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आरजेडी नेता लालू यादव की तबीयत बिगड़ी, दिल्ली के ‘एम्स’ ले जाने की मेडिकल बोर्ड ने की सिफारिश

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव की तबीयत बिगड़ रही है जिसके बाद रांची अस्पताल के मेडिकल बोर्ड ने उन्हें दिल्ली के ‘एम्स’ ले जाने की सिफारिश की है। रिम्स अस्पताल ने इस बारे में होटवार जेल प्रबंधन को भी जानकारी दी है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक लालू यादव को पिछले तीन दिन से सांस लेने में तकलीफ महसूस हो रही है और उनके चेहरे पर सूजन उभर आई है। शुक्रवार रात अपने पिता से मुलाकात के बाद आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा था कि लालू यादव की तबीयत ठीक नहीं है और चेहरे पर सूजन के अलावा उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही है। तेजस्वी ने कहा – ‘हमलोग चाहते हैं कि उनको बेहतर इलाज के लिए बाहर ले जाया जाए’।

अब पता चला है कि लालू को दिल्ली एम्स ले जाय जाएगा। रांची के रिम्स मेडिकल बोर्ड ने एक बैठक करके इसकी सिफारिश की है। रिम्स ने इस बाबत होटवार जेल प्रबंधन को भी जानकारी दे दी है। रिम्स प्रबंधन ने लालू के स्वास्थ्य को देखते हुए मेडिकल बोर्ड गठित किया था जिसमें विभिन्न चिकित्सा विभागों के 8 डॉक्टर शामिल हैं। मेडिकल बोर्ड ने फैसला किया कि लालू यादव को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली एम्स भेजा जाएगा।

रिपोर्ट्स में कहा गया है कि आरजेडी नेता के फेफड़ों में पानी जमा हो गया है। तेजस्वी ने भी उनकी हालत को चिंताजनक बताया है। उनके कुछ स्तर सामान्य से अधिक हैं। तेजस्वी रांची में हैं और आज उनकी झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात होनी है। लालू की पत्नी पूर्व सीएम राबड़ी देवी भी बेटी मीसा भारती के साथ शनिवार को रिम्स पहुंची और लालू प्रसाद से मिलीं।

कल जब राबड़ी छह घंटे तक लालू के साथ रहीं तो वो कई बार भावुक हो गईं। रिपोर्ट्स के मुताबिक लालू यादव ने उन्हें संभाला और भरोसा दिलाया कि वे जल्द स्वस्थ हो जाएंगे। उस समय मीसा भारती के अलावा  तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव भी साथ थे।

आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के एक परिजन को नौकरी के आलावा मुआबजा भी देगी अमरिंदर सरकार

केंद्र सरकार के साथ पूरी तरह भिड़ने के मूड में दिख रहे किसानों का आंदोलन जारी है। आंदोलनस्थल पर कई किसानों की जान भी गयी है। अब पंजाब सरकार ने घोषणा की है कि ऐसे प्रत्येक मृतक किसान के परिवार से किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी और साथ मुआबजा भी दिया जाएगा, जो पंजाब से ताल्लुक रखते हैं।

आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों की मदद के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यह घोषणा की है। उन्होंने कहा – ‘प्रत्येक मृतक किसान के परिवार से एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। मुझे रिपोर्ट मिली कि दिल्ली में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान अब तक 76 किसानों की मौत हो चुकी है। मैं घोषणा करता हूं कि इनमें से जो पंजाब से हैं उनके परिवार के एक सदस्य को नौकरी देंगे।’

अमरिंदर ने यह भी घोषणा की है कि जान गंवाने वाले किसानों के परिवार को 5 लाख रुपए तक का मुआवजा भी दिया जाएगा। सीएम ने सवाल किया कि ‘क्या इस देश में एक संविधान है? कृषि 7 अनुसूची के तहत राज्य का एक विषय है। केंद्र ने संसद में चर्चा के बिना इसे क्यों बदल दिया?’

