नीतीश कुमार आज शाम 7वीं बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। उनके साथ अन्य मंत्रियों के अलावा तार किशोर प्रसाद और रेणु देवी भी मंत्री पद की शपथ लेंगे, जिन्हें भाजपा ने उप मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया है। प्रसाद और रेणु कल भाजपा विधानमंडल दल ने क्रमशः नेता और उप नेता चुने गए थे। शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी उपस्थित रहेंगे।
अभी साफ़ नहीं है कि मुख्यमंत्री के अलावा कितने मंत्री शपथ लेंगे। संभावना है कि यह संख्या 15-16 के आसपास हो सकती है। इनमें भाजपा के 7, जदयू के 6 और एक-एक सहयोगी दलों ‘हम’ और ‘वीआईपी’ के हो सकते हैं। उप मुख्यमंत्री बनने वाले तार किशोर प्रसाद पहले कभी मंत्री नहीं रहे हैं, हालांकि वो चौथी बार विधायक बने हैं। उन्हें तत्कालीन उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का करीबी माना जाता है। विधानसभा अध्यक्ष किसका बनेगा, यह देखना भी दिलचस्प होगा। भाजपा इस बार संख्या के दम पर अपना स्पीकर बनाना चाहती है।
विधानसभा चुनाव में एनडीए (भाजपा 73, जदयू 43) को लगभग बहुमत लायक सीटें मिली हैं और कल राज्यपाल को नीतीश कुमार ने 125+1 विधायकों के समर्थन वाला पत्र दिया था। विपक्षी आरजेडी सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है जिसके पास 74 सीटें हैं जबकि उसकी साथी कांग्रेस चौथे नंबर पर है और 19 सीटें उसने जीती हैं। जदयू मुख्यमंत्री पद भले पा रही हो, उसका विधायकों की संख्या के हिसाब से तीसरा नंबर है। नियमों से बिहार विधानसभा के वर्तमान फॉर्मेट के हिसाब से कैबिनेट में अधिकतम 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं।
शपथ ग्रहण शाम 4-4.30 के बीच राजभवन में होगा। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहेंगे। उनकी मौजूदगी में ही मंत्रियों के नाम पर अंतिम मुहर लगेगी। नीतीश कुमार पहले पटना के गांधी मैदान में शपथ लेते रहे हैं, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए शपथ ग्रहण समारोह सीमित लोगों की मौजूदगी में राजभवन में आयोजित किया गया है।
भाजपा की तरफ से श्रवण कुमार, संजय झा, नंद किशोर यादव, प्रेम कुमार, मंगल पांडेय, बीमा भारती, विजेंदर प्रसाद यादव के नाम सामने आ रहे हैं। भाजपा युवा चेहरों को मौका देने की कोशिश में है और वह कुछ नए चेहरों को सामने लाकर चौंका सकती है। खबर यह भी है कि नई सरकार कई पुराने चेहरे नहीं दिखेंगे। भाजपा के सुरेश शर्मा और ब्रजकिशोर बिंद, जेडीयू के कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, जयकुमार सिंह, शैलेश कुमार, लक्ष्मेश्वर राय, संतोष निराला, खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद, रमेश ऋषिदेव, रामसेवक सिंह जैसे लोग हार चुके हैं। जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा से संतोष सुमन और वीआईपी से मुकेश सहनी मंत्री बन सकते हैं।
बिहार में आज शपथ ग्रहण, नीतीश के साथ 15 मंत्री ले सकते हैं शपथ; प्रसाद और रेणु होंगे उप मुख्यमंत्री
अनुराग ठाकुर को भाजपा ने जम्मू कश्मीर के डीडीसी चुनाव का जिम्मा सौंपा, शाहनवाज और भाटिया को बनाया उप प्रभारी
हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से सांसद और मोदी सरकार में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर को भाजपा ने बड़ी जिम्मेदारी देते हुए जम्मू कश्मीर में 28 नवंबर से शुरू हो रहे जिला विकास परिषद और अन्य निकाय चुनावों के लिए प्रभारी बनाया है। दो बार एबीवीपी और एक बार बीसीसीआई के अध्यक्ष रहे अनुराग ठाकुर 2019 के लोकसभा चुनाव में चौथी बार सांसद चुने गए थे।
युवा तुर्क के नाम से जाने जाने वाले अनुराग ठाकुर के साथ जम्मू कश्मीर के चुनाव के लिए राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन और हरियाणा से सांसद संजय भाटिया को चुनाव सह प्रभारी बनाया है। बता दें लद्दाख के लेह हिल विकास परिषद् के चुनाव में भी भाजपा के प्रचार की कमान अनुराग ठाकुर को सौंपी गयी थी और भाजपा वहां जीत का झंडा गाड़ने में सफल रही थी।
बता दें जम्मू कश्मीर में आठ चरणों वाले जिला विकास परिषद के चुनाव 28 नवंबर से शुरू हो रहे हैं। पंचायत, ब्लाक डेवेलपमेंट काउंसिल चुनाव का पहले बहिष्कार कर चुके कश्मीर केंदित दल भी इस बार जिला विकास परिषद चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं।
जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद (डीडीसी), पंचायत, स्थानीय निकाय उपचुनाव के लिए भाजपा ख़ास तैयारी कर रही है। हाल के संगठन फेरबदल में भाजपा ने पिछले लम्बे समय से जेके के महासचिव प्रभारी आरएसएस नेता राम माधव को पद से हटा दिया था। वहां अब पार्टी महासचिव तरुण चुग को यह जिम्मा सौंपा गया है।
भाजपा जम्मू कश्मीर की सत्ता पर लंबे समय से नजर रखी हुई है। उसने चार साल पहले, जब वहां विधानसभा थी, पीडीपी से गठबंधन किया था और महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली सरकार में हिस्सेदारी की थी। हालांकि, 2018 में यह गठबंधन टूट गया था। पिछले साल 5 अगस्त को मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा ख़त्म करते हुए उसे बिना विधानसभा के यूटी का दर्जा दे दिया था और लद्दाख को जेके से अलहदा यूटी बना दिया था।
अब भाजपा ने चुनावों में पार्टी की रणनीति को कामयाब बनाने के लिए अनुराग ठाकुर को जिम्मेदारी सौंपी है। अनुराग जम्मू-कश्मीर में चुनाव प्रचार की कमान संभालने के अलावा चुनावी तैयारियों को तेजी देकर सुनिश्चित करेंगे कि जिला विकास परिषद के चुनाव में भाजपा ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करे।
भाजपा का इन चुनावों में मुख्य मुकाबला एक साझे गठबंधन से होगा जिसमें कांग्रेस, और पीपुल्स एलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन गठबंधन होगा। इस गठबंधन में अन्य दल पीडीपी, नैशनल कांफ्रेंस, सीपीएम, पीपल्स कांफ्रेंस जैसे दल हैं। कांग्रेस ने हाल में इस गठबंधन से हाथ मिलाया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर के मुताबिक गठबंधन यह चुनाव पूरी ताकत से लड़ेगा।
नीतीश एनडीए विधायक दल के नेता, बिहार में कल शपथ ग्रहण
