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केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने साझा कि पर्यावरण मंत्रालय से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने नेशनल मीडिया सेंटर में पर्यावरण मंत्रालय से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की। उन्होंने बताया पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान व उत्तर प्रदेश इन पांच राज्यों के साथ मिलकर प्रदूषण को कम करने व लोगों की प्रदूषण से होने वाली तकलीफों को कैसे कम किया जाए इसकी योजना 2016 में बनाई थी, जिसमें कई बैठके हो चुकी है व इस साल की बैठक 1 अक्टूबर को होगी। यह मीटिंग वर्चुअल होगी, जिसमें सभी पांच राज्यों दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, और उत्तर प्रदेश के पर्यावरण मंत्री, पर्यावरण सचिव, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष व संबंधित राज्यों के अधिकारीयों के साथ-साथ कॉर्पोरेशन सिटीस व डीडीए, एनडीए ऐजेंसीयों के प्रमुख इस मीटींग में सभी उपस्थित रहेंगे।

1 अक्टूबर को होने वाली मीटींग में प्रकाश जावडेकर ने बताया की सभी ऐजेंसीयों को हमनें 2016 शॉर्ट टर्म, मिड टर्म और लौंग टर्म प्लान बनाने की अनुमति प्रदान की थी। उनके द्वारा पिछले दो सालों में किए गए काम का रिव्यू 1 अक्टूबर को होने वाली मीटींग मे किया जाएगा, जिससे सभी राज्यों और ऐजेंसीयों को पता चलेगा कि उन्होंने क्या किया और आगे क्या करना है।

वर्ष 2016 में नेशनल एअर क्वालिटी इंडेक्स पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लौंच किया गया था। इससे पहले यह प्रदूषण की गिनती एअर क्वालिटी इंडेक्स की रूप में नहीं होती थी।

इस साल कैबिनेट सेक्रेटरी की अध्यक्षता में एक बैठक हुई, प्रीसिंपल सेक्रेटरी की अध्यक्षता में एक बैठक हुई, एडवाइजर पी.के.सिन्हा की अध्यक्षता में एक बैठक हुई, पर्यावरण सचिव की एक बैठक, और सीपीसीबी (केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) ने चार बैठके की है।

इन बैठकों में केंद्र सरकार द्वारा प्रमुख मुद्दा प्रदूषण नियंत्रण था जिसमें प्रदूषण नियंत्रण करने के लिए बदरपुर पॉवर प्लांट बंद किया गया और एनसीआर में जो पॉवर प्लांट इमपेक्ट करते है उन्हें भी बंद किया गया जिसमें सोनीपत का पॉवर प्लांट भी शामिल है।

मोदी सरकार ने 15 साल से लंबित पेरीफेरल एक्सप्रेसवे का काम किया जिसमें 8000 ट्रक जिनका दिल्ली में किसी भी प्रकार का काम नहीं होता था और वे केवल दिल्ली से गुज़रते थे दूसरे राज्यों मे जाने के लिए जिससे दिल्ली में प्रदूषण होता था इन सभी ट्रको पर भी रोक लगाई गई है। इसके साथ-साथ प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए BS- 6 वाहन व तेल भी लाए गए थे जिससे प्रदूषण में कमी भी आई है। देश में आज 3 लाख इलैक्टीक वाहन आ गए है। दिल्ली में इनकी संख्या ज्यादा है। इसके साथ ही इलैक्ट्रीक ई-रिक्शा और ई-टू-विलर सबसे ज्यादा आए है। जिससे प्रदूषण को रोकने में मदद मिली है।

वर्ष 2016 में कंस्ट्रक्शन और डेमोलिशन के रूल भी लाए गए जिसमें भवन निर्माण और तोड़ते समय उड़ने वाली धूल को ढक कर कार्य किया जाए जिससे धूल बाहर तक ना उड़े व भवन के तोड़ने पर निकलने वाला रोड़ा केवल फैक्ट्रीयों में भेजा जाए ।