कैप्टेन ने कहा कि केंद्र ने इसे लोकसभा में पारित कर दिया क्योंकि वहां उनके अधिक सदस्य थे। राज्यसभा में, यह गड़बड़ करके पारित किया गया क्योंकि उन्हें लगा कि चीजें गलत साबित हो सकती हैं।

किसानों के पकड़े नकाबपोश का मीडिया के सामने दावा, आंदोलन में गोलियां चलाई जानी थीं, बाद में कहा किसानों ने उससे बुलवाया

किसानों की सरकार से बातचीत फेल हो जाने के कुछ घंटों के बाद किसानों ने शुक्रवार रात एक नकाबपोश को पकड़ा है जिसने मीडिया के सामने चौंकाने वाले खुलासे किये हैं। उसने दावा किया है कि 26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर परेड के दिन वह अफरातफरी मचाकर बड़ी वारदात करने वाला था और उसके निशाने पर चार लोग (किसान नेता) थे जिन्हें गोली मारी जानी थी। उसके इस सनसनीखेज ‘खुलासे’ के बाद सकते में आये किसान नेताओं ने उसे मीडिया के सामने पेश किया और बाद में हरियाणा पुलिस के हवाले कर दिया। हालांकि, अब एक और वीडियो सामने आया है जिसमें एक व्यक्ति को इन आरोपों से इंकार करते हुए बताया गया है। उसका दावा है कि उसे किसानों ने जबरदस्ती यह बुलवाने के लिए कहा था।

उधर रात की घटना से गुस्साए किसानों ने आरोप लगाया है कि किसान आंदोलन को बदनाम करने की बड़ी साजिश हो रही है। रात को को ही मीडिया को बुलाकर किसान नेताओं ने उस नकाबपोश को सामने पेश किया और दावा किया कि यह व्यक्ति उनके आंदोलन को बाधित करने की साजिश रचने में शामिल है। उसे हरियाणा पुलिस के हवाले कर दिया गया।

इस नकाबपोश ने दावा किया कि ‘पुलिस की वर्दी पहनकर 60 युवकों को ट्रैक्टर परेड में अफरातफरी मचानी थी और चार किसान नेताओं की हत्या करनी थी। तिरंगा नीचे गिराकर बवाल करने की भी योजना थी।’ किसान मोर्चा ने जब इसे मीडिया के सामने पेश किया तो उसने दावा किया – ‘हमें इस काम के लिए हथियार मिले थे। योजना यह थी कि जब किसान 26 जनवरी को आगे बढ़ेंगे तो उन्हें रुकने के लिए कहा जाएगा। और जब ये नहीं रूकते तो उनपर पर गोलियां चलाने का निर्देश था। हमारी एक और टीम में 10 लोग थे जिन्हें पीछे से गोली चलनी थी ताकि देश की जनता और दिल्ली पुलिस को लगे कि गोली किसानों ने चलाई है’।

उधर इस नकाबपोश (एक नकाबपोश) का एक और वीडियो सामने याया है। इसमें वह व्यक्ति कह रहा है कि ‘उसका किसानों ने अपहरण कर लिया गया था और झूठ बोलने के लिए मजबूर किया गया था।’ सोनीपत के रहने वाले 19 वर्षीय योगेश नाम के इस नकाबपोश व्यक्ति ने हरियाणा पुलिस को यह बयान दिया। पुलिस को दिए गए बयान में उस व्यक्ति ने कहा कि ‘किसानों ने उसे उल्टा लटकाकर उसकी पिटाई की’।

इस संदिग्‍ध व्यक्ति ने आरोप लगाया कि ‘किसानों ने उन्हें शराब पीने के लिए मजबूर किया और प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडिया को गलत बयान देने के लिए मजबूर किया। प्रदर्शनकारी किसानों ने उन्हें यह कहते हुए धमकाया कि उनकी हत्या कर दी जाएगी और किसी को इसके बारे में पता नहीं चलेगा।’

जानकारी के मुताबिक हरियाणा पुलिस ने उसके मोबाइल फोन से चार किसान नेताओं बलबीर सिंह राजेवाल, बलदेव सिंह सिरसा, कुलदीप संधू और जगजीत सिंह की तस्वीरें भी बरामद कीं।

बता दें शुक्रवार देर रात सिंघु बॉर्डर पर एक संवाददाता सम्मेलन में उस शख्‍स ने कैमरे के सामने दावा किया कि उसके गुर्गों को कथित तौर पर पुलिसकर्मियों के रूप में खड़ा करने और राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तावित गणतंत्र दिवस पर राजधानी में ट्रैक्टर रैली के दौरान भीड़ को लाठीचार्ज करने के लिए कहा गया था।

