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हरियाणा गवर्निंग कमेटी ने दी स्वच्छ वायु पहल के लिए मसौदा परियोजनाओं को मंजूरी

राज्य में अगले 6 वर्षों में लागू की जाएगी विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित परियोजना

चंडीगढ़ , 26 नवंबर-हरियाणा के मुख्य सचिव डॉ. विवेक जोशी की अध्यक्षता वाली हरियाणा गवर्निंग कमेटी ने सतत विकास के लिए हरियाणा स्वच्छ वायु परियोजना (एचसीएपीएसडी) की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के मसौदे को मंजूरी दे दी है। विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित इस महत्वाकांक्षी पहल का उद्देश्य वायु प्रदूषण से निपटना और पूरे हरियाणा में सतत विकास को बढ़ावा देना है। इस परियोजना को छः वर्षों (2024-25-2029-30) में लागू किया जाना है, जिसके पहले चरण के लिए 3,600 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

इस परियोजना में कई क्षेत्रों में उत्सर्जन से निपटने के लिए चरणबद्ध दृष्टिकोण अपनाया गया है। पहले चरण में, गुरुग्राम और फरीदाबाद पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा, जिसमें संस्थागत सुदृढ़ीकरण, कृषि और घरेलू उत्सर्जन को लक्षित किया जाएगा। कृषि और घरेलू क्षेत्रों में प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से प्रस्तावित हस्तक्षेपों को लागू करने के लिए प्रदेश भर में प्राथमिकता वाले समूहों की पहचान की जाएगी।

बैठक के दौरान, मुख्य सचिव डॉ. विवेक जोशी ने परियोजना की सफलता सुनिश्चित करने के लिए अंतर-विभागीय समन्वय और समय पर निष्पादन के महत्व पर बल दिया। सतत विकास के लिए हरियाणा स्वच्छ वायु परियोजना एक स्थायी भविष्य बनाने, वायु गुणवत्ता में सुधार करने और अन्य राज्यों के लिए एक मानदंड स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

पर्यावरण, वन और वन्यजीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आनंद मोहन सरण ने बैठक में बताया कि परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के दौरान प्रत्येक सम्बन्धित विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की गई। परियोजना के लिए हस्तक्षेपों को अंतिम रूप देने के लिए कई बैठकें  बुलाई गई, साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में प्रस्तावित उपायों को लागू करने में आने वाली चुनौतियों की पहचान करने के लिए क्षेत्र के कई दौरे किए गए और हितधारकों के साथ परामर्श भी किया गया।

परियोजना के पहले चरण में नीतिगत उपायों, तकनीकी हस्तक्षेपों और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के संयोजन के माध्यम से उत्सर्जन को कम करने की रणनीतियां शामिल हैं। डॉ. जोशी ने विकास और पर्यावरण संरक्षण में संतुलन स्थापित करके एनसीआर में वायु प्रदूषण की चुनौतियों के समाधान में इस पहल के महत्व पर बल दिया।

इस परियोजना के तहत प्रमुख हस्तक्षेप कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों को कवर करते हैं। निर्माण और विध्वंस कचरे के प्रबंधन के लिए, राज्य की योजना संग्रह प्रणालियों को सुव्यवस्थित करने, विरासत कचरे को संसाधित करने तथा प्रशिक्षण और मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के माध्यम से क्षमता बढ़ाने की है। मशीनों द्वा सड़कों की सफाई, कच्ची सड़कों को पक्का करके और हरित क्षेत्र को बढ़ाकर धूल उत्सर्जन को कम किया जाएगा।

परिवहन क्षेत्र में, परियोजना सार्वजनिक बसों के विद्युतीकरण को बढ़ावा देगी, इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर को अपनाने को प्रोत्साहित करेगी और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करेगी। ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशनों (एटीएस) के माध्यम से पुराने और प्रदूषण फैलाने वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

बॉयलर को अपग्रेड करने के लिए वित्तीय प्रोत्साहनों की सहायता से उद्योगों द्वारा पीएनजी और सीएनजी जैसे स्वच्छ ईंधन में पारगमन किया जाएगा। ईंट बनाने के लिए टनल क्लिन और टैक्सटाइल कलस्टर के लिए सामान्य बॉयलर प्रणालियों समेत स्वच्छ प्रौद्योगिकियां शुरू की जाएंगी। लघु और मध्यम उद्यमों (एसएमई) को निरंतर उत्सर्जन निगरानी प्रणाली (सीईएमएस) स्थापित करने में सहायता की जाएगी।

