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नंदीग्राम में नामांकन के बाद सीएम ममता बनर्जी पर हमला, पैर में चोट लगी

पश्चिम बंगाल में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, सियासी सरगर्मियां तेज होती जा रही हैं। यहां पर हमले होना अब पुरानी बात हो गई है। नंदीग्राम में सबसे हाॅट मुकाबला है। बुधवार को यहां पर प्रचार के दौरान सीधा टीमएमसी प्रमुख और राज्य की मुख्यमंऋी पर हमला किया गया। इससे हालात का अंदाजा लगा सकते हैं। हालांकि इस पर भी सियासत शुरू हो गई है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नंदीग्राम से अपना नामांकन भर दिया है। नामांकन से पहले ममता बनर्जी ने नंदीग्राम के सबसे पुराने शिव मंदिर के दर्शन किए और भगवान शिव की पूजा-अर्चना की। मंदिर में जाने से पहले ममता बनर्जी ने पैदल मार्च भी किया, जिस दौरान कार्यकर्ताओं ने खेला होबे का नारा लगाया। वहीं वीरवार को वह कालीघाट से घोषणापत्र भी जारी करेंगी।
पैर में चोटिल होने के बाद ममता ने कहा कि 4-5 घंटे तक एक भी पुलिस अधिकारी मौजूद नहीं था। ममता ने बताया कि कुछ लोगों ने उन्हें पीछे से धक्का दे दिया। उन्होंने कहा कि 4-5 लोगों ने गाड़ी एकदम बंद कर दी। बहुत चोट लग गई। विरोधी गुट पर इस हमले की आशंका जताई जा रही है।

कार्यक्रम के दौरान कोई स्थानीय पुलिस भी मौजूद नहीं थी। यह निश्चित रूप से एक साजिश थी। इस हमले के बाद सीएम ममता बनर्जी को सड़क मार्ग से ग्रीन कॉरिडोर बनाकर नंदीग्राम से कोलाकाता लाया जा रहा है। नंदीग्राम में टीएसी छोड़ने वाले शुभेंदु अधिकारी से मुख्य मुकाबला है। शुभेंदु कई बार बयान देकर दावा कर चुके हैं कि वह ममता बनर्जी को 50 हजार से अधिक मतों से हराएंगे।

भाजपा बोली-नाटक कर रही हैं ममता बनर्जी
प्रचार के दौरान ममता बनर्जी के पैर में चोट लगने के बाद सियासी बयानबाजी भी शुरू हो गई है। इसी क्रम में भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि ममता दीदी नाटक रही हैं। उन्होंने कहा कि ममता दीदी ऐसे ड्रामा करके सहानुभूति पाने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने कहा कि अगर उन पर हमला हुआ तो मामले की सीबीआई जांच करवाएं।

तीरथ सिंह रावत बने उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री; राजभवन में सादे समारोह में ली शपथ

तमाम कयासों के विपरीत भाजपा ने बुधवार सुबह पूर्व शिक्षा मंत्री तीरथ सिंह रावत को उत्तराखंड का नया मुख्यमंत्री नियुक्त किया और उन्हें भाजपा विधायक दल ने  एक बैठक में अपना नया नेता चुना। इसके बाद शाम 4.15 बजे रावत ने नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली। तीरथ ने कहा कि उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि वे मुख्यमंत्री बनेंगे।
उत्तराखंड की राज्यपाल ने राजभवन में एक सादे समारोह में उन्हें शपथ दिलाई। समझा जाता है कि तीरथ की नियुक्ति आलाकमान ने ही की और बाद में विधायक दल ने उनके नाम पर मुहर लगाने की औपचारिकता पूरी की।
इसके बाद तीरथ राज्यपाल से मिले और अपना नियुक्ति पत्र उन्हें सौंपा। इसके बाद शाम 4.15 बजे रावत ने नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली। इससे पहले मंगलवार को त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत पौड़ी गढ़वाल से सांसद हैं। उन्हें छह महीने के भीतर अब विधानसभा का चुनाव लड़ना होगा।
उनका कार्यकाल एक साल ही रह पायेगा क्योंकि सरकार पहले ही चार साल पूरे कर चुकी है। भाजपा के प्रेक्षक रमन सिंह भी सुबह विधायक दल की बैठक में उपस्थित थे। फैसले के तुरंत बाद पूर्व  त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मीडिया के लोगों से कहा कि बैठक में तीरथ सिंह रावत को नया नेता चुना गया है। तीरथ सिंह पार्टी में प्रदश अध्यक्ष, संगठन मंत्री और सरकार में शिक्षा मंत्री भी रहे हैं।

