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राहुल गांधी ने वायनाड में बाढ़ में उजड़ी बहनों को मकान की चाभी सौंपी, कमलनाथ के इमरती पर ब्यान को गलत बताया

अपने लोकसभा हलके वायनाड के तीन दिन के दौरे पर गए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जहां बाढ़ में सब कुछ खो देने वाली दो बहनों से उन्हें मकान देने का अपना वादा पूरा किया वहीं उन्होंने एक बार फिर मोदी सरकार के कृषि बिलों की भी जमकर आलोचना की और इन्हें किसानों के खिलाफ बताया। राहुल ने आज प्रेस कांफ्रेंस में पूर्व सीएम कमलनाथ के भाजपा नेता इमरती देवी को लेकर की टिप्पणी को भी दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि वे किसी भी महिला के लिए ऐसी भाषा के इस्तेमाल को गलत मानते हैं। साथ ही राहुल गांधी ने मोदी के सरकारी एजंसियों के गलत इस्तेमाल का भी आरोप लगाया है।

पहले दिन राहुल गांधी ने सोमवार को अपना वादा निभाते हुए केरल में दो बहनों को एक नए घर की चाबी सौंपी। इन दोनों बहनों ने पिछले साल कवलपारा भूस्खलन में अपने सभी रिश्तेदारों को खो दिया था। के काव्या और कार्तिका नामक यह दो बहनें  पिछले साल प्रकृति के प्रकोप से बच गई थीं क्योंकि वे एक छात्रावास में रहकर अपनी पढ़ाई कर रही थीं। राहुल गांधी ने पिछले साल दोनों लड़कियों से मुलाकात की थी और उन्हें एक नया घर देने का वादा किया था।

पिछले साल हुए भूस्खलन में लड़कियों ने अपनी सारी संपत्ति और रिश्तेदारों को खो दिया था। आखिरकार एक साल बाद राहुल गांधी का उनसे किया गया वादा पूरा हुआ। पिछले साल भारी वर्षा के बाद कवलपारा में पहाड़ का एक हिस्सा गिरने से कम से कम 59 लोग मारे गए थे। इसी तरह, वायनाड के पुथुमाला में इसी दौरान एक और भूस्खलन में 17 लोग मारे गए थे। इसके अलावा राहुल गांधी ने मलप्पुरम कलेक्ट्रेट में साप्ताहिक कोविड-19 की समीक्षा बैठक में भाग लिया।

राहुल ने मंगलवार को अब से कुछ देर पहले एक प्रेस कांफ्रेंस को सम्बोधित किया में उन्होंने कमलनाथ के भाजपा नेता इमरती देवी को लेकर की टिप्पणी को भी दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि वे किसी भी महिला के लिए ऐसी भाषा के इस्तेमाल को गलत मानते हैं। एक पत्रकार ने उनसे इसे लेकर सवाल पूछा था। प्रेस कांफ्रेंस में राहुल ने केंद्र के कृषि कानूनों की भी आलोचना की और इन्हें किसानों के लिए घातक बताया।

साथ ही राहुल गांधी ने मोदी के सरकारी एजंसियों के गलत इस्तेमाल का भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा जब भी कोई बात होती है, सरकार लोगों का ध्यान हटाने के लिए अपनी एजंसियों को  सक्रिय कर देती है।

मंगलवार को राहुल गांधी ने वायनाड में कोरोना संकट को लेकर बैठक भी की।  वायनाड के कलेक्ट्रेट में राहुल गांधी ने अधिकारियों के साथ कोरोना पर मंथन किया और क्षेत्र के हालात को जाना। अपने दौरे के दौरान राहुल गांधी लोगों से मिलेंगे, अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। कोरोना संकट पर बैठक के अलावा राहुल गांधी दिशा योजना को लेकर बैठक करेंगे, जिसमें महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर तैयार किए जा रहे हैं।