खाना पकाने की स्वच्छ प्रथाओं को अपनाने को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता अभियान चलाकर घरेलू उत्सर्जन से निपटा जाएगा। गुरुग्राम और फरीदाबाद में शहरी उत्सर्जन को सड़क-स्वामित्व और निर्माण एजेंसियों के साथ सहयोग बढ़ाकर निपटा जाएगा। इसमें कुशल सफाई, पक्की सड़क और शहरी हरियाली पहल जैसे उपाय शामिल हैं।

कृषि और किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजा शेखर वुंडरू ने बताया कि सरकार ने अगले साल तक शून्य पराली जलाने का लक्ष्य रखा है। कृषि क्षेत्र पशुधन अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार करके इन-सीटू और एक्स-सीटू विधियों समेत स्थायी पराली प्रबंधन प्रथाओं पर ध्यान केंद्रित करेगा। कृषि तथा ग्रामीण विकास विभागों के साथ सहयोग स्थापित करने के लिए एक माध्यमिक उत्सर्जन निगरानी केंद्र भी स्थापित किया जाएगा। 
बैठक में ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री ए.के. सिंह, फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ए. श्रीनिवास और अन्य अधिकारी भी शामिल हुए।

उदयपुर में महाराणा प्रताप के वंशजों में विवाद

सिटी पैलेस में प्रवेश को लेकर मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के बीच उपजा विवाद सोमवार को सड़क पर आ गया। देर रात विवाद इतना बढ़ा कि सिटी पैलेस गेट के बाहर पथराव शुरू हो गया। हालात बिगड़ता देख पुलिस ने पथराव करने वालों को खदेड़ा। पत्थरबाजी में एक एसआई और 5 अन्य लोग घायल हो गए है। देर रात सवा बजे विश्वराजसिंह मेवाड़ लालघाट से उठकर समोरबाग की तरफ रवाना हो गए और समर्थकों को भी घर जाने के लिए कहा। उधर, कलक्टर ने सहमति न बनने पर देर रातसिटी पैलेस के विवादित हिस्से को कुर्क कर उस पर रिसीवर नियुक्त कर दिया।

दरअसल, पूर्व राजपरिवार के सदस्य और पूर्व सांसद महेंद्रसिंह मेवाड़ के निधन के बाद उनके उत्तराधिकारी के तौर पर सोमवार को चित्तौड़गढ़ में पगड़ी दस्तूर कार्यक्रम आयोजित हुआ। इसके बाद विश्वराजसिंह मेवाड़ उदयपुर पहुंचे थे। यहां पहले से तैनात पुलिस-प्रशासन ने उनके काफिले को समोर बाग मोड़ पर रोक दिया। उनके प्रतिनिधि मंडल की ओर से बातचीत होने पर पुलिस ने तीन वाहनों को बैरिकेडिंग के अंदर प्रवेश दिया। इस दौरान उनके समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की। आखिर बाद में सभी समर्थक बैरिकेड्स तोड़कर अंदर पहुंच गए।

इमरान समर्थकों का प्रदर्शन हुआ हिंसक, 4 रेंजर्स को कार से रौंदा

पाकिस्तान  में पीटीआई के कार्यकर्ताओं द्वारा जारी प्रदर्शन अब हिंसक हो चला है। इस्लामाबाद में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। श्रीनगर हाईवे पर कुछ बदमाशों ने रेंजर्स  के जवानों पर वाहन चढ़ा दिया, जिसमें चार पैराट्रूपर्स शहीद हो गए और पांच अन्य तथा दो पुलिस अधिकारी घायल हो गए।

रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि हमलों में अब तक चार रेंजर्स और दो पुलिस अधिकारियों की जान जा चुकी है, अब तक 100 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो चुके हैं। जो भी जवान इन हमलों में घायल हुए हैं, उनमें अधिकांश की हालत गंभीर है। हालात को काबू में करने के लिए पाकिस्तानी सेना को बुलाया गया है। वहीं, प्रदर्शन कर रहे लोगों से सख्ती से निपटने को कहा गया है।