केरल चुनाव से ऐन पहले पीसी चाको ने दिया कांग्रेस से इस्तीफा

पिछले एक साल से पार्टी से नाराज चल रहे पीसी चाको ने बुधवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा है।
चुनाव से ऐन पहले वरिष्ठ नेता पीसी चाको ने पार्टी से नाता तोड़ा है। चाको पिछले एक साल से पार्टी से खफा चल रहे थे। अब उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिया है।
बता दें केरल में 6 अप्रैल को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। इससे पहले चाको का इस्तीफा कांग्रेस के लिए झटका माना जा रहा है। वह पिछले साल से ही पार्टी से असंतुष्ट थे और उनके पार्टी छोड़ने की चर्चा हो रही थी लेकिन चाको ने इसके लिए चुनाव का समय चुना है।
देखना है कि चाको क्या अब भाजपा या सीपीएम में शामिल होते हैं या और कोई फैसला करते हैं। भाजपा में हाल ही में मेट्रोमैन श्रीधरन भी शामिल हुए थे। केरल में कांग्रेस चुनाव जीतने के लिए जी तोड़ कोशिश कर रही है।

ममता बनर्जी ने नंदीग्राम से किया नामांकन दाख़िल; सुवेंदु से है मुकाबला

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को नंदीग्राम विधानसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल कर दिया। भाजपा के चुनौती को स्वीकार करते हुए उन्होंने उसके सबसे बड़े चेहरे सुवेंदु अधिकारी के खिलाफ ताल ठोककर भाजपा और अधिकारी दोनों को रक्षात्मक कर दिया है। नामांकन दाखिल करने से पहले ममता बनर्जी ने शिव मंदिर में पूजा अर्चना की।
अपनी परम्परागत सीट भवानीपुर में उन्होंने अपने विश्वस्त सहयोगी सोवनदेब चटर्जी को मैदान में उतारा है। हल्दिया में रोड शो के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नामांकन दाखिल करने पहुंचीं। भाजपा के उम्मीदवार शुवेंदु अधिकारी भी नंदीग्राम पहुंच गए हैं और पैदल मार्च निकाल रहे हैं। अभी तक वे नंदीग्राम से ममता और टीएमसी की ताकत के बूते चुनाव लड़ते रहे हैं, जबकि इस बार उन्हें अपनी नई पार्टी भाजपा से चुनाव लड़ना है।
दिलचस्प यह है कि अधिकारी ममता बनर्जी को नंदीग्राम में ‘बाहरी’ बता रहे हैं। हालांकि, ममता नंदीग्राम आंदोलन से ही राजनीति में ताकतवर होकर उभरी हैं और वहां उन्हें बच्चा-बच्चा पहचानता है।
आज ममता बनर्जी के साथ कार्यकर्ताओं की बड़ी संख्या रही। शिव मंदिर में पूजा करने के बाद ममता बनर्जी हल्दिया पहुंचीं। बंगाल में चुनाव प्रचार के लिए तृणमूल कांग्रेस का स्लोगन ‘बांग्ला निजेर मेकेई चाई’ यानी’ अर्थात बंगाल अपनी बेटी चाहता है है। हल्दिया के मंजूश्री मोड़ से एसडीओ ऑफिस तक पदयात्रा के बाद ममता ने अपना परचा दाखिल किया।

किसान बिल पर विपक्ष का संसद में हंगामा

राज्यसभा में बुधवार को कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने किसानों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर तत्काल चर्चा कराने की मांग करते हुए हंगामा किया और सदन की बैठक पूर्वाह्न 11 बजकर करीब 15 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।

मंगलवार को किसानों के मुद्दों पर विपक्ष द्वारा संसद में जोरदार हंगामा किया गया, जिसके बाद  लोकसभा और राज्यसभा को दो-दो बार के स्थगन करने  के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।