इससे पहले मीडिया के सामने इस नकाबपोश के खुलासे के मुताबिक ’26 तारीख को जो रैली होनी थी उसमें आधे लोग घर के होंगे जो पुलिस की वर्दी में होंगे इन्हें तितर बितर करने के लिए और 24 तारीख को स्टेज पर जो चार लोग होंगे उन्हें मारना है, फोटो दे दी गई है। जो हमें सिखाता है उसका नाम प्रदीप सिंह है। राई थाने का एसएचओ है वो। वो जब भी हमसे मिलने आता था मुंह पर कवर लगाकर आता था। हमने उसका बैच देखा था। जिन्हें मारना था उनका नाम नहीं पता है, उनके फोटो हैं।’
नकाबपोश ने मीडिया के सामने दावा किया कि ’26 जनवरी के लिए, योजना यह थी कि हमारे अन्य टीम के सदस्य प्रदर्शनकारियों के साथ घुलमिल जाएंगे और प्रदर्शनकारियों की परेड में जाके हम गोली चलाएंगे। जाट आंदोलन में भी हमने माहौल बिगाड़ने का काम किया था।’ उसके दावे के मुताबिक उनकी टीम के आधे लोग पुलिस की वर्दी पहने मौजूद रहने थे। उनके पास दो टीमें होनी थी और वह खुद 19 जनवरी से आंदोलन स्थल पर ही है। उन्हें यह भी पता लगाने का जिम्मा था कि प्रदर्शनकारी हथियार लेकर जा रहे हैं या नहीं।

बंगाल में आचार संहिता लागू होने के बाद मोटरसाइकिल रैली की इजाजत नहीं

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ निर्वाचन आयोग का रुख सख्त होता जा रहा है। चुनाव आयोग की एक पूरी टीम पश्चिम बंगाल के दौरे पर है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील कुमार अरोड़ा ने कहा कि आयोग चुनाव में धनबल और बाहुबल के साथ सरकारी उपक्रमों का गलत प्रयोग बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। आचार संहिता लागू होते ही हिंसा की आशंका में मोटरसाइकिल रैली की इजाज़त नहीं होगी। इसके अलावा राज्य की ग्रीन पुलिस की ड्यूटी चुनाव में नहीं लगाई जाएगी।
आयोग ने स्पष्ट किया है कि इस बार के चुनाव में कोई नागरिक पुलिस स्वंयसेवकों की तैनाती नहीं होगी। सियासी हिंसा के सवाल पर उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग सभी घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है और सभी की समीक्षा चल रही है। हिंसक वारदात पर उन्होंने कहा कि हम कई कड़े फैसले लेंगे और आचार संहिता लागू होने के बाद कई और सख्त कदम उठाए जाएंगे।
इतना ही नहीं, चुनाव आयोग ने तृणमृल कांग्रेस द्वारा बीएसएफ पर लोगों को भगवा पार्टी को वोट देने का दबाव बनाने के आरोप पर कहा कि ऐसा आरोप दुर्भाग्यपूर्ण है। बीएसएफ ने भी इस आरोप को बेबुनियाद और सच्चाई से परे बताया है। सीईसी ने कहा, किसी पर कोई दबाव नहीं होगा, सब यूएई पारदर्शिता के साथबकाम करेंगे। उन्होंने बीएसएफ की तारीफ भी की।
अप्रैल-मई में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर चुनाव आयोग की टीम स्थानीय नेताओं, अधिकारियों और पुलिसकर्मियों से बैठक कर रही है। सीईसी ने बताया कि  राज्य में सभी तरह की सुविधाओं से लैस कुल 1,01,790 पोलिंग बूथ होंगे। इसमें दिव्यांगों की सुविधाओं का विशेष ख्याल रखा गया है।

किसानों और सरकार के बीच 11 दौर की बातचीत टूटी, अब और बैठक नहीं, 26 को ट्रैक्टर परेड

किसानों और सरकार के बीच 11 दौर तक चली बातचीत नाकाम हो गयी है। दोनों किसी समझौते पर नहीं पहुँच पाए हैं। किसानों ने सरकार के दिए प्रस्तावों को ठुकरा दिया है। आज की बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर आधे घंटे बाद पहुंचे जिससे किसान नेता नाराज हैं। यह साफ़ हो गया है कि दोनों के बीच बातचीत टूट गयी है।

