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क्रिकेटर, कमेंटेटर डीन जोन्स का दिल के दौरा से मुंबई में निधन

मस्तमौला इंसान और लाजवाब क्रिकेट खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया के डीन जोन्स का निधन हो गया है। वे आईपीएल मैचों में स्टार स्पोर्ट्स के लिए कमेंट्री कर रहे थे और मुंबई में थे। उनको आज शाम अचानक दिल का दौरा पड़ा। उनकी उम्र अभी 59 साल ही थी।

उनकी गिनती ऑस्ट्रेलियाई के महान क्रिकेटर में होती थी और वे एक शानदार  कॉमेंटेटर भी थे। डीन इंडियन प्रीमियर लीग के मौजूदा सत्र को लेकर स्टार स्पोर्ट्स की कमेंट्री टीम से जुड़े थे और मुंबई में थे, जब उन्हें दिल का दौरा पड़ा।

इस बार कोरोना के कारण मैच यूएई में हो रहे हैं। आईपीएल का आज छठा मैच कुछ देर बाद आरसीबी और किंग्स इलेवन पंजाब में है और उससे पहले यह दुखद खबर आई है। एक कमेंटेटर के नाते उन्हें काफी पसंद किया जाता था और वे बहुत मस्तमौला भी थे।

खिलाड़ी के रूप में रिटायरमेंट के बाद ही वे कमेंट्री से जुड़ गए थे। सफल कमेंटेटर के रूप में उनकी पहचान थी। जोन्स अंग्रेजी कमेंट्री पैनल में ब्रेट ली, ब्रायन लारा, ग्रीम स्वान और स्कॉट स्टायरिस की मुंबई से कमेंट्री कर रही टीम का हिस्सा थे।

उनकी मृत्यु की सूचना देते हुए स्टार स्पोर्ट्स ने कहा – ‘बेहद दुख के साथ हम डीन मर्विन जोन्स एएम के निधन की खबर साझा कर रहे हैं। दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। हम उनके परिवार के प्रति संवेदना जाहिर करते हैं और इस मुश्किल समय में उनके सहयोग के लिए तैयार हैं। जरूरी इंतजाम करने के लिए हम ऑस्ट्रेलियाई उच्चायोग के संपर्क में हैं।’

उन्हें खेल के महान दूतों में से एक बताते हुए ब्रॉडकास्टर में कहा – ‘वह दक्षिण एशिया में क्रिकेट के विकास से जुड़े रहे। वह नई प्रतिभा को खोजने और युवा क्रिकेटरों को तराशने को लेकर जुनूनी थे। वह चैंपियन कॉमेंटेटर थे जिनकी मौजूदगी और खेल को पेश करने का तरीका हमेशा प्रशंसकों को खुशी देता था। स्टार और दुनियाभर में उनके लाखों प्रशंसकों को उनकी कमी खलेगी। हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं उनके परिवार और मित्रों के साथ हैं।’

एक खिलाड़ी के रूप में जोन्स ने अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर में 52 टेस्ट और 164 वनडे खेले। उनके नाम टेस्ट में 11 और वनडे में 7 शतक हैं। बहुत से खिलाड़ियों ने उनके निधन पर शोक जताया है।

ड्रग्स केस: चार दिग्गज अभिनेत्रियों को एनसीबी का समन, दीपिका गोवा से मुंबई रवाना

अभिनेता सुशांत सिंह की मौत के मामले में ड्रग्स एंगल की जांच कर रहे नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने बॉलीवुड की चार दिग्गज अभिनेत्रियों को पूछताछ के लिए तलब किया है। इन अभिनेत्रियों में दीपिका पादुकोण, श्रद्धा कपूर, सारा अली खान और रकुलप्रीत सिंह शामिल हैं। रकुलप्रीत को आज पूछताछ के लिए बुलाया गया है। पहले उन्होंने कहा था कि कोई समन नहीं मिला है, लेकिन बाद में कबूला कि समन मिल गया है। दीपिका पादुकोण से कल पूछताछ होनी है, जिसके लिए वह गोवा से मुंबई के लिए निकल चुकी हैं।