सदन में शून्यकाल शुरू होते हुए नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने किसानों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए नोटिस दिए जाने की बात की और कहा कि केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन चल रहा हैं।

एम वेंकैया नायडू ने बताया कि कांग्रेस सदस्यों दीपेंद्र हुड्डा, प्रताप सिंह बाजवा व राजीव सातव, राजद के मनोज झा और द्रमुक के टी शिवा की ओर से उन्हें किसानों के मुद्दों पर बातचीत के लिए नोटिस 267 के तहत कार्यस्थगन नोटिस मिले हैं।

बसपा के नेता अशोक सिद्धार्थ की ओर से एक नोटिस पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर चर्चा के लिए भी मिला है।

गुजरात में पत्नी के इलाज के लिए बेटे को रखा गिरवी

देश के सबसे विकसित राज्यों में शुमार गुजरात की एक घटना ने संवेदनशील लोगों को झकझोर दिया है। यहां के विकास को लेकर राज्य सरकार अक्सर वाहवाही लूटने के लिए करती रहती है। पर पर्दे के पीछे सच्चाई कुछ और ही नजर आ जाती है। ताजा मामला अरावली जिले का है जहां पर एक शख्स के पास पत्नी का इलाज कराने के लिए पैसे नहीं थे।
दूसरी ओर केंद्र सरकार की स्वास्थ्य बीमा वाली आयुष्मान जैसी योजनाओं का खूब बखान किया जाता है। लेकिन जब इस शख्स को कहीं से मदद नहीं मिली तो उसने मजबूरी में अपने बेटे को 10 हजार रुपये में गिरवी रख दिया। उसने अपने बेटे को जानवर पालने के काम पर लगवा दिया।
उत्तर गुजरात के मालपुर क्षेत्र के वांकानेडा गांव में एक परिवार रहता है, जिसमें पांच लोग हैं। यह परिवार एक अस्थायी झोपड़ी में रहता है। बच्चों की मां को हृदय संबंधी बीमारी है। आर्थिक तंगी के चलते परिवार को काई उपाय नहीं सूझा। परिवार के पास बेटे के अलावा पैसों का इंतजाम करने के लिए कुछ नजर नहीं आया। इसलिए कलेजे पर पत्थर रखकर उन्होंने बेटे को गिरवी रख दिया।
अपनी घर वाली के इलाज की जरूरतों को पूरा करने के लिए 12 साल के बेटे को भेड़-बकरी चराने के लिए एक परिवार को सौंप दिया। इस मामले की जानकारी मिलते ही प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया। उन्होंने आनन-फानन में कार्रवाई करते हुए बच्चे को छुड़ाकर चाइल्ड होम भेज दिया। अधिकारियों का कहना है कि बच्चे के रहने और शिक्षा के साथ-साथ उसकी जरूरतों को पूरा किया जाएगा। मामले में अधिकारियों ने दोनों पक्षों को तलब किया। इसके साथ ही इलाज की व्यवस्था शायद अब उस जरूरतमंद की हो सके।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिया इस्तीफा; नये सीएम का चयन कल