आज की बैठक महज 18 मिनट ही चली। इसके बाद कृषि मंत्री बैठक से चले गए और आखिर तक नहीं लौटे। किसान उसके बाद बैठक से उठकर आ गए। सरकार ने फिलहाल अगली बैठक को लेकर कोई बात नहीं की है।

किसानों ने भी बैठक को लेकर कुछ नहीं कहा है जिससे यह संकेत मिलते हैं कि 11 दौर तक चली बातचीत टूट गयी है। किसान नेता राकेश टिकैत ने इस संवाददाता से बातचीत में स्वीकार किया कि आज की बैठक में मंत्री आधे घंटे बाद पहुंचे। उन्होंने, हालांकि इस सवाल पर कोई टिप्पणी नहीं की कि क्या कोई और बैठक होगी। हाँ, यह जरूर कहा सरकार और किसानों के बीच बातचीत से पहली बाली स्थिति बन गयी है।

आज के बैठक में सरकार ने कहा कि उसने कानूनों को एक साल टालने और इस दौरान किसी नतीजे पर पहुँचाने का जो ऑफर किसानों को दिया था, उससे ज्यादा वह कुछ नहीं कर सकती। इसके बाद किसानों ने कहा कि वह कानूनों को ख़त्म करने के काम कुछ नहीं मानेंगे। इंसान अब 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड की तैयारी में जुटने वाले हैं। उन्होंने साफ़ कर दिया है कि ट्रैक्टर परेड निकलकर रहेगी।

मशहूर गायक नरेंद्र चंचल का निधन, लता मंगेशकर, मोदी ने शोक जताया

मशहूर भजन गायक नरेंद्र चंचल का निधन हो गया है। चंचल (80) कुछ समय से विमार थे और उनका दिल्ली के अपोलो अस्पताल में इलाज चल रहा था और यहीं  शुक्रवार उनका निधन हुआ। उनके कई भजन बहुत ज्यादा लोकप्रिय हुए। पीएम मोदी और लता मंगेशकर सहित कई हस्तियों ने चंचल के निधन पर शोक जताया है।

चंचल ने कई फिल्मों के लिए भी पार्शव गायन किया। इनमें बॉबी, बेनाम और रोटी कपड़ा और मकान जैसी फ़िल्में शामिल हैं। ‘चलो बुलावा आया है’ और ‘ओ जंगल के राजा मेरी मैया को लेके आजा’ जैसे उनके भजन बहुत ज्यादा लोकप्रिय हुए।

उन्हें माता का अनन्य भक्त माना जाता था और वे वैष्णों देवी मंदिर में भी कई कार्यक्रम कर चुके हैं। चंचल हर साल 29 दिसंबर को वैष्णों देवी जाते थे और साल के आखिरी दिन परफॉर्म भी करते थे।

उनका जन्म 16 अक्टूबर, 1940 को अमृतसर के नमक हांडी में हुआ था। उनका पालन पोषण बहुत ही धार्मिक वातावरण में हुआ और बहुत संघर्ष के बाद उन्हें बॉलीवुड में काम मिला। चंचल ने अपनी बायोग्राफी ‘मिडनाइट सिंगर’ भी लिखी जिसमें उन्होंने अपने संघर्ष का विस्तृत जिक्र किया है।

चंचल वैसे तो देवीमां के भक्ति गीतों के लिए जाने-जाते थे लेकिन उन्होंने बॉलीवुड में भी कई हिट गानों को आवाज दी। चंचल को ‘बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर’ का ‘फिल्मफेयर अवॉर्ड’ भी मिला। बॉलीवुड में उनकी गायकी की शुरुआत ऋषि कपूर की फिल्म ‘बॉबी’ से 1973 में हुई। इसके बाद ‘बेनाम’, ‘रोटी कपड़ा और मकान’ और ‘अवतार’ जैसी फिल्मों में उनके गाए गाने फेमस हुए। इसके बाद उन्होंने खुद को भजन गायकी की तरफ मोड़ लिया और इसी में रम गए।

लता मंगेशकर का ट्वीट –
@mangeshkarlata
मुझे अभी पता चला की बहुत गुणी गायक, मातारानी के भक्त नरेंद्र चंचल जी का आज स्वर्गवास हुआ। ये सुनके मुझे बहुत दुख हुआ। वो बहुत अच्छे इंसान थे। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें। मैं उनको विनम्र श्रद्धांजली अर्पण करती हूँ।

कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव जून में, विधानसभा चुनाव के बाद होगा

कांग्रेस नए अध्यक्ष के लिए चुनाव देश की कुछ विधानसभाओं के लिए होने वाले चुनावों के बाद करेगी। यह चुनाव जून के आखिर में होगा। कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की शुक्रवार हुई बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई और यह फैसला किया गया कि विधानसभा चुनाव निबटाकर अध्यक्ष का चुनाव किया जाए।

इस साल पांच विधानसभाओं के लिए चुनाव होने हैं। इनमें से पुडुचेरी में कांग्रेस की सरकार है जबकि अन्य चार में नहीं। असम और केरल में कांग्रेस वापसी की कोशिश कर रही है जबकि पश्चिम बंगाल में वह सीपीएम और तमिलनाड में डीएमके के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। पार्टी को इन पांच राज्यों में चुनाव पर ध्यान देना है और यदि वह चुनाव से पहले अध्यक्ष के चुनाव में उलझी तो प्रचार प्रभावित हो सकता है।

असम में कांग्रेस ने बदरुद्दीन अज़मल की पार्टी से समझौता किया है और एनआरसी के मुद्दे से उपजे विवाद के बाद पार्टी भाजपा के खिलाफ पूरी ताकत से चुनाव में उतरना चाहती है। राहुल गांधी चूंकि चुनाव प्रचार के लिए कांग्रेस का सबसे बड़ा चेहरा हैं, फिलहाल पार्टी अध्यक्ष के चुनाव को रोककर उसके बाद ही करना चाहती है।

आज कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किसानों के मुद्दे को जोर शोर से उठाने की बात कहीं और कहा आने वाले संसद सत्र में कांग्रेस इसे पूरी ताकत से उठाएगी। कांग्रेस शुरू से ही मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रही है। सोनिया गांधी ने बैठक में कहा कि किसानों के मुद्दे पर सरकार का रुख घमंडी और असंवेदनशीलता दिखता है। सोनिया ने कहा कि नए कृषि कानूनों को जल्दबाजी में लागू किया गया और इस पर संसद में सही तरीके से चर्चा तक नहीं की गई क्योंकि सरकार अमीरों को फायदा देना चाहती थी।

बैठक में कांग्रेस ने अर्नब गोस्वामी चैट लीक गेट की भी चर्चा की और इस चैट के कुछ अंशों जिनमें पुलवाला, बालाकोट आदि की अग्रिम जानकारी होने की बात सामने आती है, को बहुत गंभीर मुद्दा बताया। सोनिया ने बैठक में अरनब की कथित वॉट्सएप चैट का हवाला देते हुए कहा कि दूसरों को देशभक्ति और राष्ट्रवाद का प्रमाणपत्र बांटने वाले अब पूरी तरह बेनकाब हो गए हैं।  उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से पूर्ण रूप से समझौता किया गया।

कांग्रेस को भरोसा है कि केरल, पुडुचेरी और असम विधानसभा चुनाव में उसका प्रदर्शन अच्छा रहेगा जबकि तमिलनाड और बंगाल में भी वह अच्छी सीटें जीतेगी। केरल से राहुल गांधी अध्यक्ष हैं और उनके वहां से लड़ने भर से पार्टी ने लोकसभा चुनाव में जबरदस्त प्रदर्शन किया था। वायनाड के सांसद के नाते भी राहुल का प्रदर्शन बहुत बेहतर रहा है।

हाल में एक एजेंसी ने अपने सर्वे में बताया था कि देश भर में लॉक डाउन में सबसे बेहतर काम करने वाले सांसदों में राहुल गांधी तीसरे नंबर पर थे। ऐसे में चुनाव प्रचार में उनके उतरने से केरल में कांग्रेस अपने साझीदारों के साथ सत्ता में लौटने की पक्की उम्मीद कर रही है, जहाँ इस समय वाम मोर्चा की सरकार है।