बाॅलीवुड की प्रमुख अभिनेत्रियों में सबसे पहले वीरवार को एनसीबी के सामने पेश होने के लिए तलब किया। इसके लिए उनके पते पर समन भेजा, जहां पर वह नहीं मिली, जिसके बाद बताया गया कि उन्होंने अपना पता अपडेट कराया है, जिसके बाद समन वहां पहुंचाया गया।
अपडेट्स

इसके अलावा एनसीबी फैशन डिजाइनर सिमोन खंबाटा और रिया की पूर्व मैनेजर श्रुति मोदी से पूछताछ कर रही है। करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शन के एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर क्षितिज प्रसाद से कल पूछताछ के लिए समन भेजा है।

छोटे पर्दे के कलाकार सनम जौहर और अबिगेल पांडे भी आज एनसीबी दफ्तर पहुंचे। दोनों से बुधवार को भी करीब 5 घंटे तक सवाल-जवाब किए गए थे। दीपिका पादुकोण को 25 सितंबर को पेश होना है।

सारा अली खान और श्रद्धा कपूर को 26 सितंबर को एनसीबी दफ्तर पहुंचना है। दीपिका और उनकी मैनेजर करिश्मा प्रकाश के चैट के स्क्रीनशॉट मिलने के बाद दीपिका को समन भेजा गया है। करिश्मा ने अपने वकील के जरिए बीमार होने का हवाला देकर एनसीबी से 25 को पेशी से छूट मांगी थी। चैट में डी शब्द का इस्तेमाल किया गया है, जिसे माना जा रहा है कि दीपिका के लिए किया गया है।

कितनी ड्रग्स पर जमानत और कितनी सजा

गांजा अगर एक किलो से कम बरामद हो तो छोटी मात्रा है। एक किलो से 20 किलो के बीच इंटरमीडिएट मात्रा है यानी दोनों जमानती अपराध हैं। 20 किलो से ज्यादा होने पर गैर जमानती होता है।

चरस, कोकीन, मरिजुआना और हशीश की 100 ग्राम से कम छोटी मात्रा है, जिसमें जमानत मिल जाती है। 100 ग्राम से 1 किलो तक हो तो जमानत तथ्यों के आधार पर मिलती है। 1 किलो से ऊपर होने पर जमानत नहीं मिलती। वहीं हेरोइन की 5 ग्राम से कम छोटी मात्रा है, यह जमानती अपराध है। 250 ग्राम से ज्यादा कमर्शियल मात्रा है। इसमें कम से कम 10 साल सजा का प्रावधान है।

यूपी में महिलाओं से अपराध करने वालों के चौराहों पर लगेंगे पोस्टर

उत्तर प्रदेश में बढ़ रही अपराध की घटनाओं खासकर महिला अपराधों को लेकर योगी सरकार एक्शन में दिखाई दे रही है। मुख्मंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर  नया फरमान जारी किया है। अब अगर कोई महिलाओं से छेड़खानी, दुर्व्यवहार या यौन शोषण करता है तो उसके पोस्टर शहरों के प्रमुख चैराहों पर लगाकर उन्हें बेइज्जत किया जाएगा।

योगी सरकार इस काम को उसी तर्ज पर अंजाम देगी, जैसे नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले आरोपियों के लिए की गई थी। इस आदेश के तहत अब महिलाओं के साथ अपराध करने वालों को महिला पुलिसकर्मियों से ही दंडित कराया जाएगा। सरकार चाहती है कि जो भी लोग हैवानियत करते हैं, उससे पूरे समाज को जानना जरूरी है ताकि उनका समाज बहिष्कार करे। माना जा रहा है कि दुष्कर्मियों में वही अपराधी शामिल होंगे, जिन्हें अदालत ने दोषी करार दिया हो।

मदद करने वालों पर भी कसेगा शिकंजा
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महिलाओं और बच्चियों के साथ दुष्कर्म, छेड़खानी, यौन उत्पीड़न या शोषण करने वाले अपराधियों और दुराचारियों के मददगारों के भी नाम उजागर किए जाएं। ऐसा करने से उनके मददगारों में भी बदनामी का डर पैदा होगा।

