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लखनऊ बेंच के सामने अपनी बात रखी हाथरस के पीड़ित परिवार ने

हाथरस गैंगरेप और पीड़िता की मौत के बाद आधी रात को उसके अंतिम संस्कार के मामले पर सोमवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच में सुनवाई हुई। दो जजों की बेंच के सामने पीड़िता के परिवार ने अपना पक्ष रखते हुए बयान दर्ज करवाया है। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कोर्ट में कई अधिकारी उपस्थित रहे। अदालत ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया था, जिसमें परिवार और सरकार के पक्ष की जानकारी बताने को कहा गया था।

अभी तक की जानकारी के मुताबिक कोर्ट ने सबसे पहले पीड़ित परिवार की बात सुनी। परिवार ने अपने साथ बीती घटनाओं को लेकर बताया है। आधी रात को अंतिम संस्कार को लेकर परिवार ने कोर्ट को बताया है। परिवार ने डीएम के व्यवहार को लेकर भी कोर्ट में अपनी बात कही है। उनके बाद डीएम एसपी के भी ब्यान भी हो रहे हैं।

हाईकोर्ट में हाथरस कांड को लेकर दोपहर सुनवाई शुरू हुई। पीड़ित परिवार और यूपी सरकार के अधिकारी अदालत में मौजूद हैं। मामले की सुनवाई के दौरान सिर्फ केस से जुड़े हुए लोग और सरकार के अधिकारी मौजूद रहेंगे।

सीबीआई ने भी इस मामले की जांच शुरू कर दी है। उसने इसके लिए जांच टीम का गठन किया है जिसका नेतृत्व सीबीआई की गाजियावाद यूनिट की एक डीएसपी करेंगी। इधर आज हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई में वकील विनोद शाही यूपी सरकार की ओर से पक्ष रख रहे हैं। पीड़ित परिवार से पांच लोग, सीओ और मजिस्ट्रेट की निगरानी में कोर्ट के सामने पेश हैं और अपना बयान दर्ज करवा रहे हैं। परिवार की ओर से सीमा कुशवाहा पक्ष रख रही हैं। सीमा ने ही दिल्ली की निर्भया की लड़ाई लड़ी थी। अदालत के सामने परिवार की ओर से सुरक्षा, केस ट्रांसफर और मामले की प्राइवेसी का मुद्दा है।

हाथरस के बाद भाजपा-जदयू के बिहार में घटना; दलित से गैंगरेप के बाद बेटे समेत नहर में फेंक दिया, बेटे की मौत

चुनाव के मौके पर भाजपा-जदयू शासित बिहार में हाथरस जैसी ही हैवानियत से भरी घटना हुई है। राजधानी पटना के पास पड़ने वाले बक्सर में एक दलित महिला से गैंगरेप के बाद उसे और उसके बच्चे को आरोपियों ने नहर में फेंक दिया। बच्चे की मौत हो गयी है। घटना में सात आरोपियों का नाम सामने आया है और उनमें से अभी तक एक को ही गिरफ्तार किया गया है। इस घटना के बाद देश में एक बार फिर गुस्सा भर गया है।

जानकारी के मुताबिक बक्सर में एक दलित महिला के साथ गैंगरेप किया गया और इस दौरान जब पीड़ित महिला ने विरोध किया तो आरोपियों ने उसे और उसके 5 साल के बच्चे को एक नहर में फेंक दिया। पीड़िता का बक्सर सदर अस्पताल में इलाज चल रहा है, जबकि बच्चे की मौत हो गयी है।

मामले में सात आरोपियों का नाम सामने आया है, हालांकि, पुलिस अभी तक एक को ही गिरफ्तार कर सकी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक शनिवार को महिला छोटे बेटे के साथ बैंक जा रही थी कि एक से ज्यादा आरोपियों ने रास्ते में महिला और उसके बेटे को पकड़ लिया। उन्होंने महिला के साथ दुष्कर्म किया। विरोध करने पर उसके मासूम बेटे का गला दबा दिया। वारदात के बाद आरोपी दोनों को नहर में फेंककर फरार हो गए। राहगीरों ने पुलिस को जानकारी दी जिसने उन्हें नहर से निकाला।