कोरोना काल: 10 रुपये प्लेट बिरयानी बेचने वाला गिरफ्तार

तमिलनाडु के विरुधुनगर जिले में कोरोना काल में एक अलग तरह का वाकया सामने आया है। यहां प्रमोशन के लिए एक दुकानदार ने 10 रुपये में एक प्लेट बिरयानी बेचने का जोरदार प्रचार किया। लेकिन शायद उसे भी अंदाजा नहीं था कि यही प्रमोशन उसके लिए परेशानी का सबब बन सकता है।

दरअसल, यह आॅफर दुकान के उद्घाटन अवसर पर था, लेकिन पहले ही दिन बिरयानी बेचने वाले शाॅपकीपर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। चूंकि इतनी सस्ती बिरयानी का आॅफर मिला तो लोग टूट पड़े। ऐसे में उसकी दुकान पर बिरयानी खाने वाले और खरीदने वालों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। इसी भारी भीड़ के चलते प्रोटोकाॅल का उल्लंघन हुआ ओर पुलिस ने 10 रुपये प्लेट बेच रहे दुकान मालिक को हिरासत में लिया।

शाॅपकीपर जहीर हुसैन ने विज्ञापन दिया कि अरुप्पुकोट्टई स्थित उसकी दुकान में दस रुपये प्लेट बिरयानी सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे तक मिलेगी।
इस दो घंटे के विशेष आॅफर के बीच लोगों को तांता लग गया। कई लोग तो सुबह से ही दुकान के बाहर खड़े हो गए थे। भीड़ इतनी ज्यादा बढ़ गई कि पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।
दुकान के बाहर सैकड़ों लोगों के जमा होने से जाम लग गया। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य कोरोना प्रोटोकाॅल की धज्जियां उड़ीं। सड़क पर भीड़ जमा होने से ट्रैफिक थम गया। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस फोर्स ने दस्तक दी। पुलिस ने बताया कि दस रुपये प्लेट बेचने के लिए दुकान मालिक ने 2500 बिरयानी के पैकेट तैयार कराए थे। 30 मिनट में ही आधे से ज्यादा पैकेट बिक गए। इसलिए भीड़ और ज्यादा बढ़ गई। बाद में पुलिस ने दुकानदार से बााद की और फिर विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर उसे थाने ले गई।

प्रधानमंत्री पुरस्कार योजना की अस्पष्ट नियमावली सवालों के घेरे में

अजीब बिडम्बना कहें कि सरकार की अनदेखी कि लोक प्रशासन में उत्कृष्ता के लिये प्रधानमंत्री पुरस्कार योजना की आवेदन व चयन प्रक्रिया को लेकर सीनियर लोक प्रशासकों ने आपत्ति व्यक्त की है। आवेदन करने वाला कौन होना चाहिये इसे निर्धारित करने वाले नियम कुछ अस्पष्ट है। ऐसे में उन अफसरों  में असंतोष है जिनके उत्कृष्ट कार्य इस पुरस्कार से वंचित रह गये है अथवा जिन्हें इस नियम का हवाला देकर प्रक्रिया से हटा दिया गया है। ऐसा ही मामला बुन्देलखण्ड के हिस्से वाले उत्तर –प्रदेश के बांदा जिले का है। जिसके आवेदन को चयन प्रक्रिया के अंतिम दौर में पहुंच जाने पर हटा दिया है। इसी तरह तीन अन्य जिलों का भी यही हाल हुआ है।

बताते चलें अप्रैल 2018 से मार्च 2020 की अवधि में जिलों व अन्य सरकारी संस्थाओं द्वारा  संपन्न उत्कृष्ट कार्यों के लिये आँनलाइन आवेदन की प्रक्रिया अगस्त में पूरी हई । जिसके बाद चयन प्रक्रिया का चार चरण का दौर चला अब 31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री कुल 15 पुरस्कार प्रदान करेगें। जो प्रक्रिया में अंतिम निर्णयकर्ता भी है।

