Home Blog Page 70

सुनीता विलियम्स को लाने SpaceX Crew 9 पहुंचा अंतरिक्ष स्टेशन, नासा ने शेयर किया वीडियो

नई दिल्ली : कई महीनों से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) में फंसी भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स को घर लाने का मिशन सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। स्पेसएक्स का ड्रैगन कैप्सूल आईएसएस से सफलतापूर्वक जुड़ गया है और सुनीता विलियम्स अब जल्द ही धरती पर वापस आ जाएंगी।

स्पेसएक्स ने शनिवार को यह रेस्क्यू मिशन लॉन्च किया था। कैप्सूल में सुनीता विलियम्स के साथ उनके साथी अंतरिक्ष यात्री बुच विलमोर भी सवार हैं। नासा ने इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी जारी किया है जिसमें सुनीता और अन्य अंतरिक्ष यात्री काफी खुश नजर आ रहे हैं। यहां सुनीता विलियम्स और बुच ने स्पेसएक्स के क्रू का स्वागत किया। नासा के निक हेग और रूस के अलेक्जेंडर गोरबुनोव को बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स को वापस लाने का काम सौंपा है।

सुनीता विलियम्स पांच जून, 2024 को यान स्टारलाइनर से आईएसएस पर गई थीं। लेकिन यान में तकनीकी खराबी आ जाने के कारण उन्हें जल्द ही वापस लौटना पड़ा था। कई महीनों तक मरम्मत के प्रयास किए गए लेकिन सफलता नहीं मिली। इसीलिए सुनीता विलियम्स को आईएसएस पर ही रहना पड़ा।

सुनीता विलियम्स का जन्म अमेरिका में हुआ था लेकिन उनके पूर्वज गुजरात के मेहसाना के झुलासन गांव के रहने वाले थे। वह एक अनुभवी अंतरिक्ष यात्री हैं और उन्होंने कई अंतरिक्ष मिशनों में हिस्सा लिया है। अब स्पेसएक्स का ड्रैगन कैप्सूल सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर को लेकर धरती की ओर रवाना होगा। अनुमान है कि वह फरवरी 2025 तक धरती पर वापस आ जाएंगी।

मल्लिकार्जुन खड़गे साहब राहुल गांधी के विरोधी: गिरिराज सिंह

पटना : बेगूसराय से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद व केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को राहुल गांधी का विरोधी बताया।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के उस बयान पर हमला बोला, जिसमें उन्होंने कहा था कि मैं तब तक नहीं मरूंगा, जब तक की मोदी को सत्ता से हटा ना दूं।

गिरिराज ने इस पर चुटकी लेते हुए कहा, “इस बयान से साफ जाहिर होता है कि खड़गे साहब राहुल गांधी के विरोधी हैं, क्योंकि मोदी जी 100 सालों तक हैं, और तब तक कांग्रेस नेता राहुल गांधी बूढ़े हो जाएंगे। ऐसी स्थिति में राहुल गांधी को इस पद तक पहुंचने का मौका ही नहीं मिलेगा।”

उन्होंने कहा, “खड़गे साहब आप एक बात समझ लीजिए कि पीएम मोदी हजार सालों तक देश की जनता के दिलों पर राज करेंगे। कोई जिंदा रहे या मर जाए। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है। मोदी जी गरीबों के मसीहा के रूप में जाने जाते हैं।”

इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी खड़गे के मंच पर कही बातों को अशोभनीय और शर्मनाक बताया था। लिखा, कल (29 सितंबर) कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने भाषण में अपने नेताओं और अपनी पार्टी से भी ज्यादा घटिया और शर्मनाक बात कही। उन्होंने अपनी कटुता का परिचय देते हुए बेवजह पीएम मोदी को अपने निजी स्वास्थ्य मामले में घसीटा और कहा कि वे पीएम मोदी को सत्ता से हटाकर ही दम लेंगे।

