Home Blog Page 665

कर्मचारियों के हितों की रक्षा की जाएगी, सभी बैंकों का निजीकरण नहीं होगा: निर्मला सीतारमण

बैंकों के निजीकरण और विनिवेश संबंधी फैसलों के विरोध में बैंक कर्मचारीयों की 2 दिन की हड़ताल जारी है,  जिसके बीच आज वित्त मंत्री सीतारमण का बयान आया है कि सभी बैंको को निजीकरण नही किया जायेगा।

निर्मला सीतारमण ने भरोसा दिलाते हुए कहा कि देश के सभी  बैंको को निजीकरण नहीं किया जाएगा बलकि जिन बैंकों का निजीकरण होगा, उनके सारे कर्मचारियों के हितों की रक्षा की जाएगी। सरकार ने बजट में दो सरकारी बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी, हालांकि इनके नाम अभी नही बताये गये है।

गौरतलब है कि यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के तले दो दिन की हड़ताल जारी है जिसमें नौ बड़ी बैंक यूनियन शामिल हैं। हड़ताल के चलते 15 और 16 मार्च को बैंक सेवांए बाधित रहेगी।

सीतारमण के मुताबिक, दो बैंकों के निजीकरण का निर्णय सोचा-समझा फैसला है। इसमें किसी प्रकार की कोई जल्दबाजी नहीं है। सरकार चाहती हैं कि बैंक देश की आकांक्षाओं पर खऱे उतरें। वित्त मंत्री ने आश्वासन दिया कि बैंकों के सभी मौजूदा कर्मचारियों के हितों की रक्षा हर कीमत पर की जाएगी।

सीतारमण ने स्पष्ट किया है जिन बैंकों का निजीकरण होना भी है,  निजीकरण के बाद भी ये बैंक पहले की तरह काम करते रहेंगे. इसमें स्टॉफ के हितों को कोई नुकसान नहीं पहुंचने दिया जाएगा.

सीतारमण ने बताया कि केंद्रीय कैबिनेट ने डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टीट्यूशन (DFI) के गठन को मंजूरी दे दी है।  इसके तहत वित्तीय फंडिंग के साथ विकास कार्य सुनिश्चित किया जाएगा।

सीतारमण के अनुसार पहले भी निवेश फंड बनाने के प्रयास किए जाते रहे हैं, लेकिन लंबे समय का जोखिम देखते हुए कोई भी बैंक इसमें हाथ डालने को तैयार नहीं था।

वित्त मंत्री के मुताबिक, पिछले बजट में हमने कहा था कि बुनियादी ढांचे और विकासपरक योजनाओं की फंडिंग के लिए एक नेशनल बैंक गठित किया जाएगा. सरकार विकासपरक वित्तीय संस्थानों के लिए कुछ सिक्योरिटीज (प्रतिभूति) भी जारी करने पर विचार कर रही है. इससे लागत कम होगी. इससे डीएफआई को प्रारंभिक पूंजी जुटाने और अन्य स्रोतों से पैसा इकट्ठा करने में मदद मिलेगी. इसका बॉन्ड मार्केट में भी सकारात्मक असर देखने को मिलेगा.

 

कोरोना के बढ़ते मामले 2020 मार्च की याद दिला रहे है, लोगों में भय

जैसे –जैसे गर्मी का मौसम बढ़ता जा रहा है वैसे –वैसे देश में कोरोना का कहर विकराल रूप धारण करता जा रहा है। देश के जाने –माने डाँक्टरों का कहना है कि वैक्सीन लगवाने के साथ –साथ हमें सावधानी के तौर पर मुंह में मास्क, सेनेटाइजर के साथ सोशलडिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। अन्य़था कोरोना घातक परिणाम सामने आ सकते है।

मैक्स अस्पताल के कैथ लैब के डायरेक्टर डाँ विवेका कुमार का कहना है कि पहली बात तो ये है कि कोरोना गया ही नही था। लेकिन लोगों ने लापरवाही के तौर पर कोरोना से बचाव के तौर पर मुंह में मास्क तक लगाना बंद कर दिया था। जिसके कारण कोरोना अब फिर से तेज गति से बढ़ने लगा है।

एम्स के डायरेक्टर डाँ रणदीप गुलेरिया का कहना है कि कोरोना को अगर समय रहते काबू नहीं किया गया तो इसके परिणाम घातक हो सकते है। कोरोना को लेकर सरकार बचाव की तो बात करती है लेकिन बाजारों में सही मायने में कोरोना की रोकथाम पर कोई कार्रवाई तक नहीं करती है। जिसके कारण कोरोना का फैलाव तेजी से हो रहा है।सरकारी और निजी अस्पतालों तक में कोरोना से बचाव के तौर पर कोई नियम का पालन तक नहीं हो रहा है।

