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बीसीसीआई सचिव जय शाह चुने गए ICC के नए चेयरमैन

नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव जय शाह को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। जय शाह इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) के नए चेयरमैन बन गए हैं। जय शाह अब अब ग्रेग बार्कले की जगह लेंगे।

आईसीसी ने बताया कि शाह को निर्विरोध चेयरमैन चुना गया है। वह 1 दिसंबर को आईसीसी चेयरमैन का पद संभालेंगे। वह फिलहाल भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के सचिव हैं। अब बीसीसीआई को सचिव पद पर नई पोस्टिंग करनी होगी।

आईसीसी के मौजूदा चेयरमैन ग्रेग बार्कले का कार्यकाल 30 नवंबर को खत्म हो रहा है। वह लगातार दूसरी बार इस पद पर रहे हैं। मगर उन्होंने हाल ही में तीसरे कार्यकाल की दौड़ से खुद को अलग कर लिया है। ऐसे में खेल की वैश्विक संचालन संस्था आईसीसी में जय शाह के भविष्य की दावेदारी काफी मजबूत मानी जा रही थी। आईसीसी चेयरमैन दो-दो साल के तीन कार्यकाल के लिए पात्र होता है और न्यूजीलैंड के वकील ग्रेग बार्कले ने अब तक 4 साल पूरे कर लिए हैं।

आईसीसी चेयरमैन के लिए ये हैं नियम
आईसीसी के नियमों के अनुसार चेयरमैन के चुनाव में 16 वोट होते हैं और अब विजेता के लिए 9 मत का साधारण बहुमत (51%) आवश्यक है। इससे पहले चेयरमैन बनने के लिए निवर्तमान के पास दो-तिहाई बहुमत होना आवश्यक था। आईसीसी ने हाल ही में कहा था, ‘मौजूदा निदेशकों को अब 27 अगस्त 2024 तक अगले अध्यक्ष के लिए नामांकन प्रस्तुत करना होगा और यदि एक से अधिक उम्मीदवार हैं तो चुनाव होगा और नए चेयरमैन का कार्यकाल एक दिसंबर 2024 से शुरू होगा।’

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख गुटेरेस ने पाकिस्तान में आतंकी हमलों की निंदा की

संयुक्त राष्ट्र  : पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में सोमवार को हुए आतंकी हमलों में 70 से अधिक लोग मारे गए हैं। इस घटना की संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कड़ी निंदा की है।संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में 26 अगस्त को हुए आतंकी हमलों की निंदा की है।समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि महासचिव ने इस बात पर जोर दिया है कि बेकसूर नागरिकों पर हमला स्वीकार नहीं किया जा सकता।दुजारिक ने कहा, “संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने पीड़ितों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और पाकिस्तान सरकार से इस मामले में जांच करने का आह्वान किया।

उन्होंने पाकिस्तान सरकार से यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि इस घटना में शामिल लोगों की जवाबदेही तय हो।स्थानीय मीडिया ने सेना और पुलिस अधिकारियों के हवाले से बताया कि दक्षिणपश्चिमी पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में हुए आतंकवादी हमलों में 70 से अधिक लोग मारे गए हैं।अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की सेना ने कहा कि लासबेला जिले के एक शहर बेला में एक प्रमुख राजमार्ग पर वाहनों को निशाना बनाकर किए गए एक बड़े हमले में 14 सैनिक और पुलिस के साथसाथ 21 आतंकवादी मारे गए।स्थानीय अधिकारियों ने कहा, “मुसाखेल जिले में हमलावरों ने कथित तौर पर उनके काफिले को रोका और इसके बाद उनकी आईडी की जांच की। इस दौरान उन्होंने 35 वाहनों को आग लगा दी और पंजाब से ताल्लुक रखने वाले 23 नागरिकों को मार दिया।रेलवे अधिकारी मुहम्मद काशिफ ने बताया कि सोमवार को बोलन शहर में एक रेल पुल पर विस्फोट के बाद क्वेटा रेल यातायात निलंबित कर दिया गया। यह रेल मार्ग क्वेटा को पाकिस्तान के बाकी हिस्सों से जोड़ता है। साथ ही पड़ोसी ईरान के साथ रेल लिंक भी है। रेलवे पुल पर हमले वाली जगह के पास अब तक पुलिस को छह अज्ञात शव मिले हैं।वहीं, पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने कहा कि मारे गए लोग निर्दोष नागरिक थे। घायलों को डेरा गाजी खान के एक अस्पताल में ले जाया गया, जो वहां का सबसे नजदीकी अस्पताल है।इस बीच राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने इन हमलों को बर्बर बताया और कहा कि हमलावर बच नहीं पाएंगे।