3000 ईंट बट्टों का झिक-झैक टैक्नोलोजी से एक काम ऐसा किया है जिससे ईंट-भट्टों के प्रदूषण में कमी आई है। 3000 उद्योगों को पाईप एंड नेचुरल गैस दिया जा रहा है। जिसके कारण प्रदूषण में कमी आई है। हाउसिंग मिनिस्ट्री ने नगर निगम को इन क्षेत्रों में 400 करोड़ से अधिक योजना मंजूर की है जिसके माध्यम से और अधिक स्वीपर्स लगेंगे और धूल का निपटारा होगा।

टीएमसी सांसद नुसरत के दुर्गा बनने से देवबंदी उलमा खफा

पहली बार नहीं है कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद नुसरत जहां धार्मिक क्रियाकलापों के चलते विवादों में आई हों। इससे पहले भी वे अपने नाम के चक्कर में उलमा और कट्टरपंथियों के गुस्से का सामना कर चुकी हैं। अब एक बार फिर उनके दुर्गा का रूप धारण किए जाने और उसकी फोटो व वीडियो सोशल मीडिया में शेयर करने से देवबंद के उलमा ने नाराजगी जताई है।

देवबंद के उलमा का कहना है कि नुसरत जहां के दुर्गा का रूप धारण करने जैसा कार्य उन्हें शोभा नहीं देता, इसलिए उन्हें अल्लाह से तौबा करनी चाहिए।

जमीयत दावतुल मुस्लिमीन के संरक्षक और मशहूर आलिम-ए-दीन मौलाना कारी इसहाक गोरा ने कहा इस्लाम में किसी की जाती जिंदगी में दखल देने की इजाजत नहीं है। नुसरत जहां के कार्यों को लेकर लोग ऐतराज कर रहे हैं।

उलमा का कहना है कि इस्लाम में कुछ ऐसी पाबंदियां हैं, जिन्हें मुसलमान नहीं कर सकता। मदरसा जामिया शेख उल हिंद के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती असद कासमी ने कहा, इस्लाम में दूसरे धर्म में जिन परंपराओं की मनाही है, नुसरत लगातार उनका अनुपालन कर रही हैं।

दरअसल, इंस्टाग्राम पर सांसद नुसरत जहां ने दुर्गा रूप धारण की तस्वीरें शेयर की थीं। इसके बाद से सोशल मीडिया पर ही उनकी ईमानदारी पर सवाल उठाया गया, साथ ही जान से मारने तक की धमकी दी गई। सागर हुसैन नामक इंस्टाग्राम यूजर ने नुसरत जहां से बंगाली में सवाल करते हुए पूछा, तुम मुस्लिम होने के बावजूद हिंदुओं का समर्थन क्यों करती हो? वहीं नुसरत के हाथ में त्रिशूल की ओर इशारा करते हुए, एम अनवर ने लिखा, जब तुम मुस्लिम हो तो तुम्हारे हाथ में यह कैसे हो सकता है?

यूपी के हाथरस में गैंगरेप, हैवानियत का शिकार लड़की की मौत, प्रियंका गांधी का योगी सरकार पर हमला

उत्तर प्रदेश के हाथरस में दो सप्ताह पहले गैंगरेप और हैवानियत का शिकार हुई 19 वर्षीय दलित लड़की की मंगलवार सुबह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गयी। प्रताड़ना के दौरान लड़की को गंभीर चोटें लगी थीं और उसे दो हफ्ते अलीगढ़ अस्‍पताल में भर्ती रखने के बाद सोमवार को ही दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस बीच कांग्रेस की यूपी के प्रभारी प्रियंका गांधी ने इस लड़की से हुई ज्यादती पर योगी सरकार पर जबरदस्त हमला बोला है। प्रियंका एकाध दिन में इस लड़की के परिवार से मिलने हाथरस भी जा रही हैं।