बस दिखावे के तौर पर सैनेटाइजर का प्रयोग हो रहा है।अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मचारी तक मुंह पर मास्क तक नहीं लगाते है। जिसके कारण अस्पतालों में कोरोना का संक्रमण फैलने लगता है।मौजूदा वक्त में देश में कोरोना  के बढ़ते मामले मार्च 2020 के मार्च के दिनों के याद दिला रहे है। और लोगों में आशंका पैदा कर रहे है कि कहीं कोरोना का बढ़ता प्रकोप किसी मुसीबत में ना डाल दें।

बैंक निजीकरण पर बैंककर्मियों की हड़ताल जारी; राहुल ने किया समर्थन

सार्वजनिक बैंकों के निजीकरण के विरोध में बैंककर्मियों की देशव्यापी हड़ताल मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी है और इसका बैंक से जुड़े कामों पर व्यापक असर पड़ा है। बैंकों के दरवाजों पर ताले लटके हैं और अधिकारी और कर्मचारी बैंकों में नहीं पहुंचे हैं। इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बैंकों के निजीकरण के खिलाफ हड़ताल कर रहे बैंक कर्मचारियों का समर्थन किया है।
हड़ताल के कारण लगातार दूसरे दिन बैंकिंग कामकाज ठप दिख रहा है और बैंकों में नकदी की निकासी और चेक/नकदी जमा नहीं होने से लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी है। कारोबारी लेनदेन पर भी हड़ताल का व्यापक असर पड़ा है।
बैंक यूनियन के इस आह्वान पर दो दिन से करीब 10 लाख बैंक कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल में शामिल हुए हैं। बैंक कर्मियों-अधिकारियों की नौ यूनियनों (एआईबीईए, एआईबीओसी, एनसीबीई, एआईबीओए, बीईएफआई, आईएनबीओसी, एनओबीडब्ल्यू और एनओबीओ) के संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया है। बैंक यूनियनों ने नेताओं ने मंगलवार को कहा कि हड़ताल के कारण पहले दिन करीब 70 हजार करोड़ रुपए का लेनदेन बाधित हुआ।
इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बैंकों के निजीकरण के खिलाफ हड़ताल कर रहे बैंक कर्मचारियों का समर्थन किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार पब्लिक सेक्टर के बैंकों को बेचकर देश की वित्तीय सुरक्षा के साथ गंभीर समझौता कर रही है।
राहुल गांधी ने एक ट्वीट में कहा -‘सरकार लाभ का निजीकरण और नुकसान का राष्ट्रीयकरण कर रही है। पब्लिक सेक्टर के बैंकों को बेचकर देश की वित्तीय सुरक्षा के साथ गंभीर समझौता किया जा रहा है। मैं हड़ताल कर रहे बैंक कर्मचारियों के साथ खड़ा हूं।’

बंगाल में भाजपा में दूसरे दलों से आए लोगों को टिकट से कलह

पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री पद के मजबूत चेहरे की कमी झेल रही भाजपा के सामने एक और संकट आ गया है। वहां टीएमसी से आने वाले नेताओं को टिकट के मामले में पहले से भाजपा में काम कर रहे नेताओं पर तरजीह देने से गुस्सा भड़क गया है। दो बड़े नेताओं सोवन चट्टोपाध्याय और बैसाखी बंदोपाध्याय ने जहाँ दो दिन पहले इसी कारण भाजपा छोड़ दी थी वहीं दूसरे लोगों को टिकट देने के विरोध में हुगली जिले में, तृणमूल से भाजपा में शामिल हुए रबींद्रनाथ भट्टाचार्य को उम्मीदवार बनाने पर कार्यकर्ताओं ने भारी नाराजगी जताई और तोड़फोड़ की।
बंगाल के कई हिस्सों में चुनाव से ऐन पहले भाजपा के पुराने नेताओं को दरकिनार कर हाल में भाजपा का दामन थामने वाले लोगों को टिकट देने से पार्टी में बगावत शुरू हो गयी है। टिकट बंटवारे को लेकर बंगाल में कई जगह विरोध प्रदर्शन और तोड़फोड़ देखने को मिली है। सरकार के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अशोक लाहिड़ी को अलीपुरद्वार सीट से उम्मीदवार बनाने और गोरखा जनमुक्ति मोर्चा छोड़कर भाजपा में आए बिशाल लामा को कालचिनी से उतारने का उत्तर बंगाल में विरोध हो रहा है और स्थानीय नेता सड़कों पर उतर आए हैं।
हुगली जिले में, टीएमसी से भाजपा में आये रबींद्रनाथ भट्टाचार्य को उम्मीदवार बनाने पर कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जताते हुए तोड़फोड़ की है। श्यामपुर से तनुश्री चक्रवर्ती को टिकट दिया गया है, जो हाल में भाजपा में आई हैं जबकि हावड़ा जिले की पंचला सीट से मोहितलाल घाटी को टिकट मिलने पर नाराज भाजपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय में तोड़फोड़ की है। कई जिला स्तरीय नेताओं ने टिकट न मिलने पर पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
बता दें तीन दिन पहले ही कई दशक से बेहाला पूर्व सीट का प्रतिधित्व कर रहे टीएमसी से भाजपा में आये सोवन चट्टोपाध्याय टिकट न मिलने से नाराज होकर इस्तीफा दे चुके हैं जबकि एक और बड़ी नेता भाजपा में शामिल हुईं बैसाखी बंदोपाध्याय ने भी टिकट न मिलने पर भाजपा छोड़ दी। इस तरह भाजपा में पुराने नेताओं और पार्टी का हाल ही में दामन थामने वालों के बीच तकरार चरम पर पहुँच गयी है और इसका नतीजों पर असर पड़ने से इंकार नहीं किया जा सकता।

