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दिल्ली चुनाव से पहले बँटा इंडिया गठबंधन

जब जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इंडिया ब्लॉक की एकता पर संदेह जताया और कहा कि यह केवल संसदीय चुनावों के लिए बना है, तो ज़्यादातर राजनीतिक पंडितों ने इस टिप्पणी को संदेह की दृष्टि से देखा। हालाँकि दिल्ली विधानसभा चुनाव होने से पहले ही विपक्षी गठबंधन में फूट पड़ गयी है और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), शिवसेना (यूबीटी) और समाजवादी पार्टी (सपा) जैसे गठबंधन सहयोगियों ने आम आदमी पार्टी (आप) को समर्थन दे दिया है, जिससे कांग्रेस को काफ़ी असहजता हो रही है। इस क़दम का मतलब है कि गठबंधन के सदस्य एक-दूसरे के विपरीत उद्देश्य से काम कर रहे हैं। हरियाणा में चुनाव के दौरान भी समूह के भीतर मतभेद थे, जहाँ कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था। वहीं महाराष्ट्र में पराजय के बाद शिवसेना (यूबीटी) के साथ भाजपा के रिश्ते पहले जैसे मधुर नहीं दिख रहे हैं। कांग्रेस के अलग-थलग पड़ने को राजद नेता तेजस्वी यादव की इस टिप्पणी से समझा जा सकता है कि ‘यह गठबंधन विशेष रूप से 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए बनाया गया था।’ दरारों ने इस बात पर संदेह पैदा कर दिया है कि क्या इस पुरानी पार्टी के पास शक्तिशाली भाजपा से मुक़ाबला करने के लिए गठबंधन का नेतृत्व करने की क्षमता है, जिसके लिए यह दोनों पक्षों के लिए जीत वाली स्थिति होगी।

‘तहलका’ की आवरण कथा ‘दिल्ली अभी दूर है’ में के.पी. मलिक ने लिखा है कि राष्ट्रीय राजधानी में किसी भी पार्टी के लिए इस बार एकतरफ़ा चुनावी जीत आसान नहीं है। इस बार के चुनाव में कांग्रेस और भाजपा अपनी वापसी के लिए जद्दोजहद कर रही हैं, तो आम आदमी पार्टी सत्ता बचाने की कोशिश में है। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की नई दिल्ली विधानसभा सीट पर इस बार सबसे कड़ा मुक़ाबला देखने को मिलेगा, क्योंकि इस सीट पर भाजपा ने अपनी पार्टी के नेता रहे पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा को अरविंद केजरीवाल के ख़िलाफ़ उतारा है, तो दूसरी तरफ़ कांग्रेस ने भी पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को यहीं से टिकट दिया है।

दिल्ली को आम आदमी पार्टी की सत्ता का केंद्र माना जाता है, जहाँ से महज़ 12 साल के अंदर इस पार्टी ने अपनी राजनीति विरासत राष्ट्रीय मंच पर खड़ी की है। हालाँकि पिछले कुछ वर्षों में देश की सबसे युवा राजनीतिक पार्टी को कठिन समय का सामना करना पड़ रहा है; क्योंकि इसके कई मंत्री और शीर्ष नेता कथित शराब घोटाले और दूसरे गंभीर आरोपों से जूझ रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और संजय सिंह सहित इसके कई वरिष्ठ नेताओं को जाँच एजेंसियों द्वारा व्यापक पूछताछ और न्यायिक हिरासत का सामना करना पड़ा है। इसलिए इस बार के दिल्ली विधानसभा चुनावों में यह भी सुनिश्चित होगा कि आम आदमी पार्टी को मतदाताओं का कितना समर्थन प्राप्त होगा? अगर आम आदमी पार्टी एक बार फिर वापसी करती है, तो यह दर्शाएगा कि जनता का विश्वास अभी भी पार्टी के प्रमुख नेताओं, ख़ासकर अरविंद केजरीवाल पर क़ायम है और उनके ख़िलाफ़ सभी मामले मनगढ़ंत हैं। लेकिन अगर दिल्ली में आम आदमी पार्टी की हार होती है, तो यह उनकी प्रतिष्ठा के लिए बड़ा झटका होगा और इससे अरविंद केजरीवाल की राष्ट्रीय महत्त्वाकांक्षाओं को भी बड़ा नुक़सान पहुँच सकता है।

