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यहाँ हर कोई नापाक है

दुनिया में हर इंसान खुद को सबसे ज़्यादा पाक-साफ मानता-समझता है। यह एक ऐसा अवास्तविक सत्य है, जो सभी को भ्रमित और अभिमानित किये हुए है। लेकिन इस पर पूरी तरह अमल करते हुए भी कोई स्वीकार नहीं करता कि वह खुद को ही सर्वोपरि मानता है। दरअसल वह इस स्वीकारोक्ति को दूसरों से घृणा करके, वैमनस्य करके, उनसे आगे निकलकर, और कभी-कभी उन्हें नीचा दिखाकर या गाहे-ब-गाहे उनका मज़ाक उड़ाकर प्रदशर््िात करता रहता है। दुनिया में कितने ही लोग हैं, जो बिना कराण ही मूर्खतावश दूसरे लोगों की परछाईं तक से नफरत करते हैं, उन्हें छूने या उनके छूने से खुद को अपवित्र मानने लगते हैं। ऐसे लोगों को यह नहीं मालूम कि वे भी उतने ही अपवित्र हैं, जितना कि सामने वाला इंसान।

इस बात को मैं आपको एक उदाहरण के ज़रिये समझाना चाहता हूँ। अपनी पढ़ाई के दौरान मैं बहुत पूजा-पाठ करता था। ज्योतिष का थोड़ा-बहुत ज्ञान मुझे विरासत में मिला और कुछ मैंने अपने बड़े गुरु डॉ. उमाकान्त शर्मा जी से सीखा। पिताजी की इच्छा के विरुद्ध भी कविताओं के रचना-धर्म और हिन्दू कर्म-काण्ड करने में उलझ गया। पिताजी की इच्छा रहती थी कि मैं पढ़-लिखकर आईएएस बनूँ, पर मेरा मन या तो कविताओं में लगता या फिर पंडिताई में। लेकिन मैं जातिवाद, वर्णवाद धर्मवाद के सख्त खिलाफ रहता था। यह बात मेरे एक पड़ोसी को, जो कि दूर के रिश्ते या कहें कि मोहल्ले के रिश्तों के हिसाब से मेरे चाचा लगते थे; रास नहीं आती थी। वह काफी विद्वान थे और मुझसे जातिवाद, वर्णवाद, धर्मवाद को लेकर काफी बहस करते थे। उनका शस्त्रज्ञान मुझसे एक ही मायने में ज़्यादा था कि उन्हें अनेक ग्रन्थों में लिखी बातें कण्ठस्थ थीं। लेकिन तर्क के आगे वह अक्सर हार जाते, और जब वह जब हार रहे होते थे, तो मुझे शास्त्रार्थ की चुनौती देते थे। लेकिन मैं उनके शस्त्रों के उदाहरणों को तर्क से पुन:-पुन: खण्डित कर देता था और उनके पास सिवाय चिढक़र बहस से भागने के कोई चारा नहीं रहता। बहस छोडक़र भागते-भागते वह यह ज़ोर-ज़ोर से यह कहते जाते, तुम्हें भगवान भी माफ नहीं करेगा; उसकी लिखी बातों पर अविश्वास करते हो; तुम्हारा दिमाग खराब है। तुम जैसे लोगों की वजह से ही पृथ्वी पर पाप बढ़ गया है। मुझे उनकी इन बातों पर हँसी और दया आती थी।