इस पोस्ट में शाह ने आगे खड़गे के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए लिखा, जहां तक खड़गे के स्वास्थ्य की बात है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रार्थना करते हैं, मैं प्रार्थना करता हूं और हम सभी प्रार्थना करते हैं कि वे दीर्घायु और स्वस्थ रहें। वे अनेक वर्षों तक जीवित रहें और 2047 तक विकसित भारत का निर्माण होते देखें।

बता दें कि खड़गे जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने जसरोटा पहुंचे थे। चुनावी सभा को संबोधित करते हुए उनकी तबीयत खराब हो गई थी। इस पर उन्होंने कहा था , मैं 83 साल का हूं, मैं तब तक नहीं मरूंगा, जब तक की मोदी को सत्ता से हटा ना दूं।

गृह मंत्री अमित शाह ने मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर जताई आपत्ति

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के दिए बयान को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शर्मनाक बताया है।

अमित शाह ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने भाषण में अपने नेताओं और अपनी पार्टी से भी ज्यादा घटिया और शर्मनाक बात कही। उन्होंने अपनी कटुता का परिचय देते हुए बेवजह पीएम मोदी को अपने निजी स्वास्थ्य मामले में घसीटा और कहा कि वे पीएम मोदी को सत्ता से हटाकर ही दम लेंगे।

अमित शाह ने आगे कहा, इससे पता चलता है कि इन कांग्रेस के लोगों में पीएम मोदी के प्रति कितनी नफरत और डर है कि वे हर समय उनके बारे में सोचते रहते हैं। जहां तक खड़गे के स्वास्थ्य की बात है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रार्थना करते हैं, मैं प्रार्थना करता हूं और हम सभी प्रार्थना करते हैं कि वे दीर्घायु और स्वस्थ रहें। वे अनेक वर्षों तक जीवित रहें और 2047 तक विकसित भारत का निर्माण होते देखें।

बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे 29 सितंबर को जम्मू-कश्मीर में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उनकी तबीयत खराब हो गई। खड़गे ने कहा, मैं 83 साल का हूं, लेकिन तब तक जिंदा रहूंगा जब तक हम मोदी को हटा नहीं देते हैं।

इसके बाद उन्होंने एक्स पोस्ट के जरिए प्रधानमंत्री पर कटाक्ष किया। खड़गे ने लिखा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू-कश्मीर आकर युवाओं के भविष्य के लिए झूठे आंसू बहा रहे है। असलियत ये है कि पिछले 10 सालों में पूरे देश के युवाओं को अंधकार में धकेल दिया है। जिसके लिए वह खुद जिम्मेदार हैं। अभी बेरोज़गारी के आंकड़े आए हैं। 45 वर्षों में सबसे ज्यादा बेरोजगारी मोदी की देन है।

उन्होंने केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए आगे लिखा, मोदी-शाह की सोच में रोजगार देना नहीं, सिर्फ भाषण देना, फोटो खिंचाना और फीता काटना है। जम्मू कश्मीर में सरकारी विभागों में 65 प्रतिशत पद खाली है। यहां की नौकरियां बाहरी लोगों को दी जा रही है। एम्स जम्मू में भी जम्मू के लोगों को नौकरियां नहीं मिलीं। ये जानकारी मुझे मिली है।

पहलवान विनेश फोगाट को नाडा ने जारी किया नोटिस

नई दिल्ली : भारतीय दिग्गज पहलवान विनेश फोगाट पिछले कुछ समय से लगातार चर्चाओं में हैं। पेरिस ओलंपिक- 2024 में महिला 50 किलोग्राम कैटेगिरी में सिर्फ 100 ग्राम वजन ज्यादा होने की वजह से मेडल नहीं जीत सकी थीं। इसके बाद उन्होंने संन्यास का ऐलान कर दिया था। फिर वह कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गई थीं ।विनेश अब जुलाना निर्वाचन क्षेत्र से आगामी हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं। इसी बीच उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। नेशनल एंटी-डोपिंग एजेंसी (NADA) की ओर से उन्हें एक नोटिस जारी किया गया है और 14 दिन के अंदर उनसे जवाब मांगा गया है.