दिलचस्प बात यह है कि दिल्ली चुनाव ने कम-से-कम एक बार भाजपा और कांग्रेस को मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास के नवीनीकरण के मुद्दे पर एक ही क़तार में ला दिया है। विडंबना यह है कि यह निर्माण कोरोना महामारी के बीच में भारी लागत से किया गया है, जो कथित तौर पर ग़लत प्राथमिकताओं की ओर इशारा करता है। भाजपा और कांग्रेस अब आम आदमी पार्टी और इसके संयोजक की छवि को निशाना बना रहे हैं, जिन्होंने ख़ुद को एक आम आदमी के रूप में पेश किया है। ख़ैर, 08 फरवरी का बेसब्री से इंतज़ार किया जाएगा!

जम्मू-कश्मीर में एलओसी के पास धमाका, सेना के 6 जवान घायल

जम्मू-कश्मीर के नौशेरा में खदान में विस्फोट की घटना सामने आई है। जानकारी के अनुसार, भवानी सेक्टर के मकड़ी इलाके में हुए इस विस्फोट में सेना के 6 जवान घायल हो गए हैं, जिन्हें इलाज के लिए राजौरी के आर्मी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।

हाल के महीनों में जम्मू-कश्मीर में विस्फोट की यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी ऐसी घटनाएं सामने आई हैं। 9 दिसंबर, 2024 को पुंछ में एक दुखद घटना में, 25 राष्ट्रीय राइफल्स के हवलदार वी. सुब्बैया वरिकुंटा एक बारूदी सुरंग विस्फोट में शहीद हो गए थे, जब वे थानेदार टेकरी में गश्त कर रहे थे। उसी समय, बारामूला जिले के पट्टन के पलहालन इलाके में सुरक्षाबलों ने एक आईईडी को भी निष्क्रिय कर एक बड़ी घटना को टाल दिया था। इससे पहले, अक्टूबर 2024 में, कुपवाड़ा में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास त्रेहगाम में एक खदान विस्फोट में सेना के दो जवान घायल हो गए थे, जब वे इलाके में गश्त कर रहे थे। ये घटनाएं सीमावर्ती क्षेत्रों में बारूदी सुरंगों और आईईडी के खतरे की गंभीरता को दर्शाती हैं।

इन घटनाओं से स्पष्ट है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में बारूदी सुरंगों और आईईडी का खतरा अभी भी बना हुआ है। सुरक्षा बल लगातार सतर्क हैं और ऐसे खतरों को नाकाम करने के लिए प्रयासरत हैं।

सांसद अमृतपाल सिंह के राजनीतिक दल के नाम की घोषणा

माघी मेले पर पार्टी का नाम ‘अकाली दल वारिस पंजाब दे

श्री मुक्तसर साहिब :  आज श्री मुक्तसर साहिब में अमृतपाल सिंह के राजनीतिक दल के नाम की घोषणा कर दी गई। अमृतपाल सिंह की राजनीतिक पार्टी का नाम अकाली दल वारिस पंजाब दे रखा गया है। मंगलवार को मुक्तसर साहिब के माघी मेले में इसकी आधिकारिक घोषणा की गई। खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह इस समय डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं।

अमृतपाल ही पार्टी के अध्यक्ष होंगे। अमृतपाल सिंह की राजनीतिक पार्टी बनना सबसे बड़ी चुनौती शिरोमणि अकाली दल (बादल) के लिए है, क्योंकि अकाली दल खुद को सबसे बड़ पंथ हिमायती कहता है। साल 2015 में हुई श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाओं और राम रहीम को माफी देने के मुद्दे पर अकाली दल का ग्राफ तेजी से गिरा है। पंथक वोट बैंक अकाली दल से दूर हुआ है। सांसद बनने से पहले अमृतपाल सिंह ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन को संभाल रहे थे। यह संगठन पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू ने बनाया था।

महाकुंभ 2025: मकर संक्रांति पर शुरू हुआ अखाड़ों का अमृत स्नान

तीर्थराज में महाकुंभ के महास्नान को उमड़ा देश-दुनिया का जन ज्वार-जीवनदायिनी गंगा, श्यामल यमुना व पौराणिक सरस्वती के पावन संगम में महाकुंभ के प्रथम अमृत स्नान पर्व पर पुण्य की डुबकी लगाने के लिए देश-दुनिया का जन समुद्र उमड़ पड़ा है। पौष पूर्णिमा स्नान पर्व के बाद अब मंगलवार को महाकुंभ का महास्नान शुरू हो चुका है। महानिर्वाणी अखाड़े के अमृत साधु-संत स्नान के लिए जा रहे हैं। नियमों का अनुशरण करते हुए सनातन धर्म के 13 अखाड़ों को अमृत स्नान में स्नान क्रम भी जारी किया गया है।