  

महिलाओं और युवाओं को सम्मान देने में सर्वोपरि रही प्रधानमंत्री जन धन योजना :पीएम मोदी

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री जनधन योजना के शुभारंभ के 10 साल पूरे हो गए हैं। पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री जनधन योजना की 10वीं वर्षगांठ पूरे होने पर खुशी जाहिर की। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट शेयर किया और लाभार्थियों को बधाई दी।

पीएम मोदी ने पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, “आज हम एक महत्वपूर्ण अवसर मना रहे हैं। जनधन योजना के 10 साल पूरे हुए। सभी लाभार्थियों को बधाई और इस योजना को सफल बनाने के लिए काम करने वाले सभी लोगों को बधाई। जन धन योजना वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने और करोड़ों लोगों, विशेषकर महिलाओं, युवाओं और हाशिए पर पड़े समुदायों को सम्मान देने में सर्वोपरि रही है।”

इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को प्रधानमंत्री जनधन योजना के बारे में जानकारी दी थी। उन्होंने बताया था कि पिछले 10 वर्षों में गरीबों के लिए 53.13 करोड़ जन धन खाते खोले गए हैं। इनमें 2.3 लाख करोड़ रुपये जमा हैं।

सीतारमण ने कहा, “हमारा लक्ष्य चालू वित्त वर्ष के दौरान तीन करोड़ से अधिक पीएमजेडीवाई खाते खोलना है।”

उन्होंने कहा कि पीएमजेडीवाई दुनिया की सबसे बड़ी वित्तीय समावेशन पहलों में से एक है। मार्च 2015 में प्रति खाते में औसत बैंक बैलेंस 1,065 रुपये था, जो अब बढ़कर 4,352 रुपये हो गया है। करीब 80 फीसदी खाते सक्रिय हैं। ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में 66.6 फीसदी जनधन खाते खोले गए हैं, इनमें से 29.56 करोड़ (55.6 फीसद) महिला खाताधारकों के हैं।

केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) के 10 साल पूरे हो गए हैं। सरकार ने 28 अगस्त 2014 को इस योजना की शुरुआत की थी। जनधन योजना के जरिए सरकार देश के गरीब, वंचित तबके को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ने में कामयाब रही है। इसके साथ साथ ही डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर यानी डीबीटी के माध्यम से सोशल सिक्योरिटी स्कीम्स का भी फायदा सीधे लाभर्थियों तक इसके जरिए पहुंचाया जा रहा है।

कंगना के किसान आंदोलन में रेप वाले बयान से बीजेपी ने काटी कन्नी, दी ये चेतावनी

नई दिल्ली : भाजपा ने किसान आंदोलन को लेकर हिमाचल प्रदेश की मंडी से पार्टी की लोकसभा सांसद कंगना रनौत के बयान से किनारा करते हुए उन्हें कड़ी फटकार भी लगाई है।

भाजपा ने बॉलीवुड अभिनेत्री के बयान को लेकर सोमवार को स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि पार्टी कंगना रनौत के बयान से “असहमति व्यक्त करती है”। पार्टी ने नीतिगत विषयों पर उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी है और न ही वह इसके लिए अधिकृत हैं। भाजपा ने इसके साथ ही कंगना रनौत को कड़ी चेतावनी देते हुए भविष्य में इस तरह का कोई भी बयान न देने की नसीहत भी दी।

पार्टी आलाकमान के निर्देश पर भाजपा के केंद्रीय मीडिया विभाग ने कंगना रनौत के विवादास्पद बयान पर पार्टी का आधिकारिक स्टैंड जारी करते हुए कहा, “भाजपा सांसद कंगना रनौत द्वारा किसान आंदोलन के परिप्रेक्ष्य में दिया गया बयान, पार्टी का मत नहीं है। भारतीय जनता पार्टी कंगना रनौत के बयान से असहमति व्यक्त करती है। पार्टी की ओर से, पार्टी के नीतिगत विषयों पर बोलने के लिए कंगना रनौत को न तो अनुमति है और न ही वे बयान देने के लिए अधिकृत हैं।” बयान में आगे कहा गया है कि पार्टी की ओर से “कंगना रनौत को निर्देशित किया गया है कि वह इस प्रकार के कोई बयान भविष्य में न दें। भारतीय जनता पार्टी ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ तथा सामाजिक समरसता के सिद्धांतों पर चलने के लिए कृतसंकल्प है।”