पुलिस के मुताबिक महिला के पिता ने बताया है कि उनकी बेटी पांच साल के बेटे के साथ बैंक जा रही थी लेकिन 11 बजे अचानक उसका मोबाइल बंद हो गया। बाद में सुबह नदी में उसकी बेटी और नाती बंधे हुए मिले। महिला को बचा लिया गया लेकिन उसके मासूम बेटे की जान जा चुकी थी। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि कुछ लोगों ने उसे घेर लिया और फिर अगवा कर पहले गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया, फिर औरत के बच्चे के साथ बांधकर नदी में फेंक दिया।

मुंबई में बिजली बहाल, ठाकरे सरकार ने दिए जांच आदेश

मायानगरी मुंबई में ढाई घंटे ठप रहने के बाद बिजली काफी हद तक बहाल कर दी गयी है। इसके बाद मुंबई नगरी पटरी पर लौटने लगी है और लोकल ट्रेन सेवा बहाल हो गयी है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इससे पहले बिजली मंत्री से बात की। साथ ही उन्होंने अचानक बिजली का इतना बड़ा संकट बन जाने के कारण जानने के लिए जांच के आदेश दिए हैं। बृहन्‍मुंबई महानगरपालिका ने कहा था कि टाटा की बिजली आपूर्ति बाधित होने के कारण मुंबई में बिजली ग्रिड फेल हुई।

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में बिजली गुल हों के बाद ज़िंदगी की रफ़्तार सोमवार  सुबह थम गयी थी। यह संकट बिजली आपूर्ति वाले पावर ग्रिड फेल के फेल होने से पैदा हुआ था। बिजली गुल होने से लोगों को बहुत परेशानी हुई।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने घटना का कड़ा संज्ञान लेते हुए पहले बिजली मंत्री से बात की। इसके बाद उन्होंने इतने बड़े पैमाने पर बिजली ठप पड़ने पर जांच के आदेश जारी किये हैं। सरकार के कुछ लोगों ने इसके पीछे शरारत या षड्यंत्र होने की संभावना से इंकार नहीं किया है।

करीब ढाई घंटे में बाद 12:30 बजे कुछ इलाकों में बिजली की सप्‍लाई सामान्‍य हुई। इसके बाद अन्य जगह भी बिजली बहाली का अधिकतम काम पूरा हो गया है। दादर, बांद्रा, ग्रांटरोड, नरिमन प्वाउंट के अलावा महालक्ष्मी और परेल इलाके में भी बिजली बहाल हो गई है। करीब ढाई घंटे बंद रहने के बाद लोकन ट्रेन चलने लगी हैं। बता दें मुंबई में पावर ग्रिड फेल होने के कारण शहर की जीवन रेखा कही जाने वाली लोकल ट्रेनें भी रुक गई थींं।

मुंबई में बिजली गुल

मायानगरी मुंबई इस समय अंधेरे में बैठी है। कारण है बिजली का गुल हो जाना। वहां यह संकट एक पावर ग्रिड के फेल हो जाने से पैदा हुआ है। पिछले सालों में संभवता यह पहली बार है कि मुंबई में इस तरह बिजली का संकट आया है। इस कारण लोकल ट्रेन और मोनो रेल सेवा से लेकर दफ्तर, ट्रैफिक सिग्नल सब बंद पड़े हैं। शेयर मार्किट पर भी इसका गंभीर असर पड़ा है।