मकर संक्रांति पर श्रीपंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी ने सबसे पहले अमृत स्नान किया। जिसके साथ श्रीशंभू पंचायती अटल अखाड़ा ने अमृत स्नान किया। दूसरे स्थान पर श्रीतपोनिधि पंचायती श्रीनिरंजनी अखाड़ा एवं श्रीपंचायती अखाड़ा आनंद अमृत स्नान किया। तीन संन्यासी अखाड़े अमृत स्नान करेंगे, जिसमें श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा एवं श्रीपंच दशनाम आवाहन अखाड़ा तथा श्रीपंचाग्नि अखाड़ा शामिल हैं।

पंचायती निर्वाणी अखाड़े के नागा साधुओं ने भाला, त्रिशूल और तलवारों के साथ अपने शाही स्वरूप में अमृत स्नान किया। साधु-संत घोड़े और रथों पर सवार होकर शोभायात्रा में शामिल हुए, जिससे पूरे क्षेत्र में भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हो गया। उनके साथ चल रही भजन मंडलियों और श्रद्धालुओं के जयघोष ने माहौल को और दिव्य बना दिया।

12 किलोमीटर क्षेत्र में फैले स्नान घाटों पर हर हर महादेव और जय श्री राम के जयघोष सुनाई दिए। साधुओं के अमृत स्नान के साथ ही आम श्रद्धालुओं ने भी अपनी आस्था की डुबकी लगाई। संगम के आसपास गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ चारों ओर से देखी गई। इस दौरान सभी ने हर हर महादेव और जय श्री राम के नारों से संगम क्षेत्र को गुंजायमान कर दिया। सोमवार शाम से ही महाकुंभ नगर में जन ज्वार आने लगा था, जिसका क्रम देर रात तक चलता रहा। सोमवार को हुए पौष पूर्णिमा पर डुबकी लगाने वाले ज्यादातर श्रद्धालु भी अमृत स्नान करने रुक गए।

रांची के रिटायर कोयला अफसर को साइबर अपराधियों ने 11 दिन रखा डिजिटल अरेस्ट, ठगे 2.27 करोड़

रांची : रांची के बरियातु इलाके में रहने वाले एक सेवानिवृत्त कोयला कंपनी अधिकारी साइबर ठगों के जाल में फंस गए। ठगों ने 11 दिनों तक उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर के रखा। इस दौरान ठगों ने उनसे 2.27 करोड़ रुपये की ठगी कर ली। इन पैसों में  उनकी पत्नी की जमा पूंजी भी शामिल है। पीड़िता ने इस घटना की शिकायत सीआईडी के साइबर थाने और साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दर्ज कराई है।

ऐसे की ठगीमिली जानकारी के अनुसार 10 दिसंबर 2024 को पीड़िता के मोबाइल पर एक कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को ट्राई का अधिकारी बताया और कहा कि उनके नंबर से अवैध विज्ञापन और भ्रामक संदेश भेजे जा रहे हैं। इसके बाद उन्हें अरेस्ट करने की धमकी दी गई। ठगों ने वीडियो कॉल के जरिए उन्हें डराया और 10 से 20 दिसंबर के बीच 8 बार में अलग-अलग बैंक खातों में 2.27 करोड़ रुपये ट्रांसफर करवा लिए।

बताया जा रहा है कि इस गिरोह में एक महिला भी शामिल थी। महिला ने खुद को दिल्ली क्राइम ब्रांच की अधिकारी बताया। ठगों ने पीड़ित को लगातार कैमरे के सामने रहने और पैसे ट्रांसफर करने का दबाव बनाया। इस घटना में पीड़ित की जिंदगीभर की जमा पूंजी चली गई। जब उन्हें ठगी का एहसास हुआ, तो उन्होंने ठगों के नबंर पर कॉल करने की कोशिश की। लेकिन नबंर ब्लॉक कर दिया गया था। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