याद रहे लड़की के साथ 14 सितंबर को चार युवकों ने न केवल गैंगरेप किया बल्कि उसके साथ इतनी दरिंदगी की कि सुनकर रूह कांप उठे। आरोपियों ने उसकी जीभ काट डाली और उसकी गर्दन भी तोड़ दी। इन चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। दलित युवती की मौत ने योगी सरकार को हिलाकर रख दिया है क्योंकि कांग्रेस महासचिव और यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा है।

प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था की हालत बेहद खराब हो चुकी है। महिलाओं की सुरक्षा का नाम-ओ-निशान नहीं है। उन्होंने सीधी सीएम योगी पर निशाना साधते हुए कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के प्रति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जवाबदेही है।

कांग्रेस नेता ने ट्वीट कर योगी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा – ‘हाथरस में हैवानियत झेलने वाली दलित बच्ची ने सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया। दो हफ्ते तक वह अस्पतालों में जिंदगी और मौत से जूझती रही। हाथरस, शाहजहांपुर और गोरखपुर में एक के बाद एक रेप की घटनाओं ने राज्य को हिला दिया है। यूपी में कानून व्यवस्था हद से ज्यादा बिगड़ चुकी है। महिलाओं की सुरक्षा का नाम-ओ-निशान नहीं है। अपराधी खुले आम अपराध कर रहे हैं। इस बच्ची के क़ातिलों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश की महिलाओं की सुरक्षा के प्रति आप जवाबदेह हैं।”

उधर बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी ट्वीट करके इस घटना पर अफ़सोस जताया है। उन्होंने कहा कि वे यूपी के हाथरस में गैंगरेप के बाद दलित पीड़िता की आज हुई मौत की खबर बहुत दुखी हैं। उन्होंने सरकार से पीड़ित परिवार की हर संभव सहायता करने और फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाने की मांग की है।

प्रियंका गांधी का ट्वीट –

Priyanka Gandhi Vadra
@priyankagandhi
Sep 29, 2020
हाथरस में हैवानियत झेलने वाली दलित बच्ची ने सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया। दो हफ्ते तक वह अस्पतालों में जिंदगी और मौत से जूझती रही। हाथरस, शाहजहांपुर और गोरखपुर में एक के बाद एक रेप की घटनाओं ने राज्य को हिला दिया है। …यूपी में कानून व्यवस्था हद से ज्यादा बिगड़ चुकी है। महिलाओं की सुरक्षा का नाम-ओ-निशान नहीं है।अपराधी खुले आम अपराध कर रहे हैं। इस बच्ची के क़ातिलों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।

विश्व ह्रदय दिवस: हार्ट रोग से बचना है तो रोज करें व्यायाम

विश्व ह्रदय दिवस के अवसर पर आज डाक्टरों ने कहा कि कोरोना काल में हार्ट रोगियों को अपने स्वास्थ्य की विशेष देखभाल करने की जरूरत है क्योंकि जरा सी लापरवाही घातक हो सकती है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के हार्ट रोग विशेषज्ञ डाँ राकेश यादव ने बताया कि जागरूकता के अभाव में और खानपान में तलीय पदार्थो के अत्याधिक सेवन से हार्ट रोग जैसी बीमारी पनप रही है।

मैक्स अस्पताल के हार्ट रोग सर्जन डाँ रजनीश मल्हौत्रा का कहना है कि देश में युवाओं में हार्ट रोग के बढ़ते मामलों का एक कारण ये है कि हार्ट रोग के लक्षणों को नजर अंदाज करते है और समय पर इलाज कराने से बचते है जो उनके लिये घातक होता है। जैसे जबड़े व वाये हाथ के दर्द के नजरअंदाज करना, घबराहट के साथ पसीना का आना आदि शामिल है।

