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कोरोना काल में संसद सत्र शुरू

कोरोना के रेकार्ड तोड़ते मामलों के बीच सोमवार को संसद का मानसून सत्र शुरू हो गया। यह सत्र पहली अक्टूबर तक चलेगा। सत्र की शुरुआत होते ही लोकसभा में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को श्रद्धांजलि दी गई।  उनके अलावा महान गायक पंडित जसराज को भी याद किया गया और सम्मान में दो मिनट का मौन रखा गया। लोकसभा में पहले ही दिन प्रश्नकाल ख़त्म करने का प्रस्ताव सरकार की तरफ से लाया गया है। कोरोना संक्रमण के चलते आधा दिन लोकसभा और आधा दिन राज्यसभा की कार्यवाही होगी।

सत्र शुरू से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लंबे अंतराल के बाद संसद सत्र आयोजित हुआ है। कोरोना के साथ कर्तव्य भी जरूरी हैं और कर्तव्य के रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए सभी सांसदों को धन्यवाद। आज राज्य सभा के उपसभापति का  चुनाव भी होगा, जहां दोपहर बाद सदन शुरू होगा। कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने इस चुनाव में आरजेडी के मनोज झा को साझा उम्मीदवार बनाया है जबकि सत्तारूढ़ दल ने हरिवंश सिंह को उम्मीदवार घोषित किया है।

सरकार के खिलाफ विपक्ष एकजुटता दिखाने की कोशिश में है। कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष वो तमाम मुद्दे उठाएगा जो सरकार को घेरने में उसकी मदद करेंगे। इनमें कोरोना के बढ़ते मामले, डूबती अर्थव्यवस्था, चीन की घुसपैठ और लद्दाख सीमा पर तनाव, बेरोजगारी और बढ़ती महंगाई जैसे जनसाधारण से जुड़े मुद्दे शामिल हैं।

विपक्ष, खासकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पिछले काफी समय से मोदी सरकार के खिलाफ सक्रिय हैं और तमाम मुद्दों को उठाते रहे हैं। राहुल आरोप लगा चुके हैं हैं कि सरकार इन तमाम मुद्दों को गंभीरता से नहीं ले रही।

सत्र के दौरान मोदी सरकार 23 बिल लाने की तैयारी में है, जिसमें 11 अध्यादेश हैं।

सत्र शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने कहा कि संसद में जितनी ज्यादा चर्चा होती है, देश को उतना लाभ होता है। कोरोना काल में जबतक दवाई नहीं तबतक ढिलाई नहीं, कोरोना काल में सतर्कता जरूरी है। बुलंद हौसले के साथ हमारे जवान मोर्चे पर है, सेना के जवानों के पीछे देश खड़ा है, संसद खड़ी है।

विपक्ष के दो बड़े नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी उच्च दिन तक संसद के सत्र में हिस्सा नहीं लेंगे। सोनिया गांधी स्वास्थ्य चेकअप के लिए विदेश गयी हैं और राहुल गांधी उनकी मिजाजपुर्सी के लिए साथ गए हैं। वे जल्दी ही वहां से लौट कर संसद सत्र में हिस्सा लेंगे।

कोरोना के साथ आशंका रोग से पीड़ित हो रहे लोग

अगर राजा युद्ध में लगा रहे या युद्ध की तैयारी में लगा रहे तो उस देश में शांति और खुशहाली कैसे हो सकती है। और उस देश के नागरिक कैसे स्वस्थ्य हो सकते है। ऐसा ही आज-कल देश –दुनिया के राजा इसी तरह की युद्ध को लेकर कुछ ज्यादा  ही व्यस्त है।

शासन सियासत में मस्त है, तो प्रशासन आडम्बर करने में लगा है। क्योंकि देश में कोनोना का कहर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है । अब क्या शहर और क्या गांव सब जगह कोरोना की दहशत है। लोग कोरोना रोग से तो डरे ही है अब वे आशंका रोग से भी ग्रसित होते जा रहे है। उनको डर और भय सता रहा है, कि आर्थिक तंगी के समय वे कोरोना का इलाज कैसे करा सकते है। चिकित्सकों माने तो उनका कहना है कि अभी कोरोना का कहर रहेगा और प्रसाशन की माने तो वह बस इस बात पर ध्यान देता है, कि घरों से तब ही निकलों जब जरूरी हो , लेकिन ये कैसे संभव हो सकता है।