डॉलर के मुकाबले सबसे निचले स्तर पर पहुंचा रुपया

नई दिल्ली : सोमवार को भारतीय शेयर बाजार खुलते ही धड़ाम हो गया। रियल एस्टेट, फाइनेंशियल सर्विस और कंज्यूमर ड्यूरेबल स्टॉक तेजी से नीचे आ गए। वहीं रुपया भी इतिहास के सबसे निचले स्तर पर आ गया है। आज भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट आई। इसकी वजह अमेरिका में रोजगार का डेटा रहा। इसमें काफी मजबूती दिखी, जिसके बाद फेडरल रिजर्व द्वारा जल्द ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों पर पानी फिर गया। इससे भारतीय शेयर बाजार में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली। वहीं, रुपया भी डॉलर के मुकाबले नए ऑल टाइम लो-लेवल पर पहुंच गया।

बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी शुरुआती कारोबार में करीब 1 फीसदी तक गिर गए। 30-शेयर ब्लू-चिप पैक से एशियन पेंट्स, जोमैटो, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एचडीएफसी बैंक, बजाज फाइनेंस, एशियन पेंट्स, कोटक महिंद्रा बैंक और टाटा स्टील में अधिक गिरावट देखने को मिली।

घरेलू शेयर बाजार में सुबह करीब 11 बजे तक 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 276.02 अंक या 0.36 प्रतिशत की गिरावट के साथ 77,097.59 अंक पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 102.65 अंक या 0.44 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,328.85 अंक पर था। वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 1.44 प्रतिशत बढ़कर 80.91 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने पूंजी बाजार में शुद्ध आधार पर 2,254.68 करोड़ रुपये बेचे।

वहीं, भारतीय रुपया शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 5 पैसे कमजोर होकर रिकॉर्ड निचले स्तर 86.20 पर खुला। विदेशी मुद्रा व्यापारियों का कहना है कि कच्चे तेल की कीमतों में रिकॉर्ड उछाल, विदेशी पूंजी का निरंतर बाहर जाना और घरेलू इक्विटी बाजारों में नकारात्मक रुझान ने भी भारतीय मुद्रा पर दबाव बनाए रखा। शुक्रवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 18 पैसे गिरकर 86.04 पर बंद हुआ।

प्रधानमंत्री मोदी ने किया जेड मोड़ सुरंग का उद्घाटन

सोनमर्ग  : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के सोनमर्ग इलाके में जेड-मोड़ सुरंग का उद्घाटन किया। जेड-मोड सुरंग का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरंग का निरीक्षण किया। इस दौरान एलजी मनोज सिन्हा, सीएम उमर अब्दुल्ला और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद रहे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरंग के निर्माण कार्य से जुड़ी टीम से बातचीत की, जिसमें टीम ने सुरंग के निर्माण की प्रक्रिया और इससे संबंधित चुनौतियों के बारे में पीएम मोदी को जानकारी दी। टीम ने बताया कि इस परियोजना में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन इन सबके बावजूद सुरंग का निर्माण सफलतापूर्वक पूरा किया गया। यह सुरंग श्रीनगर-सोनमर्ग मार्ग पर स्थित है जो जम्मू-कश्मीर के क्षेत्रीय विकास और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिहाज से बेहद अहम है।

श्रीनगर-लेह हाइवे पर गगनगीर से सोनमर्ग के बीच पहले 1 घंटे से ज्यादा समय लगता था। इस टनल के कारण अब यह दूरी 15 मिनट में पूरी हो सकेगी। इसके अलावा गाड़ियों की स्पीड भी 30 किमी/घंटा से बढ़कर 70 किमी/घंटा हो जाएगी। दुर्गम पहाड़ी वाले इस इलाके को क्रॉस करने में पहले 3 से 4 घंटे का समय लगता था। अब यह दूरी मात्र 45 मिनट में पूरी होगी।

6.5 किलोमीटर लंबी यह सुरंग श्रीनगर और सोनमर्ग के बीच यात्रा को सुगम बनाएगी। इसके खुलने से इस मार्ग पर सभी मौसमों में यातायात की सुविधा होगी और पहले की तरह सर्दियों में बंद होने वाली सड़क साल भर खुली रहेगी। उम्मीद है कि सुरंग के निर्माण से सोनमर्ग क्षेत्र में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। सोनमर्ग, जो पहले सर्दियों में यातायात की बाधाओं का सामना करता था, अब पर्यटकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बन सकता है।

