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मिश्रितपैथी के खिलाफ आईएमए का विरोध -प्रदर्शन

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आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी करने की अनुमति मिलने के बाद से देश भर के एलोपैथ डाक्टरों में सरकार के इस फैसले से रोष है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के तत्वावधान में आज डाक्टर्स सुबह 6 बजे से ओपीडी सेवायें बंद कर विरोध प्रदर्शन कर रहे है। प्रदर्शन कारी डाक्टरों का कहना है, कि सरकार आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी करने की अनुमति दे दी है। सरकार मिश्रितपैथी को जन्म दे रही है। इससे चिकित्सा के क्षेत्र में खतरा पैदा हो जायेगा।

आईएमए के अध्यक्ष डाँ राजन शर्मा व डीएमसी के उपाध्यक्ष डाँ नरेश चावला ने तहलका संवाददाता को बताया कि कोरोनाकाल चल रहा है। कोरोना रोगियों किसी भी प्रकार की परेशानी हो उसके लिये कोविड-19 से जुड़ी सेवायें सुचारू रहेगी। लेकिन सामान्य रोगियों के लिये सरकारी और निजी सेवायें वाधित रखी है।डाँ नरेश चावला का कहना है कि एलोपैथ ,आयुर्वेद और होम्योपैथ चिकित्सा प्रणाली में इलाज करने और पढ़ने में जमीन –आसमान का अंतर है। ऐसे में एलोपैथ की तरह अन्य पैथियों के पढ़े छात्र और डाँक्टर्स कैसे इलाज कर सकते है।ईएनटी रोग विशेषज्ञ डाँ महेन्द्र तनेजा का कहना है कि सरकार ने तामाम पहलुओं को समझें बिना ही मिश्रितपैथी को बढ़ावा दे रही है। इससे डाँक्टरों को रोगियों का इलाज करने में दिक्कत होगी और रोगी को कराने में, उनका कहना है कि सरकार को इस मामले पुनः विचार करने की आवश्यकता है।

हज-2021 के लिए अब कर सकेंगे 10 जनवरी तक आवेदन

हज-2021 के लिए किए जाने वाले आवेदन की अंतिम तिथि अब बढ़कर 10 जनवरी हो गई है। अल्संख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने हज यात्रा 2021 के लिए बैठक आयोजित की। इस दौरान देशभर के  अलग-अलग हज रवानगी केंद्रों पर प्रति यात्री खर्च भी कम करने पर चर्चा की गई।

हज कमेटी की बैठक की अध्यक्षता नकवी ने की। बैठक के बाद उन्होंने बताया कि 10 दिसंबर को हज के लिए आवेदन करने की अंतिम थी, जिसे बढ़ाकर 10 जनवरी 2021 कर दिया गया है। नकवी ने बताया कि अब तक करीब 40 हजार आवेदन मिल चुके हैं। इनमें से 500 अधिक आवेदन मेहरम (पुरुष सहयात्री) के बगैर यात्रा करने वाली महिलाओं के हैं। पिछले साल ऐसी 2100 महिलाओं ने हज यात्रा के लिए आवेदन किया था। इस साल की यात्रा के लिए भी ऐसे सभी आवेदन मान्य रहेंगे। इस वर्ग की महिलाओं को लॉटरी सिस्टम से बाहर रखा जाएगा।

हज यात्रा के लिए इस बार ऑनलाइन, ऑफलाइन और हज मोबाइल एप के जरिये आवेदन की सुविधा दी गई है। मंत्री ने बताया कि सऊदी अरब से चर्चा करने और फीडबैक मिलने के बाद अलग-अलग हज केंद्रों से प्रति यात्री अनुमानित खर्च कम कर दिया गया है। अहमदाबाद और मुंबई से प्रति यात्री हज यात्रा के लिए अब अनुमानित खर्च 3.30 लाख रुपये, बंगलूरू, लखनऊ, दिल्ली और हैदराबाद से 3.30 लाख रुपये, कोच्चि और श्रीनगर से 3.60 लाख रुपये, कोलकाता से 3.70 लाख रुपये तथा गुवाहाटी से 4 लाख रुपये प्रति यात्री तय किया गया है। यात्रा के दौरान कोविड-19 के अंतर्राष्ट्रीय नियमों का पालन करना जरूरी होगा।