बताया यह भी जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों से सख्ती से निपटने के आदेश दिए गए हैं, जिसमें देखते ही गोली मारने का आदेश भी शामिल है। अभी तक की अपडेट के अनुसार इस पूरी घटना में 1 नागरिक की भी मौत हुई है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में पीटीआई ने कहा,”वर्तमान फासीवादी सरकार द्वारा लगभग 20 लोगों को सीधे गोली मार दी गई है, जो नागरिकों को शासन के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के लिए इस्लामाबाद पहुंचने से रोकने के लिए क्रूर बल का उपयोग कर रही है”।

मुख्यमंत्री ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में संविधान दिवस पर आयोजित अमृत महोत्सव समारोह में की शिरकत

चंडीगढ़, 26 नवंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि राज्य सरकार संविधान की मूल भावना के अनुरूप अपनी प्रगतिशील सामाजिक और आर्थिक नीतियों एवं कार्यक्रमों के माध्यम से प्रजातांत्रिक सिद्धांतों को निरंतर आगे बढ़ाने का काम कर रही है। हरियाणा सरकार सबका साथ-सबका विकास, सबका प्रयास और सबका विश्वास की धारणा पर चलते हुए आधुनिक भारत के महान दार्शनिक और राजनीतिज्ञ पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानव दर्शन एवं अंत्योदय के विजन को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री आज कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र के प्रांगण में आयोजित संविधान दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले मुख्यमंत्री ने संविधान दिवस समारोह के अवसर पर सूचना जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।

मुख्यमंत्री ने सभी देशवासियों को संविधान दिवस व संविधान के अमृत महोत्सव की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज हम सबके लिए विशेष गर्व और गौरव का दिन है। पूरे देश में आज संविधान का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। 26 नवम्बर, 1949 के दिन देश की संविधान सभा ने संविधान को अपनाया था। यही वह दिन है जब संविधान बनकर तैयार हुआ था। संविधान दिवस का मतलब देश के नागरिकों में संवैधानिक मूल्यों के प्रति सम्मान की भावना को बढ़ाना है।

संविधान की प्रस्तावना में लिखित वी द पीपल भारत की एकता, अखण्डता और गणतंत्र में जन-जन के विश्वास की अभिव्यक्ति

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि आधुनिक भारत का सपना देखने वाले बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर सहित संविधान बनाने वाले सभी महानुभावों को नमन करते हुए कहा कि आज से अगले पूरे एक वर्ष हम संविधान का अमृत महोत्सव मना रहे होंगे। यह वर्ष हमें सदियों से लोकतंत्र में भारतीयों के विश्वास की याद दिलाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे संविधान की प्रस्तावना में जो वी द पीपल लिखा है, यह सिर्फ तीन शब्द मात्र नहीं हैं। यह वाक्य पूरे भारत के जनगण का प्रतिनिधित्व करता है। यह एकता की अपील है, अखण्डता की प्रतिज्ञा है और गणतंत्र में जन-जन के विश्वास की अभिव्यक्ति है, जिसे मदर ऑफ डेमोक्रेसी कहा जाता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू एवं कश्मीर से धारा-370 व 35-ए हटाकर अखण्ड भारत के अधूरे सपने को पूरा किया

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज देश प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मदर ऑफ डेमोक्रेसी के रूप में अपने प्राचीन आदर्शों और संविधान की भावना को लगातार मजबूत कर रहा है। आज खेल हो या स्टार्टअप्स, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी हो या डिजिटल पेमेंट्स, भारत के विकास के हर आयाम में युवा शक्ति अपना परचम लहरा रही है। हमारे संविधान और संस्थाओं के भविष्य की जिम्मेदारी भी हमारे युवाओं के कंधों पर ही है। आज के युवाओं में संविधान की समझ और बढ़े, इसके लिए जरूरी है कि वे संवैधानिक विषयों पर चर्चा का हिस्सा बनें। इससे युवाओं में कर्तव्य, समानता और अधिकार जैसे विषयों को समझने का विजन पैदा होगा।

उन्होंने कहा कि लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल ने रियासतों का एकीकरण करके स्वतंत्रता सेनानियों के अखण्ड भारत का सपना साकार किया था। उसी प्रकार, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जम्मू एवं कश्मीर से धारा-370 व 35-ए हटाकर अखण्ड भारत के अधूरे सपने को पूरा किया है। यह संविधान शिल्पी भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर, सरदार वल्लभ भाई पटेल व डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है। इससे एक विधान, एक निशान, एक संविधान और एक प्रधान का सपना साकार हुआ है।