नीतीश कुमार रविवार को बिहार में एनडीए विधायक दल के नेता चुन लिए गए। इस तरह उनकी 7वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ़ हो गया है। नीतीश कुमार ने एनडीए का नेता चुने जाने के बाद राजभवन में राज्यपाल फागु चौहान से मिलकर अगली सरकार बनाने का दावा पेश किया। शपथ ग्रहण सोमवार शाम 4 और 4.30 बजे के बीच होगा। भाजपा ने तार किशोर प्रसाद (कटिहार) को विधायक दल का नेता चुना है। उपमुख्यमंत्री कौन होगा इसे लेकर भाजपा ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। चर्चा है कि सुशील मोदी, जिन्हें भाजपा नेतृत्व ने शनिवार को दिल्ली तलब किया था, की इस पद से छुट्टी भी हो सकती है और उन्हें केंद्र की राजनीति में ले जाया जा सकता है।
राज्यपाल से मिलने के बाद नीतीश कुमार ने मीडिया को बताया कि वो मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे और उन्होंने भाजपा के आग्रह पर यह पद स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि वे तो चाहते थे कि भाजपा ही अपना मुख्यमंत्री बनाए। कहा कि सोमवार को शाम 4 और 4.30 बजे के बीच शपथ ग्रहण होगा। कितने मंत्री शपथ लेंगे, इसे लेकर उन्होंने कहा इसका फैसला जल्द हो जाएगा। वैसे जानकारी है कि मंत्रिमंडल भी शुरू में छोटा हो सकता है। भाजपा के भीतर और सहयोगियों में अभी कुछ मसलों पर खींचतान दिखती है।
बिहार भाजपा के चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस और भूपेंद्र यादव ने नीतीश कुमार से उनके राज्यपाल से मिलकर आने के बाद मुलाकात की। भाजपा के केंद्रीय पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह भी बाद में राज्यपाल से मिलने गए। उनके साथ सुशील मोदी भी थे। राजनाथ सिंह ने बाद में मीडिया को बताया कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री होंगे, हालांकि, उप मुख्यमंत्री पर सवाल को वे टाल गए और कहा कि जल्दी ही आपको पता चल जाएगा। हो सकता है भाजपा सुशील मोदी को केंद्र की राजनीति में ले जाए।
इससे पहले भाजपा विधायक दल की बैठक में सुशील मोदी ने जिस तरह भाजपा विधायकों का आभार जताया उससे संकेत मिलते हैं कि नई सरकार में भाजपा उप मुख्यमंत्री पद का जिम्मा किसी और को दे सकती है। यदि ऐसा हुआ तो कामेश्वर चौपाल या तार किशोर प्रसाद को यह पद मिल सकता है। यह खबर सामने आई थी कि सुशील मोदी को भाजपा विधानमंडल दल का नेता चुना गया है।
एनडीए विधायक दल का नेता चुनने के लिए आज पटना में बैठक हुई। इसमें नीतीश कुमार को आम राय से नेता चुन लिया गया। एनडीए ने नीतीश कुमार को ही मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाकर चुनाव लड़ा था। जीत के बाद दिल्ली भाजपा की धन्यवाद रैली में भी में भी प्रधानमंत्री मोदी ने साफ़ कहा था कि नीतीश ही मुख्यमंत्री होंगे। इस तरह नीतीश 7वीं बार बिहार मुख्यमंत्री बनेंगे।
उधर भाजपा ने वरिष्ठ नेता एयर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में तार किशोर प्रसाद (कटिहार से विधायक) को विधायक दल का नेता चुना है जबकि रेणु को उप नेता चुना गया है। नीतीश कुमार ने एनडीए का नेता चुने जाने के बाद राजभवन में राज्यपाल फागु चौहान से मिलकर अगली सरकार बनाने का दावा पेश किया। शपथ ग्रहण सोमवार शाम होगा।