जवाबदेही होगी तय
मुख्यमंत्री ने महिलाओं और बच्चियों के साथ हो रहे अपराधों को लेकर यूपी पुलिस को चेतावनी जारी की है। उन्होंने कहा है कि कहीं भी महिलाओं के साथ कोई आपराधिक घटना हुई तो संबंधित बीट इंचार्ज, चैकी इंचार्ज, थाना प्रभारी और सीओ जिम्मेदार होंगे। उनकी जवाबदेही तय की जाएगी और उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।

सूरत के ओएनजीसी गैस प्लांट में आग पर काबू, जानी नुक्सान नहीं

गुजरात के सूरत में ओएनजीसी के गैस प्लांट में गुरुवार तड़के भीषण आग लग गयी। इसके बाद वहां कुछ धामके हुए हैं। घटनास्थल के आसपास के क्षेत्र के लोगों के मुताबिक धमाके इतने तेज थे कि उनके घरों की खिड़कियों के शीशे टूट गए। अभी तक इस हादसे में किसी जान-माल के नुक्सान की जानकारी बाहर नहीं आई है।

अभी तक की जानकारी के मुताबिक आग पर अब काबू पा लिया गया है। फायर ब्रिगेड की गाड़ियों ने मौके पर पहुंच कर आग पर काबू पाया। घटना की खबर मिलते ही प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुँच गए। सूरत स्थित तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) के हजीरा गैस प्रोसेसिंग प्लांट में यह आग बुधवार देर रात लगी।

अभी तक की जानकारी के मुताबिक ओएनजीसी के अधिकारीयों ने बताया है कि  आग पर काबू पा लिया गया है और घटना में किसी की जान नहीं गई है और न कोई घायल हुआ है। सूरत के अधिकारियों के मुताबिक आधी रात करीब तीन बजे ओएनजीसी हजीरा प्लांट में एक के बाद एक तीन धमाके हुए। वहां आग की ऊंची लपटें उठने लगीं। सूचना मिलते ही दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक ओएनजीसी के अधिकारी गैस सिस्टम को डिप्रेशराइजिंग (अंदर बने गैस के दवाब को बाहर निकालने) का कार्य कर रहे हैं। हटना के वक्त कुछ लोगों ने वीडियो बना लिए जिन्हें सोशल मीडिया पर भी पोस्ट कर दिया। ऐसे ही एक वीडियो में दिख रहा है कि दो जगह आग की भीषण लपटें उठ रही हैं। बताया गया है कि ओएनजीसी के इस संयंत्र में 2015 में भी आग की घटना हुई थी जिसमें किछ लोग घायल हो गए थे।

किसान बिलों के खिलाफ आज़ाद के नेतृत्व में विपक्ष का मार्च, 5 बजे राष्ट्रपति कोविंद से मिलेंगे

किसान बिलों के खिलाफ माहौल गर्माता जा रहा है। पंजाब और हरियाणा के किसान बड़े पैमाने पर सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं तो उधर दिल्ली में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने मार्च निकाला। यह सभी विपक्षी दल शाम 5 बजे कृषि बिलों को एकतरफा तरीके से राज्य सभा में पास करवाने के खिलाफ मिलने भी जा रहे हैं।

संसद परिसर में बुधवार को प्रदर्शन के दौरान विपक्षी पार्टियों ने किसान बचाओ, मजदूर बचाओ के साथ-साथ लोकतंत्र बचाओ के नारे लगाए। नेताओं ने अपने हाथ में पोस्टर भी लिए हुए थे। प्रदर्शन की अगुवाई कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने की। इस प्रदर्शन में ममता बनर्जी की टीएमसी से डेरेक ओब्रायन और एनसीपी पार्टी से प्रफुल्ल पटेल और अन्य नेता मौजूद थे।