नेशनल एंटी-डोपिंग एजेंसी ने विनेश फोगाट को रहने के स्थल की जानकारी देने में विफलता के कारण नोटिस भेजा है और 14 दिन के अंदर जवाब मांगा है। नाडा ये नोटिस डोप टेस्ट के लिए तय समय और स्थान पर एथलीट के नहीं मिलने की स्थिति में जारी करता है क्योंकि इसे नियमों का उल्लंघन माना जाता है। नाडा के पंजीकृत परीक्षण पूल में पंजीकृत सभी खिलाड़ियों को डोप जांच के लिए अपनी उपलब्धता के बारे में जानकारी देना जरूरी है और इन खिलाड़ियों में विनेश भी शामिल हैं।

नियम के मुताबिक, अगर खिलाड़ी ने जिस स्थान की जानकारी दी है और वह उस स्थान पर उपलब्ध नहीं होता तो इसे ठिकाने की जानकारी देने की विफलता माना जाता है। नाडा ने अपने नोटिस में विनेश को बताया कि उन्होंने अपने रहने के स्थल की जानकारी नहीं बताने की गलती की है क्योंकि वह 9 सितंबर को सोनीपत के खरखौदा गांव में अपने घर पर डोप जांच के लिए उपलब्ध नहीं थीं। विनेश को या तो इस उल्लघंन को स्वीकार करना होगा या यह सबूत देना होगा कि वह उस स्थान पर लगभग 60 मिनट तक मौजूद थीं। पर यहां यह जिक्र किया जा सकता है कि ठहरने की जगह संबंधित विफलता डोपिंग रोधी नियम का उल्लंघन नहीं है। कोई खिलाड़ी अगर 12 महीने में तीन बार स्थल की जानकारी संबंधित नियमों का उल्लघंन करता है तो ही नाडा एथलीट पर कोई एक्शन ले सकता है।

प्याज की कीमत नियंत्रित करने के लिए सरकार ने उठाए कई कदम

नई दिल्ली : सरकार ने हाल ही में प्याज की कीमतों में वृद्धि पर नियंत्रण पाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी को काबू करने के लिए सरकार ने ‘बफर स्टॉक’ से प्याज की बिक्री बढ़ा दी है।

बता दें, बफर स्टॉक वह भंडार है, जिसे सरकार खाद्य पदार्थों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए रखती है। यह स्टॉक बाजार में कीमतों को स्थिर रखने के लिए उपयोग किया जाता है।

उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने बताया कि सरकार ने थोक बाजारों में प्याज की बिक्री को बढ़ा दिया है। यह कदम विशेष रूप से दिल्ली और अन्य बड़े शहरों में उठाया गया है। निधि खरे ने कहा कि जब सरकार ने निर्यात शुल्क हटाया, तब प्याज की कीमतों में वृद्धि का अंदेशा था। वर्तमान में, सरकार के पास 4.7 लाख टन का बफर स्टॉक उपलब्ध है।

सरकार 35 रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर सब्सिडी (Subsidy) वाले प्याज की बिक्री करने की योजना बना रही है। यह बिक्री उन शहरों पर अधिक ध्यान देगी, जहां प्याज की कीमतें अन्य जगहों की तुलना में अधिक हैं।

22 सितंबर को दिल्ली में प्याज की खुदरा कीमत 55 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जबकि पिछले साल इसी समय यह कीमत 38 रुपये थी। मुंबई और चेन्नई में प्याज की कीमतें क्रमशः 58 रुपये और 60 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं।

ट्रेन पलटने की साजिश-ड्यूटी और प्रमोशन के लिए रेलवे कर्मियों ने ही बनाया था प्लान

सूरत : गुजरात में ‘ट्रेन पलटने की साजिश’ का खुलासा पूरी तरह फर्जी निकला है। प्रमोशन, पुरुस्कार और नाइट ड्यूटी की चाहत में तीन रेलवे कर्मचारियों ने ही साजिश रची थी। उन्होंने हादसा टालने का दावा किया था, लेकिन जांच में चौंकाने वाला खुलासा होने पर तीनों को दबोच लिया गया।