बता दें कि कंगना ने एक निजी समाचार पत्र के साथ बातचीत करते हुए कहा था कि किसान आंदोलन के दौरान रेप और हत्याएं हुई। कंगना ने कहा कि अगर सरकार कमजोर होती तो पंजाब भी बांग्लादेश बन जाता।

बांग्लादेश में आई बाढ़ से  23 लोगों की मौत, करीब 60 लाख लोग प्रभावित

ढाका :  बांग्लादेश के कई हिस्सों में आई बाढ़ से 23 लोगों की मौत हो गई है। इस भयानक आपदा में लगभग 60 लाख लोग प्रभावित हुए हैं और लाखों परिवार विस्थापित हो गए। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, आपदा प्रबंधन एवं राहत मंत्रालय के तहत देश के राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया समन्वय केंद्र (एनडीआरसीसी) की दैनिक आपदा स्थिति रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार दोपहर तक देश के कुल 64 जिलों में से 11 में बाढ़ के कारण 57,01,204 लोग प्रभावित हुए। बांग्लादेश की मंत्रालय की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में बाढ़ से 23 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 11 जिलों में 12,38,048 परिवार फंसे हुए हैं। दो लोग लापता भी बताए गए हैं।

टीवी रिपोर्ट्स से पता चला है कि बांग्लादेश के कई हिस्सों में पिछले हफ़्ते से ही मुख्य नदियों के उफान पर होने के कारण जमीन के बड़े हिस्से पानी में डूबे हुए हैं। बाढ़ ने कथित तौर पर देश के बड़े हिस्से में बस्तियों, फसलों, सड़कों और राजमार्गों को भी व्यापक नुकसान पहुंचाया है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने रविवार को अधिकारियों को बाढ़ से निपटने और लोगों को बचाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकार बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने, आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने और बाढ़ पीड़ितों को हर संभव मदद देने के लिए कड़े प्रयास कर रही है।

बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए अधिकारियों द्वारा बचाव अभियान चलाया जा रहा है। बाढ़ प्रभावित शरणार्थियों को राहत सामग्री वितरित करने और उन केंद्रों की निगरानी के लिए आपदा प्रतिक्रिया बल की टीमें भेजी गई हैं। बता दें कि बांग्लादेश में चीनी दूतावास ने रविवार को बाढ़ से होने वाली समस्याओं से निपटने के लिए सबसे अधिक प्रभावित फेनी क्षेत्र में भोजन, पेयजल और आवश्यक सुरक्षा सामग्री उपलब्ध कराई। इसके अलावा चीन की रेड क्रॉस सोसाइटी ने आपातकालीन मानवीय सहायता के लिए बांग्लादेश रेड क्रिसेंट सोसाइटी को 100,000 डॉलर का दान दिया। साथ ही यहां चीनी दूतावास ने मुख्य सलाहकार राहत और कल्याण कोष में 20,000 डॉलर दान करने की घोषणा की।

उत्तर रेलवे ने एकीकृत पेंशन योजना की घोषणा की, 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को मिलेगा लाभ

नई दिल्ली : उत्तर रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय ने आज एकीकृत पेंशन योजना (UPS) की मुख्य विशेषताओं की घोषणा की है। यह योजना 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी और इसका उद्देश्य लगभग 23 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को लाभ पहुंचाना है।

मुख्य विशेषताएँ
– सुनिश्चित पेंशन: 25 वर्ष की न्यूनतम सेवा के लिए पेंशन की राशि सेवानिवृत्ति से पहले के पिछले 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50% होगी। कम से कम 10 वर्ष की सेवा करने पर पेंशन की राशि आनुपातिक होगी।

– सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन: न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा के बाद सेवानिवृत्ति पर 10,000 रुपये प्रति माह की पेंशन सुनिश्चित की जाएगी।

– सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन: कर्मचारी की मृत्यु के बाद उनकी पेंशन का 60% पारिवारिक पेंशन के रूप में मिलेगा।