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्दर सिंह रावत ने मंगलवार शाम राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को अपना इस्तीफा सौंप दिया। उनकी जगह भाजपा विधायक दल अपने नए नेता का चयन  करेगा। रावत के इस्तीफे की चर्चा पिछले कल तब तेज हो गयी थी जब विधायकों की नाराजगी के बाद आलाकमान के दूतों ने उत्तराखंड जाकर विधायकों से मुलाकात कर अपनी रिपोर्ट दी थी। बाद में प्रेस कांफ्रेंस में रावत ने कहा कि कुछ देर पहले उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया है। मंत्री धन सिंह रावत और अजय भट्ट के नाम नए मुख्यमंत्री के रूप से सबसे आगे बताये जा रहे हैं।
रावत लगातार दो दिन दिल्ली आये और वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी, जहाँ उन्हें साफ़ बता दिया दिया गया था कि उन्हें इस्तीफा देना होगा क्योंकि ज्यादातर विधायक उनके हक़ में नहीं हैं। कहा जा रहा है कि विधायकों ने आलाकमान के दूतों को साफ़ कह दिया था कि यदि त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री बने रहते हैं तो पार्टी अगला चुनाव नहीं जीत पाएगी।
यह पहला मौका नहीं जब उत्तराखंड में भाजपा के किसी मुख्यमंत्री को कार्यकाल के अधबीच इस्तीफा देना पड़ा हो। पार्टी का कोई भी सीएम आजतक अपना कार्यकाल  पाया है। भाजपा आलाकमान को विधायकों के दबाव के आगे झुकना पड़ा है।
राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के बाद रावत ने कहा – ‘मैं लम्बे समय से राजनीति में हूँ। आरएसएस से लेकर भाजपा के संगठनों में रहा और सीएम भी पार्टी ने मुझे बनाया। पार्टी ने विचार किया और सामूहिक रूप से किसी और को अवसर देने का फैसला किया है।’
इस मौके पर रावत ने चार साल में अपनी सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं। रावत ने कहा कि पार्टी के मौके देने से ही संभव हो पाया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने कई पहल कीं और जनता के लिए काम किया।’
अब बुधवार को पार्टी दफ्तर में विधानमंडल दल की बैठक होगी जिसमें रावत की जगह नया नेता चुना जाएगा। चर्चा है कि मंत्री धन सिंह रावत, अजय भट्ट, अनिल बलूनी, सतपाल महाराज आदि के नाम चर्चा में हैं।

महिला दिवस पर जब घोड़े से पहुंचीं विधायक तो सब ताकते रह गए

Ranchi: Congress MLA from Barkagaon, Amba Prasad, rides on a horse to mark International Women's Day, as she arrives at Jharkhand Assembly, in Ranchi, Monday, March 8, 2021. (PTI Photo)(PTI03_08_2021_000060B)

यूं तो आज पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के जरिये आधी आबादी सम्मान देने की बात कह रही है। सोशल मीडिया में खूब बखान भी किया जा रहा है। इस सबके बावजूद क्या महिलाओं को वह मुकाम मिल रहा है, जिसकी वह हकदार हैं। शायद नहीं, इसकी बानगी हम आज के ही कुछ उदाहरणों के जरिये समझ सकते हैं।

महिलाओं में खासकर निचले तबके में अभी भी उनको घरेलू कामकाज वाली ही समझा जाता है। इसके अलावा समाज में उनको लड़कों जैसी अहमियत नहीं मिलती है। कई जगह ऊंच-नीच का फर्क भी है। आज भी बहुत से इलाकों में निचली जाति के लोगों के घोड़े पर बैठने तक नहीं दिया जाता। इसकी झलक यूपी में गत वर्ष देखी जा चुकी है। शादी में एक युवक को बैठने के लिए अदालत का रुख करना पड़ा था।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर घोड़े पर बैठने की शान और अहमियत को आदिवासी बहुल राज्य झारखंड में देखने को मिली। राजधानी रांची में कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद ने इस खास दिन को खास तरीके से मनाकर और खास बना दिया। सोमवार को कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद घोड़े पर सवार होकर शान से विधानसभा पहुंचीं। हालांकि इसके पीछे की सोच और सामाजिक स्तर को मापा जा सकता है।

महिला विधायक को घोड़े पर सवार देख सभी विधानसभा के बाहर सभी लोग हैरान थे। वहीं, जब उनसे घोड़े पर सवार होकर विधानसभा पहुंचने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यह घोड़ा उन्हें उपहार में मिला है। खास दिन पर यह तोहफा उनको कर्नल (सेवानिवृत्त) रवि राठौर ने दिया है। फिर भी इस  घुड़सवार ने युवा महिलाओं में जोश भर दिया।

वहीं, तुर्किस्तान में बड़ी संख्या में महिलाओं ने चीन में उइगर मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ हो रही ज्यादती पर आवाज बुलंद की। उन्होंने महिला दिवस पर हो रहे अत्याचार के लिए वैश्विक संस्थाओं का ध्यान इस ओर आकृष्ट किया ताकि जरूरी कदम उठाए जा सकें।

महिलाओं का सम्मान करने के लिए कहीं बस, ट्रेन चलाने से लेकर फाइटर विमान तक में फर्राटा भर्ती नजर आईं। इसके अलावा हर क्षेत्र में उन्होंने अपने आपको साबित किया है। तीनों सेनाओं में आज वे पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं।