सूरत के पुलिस अधीक्षक (एसपी) होतेश जॉयसर ने बताया कि गिरफ्तार कर्मचारियों की पहचान सुभाष पोद्दार (39), मनीष मिस्त्री (28) और शुभम जायसवाल (26) के रूप में हुई है, जो रेलवे के रखरखाव विभाग में ट्रैकमैन के पद पर तैनात हैं। पोद्दार और उसके साथियों ने कोसांबा और किम स्टेशन के बीच शनिवार सुबह 5.30 बजे पटरी की जांच के दौरान बड़ा दावा किया। उन्होंने ऊपर के अधिकारियों को सूचना दी कि ‘शरारती तत्वों’ ने ट्रेन को पटरी से उतारने के लिए एक तरफ की पटरी से इलास्टिक क्लिप और दो फिशप्लेट हटा दी है। उन्होंने इसका वीडियो भी रिकॉर्ड करके भेजा था।

पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत आपराधिक साजिश का केस दर्ज करके जांच शुरू की। पुलिस ने पाया कि जिस वक्त क्षतिग्रस्त पटरी का वीडियो भेजा गया उससे कुछ पल पहले ही वहां से एक ट्रेन गुजरी थी। पुलिस ने पाया कि छेड़छाड़ का पता चलने और ट्रेन के गुजरने के समय के बीच अंतर बहुत कम था। इतने कम समय में इलास्टिक क्लिप और फिशप्लेट को हटाए जाने के दावे पर पुलिस को शक हुआ।

इसके बाद तीनों कर्मचारियों के मोबाइल फोन की जांच की गई। देर रात 2.56 बजे से तड़के 4.57 तक उन्होंने छेड़छाड़ वाले कई वीडियो बनाए थे। मिस्त्री ने अपने मोबाइल से खींचीं तस्वीरें भी डिलीट कर दी थीं। पता चला कि वीडियो अधिकारियों को सुबह 5:30 पर भेजे गए, लेकिन इन्हें रिकॉर्ड काफी पहले किया गया था।

पुलिस ने जब तीनों से गहन पूछताछ की तो वे टूट गए और गुनाह कबूल कर लिया। पुलिस के मुताबिक तीनों आरोपियों ने कहा कि उन्हें लगा था कि इससे उन्हें सम्मानित किया जाएगा और प्रमोशन मिलेगा। इसके अलावा उन्हें आगे भी रात की ड्यूटी दी जाएगी, जिससे दिन में वे परिवार के साथ समय बिता सकेंगे। पोद्दार के मन में यह विचार आया था और तीनों ने मिलकर इसे अंजाम देना चाहा। पोद्दार की मॉनसून में नाइट ड्यूटी लगाई गई थी और अब यह खत्म होने वाली थी। दरअसल, नाइट ड्यूटी के बाद अगले दिन छुट्टी भी मिलती है।

पीएम मोदी की 3 दिवसीय यूएस यात्रा खत्म

PM arrives in Chennai on May 26, 2022.

न्यूयॉर्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय सफल यूएस यात्रा के बाद नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए, जिसमें क्वाड लीडर्स समिट और यूएन समिट ऑफ द फ्यूचर के मौके पर कई देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता की एक श्रृंखला देखी गई।

तीन दिवसीय यूएस यात्रा के अंतिम चरण में सोमवार को पीएम मोदी ने न्यूयॉर्क में यूएन: समिट ऑफ द फ्यूचर के मौके पर अपने अर्मेनियाई समकक्ष निकोल पशिन्यान और वेटिकन सिटी के कार्डिनल सचिव पिएत्रो पारोलिन के साथ बातचीत की।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “आज संयुक्त राष्ट्र में समिट ऑफ द फ्यूचर के मौके पर आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पशिन्यान से मिलना अद्भुत रहा।”

एक दूसरे पोस्ट में उन्होंने लिखा, “न्यूयॉर्क में होली सी के राज्य सचिव कार्डिनल पिएत्रो पारोलिन के साथ बहुत अच्छी बातचीत हुई।”

