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पीएम मोदी दूसरे चरण में लगवाएंगे कोरोना का टीका, उनके बाद सभी मुख्यमंत्रियों का भी आएगा नंबर

देश में टीकाकरण अभियान की सुस्त रफ़्तार देखते हुए अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूसरे अभियान के दौरान कोरोना का टीका लगाएंगे। उनके बाद देश के मुख्यमंत्री भी ऐसा करेंगे। अभी तक की रिपोर्ट्स के मुताबिक टीकाकरण को लेकर लोगों के मन में भरी आशंकाओं के चलते टीकाकरण की रफ़्तार धीमी है।

वैसे तो अब तक लाखों लोग टीका लगवा चुके हैं, खबर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वैक्सीनेशन के दूसरे चरण में कोरोना वैक्सीन लगवाएंगे। इसके साथ ही सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी दूसरे फेज में टीका लगाया जाएगा। दूसरे चरण में 50 साल से ज्यादा वालों को कोरोना का टीका लगाया जाएगा, जिसमें पीएम मोदी और कमोवेश सभी राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हैं।

पीएम मोदी ने 16 जनवरी को देशभर में टीकाकरण अभियान की शुरुआत की थी।

सरकार के मंत्री और स्वास्थ्य अधिकारी जनता को लगातार भरोसा दिला रहे हैं कि  वैक्सीन का कोई साइड इफेक्ट नहीं होगा।  हालांकि, इसके बावजूद कुछ ऐसे मामले आये हैं जिनमें लोगों को विपरीत परिस्थिति का सामना करना पड़ा है। एकाध मामले में टीका लगवाने के बाद व्यक्ति की मौत भी हुई, हालांकि, स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि यह मौत टीके से नहीं हुई है।

शेयर मार्केट में उछाल, सेंसेक्स पहली बार 50 हज़ार पार

अमेरिका में नई सरकार के गठन और मजबूत वैश्विक संकेतों के दम पर घरेलू शेयर बाजार वीरवार को नई ऊंचाई पर पहुंच गया। बीएसई सेंसेक्स पहली बार 50 हजार के स्तर को पार कर गया। सुबह सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 270 अंक के साथ 50,070 अंक पर पहुंच गया, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 14,700 अंक के ऊपर कारोबार कर रहा था।
रिलायंस, बजाज फाइनेंस, आईसीआईसीआई और एक्सिस बैंक जैसे शेयरों के दम पर शेयर बाजार इतिहास में पहली बार 50 हजार के अंक को पार कर गया। जेके टायर के शेयरों में सबसे अधिक 9 फीसदी की उछाल देखी गई।
सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 27 बढ़त के साथ खुले यानी हरे रंग पर कारोबार कर रहे थे। बजाज फाइनेंस और बजाज फिनसर्व के शेयर 4 फीसदी और 3 फीसदी की तेजी के साथ खुले। दिसंबर तिमाही के नतीजों के घोषणा के बाद इन कंपनियों के शेयरों में तेजी का रुख जायँ है। बजाज ऑटो के शेयरों में भी एक फीसदी की तेजी रही। कंपनी वीरवार यानी आज अपने दिसंबर तिमाही के नतीजों की घोषणा भी करने वाली है।
इससे पहले, बुधवार को घरेलू शेयर बाजार में तेजी दर्ज की गई थी औए सेंसेक्स नई रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था। बीएसई का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स 393.83 अंक की बढ़त के साथ 49,792.12 अंक के नये रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ। इसी तरह निफ्टी 123.55 अंक की बढ़त के साथ 14,644.70 अंक के उच्च स्तर पर पहुंच गया था।

दिल्ली में चोर पीपीई किट पहनकर 25 किलो सोना उड़ा गया; बाद में पकड़ा गया, सोना भी बरामद

राजधानी दिल्ली के कालकाजी इलाके में एक चोर तमाम सुरक्षा बंदोबस्त को धता बताते हुए एक शोरूम से 25 किलो सोना उड़ाकर ले गया। उसने चोरी करते समय पीपीई किट पहन रखी थी। करीब 12 करोड़ का यह सोना बाद में उसी से बरामद कर लिया गया।