इस मामले में एक बात तो स्पष्ट है कि सरकार की अस्पष्ट नीतियों के कारण कुशल प्रशासक प्रोत्साहन पाने से वंचित रह जायेगे। क्योंकि ये बात तो सामने आयी है कि योजना कि आवेदन विषयक नियमावली में इसे अस्पष्टता है। कि चिहिंत  अवधि में संपन्न विशिष्ट कार्य के लिये  आवेदन कर्ता  अफसर कौन होगा। जिले के लिये लिखा गया है कि आवेदन जिलाधिकारी को करना है, किंतु इससे यह स्पष्ट नहीं होता कि किस जिलाधिकारी को। उसे जिसने उक्त अवधि में जिले में वह विशिष्ट कार्य सृजित –क्रियान्वित किया है। या  उसे जो वर्तमान में वहां पदस्थ है।भले ही उक्त अवधि के दौरान वह वहां पदस्थ न रहा हो और न ही उस कार्य को उसने सृजित व क्रियान्वित ही किया हो।

इस मामले में सीनियर अफसर का कहना है कि अफसरों का तबादला एक बड़ा कारण है जिसकी वजह से पुरस्कार योजना में तामाम तरह से अनदेखी होने लगती है जो सही मायने में अफसर काम करते है उनमें उत्साह आदि कम होने लगता है।

पीएम मोदी का आज राष्ट्र के नाम संदेश

चीन से तनाव और कोरोना के पिछले दिनों में घटे मामलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम 6 बजे राष्ट्र के नाम संबोधन करेंगे।

खुद मोदी ने ट्वीट करके यह जानकारी दी है। अभी यह पता नहीं है कि उनका सन्देश किस विषय पर होगा। बिहार चुनाव से पहले मोदी के इस संदेश को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हो सकता है कि वे सरकार के उन उपायों के बारे में बताएं जिन्हें उपलब्धि कहा जा सकता है।

वैसे कोरोना की बात करें तो देश भर में कुल मामले 75 लाख  पहुँच चुके हैं और मरने वालों की संख्या भी एक लाख के -पर जा चुकी है। पिछले दिनों में हालांकि, अचानक इन मामलों में कमी दिखी है। मोदी सरकार के कृषि कानूनों को लेकर भी काफी विवाद और विरोध हुआ है। हो सकता है मोदी इस पर भी कुछ कहें।

मोदी सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब विधानसभा में अमरिंदर ने पेश किए बिल, सिद्धू बोले बर्बाद कर देंगे केंद्र के क़ानून

पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी कृषि कानूनों को निष्प्रभावी करने  के लिए मंगलवार को सदन में एक साथ एक प्रस्ताव और तीन बिल पेश किए गए। दिलचस्प यह रहा कि सीएम से नाराज चल रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने भी मोदी सरकार के कृषि कानूनों की जमकर आलोचना की और कहा कि केंद्र के नए कानून मंडियों को बर्बाद कर देंगे।

सदन में अब आज केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों को पंजाब में निष्प्रभावी करने के लिए चर्चा चल रही है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि आपातकालीन सत्र में बिल लाने में देरी हुई। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों को वापस ले। वह इस संबंध में केंद्र को तीन पत्र भी लिख चुके हैं।

अमरिंदर ने साथ ही केंद्र के कृषि कानूनों को निष्प्रभावी करने के लिए एक साथ एक प्रस्ताव और तीन बिल पेश किए गए। स्पीकर राणा केपी सिंह ने कहा कि विधानसभा केंद्र के कानून पर गहरा खेद व्यक्त करती है। विधानसभा ने पहले भी इनके खिलाफ प्रस्ताव पास किया था, पर फिर भी केंद्र सरकार ने कानून पारित कर दिए। केंद्र ने व्यापारियों के लिए ये कानून बनाए हैं न कि खेती या किसानों के लिए।

सीएम अमरिंदर सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने संविधान का उल्लंघन किया हैं। कहा कि पंजाब ने ने देश को खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बनाया है। अब उन्हीं किसानों को बर्बाद किया जा रहा है। क्या यह इंसाफ है।