लोगों ने तहलका संवाददाता को बताया कि इस समय सरकार का सारा ध्यान कोरोना महामारी पर होना चाहिये लेकिन ऐसा ना होने से प्रशासनिक अधिकारी व पुलिस जमकर लोगों के स्वाभिमान से खेल रहे है।  दिल्ली की सब्जी मंडियों में सब्जी बेचनें वालों को तो परेशान किया ही जाता है । लेकिन जो सीधे –साधे लोग है उनको मास्क ना लगाने या सही तरीके से ना लगाने पर रोका–टोका जाता है और चालान भी काटा जाता है। इस मामलें पर काग्रेस से चुनाव लड़ चुके अविनाश गौतम ने बताया कि सरकार का ध्यान कोरोना को हराने में नहीं है और ना ही बेरोजगारी को भगाने में है। सरकार का सारा खेल ध्यान भटकानें में है । कोरोना की रोकथाम को लेकर कोई ठोस पहल का ना किया जाना जिससे कोरोना का कहर लोगों की जिदंगी से खेल रहा है। अविनाश का कहना है कि सीधे- साधे लोगों को मास्क ना लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग के नाम पर परेशान किया जा रहा है।

आरजेडी नेता रघुवंश प्रसाद सिंह का निधन

आरजेडी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह का निधन हो गया है। रविवार को अचानक उनके निधन की खबर आई। वे कुछ समय से एम्स, दिल्ली में भर्ती थे। उन्होंने कुछ समय पहले ही आरजेडी से इस्तीफा दिया था।

रघुवंश प्रसाद, लालू प्रसाद यादव के बहुत करीबी नेताओं में शामिल थे और बिहार के राजनीती में उनका बड़ा कद था। उनके दूसरे दल में जाने की चर्चा थी। वैसे वे एम्स में भर्ती थे और उनका स्वास्थ्य खराब था। लेकिन किसी को इतनी आशंका नहीं थी कि वे इतनी जल्दी चले जाएंगे।

रघुवंश प्रसाद सिंह का रविवार सुबह निधन हुआ। उन्होंने दिल्ली के एम्स में ही अंतिम सांस ली जहाँ वे पिछले चार दिन से सांस की तकलीफ से जूझ रहे थे। उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया था।

इस बीच लालू प्रसाद यादव ने रघुवंश के निधन पर शोक जताया है। कांग्रेस ने भी रघुवंश के निधन पर शोक जताया है। हाल  रघुवंश ने आरजेडी से इस्तीफे की बात कही थी तो लालू प्रसाद यादव ने हाथ से पत्र लिखकर उन्हें कहीं नहीं जाने का आग्रह किया था।

उनका निधन अचानक हुआ है। वे कल तक कई नेताओं से बात कर रहे थे। उन्हें फोन आते थे और वे अपने स्वास्थ्य के बारे में बताते थे।

सांस लेने में तकलीफ के बाद अमित शाह एम्स में भर्ती

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पिछले कुछ हफ्तों से बीमारी का सामना कर रहे हैं। पहले कोरोना का इलाज गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में कराया, उसके बाद पोस्ट कोरोना के लिए करीब दो हफ्ते एम्स में भर्ती रहे। अब फिर करीब दो हफ्ते बाद शनिवार देर रात 11 बजे उनको सांस में तकलीफ के चलते दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया है।
एम्स के सूत्रों का कहना है कि बेहतर होगा कि कुछ वक्त के लिए अमित शाह अस्पताल में रहें, जहां निगरानी में रखकर उनका इलाज हो सके। फिलहाल शाह को एम्स में कार्डियो न्यूरो टॉवर में भर्ती कराया गया है।
बता दें कि इससे पहले अगस्त में पांच सितारा मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां पर एम्स के डॉक्टर्स की टीम भी पहुंची थी। इलाज के बाद कोरोना रिपोर्ट निगेटिव होने पर उनको 14 अगस्त को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया था। लेकिन 18 अगस्त को उनको थकान और शरीर में दर्द की शिकायत के चलते एम्स में दाखिल कराया था। इसके बाद 31 अगस्त को डिस्चार्ज हो गए थे।