पुलिस ने मामले के आरोपी शेख नूर को कुछ घंटे में ही गिरफ्तार कर लिया और उसके पास से सोना भी बरामद हो गया है। जब सुबह शोरूम को मालिक ने खुला पाया और भीतर जाकर देखा तो वहां रखी करोड़ों की ज्वेलरी गायब थी। इसके बाद पुलिस में रिपोर्ट की गयी।

गणतंत्र दिवस से पहले चोरी की इस बड़ी वारदात ने सुरक्षा इंतजामों की पोल भी खोल कर रख दी है। घटना दिल्ली की कालकाजी मार्केट में अंजली ज्वेलर्स के बहुमंजिला ज्वेलरी शोरूम की है। चोरी (बाद में बरामद) की गयी ज्वेलरी की कीमत करीब 12 करोड़ रूपये बताई गयी है। पुलिस ने बताया कि वारदात करते हुए चोर ने पीपीई किट पहन रखी थी।

सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई और बाद में चोर को पकड़ लिया गया। ज्वेलरी शोरूम में हमेशा हथियारबंद सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं और घटना के समय भी चार हथियारबंद सुरक्षाकर्मी तैनात थे लेकिन इसके बावजूद घटना हो गयी। जांच के समय पुलिस ने एक चोर को सीसीटीवी कैमरे में सीढ़ियों से उतरता हुआ देखा जिसने पीपीई किट पहनी थी। इसके बाद उसने तलाश शुरू की और उसे पकड़ लिया। सारा सोना भी उसके पास से बरामद हो गया है।

अमेरिका में बाइडन युग शुरू; शपथ ली, कमला हैरिस उप राष्ट्रपति बनीं

जो बाइडन अमेरिका के नए राष्ट्रपति बन गए हैं। वाशिंगटन में कैपिटल हिल में कुछ देर पहले उन्होंने अपने पद की शपथ ली। भारतीय मूल की कमला हैरिस उप राष्ट्रपति बनी हैं। पूर्व राष्ट्रपति अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश, बिल क्लिंटन और बराक ओबामा समारोह के अलावा निवर्तमान उप राष्ट्रपति माइक पेंस भी शपथ समारोह में  उपस्थित रहे। कमला हैरिस के शपथ के बाद जेनिफर लोपेज ने म्यूजिकल प्रस्तुति दी। शपथ के बाद बाइडन ने कहा – ‘अमेरिका को एकजुट करना मेरा लक्ष्य है’।

इस तरह आज अमेरिका में ट्रम्प युग का अंत हो गया और बाइडन युग की शुरुआत हो गयी है। करीब पौने सात बजे ट्रम्प ने व्हाइट हाउस पत्नी मिलानिया के साथ छोड़ दिया। वे पहले ही कह चुके थे कि बाइडन के शपथ समारोह में शामिल नहीं होंगे। बाइडन से पहले भारतीय मूल की कमला हैरिस उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली।

शपथ ग्रहण समारोह कैपिटल हिल में हुआ जहाँ अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश, बिल क्लिंटन और बराक ओबामा समारोह में मौजूद रहे। ओबामा ने बाइडन को बधाई देते हुए कहा – ‘ये आपका समय है।’

कड़ी सुरक्षा के बीच समारोह हुआ। करीब 25 हजार नेशनल गार्ड अमेरिकी राजधानी में तैनात किए गए। निवर्तमान उपराष्ट्रपति माइक पेंस शपथ ग्रहण समारोह में पत्नी केरेन पेंस के साथ कैपिटल हिल पहुंचे।

उधर आज शाम बम की धमकी के बाद अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट को खाली करा दिया गया। सीएनएन के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट में बम की धमकी दी गई थी, जिसके बाद उसे खाली करा दिया गया।

शपथ के बाद बाइडन ने कहा – ‘अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। देश को रिपेयर किये जाने की जरूरत है। हम अमेरिका के भविष्य को सुरक्षित करेंगे। मेहनत से तरक्की के लिए काम करेंगे। अमेरिका को एकजुट करना मेरा लक्ष्य है।’

सरकार-किसानों में फिर नहीं बनी बात; क़ानून एक साल स्थगित करने की बात कबूल नहीं, कल चर्चा करेंगे, 22 को फिर बैठक  