यह माना जाता है कि भाजपा में किसी अन्य को उपमुख्यमंत्री पद देने की सोच बनी है ताकि भाजपा का कोई चेहरा भविष्य के लिए सामने किया जा सके। इसके लिए कई नाम चर्चा में रहे हैं। वरिष्ठ नेता नित्यानंद रॉय का नाम तो मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा में चर्चा में रहा है। हालांकि, आज भाजपा के भीतर कामेश्वर चौपाल का नाम तेजी से उभरा, हालांकि विधायक दल के नेता तार किशोर प्रसाद का नाम भी खारिज नहीं किया जा सकता। वैसे भी उप मुख्यमंत्री का पद संबैधानिक पद नहीं है, लिहाजा इसके चयन में भाजपा समय ले सकती है।
हालांकि, भाजपा को यह भी लगता है कि बिहार में एनडीए का उतना मजबूत बहुमत नहीं है लिहाज किसी तरह का रिस्क लेना भी ठीक नहीं है। बता दें नीतीश और सुशील मोदी के बीच पिछले करीब 13-14 साल में साथ काम करके बेहतर तालमेल है। फ़िलहाल इन्तजार है कि उप मुख्यमंत्री कौन होगा।
यह माना जाता है कि नीतीश नहीं चाहते थे कि सुशील को उप मुख्यमंत्री पद से बदला जाये। हालांकि, यह साफ़ है कि भाजपा अगले विधानसभा चुनाव में अपने बूते बिहार में पार्टी को खड़ा करने की तैयारी कर रही है। ऐसे में कोई दो राय नहीं कि नीतीश के लिए इस बार का कार्यकाल उतना सरल और सीधा नहीं होगा। भाजपा अपनी ज़मीन मजबूत करने के लिए उच्च ऐसी योजनाओं पर काम करवाना चाहेगी जो शायद नीतीश को रास न आएं।
इसमें कोई शक नहीं कि तेजस्वी यादव के रूप में आरजेडी बिहार एक मजबूत दल सामने आया है। जिस तरह तेजस्वी ने रोजगार को मुद्दा बनाकर बिहार की राजनीति को जाति-पाति के चुनाव से ऊपर उठा दिया, उसे बड़ी बात माना जाएगा। कांग्रेस वहां कमजोर हुई है लेकिन आरजेडी के लिए उसकी ताकत काम की चीज है, क्योंकि पार्टी के पास इस चुनाव में भी 9.5 फीसदी बचा रहा है। तेजस्वी की कोशिश एकाध मजबूत क्षेत्रीय दल को साथ जोड़ने की है ताकि विपक्ष के रूप में ठूसी और टाकत हासिल की जाए। तेजस्वी आरोप लगा चुके हैं कि जनता ने सरकार बनाने के लिए वोट तो महागठबंधन को दिया था, लेकिन भाजपा-जदयू ने पैसे और चुनाव आयोग की ताकत पर जनादेश में हेराफेरी की।
मोदी का सीमा पर पाकिस्तान-चीन को संदेश, अगर भारत को आजमाया तो मिलेगा प्रचंड जवाब
दिवाली का पर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के लोंगेवाला में जवानों के बीच मनाया। इस दौरान उन्होंने पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान को निशाने पर लिया। उन्होंने बिना किसी देश का नाम लेकर कहा, भारत दूसरों को समझने और उनके साथ आपसी समझ बनाने की नीति में विश्वास करता है, लेकिन अगर उसे आजमाने की कोशिश की जाती है, तो इसका प्रचंड जवाब दिया जाएगा। जब भी आजमाया तो उसका माकूल जवाब दिया भी गया है।
प्रधानमंत्री ने सीमा पर जवानों के साथ समय बिताया और टैंक की सवारी भी की। जवानों के साथ मिठाइयां शेयर करते हुए उन्होंने पोस्ट और एयरबेस बहादुर जांबाजों को संबोधित किया। पीएम ने कहा, आज पूरा विश्व विस्तारवादी ताकतों से परेशान है। विस्तारवाद एक तरह से मानसिक विकृति है और 18वीं शताब्दी की सोच को दर्शाती है।