संविधान ने विविधताओं से भरे इस देश को एकता के सूत्र में पिरोया

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि गणराज्यों के रूप में स्वशासन हमारी प्राचीन परम्परा है। इसी स्वशासन को ही पाने के लिए हमने लम्बे समय तक आजादी की लड़ाई लड़ी। रावी नदी के किनारे ली गई प्रतिज्ञा को हमने आज के दिन वर्ष 1949 में गणतंत्र की स्थापना करने वाले संविधान को अंगीकार करके पूरा किया। इस संविधान ने समानता, न्याय और ऊंचे आदर्शों वाला गणतंत्र स्थापित किया। साथ ही सभी को विचारों की आजादी और उन्नति के समान अवसर दिए। संविधान ने ही हमें स्वशासन देने के साथ ही विविधताओं से भरे इस देश को एकता के सूत्र में पिरो दिया।

आज हम संविधान दिवस पर संविधान के प्रति अपनी सच्ची निष्ठा व्यक्त करने और इसके अनुरूप आवरण करने का संकल्प लेने के लिए यहां इकट्ठे हुए हैं। इस संकल्प की शुरुआत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2015 में संविधान निर्माता भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयंती पर उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए संविधान दिवस मनाने की घोषणा की थी।

उन्होंने कहा कि संविधान बनाने के चुनौतीपूर्ण कार्य में बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर का महान योगदान है। संविधान में जहां अधिकारों का उल्लेख है, वहीं कर्तव्यों का भी वर्णन किया गया है। हमें कर्तव्यों और अधिकारों में संतुलन स्थापित करना होगा। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी कहते थे कि हमारे अधिकार हमारे कर्तव्य हैं, जिन्हें हम सच्ची ईमानदारी और समर्पण के साथ पूरा करते हैं। आज संविधान के अमृत महोत्सव में गांधी जी का यह मंत्र देश के लिए एक संकल्प बन रहा है।

उन्होंने कहा कि संविधान का अमृत महोत्सव हमारे लिए आत्म-चिंतन करने का अवसर भी है। संविधान के तहत कार्य करने वाली सभी संस्थाओं को आज आत्म-चिंतन करना चाहिए कि वे संविधान की मर्यादाओं का पालन करने में और संविधान की अपेक्षाओं को पूरा करने में कहां तक सफल रही हैं। संविधान का अमृत महोत्सव मनाने का लक्ष्य भी यही है कि हम कर्तव्य और अधिकारों को समझें। इन्हें समझकर जीवन में अपनाएंगे, तो यह संविधान के प्रति हमारी सही समझ का प्रतीक तो होगा ही, साथ ही सच्चे नागरिक बनने का प्रमाण भी होगा।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने समारोह में उपस्थितजनों को संविधान की प्रस्तावना का पाठ करवाकर देश को आगे बढ़ाने का संकल्प भी दिलाया।

भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान – कश्मीरी लाल

इस अवसर पर मुख्य वक्ता श्री कश्मीरी लाल ने कहा कि भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। भारत देश में एक आदिवासी या किसी अमीर आदमी के वोट की कीमत एक है तो वो इस संविधान के कारण ही है। दुनिया के 17 देशों का संविधान भारत के संविधान के बाद बना और उन सब में एक से ज्यादा बार संवैधानिक संकट आए, मुश्किलें आईं, लेकिन केवल एक भारत का संविधान है जहाँ संवैधानिक संकट नहीं आया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार संविधान दिवस मनाने का निर्णय लिया और तब से हर वर्ष इस दिवस को मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस देश में संविधान की हत्या का प्रयास कभी नहीं हुआ। केवल 1975 में सभी ने देखा कि जब श्रीमती इंदिरा गांधी ने आपातकाल घोषित किया था। लोगों को जेलों में डाल दिया गया। उसके बाद लोगों को नसीहत आ गई कि संविधान से छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज के दिन विद्यार्थियों को संविधान और देश की रक्षा करने का प्रण लेना चाहिए।

भारतीय संविधान शासन के आधार के साथ भारत की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और कलात्मक धरोहर का एक अद्वितीय प्रतीक – प्रो. सोमनाथ सचदेवा