आप सोच रहे होंगे कि वह मुझसे दोगुनी उम्र से भी ज़्यादा के थे, तो कैसे हार जाते थे? दरअसल अंधविश्वास कितना भी पक्का हो, वह अतथ्यपूर्ण और बिना आधार वाला ही होता है। वह अंधविश्वासी थे और मैं तर्क-बुद्धि तथा इंसानियत का पैरोकार। उदाहरण के लिए एक बार जब मैं 10-11 साल का था, तब होली के दिन झाड़ू लगाने वाले एक व्यक्ति (हरिजन), जो कि गाँव के रिश्ते से मेरे ताऊ लगते थे; को मैंने गले लगाकर उनके पैर छू लिए थे। बस फिर क्या था, पूरे घर में और घर से बाहर तक हंगामा-ही-हंगामा। मुझे गंगाजल से नहलवाया गया। मैं इस ढोंग के सख्त खिलाफ था। पूरे घर में मेरे पिताजी ही थे, जो मेरे इस अपराध (अपराध इसलिए कहा, क्योंकि सबकी नज़र में वह अपराध ही था) को अपराध नहीं मान रहे थे। मैं इस सबसे हैरत में भी था और लोगों की मूर्खता और अन्धविश्वास से खिन्न भी था। खैर, बात मेरे पड़ोसी से बहस की थी। वह जब भी कहते कि जाति, वर्ण, धर्म सब ईश्वर के बनाये हुए हैं, तो मैं उनसे पूछता फिर सभी वर्ण-व्यवस्था के हिसाब से ही यानी ब्रह्मण मुँह से, क्षत्रिय भुजाओं से, वैश्य पेट से और शूद्र कटि भाग से, जैसा कि ग्रन्थों के अनुसार ब्रह्मा जी ने सबको पैदा किया है; पैदा क्यों नहीं होते? दूसरा कहीं-कहीं ब्राह्मण भी मूर्ख और शूद्र भी ज्ञानी क्यों पैदा होते हैं? सब ग्रन्थों में बताये हुए कर्मों के अनुसार ही अपना-अपना कर्म क्यों नहीं करते? ऐसे ही कई सवाल जब उनसे पूछता, तो उनके पास गुस्सा करने के सिवाय कुछ नहीं होता। वह कहते कि धर्म भी कोई चीज़ है, उसे तो मानो। मैं कहता कि सब पागलपन है। जो इंसान हवा, पानी, ज़मीन, आग, आकाश को नहीं बाँट सकता; जो इंसान सदियों से दूषित जल, वायु, पृथ्वी से उगी चीज़ों का सेवन कर रहा हैं। जिसे अपनी चार-पाँच पीढिय़ों से पीछे का कुछ नहीं मालूम; जो एक-दूसरे की छोड़ी हुई श्वांस ले रहा है; जिसके पेट में हर समय गन्दगी भरी रहती है; जो हर रोज़ नाक से, आँख से, कान से, कटि भाग से मैल निकलता है; वह पवित्र कैसे हो सकता है? हाँ, उसकी आत्मा पवित्र है, उसका मन पवित्र है, लेकिन कर्मों के हिसाब से। और यह आत्मा तथा मन सबके पास उतना ही पवित्र है, जितना कि तुम्हारे पास। क्योंकि सभी में ईश्वर का वास है। दूसरी बात, जिसे यह तक नहीं पता कि उसके शरीर में क्या-क्या गतिविधियाँ होती हैं, वह ईश्वर को बाँटने की कोशिश करता है। इससे बड़ी मूर्खता भला क्या हो सकती है? एक बार राजस्थान के एक पहुँचे हुए संत मेरे पड़ोसी के यहाँ आये। दरअसल वह सन्त उनके यहाँ यदा-कदा आते रहते थे। सन्त के आने पर मेरे पड़ोसी को मुझे मात देने का सबसे सुनहरा अवसर था। शाम को मेरे पड़ोसी मेरे घर आये और बोले कि आप बहुत विद्वान बनते हो, आज आपकी विद्वता धरी-की-धरी रह जाएगी; मेरे घर आना। मैं समझा इन्हें तो आये दिन मुझसे बहस करने का जूनून रहता है, सो मैंने कह दिया कि मेरे पास समय नहीं है। लेकिन वह बोले- ‘आज बुरी तरह से मुँह की खाओगे, इसलिए डर रहे हो। क्योंकि मेरे घर एक बहुत बड़े विद्वान आये हुए हैं।’ मैंने उनकी चुनौती स्वीकार कर ली और करीब 8:30 बजे उनके घर पहुँच गया। सन्त को प्रणाम किया। उन्होंने सम्मानपूर्वक मेरा स्वागत किया। बातचीत शुरू हुई। सन्त मेरी बातों से बहुत प्रभावित हुए और बोले- आप तो हमारे मित्त (मित्र)हैं। कभी हमारी कुटिया (राजस्थान) में आइए।’ वह मुझसे काफी बड़े थे, सो मैं उनके पैरों में झुका, पर उन्होंने मुझे गले से लगा लिया। यह सब देख मेरे पड़ोसी चुप रह गये। लेकिन अगले दिन से मेरे प्रति उनका थोड़ा रवैया बदल गया।

चीन ने सीमा पर सैनिकों और हथियारों का जमाबड़ा किया, हमारी भी सीमा पर पूरी तैयारी : राजनाथ ने कहा

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को लोकसभा में ब्यान देते हए कहा कि चीन ने सीमा पर बड़े पैमाने पर तमाम समझौतों को ताक पर रख कर सैनिकों और हथियारों का जमाबड़ा किया है। हालांकि, भारत ने भी चीन की इन कोशिशों को काऊंटर करने के लिए पूरी तैयारी की है। सरकार भरोसा दिलाना चाहती है कि हम अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं और हमारी सीमाएं सुरक्षित हैं।

अपने ब्यान में राजनाथ ने कहा – ‘चीन ने एलएसी और आंतरिक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सेना की तैनाती की है और हथियार इकट्ठा किए हैं। पूर्वी लद्दाख, गोगरा, कोंगका ला, पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण बैंकों में कई फ्रिक्शन प्वाइंट हैं। भारतीय सेना ने भी इन क्षेत्रों में भारी तैनाती की है।’

राजनाथ ने कहा कि चीन ने सीमा पर स्टेटस बदलने का प्रयास किया था, लेकिन हमारे बहादुर जवानों ने इसे असफल कर दिया। राजनाथ सिंह ने कहा – ‘यह सदन अवगत है चाईना, भारत की लगभग 38,000 स्क्वायर किलोमीटर भूमि का अनधिकृत कब्जा लद्दाख में किए हुए है। इसके अलावा, 1963 में एक कथित बाउंडरी एग्रीमेंट के तहत, पाकिस्तान ने पीओके की 5180 स्क्वायर किलोमीटर भारतीय जमीन अवैध रूप से चीन को सौंप दी है। मैं यह भी बताना चाहता हूं कि अभी तक भारत-चीन के बॉर्डर इलाके में कॉमनली डेलीनिएटिड (एलएसी) नहीं है और एलएसी को लेकर दोनों की धारणा अलग-अलग है।