‘केंद्र करे सर्जिकल स्ट्राइक’, किसान आंदोलन को चीन-पाकिस्तान के साथ जोड़ने पर भड़के संजय राउत

शिवसेना सांसद संजय राउत ने केंद्रीय राज्य मंत्री और भाजपा नेता रावसाहेब दानवे के किसान आंदोलन को चीन-पाकिस्तान के साथ जोड़ने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सरकार से सबूत की मांग की है। इतना ही नहीं, राउत ने केंद्र से सर्जिकल स्ट्राइक की भी मांग की है।

केंद्रीय राज्य मंत्री और भाजपा नेता रावसाहेब दानवे ने दावा किया है कि किसान आंदोलन एक विदेशी साजिश है और इसके पीछे चीन और पाकिस्तान है। दानवे ने यह भी कहा था कि यह किसानों का आंदोलन नहीं है। इस पर राउत ने कहा कि यदि कोई केंद्रीय मंत्री ऐसी जानकारी देता है, तो रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को तुरंत चीन और पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक शुरू कर देना चाहिए।

अगर बाहरी ताकतें हमारे देश में अस्थिरता और अशांति पैदा कर रही हैं, तो एक देशभक्त दल के तौर पर, शिवसेना इस बयान को बहुत गंभीरता से ले रही है।

राउत ने कहा, ‘रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और तीनों सेनाओं के प्रमुखों को गंभीरता से सोचना चाहिए और तुरंत चीन-पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक शुरू करना चाहिए।’

राउत ने कहा, ‘सारा देश चिंतित है कि लाखों किसान सिंघू सीमा पर लड़ रहे हैं। अगर सरकार वास्तव में कोई समाधान निकालना चाहती है, तो वह आगे बढ़ेगी। लेकिन ज्यादातर समय, सरकार इस मुद्दे को लटकाए रखना चाहती है। महाराष्ट्र, पंजाब और अन्य सभी किसानों की समस्याएं समान हैं। अगर सरकार कानून और कृषि कानून में कुछ बदलाव चाहती है, तो इसकी शुरुआत भाजपा शासित राज्यों से होनी चाहिए। वहां प्रयोग करें, देखें कि क्या होता है, और फिर अन्य राज्य इसे स्वीकार करेंगे। शायद पंजाब भी इसे स्वीकार कर ले।’
रावसाहेब दानवे ने क्या कहा था
किसानों का आंदोलन नहीं है। इसके पीछे चीन और पाकिस्तान का हाथ है। इससे पहले देश में , मुस्लिम समुदाय का गुमराह किया गया और बताया गया कि मुसलमानों को सीएए और एनआरसी के कारण देश छोड़ना पड़ेगा। क्या कोई मुस्लिम बाहर गया है? अब किसानों से कहा जा रहा है कि सरकार आपको नुकसान में डाल रही है। यह एक विदेशी साजिश है। हमारे देश के किसानों को इस बारे में सोचना चाहिए।

नए संसद भवन का शिल्यान्यास किया पीएम मोदी ने

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नई दिल्ली में नए संसद भवन का विधिपूर्वक शिलान्यास और भूमि पूजन  सर्वधर्म प्रार्थना के साथ किया। करीब 971 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला नया संसद भवन आने वाले सौ सालों की जरूरतों के हिसाब से बनाया गया है। यह संसद भवन अक्टूबर 2022 तक पूरा होगा और संभावना है कि उस साल का शीतकालीन सत्र नए संसद भवन में होगा।

नया संसद भवन अत्याधुनिक, तकनीकी सुविधाओं से युक्त होगा और इसमें सोलर सिस्टम से ऊर्जा बचत भी होगी। नई लोकसभा मौजूदा आकार से तीन गुना बड़ी होगी और राज्यसभा के आकार में भी वृद्धि की गई है। ये नया संसद भवन न केवल पुराने भवन से बड़ा होगा, बल्कि इसका आकार भी गोल न होकर त्रिभुजाकार होगा। भवन को अक्टूबर 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य है ताकि देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर इसी भवन में सत्र का आयोजन हो। नए संसद भवन में लोकसभा का आकार मौजूदा से तीन गुना होगा।