लोग बिजली फेल होने से गंभीर संकट में फंसे हैं। सारे कामकाज ठप्प पड़ गए हैं और लोकल ट्रेन सेवा भी बंद हो गयी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक मुंबई बिजली विभाग संकर पर काबू पाने की कोशिश कर रहा है, हालांकि, हफ्ते के पहले ही दिन लोग दिक्कत से दो-चार हैं। सैंकड़ों यात्री जहां हैं, वहीं फंसे हैं। ऊंची बिल्डिंग्स में लोगों को चढ़ने-उतरने की समस्या आ रही है, क्योंकि लिफ्ट बंद पड़े हैं। मुंबई में कई-कई मंजिल वाले भवन बड़ी संख्या में हैं।

संकट के बाद बेस्ट इलेक्ट्रीसिटी ने एक ट्वीट में कहा – ‘टाटा तरफ से होने वाली विद्युत आपूर्ति फेल होने के कारण विद्युत आपूर्ति बाधित है। असुविधा के लिए खेद है।’ लेकिन लोगों की हालत बिजली गुल होने से खराब हो गयी है। आमतौर मुंबई में बिजली बहुत बड़े संकट में ही बंद होती है, अन्यथा यह वहां सुचारू चलती रहती है।

मुंबई में बिजली का यह संकट एक पावर ग्रिड फेल हो जाने से पैदा हुआ है। बिजली जाने से मुंबईकर दिक्कतों का सामना कर रहे हैं।

कमोवेश पूरे मुंबई में बिजली गुल हुई है। बिजली विभाग का कहना है कि बिजली सेवा जल्द बहाल होने की उम्मीद है। रिपोर्ट्स के मुताबिक पूरी मुंबई शहर, ठाणे, चर्चगेट, वसई में बिजली नहीं है। कमुंबई प्रणाली को बिजली की आपूर्ति करने वाली लाइनों और ट्रांसफार्मर (कलावा-पडग़े और खड़ग आईसीटी) में कई जगह दिक्कत बताई जा रही है जिसकी वजह से मुंबई में 360 मेगावाट की आपूर्ति प्रभावित हुई। बिजली सेवा बहाली करने का प्रयास किया जा रहा है। ग्रिड फेल होने के कारण पश्चिम रेलवे की लोकल ट्रेन सेवाएं बाधित हुई हैं और चर्चगेट से वसई रेलवों स्टेशन के बीच चलने वाली ट्रेंने बंद गई हैं।

बिजली संकट से पूरी एमसीडी, पालघर, दहानू लाइनें प्रभावित हुई हैं। ईएचवी टीम के अनुसार आपूर्ति बहाल करने में एक घंटे का समय लगेगा। मुंबई ठाणे, में लोगों को काफी दिक्कत आ रही है। ट्रेनें स्टेशनों पर ही रूकी हैं और अस्पतालों में भी लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सड़कों पर ट्रैफिक सिग्नल भी बंद हो गए हैं। इस कारण वहां लोगों की भीड़ जमा हो गयी है।

रामलीला और दुर्गापूजा के दौरान बाजारों में लौटेगीं रौनक

दिल्ली में रामलीला और दुर्गा पूजन की दिल्ली सरकार द्वारा अनुमति मिल जाने से एक ओर मंदिरों के पुजारी प्रंसन्न है और हर साल रामलीला में मंचन करने वाले कलाकार भी खुश है। वहीं सबसे ज्यादा प्रसंन्नता जाहिर करते हुये दिल्ली के छोटे व्यापारी है। रेहड़ी –ढेली में मूंगफली सहित अन्य सामान बेचने वालों ने तहलका संवाददाता को बताया कि लाँकडाउन के दौरान उनका रोजगार और काम-धंधा पूरी तरह से टूट गया था। लेकिन अब उम्मीद जागी है कि काम-धंधा को पटरी पर लाया जा सकता है। रेहडी चलाने वाले ग्यादीन ने बताया कि वे मूल रूप से बिहार के रहने वाले है, काम-धंधा लाँकडाउन में ठप्प हो गया था तब से अब तक इसी संशय में थे कि कब से काम सुचारू हो और वे अपने सहयोगियों के साथ काम शुरू करें। उन्होंने बताया कि रामलीला का जहां मंचन होगा वहां से दूर होकर यानि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुये भी अच्छा खासा कमा सकते है। छोटे व्यापारी संघ के मंत्री इंद्रजीत का कहना है कि रामलीला और दुर्गा पूजन से बाजारों में रौनक आयेगी और ग्राहक भी खरीददारी करेगें जिससे बाजार में पैसों का लेन-देन हो सकेंगा।