करीब 12 किलोमीटर लंबी इस परियोजना का निर्माण 2,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया गया है। इसमें 6.4 किलोमीटर लंबी सोनमर्ग मुख्य सुरंग, एक निकास सुरंग और पहुंच मार्ग शामिल हैं। समुद्र तल से 8,650 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह पुल लेह के रास्ते श्रीनगर और सोनमर्ग के बीच सभी मौसम में संपर्क बढ़ाएगा। यह लद्दाख क्षेत्र में सुरक्षित और निर्बाध पहुंच सुनिश्चित करेगा।

जेड मोड़ सुरंग में इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लगाया गया है, जिससे ट्रैफिक को नियंत्रित करना आसान हो जाएगा। इसके साथ ही डेडिकेटेड एस्केप टनल के जरिए ट्रैफिक को सुगम बनाया जाएगा।

भारतीय शेयर बाजार 1048 अंक लुढ़का, निवेशकों के 12 लाख करोड़ रुपए स्वाहा

मुंबई  : भारतीय शेयर बाजार नकारात्मक संकेतों के बीच सोमवार को 1 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट के साथ बंद हुए। बाजार पर मजबूत अमेरिकी रोजगार डेटा का प्रभाव भी रहा, जो 2025 में ब्याज दरों में कम कटौती का संकेत देता है। बाजार में गिरावट के दूसरे कारणों में क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतें, रुपये में कमजोरी और विदेशी पूंजी आउटफ्लो शामिल हैं। बाजार में आई गिरावट से निवेशकों को करीब 12 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

कारोबार के अंत में रियलिटी, पीएसयू बैंक, मेटल, ऑटो और फार्मा सेक्टर में भारी बिकवाली देखी गई। रियलिटी सेक्टर 6 फीसदी से अधिक की गिरावट के साथ लाल निशान में बंद हुआ। सेंसेक्स 1,048.90 अंक या 1.36 फीसदी की गिरावट के साथ 76,330.01 पर बंद हुआ और निफ्टी 345.55 अंक या 1.47 फीसदी की गिरावट के साथ 23,085.95 पर बंद हुआ।

जानकारों के अनुसार, वैश्विक बाजारों में भारी बिकवाली देखी गई, जिससे घरेलू बाजारों में भी इसी तरह की प्रतिक्रिया देखने को मिली, क्योंकि मजबूत अमेरिकी पेरोल डेटा ने 2025 में कम दरों में कटौती का संकेत दिया। इससे डॉलर मजबूत हुआ, बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी हुई और उभरते बाजार कम आकर्षक हो गए।

एलकेपी सिक्योरिटीज के रूपक दे ने कहा, “निफ्टी के महत्वपूर्ण स्तरों को पार करने के कारण बियर हावी रहे। डेली चार्ट पर सूचकांक अपने पिछले स्विंग लो से नीचे फिसल गया, जो बढ़ती मंदी का संकेत है। हालांकि, निफ्टी ने 23,000 अंक के स्तर को बनाए रखा, जो एक महत्वपूर्ण स्तर बना हुआ है। अगर निफ्टी अगले कुछ दिनों में 23,000 से ऊपर बना रहता है, तो यह संभावित सुधार का संकेत दे सकता है। इसके विपरीत, इस स्तर से नीचे एक निर्णायक गिरावट एक गहरे सुधार को ट्रिगर कर सकती है।”

निफ्टी बैंक 692.90 अंक या 1.42 प्रतिशत की गिरावट के साथ 48,041.25 पर बंद हुआ। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 2,195.35 अंक या 4.02 प्रतिशत की गिरावट के साथ 52,390.4 पर बंद हुआ। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 723.45 अंक या 4.10 प्रतिशत की गिरावट के साथ 16,922.10 पर बंद हुआ।

सेंसेक्स पैक में जोमैटो, पावर ग्रिड, टाटा स्टील, एनटीपीसी, टाटा मोटर्स, टेक महिंद्रा, एमएंडएम, एशियन पेंट्स, सन फार्मा, टेक महिंद्रा, एलएंडटी, एसबीआई, बजाज फाइनेंस, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक टॉप लूजर्स रहे। जबकि, एक्सिस बैंक, टीसीएस, इंडसइंड बैंक और हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड टॉप गेनर्स रहे।

एफआईआई लगातार छठे दिन शुद्ध विक्रेता बने रहे, क्योंकि उन्होंने 10 जनवरी को 2,254.68 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची, दूसरी ओर घरेलू संस्थागत ने 3,961.92 करोड़ रुपये की इक्विटी खरीदी।