विपक्ष ने इस मुद्दे पर चर्चा कराये जाने की मांग की थी। राजनाथ ने हाल में मास्को में चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंगहे के साथ मुलाकात की जानकारी भी सदन को दी। याद रहे उनके बाद विदेश मंत्री जयशंकर की भी चीन के उनके समकक्ष वांग यी के साथ मुलाकात हुई थी।

राजनाथ सिंह ने भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर लोकसभा में बयान दिया है।  उन्होंने कहा कि सीमा विवाद एक गंभीर मुद्दा है। दोनों देश शांति पर सहमत हैं।  शांतिपूर्ण बातचीत से ही हल निकलेगा। राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख का दौरा कर हमारे जवानों से मुलाकात की। उन्होंने यह संदेश भी दिया था वह हमारे वीर जवानों के साथ खड़े हैं। मैंने भी लद्दाख जाकर अपने यूनिट के साथ समय बिताया था। जवानों का हौसला बढ़ाया।

रक्षा मंत्री ने चीन के साथ सीमा विवाद पर कहा चीन की सीमा का अभी फैसला नहीं हुआ है। हम मानते हैं कि यह भौगोलिक सिद्धांतों पर आधारित है। सदियों से दोनों देश इससे अवगत हैं। अभी तक कोइ साझा फैसला नहीं हुआ है। चीन ने लद्दाख में भारत की ज़मीन पर कब्ज़ा किया हुआ है। यही नहीं पाकिस्तान ने भी भारत की जमीन चीन को सौंपी है।
राजनाथ ने कहा कि भारत और चीन औपचारिक रूप से मानते हैं कि यह एक जटिल मुद्दा है। इसका समाधान शान्ति पूर्ण बातचीत से होना चाहिए। दोनों ने माना है कि  सीमा पर शान्ति रखना जरूरी है। भारत और चीन का एलएसी पर अपना-अपना विचार है। दोनों के बीच कई एग्रीमेंट भी हैं। दोनों मान रहे हैं कि फिलहाल इसे ही बहाल रखा जाये। दोनों के रिश्तों में पिछले सालों में काफी विकास हुआ है। दोनों मानते हैं कि चर्चा करके मसले सुलझा सकते हैं लेकिन सीमा पर किसी भी तनाव का नतीजा गलत निकल सकता है।

उन्होंने कहा कि जब तक बार्डर मामले का फैसला नहीं होता है उसका उल्लंघन किसी सूरत में न किया जाये। दोनों एक बार किसी नतीजे पर पहुंचे भी थे लेकिन चीन ने हाथ वापस खींच लिए। कई समझौते हुए हैं जिनसे सामाधान निकालते हैं। यही कारण है कि शांति कायम है। सरकार की एजेंसियों का मैकेनिज्म हैं। यह तीनों सेनाओं और इंटेलीजेन्स से जुड़ा है।
राजनाथ ने कहा कि अप्रैल से चीन की संख्या में काफी वृद्धि देखी गयी है। गलवान में चीन ने हमारे कुछ कामों में व्यवधान शुरू किया। इससे तनाव बना। विभिन्न   समझौतों के तहत उनसे बात की जा रही थी। इसके आलावा चीन ने कुछ जगह समझौते तोड़े हैं। हमारी सेना ने हर अवसर पर जवाबी आवश्यक कार्रवाई की है।

हमने चीन को सैन्य और डिप्लोमैटिक जरियों से बताया है कि यह हमें मंजूर नहीं है। दोनों के सैन्य कमंडरों के बीच सेना को पीछे करने पर बात बनी थी लेकिन चीन ने इसका उल्लंघन किया। हमारे बहादुर सेना जवानों ने गलवान में अपना बलिदान दिया और चीन का भी बड़ा नुक्सान किया। संयम भी दिखाया और शौर्य भी दिखाया है। सैनिकों की भूरी-भूरी प्रशंसा की जानी चाहिए। हमारे सैनिक देश को सुरक्षित रख रहे हैं। हमारे हौसले पर किसी को शक नहीं होना चाहिए। पड़ौसियों के साथ दोस्ती के बावजूद हम अपने सीमाओं की हिफाजत की करेंगे, यह दृढ़ निश्चय हमारी सरकार का  है।

पश्चिम बंगाल में करीब 8000 गरीब सनातन ब्राह्मण पुजारियों को हर महीने 1,000 रुपये भत्ता, मुफ्त आवास भी देगी ममता सरकार

पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा ऐलान किया है। राज्य में हिंदू मतदातों को रिझाने की दृष्टि से ममता ने सूबे के करीब 8250 से ज्यादा गरीब सनातन ब्राह्मण पुजारियों को हर महीने 1,000 रुपये भत्ता देने के अलावा मुफ्त आवास देने की भी घोषणा की है। भाजपा ममता पर अल्पसंख्यक तुष्टिकरण का आरोप लगाती रही है, लेकिन ममता के इस फैसले से भाजपा को बेचैनी हो सकती है। इसके अलावा ममता ने हिंदी सेल का भी गठन किया है।