किसान बिल को लेकर विपक्षी दलों के नेता आज शाम पांच बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे। राष्ट्रपति भवन ने विपक्षी दलों के पांच नेताओं को  मुलाकात के लिए मंजूरी दी है। इस दौरान कोविड-19 से जुड़े प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा। विपक्ष नेताओं ने राष्ट्रपति से मिलने की अनुमति माँगी थी।

इस बीच राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने अपना चौबीस घंटे का उपवास आज खत्म कर दिया। राज्य सभा से निलंबित एक सांसद ने बुधवार को आरोप लगाया कि उपसभापति हरिवंश का निलंबित सदस्यों को चाय लेकर जाना पूरी तरह प्रायोजित था क्योंकि वे मीडिया को साथ लेकर गए थे। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि उपसभापति ने कृषि बिलों को लेकर सदन में निष्पक्षता नहीं दिखाई और बिना विपक्ष की मंजूरी के पहले सदन का समय बढ़ाया और फिर बिलों के लिए विपक्ष की मांग के बावजूद मतविभाजन नहीं करवाया जो बिलकुल नियमों के खिलाफ है।

इस बीच आज कांग्रेस सहित 18 विपक्षी दलों के वहिष्कार के बीच सरकार ने कई बिल पास करवा लिए। राज्य सभा को अब अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया है। संसद का यह सत्र समय से बहुत पहले ही समाप्त किया जा रहा है।
उधर विपक्षी पार्टियां अब आगे की रणनीति को लेकर एक साझा बैठक करने की तैयारी में हैं। विपक्षी पार्टियों ने राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को पत्र लिखकर अपील की थी कि वे  विपक्ष के गैर मौजूदगी में श्रम संबंधित तीन विधेयकों को सदन में पास न होने दें। ये तीनों विधेयक ध्वनिमत से पास हो गए जिसके बाद विपक्ष का आक्रोश चरम पर है। कांग्रेस 25 सितंबर को इंसानों के हक़ में पूरे भारत में आंदोलन करने जा रही है।

कृषि बिलों का इतना विरोध होगा इसकी कल्पना शायद सरकार और भाजपा ने नहीं की थी। शायद यही कारण है कि किसान बिल के विरोध में जन आक्रोश बढ़ता देख पीएम मोदी ने एक दिन पहले मामला संभालने की कोशिश करते हुए कहा कि किसानों को भ्रमित करने में बहुत सारी शक्तियां लगी हुई हैं। उन्होंने किसानों को  आश्वस्त करने की कोशिश की कि एमएसपी और सरकारी खरीद की व्यवस्था बनी रहेगी। हालांकि, इसका असर होता नहीं दिखा है क्योंकि किसान आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है।

‘टाइम मैगज़ीन’ की प्रभावशाली लोगों की सूची में सीएए विरोधी आंदोलन की दादी बिल्किस बानो को मिली जगह, मोदी, खुराना, गुप्ता के भी नाम

दुनिया की मशहूर ‘टाइम मैगज़ीन’ की इस बार की 100 प्रभावशाली व्यक्तियों की सूची में नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ दिल्ली के शाहीनबाग में हुए आंदोलन में लोकप्रिय हुईं 82 साल की दादी बिल्किस बानो को भी जगह मिली है। उनके अलावा भारत से पीएम मोदी, अभिनेता आयुष्मान खुराना, प्रोफेसर रविंद्र गुप्ता के भी नाम हैं। दिलचस्प यह है कि सूची में चीन के राष्ट्रपति शी जिन पिंग का नाम अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से पहले है।

‘टाइम मैगज़ीन’ ने आज जो सूची जारी की है उसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम एक बार शामिल किया है। उनका नाम पिछले सात साल में चौथी बार आया है। मोदी देश के अकेले राजनीतिक हैं जिनका नाम इसमें है। मैगजीन के लेख में टाइम ने लिखा है कि लोकतंत्र में वही सबसे बड़ा है, जिसे जितने ज्यादा वोट मिले हैं। लोकतंत्र के कई पहलू हैं जिसमें जिन्होंने जीते हुए नेताओं को वोट नहीं दिया है, उनके हक की भी बात होती है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और यहां हर धर्म के लोग रहते हैं। मैगजीन में लिखा गया कि रोजगार के वादे को लेकर भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आई और इसके बाद कई विवाद सामने आए।