प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी की।

प्रधानमंत्री ने जेलेंस्की के साथ अपनी बैठक के दौरान यूक्रेन में संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए भारत के “स्पष्ट, सुसंगत और रचनात्मक” दृष्टिकोण को दोहराया, जो कूटनीति, संवाद और सभी हितधारकों के बीच सहभागिता पर आधारित है।

बैठक के बाद पीएम मोदी ने एक्स पोस्ट में कहा कि न्यूयॉर्क में राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात हुई। हम पिछले महीने यूक्रेन की अपनी यात्रा के परिणामों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं ताकि द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत किया जा सके। उन्होंने यूक्रेन में संघर्ष के शीघ्र समाधान और शांति और स्थिरता की बहाली के लिए भारत का समर्थन दोहराया।

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच यह बीते तीन महीने में तीसरी बैठक थी। इस दौरान दोनों नेताओं ने आपस में संपर्क बरकरार रखने पर सहमति जताई।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को वियतनाम के राष्ट्रपति टू लैम से भी मुलाकात की और कहा कि इस मुलाकात से दोनों देशों के संबंध बेहतर होंगे।

अपनी मुलाकात के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर लिखा, “हमने भारत-वियतनाम मित्रता की पूरी श्रृंखला का जायजा लिया। हम कनेक्टिविटी, व्यापार, संस्कृति और अन्य क्षेत्रों में मोमेंटम बनाए रखने को तत्पर हैं।”

दोनों देश बहुआयामी रणनीतिक साझेदारी के साथ कई क्षेत्रों में अपने संबंधों को गहरा कर रहे हैं।

इन बैठकों से पहले प्रधानमंत्री ने समिट ऑफ द फ्यूचर को संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने विश्व समुदाय को आश्वस्त किया कि भारत समस्त मानवता के अधिकारों की रक्षा और वैश्विक समृद्धि के लिए विचार, वचन और कर्म से काम करना जारी रखेगा।

अनुरा कुमारा चुने गए श्रीलंका के नए राष्ट्रपति, लहराया लाल झंडा

कोलंबो : मार्क्सवादी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके ने श्रीलंका का राष्ट्रपति चुनाव  जीत लिया है। ये पहला मौका है जब श्रीलंका में कोई वामपंथी नेता राष्ट्रपति के पद पर बैठेगा। अनुरा ने तीन नामी उम्मीदवारों- नमल राजपक्षे, साजिद प्रेमदासा और रानिल विक्रमसिंघे को इस चुनाव में मात दी है। जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) पार्टी के नेता दिसानायके इस चुनाव में नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) गठबंधन की ओर से राष्ट्रपति पद के कैंडिडेट बने थे। एक साधारण परिवार से आने वाले अनुरा की इस पद तक पहुंचने की कहानी काफी दिलचस्प है।

दिसानायके का जन्म श्रीलंका की राजधानी कोलंबो से 100 किलोमीटर दूर थंबुट्टेगामा में एक दिहाड़ी मजदूर के घर हुआ था। दिसानायके अपने परिवार के गांव से विश्वविद्यालय जाने वाले पहले छात्र थे। एक बातचीत में उन्होंने बताया था कि शुरुआत में पेराडेनिया विश्वविद्यालय में दाखिला लिया था लेकिन राजनीतिक विचारधाराओं के कारण धमकियां मिलने लगीं और वह केलानिया यूनिवर्सिटी आ गए। दिसानायके ने 80 के दशक में छात्र राजनीति शुरू की। कॉलेज में रहते हुए 1987 और 1989 के बीच सरकार विरोधी आंदोलन के दौरान वह जेवीपी में शामिल हुए और तेजी से अपनी पहचान बनाई।