जाने –माने हार्ट रोग विशेषज्ञ डाँ अनिल ढ़ल का कहना है कि एक दौर था जब हार्ट रोग का इलाज बढ़ा माना जाता था पर आज चिकित्सा क्षेत्र में हो रही तरक्की  से और नये –नये शोधों से हार्ट रोग का इलाज सरल हुआ है। इंडियन हार्ट फाउण्डेशन के चैयरमेन डाँ आर एन कालरा का कहना है कि कोरोना काल में लोगों में एक में लोगों ने अपने स्वास्थ्य पर ध्यान तो दिया है लेकिन इलाज कराने से बचें है। उन्होंने कहा कि कोई भी रोग हो उसका इलाज जरूर करवाये। मधुमेह रोगी, उच्च रक्त चाप और मोटापा रोग से पीड़ित मरीज अपने स्वास्थ्य का चैकअप जरूर साल में एक बार करवायें । कोलेस्ट्राल को ना बढ़ने दें और व्यायाम प्रतिदिन 40 मिनट हर रोज करें। कोरोना का भी असर हार्ट पर होता है। इसलिये हार्ट रोगीको अगर सांस लेने में दिक्कत में होती है तो निश्चित तौर अपने हार्ट का चैकअप करवायें।डाँ आर एन कालरा का कहना है कि हार्ट रोग से बचना है तो नियमित व्यायाम करें।

‘इतनी शक्ति हमें दे न दाता’ के गीतकार अभिलाष नहीं रहे

चर्चित गीतकार ओम प्रकाश ‘अभिलाष’ का रविवार रात निधन हो गया। लॉकडाउन लगने के दौरान उनके पेट के ट्यूमर का ऑपरेशन हुआ था, इसके बाद बाद से ही उनकी तबीयत ठीक नहीं चल रही थी। उनकी पहचान एक अच्छे गीत गाने वालों और मुशायरों में शिरकत करने वाले के तौर पर की जाती है।
13 मार्च 1946 को दिल्ली में जन्मे अभिलाष ने महज 12 साल की उम्र में कविताएं लिखनी शुरू कर दी थीं। 14-15 साल की उम्र में ही मंच पर कविता पाठ करने लगे। उनका असली नाम ओम प्रकाश है। अभिलाष नाम उनको दोस्तों का दिया है, जो उनके पहले गाने की रिकॉर्डिंग के बाद उनका नाम ओम प्रकाश एलबम में नहीं देना चाहते थे। ओम प्रकाश का एक तखल्लुस ‘अजीज’ भी रहा। ओमप्रकाश ‘अजीज’ के नाम से उनकी गजलें, नज्में और कहानियां कई पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुईं।
मुशायरों में वे अजीज देहलवी नाम से शिरकत करते थे। वह मन ही मन साहिर लुधियानवी को अपना उस्ताद मानते रहे। दिल्ली के एक मुशायरे में साहिर लुधियानवी से मिलकर नौजवान शायर अजीज देहलवी ने उनका आशीर्वाद लिया और अपनी कुछ नज्में सुनाईं। साहिर ने कहा, ‘मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मैं अपाकी जुबां से अपनी नज्में सुन रहा हूं। तुम अपना रास्ता अलग करो। ऐसी गजलें और नज्में लिखो जिसमें तुम्हारा अपना रंग दिखाई पड़े। इसके बाद उन्होंने अपनी शैली में ही लेखन किया।
तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने उनकी प्रतिभा को पहचानकर उन्हें कलाश्री सम्मान से नवाजा था। ज्ञानी जैल सिंह ने मंच से इस बात का जिक्र किया कि अभिलाष का लिखा विश्व प्रसिद्ध गीत ‘इतनी शक्ति हमें दे न दाता’ देश के 600 विद्यालयों में तब प्रार्थना गीत के रूप में गाया जाता था। अब तो इनकी संख्या हजारों में पहुंच चुकी है। इतना ही नहीं, विश्व की आठ भाषाओं में इस गीत का अनुवाद  किया जा चुका है।
बता दें कि संगीतकार कुलदीप सिंह ने ‘इतनी शक्ति हमें दे न दाता’ गीत को एन चंद्रा की फिल्म अंकुश के लिए संगीतबद्ध किया था। उन दिनों फिल्म ‘साथ साथ’ में कुलदीप का संगीत सुपर हिट हो चुका था। कुलदीप ने इस गीत के लिए पारिश्रमिक भी नहीं लिया था। यह गीत इतना हिट हुआ कि हर भारतीय की जुबां पर चाहे बच्चा हो या युवा अथवा बुजुर्ग सभी इसे गुनगुनाते मिले।