आर्थिक मामलों के जानकार सचिन कुमार का कहना है कि देश की आर्थिक व्यवस्था को मजबूत करने में छोटे कारोबारियों का बड़ा हाथ होता है। ऐसे में बाजारों में लोग उत्साह से पैसा खर्च करेगें। जिससे बाजार मजबूत होगा।

झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और उनकी पत्नी की घर में घुसकर हत्या

धनबाद के सुदामडीह थाना क्षेत्र के भौंरा में सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झुमुमो) के वरिष्ठ नेता शंकर रवानी और उनकी पत्नी की घर में घुस गला रेतकर हत्या कर दी गई है। दोनों के शव घर में खून से लथपथ बरामद किए गए हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच  शुरू कर दी है। पुलिस के मुताबिक, वारदात के पीछे दो परिवारों के बीच लंबे समय से चल रहा खूनी संघर्ष वजह हो सकती है।
धनबाद के भौरा गौर खूंटी निवासी व झामुमो नेता शंकर रवानी (50) और उनकी पत्नी बालिका देवी की बेरहमी से हत्या की गई। बदमाशों ने शनिवार देर रात वारदात को अंजाम दिया।  पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि दंपती की धारदार हथियार से हमला करने के बाद ऊपर से गोली भी मारी गई।
झामुमो नेता शंकर रवानी और उनकी पत्नी रात में घर में गहरी नींद में सोए हुए थे। तभी बदमाश घर में घुसे और कत्ल को वारदात को अंजाम दिया। सुबह वारदात का पता चल सका, जिसके बाद पुलिस बुलाई गई। पुलिस ने रविवार को बताया कि मामले की पड़ताल शुरू कर दी है। शंकर रवानी का 22 साल का बेटा है बाहर रहकर पढ़ाई कर रहा है। हत्या का कारण आपसी रंजिश बताया जा रहा है।
पुलिस का कहना है कि जल्द ही हत्यारों को पकड़ लिया जाएगा। घटनास्थल से पुलिस ने चाकू और नौ एमएम का एक खोखा जब्त किया है। वारदात के बाद इलाके के लोगों में आक्रोश है। 2017 में आपसी रंजिश को लेकर शंकर रवानी के बड़े बेटे 25 वर्षीय कुणाल रवानी की हत्या भी इसी तरह अपराधियों ने कर दी थी।

डाक्टरों की हड़ताल में दिल्ली नगर निगम और दिल्ली सरकार आमने-सामने

कोरोना काल में भी डाक्टरों को अपने वेतन के लिये हड़ताल करना पड़ रहा है, कोरोना काल में ही डाक्टरों के भरोसे आम नागरिक है, तब ये स्थिति है। अजीब बिड़म्बना है कि एक ओर तो सरकार कहती है कि डाक्टरों को किसी भी प्रकार की सुविधाओं से वंचित नहीं किया जायेगा। वहीं दिल्ली नगर निगम के सबसे बड़े हिन्दूराव अस्पताल के डाक्टरों को गत तीन महीनों से वेतन तक नहीं मिला है । वेतन  की मांग को लेकर डाक्टर्स हड़ताल पर है। डाक्टरों की हड़ताल के चलते कोरोना पीड़ित मरीजों के साथ अन्य रोगियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