इस बीच, मध्य प्रदेश में महिला कांस्टेबल मीनाक्षी वर्मा को विश्व महिला दिवस के उपलक्ष्य में एक दिन के लिए राज्य का गृह मंत्री बनाकर सम्मानित किया गया।

यह भी सच है कि मजदूर वर्ग में खास बदलाव नहीं देखने को मिला है। आज के दिन भी वह मजदूरी करने वाली औरतें ईंट भट्ठों में मजदूरी करती दिखीं। हालांकि मेहनत करने में हर्ज नहीं, बावजूद इसके उनकी अहमियत को मुकाम न मिलने पर तकलीफ होती है।

14 दिन पहले ही समाप्त हो सकता है संसद का बजट सत्र

सत्र को स्थगित करने को लेकर संसद में मतभेद चल रहा हैं। लोकसभा में कांग्रेस बजट सत्र को जल्द पूरा कराना चाहती है वही दूसरी तरफ, राज्यसभा में बजट सत्र को पूरी अवधि तक संचालित कराए जाने के पक्ष में है।

आज से शुरु हुए संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण 8 अप्रैल तक निर्धारित है । लेकिन सरकार इसे कम भी कर सकती है।  बताया जा रहा है संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण 25 मार्च को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया जा सकता है।

चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव होने के कारण ऐसा किया जा सकता है। पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस और तमिलनाडु की मुख्य विपक्षी पार्टी डीएमके जैसे दलों ने चुनावों के चलते सत्र निर्दारित समय से पहले खत्म करने की मांग की है।

टीएमसी ने राज्यसभा चेयरमैन और लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिख कर विधानसभा चुनावों के कारण सत्र जल्द खत्म करने की मांग की है।

उत्तराखंड में नेतृत्व बदले जाने की चर्चा के बीच सीएम रावत दिल्ली में

उत्तराखंड सरकार में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा के बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत दिल्ली पहुँच गए हैं। राज्य में विधायकों की नाराजगी की नाराजगी की ख़बरें सामने  आने के बाद भाजपा आलाकमान ने अपने दूतों छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम को पूरी जानकारी लेने के लिए छत्तीसगढ़ भेजा था, जिन्होंने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अब भाजपा नेतृत्व के सामने अपना पक्ष रखने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं। रावत सोमवार को राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण जाने वाले थे लेकिन बदलते हालत में उन्होंने अपना यह दौरा रद्द कर दिल्ली की राह पकड़ी है। दिल्ली में रावत कुछ देर में भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश  नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे और अपना पक्ष रखेंगे।
मुख्यमंत्री बदले जाने की चर्चा के बीच उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय,  सतपाल महाराज, सुबोध उनियाल, पूर्व सांसद बलराज पासी, विधायक खजान दास, हरबंस कपूर, हरबजन सिंह चीमा आदि नेता पहले से ही दिल्ली में डेरा डाले हैं। भाजपा संसदीय बोर्ड की भी 9  मार्च (मंगलवार) को दिल्ली में बैठक होनी है और उसमें उत्तराखंड का मसला सामने आ सकता है।
आलाकमान के दूतों रमन सिंह और दुष्यंत गौतम ने पूरी जानकारी जुटाने के लिए
शनिवार को कई विधायकों के साथ वन-टू-वन बैठक की थी। कहा जा रह्जा है कि काफी विधायकों ने उन्हें बताया कि वर्तमान मुख्यमंत्री पार्टी को अगले साल होने वाले चुनाव नहीं जिता पाएंगे। विधायकों का यह भी आरोप था कि सरकार में ब्यूरोक्रेसी हावी है और उनके काम नहीं हो पा रहे, जिससे उन्हें चुनाव में बड़ी दिक्कत आ सकती है।
यदि आलाकामन त्रिवेंद्र सिंह रावत को बदलने का फैसला करती है तो अजय भट्ट और अनिल बलूनी के अलावा धनसिंह रावत और सतपाल महाराज का नाम चर्चा में है। यदि मुख्यमंत्री न बदला गया तो मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल किया जा सकता है। वैसे भाजपा का उत्तराखंड में रेकार्ड रहा है कि वहां उसके मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल कभी पूरा नहीं कर पाते और बीच में ही उन्हें पद छोड़ना पड़ता है।