दिलचस्प यह रहा कि पिछले दिनों जिन नवोट सिंह सिद्धू की भाजपा में जाने की अटकलें लगाई जा रही थीं, उन्होंने विधानसभा में जोरदार तरीके से मोदी सरकार के कृषि कानूनों की आलोचना की। सिद्धू ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा – ‘केंद्र के नए कानून मंडियों को बर्बाद कर देंगे। जहां फ्री मंडियां हैं वहां के किसानों की हालत क्या है। जो केंद्र सरकार जीएसटी का पैसा नहीं दे रही, वह किसानों को उनके खाते में पैसे डाल देगी ? जो किसानों के साथ खड़ा होगा वही केंद्र में सरकार बनाएगा’।

विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने विधानसभा सत्र की दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू होने से पहले बिल की कॉपी न मिलने पर नाराजगी जताई। आप विधायकों ने पूरी रात विधानसभा परिसर में ही गुजारी। विपक्ष के नेता ने कहा कि आखिर कैप्टन अमरिंदर सिंह किस बात से इतना डर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब तक बिल की कॉपी विधायकों को एडवांस में नहीं मिल जाती तब तक वह उसकी तैयारी कैसे कर सकेंगे।

सत्र के पहले दिन जमकर हंगामा हुआ। पंजाब सरकार की ओर से लाए जा रहे बिल की कापी नहीं मिलने के विरोध में आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों ने सदन में रात तक धरना दिया। रात को उनसे सदन खाली करवा लिया गया जिसके बाद वे लाबी में धरने पर बैठ गए।

उधर शिअद विधायकों ने पंजाब भवन में जाने की मंजूरी न देने पर गेट के बाहर ही धरना लगा दिया। इस कारण पंजाब भवन में किसान नेताओं से बातचीत करने आए तीन कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखजिंदर सिंह रंधावा और सुखबिंदर सिंह सरकारिया लगभग बंधक बन गए। रास्ता नहीं मिलने पर वे पार्किंग क्षेत्र में से कंटीली तार हटवा कर बाहर निकले। विधानसभा सत्र से पहले आप और शिअद विधायकों ने केंद्र सरकार के नए तीन कृषि कानूनों की प्रतियां अलग-अलग जलाईं। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह संधू समेत दिवंगत  को श्रद्धांजलि दी गई।

बिहार विधानसभा चुनाव के केंद्र में कैसे आए चिराग पासवान

बिहार विधानसभा चुनाव का पहला चरण नजदीक आ गया है, इसके साथ ही चुनावी वार तेज हो गए हैं। इस बार केंद्र में हैं लोक जनशक्ति पार्टी अध्यक्ष यानी चिराग पासवान। गत 8 अक्टूबर को ज़िंदगी को अलविदा कह चुके पार्टी संस्थापक रामविलास पासवान के बेटे चिराग के दांव से सारे समीकरण बदल गए हैं।
चिराग कह रहे हैं वो एनडीए के हिस्सा हैं और सीएम नीतीश को रोज़ाना कोस रहे हैं। अपने आपको मोदी का हनुमान बता चुके हैं। नीतीश को किसी भी हाल में अगला सीएम नहीं देखना चाहते। भाजपा कह रही है, जो नीतीश को नेता नहीं मानता वो एनडीए का हिस्सा नहीं। अब इस पर राजद के तेजस्वी यादव भी कूद गए हैं।
चिराग कह चुके हैं कि रामविलास पासवान की पार्थिव देह के साथ पटना लौटे तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें अनदेखा किया और अपमानित किया। इस पर अब तेजस्वी यादव ने सोमवार को कहा कि नीतीश कुमार ने जो भी किया वह अन्याय था।
तेजस्वी बोले, “नीतीश कुमार ने चिराग पासवान के साथ जो किया वो अच्छा नहीं किया। इस समय राम विलास पासवान जी की ज़रूरत चिरागग पासवान को थी और आज उनके नहीं रहने का हम लोगों को दुख है, लेकिन जिस प्रकार का व्यवहार नीतीश जी का रहा चिराग पासवान के प्रति रहा, वो नाइंसाफी हैं।
इससे पहले, चिराग पासवान ने जब तेजस्वी यादव के विधानसभा राघोपुर सीट से अपना प्रत्याशी यह जानते हुए भी खड़ा किया कि वो सीट भाजपा के खाते में है, तब भाजपा के कई नेताओं ने उनके ऊपर ये आरोप लगाए कि वो तेजस्वी से मिले हुए हैं। सियासत में कुछ भी मुमकिन है। जब अभी चुनाव पूर्व ये हाल है तो परिणाम के बाद क्या समीकरण बनते हैं, कह नहीं सकते। भले चिराग की सीटें ज़्यादा न हों, लेकिन वोट बैंक असर डाल सकता है।