ऐसा नहीं है ममता का यह कोई पहला फैसला है। मुख्यमंत्री ने काफी समय पहले सनातन ब्राह्मण संप्रदाय को कोलाघाट में एक अकादमी स्थापित करने के लिए भूमि प्रदान कर चुकी हैं। ममता का कहना है कि इस संप्रदाय के कई पुजारी आर्थिक रूप से कमजोर हैं। ममता ने कहा – ‘हमने उन्हें प्रतिमाह 1,000 रुपये का भत्ता प्रदान करने और राज्य सरकार की आवासीय योजना के तहत मुफ्त आवास प्रदान करके उनकी मदद करने का फैसला किया है।’

यही नहीं सोमवार को ममता ने बंगाल में हिंदी भाषी मतदाताओं को और मजबूती से टीएमसी से जोड़ने के लिए अपनी पार्टी के हिंदी सेल का गठन किया है। इसे अहम मन जा रहा है। ममता ने पू्र्व केंद्रीय मंत्री और राज्य सभा सदस्य दिनेश त्रिवेदी को इस सेल का चेयरमैन जबकि वरिष्ठ पत्रकार विवेक गुप्ता को अध्यक्ष बनाया है। सेल के अध्यक्ष विवेक गुप्ता ने कहा – ‘ कोलकाता में करीब 350 स्कूल ऐसे हैं, जिनका मीडियम हिंदी है।’

इस सेल में तीन चरणों की समितियां होंगी जो राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर समन्वय का काम करेंगी। निश्चित ही टीएमसी इन कोशिशों से हिंदी भाषी मतदातों में अपनी सरकार की नीतियों के बेहतर प्रचार में सफल होगी।

पिछले कल हिंदी दिवस पर ममता ने जनता को बधाई देते हुए कहा था कि उनकी सरकार सभी भाषाओं का सम्मान करती है और उसमें भाषायी आधार पर पूर्वाग्रह नहीं रखती है। ममता ने कहा – ‘हम सभी भाषाओं का सम्मान करते हैं। हमने एक नई हिंदी अकादमी स्थापित करने का निर्णय किया है। हमने एक दलित साहित्य अकादमी भी स्थापित करने का निर्णय किया है। दलितों की भाषा का बंगाली भाषा पर प्रभाव है।’

बता दें ममता के नेतृत्व में टीएमसी पिछले विधानसभा चुनावों में लगातार जीत हासिल करती रही है। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने बहुत कोशिश की थी कि वो टीएमसी को पछाड़ कर बंगाल में ज्यादा सीटें हासिल कर सके, लेकिन उसे जनता का इस लायक  समर्थन नहीं मिल पाया था, भले तब भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बंगाल में बहुत सघन प्रचार अभियान चलाया था। अभी भी ममता की ज़मीन को छूने की कोशिश में भाजपा सफल नहीं हो पाई है, जबकि सूबे में वामपंथी दल और कांग्रेस उतने प्रभावशाली नहीं रहे हैं।

कंगना, रवि किशन पर बिना नाम लिए जया बच्चन का राज्यसभा में बड़ा हमला – ‘जिस थाली में खाते हैं, उसी में छेद करते हैं’

बॉलीवुड में ड्रग्स के इस्तेमाल का मामला मंगलवार को राज्य सभा में गूँज गया। दिग्गज फिल्म अभिनेत्री और समाजवादी पार्टी की सदस्य जया बच्चन ने मंगलवार को बिना नाम लिए राज्य सभा में भाजपा सांसद रवि किशन और अभिनेत्री कंगना रनौत पर निशाना साधा। जया ने कहा – ‘कुछ लोगों की वजह से, आप पूरी इंडस्ट्री की छवि खराब नहीं कर सकते। कुछ लोग जिस थाली में खाते हैं उसी में छेद करते हैं।’ बता दें रवि किशन ने सोमवार को लोकसभा में कहा था कि ड्रग्स की लत का शिकार बॉलीवुड भी है और एनसीबी बहुत अच्छा काम कर रहा है।

जया बच्चन ने मंगलवार को एक्टर से सांसद बने रवि किशन के सोमवार को संसद में दिए बयान पर निशाना साधा। जया ने कहा – ‘सोशल मीडिया पर फिल्म इंडस्ट्री को बदनाम किया जा रहा है। कुछ लोगों की वजह से, आप पूरी इंडस्ट्री की छवि खराब नहीं कर सकते हैं। मुझे कल बहुत बुरा लगा जब लोकसभा के एक सदस्य (रवि किशन), जो खुद इंडस्ट्री से ताल्लुक रखते हैं, मैं उनका नाम नहीं लूंगी, ने फिल्म इंडस्ट्री के बारे में खराब बोला। जिस थाली में खाते हैं उसी में छेद करते हैं।’