यदि कांग्रेस विधानसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करती है तो कांग्रेस के भीतर इससे माहौल अच्छा होगा। नेताओं और कार्यकर्ताओं की निराशा घटेगी। कांग्रेस में बड़ा वर्ग राहुल गांधी को दोबारा अध्यक्ष बनाना चाहता है। हाल में जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी कहा था कि विरोधी राहुल गांधी को जिस मर्जी भाषा में पुकारें, सच यह है कि देश में राहुल गांधी ही अकेले ऐसे नेता हैं जो नरेंद्र मोदी की नीतियों के खिलाफ मजबूती से खड़े रहे हैं। महबूबा और पीडीपी के अलावा फारूक अब्दुल्ला और उनकी पार्टी एनसी भी कांग्रेस के साथ नजदीकी बढ़ाना चाहती है।

आज की कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में यह फैसला किया गया है कि मई में पार्टी के अध्यक्ष सहित आंतरिक चुनाव कराए जाएंगे।

‘तहलका’ की जानकारी के मुताबिक आज की बैठक में महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी का शेड्यूल पढ़ा और बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष के लिए मई में चुनाव होंगे। यह चुनाव पांच राज्यों के चुनाव के बाद होंगे। बैठक में कहा गया कि आंतरिक चुनाव के चलते पार्टी का विधानसभा चुनाव से ध्यान बंटे।

बैठक के बाद कांग्रेस नेताओं किसी वेणुगोपाल और रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि जून के आखिर तक पार्टी अध्यक्ष का चुनाव करेगी। बैठक में इसे लेकर फैसला हुआ है। बैठक में तीन प्रस्ताव भी पास किये गए।

कर्नाटक के शिवमोगा में विस्फोट में अब तक 15 लोगों की मौत

कर्नाटक के शिवमोगा जिले में पिछली रात हुए विस्फोट में अब तक 15 लोगों की जान जा चुकी है। हादसा तब हुआ जब रात को ट्रक में भरकर ले जाए जा रहे विस्फोटक में धमाका हो गया। इस हादसे में कई लोग घायल हुए हैं। पीएम नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस हादसे पर गहरा शोक जताते हुए जान गंवाने वालों के परिजनों से संवेदना जताई है।

हादसा रात करीब 10.20 बजे हुआ जब अब्बलगेरे गांव के पास डायनामाइट ब्लास्ट हो गया। इस हादसे में अब तक 15 मजदूरों की मौत हो चुकी है। धमाका इतना जबरदस्त था कि आसपास के कई घरों के शीशे टूट गए और शिवमोगा के नजदीकी जिले चिकमंगलूर तक इसकी आवाज सुनाई दी। पुलिस के मुताबिक जिस जगह ये हादसा हुआ वो शिवमोगा शहर से करीब 5 किलोमीटर दूर है। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने घटना की रिपोर्ट तलब कर उच्च-स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। पुलिस और अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर पूरे इलाके को सील कर दिया गया है।

हादसा तब हुआ जब एक ट्रक में रखी जिलेटिन की छड़ों में शक्तिशाली विस्फोट हो गया। विस्फोट इतना जबरदस्त था कि शहर के लोग इसे भूकंप के झटके समझकर घबराकर घरों से बाहर निकल भागे। शहर के बाहरी इलाके में स्थित हनासोडू गांव के पास यह धमाका हुआ था जेलेटिन की छड़ों से भरे ट्रक के परखच्चे उड़ गए। सभी पीड़ित बिहार के रहने वाले थे और स्टोन क्रशिंग स्थल पर मजदूरी करते थे।

धमाका इतना तेज था कि शिवमोगा के नजदीकी जिले चिकमंगलूर तक इसकी आवाज सुनाई दी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक के शिवमोगा जिले में विस्फोट से हुए जानमाल के नुकसान पर अहरा दुख जताया है। मोदी ने कहा कि राज्य सरकार प्रभावितों को हरसंभव मदद पहुंचा रही है। राहुल गांधी ने भी मृतकों के परिजनों से संवेदना जताई है।

पुणे में सीरम इंस्टीट्यूट के भवन में आग की घटना में 5 की मौत

महाराष्ट्र के पुणे में गोपालपट्टी स्थित एसआईआई परिसर में स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के टर्मिनल-1 के नजदीक भवन में आग की घटना में 5 लोगों की मौत हो गयी है। इन लोगों के बुरी तरह जले शव मिले हैं। यह सभी  इंस्टीट्यूट के कर्मचारी हो सकते हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि आग की इस घटना की जांच की जाएगी।