लद्दाख में भारतीय सीमा में पकड़ा गया चीनी सैनिक, गलती से आया हुआ तो वापस सौंपा जाएगा

भारत और चीन के बीच चल रहे जबरदस्त तनाव के बीच लद्दाख में एक चीनी सैनिक को पकड़ा गया है। सुरक्षा बलों ने हालाँकि, कहा है कि संभवता यह चीनी सैनिक ‘गलती’ से भारतीय सीमा में घुस आया है। इस सैनिक को तय प्रोटोकॉल के तहत सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद चीनी सेना को वापस सौंप दिए जाने की संभावना है।

जानकारी के मुताबिक यह चीनी सैनिक वास्ताविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास  लद्दाख के चुमार-डेमचोक क्षेत्र में पकड़ा गया है। अभी उससे पूछताछ की गयी है। अभी तक की जानकारी के मुताबिक चीनी सैनिक शायद गलती से भारतीय सीमा घुस  आया।

जानकारी के मुताबिक यदि यह साबित हो जाता है कि वह गलती से भारतीय सीमा में पहुँच गया तो उसे तय प्रोटोकॉल के तहत जरूरी प्रक्रियाएं पूरी करके वापस चीनी सेना को सौंप दिया जाएगा।

सीमा पर भारत-चीन के बीच जबरदस्त तनाव के बीच यह पहली ऐसी घटना है जिसमें कोई चीनी सैनिक भारतीय सीमा में पकड़ा गया है। दोनों देश सीमा पर तनाव कम करने के लिए लगातार बातचीत कर रहे हैं, हालांकि, चीन की तरफ से बहुत सकारात्मक संकेत नहीं मिले हैं। इस बीच यहाँ चीन सैनिक पकडे जानी की घटना हुई है।

सभा में किसान की मौत फिर भी भाजपा विधायक का भाषण जारी रहा, कांग्रेस ने घेरा

मध्य प्रदेश में उपचुनाव के लिए हो रही भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की जनसभा में एक किसान की मौत हो गयी लेकिन इसके बाद भी नेता मंच से भाषण देते रहे। इसे लेकर सिंधिया की आलोचना हो रही है। कांग्रेस ने इसे लेकर सिंधिया और भाजपा पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें एक कुर्सी पर किसान मृत पड़ा है और भाजपा नेता का भाषण जारी है। उधर सिंधिया ने इसपर सफाई में कहा है कि उनके सभा में आने से पहले ही किसान की मौत हो चुकी थी और उन्होंने उसकी स्मृति में एक मिनट का मौन रखवाया।

चुनाव सभा खंडवा जिले के मंधाता विधानसभा सीट के लिए हो रही थी। सभा में एक आए एक किसान की मौत हो गई लेकिन भाजपा नेता का भाषण फिर भी जारी रहा। सभा में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में सभा करने के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया पहुंचे हुए थे। किसान के मौत जब हुई तो उस समय पंधाना से भाजपा विधायक राम दांगोरे का भाषण चल रहा था। हालांकि, 80 साल के किसान जीवन सिंह की अचानक मृत्यु होने के बाद भी उनका भाषण जारी रहा।