बता दें सोमवार को गोरखपुर से भाजपा सदस्य रवि किशन ने कहा था कि ड्रग्स की लत शिकार बॉलीवुड भी है। ड्रग्स की तस्करी और युवाओं का इसका सेवन करना हमारे देश के सामने नई चुनौती बनकर सामने आया है। युवाओं को भटकाने के लिए चीन और पाकिस्तान साजिश के तहत पंजाब और नेपाल के जरिए यह ड्रग्स पूरे देश में फैलाता है। मैं केंद्र सरकार से अनुरोध करुंगा कि दोषियों को जल्द से जल्द पकड़कर सख्त सजा दी जाए ताकि पड़ोसी देशों की साजिश का अंत हो सके।’

यहां यह बताना जरूरी है कि युवा एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध हालात में मौत के बाद शुरू हुई जांच में ड्रग्स की जानकारियां भी सामने आई हैं जिसकी जांच एनसीबी कर रहा है। यह जांच फिलहाल बॉलीवुड के लोगों के इर्द गिर्द चल रही है।

राज्‍यसभा में जया बच्‍चन ने कंगना रनौत का भी नाम लिए बिना उनपर निशाना साधा है। जया ने कहा – ‘जिन लोगों ने फिल्‍म इंडस्‍ट्री से नाम कमाया, वे इसे गटर बता रहे हैं। मैं इससे बिल्‍कुल सहमत नहीं हूं। सरकार से अपील है कि वो ऐसे लोगों से कहे कि इस तरह की भाषा का इस्‍तेमाल न करें। मनोरंजन इंडस्‍ट्री हर दिन 5 लाख लोगों को सीधे तौर पर रोजगार देती है। ऐसे वक्‍त में जब अर्थव्‍यवस्‍था बेहद बुरी हालत में है, लोगों का ध्‍यान हटाने के लिए हमें (बॉलीवुड को) सोशल मीडिया पर निशाना बनाया जा रहा है।’

बता दें कंगना रणौत ने 26 अगस्‍त को एक ट्वीट में पीएमओ को टैग करते हुए अहा -था  ‘अगर नार्कोटिक्‍स कंट्रोल ब्‍यूरो बॉलिवुड की जांच करता है तो पहलीं पंक्ति के कई सितारे सलाखों के पीछे होंगे। अगर ब्‍लड टेस्‍ट हुए तो कई चौंकाने वाली बातें सामने आएंगे। उम्‍मीद है कि प्रधानमंत्री जी स्‍वच्‍छ भारत मिशन के तहत बॉलीवुड  जैसे गटर को साफ करेंगे।’

जया ने, हालांकि, आज राज्‍यसभा में कहा कि मनोरंजन इंडस्‍ट्री में कई ऐसे लोग हैं जो सबसे ज्‍यादा टैक्‍स भरते हैं। इसके बावजूद उन्‍हें प्रताड़‍ित किया जा रहा है। हमारी इंडस्‍ट्री से कई वादे किए जाते हैं लेकिन पूरे नहीं होते। सरकार को मनोरंजन इंडस्‍ट्री के साथ खड़े होना चाहिए क्‍योंकि यह इंडस्‍ट्री हर बार सरकार की मदद के लिए आगे आती है। एसपी सांसद ने कहा क‍ि उन्हें लगता है कि यह बेहद अहम है कि सरकार इस इंडस्‍ट्री का साथ दे, सिर्फ इसलिए उसकी हत्‍या नहीं करे क्‍योंकि कुछ लोग (बुरे) हैं। आप पूरी इंडस्‍ट्री की इमेज खराब नहीं कर सकते। यह इंडस्‍ट्री अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर आपको सम्‍मान दिलाती है।

समलैंगिक विवाह को हमारे कानून, समाज व मूल्यों में मान्यता नहीं: केंद्र

केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि समलैंगिक जोड़े के विवाह को अनुमति नहीं है। इसकी इजाजत न तो हमारे कानून में हैं और न ही समाज और मूल्यों में इसको मान्यता दी गई है। हाईकोर्ट हिंदू मैरिज एक्ट और स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है।

दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस प्रतीक जालान की पीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, समलैंगिक विवाह को दो कारणों से मान्यता की अनुमति नहीं दी जा सकती है। पहला याचिका में अदालत को कानून बनाने को कहा गया है। दूसरा किसी भी तरह की राहत विभिन्न सांविधानिक प्रावधानों के विपरीत मानी जाएगी। पीठ ने मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि इस तरह के मामलों को लेकर लोग स्वयं सामने नहीं आते, बल्कि जनहित याचिका का सहारा लेते हैं।

कैसे होगा पति-पत्नी का निर्धारण

अदालत में तर्क दिया गया कि जब तक कि अदालत विभिन्न कानूनों का उल्लंघन न करे, तक ऐसा करना संभव नहीं होगा तुषार मेहता ने यह भी कहा कि हिन्दू विवाह अधिनियम में भी विवाह से जुड़े विभिन्न प्रावधान संबंधों के बारे में पति-पत्नी की बात करते हैं, समलैंगिक विवाह में यह कैसे निर्धारित होगा कि पति कौन है और पत्नी कौन? पीठ ने यह माना कि दुनिया भर में चीजे बदल रही हैं, लेकिन यह भारत के परिदृश्य में लागू हो भी सकता है और नहीं भी। अदालत ने कहा कि जो लोग इससे प्रभावित होने का दावा करते हैं, वे पढ़े-लिखे हैं और खुद अदालत तक आ सकते हैं।