किसान कानूनों के खिलाफ देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन, मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह धरने पर बैठे

कृषि कानून, जिन्हें मोदी सरकार ने संसद में पास करवाया है, के खिलाफ आंदोलन अब देश के अन्य हिस्सों में भी फैलने लगा है। बता दें राष्ट्रपति ने भी इन बिलों को मंजूरी दे दी है जिसके बाद अब यह क़ानून बन गए हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह आज कृषि क़ानून के खिलाफ धरने पर बैठे, वहीं दिल्ली में युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने एक ट्रैक्टर जला दिया जिसके बाद पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। उधर कर्नाटक, तमिलनाड और महारष्ट्र में भी किसान संगठनों का आंदोलन जोर पकड़ गया है। कांग्रेस ने 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर देशव्यापी प्रदर्शन की योजना बनाई है।

पंजाब में कृषि कानूनों के खिलाफ सत्तारुढ़ कांग्रेस ने शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती पर उनके जन्मस्थान पर धरना दे रही है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, पंजाब कांग्रेस प्रभारी महासचिव और उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत, पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ के साथ मंत्री, विधायक और कांग्रेस कार्यकर्ता भगत सिंह के गांव खटकर कलां में धरने पर बैठ गए हैं।

अमरिंदर ने भगत सिंह की प्रतिमा के आगे श्रद्धांजलि अर्पित की। पंजाब प्रभारी बनने के बाद पहली बार पंजाब पहुंचे हरीश रावत ने स्वर्ण मंदिर में माथा टेककर अपने दौरे की शुरुआत करनी थी लेकिन बाद में उनका कार्यक्रम पंजाब में कृषि कानून को लेकर उग्र विरोध प्रदर्शन को देखते हुए धरने में बैठने का बनाया गया।

पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा – ‘रावत को यहाँ (खट्करकलाँ) लाने का मकसद किसानों की ऊर्जा को दिशा देना है। वह एक परिपक्व नेता हैं और केंद्र के खिलाफ किसानों की नाराजगी को रास्ता दिखाकर अब इसका हल ढूंढ़ने पर जोर दिया जा रहा है। जाखड़ के मुताबिक कांग्रेस 2 अक्टूबर को देशभर में प्रदर्शन की योजना बना रही है।

इस बीच राजधानी दिल्ली में इंडिया गेट पर पंजाब यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कृषि कानून के खिलाफ उग्र प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने ट्रैक्टर जला दिया। इस दौरान पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज भी किया। प्रदर्शन और ट्रैक्टर जलाने के मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ये सभी पंजाब के रहने वाले हैं।

जम्मू कश्मीर में भी कृषि कानून के खिलाफ कांग्रेस ने प्रदर्शन किया है। जम्मू कश्मीर के सांबा में ऑल जेके किसान संघ ने नए कृषि कानून का विरोध में प्रदर्शन किया। कानून का विरोध करते हुए कार्यकर्ताओं ने कहा कि देश के 70 फीसदी लोग खेतीबारी करते हैं लेकिन सरकार ने मात्र पांच फीसदी लोगों को खुश करने के लिए किसान विरोधी कानून पास किया है। छत्तीसगढ़ किसान यूनियन पांच अक्टूबर को अपना विरोध दर्ज करेगी।