अब मूडीज ने भारत की अर्थव्यवस्था को चिंताजनक बताया, 11.5 फीसदी गिरावट की आशंका जताई

पहले से संकट में झूल रही भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक और बुरी खबर आई है। अब दुनिया भर में जानी मानी रेटिंग एजेंसी मूडीज ने चालू वित्त वर्ष में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 11.5 फीसदी गिरावट की आशंका जताई है। हाल में भारत सरकार के सांख्यिकी मंत्रालय ने बताया था कि वित्त वर्ष  2020-21 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में विकास दर में 23.9 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।

कोरोना से पहले से ही आर्थिक विशेषज्ञ भारत में अर्थव्यवस्था की सेहत को लेकर सवाल उठा रहे थे। कोरोना में लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवथा की हालत और भी बदहाल हो गयी है। यही कारण है लॉक डाउन लगाने के तरीके को लेकर मोदी सरकार पर ढेरों सवाल उठे हैं। कहा गया है कि इसे बिना किसी तैयारी के लागू कर दिया गया।

अब अमेरिका की एजेंसी मूडीज के आंकड़ों ने अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता बढ़ा दी है। मूडीज ने शुक्रवार कहा कि 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 11.5 फीसदी की गिरावट आएगी।

यहाँ यह भी दिलचस्प है कि पहले रेटिंग एजेंसी ने भारतीय अर्थव्यवस्था में सिर्फ चार फीसदी गिरावट का अनुमान लगाया था। मूडीज ने कहा कि भारत का साख परिवेश निचली वृद्धि, ज्यादा कर्ज और कमजोर वित्तीय व्यवस्था (फाइनेंशियल सिस्टम) के कारण प्रभावित हो रहा है।

मूडीज के मुताबिक भारत में कोविड-19 महामारी के कारण ये जोखिम ज्यादा बढ़े हैं। मूडीज ने कहा – ‘अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली में ज्यादा दबाव से देश की वित्तीय मजबूती में और गिरावट आ सकती है। इससे साख पर दबाव और बढ़ सकता है’।

इससे पहले ग्लोबल रेटिंग और रिसर्च एजेंसी गोल्डमैन सैश भारतीय अर्थव्यवस्था में माली साल 2020-21 में अर्थव्यवस्था में 14.8 फीसदी की बड़ी गिरावट का अनुमान जता चुकी है। वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच भी चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 10.5 फीसदी की गिरावट का अनुमान बता चुका है। इनके अलावा घरेलू रेटिंग एजेंसियों क्रिसिल और इंडिया रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में क्रमश: 9 प्रतिशत और 11.8 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया है।

इंडिया रेटिंग्स अपने पहले के 5.3 फीसदी नुक्सान के अपने अनुमान को बदलकर  हालात ज्यादा ख़राब बताते हुए अर्थव्यवस्था के 11.8 फीसदी तक नीचे जाने के अनुमान की बात कह चुकी है। एसएचबीसी और मॉर्गन स्टैनले के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था को 5 से 7.2 फीसदी के बीच नुकसान हो सकता है।

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर नड्डा पटना में, जेडीयू से बैठक

बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने शनिवार को पटना में जेडीयू के नेताओं के साथ बैठक की। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बड़े नेताओं के साथ एक-साथ बैठे और चर्चा की। इस बैठक में एलजेपी के नेता चिराग पासवान के बयानों की तरफ गठबंधन नेताओं ने नड्डा का ध्यान दिलाया, जिनमें वे अपनी तरफ से चुनाव के लिए सीटें घोषत करने की बात कहते रहे हैं।