कैसे हो पढ़ाई, केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 18 हजार से ज्यादा पद खाली

देशभर के 42 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में कुल 18,647 पद रिक्त हैं। इनमें से शिक्षकों के 6,210 और शिक्षा स्तर के 12,437 कर्मचारियों के पद शामिल हैं। इतना ही नहीं, तीन केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालयों में भी 168 पद खाली पड़े हैं।

केंद्रीय शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने सोमवार को संसद में इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एक सितंबर तक इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) में भी 196 शिक्षकों और 1090 गैर शिक्षकों के पद खाली हैं।

यूजीसी नेट टाला गया, अब 24 से परीक्षा

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए ने राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) टाल दिया है। नेट की तिथियां भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की परीक्षा से टकराने के चलते यह फैसला किया गया है। अब यूजीसी-नेट 24 सितंबर से आयोजित होगा। पहले यह परीक्षा 16 से 25 सितंबर तक तय थी। कृषि अनुसंधान परिषद की परीक्षा 16 से 23 सितंबर तक आयोजित की जानी हैं।

संसद के 25 सदस्य मिले कोविड-19 टेस्ट में पॉजिटिव, इनमें सबसे ज्यादा भाजपा के सदस्य

संसद का मॉनसून सत्र भले सोमवार को शुरू हो गया, कोविड-19 का असर संसद के सदस्यों पर भी दिख रहा है। पिछले दो दिन में सांसदों के कोविड-19 के लिए टेस्ट किये गए थे। अब इनकी जो रिपोर्ट आई है उसके मुताबिक दोनों सदनों के 25 सदस्य कोविड-19 पॉजिटिव हैं। इनमें अकेले लोकसभा के 17 सदस्य हैं, जिनमें भाजपा के ही 12 सदस्य पॉजिटिव मिले हैं।

सत्र शुरू होने से पहले सांसदों का 13-14 सितंबर को संसद भवन में कोविड-19 का टेस्ट करवाया गया था। को सदस्य पॉ‍जिटिव पाए गए हैं उनमें से 17 लोकसभा के जबकि 8 राज्‍यसभा के सदस्य हैं। लोकसभा के  कोरोना संक्रमित सांसदों में अकेले भाजपा के ही 12 दास्य हैं। उनके अलावा वाईएसआर कांग्रेस के दो, शिवसेना, डीएमके और आरएलपी का एक-एक सांसद शामिल है।

वैसे संसद परिसर में 12 सितंबर को जो कुल टेस्ट हुए हैं उनमें आरटी-पीसीआर टेस्ट में 56 लोग पॉ‍जिटिव मिले हैं जिनमें सांसदों के अलावा अधिकारी-कर्मचारी और पत्रकार शामिल हैं। भाजपा की सांसद मीनाक्षी लेखी, जो टेस्ट में पॉजिटिव मिली हैं, ने एक ट्वीट कर कहा – ‘टेस्‍ट में मुझे कोरोना संक्रमित पाया गया है। मैं हाल में संपर्क में आए सभी लोगों से टेस्‍ट कराने की अपील करती हूं। हम कोरोना से लड़ेंगे और जीतेंगे।’

बता दें, संसद के मॉनसून सत्र से पहले यह फैसला किया गया था कि सभी संसद सदस्यों, कर्मचारियों का कोविड-19 टेस्ट जरूरी होगा और निगेटिव आने वालों को ही  परिसर में प्रवेश की अनुमति होगी। उनकी रिपोर्ट 72 घंटे से ज्यादा पहले की नहीं होनी चाहिए, यह फैसला भी हुआ था। कोरोना के ही कारण लोकसभा का सदन सुबह और राज्य सभा का दोपहर बाद चलाने का फैसला हुआ था। वहां सोशल डिस्टेंसिंग का नियम भी अनिवार्य किया गया है।

कोविंद, मोदी, सोनिया, ममता, बोबडे जैसी हस्तियों की जासूसी करवा रहा चीन, मीडिया रिपोर्ट में हुआ खुलासा

चीन की भारत के प्रमुख लोगों की जासूसी करने के खुलासे से देश में हंगामा मच गया है। इस खुलासे के अनुसार चीन ने हाल के समय में भारत के प्रमुख लोगों, जिनमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, गांधी परिवार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, प्रधान न्यायाधीश बोबडे, ममता बनर्जी और गहलोत जैसे मुख्यमंत्री, ब्यूरोक्रेट्स, पत्रकार, बिजनेसमैन आदि शामिल हैं। इस खुलासे के बाद संवेदनशील जानकारियों को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं।

इस जासूसी का भंडाफोड़ अंग्रेजी अखबार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने किया है। एक्सप्रेस ने अपनी लीड स्टोरी में बताया है कि चीनी सरकार और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़ी टेक्नॉलजी कंपनी के जरिए चीन 10 हजार से ज्यादा हस्तियों और संगठनों की जासूसी करवा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक ‘हाइब्रिड वारफेयर’ के नाम से जेनहुआ डेटा इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलजी कंपनी यह काम कर रही है।