इस अवसर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि हमारे संविधान में जो अद्भुत आर्ट वर्क है, उससे पता चलता है कि भारतीय संविधान न केवल शासन का आधार है बल्कि भारत की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, पौराणिक विरासत और कलात्मक धरोहर का भी एक अद्वितीय प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह केवल एक दस्तावेज नहीं है बल्कि ये हमारे राष्ट्र की आत्मा है। यह उन मूलभूत अधिकारों और कर्तव्यों का प्रतीक है जो प्रत्येक नागरिक को स्वतंत्रता,  समानता और न्याय का अधिकार प्रदान करते हैं। यह दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है।

समारोह में कुरुक्षेत्र की उपायुक्त श्रीमती नेहा सिंह, पूर्व मंत्री श्री सुभाष सुधा, सरस्वती हेरिटेज बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री धुमन सिंह किरमच सहित अन्य गणमान्य अतिथि व बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।

‘अपने ही घर में सेफ नहीं हैं महिलाएं, 2023 में रोजाना 140 की हत्या’: संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट

संयुक्त राष्ट्र की दो एजेंसियों ने सोमवार को चौंकाने वाली रिपोर्ट जारी की। इन रिपोर्ट्स में बताया गया कि महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक स्थान उनका अपना घर है, और 2023 में हर दिन औसतन 140 महिलाएं और लड़कियां अपने पार्टनर या परिवार के सदस्य द्वारा मारी गईं। यूएन वूमन और संयुक्त राष्ट्र अपराध और मादक पदार्थ द्रव्य कार्यालय द्वारा जारी की गई इस रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में करीब 51,100 महिलाओं और लड़कियों को अपनी जान गंवानी पड़ी, और इनकी हत्या उनके पार्टनर या परिवार के सदस्यों ने की थी। यह आंकड़ा 2022 में 48,800 महिलाओं की मौत के आंकड़े से भी ज्यादा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि मौतों की बढ़ी हुई संख्या मुख्य रूप से देशों से ज्यादा आंकड़े उपलब्ध होने के कारण है, न कि हत्याओं में वृद्धि की वजह से। फिर भी इन रिपोर्ट्स में यह स्पष्ट किया गया है कि ‘महिलाएं और लड़कियां हर जगह इस अत्यधिक रूप से लिंग आधारित हिंसा से प्रभावित हो रही हैं और कोई भी क्षेत्र इससे अछूता नहीं है।’ यूएन वूमन की डिप्टी एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर न्यारदजाई गुम्बोंजवांडा ने कहा कि लंबे समय से अपने ही परिवार या पार्टनर द्वारा महिलाओं और लड़कियों की हत्या की जा रही है और इस पर ध्यान न देने की वजह से यह सिलसिला बदस्तूर जारी है।

आंकड़ों के मुताबिक, 2023 में सबसे ज्यादा हत्याएं अफ्रीका में हुईं, जहां लगभग 21,700 महिलाएं और लड़कियां अपने परिवार या साथी के द्वारा मारी गईं। अफ्रीका में प्रति 1,00,000 आबादी में इस तरह की 2.9 हत्याएं हुईं, जो अन्य क्षेत्रों की तुलना में ज्यादा है। इसके बाद अमेरिका और ओशिनिया का नंबर आता है, जहां प्रति 1,00,000 महिलाओं में क्रमशः 1.6 और 1.5 महिलाओं की हत्या हुई। एशिया में यह आंकड़ा 0.8 और यूरोप में 0.6 था। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि ‘महिलाएं और लड़कियां निजी जगहों में हिंसा का ज्यादा शिकार होती हैं’, जबकि पुरुष हत्या की घटनाओं में ज्यादातर घर के बाहर मारे जाते हैं।

चंडीगढ़ में धमाके, बाइक सवारों ने 2 क्लबों के बाहर फेंके बम

चंडीगढ़ : मंगलवार सुबह सेक्टर-26 स्थित सेविले बार और लाउंज व डि’ओरा क्लब के बाहर धमाके हुए। इससे क्लब के बाहर लगे शीशे टूट गए। बता दें सेविले बार और लाउंज क्लब मशहूर रैपर बादशाह का है। ये धमाके सेक्टर-26 स्थित दो नाइटक्लबों के पास करीब 4 बजे हुए। जानकारी के मुताबिक, देसी बमों से धमाके किए जाने की खबर सामने आई है। इस घटना के बाद से लोग दहशत में हैं। पुलिस मामले की पूरी जांच कर रही है। जिन नाइटक्लबों के पास धमाके हुए उनमें से एक रैपर बादशाह का है।