किसान संगठन और सरकार के बीच 10वें दौर की बातचीत खत्म हो गई है। बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि 22 को फिर बैठक होगी। उन्होंने कहा कि बैठक में सरकार ने कानूनों को एक-डेढ़ साल स्थगित रखने का प्रस्ताव दिया है। हालांकि, किसान युनियन नेता राकेश टिकैत ने तहलका से बातचीत में कहा – ‘यह सरकार का पक्ष है। हमारी मांग तीनों कानूनों को खत्म करने और एमएसपी को क़ानून बनाने की है। कल हम बैठकर बात करेंगे और जो बहुमत का फैसला होगा आपको बताएंगे।’

आज की बैठक करीब 6 घंटे चली। इसमें सरकार ने कृषि कानूनों को एक-डेढ़ साल स्थगित रखने और एक कमेटी बनाने का प्रस्ताव दिया। सरकार ने कहा कमेटी जो सिफारिश दे उसपर बात की जा सकती है। हालांकि, किसान नेताओं ने अपनी मांगों पर दृढ़ रहने का फैसला किया। वैसे वे 22 को एक और बैठक के लिए तैयार हो गए हैं। बातचीत में 40 किसान नेता शामिल हुए।

तहलका से बातचीत में राकेश टिकैत ने कहा – ‘एमएसपी पर क़ानून बने…तीनों क़ानून रद्द हों, यही हमारी मांगें हैं। किसानों को अब अपडेट करेंगे। राजी नहीं होंगे तो कुछ नहीं होगा। जो मंत्री जी ने बताया वह सरकार का प्रस्ताव है। कल चर्चा करेंगे। जो बहुमत का फैसला होगा कल आपको बताएंगे। हमारी 26 की ट्रैक्टर परेड कार्यक्रम के मुताबिक होगी।’

बैठक में 10वें दौर की बातचीत के दौरान सरकार ने नए कृषि कानूनों के निलंबन का एक साल का प्रस्ताव रखा था, लेकिन किसान नेताओं ने इसे नामंजूर कर दिया। दरअसल सरकार ने किसानों को प्रस्ताव दिया कि एक निश्चित समय के लिए कानून पर रोक लगा दी जाए और एक कमेटी का गठन किया जाए, जिसमें सरकार और किसान दोनों हो, लेकिन किसान संगठन इस प्रस्ताव पर नहीं राजी हुए। साथ ही सरकार की ओर से ये भी अपील की गई कि इस प्रस्ताव के साथ-साथ आपको आंदोलन भी खत्म करना होगा।

निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस छोड़ा, बाइडन का शपथ ग्रहण होगा कुछ घंटे में

अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चार साल राष्ट्रपति के रूप में रहने के बाद बुधवार शाम 6.43 बजे (भारतीय समय) व्हाइट हाउस छोड़ दिया। वे नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन के शपथ ग्रहण में शामिल नहीं होंगे। ट्रंप के साथ मेलानिया ट्रम्प भी थीं। वे एक हेलीकॉप्टर के जरिये एयरपोर्ट पहुंचे जहाँ से वे फ्लोरिडा के लिए रवाना होंगे। एयरपोर्ट पर ट्रम्प और मेलानिया ने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा – ‘गॉड ब्लेस यू, गॉड ब्लेस दिस ब्यूटीफुल नेशन।’

आम तौर पर निवर्तमान राष्ट्रपति नए राष्ट्रपति की आगवानी व्हाइट हाउस में करते हैं, लेकिन ट्रम्प ने ऐसा करने से मना कर दिया। चार घंटे के भीतर व्हाइट हाउस को नए राष्ट्रपति के लिए तैयार कर दिया जाएगा।

ट्रम्प का स्टाफ उनकी विदाई के लिए वाईट हाउस के परिसर में उपस्थित था। इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप ने अपने विदाई भाषण में देश को सुरक्षित रखने और समृद्ध बनाने में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन के सफल रहने की प्रार्थना की और उन्हें शुभकामनाएं दीं। हालांकि, अभी तक ट्रंप ने सीधे तौर पर बाइडेन को बधाई नहीं दी है। जो बाइडेन आज यानी बुधवार को अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने वाले हैं, लेकिन ट्रम्प इसमें शामिल नहीं होंगे।