हालांकि, टाइम की सूची में सबसे ज्यादा हैरानी वाला नाम बिल्किस बानो का है जिन्हें ‘शाहीनबाग की दादी’ के नाम से भी जाना जाता है। नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ दिल्ली के शाहीनबाग के आंदोलन में 82 साल की बिल्किस बानो बहुत ज्यादा चर्चा में रही थीं। याद रहे शाहीनबाग में नागरिकता कानून को वापस लेने की मांग पर 101 दिन तक धरना-प्रदर्शन चला था। बाद में कोरोना संकट उभरने से  प्रदर्शन बंद कर दिया गया था।

पिछले साल लंदन में एक मरीज को एचआईवी से मुक्ति दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले भारत के प्रोफेसर रविंद्र गुप्ता को भी सूची में जगह मिली है।  बॉलीवुड अभिनेता आयुष्मान खुराना भी सूची में जगह बनाने में सफल रहे हैं।

मैगजीन की सूची में भारतीय मूल की अमेरिकी नेता कमला हैरिस, जो जो बिडेन के साथ अमेरिका के उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रत्याशी हैं, को भी शामिल किया गया है।   सूची में चीन के राष्ट्रपति शी जिन पिंग, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जो बिडेन,  एंजेला मर्केल, नैन्सी पॉलोसी जैसे बड़े नेताओं के नाम सूची में हैं। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि इस बार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से पहले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का नाम लिखा गया है।

किसानों के बहाने साल बाद सिद्धू फिर मैदान में, मोदी सरकार के कृषि बिलों के खिलाफ धरना

वरिष्ठ कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू एक साल के बाद फिर मैदान में उतरे हैं। सिद्धू ने बुधवार को अमृतसर में मोदी सरकार के कृषि बिलों का जबरदस्त विरोध करते हुए धरना दिया और प्रदर्शन में हिस्सा लिया। हाल में चर्चा दोबारा उठी है कि प्रदेश कांग्रेस की प्रभारी आशा कुमारी को बदलने के बाद अब सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का जिम्मा दिया जा सकता है।

किसानों के मुद्दे पर सिद्धू आज अमृतसर के हाल गेट धरने पर बैठे और मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने कृषि बिलों के खिलाफ अमृतसर के भंडारी पुल से हाल गेट तक मार्च में हिस्सा भी लिया। उनके साथ बड़ी संख्या में कांग्रेस नेताओं के अलावा किसान भी प्रदर्शन में शामिल हुए।

इससे पहले सिद्धू ने ट्वीट कर मोदी सरकार के कृषि बिल्लों पर जमकर हमला किया था। सिद्दू ने पहले ट्वीट में लिखा – ‘सरकारें तमाम उम्र यही भूल करती रही, धूल उनके चेहरे पर थी, आईना साफ करती रही।’ जबकि दूसरे ट्वीट में सिद्धू ने कहा – किसान पंजाब की आत्मा हैं। शरीर के घाव ठीक हो जाते हैं, लेकिन आत्मा के नहीं।  हमारे अस्तित्व पर हमला बर्दाश्त नहीं है। युद्ध का बिगुल बजाते हुए क्रांति को जीते रहो। पंजाब, पंजाबी और हर पंजाबी किसान के साथ है।’एक और ट्वीट में सिद्धू ने कहा – ‘आवाज-ए-किसान: जिन्हें हम हार समझे थे गला अपना सजाने को, वही अब नाग बन बैठे हैं हमें काट खाने को।’