पुराने संसद भवन की तुलना में इसमें ज्यादा कमेटी रूम और पार्टी दफ्तर होंगे।  इसमें राज्यसभा का भी आकार बढ़ेगा। कुल 64,500 वर्गमीटर क्षेत्र में नए संसद भवन का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लि. की ओर से कराया जाएगा। नए संसद भवन की डिजाइन एचसीपी डिजाइन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने तैयार की है।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, टाटा ट्रस्ट के अध्यक्ष रतन टाटा, केंद्रीय मंत्री एचएस पुरी, राज्य सभा के उप सभापति हरिवंश सहित कई केंद्रीय मंत्री, बड़ी संख्या में सांसद और कई देशों के राजदूत इस ऐतिहासिक अवसर के गवाह बने।

वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भूमि पूजन कार्यक्रम आरंभ हुआ और इसके संपन्न होने के बाद शुभ मुहुर्त में प्रधानमंत्री ने परम्परागत विधि विधान और भूमि पूजन करने के साथ ही नये संसद भवन की आधारशिला रखी। नए संसद भवन के शिलान्यास समारोह में विभिन्न धर्मगुरुओं ने ‘सर्व धर्म प्रार्थना’ की।

राहुल गांधी सहित विपक्षी नेता किसान मुद्दों पर राष्ट्रपति से मिले, ज्ञापन सौंपा

कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित विपक्ष के कुछ नेता आज शाम किसानों के आंदोलन के मद्देनजर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिले। विपक्षी नेताओं ने एक ज्ञापन भी राष्‍ट्रपति को सौंपा है जिसमें कहा गया है कि सरकार बिना पर्याप्‍त चर्चा के ये कानून लाई है, लिहाजा इन्‍हें वापस लिया जाए। राष्ट्रपति से मिले विपक्षी प्रतिनिधिमंडल में गांधी के अलावा राकांपा प्रमुख शरद पवार, माकपा नेता सीताराम येचुरी, भाकपा महासचिव डी राजा आदि शामिल थे।

किसानों के मसले पर ट्वीटर पर लगातार सक्रिय राहुल गांधी बुद्धवार को अन्य विपक्षी नेताओं का नेतृत्व करते दिखे। वह विपक्षी नेताओं के उस प्रतिनिधिमंडल का हिस्‍सा थे जिसने राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। बैठक के बाद राहुल ने कहा – ‘हमने राष्‍ट्रपति को बताया कि यह बेहद जरूरी है कि ये किसान विरोधी कानून वापस लिए जाएं। एक ज्ञापन भी राष्‍ट्रपति को सौंपा। सरकार बिना पर्याप्‍त चर्चा के ये कानून लाई है, ऐसे में इन्‍हें वापस लिया जाए।’

राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा – ‘किसान ने इस देश की नींव रखी है और वो दिनभर इस देश के लिए काम करते हैं। ये बिल किसान विरोधी हैं। प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि ये बिल किसानों के हित में हैं। अगर किसानों के हित में है, तो फिर किसान सड़कों पर क्यों हैं? इन बिलों का उद्देश्य हिंदुस्तान की कृषि व्यवस्था को प्रधानमंत्री के मित्रों के हवाले करने का है। किसान इस बात को बहुत अच्छी तरह से समझ गए हैं।’

राहुल गांधी ने कहा – ‘किसान की शक्ति के सामने कोई नहीं टिक सकता। भाजपा सरकार को गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए कि किसान डर जाएंगे, पीछे हट जाएंगे। बिलों के रद्द होने तक किसान न डरेगा और न ही पीछे हटेगा।’

पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, टीआर बालू, भाकपा के महासचिव डी राजा और येचुरी शामिल रहे। येचुरी ने इस मौके पर कहा कि हमने राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया है। ‘हमने कृषि कानूनों और बिजली संशोधन बिल को वापस लेने के लिए कहा है।’