बटला हाउस एनकाउन्टर मामले में अदालत ने दोषी आरिज खान को फांसी की सजा सुनाई

बटला हाउस एनकाउन्टर मामले में सोमवार को दिल्ली की साकेत कोर्ट ने दोषी आरिज खान को फांसी की सजा सुनाई है। आरिज पुलिस इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की हत्या और 2008 बटला हाउस मुठभेड़ से जुड़े अन्य मामलों का आरोपी था। अदालत ने इसे ‘रेयरेस्ट ऑफ रेयर’ केस बताते हुए फांसी की सजा सुनाई।
आरिज खान घटनास्थल से भाग निकला था और उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया था। खान को 14 फरवरी, 2018 को पकड़ा गया और तब से उस पर मुकदमा चल रहा है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप यादव ने यह सजा सुनाई है।  साकेत कोर्ट ने इसे रेयरेस्ट ऑफ रेयर मानते हुए यह सजा सुनाई। आज सुबह सुनवाई के बाद आरिज खान के वकील ने मृत्युदंड का विरोध कियाजिसके बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप यादव ने शाम चार बजे के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब अदालत ने दोषी को फांसी की सजा सुनाई है।
उधर पुलिस ने आतंकवादी संगठन ‘इंडियन मुजाहिदीन’ से कथित रूप से जुड़े खान को मौत की सजा दिए जाने का अनुरोध किया था। पुलिस का कहना था कि यह केवल हत्या का मामला नहीं है, बल्कि न्याय की रक्षा करने वाले कानून प्रवर्तन अधिकारी की हत्या का मामला है।
बता दें अदालत ने 2008 में बटला हाउस मुठभेड़ के दौरान हुई शर्मा की हत्या और अन्य अपराधों के लिए आरिज को 8 मार्च को दोषी ठहराया था और कहा था कि यह साबित होता है कि आरिज खान और उसके साथियों ने पुलिस अधिकारी पर गोली चलाई और उनकी हत्या की।
दक्षिणी दिल्ली के जामिया नगर इलाके में 2008 में बटला हाउस मुठभेड़ के दौरान दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ के निरीक्षक शर्मा की हत्या कर दी गई थी। इस मामले के संबंध में जुलाई 2013 में एक अदालत ने इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादी शहजाद अहमद को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इस फैसले के विरुद्ध अहमद की अपील हाई कोर्ट में लंबित है।

शादी के बंधन में बंधे क्रिकेटर बुमराह और संजना

भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने टीवी प्रजेंटर संजना गणेशन के साथ सोमवार को शादी के बंधन में बंध गए। एक निजी कार्यक्रम में बेहद सादगी से शादी हुई। इस दौरान बुमराह और संजना के परिवार वाले और बेहद करीबी दोस्त ही शामिल हुए। शादी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए बुमराह ने स्वयं इसकी जानकारी दी।
जसप्रीत बुमराह ने ट्वीट किया, ‘प्यार, अगर आपको काबिल समझता है तो आपकी किस्मत बदल देता है।’