याद रहे इससे पहले पंजाब से अकाली दल की मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने किसान बिलों के खिलाफ अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, इसके बावजूद उनके गृह गाँव बादल में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं और हाल में एक किसान ने वहां आत्महत्या भी कर ली थी। वैसे भी पंजाब में कृषि से जुड़े बिलों, जो अब संसद से पास हो चुके हैं, का जबरदस्त विरोध है। किसान और व्यापारियों को इससे एपीएमसी मंडियां समाप्त होने की आशंका है। पंजाब कांग्रेस और सीएम अमरिंदर सिंह पहले से ही इन बिलों के सख्त खिलाफ बोल रहे थे।

वैसे पंजाब में किसान जो आंदोलन कर रहे हैं, उसमें राजनीति के लोगों को नहीं आने दे रहे। उनका कहना है कि किसान नहीं चाहते कि उनके आंदोलन को राजनीतिक हाईजैक कर लें।

सिद्दू के किसानों के मसले के बहाने एक साल बाद मैदान में उतरने से पंजाब की राजनीति में गर्मी आ गयी है। मुख्यमंत्री ने उनके महकमे बदल दिए थे, जिसके बाद सिद्धू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद वे लगातार चुप बैठे हुए थे। अब जबकि राहुल गांधी के दुबारा कांग्रेस अध्यक्ष बनने की संभावना बलवती हुई है, सिद्धू फिर सक्रिय हो गए हैं। सिद्धू को राहुल ही नहीं प्रियंका गांधी के भी बहुत करीब माने जाते हैं।

सिद्धू के दो ट्वीट –
Navjot Singh Sidhu
@sherryontopp
आवाज़-ए-किसान :-
जिन्हें हम हार समझे थे गला अपना सजाने को, वही अब नाग बन बैठे हमारे काट खाने को।

@sherryontopp
काले बिल पास, पूंजीपतियों की कमाई का रास्ता साफ।
किसान की राह में कांटे, पूंजीपतियों की राह में फ़ूल।
भारी पड़ेगी भूल…

भिवंडी हादसे में अब तक 39 शव निकाले, और शव होने की आशंका

महाराष्ट्र के भिवंडी इलाके में तीन मंजिला इमारत ढहने के कारण हुए हादसे में अब तक 39 लोगों के शव मिले हैं। आशंका है कि मलबे से और शव अभी मिल सकते हैं। यह हादसा सोमवार सुबह हुआ था।

रिपोर्ट्स के मुताबिक अभी तक जो शव मिले हैं, उसमें मरने वाले 15 बच्चे भी शामिल हैं और यह सभी 15 साल से कम उम्र के हैं। अभी तक 25 लोगों को मलबे से जिंदा  निकाला गया है। इनमें कुछ काफी घायल हैं और उन्हें भिवंडी और ठाणे के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

मंगलवार की रात भारी बारिश के कारण राहत अभियान में कुछ दिक्कत आई, हालांकि इसके बावजूद अभियान जारी रहा। रिपोर्ट्स में बताया गया है कि मलबे से जो शव निकले हैं, उनकी हालत बहुत खराब है। इसका एक कारण तो वक्त काफी हो  दूसरा उनपर मलबा गिरने से उनके शरीर के कई हिस्से टूट-फूट गए हैं। याद रहे हादसा  हुए अब लगभग 58 घंटे हो चुके हैं।

इस बीच इमारत गिरने के मामले में नगर निकाय के दो अफसरों को निलंबित कर दिया गया है। इमारत ‘गिलानी भवन’ के मालिक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। एनडीआरएफ और टीडीआरएफ के जवान रहत और बचाव कार्य कर रहे हैं।

भारत-चीन सेना का बैठक के बाद साझा ब्यान : ‘दोनों पक्ष शीर्ष नेताओं की महत्वपूर्ण सहमति लागू करने, संवाद मजबूत करने के लिए राजी’

लद्दाख क्षेत्र में भारत और चीन के बीच जबरदस्त तनाव के बीच सैन्य अधिकारियों की बैठक में ‘एकतरफा परिस्थिति न बदलने पर’ दोनों देश सहमत हो गए हैं। बैठक को लेकर दोनों देशों के अधिकारियों का जो साझा ब्यान आया है उसमें कहा गया है कि दोनों पक्ष अग्रिम क्षेत्र (फ्रंटलाइन) पर और अधिक सैनिक न भेजने पर सहमत हुए हैं और एलएसी पर एकतरफा परिस्थिति बदलने से परहेज करेंगे।