इस बीच राहुल गांधी ने आज नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत के मंगलवार के एक विवादित ब्यान जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘देश में कुछ ज्‍यादा ही लोकतंत्र है, जिसके कारण यहां कड़े सुधारों को लागू करना कठिन होता है’ को लेकर राहुल ने आज हमला बोला। गांधी ने उनका ब्यान लेते हुए ट्विटर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में सुधार, चोरी के जैसा है। गांधी ने ट्वीट किमें कहा – ‘श्रीमान मोदी के कार्यकाल में सुधार, चोरी के जैसा है। इसलिए वे लोकतंत्र से छुटकारा पाना चाहते हैं।’

किसानों ने सरकार के प्रस्ताव खारिज किए, 14 दिसंबर को देशव्यापी प्रदर्शन

मोदी सरकार को बड़ा झटका देते हुए आंदोलनकारी किसानों ने शाम को भेजे सरकार के प्रस्ताव ठुकराते हुए आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया है। किसान  नेताओं ने अब से कुछ देर पहले एक प्रेस कांफ्रेंस में इसका ऐलान किया। उन्होंने साफ़ कहा कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने से कम किसी चीज पर समझौता नहीं होगा। साथ ही 14 दिसंबर को देशव्यापी प्रदर्शन किया जाएगा। किसान नेताओं ने यह भी ऐलान किया है कि भाजपा से जुड़े मंत्रियों का घेराव किया जाएगा।

कृषि कानूनों को लेकर सरकार की तरफ से भेजे गए प्रस्ताव को किसान संगठनों ने खारिज कर दिया है। किसान संगठनों ने कहा कि हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा। किसान नेताओं ने कहा कि दोबारा प्रस्ताव आएगा तो हम उसपर विचार करेंगे। कहा कि पूरे देश में आंदोलन तेज करेंगे और 14 दिसंबर को पूरे देश में धरना प्रदर्शन होगा। भाजपा के मंत्रियों का घेराव करेंगे और 12 दिसंबर तक जयपुर-दिल्ली हाईवे सील रहेगा। दिल्ली की सड़कों को जाम करेंगे और 12 दिसंबर तक टोल प्लाजा को फ्री करेंगे। कानून रद्द किए जाने तक जंग जारी रहेगी। इसके अलावा उन्होंने सभी जियो उत्पादों का बायकाट करने का भी फैसला किया है।

शाम को किसान संगठनों के एक प्रतिनिधि समूह को सरकार की ओर से एक मसौदा प्रस्ताव 13 कृषक संगठन नेताओं को भेजा गया जिनमें बीकेयू (एकता उगराहन) के जोगिंदर सिंह उगराहन भी शामिल हैं। यह संगठन करीब 40 आंदोलनकारी संगठनों में से सबसे बड़े संगठनों में शामिल है। प्रस्ताव मिलने के बाद किसान संगठनों ने बैठक की और बाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किसान संगठनों ने आगे के रुख की जानकारी दी। गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार की रात 13 संगठन नेताओं से मुलाकात के बाद कहा था कि सरकार किसानों द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण मुद्दों पर एक मसौदा प्रस्ताव भेजेगी। किसान नेता कृषि कानूनों को वापस लेने पर जोर दे रहे हैं।

सरकार और कृषि संगठन के नेताओं के बीच छठे दौर की वार्ता बुधवार की सुबह भी प्रस्तावित थी, जिसे रद्द कर दिया गया था। मसौदा प्रस्ताव कृषि मंत्रालय में संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने भेजा। दिन भर सरकार की तरफ से किसान नेताओं के आंदोलन को किसी भी तरह ख़त्म करवाने की योजनाओं पर काम चलता रहा। शाम को एक प्रस्ताव सरकार की तरफ से किसानों को भेजा गया। इस प्रस्ताव पर किसान नेताओं ने चर्चा की और घोषणा की कि उन्हें यह प्रस्ताव किसी भी सूरत में पसंद नहीं हैं।