आलम ये है कि इस लड़ाई में दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम के नेता आमने –सामने आ गये है। बताते चलें कि दिल्ली में आप पार्टी की सरकार है, तो दिल्ली नगर निगम भाजपा के पास है । ऐसे में राजनीतिक टकराव होता रहता है। लेकिन इस टकराव में लोगों को असली मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। इस बारे में उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर जय प्रकाश का कहना है कि जब से हिन्दूराव अस्पताल को कोविड़-19 अस्पताल में शिफ्ट किया है तब से दिल्ली सरकार ने अस्पताल को एक भी पैसा नहीं दिया है और जो बजट है उसमें कटौती की जा रही है। जिसके कारण डाक्टरों को वेतन देनें में दिक्कत हो रही है। जय प्रकाश का कहना है कि दिल्ली सरकार अब मरीजों की संख्या कम होने पर अस्पताल के मरीजों को दिल्ली सरकार के अस्पतालों में शिफ्ट कर राजनीति कर रही है। वहीं दिल्ली सरकार स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन का कहना है कि अगर वेतन देना निगम के बूते ना हो तो दिल्ली सरकार में मर्ज कर दो। स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में बेहत्तर सुविधाये मरीजों और डाकटरों को मिल रही है। वहीं हड़ताली डाक्टरों का कहना है कि अगर जल्द से जल्द वेतन ना मिला तो वे अदालत का दरवाजा खटखटा सकते है। भाजपा नेता रोहित कुमार का कहना है कि आप पार्टी सत्ता के नशे में चूर है वो ये नहीं देख रही है कि कोरोना महामारी के दौरान डाक्टर्स ही अपनी जान पर खेल कर लोगों की जिंदगियों को बचाते रहे है। अब वे ही डाक्टर्स अपनी वेतन पाने लिये संघर्ष कर रहे है। ऐसे सरकार को निगम को पैसा देने में विलम्ब नहीं करना चाहिये। हड़ताली डाक्टर संजीव कुमार का कहना है कि रात दिन करने के बाद भी आज डाक्टरों को अपनी मेहनत के पैसा के लिये जूझना पड़ रहा है। जिसके कारण हड़ताल करनी पड़ रही है जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।

गोंडा के मंदिर में पुजारी को गोली मारी, गंभीर हालत में लखनऊ रेफर

उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में एक पुजारी को गोली मार दी गई जिसके बाद उसकी हालत गंभीर है। राम जानकी मंदिर के पुजारी सम्राट दास को शनिवार रात गोली मारी गयी। गंभीर हालत में उन्हें लखनऊ रेफर कर दिया गया है।

राजस्थान में ऐसी ही एक घटना के बाद अब यूपी में पुजारी पर हमले की यह घटना हुई है। घटना गोंडा के इटियाथोक थाने के तहत तिर्रे मनोरमा गाँव की है। श्रीराम जानकी मंदिर के पुजारी को शनिवार की रात लगभग दो बजे गोली मार दी गई। गोली लगने से पुजारी अतुल बाबा उर्फ सम्राट दास गंभीर रूप से घायल हो गए। उनको इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया। गंभीर होने के कारण डॉक्टरों ने लखनऊ रेफर कर दिया है।

पुलिस के मुताबिक सम्राट दास राम जानकी मंदिर तिर्रे मनोरमा में पूजा पाठ करते हैं और विगत दो साल से मंदिर पर रहते हैं। शनिवार को रात को लगभग दो बजे कुछ लोगों ने मंदिर परिसर में आकर गोली मार दी। मंदिर के पुजारी सीताराम दास ने चार लोगों के विरुद्ध तहरीर दी है।

चार आरोपियों के खिलाफ धारा हत्या के प्रयास में मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है  और उनकी तलाश की जा रही है। पुलिस के मुताबिक मंदिर से संबंधित भूमि का विवाद भी चल रहा है। घटना के पीछे भू-माफियाओं का हाथ बताया जा रहा है। पुलिस ने घटना के मामलें में फिलहाल दो लोगों को हिरासत में ले लिया है। हालांकि अभी इसकी पुष्टि वह नहीं कर रही है।