तमिलनाड में कृषि कानून के खिलाफ किसान विरोध में उतर आये हैं। डीएमके अध्यक्ष एमके स्टॉलिन भी किसानों के साथ विरोध में शामिल हुए। उन्होंने कहा – ‘पड़ोसी राज्य केरल कानून के खिलाफ कोर्ट जाने की तैयारी कर रहा है। हम भी अपनी सरकार से इस मामले को कोर्ट में ले जाने की बात करेंगे और नहीं तो सारे विपक्षी दल मिलकर कोर्ट जाएंगे।’
उधर कर्नाटक में कृषि बिल, भूमि सुधार अध्यादेशों, कृषि उपज मंडी समिति में संशोधन और श्रम कानूनों के विरोध में, आज किसान संगठनों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। राज्य सरकार ने कहा कि बंद के दौरान सरकारी दफ्तर खुले हैं और आवश्यक सेवाएं जारी हैं।

इस बीच महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में नये कृषि कानून को लागू नहीं करने का एलान किया है। सरकार ने कहा – ‘यह किसान विरोधी कानून है इसलिए इसे राज्य में लागू नहीं किया जाएगा। महाविकास अगाड़ी भी राज्य में इस कानून के लागू होने का विरोध कर रहा है। महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री बाला साहब थोराट ने कहा – ‘हम सभी एक साथ बैठकर इसके लिए रणनीति तैयार करेंगे।’

जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया पत्रकार न्यायिक हिरासत में भेजा

चीन के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार एक पत्रकार राजीव शर्मा को दिल्ली की एक अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। उसे पुलिस ने सरकारी गोपनीयता कानून के तहत जासूसी के मामले में गिरफ्तार किया था।

गिरफ्तार स्वतंत्र पत्रकार के वकील आदिश अग्रवाल के मुताबिक अदालत ने मामले में दो सह आरोपियों – चीनी महिला क्विंग शी और उसके नेपाली सहयोगी – को भी न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। बता दें दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने बताया था कि 14 सितंबर को गिरफ्तार इस पत्रकार के पास से रक्षा संबंधी कुछ गुप्त दस्तावेज बरामद हुए थे। पुलिस के मुताबिक उसके साथ गिरफ्तार दो अन्य आरोपी फ़र्ज़ी कंपनियों के जरिए पत्रकार राजीव को बड़ी रकम का भुगतान कर रहे थे।

राजीव के वकील के मुताबिक रविवार रात उन्हें (राजीव) अदालत में पेश करते हुए जांच अधिकारी ने कहा कि अब आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत नहीं है।

याद रहे गुरूवार को अदालत ने सुनवाई राजीव के खिलाफ एफआईआर के तथ्यों को  संवेदनशील तो बताया था लेकिन साथ ही कहा था कि यह आधे-अधूरे हैं। अदालत ने कहा कि प्रेस रिलीज से एफआईआर को मिलाने पर इसकी जानकारी अधूरी लगती है क्योंकि इसमें केस की जांच के संबंध में जानकारी नहीं दी गई है। दिल्ली पुलिस ने आरोपियों को एफआईआर की कॉपी देने की मांग का विरोध किया था और कहा था कि इससे मामले की जांच प्रभावित होगी। हालांकि, कोर्ट ने आरोपियों को एफआईआर की कॉपी देने की हिदायत दी थी लेकिन साथ ही कहा था कि बचाव पक्ष के वकील इसे सार्वजनिक न करें।

