जैसे देश में कोरोना वायरस का कहर बढ रहा है, वैसे –वैसे कोरोना के बचाव के तौर पर देश की स्वास्थ्य सेवायें लचर होती जा रही है और प्रशासनिक अफसर लोगों को जागरूक करने के वजाये औपचारिकता निभा रहे है। उत्तर –प्रदेश और मध्य- प्रदेश के हिस्से वाले बुन्देलखण्ड में कोरोना कहर बढ रहा है । बुन्देलखण्ड में हर रोज औसतन 5 सौ से अधिक मामले आ रहे है और तकरीबन 6 से 7 लोगों की मौतें हो रही है। ऐसे में सरकार का दायित्व बनता है ,कि कोरोना की रोकथाम के लिये कारगर उपाय उठाये । ताकि कोरोना को रोका जा सके । पर ऐसा नहीं हो पा रहा है। बल्कि कोरोना को लेकर सरकार से लेकर जनमानस लापरवाह बनकर ऊभरा है । आलम ये है कि लोगों के बीच इस बात का मैसेज है कि कोरोना का कहर सालों- साल का है , कब तक घरों में रहेगे । उत्तर –प्रदेश के हिस्से वाले बुन्देलखण्ड में पहले कोरोना की रोकथाम के लिये जिला प्रशासन बाजारों को सुबह 9 से शाम 5 बजे तक की अनुमित दिये था और पुलिस भी बिना मास्क पहने वालों के खिलाफ कार्यवाही भी कर रही थी। पर अब 12 अगस्त से सरकार ने बाजारों को सुबह 7 से शाम 7 बजे तक की अनुमति दे दी है। जिसके कारण बाजारों में अब पहले जैसी भीडभाड आम बात साबित हो रही है। यही हाल मध्य प्रदेश के हिस्से वाले बुन्देलखण्ड का है जहां पर पहले लाँकडाउन जैसे हालत रहे 5 अगस्त रहे है । लेकिन अब यहां पर भी सरकार ने बाजारों को बे रोक-टोक खोलने की अनुमति दे दी है । ऐसे में यहां पर जमकर भीडभाड देखी जा रही है। ऐसे हालात और सरकार लापरवाही को लेकर बुन्देलखण्ड वासियों ने तहलका संवाददाता को बताया कि जब देश में कोरोना का कहर नहीं था तब देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 मार्च से मई के अंत तक लाँकडाउन लगा कर सबको घरों में कैद कर दिया था। अब देश में जब 60 हजार से ज्यादा मामले आ रहे और सैकडों लोगों की मौते हो रही है । तो ऐसे में सरकार को सख्ती बरतनी चाहिये थी। पर ऐसा ना होने से देश में कोरोना का कहर बढेगा और देश के पिछडे क्षेत्रों में शुमार बुन्देलखण्ड में कोरोना को रोकना मुश्किल होगा। झांसी जिला निवासी राजेश का कहना है कि सरकार ना जाने कौन से नियमों के आधार पर काम कर रही है। ऐसे में जनता लापरवाही के कारण कोरोना की गिरफ्त में आ रही है। भगवान दास का कहना है कि सरकार को भली- भाँति मालूम है कि बुन्देलखण्ड में स्वास्थ्य सेवाये लचर है, तो ऐसे में लोगों को जागरूक करके रोका जा सकता है पर अब ऊल्टा हो रहा है जब मामले बढ रहे है। तो सरकार बाजारों को खोलने की अनुमति दे रही है । जो बुन्देलखण्डवासियों को घातक साबित होगा। अब पुलिस और प्रशासन भी सुस्त हो गया है । जो लोगों के लिये चिंता की बात है । बताते चले बुन्देलखण्ड के गांवों में कोरोना के मामले दिन व दिन बढ रहे है। बुन्देलखण्ड के मध्य- प्रदेश और उत्तर – प्रदेश के हिस्से में कुल 13 जिले है जो इस समय कोरोना की चपेट में है ।