जनसभा में ज्योतिरादित्य सिंधिया भी पहुंच गए, हालांकि उनके आने से पहले शव को वहां से ले जाया चुका था। सिंधिया ने किसान की मौत की जानकारी मिलने के बाद एक मिनट का मौन रखवाया और उसके बाद भाषण दिया।

जब बुज़ुर्ग किसान ने दम तोड़ा, आस-पास बैठे लोग अपनी-अपनी सीटों से उठ गए। जिससे वहां हलचल मच गयी। इसके बावजूद भाजपा विधायक भाषण देते रहे। यह भी कहा जा रहा है कि दिवंगत किसान जीवन सिंह भाजपा का ही पुराना कार्यकर्ता था। कहा गया है कि हार्ट अटैक के कारण किसान की मौत हुई।

मसले पर तब विवाद पैदा हो गया जब इसे लेकर कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। इनमें कुर्सी पर बैठे-बैठे दिवंगत हुए बुज़ुर्ग का शव दिख रहा है और भाजपा नेता का भाषण भी सुनाई दे रहा है। कांग्रेस के नेता इन वीडियो को पोस्ट करके भाजपा पर निशाना साध रहे हैं और उसपर बेशर्म होने का आरोप लगा रहे हैं।

मध्य प्रदेश कांग्रेस ने वाकायदा एक ट्वीट करके कहा – ‘बीजेपी के कार्यक्रम में किसान की मौत, बीजेपी की भाषणबाज़ी फिर भी जारी रही। आज बीजेपी के कार्यक्रम में एक किसान की मौत हो गई लेकिन बीजेपी के बेशर्म नेताओं ने कार्यक्रम नहीं रोका।  किसान की लाश पड़ी रही और बेशर्म भाजपाई ताली बचाते रहे। शिवराज जी, जनता से न सही, भगवान से तो डरो।’

एक और कांग्रेस नेता ने ट्वीट करके कहा – ‘डराने वाला। ज्योतिरादित्य सिंधिया की रैली में एक बुज़ुर्ग किसान की कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई, लेकिन उसे अस्पताल ले जाने और अंतिम प्रयास करने की बजाए, उन्होंने अपनी रैली जारी रखी।’

उधर सिंधिया ने कहा कि जब वे जनसभा में पहुंचे, किसान का शव वहां से ले जाया चुका था। सिंधिया ने कहा – ‘मुझे अन्नदाता की मौत का जैसे ही पता चला मैंने एक मिनट का मौन रखवाया।’

इमरती देवी पर विवादित टिप्पणी कर घिर गए पूर्व सीएम कमलनाथ

कांग्रेस छोड़ कर ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में गईं मंत्री इमरती देवी पर अभद्र टिप्पणी करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को फ़ज़ीहत झेलनी पड़ रही है। उनकी टिप्पणी के बाद राजनीति शुरू हो गयी है और मध्यप्रदेश में महत्वपूर्ण उपचुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनके साथी ज्योतिरादित्य सिंधिया ‘मौन व्रत’ कर रहे हैं। उधर कमलनाथ ने कोई गलत टिप्पणी नहीं करने’ की बात करते हुए सीएम शिवराज सिंह से कहा कि सहानुभूति और दया बटोरने की कोशिश वही लोग करते हैं, जिन्होंने जनता को धोखा दिया हो।

कमलनाथ ने एक जनसभा में इमरती देवी का नाम अपने सहयोगियों से बुलवाते हुए ‘आइटम’ शब्द का इस्तेमाल किया था जिसके बाद उनकी निंदा हुई है। भाजपा नेता इमरती देवी ने भी उनपर पलटवार करते हुए कहा कि वे कमलनाथ को भाई जैसा मानती थीं लेकिन इस भद्दी टिप्पणी के बाद उनके मन में कमलनाथ के लिए कोई जगह नहीं रही। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से कहा कि वे कमलनाथ को पार्टी से बाहर करें।