बता दें कि चीन के साथ सीमा पर विवाद लंबे समय से खिंच रहा है। चीनी सैनिकों पर अतिक्रमण का आरोप लग चुका है। कई देश कह चुके हैं कि चीन की नीतियां विस्तारवादी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने जवानों से कहा कि आपकी ये हुंकार दुश्मन के पैरों में कंपकंपी पैदा कर देती है, माथे से पसीने छुड़ा देती है। सीमा पर रहकर आप जो त्याग करते हैं, तपस्या करते हैं, वो देश में एक विश्वास पैदा करता है। ये विश्वास होता है कि मिलकर बड़ी से बड़ी चुनौती का मुकाबला किया जा सकता है। इस मौके पर उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के युद्ध में ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी के पराक्रम को सलाम किया। उन्होंने कहा कि अब भारत आतंक के आकाओं को उनके घर में घुसकर मारता है।
मोसाद ने अलकायदा के नंबर दो सरगना को ईरान में घुसकर मारा
अमेरिका ने 1998 में केन्या और तंजानिया में अपने दूतावासों पर आतंकी संगठन अलकायदा के भीषण हमले का बदला 22 साल बाद पूरा कर लिया है। अमेरिका की ओर से इस्राइल की खुफिया एजेंसी मोसाद के एजेंटों ने ईरान की राजधानी तेहरान में छिपे अलकायदा के नंबर दो सरगना अबू मोहम्मद अल मस्री (58) को इस हमले की वर्षगांठ पर मार गिराया। इसी हमले में अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन की बहू भी मारी गई। 2015 से तेहरान के पसदरान जिले में रह रहे अबू मोहम्मद को अलकायदा के मौजूदा सरगना अयमान अल जवाहिरी का उत्तराधिकारी माना जा रहा था। इस बीच, ईरान ने इस्राइल के दावे को सिरे से खारिज कर दिया है। अलकायदा ने भी अभी अबू मोहम्मद की मौत का एलान नहीं किया है।
अबू मोहम्मद पर एफबीआई ने एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित किया था। अगस्त में इस हत्याकांड को अंजाम देने के बाद से अब तक न तो अमेरिका, न ईरान और न ही इस्राइल ने इसे सार्वजनिक रूप से माना था। ईरान के सरकारी मीडिया ने बताया था कि मारे जाने वालों का नाम हबीब दाउद और उसकी 27 साल की बेटी मरियम बताया था।
ईरानी मीडिया ने कहा कि हबीब दाउद लेबनान का इतिहास का प्रोफेसर था। हालांकि, दाऊद नामक शख्स वहां कोई नहीं था और नकली नाम से ईरान की खुफिया एजेंसी के अधिकारी उसकी मदद करते थे। ईरान के एजेंटों ने उसे शरण दे रखी थी। मरियम की शादी ओसामा बिना लादेन के बेटे हमजा बिन लादेन से हुई थी। हमजा की पहले ही मौत हो चुकी है।
पाक गोलीबारी में जम्मू कश्मीर में 4 जवान, 6 नागरिक शहीद ; जवाबी कार्रवाई में पाक के 8 सैनिक मरे, बंकर और आतंकी ठिकाने तबाह
सीमा पर पाकिस्तान की गोलीबारी में भारत के 4 जवान शहीद हो गए जबकि 6 नागरिकों की मौत हुई है। भारत की जवाब कार्रवाई में पाकिस्तान स्थित आतंकियों के कुछ लांच पैड तबाह कर दिए गए हैं जबकि ख़बर है कि पाकिस्तान के कई बनकर तबाह होने के अलावा उनके 7 से 8 सैनिक मारे गए हैं। हाल के सालों में यह पाकिस्तान की सबसे बड़ी गोलीबारी है और सीमा पर तनाव बना हुआ है।
जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया जिसमें 4 सुरक्षाबल सहित 10 लोगों की जान चली गई है। इनमें 6 भारतीय नागरिक शामिल हैं। पाकिस्तान की गोलाबारी में 5 जवान घायल भी हुए हैं जबकि 12 नागरिक घायल हैं।