बिहार चुनाव में अटकलों और असमजंस का दौर अपने-अपने सहयोगियों को लेकर

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राजग और महागठबंधन में अभी असमजंस और अटकलों का दौर इस बात को लेकर ही चल रहा है कि दोनों दलों में गठबंधन जस का तस ही रहेगा, कि आया राम और गया राम वाली स्थिति बनेगी। राजग का दावा है कि इस बार पिछले चुनाव की अपेक्षा ज्यादा मजबूती से जीत होगी। वहीं महागठबंधन का अगर चेहरा तेजस्वी यादव होते है तो चुनाव परिणाम चौकांने वाले होगे। भाजपा के नेता व केन्द्रीय फिल्म बोर्ड के सदस्य राजकुमार सिंह का कहना है कि टिकटों को लेकर भले ही सहयोगियों में अनमन होती है, जैसे ही चुनाव अपने रंग में रंगने लगता है वैसे ही सहयोगी दल चुनाव को जिताने में एक जुट होकर चुनाव जीतने में लग जाते है। लोजपा के नेता राम विलास पासवान और उनका बेटा चिराग पासवान किसी भी हालत राजग से अलग नहीं होगे। भाजपा और जेदयू के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगे। वहीं कांग्रेस के नेता अविनाश पांडे का कहना है कि महागठबंधन का चेहरा तेजस्वी यादव ही होगें। राजद के नेता भानु प्रसाद का कहना है कि पिछले चुनाव में राजद चुनाव दमदार और शानदार जीता था। लेकिन नीतिश कुमार ने ही स्वार्थी राजनीति के कारण राजद से नाता तोड़ा था। अब जनता समझ गयी है राजग की नीति को, इस बार राजग को किसान, बेरोजगार और कोरोना काल में जो सरकार द्वारा कोई विशेष ध्यान बिहार के लोगों पर नहीं दिया गया उससे बिहार और केन्द्र की सरकार से जनता त्रस्त है।

बताते चलें कि अभी राजग में लोजपा चिराग पासवान तो महागठबंधन में आरएलएसपी के मुखिया उपेन्द्र कुशवाहा चुनाव में अहम् व निर्णायक भूमिका में साबित हो सकते है।

कंधार विमान हाईजैक के बाद यात्रियों को छुड़ाने वाले पूर्व मंत्री जसवंत सिंह का निधन

अटल सरकार में रक्षा, विदेश और वित्त मंत्रालय संभाल चुके पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह का रविवार सुबह निधन हो गया। वह 82 वर्ष के थे।
तीन जनवरी, 1938 को राजस्थान के बाड़मेर जिले के जसौल गांव में जन्मे जसवंत सिंह ने अजमेर के मायो कॉलेज से बीए और बीएससी की डिग्री हासिल की। जसवंत सिंह ने सेना के अफसर के तौर पर देश की सेवा की और सेवानिवृत्त हुए।  सिंह भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। जसवंत सिंह भारत के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले सांसदों में से एक थे। 1980 या 2014 के बीच वह कभी उच्च सदन के सदस्य रहे या फिर वह निचले सदन के सदस्य रहे।
जसवंत सिंह के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दुख जताया है। पीएम मोदी ने कहा, जसवंत सिंह जी ने पूरी लगन के साथ हमारे देश की सेवा की। पहले एक सैनिक के रूप में और बाद में राजनीति के साथ अपने लंबे जुड़ाव के दौरान। वहीं, रक्षा मंत्री ने कहा, पूर्व मंत्री श्री जसवंत सिंह जी के निधन से गहरा दुख हुआ। उन्होंने रक्षा मंत्रालय के प्रभारी सहित कई क्षमताओं से देश की सेवा की।
भैरों सिंह शेखावत ने जसवंत की जनसंघ में एंट्री कराई थी। इसके बाद जी दफा कभीब्लोकसभ तो कभी राज्यसभा सांसद रहे। अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री बनने पर जसवंत सिंह 5 दिसंबर, 1998 से 1 जुलाई, 2002 तक भारत के विदेश मंत्री रहे। इस पद पर रहते हुए जसवंत ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति का निपटान किया। जुलाई 2002 में, जसवंत सिंह फिर से वित्त मंत्री बने। उन्होंने मई 2004 तक वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया।
आतंकियों को लेकर कंधार गए थे जसवंत
जसवंत सिंह ने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में विदेश, रक्षा और वित्त जैसे तीन अहम विभागों को संभाला। जब 24 दिसंबर, 1999 को इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट नंबर आईसी-814 को हाईजैक करके अफगानिस्तान के कंधार ले जाया गया था। इस दौरान यात्रियों को आतंकियों के चंगुल से छुड़ाने के लिए भारत सरकार को तीन खूंखार आतंकियों को छोड़ना पड़ा था। जिन आतंकियों को छोड़ा गया था, उनमें मुश्ताक अहमद जरगर, अहमद उमर सईद शेख और मौलाना मसूद अजहर शामिल थे। इन्हें कंधार तक खुद जसवंत सिंह ही लेकर गए थे।
विवाद के बाद पार्टी ने निकाला
जसवंत सिंह विवादों में घिर गए, जब उनकी पुस्तक ‘जिन्नाह: इंडिया-पार्टिशन-इंडिपेंडेंस’ में दावा किया गया कि विभाजन के लिए पंडित जवाहरलाल नेहरू की केंद्रीकृत राजनीति जिम्मेदार थी। अपनी किताब में जसवंत ने मोहम्मद अली जिन्ना की तारीफ की। इसके बाद भाजपा ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया। हालांकि, 2010 में उन्हें फिर से भाजपा में शामिल किया गया। 2014 में उन्हें भाजपा ने लोकसभा चुनाव का टिकट नहीं दिया। निर्दलीय चुनाव लड़े, लेकिन हार गए।