किसान नेताओं ने साफ़ कर दिया है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने से कम किसी चीज पर समझौता नहीं होगा। साथ ही 14 दिसंबर को देशव्यापी प्रदर्शन किया जाएगा। किसान नेताओं ने यह भी ऐलान किया है कि भाजपा से जुड़े मंत्रियों का घेराव किया जाएगा। किसानों का यह फैसला मोदी सरकार के लिए बड़ा झटका है क्योंकि पिछले दो दिन से खुद गृह मंत्री अमित शाह इसमें सक्रियता दिखा रहे हैं।

अब संभावना यही है कि किसान आंदोलन तेज होगा। केंद्र सरकार से प्रस्ताव मिलने के बाद किसान नेताओं ने इस पर विचार किया,  जिसके बाद किसान नेताओं की बैठक हुई और इस बैठक में ये फैसला लिया गया कि सरकार का ये प्रस्ताव किसानों को मंजूर नहीं है। सरकार ने एमएसपी पर लिखित में देने का आश्वासन दिया था, लेकिन किसानों के नेताओं ने सरकार के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया।

केंद्र सरकार कृषि कानून में 5 संशोधन करने का प्रस्ताव रखा था। सरकार किसानों को ये गारंटी देने के लिए तैयार थी कि एमएसपी खत्म नहीं होगा और एमएसपी पर  किसानों के मुताबिक कुछ बदलाव संभव हैं। सरकार ने मंडी सिस्टम बेहतर करने का भी भरोसा दिया था। सरकार ने ये भी कहा था कि किसानों को कोर्ट जाने का अधिकार मिलेगा। सरकार कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग कानून में संशोधन और निजी कंपनियों पर कुछ टैक्स लगाने की भी बात को सहमत थी।

आज बॉलीवुड अभिनेत्री गुल पनाग भी किसानों के समर्थन में सिंघु बॉर्डर पहुचीं और उन्होंने किसानों हौसला बढ़ाया। पनाग एक सेना अधिकारी की बेटी हैं।

मराठा आरक्षण पर ठाकरे सरकार को झटका! सुप्रीम कोर्ट ने रोक हटाने से किया इंकार,अगली सुनवाई जनवरी में

सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण पर अंतरिम रोक हटाने से इनकार कर दिया है। महाराष्ट्र सरकार की ओर से बोलते हुए, मुकूल रोहतगी, कपिल सिब्बल आदि सरकारी वकिलों ने विभिन्न उदाहरण देते हुए अंतरिम रोक को हटाने की मांग की। शीर्ष अदालत ने कहा है कि स्टे को तुरंत नहीं हटाया जाएगा। इस मसले पर अगली सुनवाई जनवरी के तीसरे या चौथे सप्ताह में तय की गयी है।

छात्रों और एडमिशन के नुकसान के बारे में ठाकरे सरकार के मुकुल राहतोगी द्वारा उठाए गए सवाल के जवाब में कोर्ट ने कहा,’ हमने किसी भी भर्ती को रोकने से इनकार नहीं किया है। हालांकि, अदालत ने कहा कि भर्ती अधिनियम के तहत नहीं किया जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट की तीन न्यायाधीशों वाली खंडपीठ ने मराठा आरक्षण मामले को पाँच न्यायाधीशों वाली पीठ के पास भेज दिया। शीर्ष अदालत द्वारा आरक्षण पर रोक बरकरार रखे जाने से सरकार को गहरा झटका लगा है । सितंबर में मराठा आरक्षण पर लगी रोक को कम से कम आज हटाए जाने की उम्मीद थी।

मराठा आरक्षण पर राज्य सरकार की ओर से बोलते हुए, रोहतगी ने कहा कि राज्य सरकार ने ओबीसी आरक्षण को ठेस पहुंचाए बिना मराठा समुदाय को स्वतंत्र आरक्षण दिया गया है। इसके लिए, अलग-अलग एसईबीसी वर्ग बनाए गए हैं और उन्हें नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण दिया गया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मुंबई उच्च न्यायालय ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार कानून को बरकरार रखा था।