– मुद्रास्फीति सूचकांक: सुनिश्चित पेंशन, पारिवारिक पेंशन, और न्यूनतम पेंशन पर महंगाई राहत प्रदान की जाएगी, जैसा कि सेवारत कर्मचारियों के लिए है।

– ग्रेच्युटी के अलावा भुगतान: सेवानिवृत्ति पर, मासिक पारिश्रमिक (वेतन + डीए) का 1/10वां हिस्सा सेवा के प्रत्येक पूर्ण छह महीने के लिए एकमुश्त भुगतान के रूप में मिलेगा।

अन्य विशेषताएँ

– UPS का लाभ एनपीएस के पिछले सेवानिवृत्त लोगों पर भी लागू होगा। पिछली अवधि के लिए बकाया राशि का भुगतान पीपीएफ दरों पर ब्याज के साथ किया जाएगा।

– यह योजना मौजूदा और भावी कर्मचारियों के लिए एक विकल्प के रूप में उपलब्ध होगी। एक बार चुने जाने के बाद, विकल्प अंतिम होगा।

– कर्मचारियों का अंशदान नहीं बढ़ेगा। UPS लागू करने के लिए सरकार अतिरिक्त योगदान देगी और सरकार का योगदान 14% से बढ़ाकर 18.5% कर दिया गया है।

– UPS का कार्यान्वयन केंद्र सरकार द्वारा किया जाएगा और राज्य सरकारों द्वारा भी इसे अपनाने के लिए समान संरचना तैयार की गई है। यदि राज्य सरकारें इसे अपनाती हैं, तो इससे 90 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों को लाभ हो सकता है जो वर्तमान में एनपीएस पर हैं।

उत्तर रेलवे की यह नई योजना सरकारी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है, जिससे उनकी सेवानिवृत्ति के बाद की वित्तीय सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके।

शिया तीर्थयात्रियों की बस ईरान में दुर्घटनाग्रस्त,35 लोगों की मौत;23 की हालत गंभीर

तेहरान : पाकिस्तान से इराक जा रहे शिया तीर्थयात्रियों की एक बस दुर्घटनाग्रस्त होने से बड़ा हादसा हो गया है। दरअसल, शिया तीर्थयात्रियों से भरी बस सेंट्रल ईरान में दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें 35 लोगों की मौत हो गई है। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।

एजेंसी के मुताबिक, स्थानीय आपातकालीन अधिकारी मोहम्मद अली मालेकज़ादेह ने बताया कि यह दुर्घटना मंगलवार रात को ईरान के यज़्द प्रांत में हुई। अली मालेकज़ादेह ने बताया कि इस दुर्घटना में 23 अन्य लोग भी घायल हुए हैं, जिनमें से 14 की हालत गंभीर है। सभी तीर्थयात्री अरबईन की याद में इराक जा रहे थे, जो 7वीं शताब्दी में एक शिया संत की मृत्यु के 40वें दिन मनाया जाता है।

उत्तर भारत के कई शहरों में ‘भारत बंद’ का अच्छा खासा असर

नई दिल्ली  : एससी, एसटी आरक्षण में उच्चतम न्यायालय द्वारा क्रीमी लेयर और उपवर्गीकरण करने के फैसले के विरोध में अनुसूचित जाति और जनजाति मोर्चा व भीम आर्मी द्वारा बुलाए गए भारत बंद का पूरे देश में मिला-जुला असर देखने को मिल रहा है। इस बंद का समर्थन विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी किया है, जिससे इसका प्रभाव कई शहरों में स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है।

बिहार के जहानाबाद में इसका असर सुबह से ही दिखाई देने लगा। यहां के प्रमुख मार्गों, विशेषकर पटना-गया राष्ट्रीय मार्ग के ऊंटा मोड़ के पास बड़ी संख्या में बंद समर्थकों ने सड़क को जाम कर दिया। इस जाम की वजह से वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं, जिससे आने-जाने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। भारत बंद समर्थकों ने सरकार से मांग की है कि उच्चतम न्यायालय के फैसले को एक अध्यादेश के माध्यम से रद्द किया जाए।

छत्तीसगढ़ के कवर्धा में भारत बंद का असर अपेक्षाकृत कम देखा गया। चेंबर ऑफ कॉमर्स ने भारत बंद का समर्थन नहीं किया है, जिसमें छोटे व्यापारी और अन्य व्यावसायिक संगठन शामिल हैं। चेंबर ने बताया कि व्यापारिक संगठनों की बिना पूर्व सूचना के समर्थन न देने की परंपरा है, जिसके कारण कवर्धा में भारत बंद का प्रभाव सीमित रहा।