भारत ने मुंहतोड़ जवाब देते हुए पाकिस्तान के 7-8 सैनिक और 2 कमांडो मार गिराए हैं जबकि 16 सैनिक घायल हैं। भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तान के कई बंकर और लॉन्च पैड तबाह कर दिए हैं। पाकिस्तानी बंकर्स को तबाह करने का एक वीडियो भी जारी किया गया है। पाकिस्तानी सैनिकों ने शुक्रवार को जम्मू कश्मीर में उड़ी सेक्टर से लेकर गुरेज सेक्टर के बीच कई स्थानों पर नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर संघर्ष विराम समझौते का उल्लंघन किया।
रक्षा प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने श्रीनगर में बताया कि पाकिस्तानी सैनिकों ने मोर्टार दागे और अन्य हथियारों से गोलाबारी की। उन्होंने कहा कि भारतीय जव़ानों ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया और सीमा पार पाकिस्तानी सेना के आधारभूत ढांचे को खासा नुकसान पहुंचाया और उसके कई लोग हताहत भी हुए। शहीद बीएसएफ सब इंस्पेक्टर राकेश डोभाल गंगा नगर ऋषिकेश उत्तराखंड के रहने वाले थे।
प्रवक्ता के मुताबिक पाकिस्तान में विस्फोटकों के कई भंडारों के साथ ही आतंकवादियों के कई ठिकानों को भी निशाना बनाया गया है। पाकिस्तानी गोलाबारी में तीन सैन्यकर्मी और एक बीएसएफ उप-निरीक्षक के साथ ही 6 नागरिकों की मौत हो गई। इसके अलावा चार सुरक्षाकर्मी और 8 नागरिक घायल हो गए। कर्नल कालिया ने बताया कि पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर अकारण संघर्ष विराम उल्लंघन शुरू कर दिया। पाकिस्तान ने डावर, केरन, उरी और नौगाम सहित अन्य सेक्टरों में गोलाबारी की। इस गोलाबारी में तीन भारतीय सैनिक शहीद हो गए और तीन घायल हो गए।
अधिकारियों ने बताया कि हाजी पीर सेक्टर में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक उप-निरीक्षक (एसआई) भी शहीद हो गए जबकि एक जवान घायल हो गया। उन्होंने बताया कि उरी क्षेत्र के कमलकोट सेक्टर में दो नागरिकों की मौत हो गयी वहीं हाजी पीर सेक्टर के बालकोट क्षेत्र में एक महिला की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि उरी में विभिन्न स्थानों के अलावा, बांदीपुरा जिले के गुरेज सेक्टर और कुपवाड़ा जिले के केरन सेक्टर में भी संघर्ष विराम का उल्लंघन पाकिस्तान ने किया है।
उड़ी सेक्टर में शहीद हुए लोगों की पहचान ताहिब अहमद मीर (36) पुत्र जलील अहमद मीर निवासी सुल्तान डाकी, इरशाद अहमद पुत्र करामत हुसैन निवासी सराय बांदी कमलकोट, फारूक बेगम पत्नी बशीर अहमद डार निवासी बालकोट, नसदर हुसैन पुत्र पीर हुसैन निवासी कमलकोट के रूप हुई है।
पुंछ जिले के सब्जियां सेक्टर में घायल हुए व्यक्तियों की पहचान हाजरा बेगम पत्नी अब्दुल सलाम, तौसीफ अहमद और मोहम्मद रशद पुत्र मेहराज दीन निवासी सब्जियां जबकि बीएसएफ के दो पोर्टरों में मोहम्मद अफराज़ पुत्र जमान काहान और मोहम्मद इब्राहिम पुत्र ब्रह्मदीन खान निवासी सब्जियां के तौर पर हुई है। सभी घायलों को मंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
कुणाल कामरा का सुप्रीम कोर्ट अवमानना मामले में माफी मांगने से इनकार
अभिनेता आसिफ बसरा ने हिमाचल के धर्मशाला के घर में आत्महत्या की