आज की बैठक सीएम नीतीश कुमार के आवास पर हुई। अब तक की इस सबसे बड़ी बैठक में नड्डा और नीतीश के अलावा जेडीयू सांसद ललन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, भाजपा के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और अन्य शामिल हुए। करीब एक घंटा चली इस बैठक में विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटबारे पर भी चर्चा हुई, साथ ही रणनीति पर भी बात की गयी।

बैठक में दोनों बड़े नेताओं ने एलजेपी नेता चिराग पासवान के बयानों पर चर्चा की और उनकी  ‘नाराजगी’ दूर करने की बात कही। नड्डा की बातचीत से ऐसे संकेत मिले हैं कि एलजेपी की नाराजगी को दूर किया गया है। कुछ हफ्ते पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने पटना की वर्चुअल रैली में नीतीश को गठबंधन की तरफ से दोबारा मुख्यमंत्री पद का उम्मीदबार घोषित किया था।

बैठक में कमोवेश सभी नेताओं ने आने वाले विधानसभा चुनाव में दोबारा अपने गठबंधन के जीतने का भरोसा जताया। अभी तक की ख़बरों से जाहिर होता है कि सीटों के बंटबारे में जेडीयू और भाजपा कुल 243 विधानसभा सीटों में आधी-आधी सीटें बांटेंगे जिसके बाद भाजपा अपने कोटे से एलजेपी जबकि जेडीयू अपने कोटे से अपने सहयोगियों जीतन राम मांझी आदि के पार्टी को सीटें देंगे। याद रहे, एलजेपी के नेता चिराग पासवान पहले ही पार्टी की तरफ से 43 सीटों की बात कह चुके हैं।

उधर महागठबंधन जिसमें आरजेडी और कांग्रेस जैसे प्रमुख दल हैं, भी जल्दी ही चुनाव की रणनीति पर बात करने वाले हैं। पिछले चुनाव में आरजेडी ही सबसे बड़ी पार्टी बनी थी और उसने नीतीश कुमार को सीएम बनाया था, लेकिन बाद में नीतीश  पलटी मारकर भाजपा से जा मिले थे।

अरुणाचल से लापता 5 युवक चीनी सेना ने किबितु में भारत को लौटाए, 14 दिन क्वारंटीन में रखे जाएंगे

चीन ने उन पांच युवकों को भारत को वापस सौंप दिया है, जो पिछले दिनों अचानक लापता हो गए थे। चीन सेना ने इन्हें शनिवार को किबितु में भारत को लौटा दिया। अरुणाचल के कांग्रेस विधायक निनॉन्ग एरिंग ने सबसे पहले इन युवकों के लापता होने का मसला पीएम मोदी से उठाया था। यह सभी पांच युवक भारत लौटने के बाद 14 दिन के क्वारंटीन में रखे जाएंगे।

करीब 10 दिन पहले लापता इन युवकों की पहचान टोच सिंगकम, प्रसात रिंगलिंग, डोंगटू एबिया, तनु बाकेर और गारू डिरी के रूप में की गयी है। पहले यह भी खबर थी कि चीन सेना ने इन युवकों को ‘अगवा’ किया है। हालांकि, अब कहा जा रहा है कि यह युवक ‘गलती’ से सीमा की दूसरी तरफ चले गए थे।

इन युवकों को शनिवार को चीन की सेना पीपल्स लिब्ररेशन आर्मी (पीएलए) ने भारत को सौंप दिया। तेजपुर में रक्षा प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि की और कहा – ”सारी औपचारिकता पूरी करने के बाद सभी पांचों युवकों को किबितु में भारतीय सेना के हवाले कर दिया गया है। कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत पहले उन्हें 14 दिन तक क्वारंटीन रहना होगा जिसके बाद उन्हें उनके परिवारों को सौंप दिया जाएगा।”

जब इन युवकों के लापता होने की बात कांग्रेस विधायक निनॉन्ग एरिंग ने सोशल मीडिया पर डाली थी और पीएम मोदी को भी इसमें टैग किया था तब शुरु में चीन ने भारतीय युवकों के बारे में जानकारी देने की जगह अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्‍सा बता द‍िया था। यहां तक कि चीनी मीडिया में इन युवकों को ‘जासूस’ बताया जाने लगा था।