बता दें  इंस्टीच्यूट के निदेशक अदार पूनावाला ने पहले बताया था कि आग पर काबू पा लिया गया है, हालांकि, उन्होंने जान माल के नुक्सान की बात नहीं की थी। टीवी विजुअल्स में भवन की खिड़कियों से भयंकर धुंआ उठते देखा गया था। दावा किया गया है कि आग लगने की घटना से कोविड-19 वैक्सीन का उत्पादन प्रभावित नहीं होगा। अब पता चला है कि आग की घटना में 5 लोगों की मौत हो गयी है। इन लोगों के बुरी तरह जले शव मिले हैं।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि आग की इस घटना की जांच की जाएगी। पुणे सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने इस बात की पुष्टि की है कि हादसे में पांच लोगों की मौत हुई है। ट्वीट करके उन्होंने कहा – ‘मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना।’

बता दें सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कोरोना की वैक्सीन कोविशिल्ड बना रही है, जिसकी आपूर्ति भारत समेत कई देशों में की जा रही है। जानकारी के मुताबिक पुणे के मंजरी में स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के नए प्लांट में आग लगी है। करीब  300 करोड़ की लागत से बने इस प्लांट में कोरोना वैक्सीन कोविशिल्ड का बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन करने की योजना है।

बाइडन ने पद संभालते ही ट्रम्प के ‘पेरिस जलवायु समझौता’, ‘मुस्लिम ट्रैवल बैन’ से जुड़े फैसले पलटे  

अमेरिका में नई सरकार बनते ही पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के फैसले बदलने का क्रम शुरू हो गया है। जो बाइडन ने राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठते ही सबसे पहला जो बड़ा फैसला किया है वह पेरिस जलवायु समझौते पर दोबारा हस्ताक्षर करना है, जिसे ट्रम्प ने नवंबर में खत्म कर दिया था। इसके अलावा बाइडन ने अमेरिका में ‘मुस्लिम ट्रैवल बैन’ को भी खत्म कर दिया है।

राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठते ही बाइडन ने कई महत्वपूर्ण फैसले किये और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कई आदेशों को पलट दिया। व्हाइट हाउस की दी गयी जानकारी के मुताबिक नए राष्ट्रपति ने जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते में अमेरिका की फिर से वापसी के लिए उसपर हस्ताक्षर कर दिए हैं। बाइडन ने पेरिस जलवायु समझौते में दोबारा शामिल होने का ऐलान करते हुए कहा कि देश की जनता से चुनाव के दौरान उन्होंने इसका वादा किया था।

इसके अलावा बाइडन ने कोरोना वायरस के खिलाफ जंग तेज करने के इरादे से एक महामारी कंट्रोल करने के एक फैसले पर दस्तखत किये। इस आदेश के मुताबिक, उन्होंने मास्क को और सोशल डिस्टेंसिंग को अनिवार्य कर दिया है। बाइडन ने ट्रंप के एक और फैसले को पलटते हुए अमेरिका में ‘मुस्लिम ट्रैवल बैन’ को भी खत्म कर दिया है। ट्रंप ने इसके तहत कुछ मुस्लिम देशों और अफ्रीकी देशों के अमेरिका में ट्रेवल पर रोक लगा दी थी।
बाइडन ने  मैक्सिको बॉर्डर पर दीवार बनाने के ट्रंप के फैसले को भी पलट दिया और इसके लिए फंडिंग भी रोक दी। इस फैसले के बाद मैक्सिको ने जो बाइडेन की प्रशंसा की है। इतना ही नहीं, अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडेन ने राष्ट्रपति बनने के तुरंत बाद कीस्टोन एक्सएल पाइपलाइन के विस्तार पर भी रोक लगाने के आदेश पर दस्तखत किए हैं। कीस्टोन एक तेल पाइपलाइन है, जो कच्चे तेल को अल्बर्टा के कनाडाई प्रांत से अमेरिकी राज्यों इलिनोइस, ओक्लाहोमा और टेक्सास तक ले जाती है। बाइडन ने कीस्टोन एक्सएल पाइपलाइन के खिलाफ बात की थी और यहा कहा था ‘टार सैंड्स’ की हमें जरूरत नहीं है। बाइडन के राष्ट्रपति अभियान का एक प्रमुख वादा कीस्टोन एक्सएल परियोजना को रद्द करने की प्रतिबद्धता थी।