अब तक की जांच में सामने आई जानकारी के मुताबिक, दो अज्ञात बाइक सवारों ने सुबह तड़के चंडीगढ़ के दो नाइटक्लबों के पास संदिग्ध विस्फोटक फेंका है। चंडीगढ़ पुलिस की फोरेंसिक टीमें इस मामले की जांच कर रही है। इस घटना में किसी की भी जान जाने या घायल होने की सूचना नहीं है। हालांकि, विस्फोट से कई खिड़कियों के शीशे क्षतिग्रस्त हो गए।

पुलिस के मुताबिक, यह रंगदारी का मामला है। पटाखों के साथ पोटास का इस्तेमाल करके फेंका गया है। कुछ जूट की रस्सियां मिलीं हैं और उनमें से कुछ तेज आवाज निकली। सेविले बार बॉलीवुड सिंगर बादशाह का है लेकिन डी.ओर्रा बादशाह का नहीं है। जिस वक्त धमाका किया गया उस वक्त नाइट क्लब बंद थे ऐसे में माना जा रहा है कि सिर्फ दहशत फैलाने के मकसद से ही इन धमाकों को किया गया। शुरुआती जांच में इन धमाकों के पीछे नाइट क्लबों के मालिकों में दहशत फैलाकर एक्सटॉर्शन का एंगल होने की आशंका है।

झारखंड में हेमंत कैबिनेट में होंगे पांच नए चेहरे

रांची : झारखंड में चौथी बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने जा रहे हेमंत सोरेन के मंत्रिमंडल में कम से कम पांच नए चेहरे होंगे। खबर है कि नए मंत्रिमंडल के गठन को लेकर सोमवार को सीएम आवास में सोरेन ने अपने विश्वस्त लोगों के साथ विमर्श किया है। इसके पहले गठबंधन के अन्य दलों के नेताओं के साथ बैठक में भी इस पर चर्चा हुई थी।

गठबंधन में शामिल कांग्रेस और राजद कोटे वाले मंत्रियों का नाम इन दलों के आलाकमान तय करेंगे। गठबंधन की एक अन्य साझीदार सीपीआई (एमएल) ने अब तक मंत्रिमंडल में भागीदारी पर निर्णय नहीं लिया है। अगर ऐसा होता है तो राज्य में पहली बार सरकार में सीधे तौर पर किसी वाम पार्टी की भागीदारी होगी। झारखंड के मंत्रिमंडल में सीएम सहित अधिकतम 12 मंत्री हो सकते हैं। गठबंधन में झामुमो के 34, कांग्रेस के 14, राजद के 4 और सीपीआई (एमएल) के 2 विधायक हैं।

सूत्रों के मुताबिक, मंत्रिमंडल में झारखंड मुक्ति मोर्चा से छह, कांग्रेस से तीन या चार, राजद से एक या दो और सीपीआई (एमएल) से एक विधायक को शामिल किया जा सकता है। झामुमो कोटे से इस बार नए मंत्रियों के रूप में जामा सीट से जीत दर्ज करने वाली लुईस मरांडी, महेशपुर के विधायक स्टीफन मरांडी, टुंडी के विधायक मथुरा महतो और भवनाथपुर के विधायक अनंत प्रताप देव के नाम की चर्चा है।

चाईबासा के विधायक दीपक बिरुआ और घाटशिला के विधायक रामदास सोरेन को मंत्री के रूप में रिपीट किया जाना तय माना जा रहा है। कांग्रेस कोटे के मंत्रियों में लोहरदगा के विधायक रामेश्वर उरांव, पोड़ैयाहाट के विधायक प्रदीप यादव, महागामा की विधायक दीपिका पांडेय सिंह और बेरमो के विधायक अनूप सिंह के नाम की चर्चा है।

राजद कोटे से देवघर के विधायक सुरेश पासवान का मंत्री बनना तय माना जा रहा है। अगर 28 नवंबर तक मंत्रिमंडल के सभी नामों पर सहमति नहीं बनी तो हेमंत सोरेन के साथ दो या तीन मंत्री शपथ ले सकते हैं। शपथ ग्रहण के बाद कैबिनेट की पहली बैठक की भी तैयारी चल रही है, जिसमें कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं।