एक दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने बताया था कि चाइनीज पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) अरुणाचल प्रदेश से लापता सभी पांच युवकों को शनिवार को भारत को सौंपने के लिए राजी हो गयी है। एक ट्वीट में उन्होंने कहा था – ‘चीनी पीएलए ने भारतीय सेना के समक्ष युवकों की घर वापसी की पुष्टि की है”।

इन पांच लापता आदिवासी युवकों में से एक के भाई ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि ‘चीनी सेना नाचो के पास इंटरनैशनल बॉर्डर (आईबी) से भारतीय सेना के सेरा-7 पेट्रोलिंग इलाके से भारतीय युवकों को उठा ले गई है’। फिर कांग्रेस विधायक ने इसके हवाले से इस मसले को उठाया जिसके बाद जिला प्रशासन अलर्ट हुआ। वहां कुछ लोगों ने कहा कि लापता युवक पोर्टर के रूप में सेना से जुड़े हुए थे जो सामान की ढुलाई करते हैं और इलाके में सड़क और मोबाइल नेटवर्क न होने की वजह से गाइड के रूप में काम करते हैं

कोरोना से ज्यादा चालान काटे जाने का डर सता रहा है दुकानदारों को

अजीब बिडम्बना है, एक ओर तो सरकार कहती है कि बाजारों को खोला जाये, ताकि देश की अर्थव्यवस्था का सुधार हो और लोगों का जीवन–यापन सामान्य रूप से चल सकें । पर वहीं सरकार के अनदेखी के चलते बाजारों लाल फीता शाही के कारण दिल्ली के दुकानदार डरे हुये है, कि उनका चालान ना काट दिया जाये।

तहलका संवाददाता को दिल्ली के सरोजनी नगर मार्केट के व्यापारियों ने बताया कि दिल्ली में वैसे ही कोरोना के मामले बढ़ रहे है। लोगों में डर है और आर्थिक तंगी के कारण लोग बाजारों में खरीददारी से बच रहे है। फिर भी दुकानदार अपनी इसी उम्मीद से दुकान खोल रहे कि ग्राहक आयेगे। इस समय सरोजनी नगर के व्यापारियों को कोरोना के साथ –साथ पुलिस और अफसरों से बढ़ा डर लगता है कि कहीं उनकी दुकान का चालान इस बात पर ना काट दिया जाये कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है।

सरोजनी नगर मार्केट के अध्यक्ष अशोक रंधावा ने बताया कि सरोजनी नगर मार्केट में एनडीएमसी के अधिकारी, पुलिस , और स्थानीय अधिकारी आकर दुकानदारों का चालान इस बात पर काट कर चले जाते है कि दुकानदार ने मास्क नहीं पहना है दुकान में ग्राहकों की भीड़ से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ना किया गया । जिससे कई दुकान दारों के 6-6 हजार रूपये के चालान काटे गये । तो कई के 3-3 हजार के चालान काटे गये । इसके कारण यहां के व्यापारियों में रोष है।

व्यापारियों का कहना है कि सरकार व्यापारियों के साथ मजाक कर रही है। उनकी सुनवाई नहीं कर रही है। वैसे ही दुकानदारी चल नहीं रही है । उस पर चालान का काटा जाना ठीक नहीं है। अगर ऐसा ही रहा तो दुकानदार अपनी दुकानबंद कर घरों में बैठेगा या फिर अफसरों की तानाशाही के विरोध में प्रदर्शन करने को मजबूर होगा।अशोक रंधावा का कहना है कि दुकानदार सारी शर्तो के साथ ही दुकान पर बैठता है ,जैसे मास्क लगाकर बैठना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना और सेनेटाईज करना । फिर भी चालान का काटा जाना , गलत है।