सीमा पर चीन के साथ तनाव के बीच यह बड़ी चौंकाने वाली खबर है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन जिन लोगों की जासूसी करवा रहा है उनमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई बड़े नेता, कई राज्यों के मुख्यमंत्री, सांसद, विधायको, खिलाड़ी, पत्रकार और संगठन शामिल हैं।

एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक जासूसी के दायरे में जिन प्रमुख लोगों को रखा गया है उनमें राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूरा गांधी परिवार और उसके सदस्य, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, पंजाब के अमरिंदर सिंह, महाराष्ट्र के उद्धव ठाकरे, ओडिशा के  नवीन पटनायक, एमपी के शिवराज सिंह चौहान, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत, सेना के कम से कम 15 पूर्व प्रमुख, कई केंद्रीय मंत्री, प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, सीएजी जीसी मूर्मू, स्टार्टअप टेक उद्यमी जैसे भारत पे के संस्थापक निपुण मेहरा, ऑथब्रिज के अजय तेहरान, देश के बड़े उद्यमी रतन टाटा और गौतम अडाणी और कई पत्रकार भी शामिल हैं।

इसके अलावा चीन देश के कई अहम क्षेत्रों की हस्तियों और संस्थाओं, अहम पदों पर बैठे नौकरशाह, जज, वैज्ञानिक, विद्वान, पत्रकार, अभिनेता, खिलाड़ी, धार्मिक हस्ती, कार्यकर्ता की भी जासूसी करवा रहा है। यहाँ तक कि आर्थिक अपराध, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, ड्रग्स तस्करी, सोना, हथियार या वन्यजीव तस्करी के सैकड़ों आरोपियों का भी पूरा डेटाबेस चीन ने जुटाया है। इस बीच जेनहुआ ने चाइनीज इंटेलिजेंस, सेना और सिक्यॉरिटी एजेंसियों के साथ काम करने की बात कबूली है।

एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक उसने बिग डेटा टूल्स के जरिए दो महीने से अधिक समय तक जेनहुआ ऑपरेशंस के मेटा डेटा की जांच की और विशाल लॉग फाइल्स से जासूसी की जद में आए भारतीयों के नाम हासिल किए। कंपनी इसे ओवरसीज की इन्फॉर्मेशन डेटाबेस नाम दिया है। इसमें अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, यूनाइटेड अरब अमीरात का डेटा भी है।

अखबार के मुताबिक इसे शोधकर्ताओं के एक नेटवर्क के जरिए कंपनी से जुड़े एक सूत्र से हासिल किया गया, जोकि दक्षिण-पूर्व चीन के गुआनदोंग प्रांत में है। जोखिम और खतरे की वजह से सूत्र ने नाम गोपनीय रखने को कहा है। सूत्र ने वियतनाम के एक प्रफेसर के जरिए ऑस्ट्रेलिया, इटली, और लंदन के अखबारों को भी जानकारी मुहैया कराई है। चीन का मकसद इस जासूसी के जरिये हाइब्रिड वॉर के लिए डाटा जुटाना है। इसके जरिए वह असैन्य तरीकों से अपना प्रभुत्व जमाना चाहता है और दूसरे देशों को नुकसान पहुंचाना चाहता है। कंपनी ने खुद इसे ‘इन्फॉर्मेशन पलूशन, परसेप्शन मैनेजमेंट एंड प्रोपेगैंडा’ नाम दिया है। अखबार ने रिपोर्ट में कहा है कि जब उसने पहली सितंबर को मेल पर कई सवाल पूछे, तो उनका जवाब तो नहीं दिया गया,   बल्कि 9 सितंबर को उसने वेबसाइट ही बंद कर दी। कंपनी अप्रैल 2018 में पंजीकृत हुई थी और उसके अलग-अलग देशों और क्षेत्रों में 20 प्रोसेसिंग सेंटर हैं। उसने चीनी सरकार और सेना को भी अपना ग्राहक बताया है।

योशिहिडे सुगा होंगे जापान के नए पीएम, आबे की जगह लेंगे

किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले योशिहिडे सुगा (71) जापान के नए प्रधानमंत्री चुने गए हैं। अभी तक मुख्य केबिनेट सचिव सुगा को आंतरिक वोट के चुनाव में 534 में 377 वोट हासिल हुए। उन्होंने अपने प्रतिद्वंदियों पूर्व रक्षा मंत्री शिगेरु इशिबा और पूर्व विदेश मंत्री फुमियो किशिदा को चुनाव में पीछे छोड़ा।

इसके साथ ही सुगा जापान की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के नेता चुने गए हैं। इससे उनके देश का अगला प्रधानमंत्री बनने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। सुगा को प्रधानमंत्री शिंजो आबे का उत्तराधिकारी चुना गया है, जिन्होंने स्वास्थ्य कारणों से अपना पद छोड़ने की इच्छा जाहिर की थी।