प्रेम ने हमें चलाया, हमने एक साथ अपने नए सफर की शुरुआत कर रहे हैं। आज हमारी जिंदगी के सबसे खुशहाल दिनों में से एक है। और हम अपनी शादी और खुशी की खबर आप सबके साथ साझा कर रहे हैं।बुमराह और संजना पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर लगातार ट्रेंड कर रहे हैं। हालांकि यह बात भी ध्यान देने वाली है कि दोनों में से किसी ने भी अपने रिश्ते की पुष्टि नहीं की थी। बता दें कि बुमराह इस समय दुनिया के सबसे धाकड़ गेंदबाजों में शुमार हैं।

बता दें कि निजी कारणों की बात कहकर बुमराह ने इंग्लैंड के खिलाफ चौथा टेस्ट मैच नहीं खेलने का फैसला किया था। और वह सीरीज से हटकर अपनी शादी की ही तैयारी में जुट गए थे। वह इंग्लैंड के खिलाफ चल रही टी-20 और वनडे सीरीज का भी हिस्सा नहीं हैं।

तमिलनाडु, केरल, बंगाल और पुदुचेरी में अकेले लड़ेंगे चुनाव: मायावती

 

 

बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती ने सोमवार को घोषणा की कि उनकी पार्टी चार प्रदेशों- तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी- में बिना किसी गठबंधन के अकेले विधानसभा चुनाव लड़ेगी। मायावती ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी 2022 में होने वाला उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव भी अकेले लड़ेगी।

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री रही मायावती ने कहा  ‘‘हम चुनाव को लेकर काम कर रहे हैं. हम किसी से ज्यादा रणनीति का खुलासा नहीं कर सकते,  बसपा प्रदेश की सभी 403 विधानसभा सीटों पर पूरे दम के साथ चुनाव लड़ेगी और अच्छे परिणाम देगी.”  उनहोने दावा किया कि उनकी पार्टी यूपी में होने वाले पंचायत चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करेगी।

मायावती ने सोमवार को पार्टी के संस्थापक कांशीराम की 87वीं जयंती पर उनको याद करते हुए कहा, ‘‘हमारी पार्टी का किसी के साथ भी गठबंधन का अनुभव अच्छा नहीं रहा, हमारी पार्टी के नेता तथा कार्यकर्ता और हमारे मतदाता बेहद अनुशासित है. देश की अन्य पार्टियों के साथ ऐसा नहीं है.”

बसपा प्रमुख ने कहा कि किसी के साथ भी गठबंधन में हमारा वोट तो उस पार्टी को स्थानांतरित हो जाता है, जबकि दूसरी पार्टी का वोट हमें नहीं मिल पाता है। यह बेहद ही खराब तथा कड़वा अनुभव है. भविष्य में हम किसी भी दल के साथ कोई गठबंधन नहीं करेंगे।

उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी सभी सीटो पर अकेले चुनाव लड़ेगी।

 

यशवंत सिन्हा को टीएमसी ने बनाया उपाध्यक्ष; कार्यकारिणी में भी शामिल

अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में विदेश और वित्त मंत्री रहे वरिष्ठ नेता, जिन्होंने दो दिन पहले ममता बनर्जी की टीएमसी ज्वाइन की थी, को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है साथ ही उन्हें राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति में भी जगह दी गयी है। चुनाव के समय यशवंत सिन्हा के टीएमसी में जाने से बंगाल में खासी हलचल है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा शनिवार को टीएमसी में शामिल हुए थे। उन्होंने ममता बनर्जी को ‘रियल फाइटर’ की संज्ञा दी थी। सिन्हा ने यह भी कहा था कि ‘दीदी पर हुए हमले के बाद उन्होंने तय कर लिया था कि वह टीएमसी में जाएंगे’। उन्होंने तब यह भी कहा था कि भाजपा अब अटल जी के जमाने की भाजपा नहीं रह गयी। सिन्हा ने कहा था कि अब भाजपा के पास बचा ही कौन है।
सिन्हा ने कहा था कि गठबंधन के तमाम सहयोगी दल भाजपा को छोड़ चुके हैं। यशवंत सिन्हा ने यह भी खुलासा किया था कि ममता बनर्जी ने कंधार विमान अपहरण घटना के समय खुद को आतंकियों के समक्ष पेश करने की बात कही थी। यशवंत के मुताबिक – ‘विमान अपहरण कांड के दौरान उच्च स्तरीय बैठक चल रही थी और इसी  दौरान ममता बनर्जी ने ऑफर किया कि वे आतंकियों के समक्ष खुद को बंधक के तौर पर पेश करने के लिए तैयार हैं। शर्त बस इतनी होगी कि बंधक बनाए गए यात्रियों को आतंकी छोड़ दें।’
वाजपेयी के बहुत करीबी और उनकी सरकार में बहुत प्रभावशाली रहे यशवंत सिन्हा को लेकर कहा जाता है कि वे शुरू से नरेंद्र मोदी की सोच और नीतियों से असहमत रहे हैं। सिन्हा 2014 के बाद से ही भाजपा नेतृत्व से नाराज थे। पिछले सालों में कई बार उन्होंने पार्टी नेतृत्व और केंद्र सरकार के फैसलों पर सवाल उठाए हैं। साल 2018 में वे हुड भाजपा से बाहर चले गए थे। दो साल के बाद पश्चिम बंगाल चुनाव के मौके पर सिन्हा टीएमसी में शामिल हुए हैं।