बसपा अब कोई भी उपचुनाव नहीं लड़ेगी, करारी हार के बाद मायावती का बड़ा ऐलान

लखनऊ : उत्तर प्रदेश उपचुनाव में अपनी करारी हार के बाद, बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने ऐलान किया कि उनकी पार्टी अब कोई भी उपचुनाव नहीं लड़ेगी, जब तक चुनाव आयोग फर्जी वोटिंग को रोकने के लिए ठोस कदम नहीं उठाता। मायावती का आरोप है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के माध्यम से फर्जी वोट डाले जा रहे हैं, जो लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है।

मायावती ने कहा, पहले देश में बैलट पेपर से चुनाव होते थे, और सत्ता का दुरुपयोग करके फर्जी वोट डाले जाते थे। अब ईवीएम के जरिए भी यही काम हो रहा है, जो बेहद चिंता का विषय है। यह लोकतंत्र के लिए बहुत दुखद और चिंताजनक है।” उन्होंने यह भी कहा कि हालिया यूपी उपचुनावों में ऐसा खुलकर देखा गया है, और इसी प्रकार की घटनाएं महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी सामने आई हैं।

बसपा प्रमुख ने चुनाव आयोग से अपील की कि वह उपचुनावों में फर्जी वोटिंग को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जब तक चुनाव आयोग इस मामले में ठोस कार्रवाई नहीं करता, तब तक बसपा किसी भी उपचुनाव में हिस्सा नहीं लेगी।

बता दें कि यूपी उपचुनाव में बसपा को भारी निराशा हाथ लगी। पार्टी ने सभी 9 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन उसे कहीं भी जीत नसीब नहीं हुई। इसके अलावा, कई सीटों पर उसे महज 1000 वोटों के आसपास ही समर्थन मिला। कुल मिलाकर, बसपा को इन चुनावों में सिर्फ 1,32,929 वोट मिले, जिससे पार्टी राज्य में पूरी तरह से हाशिए पर रही। 2024 के लोकसभा चुनावों में भी बसपा अपना खाता नहीं खोल पाई है।

मन की बात: प्रधानमंत्री मोदी बोले, बुजुर्गों को डिजिटल अरेस्ट के खतरे से बचाने के लिए आगे आर हे युवा

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात के 116वें एपिसोड में निस्वार्थ भाव से समाज के लिए काम कर रहे युवाओं की सराहना की। पीएम मोदी ने बताया कि ऐसे कई युवा समूह बनाकर लोगों की छोटी-छोटी समस्याओं का समाधान निकालने में जुटे हैं।

पीएम मोदी ने मन की बात में कहा, “ऐसे कितने ही युवा हैं जो लोगों की समस्याओं का समाधान निकालने में जुटे हैं। हम अपने आस-पास देखें तो बहुत से लोगों ऐसे हैं, जिन्हें किसी ना किसी तरह की मदद चाहिए, कोई जानकारी चाहिए। मुझे ये जानकर अच्छा लगा कि कुछ युवाओं ने समूह बनाकर इस तरह की बात के समाधान पर ध्यान दिया है।”

पीएम मोदी ने लखनऊ के रहने वाले वीरेंद्र का उदाहरण दिया जो बुजुर्गों को डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट के काम में मदद करते हैं। पीएम मोदी ने कहा, “आप जानते हैं कि नियमों के मुताबिक सभी पेशनरों को साल में एक बार लाइफ सर्टिफिकेट जमा कराना होता है। 2014 तक इसकी प्रक्रिया यह थी इसे बैंकों में जाकर बुजुर्ग को खुद जमा करना पड़ता था। आप कल्पना कर सकते हैं कि इससे हमारे बुजुर्गों को कितनी असुविधा होती थी। अब ये व्यवस्था बदल चुकी है। अब डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट देने से चीजें बहुत ही सरल हो गई हैं, बुजुर्गों को बैंक नहीं जाना पड़ता।”

पीएम मोदी ने आगे कहा, “बुजुर्गों को तकनीक की वजह से कोई दिक्कत ना आए, इसमें, वीरेंद्र जैसे युवाओं की बड़ी भूमिका है। वह अपने क्षेत्र के बुजुर्गों को इसके बारे में जागरूक करते रहते हैं। इतना ही नहीं वह बुजुर्गों को टेक सेवी भी बना रहे हैं। ऐसे ही प्रयासों से आज डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट पाने वालों की संख्या 80 लाख के आंकड़े को पार कर गई है। इनमें से दो लाख से ज्यादा ऐसे बुजुर्ग हैं, जिनकी आयु 80 के भी पार हो गई है।”