रायपुर में बंद की वजह से कई स्कूलों में छुट्टियां दे दी गई हैं।

इसके अलावा झारखंड के चाईबासा में भारत बंद का व्यापक असर देखने को मिला है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के समर्थन के साथ अनुसूचित जाति और जनजाति संगठनों ने बाजारों को बंद करा दिया और वाहनों का परिचालन ठप कर दिया। चाईबासा शहर के तांबो चौक पर सड़क को अवरुद्ध कर दिया गया है, और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता ने कहा कि आरक्षण में वर्गीकरण की कोशिशों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

पटना में बंद समर्थकों ने महेंद्रु अंबेडकर हॉस्टल के पास सड़क को जाम कर दिया और आगजनी की। पुलिस प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है और शांति व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश कर रहा है।

अलवर में भी भारत बंद का असर देखा गया है। बाजारों में दुकानें बंद हैं और सड़कें सुनसान नजर आ रही हैं। जिला कलक्टर ने कानून और शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है, जबकि पुलिस प्रशासन लगातार राउंड पर है। हालांकि, जिले में शांति का माहौल बना हुआ है।

दरभंगा में भीम आर्मी और अन्य दलित संगठनों ने बिहार संपर्क क्रांति ट्रेन का चक्का जाम कर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने उच्चतम न्यायालय के फैसले की आलोचना करते हुए इसे अनुसूचित जाति और जनजाति समाज के खिलाफ एक बड़ी साजिश करार दिया और सरकार से मांग की है कि इस फैसले को वापस लिया जाए।

उत्तर प्रदेश के हरदोई में भारत बंद का असर नहीं दिखा। रोजाना की तरह दुकानें खुली रहीं। भारत बंद को लेकर पुलिस हाई अलर्ट पर है। शहर के हर चौराहे पर पुलिस फोर्स तैनात है। अमरोहा में बंद समर्थकों ने हाथों में नीला झंडा और तिरंगा लेकर जोरदार प्रदर्शन किया।

बता दें, उच्चतम न्यायालय में काफी लंबे समय से सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने के लिए एससी, एसटी वर्ग को सब कैटेगरी में रिजर्वेशन दिए जाने की मांग का मामला लंबित था। उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में एक अगस्त को बड़ा फैसला सुनाते हुए अपने ही 2004 के पुराने फैसले को पलट दिया। इसके बाद न्यायालय ने पंजाब अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग अधिनियम, 2006 और तमिलनाडु अरुंथथियार अधिनियम पर अपनी मुहर लगाकर कोटा के अंदर सब कैटेगरी को मंजूरी दे दी।

ज़ेलेंस्की का दावा ,रूस में 92 ठिकानों पर है यूक्रेन का नियंत्रण

राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा है कि यूक्रेनी सेना ने पश्चिमी रूस के कुर्स्क क्षेत्र में 92 बस्तियों पर नियंत्रण कर लिया है।

ज़ेलेंस्की ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर कहा कि यूक्रेनी सैनिकों ने 1,250 वर्ग किलोमीटर से ज़्यादा रूसी क्षेत्र पर कब्ज़ा कर लिया है।

ज़ेलेंस्की ने कहा, “हमारे देश के सुमी क्षेत्र के ठीक सामने रूसी सीमा क्षेत्र को रूस की सेना से लगभग पूरी तरह से मुक्त कर दिया गया है।”

उन्होंने कहा कि यूक्रेनी सेना कुर्स्क क्षेत्र में कई जगहों पर अपना सैन्य अभियान जारी रखे हुए है।

पिछले हफ़्ते, यूक्रेनी राष्ट्रपति के सलाहकार मायखाइलो पोडोल्याक ने कहा था कि रूस के कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेन का अभियान दोनों देशों के बीच संभावित शांति वार्ता से जुड़ा हुआ है।

उन्होंने कहा कि यूक्रेन रूसी क्षेत्रों पर कब्ज़ा करने में दिलचस्पी नहीं रखता।

हालांकि, इसके जवाब में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि रूस की सीमा पर यूक्रेन के हमलों का “उचित जवाब” दिया जाएगा। रूसी सेना का पहला काम कुर्स्क क्षेत्र से यूक्रेनी सेना को हटाना है।