देशभर में बैंकिंग सेवाएं दो दिन रहेंगी बाधित

देशभर में यूनाइटेड बैंक ऑफ बैंक यूनियन द्वारा नौ बैंको ने दो दिन लगातार देशव्यापी हड़ताल करने का आह्वान किया है। यह हड़ताल सोमवार व मंगलवार को की जाएगी। इस दौरान सभी बैंक सेवाएं बंद रहेंगी।

इस हड़ताल में बैंक कर्मचारियों समेत दस लाख अधिकारी हिस्सा लेंगे। हड़ताल के चलते ग्राहकों को दो दिन बैंक शाखाओं में पैसे जमा कराने, निकालने और अन्य बैेंक सेवाओं में दिक्कत का सामना करना पडे़गा।

देशभर में चल रहीं बैंक शाखाओं की यह हड़ताल केंद्र सरकार के प्रस्तावित निजिकरण के विरोध में हैं। इस हड़ताल में ऑल इंडिया बैंक एम्प्लाइज असोसिएशन, ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन इत्यादि शामिल है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट में सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजिकरण की घोषणा के बाद यह हड़ताल की जा रही है। साथ ही एलआईसी की सभी यूनियनों ने 18 मार्च को हड़ताल पर रहने की घोषणा की है।

दिल्ली से किसानों को खाली हाथ न लौटाए सरकार : राज्यपाल

उत्तर प्रदेश के बागपत में रविवार को एक कार्यक्रम में मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने किसान आंदोलन को लेकर सरकार पर सवाल खड़े किए। नए तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ  विरोध-प्रदर्शन के बीच उन्होंने कहा कि बिना जाने समझे ही किसानों का सत्यानाश हो रहा है। उन्होंने कहा, अमीर और अमीर होता जा रहा है, जबकि गरीब और गरीब।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उन्होंने कहा, इस देश में किसान बुरे हाल में है। देश का किसान जब तक असंतुष्ट रहेगा, तब तक देश आगे नहीं बढ़ेगा। मलिक ने एमएसपी को कानूनी मान्यता देने की भी वकालत की। उन्होंने कहा, मैं चाहता हूं ये मसला हल हो जाए और जहां तक जरूरत पड़ेगी वहां तक जाऊंगा। उन्होंने मध्यस्थता करने का विकल्प भी खुला रखा।
उन्होंने कहा कि सिख कौम किसी भी बात को 300 साल तक याद रखती है। उन्होंने कहा, मिसेज गांधी ने ब्लू स्टार करने के बाद अपने फार्म हाउस पर महामृत्युंजय पाठ कराया था। पर वो इससे वाकिफ थी कि वे मुझे नहीं छोड़ेंगे।
अपने गृह जनपद बागपत पहुंचे राज्यपाल सत्यपाल मलिक के बयान पर किसानों का दर्द छलक पड़ा। अपने सम्मान समारोह में मलिक ने कहा कि किसानों के मसले पर उन्होंने पीएम और गृह मंत्री को भी लिखा है, और पत्र मेंकहा है कि किसानों को दिल्ली से खाली हाथ नहीं लौटने दें, वरना अच्छा नहीं होगा।
उन्होंने बल प्रयोग या लाठीचार्ज से बचने की भी सलाह दी है।
मलिक ने कहा कि राकेश टिकैत की गिरफ्तारी का शोर मचने पर रात में मैंने फोन करके उनकी गिरफ्तारी रुकवाई थी।
बतौर राज्यपाल तीन साल में तीन राज्यों में तबादला
30 सितंबर, 2017 को सत्यपाल मलिक को बिहार का राज्यपाल बनाया गया था, लेकिन एक साल का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही उन्हें 23 अगस्त 2018 को जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल बना दिया गया। सत्यपल मलिक को बाद में 30 अक्टूबर 2019 को गोवा का राज्यपाल बनाया गया, फिर तबादला कर मेघालय भेज दिया गया था।