पीएम मोदी ने कहा कि साथियो, कई शहरों में ‘युवा’ बुजुर्गों को डिजिटल क्रांति में भागीदार बनाने के लिए भी आगे आ रहे हैं। भोपाल के महेश ने अपने मोहल्ले के कई बुजुर्गों को मोबाइल के माध्यम से पेमेंट करना सिखाया है। इन बुजुर्गों के पास स्मार्ट फोन तो था, लेकिन, उसका सही उपयोग बताने वाला कोई नहीं था। बुजुर्गों को डिटिटल अरेस्ट के खतरे से बचाने के लिए भी युवा आगे आए हैं।

पीएम मोदी ने आगे बताया, “ऐसे ही अहमदाबाद के राजीव, लोगों को डिटिटल अरेस्ट के खतरे से आगाह करते हैं। मैंने ‘मन की बात’ के पिछले एपिसोड में डिटिटल अरेस्ट की चर्चा की थी। इस तरह के अपराध के सबसे ज्यादा शिकार बुजुर्ग ही बनते हैं। ऐसे में हमारा दायित्व है कि हम उन्हें जागरूक बनाएं और साइबर फ्रॉड से बचने में मदद करें। हमें बार-बार लोगों को समझाना होगा कि डिटिटल अरेस्ट नाम का सरकार में कोई भी प्रावधान नहीं है। ये सरासर झूठ, लोगों को फंसाने का एक षड्यंत्र है। मुझे खुशी है कि हमारे युवा साथी इस काम में पूरी संवेदनशीलता से हिस्सा ले रहे हैं और दूसरों को भी प्रेरित कर रहे हैं।”

हेमंत सोरेन ने किया सरकार बनाने का दावा पेश

रांची : झारखंड में ‘इंडिया’ ब्लॉक के नवनिर्वाचित विधायकों ने रविवार को एक बार फिर झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख हेमंत सोरेन को नेता चुन लिया है। इसके बाद उन्होंने गठबंधन के नेताओं के साथ राजभवन पहुंचकर राज्यपाल संतोष गंगवार से मुलाकात कर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया और नई सरकार बनाने के लिए दावा पेश किया। राज्यपाल ने उनका इस्तीफा स्वीकार करते हुए नई सरकार के गठन तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में काम करने का दायित्व सौंपा है।

हेमंत सोरेन ने राज्यपाल को ‘इंडिया’ ब्लॉक के नवनिर्वाचित 56 विधायकों की सूची सौंपी। संभावना जताई जा रही है कि वह नए सीएम के रूप में 28 नवंबर को शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित किया जाएगा।

इसके पहले कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास पर गठबंधन के चार दलों झामुमो, कांग्रेस, राजद और भाकपा (माले) के विधायकों और नेताओं की बैठक हुई। इसमें नई सरकार की रूपरेखा और शपथ ग्रहण समारोह की तारीख, स्थान और इस मौके पर अतिथियों के निमंत्रण आदि पर विचार-विमर्श हुआ। हेमंत सोरेन ने सभी नवनिर्वाचित विधायकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह राज्य की जनता के साथ-साथ गठबंधन के एक-एक कार्यकर्ता की जीत है।

हेमंत सोरेन चौथी बार झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले पहले नेता होंगे। इसके पहले उन्होंने पहली बार 13 जुलाई 2013 को झामुमो, कांग्रेस, राजद गठबंधन के सहयोग से बनी सरकार में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इस सरकार का कार्यकाल 23 दिसम्बर 2014 तक था। दूसरी बार उन्होंने 29 दिसम्बर 2019 में शपथ ली थी और 31 जनवरी 2024 को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद इस्तीफा दे दिया था। जमानत पर बाहर आने के बाद 4 जुलाई 2024 को उन्होंने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। हेमंत सोरेन के पहले उनके पिता शिबू सोरेन और भाजपा के अर्जुन मुंडा तीन-तीन बार सीएम पद की शपथ ले चुके हैं।

झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में गठबंधन को 56 सीटें हासिल हुई हैं। झामुमो को 34, कांग्रेस को 16, राजद को चार और भाकपा (माले) को दो सीटों पर जीत मिली है। राज्य में पहली बार दो-तिहाई बहुमत के साथ कोई सरकार बनने जा रही है।