इस बीच यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि ट्रंप अब अपनी नई राजनीतिक पार्टी बनाने का ऐलान कर सकते हैं लेकिन इसको लेकर शंका इसलिए है क्योंकि अब उनकी ही पार्टी के नेता उनके समर्थन में नहीं हैं। उन्होंने कहा ‘इस हफ्ते हमने एक नए प्रशासन का आरंभ किया है। अमेरिका को सुरक्षित रखने और समृद्ध बनाने के लिए उनकी (बाइडन प्रशासन की) सफलता की कामना करता हूं। हम उन्हें शुभकामनाएं देते हैं और चाहते हैं कि वे सौभाग्यशाली रहें।’

अपने संदेश में ट्रंप ने कहा कि राष्ट्रपति पद पर सेवाएं देना एक ऐसा सम्मान है जिसकी व्याख्या नहीं की जा सकती। ट्रंप ने कहा, ‘इस अभूतपूर्व विशेषाधिकार के लिए आपका शुक्रिया। यह वास्तव में यही है – ‘एक विशेषाधिकार और एक बड़ा सम्मान।’

संभावना है कि फ्लोरिडा में पाम बीच तट के पास स्थित अपने मार-ए-लागो एस्टेट को व्हाइट हाउस छोड़ने के बाद अपना स्थायी आवास बनाएंगे। मीडिया में आई खबरों में यह जानकारी दी गई है।

अर्नब चैट गेट मामला राजद्रोह, दोषियों को इसकी सज़ा मिलनी चाहिए : कांग्रेस

पत्रकार अर्नब गोस्वामी का व्हाट्सएप चैट लीक मामला तूल पकड़ रहा है। इस मामले को उठाते हुए कांग्रेस ने बुधवार को मोदी सरकार पर जबरदस्त हमला किया है। कांग्रेस ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस करके मांग की है कि इस मामले की जांच की जाए और वह इस मामले को संसद में उठाने जा रही है। पार्टी ने कहा कि रिपब्लिक टीवी’ के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी और टीवी रेटिंग एजेंसी बार्क के पूर्व सीईओ पार्थ दासगुप्ता के बीच व्‍हाट्सएप की कथित बातचीत राष्ट्रीय सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है।

मुंबई पुलिस ने पत्रकार अर्नब गोस्वामी की व्हाट्सएप की कथित चैट लीक की थी, जो लगभग 500 पन्नों की है। इनमें कई चैट अर्नब गोस्वामी की देश से जुड़े सुरक्षा मामलों की पूर्व जानकारी होने का संकेत देते हैं। कांग्रेस ने इसे गंभीर मसला बताते हुए इस सारे मामले की जांच की मांग की है।

प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस के सभी बड़े नेता गुलाम नबी आज़ाद, एके एंटनी, सुशील कुमार शिंदे, सलमान खुर्शीद आदि शामिल थे। बता दें चैट में बालाकोट स्ट्राइक को लेकर कुछ जानकारियां हैं, जिस पर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है और सवाल किया है कि अर्नब गोस्वामी को इस मुद्दे की जानकारी किसने दी ?

प्रेस कांफ्रेंस में पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने लीक चैट पर सवालिया निशान खड़े करते हुए कहा – ‘सैन्य अभियानों के बारे में संवेदनशील जानकारी लीक करना किसी देशद्रोह कार्य से कम नहीं है। इसमें शामिल लोगों को दंडित किया जाना चाहिए।’

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि जब देश 40 जवानों को खोने के गम में डूबा हुआ था,   कुछ लोग इसकी खुशियां मना रहे थे। कांग्रेस नेताओं ने कहा – ‘हम इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे लेकिन अभी तक इस मुद्दे पर सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया है। देश जानना चाहता है कि सरकार इस पर क्या एक्शन लेगी।’

पार्टी ने कहा कि रिपब्लिक टीवी’ के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी और टीवी रेटिंग एजेंसी बार्क के पूर्व सीईओ पार्थ दासगुप्ता के बीच व्‍हाट्सएप की कथित बातचीत राष्ट्रीय सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है। एंटनी ने कहा कि पुलवामा के 40 शहीदों को लेकर जिस तरह ही भाषा का इस्तेमाल अर्णब और दासगुप्ता ने किया उसे लेकर मुझे गहरी पीड़ा और क्षोभ है। उन्‍होंने कहा – ‘मिलिट्री ऑपरेशन के बारे में एक पत्रकार को जानकारी होना गहरी चिंता की बात है क्‍योंकि ऐसे ऑपरेशंस अत्यंत गोपनीय होते हैं।  यह राजद्रोह है और इसके दोषियों को सज़ा मिलनी चाहिए।’

वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे ने इस मौके पर कहा – ‘यह बातचीत ऑफिशियल सीक्रेसी के नियम का उल्लंघन है। ये जर्नलिज़्म के नाम पर धब्बा है। इसकी जांच होनी चाहिए। हम ये संसद में उठाएंगे। सरकार को ऑफिशियल सीक्रेसी एक्ट के तरह जो कार्रवाई करनी चाहिए वो शुरू नहीं की है।’

पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्य सभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा – ‘यह सब टीआरपी के लिए किया गया। टीआरपी से विज्ञापन आता है और विज्ञापन से पैसा। और ये आपराधिक कृत्य के तहत किया गया है। देश की सुरक्षा की क़ीमत पर टीआरपी के लिए किया गया। ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।’

बंगाल में कोहरे के कारण हादसे में डंपर पलटा, 13 लोगों की मौत

बंगाल में एक सड़क हादसे में 13 लोगों की मौत हो गयी है। हादसा घने कोहरे की बजह से आया जब जलपाईगुड़ी के धूपगुड़ी इलाके में बीती रात लो विजिबिलिटी  चलते एक डंपर ने बहुत से बाहनों को टक्कर मार दी। हादसे में डंपर पलट गया और इसकी चपेट में आने से 13 लोगों की जान चली गई।

यह हादसा मंगलवार-बुधवार की आधी रात को हुआ। जलपाईगुड़ी के धूपगुड़ी इलाके में मयनातली मार्ग पर हुए इस हादसे में कई लोग घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई गयी है।

डंपर मयनातली के रास्ते कहीं जा रहा था कि लो विजिबिलिटी के चलते वह कई वाहनों को टक्कर मारते हुए पलट गया। इसकी चपेट में आने से 13 लोगों की जान चली गई। हादसे का शिकार लोग विवाह समारोह के बाद घर लौट रहे थे।

पुलिस ने घायल लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया। हादसा कोहरे के कारण हुआ है, हालांकि पुलिस सभी पहलुओं से मामले की जांच में जुटी हुई है।

किसानों की ट्रैक्टर परेड पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, कहा यह पूरी तरह पुलिस का मामला

सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को किसानों की 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। सर्वोच्च अदालत ने इसे पूरी तरह पुलिस का मामला बताते हुए केंद्र की अर्जी वापस लेने को भी कहा है।

इस मसले पर आज सर्वोच्च अदालत में सुनवाई हुई। प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा कि यह पूरी तरह पुलिस का मामला है। अदालत ने साथ ही इस मामले में दायर अर्जी वापस लेने का केंद्र सरकार को आदेश दिया है।

इस तरह यह मामला अब पूरी तरह पुलिस के जिम्मे आ गया है। किसानों का 26 जनवरी को दिल्ली में अपनी मांगों के हक़ में ट्रैक्टर परेड का कार्यक्रम है। किसानों ने कहा है कि जिस तरह उनका आंदोलन अब तक शांतिपूर्ण रहा है वैसे ही उनकी ट्रैक्टर परेड भी होगी।

किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर दृढ़ हैं। सरकार भी क़ानून वापस लेने के पक्ष में नहीं दिखती। ऐसे में किसानों के आंदोलन के जारी रहने की पूरी संभावना है। उनके 26 जनवरी के ट्रैक्टर परेड कार्यक्रम से सरकार पशोपेश में है।

चौकीदार कहां थे जब अरुणाचल में चीन गांव बसा रहा था?- शिवसेना

अरुणाचल प्रदेश में चीन द्वारा गांव बसाने की रिपोर्ट के चलते शिवसेना ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है। अपने मुखपत्र सामना में शिवसेना कहती है कि चीन ने हमारी सीमा में घुसकर गांव बसा लिया और केंद्र सरकार के कानूों पर जूं तक नहीं रेंगी। शिवसेना ने मोदी सरकार से सवाल किया है कि आखिर अरुणाचल प्रदेश के चीनी गांव पर हथौड़ा कब चलाओगे?