साझी विज्ञप्ति में कहा गया है – ‘दोनों पक्ष दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के बीच महत्वपूर्ण सहमति को लागू करने और सीमा पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच संवाद को और अधिक मजबूत करने के लिए राजी हो गए हैं।’  जिक्र करते हुए, हालांकि, शीर्ष नेताओं पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी जिन पिंग के नाम का नहीं लिखा गया है।

याद रहे, दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य कमांडर्स के बीच छठे दौर की 14 घंटे चली बैठक के बाद यह फैसले हुए हैं। अब आज भारत और चीन ने साझा प्रेस रिलीज जारी कर इस बात की घोषणा की कि दोनों पक्ष फ्रंटलाइन पर और अधिक सैनिक न भेजने और एलएसी पर ‘एकतरफा परिस्थिति बदलने’ से परहेज करने पर सहमत हो गए हैं। हालांकि, इस ‘एकतरफा परिस्थिति’ को परिभाषित नहीं किया गया है। सवाल यह है कि क्या यह ‘यथास्थिति बनाये रखने’ की सहमति है ? यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि चीन के फिंगर आठ से फिंगर 5 पर आकर जमने की कई रिपोर्ट्स आई हैं।

भारत और चीन के वरिष्ठ सैन्य कमांडरों के बीच बैठक चीन के मोल्डो गैरिसन में हुई। इसमें भारत की तरफ से दो लेफ्टिनेंट जनरल रैंक अधिकारियों ने हिस्सा लिया क्योंकि लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह का कार्यकाल अगले माह पूर्ण हो रहा है, और उनकी जगह लेने वाले संभावित कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन भी बैठक में गए।

हाल में भारत ने लद्दाख क्षेत्र में कुछ चोटियों पर कब्ज़ा करके चीन को परेशानी में डाल  दिया था। यही नहीं दोनों पक्षों के बीच 40 साल के बाद गोलीबारी की भी घटनाएं हुई हैं। चीन की एक कोशिश भी भारत की सेना ने हाल में नाकाम की है।

बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने चुनाव लड़ने को लिया वीआरएस!

कोरोना काल में 2020 में पहली बार विधानसभा चुनाव बिहार में होने जा रहे हैं। हालांकि चुनाव आयोग की तरफ से अभी तारीखों का ऐलान नहीं किया है, पर सियासी गतिविधियां इशारा कर रही हैं कि जल्द ऐलान हो जाएगा। राजनीतिक गतिविधियों और परियोजनाओं की घोषणा और उद्घाटन अपने चरम पर पहुंच चुके हैं। इस बीच, बिहार के वर्तमान डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने अचानक वीआरएस ले लिया है। गुप्तेश्वर पांडेय के बाद एसके सिंघल को बिहार के डीजीपी का प्रभार दिया गया है।
गृह विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। ध्यान देने वाली बात ये है कि महज 24 घंटे के अंदर ही वीआरएस को मंजूरी मिल गई। जानकर बताते हैं कि वीआरएस के लिए कम से कम 3 महीने पहले आवेदन करना होता है। चुनावी काल में नामुमकिन को भी मुमकिन होते देखा जा सकता है।
1987 बैच के आईपीएस अधिकारी गुप्तेश्वर पांडेय का कार्यकाल अभी पांच महीने बाकी था। उन्हें  31 जनवरी 2019 को उन्हें बिहार का डीजीपी बनाया गया था। राज्य के पुलिस महानिदेशक के रूप में गुप्तेश्वर पांडेय का कार्यकाल 28 फरवरी 2021 तक का था।
गुप्तेश्वर के सत्तादल की ओर से  बकसर जिले के शाहपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही है। मालूम हो कि शाहपुर विधानसभा क्षेत्र से अभी लालू प्रसाद के करीबी शिवानंद तिवारी के पुत्र राहुल तिवारी विधायक हैं।