बॉलीवुड से एक और बुरी खबर गुरूवार को आई है। बॉलीवुड और टीवी इंडस्ट्री के जाने-माने अभिनेता आसिफ बसरा हिमाचल के धर्मशाला में अपने किराए के घर में मृत मिले हैं। कहा गया है कि उन्होंने फांसी लगाकर जान दे दी। फिलहाल पुलिस सही कारण जानने के लिए जांच कर रही है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक 53 साल के आसिफ बसरा संभवता डिप्रेशन के शिकार थे। वे पिछले काफी समय से हिमाचल के कांगड़ा जिले के धर्मशाला में रह रहे थे जहां उन्होंने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। अभी पुलिस ने इस बात की पुष्टि नहीं की है उनकी मौत आत्महत्या ही है लेकिन यह शक जताया है कि यह आत्महत्या ही हो सकती है। उनकी मौत की खबर से उनके फैंस और इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को बड़ा धक्का लगा है। उनके इस कदम के पीछे की वजह सामने नहीं आई है लेकिन पुलिस इस मामले की तफ्तीश में जुटी हुई है।
वैसे प्रारंभिक जांच में डिप्रेशन की बात कही जा रही है। अभी इसकी कोई पुष्टि नहीं की गई है। जैसे ही घटना की सूचना पुलिस को मिली उसने मौके पर पहुंचकर शव कब्जे में लिया। पुलिस के मुताबिक आसिफ बसरा पिछले करीब 5 साल से मैक्लोडगंज में किराए के मकान में रह रहे थे और उनके साथ उनकी एक विदेशी महिला मित्र भी रहती थी। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक गुरुवार को अपने पालतू कुत्ते को घुमाने के लिए बाहर ले जाते हुए उन्हें देखा गया था। वापस आने के बाद ही शायद उन्होंने रस्सी से फंदा लगाकर अपनी जान दे दी। इसके क्या कारण रहे, इसका अभी जांच के बाद ही पता चलेगा।
सीएम पद के लिए मैंने नहीं किया कोई दावा, नीतीश कुमार ने कहा ; एनडीए विधायक दल की कल होगी बैठक
बिहार में शुक्रवार को एनडीए विधायक दल की बैठक होगी जिसमें विधायक दल का नेता चुने जाने की संभावना है। हालांकि, इस बैठक से पहले आज नीतीश कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस करके कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री बनने का दावा नहीं किया है और इस पर फैसला एनडीए में शामिल पार्टियां करेंगी। नीतीश ने कहा कि यह एनडीए को तय करना है कि बिहार का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा।
वैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीत के बाद भाजपा की धन्यवाद रैली में बुधवार को भाजपा मुख्यालय में साफ़ कहा था कि बिहार में नीतीश के नेतृत्व में नई सरकार बनेगी। इस लिहाज से संभावना यही है कि नीतीश ही विधायक दल के नेता चुने जाएंगे। हालांकि, नीतीश ने यह कहकर चौंकाया जरूर है कि उन्होंने मुख्यमंत्री बनने का दावा नहीं किया है। उन्होंने कहा कि मेरी तरफ से कोई दवाब नहीं है, सीएम पद के लिए एनडीए की बैठक में फैसला होगा।
नीतीश ने इस मौके पर कहा कि जनता ने एनडीए को बहुमत दिया है और हम सरकार बनाएंगे। हालांकि, शपथ ग्रहण की तारीख को लेकर नीतीश कुमार ने कहा कि अभी इसका निर्णय नहीं किया गया है। यह तय नहीं हो पाया है कि शपथ ग्रहण छठ या दिवाली के बाद होगा। नीतीश ने कहा – ‘हम नतीजों की समीक्षा कर रहे हैं। सहयोगी चार पार्टियों के नेताओं की कल यानी शुक्रवार को बैठक होगी।’