बढ़ते प्रदूषण को देखते हुये आँड-ईवन पर विचार कर रही है सरकार

पराली के जलायें जाने से दिल्ली में हर साल की तरह प्रदूषण का कहर लोगों की जिंदगी में जहर घोलने का काम करने लगा है। लोगों का कहना है कि सरकार के दावे हर साल खोखलें साबित हो रहे है।

तहलका संवाददाता को दिल्ली वासियों ने बताया कि प्रदूषण और कोरोना के बढ़ते प्रकोप से वैसे ही जनमानस परेशान है। ऐसे में कोरोना काल में प्रदूषण लोगों की जिंदगी में कहीं कोई अनहोनी ना कर दें उसका भय लोगों में है। वहीं दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि हर साल की तरह प्रदूषण को काबू पाने के लिये आँड- ईवन पर विचार किया जा रहा है। अगर ऐसा होता है तो प्रदूषण से तो राहत मिल सकती है। एडवोकेट पीयूष जैन का कहना है कि दिल्ली में प्रदूषण की रोकथाम तब की जाती है जब प्रदूषण पूरी तरह से अपने पैर पसारकर लोगों को बीमार करने लगता है। ऐसे में सरकार को समय से पहले ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, अन्यथा दिल्ली तो वैसे ही कोरोना के कारण सहमी हुई है। और बीमार हालत में अगर प्रदूषण का प्रकोप ऐसे ही चलता रहा तो आने वाले दिनों में और दिक्कत हो सकती है।

बीमा की रकम हड़पने के लिए कार में जला दिया शव

हरियाणा में एक कारोबारी ने 1.60 करोड़ रुपये बीमा की रकम हड़पने और कर्जदारों से छुटकारा पाने के लिए अपनी ही मौत की कहानी गढ़ डाली, पर इसमें नाकाम साबित हुआ। नाटकीयत की शुरुआत मंगलवार रात को हरियाणा के हिसार जिले से शुरू हुई। शुरुआत में बताया गया कि हांसी में लूट की वारदात के बाद कारोबारी राममेहर को कार में बंद कर जिंदा जला दिया गया।

राममेहर के परिजनों ने पुलिस को बताया था कि उन्होंने आखिरी बार मोबाइल से की फोन काॅल में कहा था कि जल्दी आ जाओ, मेरी जान खतरे में है…दो बाइकों पर सवार लोग मुझे मार डालेंगे…।’ पुलिस ने जब इसकी जानकारी मिली तो वह मौका ए वारदात पर पहुंची। वहां उसे जली कार में कंकाल बन चुका शव मिला। अगले दिन खबरें छपीं कि कारोबारी से 11 लाख रुपये लूटकर कार समेत जिंदा जला दिया। लेकिन तीन दिन बाद कहानी पूरी तरह से पलट गई। कारोबारी वारदात के बाद छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में जिंदा मिला। पुलिस टीम उसे गिरफ्तार कर हांसी ले आई। फोरेंसिक एक्सपर्ट ने भी नमूने लिए और कार की हालत देखकर उन्हें शुरू से ही शक हो गया था यह किसी निजी स्वार्थ का मामला लग रहा है।

पुलिस पूछताछ में ड्रामे का अंत हुआ और कई चैंकाने वाले खुलासे हुए। दरअसल पुलिस को कारोबारी की कॉल डिटेल की जांच में उसकी एक महिला मित्र का नंबर ट्रैस हुआ। उसी से पूछताछ के बाद पुलिस कारोबारी को पकड़ने में सफल रही। जांच में पता चला कि डिस्पोजल फैक्ट्री संचालक राममेहर ने कुछ समय पहले 1.60 करोड़ की दो बीमा पॉलिसी करवाई थीं। उस पर अच्छा खासा कर्ज भी है, जिससे वह निजात पाना चाहता था। हरियाणा की पुलिस ने पड़ताल की कि कार में जला मिला शख्स कौन था? आशंका है कि शव किसी कोरोना मरीज का हो, जिसे पैसे लेकर खरीदा गया हो।