कांग्रेस में बड़ा फेरबदल, नई सीडब्ल्यूसी बनाई, महासचिव भी बदले, राहुल का कद बढ़ा

पिछले दिनों की उठापटक के बाद कांग्रेस में बड़े पैमाने पर फेरबदल किया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नई कांग्रेस वर्किंग कमेटी बनाई है और महासचिवों के पद पर भी नई नियुक्तियां की हैं। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी दोनों को नई सीडब्ल्यूसी में जगह दी गयी है। राहुल गांधी के समर्थकों को कई समितियों में जगह मिली है, जिससे संकेत मिलता है कि पार्टी में राहुल को काफी महत्व दिया गया है। प्रियंका गांधी को यूपी का पूरा प्रभारी बना दिया गया है।

नई सीडब्ल्यूसी में 22 सदस्य बनाए गए हैं जबकि नई एआईसीसी में 26 सदस्य और 10 विशेष आमंत्रित सदस्य बनाए गए हैं, जिनमें दिग्विजय सिंह भी शामिल हैं। गुलाम नबी आजाद, मोतीलाल वोरा, अंबिका सोनी, मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे नेताओं को महासचिव पद से हटा दिया गया है हालांकि आज़ाद सीडब्ल्यूसी में शामिल किये गए हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संगठन चलाने और संचालन में अपनी मदद के लिए जिस विशेष समिति का गठन किया उसमें एके एंटनी, अहमद पटेल और अंबिका सोनी शामिल हैं। संगठन से जुड़े मामलों में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की मदद के लिए विशेष समिति में केसी वेणुगोपाल, मुकुल वासनिक, रणदीप सुरजेवाला भी शामिल होंगे। एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले के तहत गुलाम नबी आजाद, अंबिका सोनी, मोतीलाल वोरा, मल्लिकार्जुन खड़गे को महासचिव पद से हटा दिया गया है।

हरीश रावत को पंजाब कांग्रेस का प्रभारी महासचिव बनाया गया है जबकि मुकुल वासनिक को मध्य प्रदेश, राजीव शुक्ला को हिमाचल प्रदेश, जितिन प्रसाद को पश्चिम बंगाल और अंडमान निकोबार का प्रभारी नियुक्त किया गया है।

इनके आलावा कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला को कर्नाटक की ज़िम्मेदारी दी गई है जबकि विवेक बंसल को हरियाणा का प्रभारी बनाया गया है। कांग्रेस ने सोनिया गांधी के सहयोग के लिए 6 सदस्य कमेटी बनाई है जो कांग्रेस अध्यक्ष को संगठन और ऑपरेशनल मामलों में सहयोग करेगी।

कमेटी में संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, अहमद पटेल, अंबिका सोनी, एके एंटोनी, मुकुल वासनिक और रणदीप सुरजेवाला को सदस्य होंगे। यह कमेटी कांग्रेस की अगले महाअधिवेशन तक कार्य करेगी। उसी में नया अध्यक्ष चुना जाएगा।

कांग्रेस के इस फेरबदल में हाल में चिट्ठी लिखने वाले 23 नेताओं का कद काम कर दिया गया है। गुलाम नबी आजाद को भले सीडब्ल्यूसी में जगह मिली है, उन्हें हरियाणा प्रभारी महासचिव पद से हटा दिया गया है।

सोनिया गांधी के लिए बनाई गई सलाहकार समिति में भी आजाद को शामिल नहीं किया गया है। आजाद की तरह आनंद शर्मा भी सिर्फ वर्किंग कमेटी के सदस्य रहेंगे।   फेरबदल में कपिल सिब्‍बल का कद भी घट गया है।

हिमाचल से विधायक आशा कुमारी को पंजाब के प्रभारी पद से हटा लिया गया है। हरीश रावत अब पंजाब कांग्रेस के प्रभारी महासचिव होंगे। पार्टी में रणदीप सिंह सुरजेवाला का कद बढ़ा है। वह महासचिव तो रहेंगे ही, सोनिया गांधी की सलाहकार टीम में भी जगह पा गए हैं।

कांग्रेस कार्यसमिति में राहुल गांधी का कद अब भी ऊपर है। सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह के बाद उनका तीसरा स्थान है। राहुल गांधी के भरोसेमंद मधुसूदन मिस्त्री के अलावा अरविंदर सिंह लवली का भी कद बढ़ा है। मधुसूदन मिस्त्री को केंद्रीय चुनाव समिति का अध्यक्ष बनाया गया है।