वामपंथी दिसानायके कॉलेज में रहते हुए ही जेवीपी के साथ जुड़े। 80 के दशक में जेवीपी ने सरकार के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह किया और भारी हिंसा हुई। इसे श्रीलंका का खूनी दौर भी कहा जाता है। सरकार ने इस विद्रोह को कुचला और इसमें जेवीपी संस्थापक रोहाना विजेवीरा भी मारे गए। हालांकि बाद में दिसानायके और जेवीपी ने हिंसा के रास्ते से दूरी बनाई और। दिसानायके साल 2000 में सांसद बने और इसके बाद 2004 में श्रीलंका फ्रीडम पार्टी (एसएलएफपी) के साथ गठबंधन के बाद उन्होंने कृषि और सिंचाई मंत्री बनाया गया। हालांकि गठबंधन में असहमति के बाद दिसानायके ने 2005 में ही मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।

चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर सुप्रीमकोर्ट का बड़ा फैसला, कहा-इसे देखना या डाउनलोड करना अपराध

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट  ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी को डाउनलोड करना या देखना पोक्सो अधिनियम के तहत  अपराध है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने यह फैसला सुनाया है। याचिका में मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमें कहा गया था है कि केवल बाल पोर्नोग्राफी डाउनलोड करना और देखना पोक्सो अधिनियम और सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत अपराध नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को ‘चाइल्ड पोर्नोग्राफी’ शब्द को ‘बाल यौन शोषण और दुर्व्यवहार सामग्री’ से बदलने के लिए एक अध्यादेश जारी करने का सुझाव दिया। शीर्ष अदालत ने सभी अदालतों को यह भी निर्देश दिया है कि वे अब ‘चाइल्ड पोर्नोग्राफीट शब्द का उपयोग न करें।

जस्टिस जेबी पारदीवाला ने कहा कि हमने दोषियों के मनों की स्थिति की धारणाओं पर सभी प्रासंगिक प्रावधानों को समझाने के लिए अपने तरीके से प्रयास किया है और दिशानिर्देश भी निर्धारित किए हैं। हमने केंद्र से यह भी अनुरोध किया है कि बाल अश्लीलता के स्थान पर बाल यौन शोषण संबंधी सामग्री लाने के लिए एक अध्यादेश जारी किया जाए। हमने सभी उच्च न्यायालयों से कहा है कि वे चाइल्ड पोर्नोग्राफी शब्द का इस्तेमाल न करें।

बता दें इससे पहले केरल हाईकोर्ट ने 13 सितंबर 2023 को एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि अगर कोई व्यक्ति निजी तौर पर अश्लील फोटो या वीडियो देख रहा है तो यह अपराध नहीं है, लेकिन अगर दूसरे को दिखा रहा है तो यह गैरकानूनी होगा। दरअसल पहले केरल हाईकोर्ट और फिर उसी के आधार पर मद्रास हाईकोर्ट में एक आरोपी के दोष मुक्त हो जाने पर एक NGO ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था और याचिका लगाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 12 अगस्त को इस पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।

केजरीवाल की कुर्सी पर नहीं बैठीं आतिशी…मुख्यमंत्री का पदभार संभाला

नई दिल्ली : दिल्ली की नवनियुक्त मुख्यमंत्री आतिशी ने आज सीएम पद की कमान संभाल ली। सीएम आतिशी आज पहली बार दिल्ली सचिवालय पहुंची, लेकिन सीएम आतिशी दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की कुर्सी पर नहीं बैठीं। सीएम आतिशी सचिवालय अपनी एक कुर्सी लेकर पहुंची और वो उसी कुर्सी पर बैठीं जोकि सफेद रंग की है, उनकी कुर्सी के साथ ही दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल की लाल रंग की कुर्सी रखी हुई है।

उन्होंने कहा कि ये कुर्सी केजरीवाल की वापसी तक इसी कमरे में रहेगी और इस कुर्सी को केजरीवाल का इंतजार रहेगा। आतिशी ने कहा,’आज मेरे मन में भरत की व्यथा है, भाजपा ने अरविंद केजरीवाल पर कीचड़ उछालने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जबतक दिल्ली वाले उनकी ईमानदारी साबित नहीं करते वो कुर्सी पर नहीं बैठेंगे और इस्तीफा दे दिया. दिल्ली के लोग दोबारा अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाएंगे।’