आंतरिक वोट के चुनाव में सुगा के प्रतिद्वंदियों में से एक किशिदा को 89 वोट हासिल हुए। एक समय ऐसा था जब उन्हें आबे का उत्तराधिकारी माना जाता था और वे पार्टी में भी लोकप्रिय थे। दूसरे प्रतिद्वंदी इशिबा को महज 68 वोट ही मिले। इशिबा जापान के लोगों में खासे लोकप्रिय हैं, हालांकि, उनकी एलडीपी के सदस्यों पर कमजोर पकड़ रही है। यही कारण रहा कि वे तीसरे नंबर पर खिसक गए।

जापान के सदन में लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के बहुमत को देखते हुए यह साफ़ है कि वे बुधवार को संसदीय वोट जीत जायेंगे और प्रधानमंत्री का पद संभालेंगे। सुगा की छवि एक शक्तिशाली सरकारी सलाहकार और प्रवक्ता की है। सुगा को आबे का कट्टर समर्थक और आबे की नीतियों को और ताकत देने वाला नेता माना जाता है। आबे देश में स्थिरता लाने के प्रयासों के संवाहक रहे हैं और सुगा उनकी इसी लाइन पर चलते रहे हैं।

सुगा ने हाल में कहा था कि उनकी उम्मीदवारी प्रधानमंत्री आबे के कार्यक्रमों को जारी रखने की इच्छा से प्रेरित थी। सुगा एक किसान के बेटे हैं और उनका पालन-पोषण जापान के उत्तरी क्षेत्र अकिता में हुआ है। सुगा जापान के ग्रामीण क्षेत्रों में जनसंख्या के ह्रास के प्रति हमेशा चिंता जताते रहे हैं। इससे संकेत मिलता है कि पीएम बनने के बाद वे इसपर काम कर सकते हैं।

हालांकि, सुगा ऐसे समय में पीएम बनेंगे जब देश और दुनिया में कोरोना का जबरदस्त दुष्प्रभाव पड़ा है और इससे अर्थव्यवस्था भी बुरी तरह प्राभवित हुई है। जापान को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था माना जाता है, लिहाजा सुगा को इसे बनाये रखने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।

दिल्ली दंगों के आरोप में विशेष सेल ने उमर खालिद को गिरफ्तार किया

दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने दिल्ली दंगों की साज़िश के आरोपों के मामले में जेनएयू के पूर्व छात्र और ‘यूनाइटेड अगेंस्ट हेट’ नामक संस्था के सदस्य उमर ख़ालिद को रात 12 बजे गिरफ्तार कर लिया। खालिद का नाम दिल्ली दंगों की कई चार्जशीट में है।

जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आने के पहले खालिद के भाषण और दिल्ली में आरोपियों के साथ हुई बातचीत के कॉल रेकॉर्ड, आरोपियों के साथ बैठकें, और आरोपियों के बयानों के आधार पर उसे साज़िशकर्ता बताते हुए गिरफ्तार किया है। अब कथित साज़िश को लेकर स्पेशल सेल 17 सितंबर को चार्जशीट पेश करेगी जिसमें खालिद की भूमिका के बारे में बताया गया है। उसकी गिरफ्तारी यूएपीए के मामले में हुई है।

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जाफराबाद में हुई हिंसा के मामले में एफआईआर में देवांगना कलिता, नताशा नरवाल, गुलफिशा फातिमा के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की है जिसमें इन लोगों को आरोपी बनाया गया है। इन लोगों ने अपने बयान में प्रो अपूर्वानंद ,योगेंद्र यादव ,सीताराम येचुरी, फिल्मकार राहुल रॉय, इकोनॉमिस्ट जयती घोष, विधायक मतीन अहमद, अमानतुल्लाह खान, उमर खालिद का नाम लिया था।

दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में उन्हें आरोपी तो नहीं बनाया है लेकिन उनकी भूमिका की जांच कर रही है। हालांकि, यहां यह भी बहुत दिलचस्प बात है कि जिन लोगों के सीआरपीसी 161 में बयान दर्ज किए गए हैं, उनके हस्ताक्षर उनके ब्यान के नीचे नहीं हैं। वैसे स्पेशल सेल ने दंगों की साजिश को लेकर अब तक कोई चार्जशीट दायर नहीं की है। दिल्ली पुलिस ने शनिवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स का खंडन किया जिनमें येचुरी, योगेंद्र यादव आदि कार्यकर्ताओं के खिलाफ दिल्ली दंगों के मामले में सप्लिमेंट्री चार्जशीट दाखिल किए जाने की बात कही गई थी।

इस बीच ‘यूनाइटेड अगेंस्ट हेट’, ने उमर खालिद की गिरफ्तारी पर एक बयान में कहा – ‘ग्यारह घंटे की पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उमर खालिद को दिल्ली दंगा मामले में साजिशकर्ता के रूप में गिरफ्तार किया है। दिल्ली पुलिस दंगों की जांच की आड़ में विरोध प्रदर्शन को अपराध की श्रेणी में घसीट रही है। सीएए और यूएपीए के खिलाफ लड़ाई भयभीत करने की इन सभी कोशिशों के बावजूद जारी रहेगी।’