यूक्रेन ने 6 अगस्त को कुर्स्क क्षेत्र में सैन्य अभियान शुरू किया था।

15 अगस्त को यूक्रेनी सशस्त्र बलों के कमांडर-इन-चीफ अलेक्सांद्र सिरस्की ने कहा कि उनकी सेना ने इस क्षेत्र में 82 बस्तियों पर कब्जा कर लिया है।

उधर, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि रूस के सीमावर्ती कुर्स्क क्षेत्र पर हमले के बाद यूक्रेन के साथ बातचीत संभव नहीं है।

स्थानीय मीडिया के साथ एक साक्षात्कार में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा, “राष्ट्रपति ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कुर्स्क क्षेत्र पर हमलों के बाद, बातचीत असंभव है।”

इस बीच, उन्होंने उन आरोपों का खंडन किया कि दोनों देशों ने किसी तीसरे देश से मध्यस्थता के लिए संपर्क किया है, और इसे कोरी अफवाह बताया।

लावरोव ने यह भी संकेत दिया कि स्विट्जरलैंड में यूक्रेन पर सम्मेलन की पूरी प्रक्रिया रूस के लिए अस्वीकार्य है क्योंकि यह ज़ेलेंस्की के फॉर्मूले को बढ़ावा देने के बारे में है।”

आप सांसद संजय सिंह की मुश्किलें बढ़ीं, 23 साल पुराने मामले में कोर्ट ने दिया गिरफ्तारी का आदेश

सुलतानपुर : उत्तर प्रदेश में सुलतानपुर जिले की एक अदालत ने 23 वर्ष पूर्व एक मामले में आम आदमी पार्टी (आप) सांसद संजय सिंह और समाजवादी पार्टी (सपा) प्रवक्ता अनूप संडा को गिरफ्तार कर अदालत में पेश करने का आदेश दिया है। इस मामले में जमानतीय वारंट को कोर्ट ने जारी रखा है। 28 अगस्त को कोर्ट अब मामले की सुनवाई करेगा।

न्यायिक विभाग के सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि करीब 23 वर्ष पूर्व 19 जून 2001 को बिजली-पानी समेत अन्य समस्याओं के विरोध में इन नेताओं ने सड़क पर जाम लगाकर धरना प्रदर्शन किया था, जिस पर कोतवाली नगर में तैनात उपनिरीक्षक अशोक सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने आप सांसद संजय सिंह, पूर्व विधायक अनूप संडा, पूर्व सभासद कमल श्रीवास्तव, वर्तमान नामित सभासद विजय, पूर्व प्रवक्ता कांग्रेस संतोष कुमार, पूर्व नगर अध्यक्ष भाजपा सुभाष चौधरी व प्रेम प्रकाश के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। इस दौरान विचारण प्रेम प्रकाश की मौत हो चुकी है। तत्कालीन विशेष मजिस्ट्रेट एमपी-एमएलए योगेश यादव की कोर्ट ने छह आरोपियों को बीते जनवरी 2023 में भादवि की धारा-143 व 341 में दोषी ठहराते हुए तीन-तीन माह के कारावास व 1500-1500 अर्थदण्ड की सजा सुनाया था।

सभी ने सजा के खिलाफ अपील की, स्पेशल एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट जज एकता वर्मा की अदालत से सभी दोषियों की अपील छह अगस्त को खारिज हो गई। सम्बंधित कोर्ट में बीते 9 अगस्त को सभी को समर्पण था, फिलहाल अभी तक किसी ने भी सरेंडर नहीं किया। जेल जाने से बचने के लिए कोर्ट आदेश के खिलाफ दोषियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। हाईकोर्ट से भी दोषियों को अभी तक गिरफ्तारी व सरेंडर पर कोई राहत नहीं मिल सकी है। हाईकोर्ट में याचिका पेंडिंग है।

एमपी एमएलए की विशेष मजिस्ट्रेट शुभम वर्मा की अदालत ने अनूप संडा को कोई राहत देना जायज नहीं मानते हुए अर्जी खारिज की है। हाईकोर्ट में याचिका पेंडिंग होने को आधार बनाकर कार्यवाही रोकने के लिए अर्जी दी गई थी। कोर्ट ने राहत नहीं देते हुए सभी को गिरफ्तार कर पेश करने के लिए 28 अगस्त की अगली तारीख तय की है।