संसद सत्र से पहले इस बड़े फेरबदल के बड़े मायने हैं। केसी वेणुगोपाल को संगठन की जिम्मेदारी दी गई है। प्रियंका गांधी को यूपी का पूरा प्रभारी बना दिया गया है।

कांग्रेस महासचिवों में मुकुल वासनिक को मध्य प्रदेश की, हरीश रावत को पंजाब की, ओमान चांडी को आंध्र प्रदेश की, तारीक अनवर को केरल और लक्षद्वीप की, जितेंद्र सिंह को असम की, अजय माकन को राजस्थान की जिम्मेदारी दी गई है।

नए सीडब्ल्यूसी सदस्य के तौर पर दिग्विजय सिंह, राजीव शुक्ला, मनिकम टैगोर, प्रमोद तिवारी, जयराम रमेश, एचके पाटिल, सलमान खुर्शीद, चंडीगढ़ के पवन बंसल, दिनेश कुंदुरो, मनीष चतरथ और कुलजीत नागरा को शामिल किया गया है। अब कांग्रेस के सचिव प्रभारी प्रशासन पवन कुमार बंसल होंगे। राहुल के खास मनकीम टैगोर को तेलंगाना जबकि जितिन प्रसाद को पश्चिम बंगाल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का प्रभारी बनाया है। वैसे जितिन भी विवादास्पद चिट्ठी पर हस्ताक्षर करने वालों में शामिल थे। हिमाचल की नेता आशा कुमारी की पंजाब से छुट्टी कर दी गई है।  हरीश रावत अब पंजाब कांग्रेस के प्रभारी महासचिव का पद संभालेंगे।

आर्य समाज नेता स्वामी अग्निवेश का निधन

जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता और प्रतिष्ठित आर्य समाज नेता स्वामी अग्निवेश का शुक्रवार शाम निधन हो गया है। उन्हें सोमवार को दिल्ली के इंस्टीच्यूट ऑफ लिवर एंड बायिलरी साइंसेज में भर्ती कराया गया था, जहां आज दिल का दौरा पड़ा और 6.30 बजे उनका निधन हो गया। विभिन्न नेताओं और गणमान्य लोगों ने उनके निधन पर शोक जताया है।

आइएलबीएस ने अग्निवेश के निधन की पुष्टि की है। अस्पताल के मुताबिक स्वामी अग्निवेश को शुक्रवार शाम 6 बजे दिल का दौरा पड़ा और आधे घंटे के भीतर ही उनका निधन हो गया। उन्हें बचाने की भरपूर कोशिश की गई, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। अग्निवेश लिवर सिरोसिस से पीड़ित थे और उनके प्रमुख अंगों ने मंगलवार को काम करना बंद कर दिया तो उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया।

आर्य समाज के बड़े नेता अग्निवेश 81 साल के थे। उनकी पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए शनिवार को 7 जंतर-मंतर रोड, नई दिल्ली के कार्यालय में सुबह 11 से 2 बजे तक रखा जाएगा। उनका अंतिम संस्कार वैदिक रीति से अग्निलोक आश्रम, बहलपा (गुरुग्राम) में शाम 4 बजे किया जाएगा।

अग्निवेश का जन्म 21 सितंबर, 1939 को हुआ था और वे सामाजिक मुद्दों पर खुलकर अपने विचार रखते थे। साल 1970 में आर्य सभा के नाम से उन्होंने एक राजनीतिक दल का भी गठन किया था। अग्निवेश 1977 में  हरियाणा विधानसभा से चुने जाने के बाद सरकार में शिक्षा मंत्री रहे। साल 1981 में उन्होंने बंधुआ मुक्ति मोर्चा नाम से एक संगठन भी बनाया था।

बहुत दिलचस्प बात है कि वे टीवी शो बिग बॉस का भी तीन दिन तक हिस्सा रहे हैं। अग्निवेश ने 2011 में अण्णा हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में भी खुलकर हिस्सा लिया था। बाद में उनके मतभेद हुए और उन्होंने खुद को आंदोलन से दूर कर लिया था।