मुखपत्र सामना के एडिटोरियल में शिवसेना कहती है , ‘अरुणाचल प्रदेश से आने वाली चीन की घुसपैठ की खबर धक्का देने वाली और भारत की चिंता बढ़ाने वाली है। चीन ने जो लद्दाख में किया, अब वही अरुणाचल प्रदेश में कर रहा है। चीन ने भारत की सीमा में घुसकर अरुणाचल प्रदेश के सीमा क्षेत्र में एक पूरा गांव बसा लिया है। यह सब कुछ एक रात में नहीं हुआ है, कई महीने चीनी सैनिक और वहां के लाल बंदरों की सरकार इस गांव को बसाने में जुटी हुई थी।’

शिवसेना ने पूछा कि हमारी हद में जब चीन नया गांव बसा रहा था, उस समय हमारे प्रधानसेवक और चौकीदार आदि कहे जानेवाली शक्तिशाली सरकार क्या कर रही थी? किसी गांव में एक घर निर्माण करने के लिए ईंट-पत्थर, सीमेंट, स्टील और रेत के ढेर लाने पड़ते हैं। माल यातायात की शुरुआत होती है और यह बात गांवभर में फैल जाती है कि कहीं निर्माण कार्य शुरू है। यहां तो एक-दो घर ही नहीं, बल्कि पूरा गांव ही बसा दिया गया लेकिन किसी भी प्रकार का शोर नहीं हुआ।

सामना में आगे लिखता है , ‘अरुणाचल प्रदेश में कई इमारतें खड़ी हो गई और पक्के घरों के निर्माण हुए। इस निर्माण कार्य के लिए चीन के सैनिक और प्रशासन लगातार जुटे हुए थे। निर्माण कार्य के संसाधन आ रहे थे लेकिन हमारी केंद्र की सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। लद्दाख में भी इसी प्रकार कई किलोमीटर भीतर घुसकर चीन ने भारत की हजारों वर्ग किलोमीटर जमीन हड़प ली। उसी तरह फिर एक बार चीनियों ने अरुणाचल में हिंदुस्थान की सीमा में एक नया गांव बसा डाला। हालांकि ऐसा एक ही गांव बसाया गया है या दो-तीन गांव बना लिए गए हैं, यह साफ नहीं हो पाया है। इसकी जानकारी तो विदेश मंत्रालय ही दे सकता है।’

गलवान की घटना का जिक्र करते हुए शिवसेना कहती है,’ दुर्भाग्य यह है कि लद्दाख की गलवान घाटी में चीनियों ने जब घुसपैठ की, तब मोदी सरकार ने दावा किया था कि चीनी सैनिक हमारी सीमा में घुसे ही नहीं। क्योंकि चीन की सरकार ने गलवान घाटी में घुसपैठ की बात से पहले इनकार किया था। बदनामी के डर से हमारी सरकार की शुरुआती भूमिका भी यही थी, जिससे चीन को मौका मिला और उसने गलवान घाटी में अपने आपको मजबूत कर लिया। चीन द्वारा बसाए गांव के इस सबूत को देखकर देश के किसी भी नागरिक का दिमाग गर्मा जाएगा। सवाल सिर्फ इतना है कि जनता के मन की आग सरकार के दिमाग में जाएगी क्या?’ सरकार की चुप्पी पर सामना सवाल उठता है, ‘भारत सरकार की ओर से अरुणाचल में चीनी गांव के बारे में अब तक न कोई निषेध व्यक्त किया गया और न ही किसी प्रकार की प्रतिक्रिया आई है। चीनी घुसपैठ करके भारत को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं। यह सब कब तक सहा जाएगा?’

‘अब आंखों में आंखें डालकर बात होगी’ ऐसी पंक्ति वाली विदेश नीति खुद प्रधानमंत्री मोदी ने घोषित की थी, जो बहुत प्रसिद्ध हुई थी। उसी बयान को ध्यान में रखते हुए हिंदुस्थान में चीनी गांव बसानेवाले चीनियों के खिलाफ प्रधानमंत्री जरूर एकाध ‘मास्टरस्ट्रोक’ मारेंगे, ऐसी आशा करने में कोई हर्जा नहीं है। अरुणाचल प्रदेश के चीनी गांव पर हथौड़ा कब चलाओगे?’