बता दें मध्य प्रदेश में काफी सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं और शिवराज सिंह सरकार का भविष्य इनके नतीजों पर ही टिका है। भाजपा यदि समुचित सीटें नहीं जीत पाती है तो शिवराज सिंह सरकार को जाना पड़ेगा। उपचुनाव में डबरा के कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश राजे के समर्थन में प्रचार करते हुए कमलनाथ ने विवादित शब्द कहे। आरोप है कि उनके एक और साथी अजय सिंह ने भी इमरती के लिए कथित तौर पर ‘जलेबी’ शब्द का इस्तेमाल किया।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि यह केवल इमरती देवी ही नहीं बल्कि मध्य प्रदेश की बेटियों-बहनों का अपमान है।  कमलनाथ ने एक ऐसी महिला के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया जो लंबे समय तक कांग्रेस में रहीं। लोग इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।’ चौहान और उनके साथी ज्योतिरादित्य सिंधिया आज इसके विरोध में ‘मौन व्रत’ पर हैं।

उधर इस मामले में घिरे कमलनाथ ने सफाई दी है – ‘शिवराज जी आप कह रहे हैं कमलनाथ ने आइटम कहा। हां, मैंने आइटम कहा है, क्योंकि यह कोई असम्मानजनक शब्द नहीं है। मैं भी आइटम हूं आप भी आइटम हैं और इस अर्थ में हम सभी आइटम हैं। लोकसभा और विधानसभा में कार्यसूची को आइटम नंबर लिखा जाता है, क्या यह असम्मानजनक है? सामने आइए और मुकाबला कीजिए। सहानुभूति और दया बटोरने की कोशिश वही लोग करते हैं, जिन्होंने जनता को धोखा दिया हो।’

भारत में कोविड-19 के कुल मामले 75 लाख के पार, 1.14 लाख से ज्यादा लोगों की रोग से मौत

भारत में कोरोनावायरस संक्रमण के अभी तक के कुल मामले 75 लाख का आंकड़ा पार कर गए हैं। देश में अभी तक कोविड-19 से मरने वालों की संख्या भी 1.14 लाख से ज्यादा हो गयी है। अच्छी खबर यह है कि भारत में पिछले 24 घंटे में अपेक्षाकृत कम 55,722 नए मामले दर्ज हुए हैं जबकि 579 की मौत हुई है, जो पिछले लम्बे समय में सबसे कम है। भारत इस समय दुनिया में सबसे ज्यादा कोविड-19 के मामलों में अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर है।

स्वास्थ्य़ मंत्रालय के आज जारी आंकड़ों के मुताबिक सुबह 8 बजे तक पिछले 24 घंटे में 55,722 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या 75 लाख 50 हजार 273 हो गई है। इस दौरान 579 लोगों की मौत हुई है और कुल मृतकों की संख्या 1 लाख 14 हजार 610 हो गयी है। देश में इस वक्त 7 लाख 72 हजार 55 सक्रिय मामले हैं।

इसके पहले 11 अगस्त को इससे कम मामले- 53,601 मामले सामने आए थे जबकि  इतनी कम मौतें 19 जुलाई के बाद हुई हैं जब 543 लोगों की 24 घंटे में मौत हुई थी। लगातार तीसरे दिन देश में कुल एक्टिव मामलों की संख्या आठ लाख के नीचे रही है। अब तक बीमारी से देश में 66.6 लाख अब तक स्वस्थ हुए हैं।

देश का रिकवरी रेट 88.3 फीसदी चल रहा है जबकि दैनिक पॉजिटिविटी रेट 6.5 एएसडी है। पिछले 24 घंटे में 8,59,786 टेस्ट कराए गए हैं जिससे अब तक कुल 9,50,83,976 लोगों के टेस्ट हो चुके हैं।

बता दें दुनिया भर में इस महामारी से अब तक चार करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं, वहीं 11 लाख मौतें हो चुकी है। अमेरिका में सबसे ज्यादा 81,54,206 मामले हैं जबकि दूसरे नंबर पर भारत 75,50,273, तीसरे नंबर पर ब्राज़ील 52,24,362, चौथे नंबर पर रूस 13,90,824 है।