किसान आंदोलन के बीच अकाली दल एनडीए से बाहर निकला

भाजपा को एक बड़ा झटका लगा है। उसके सबसे पुराने सहयोगी अकाली दल ने भाजपा और एनडीए से नाता तोड़ लिया है। मोदी सरकार के कृषि बिलों के देशव्यापी विरोध के बीच भाजपा को यह झटका मिला है।

पंजाब, जहां अकाली दल का एकमात्र बड़ा आधार है, में आंदोलन की धार देखते हुए अकाली दल को यह फैसला करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। कुछ दिन पहले ही कृषि बिलों के खिलाफ अकाली मंत्री हरसिमरत कौर ने अपने पद से इस्तीफा भी दे दिया था।

चंडीगढ़ में अकाली दल की आज हुई कोर कमेटी की बैठक में यह फैसला किया गया है। अपने 40 साल पुराने साथी को झटका देते हुए अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने साफ़ कहा कि भाजपा अर्थात मोदी सरकार ने इस बिल को लेकर अपने सहयोगियों से सलाह नहीं की।

इस तरह बिहार चुनाव से पहले भाजपा को यह बड़ा झटका लगा है। सुखबीर ने कहा कि उनकी पार्टी पूरी पंजाब में इस बिल के खिलाफ आंदोलन करेगी। हालांकि, किसान पहले से ही पंजाब में मोदी सरकार के कृषि बिलों के खिलाफ जबरदस्त आंदोलन कर रहे हैं। हाल में सुखबीर के गृह गाँव बादल में एक किसान ने इसी मुद्दे पर आत्महत्या का रास्ता अपना लिया था।

पंजाब में अकाली दल बहुत दबाव में है। वहां कांग्रेस पहले से मोदी सरकार के तीनों कृषि बिलों के खिलाफ बोल रही है। कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार जो बिल संसद में लाई उसमें अकाली दल का पूरा समर्थन रहा। उस वक्त अकाली दल ने कोई विरोध नहीं किया। अब वो आंदोलन करने का नाटक कर रही है क्योंकि उसके नीचे से ज़मीन खिसक चुकी है।

सुखबीर ने कहा कि वो किसानों की पार्टी है लिहाजा इसके विरोध में भाजपा और एनडीए दोनों से बाहर जाने का फैसला उसने किया है। इस तरह निश्चित ही भाजपा को झटका लगा है। सुखबीर ने कहा कि खेती-किसानी पंजाब की जान है।