रोहतगी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि कई राज्यों में अधिकतम 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा पार कर ली गई है। 1993 में, सीमा को तमिलनाडु में 69 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया था। सरकार ने मराठा समुदाय को आरक्षण प्रदान किया है क्योंकि यह शिक्षा और रोजगार के साथ-साथ सामाजिक रूप से भी पिछड़ रहा है। रोहतगी ने अदालत को यह भी बताया कि पिछले 30 वर्षों में इस समुदाय के साथ बहुत अन्याय हुआ है।

उधर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने ठाकरे सरकार की आलोचना करते हुए है कहा कि सरकार की तैयारियों की कमी के कारण मराठा आरक्षण के मामले में मराठों को यह दिन देखना पड़ा। अब मराठा समुदाय के सामने अंधेरा ही अंधेरा है जनवरी तक। चंद्रकांत पाटिल ने यह भी कहा है कि मुकुल रोहतगी ने आज अदालत के समक्ष कोई नया मुद्दा नहीं उठाया।

सीतारमण, किरण मजूमदार दुनिया की 100 शक्तिशाली महिलाओं में शामिल

मोदी सरकार में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, बायोकॉन की संस्थापक किरण मजूमदार शॉ और एचसीएल इंटरप्राइज की सीईओ रोशनी नादर मल्होत्रा को दुनिया की 100 शक्तिशाली महिलाओं की सूची में जगह मिली है। फोर्ब्स की वर्ष 2020 की जारी सूची में जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने लगातार दसवीं बार शीर्ष पायदान पर कब्जा बरकरार रखा है।
वहीं, यूरोपियन सेंट्रल बैंक की प्रमुख क्रिस्टीन लेगार्ड लगातार दूसरी बार दूसरे स्थान पर रहीं। भारतीय मूल की अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस सूची में तीसरे नम्बर पर हैं। बिल एवं मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की मेलिंडा गेट्स पांचवें स्थान पर हैं।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को सूची में 41वां स्थान मिला है। वहीं, रोशनी नादर मल्होत्रा 55वें और मजूमदार शॉ 68वें पायदान पर रहीं।
लैंडमार्क समूह की अध्यक्ष रेणुका जगतियानी को 98वां स्थान हासिल हुआ। फोर्ब्स की सबसे शक्तिशाली महिलाओं की 17वीं वार्षिक सूची के लिए 30 देशों की चार पीढ़ियों तक की महिलाओं में से चयन किया गया। सुव्ही में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना 39वें पायदान पर हैं।

राजस्थान पंचायत, जिला परिषद चुनाव में कांग्रेस को झटका; सचिन पायलट, पीसीसी प्रमुख के गढ़ों में पिटी पार्टी

राजस्थान में पंचायतराज और जिला परिषद के चुनावों के नतीजों में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। खासकर पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पॉयलट और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के गढ़ों में कांग्रेस की बुरी हालत हुई है। नतीजों को आधार बनाकर भाजपा ने आज दावा किया कि इससे जाहिर हो गया है कि किसान भाजपा के साथ हैं।

पहले दिन की गणना में कांग्रेस बहुत बड़ी बढ़त बनाती दिख रही थी लेकिन बाद में भाजपा का ग्राफ ऊपर चढ़ता गया। अभी तक 21 जिलों के 4051 पंचायत समिति सदस्यों के नतीजों में कांग्रेस को 1718 जबकि भाजपा को 1836 सीटें मिली हैं। आमतौर यह होता है कि पंचतयात चुनावों में सत्तारूढ़ दल को फायदा मिलता है।

कांग्रेस के लिए बुरा यह रहा कि पंचायत समिति और जिला परिषद दोनों चुनावों में उसे भाजपा से पिछड़ना पड़ा है। कांग्रेस के कई दिग्गजों को इस चुनाव में बड़ा झटका लगा है जिनमें पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी शामिल हैं। कई मंत्री भी बेहतर नतीजे देने में नाकाम रहे।
डोटासरा ने निर्वाचन क्षेत्र लक्ष्मणगढ़ में कांग्रेस 25 में से केवल 11 सीटों पर ही कब्जा जमा पाई। वहां भाजपा ने 13 और एक निर्दलीय ने जीत हासिल की। निम्बाहेड़ा में सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना भी सिर्फ 17 में से तीन सीट ही कांग्रेस को जीता पाए जबकि भाजपा ने 14 सीटों पर कब्जा जमाया। खेल मंत्री अशोक चांदना डिहौली क्षेत्र में 23 में से 13 पंचायत समितियों में भाजपा और 10 पर कांग्रेस बेहतर रही।  अजमेर में चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा को बड़ा झटका लगा है जहां 11 पंचायत समितियों में 9 पर भाजपा की बढ़त मिली और कांग्रेस को दो पर।