जदयू नेता ने कहा कि हम पार्टी के घटे वोट प्रतिशत की भी समीक्षा करेंगे। चिराग को लेकर उन्होंने कहा कि एलजेपी ने हमारे सभी उम्मीदवारों के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारे। नीतीश ने कहा – ‘हमने बिहार के लोगों के कल्याण के लिए और राज्य के विकास के लिए निरंतर काम किया है। हम बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध रहे हैं।’
जनादेश महागठबंधन के पक्ष में था, चुनाव आयोग का नतीजा एनडीए के पक्ष में आया, बोले तेजस्वी ; चुने गए महागठबंधन विधायक दल के नेता
बिहार विधानसभा चुनाव के कड़े मुकाबले में कुछ ही सीटों से जीत से पीछ्हे रह गए महागठबंधन मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने गुरुवार को गंभीर आरोप लगते हुए कहा है कि ‘जनादेश महागठबंधन के पक्ष में था, लेकिन चुनाव आयोग का परिणाम एनडीए के पक्ष में आया।’ तेजस्वी ने कहा कि इस चुनाव में भाजपा-जदयू (एनडीए) ने धन, छल और बल के जरिए जीत हासिल की है। इस बीच आज उन्हें बिहार में राजद-कांग्रेस-वामपंथी गठबंधन (महागठबंधन) विधायक दल का नेता चुना गया।
नतीजों के बाद पहली बार तेजस्वी मीडिया के सामने आये। वे हार के बावजूद विश्वास से भरे दिख रहे थे और उन्हें चेहरे पर हार जैसा कोई भाव नहीं था। उन्होंने इस मौके पर कहा – ‘यह पहली बार नहीं हुआ है। साल 2015 में जब महागठबंधन बना था, तब वोट हमारे पक्ष में थे, लेकिन भाजपा ने सत्ता हासिल करने के लिए बैक डोर एंट्री ली।’ इससे पहले तेजस्वी को राजदाद-कांग्रेस-वामपंथी (महागठबंधन) का नेता चुना गया। इस लिहाज से जाहिर है नई विधानसभा गठित होने के बाद वो विपक्ष के नेता बनेंगे।
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि हमें लोगों का समर्थन मिला, लेकिन राजग ने धन, छल और बल के जरिए चुनावी जीत हासिल की। प्रेस कॉन्फ्रेंस में काफी जोश में दिख रहे तेजस्वी ने कहा कि उनकी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। तेजस्वी ने कहा – ‘चाहे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कोई भी बैठे, असली विजेता हम हैं और जनादेश उनके पक्ष में आया है।’
महागठबंधन विधायक दल के नेता ने पोस्टल बैलट की गिनतियों में फ्रॉड का भी आरोप लगाया और पुनर्मतगणना की मांग की। उन्होंने कहा – ’20 सीटों पर बहुत कम अंतर था। पीएम नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार धन, बल, छल से इस 31 साल के नौजवान को रोकने में नाकामयाब रहे, लेकिन आरजेडी को सिंगल लार्जेस्ट पार्टी बनने से रोक नहीं पाए। जनादेश महागठबंधन के लिए था। मुख्यमंत्री चोर दरवाजे से अंदर आना चाहते हैं।’
तेजस्वी ने कहा – ‘देखिए नीतीश कुमार के चेहरे की चमक कहां चली गई है, वो तीसरे नंबर पर आ गए हैं। यह बदलाव का जनादेश है। नीतीश कुमार मुख्यमंत्री के पद पर बैठे हैं, लेकिन हम लोगों के दिलों में बैठे हैं।’ तेजस्वी ने वोटों की दोबारा गिनती की मांग की और अपने कुछ उम्मीदवारों के वोटों में बिल्कुल कम अंतर होने का हवाला दिया। युवा नेता ने यह भी सवाल किया कि पोस्टल बैलट शुरू में क्यों नहीं गिने गए थे और आरोप लगाया कि कई सीटों पर पोस्टल बैलट्स को अवैध घोषित कर दिया गया था। उन्होंने मांग की कि जिन पोस्टल बैलट्स को अवैध घोषित किया गया था, उन्हें सामने लाया जाए।