पूर्व उपमुख्यमंत्री सीएम सचिन पायलट के लिए पंचायत चुनाव दोहरा झटका देने वाले रहे। सचिन के टोंक और अजमेर जैसे गढ़ में कांग्रेस की बुरी भद्द पीती है। टोंक में जिला परिषद सीटों की 25 सीटों में 10 ही कांग्रेस के कब्जा रहा। वहीं अजमेर में पंचायत समिति में भी कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। कई जगह निर्दलीय और हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी ने भी बेहतर प्रदर्शन किया। आरएलपी 56 और 422 सीटों पर निर्दलीयों ने जीत का परचम लहराया है। माकपा ने 16 सीटों पर फ़तेह हासिल की।

नतीजों के बीच भाजपा नेता प्रकाश जावेड़कर ने पार्टी की इस जीत को किसान आंदोलन से जोड़ दिया और कहा इन नतीजों से साफ़ है कि किसान भाजपा के साथ हैं और कांग्रेस और विपक्ष उन्हें गुमराह कर रहा है।

कश्मीर के पुलवामा में 3 आतंकी ढेर, बारामूला हमले में 6 नागरिक घायल

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में बुधवार को सुरक्षाबलों ने एक मुठभेड़ में तीन आतंकियों को मार गिराया। एक अन्य आतंकी हमले में बारामूला जिले में 6 नागरिक घायल हो गए हैं।

जानकारी के मुताबिक आज तड़के कश्मीर संभाग के पुलवामा के टिकन क्षेत्र में यह मुठभेड़ हुई है। अभी भी वहां सुरक्षा बल सर्च आपरेशन चला रहे हैं। सीआरपीएफ की 182वीं बटालियन और जम्मू-कश्मीर पुलिस इलाके में साझा मोर्चा चला रहे हैं। आशंका है कि इलाके में अभी भी आतंकी छिपे हो सकते हैं।

सुरक्षाबलों ने इलाके के लोगों को सुरक्षित जगह भेजा है ताकि उन्हें कोई खतरा न हो। रिपोर्ट्स के मुताबिक सुरक्षाबलों को आज तड़के टिकन गांव में आतंकियों के मौजूदगी की खबर मिली। इसके बाद वहां सर्च अभियान शुरू किया गया। सुरक्षा बलों से खुद को घिरता देख आतंकियों की तरफ से गोलीबारी शुरू हो गयी सुरक्षाबलों ने भी जवाबी फायरिंग की।

गोलीबारी रुकने के बाद सुरक्षा बलों को वहां तीन आतंकियों के शव मिले हैं। उनकी पहचान होना अभी बाकी है। सुरक्षा बल वहां सर्च अभियान जारी रखे हुए हैं। आशंका है कि कुछ और आतंकी हो सकते हैं।

इस बीच उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के पट्टन के सिंहपोरा इलाके के मुख्य बाजार में आतंकियों के ग्रेनेड हमले में हंदवाड़ा की महिला समेत छह नागिरक घायल हुए हैं। घायलों में एक बच्चा भी शामिल है। घायलों को पट्टन ट्रामा अस्पताल ले जाया गया है जहां उन्हें प्राथमिक उपचार देने के बाद एसएमएचएस अस्पताल भेज दिया गया। हमलावरों की तलाश के लिए सुरक्षाबलों का सर्च ऑपरेशन जारी है।

ग्रेनेड हमले में घायल लोगों की पहचान गुलाम मोहम्मद पारे, गुलजार अहमद खान,   मंजूर अहमद बट्ट, आशिक डार और अहमद डार (सभी लोकल) और तबस्सुम (उत्तर प्रदेश) के रूप में हुई है। सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर ली है।