रमेश पुरी आईडीएसस के नये सेक्रेटरी जनरल नियुक्त

नई दिल्ली : रमेश कुमार पुरी को भारत में प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग की अग्रणी संस्था इंडियन डायरेक्ट सैलिंग एसोसिएशन (आईडीएसए ) का नया सेक्रेटरी जनरल नियुक्त किया गया है।

श्री पुरी, एसोसिएशन की समस्त गतिविधियों एवं कार्यकलापों की देखरेख करने के अलावा, इसके परिकल्पित लक्ष्यों, उदेश्यों और मिशन का भी नेतृत्व करेंगे। भारत सरकार में 34 वर्षों से अधिक के विशिष्ट सेवाकाल के दौरान श्री पुरी ने अनेक मंत्रालयों और विभागों में विभिन्न पदों पर रहते हुये महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाई हैं।

भारत सरकार के उद्योग और आंतरिक व्यापाीर संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) से संयुक्त निदेशक पद                             

से सेवानिवृत श्री पुरी नीति निर्माण, कार्यक्रम प्रबंधन और अनुसंधान-संचालित अध्ययन में विशेषज्ञता रखते हैं। इस पद पर रहते हुये उन्होंने कई अन्य महत्वपूर्ण पहलों के अलावा प्रस्तावित ई-कॉमर्स नीति और राष्ट्रीय खुदरा व्यापार नीति निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनका व्यापक अनुभव प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग के विकास और इससे जुड़े मुद्दों में महत्वपूर्ण साबित होगा।

एचएमपीवी वायरस को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा हालात पर हमारी नजर

नई दिल्ली :  चीन से शुरू हुआ HMPV वायरस अब अपने पैर पसार रहा है। भारत में भी इस वायरस के 6 केस सामने आ चुके है। वहीं एचएमपीवी वायरस को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने जानकारी देते हुए कहा है कि यह कोई नया वायरस नहीं है और इससे घबराने की जरूरत नहीं है। नड्डा ने कहा कि देशवासियों को इससे घबराने की जरुरत नहीं है। 

नड्डा ने कहा कि सरकार हालात पर नजर बनाए हुए हैं। नड्डा ने कहा स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि HMPV कोई नया वायरस नहीं है। इसकी पहली बार पहचान 2001 में हुई थी और यह कई वर्षों से पूरी दुनिया में फैल रहा है। HMPV सांस के माध्यम से हवा के माध्यम से फैलता है। यह सभी आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित कर सकता है। यह वायरस सर्दियों और शुरुआती वसंत के महीनों में अधिक फैलता है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि चीन में HMPV के मामलों की हालिया रिपोर्टों के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय, ICMR और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र चीन के साथ-साथ पड़ोसी देशों में स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि WHO ने भी स्थिति का संज्ञान लिया है और जल्द ही अपनी रिपोर्ट हमारे साथ साझा करेगा। उन्होंने कहा कि ICMR ने श्वसन वायरस के उपलब्ध आंकड़ों की समीक्षा की है और भारत में किसी भी सामान्य श्वसन वायरल रोगजनकों यानी इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (ILI) या गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (SARI) के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं नहीं देखा गई है।

दिल्ली में अलर्ट
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने स्वास्थ्य और एफई विभाग को दिल्ली में पूरी व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह के अनुसार सभी अस्पतालों को श्वसन संबंधी बीमारी में किसी भी संभावित वृद्धि से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहना चाहिए। साथ ही स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को राजधानी में तैयारियों के बारे में समय पर अपडेट हासिल करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संपर्क में रहना चाहिए।

दिल्ली के स्वास्थ्य अधिकारियों ने ‘ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी)’ और श्वास संबंधी अन्य संक्रमण से जुड़ी संभावित स्वास्थ्य चुनौतियों के सिलसिले में तैयारी सुनिश्चित करने के लिए परामर्श जारी किया. एक बयान के अनुसार, महानिदेशक (स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ. वंदना बग्गा ने दिल्ली में सांस संबंधी बीमारियों से निपटने की तैयारियों पर चर्चा करने के लिए मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारियों और आईडीएसपी के राज्य कार्यक्रम अधिकारी के साथ बैठक की.

एचएमपीवी को लेकर डरने की जरूरत नहीं

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश अबिटकर ने कहा है कि देश में पाए जाने वाले एचएमपीवी मरीजों को लेकर स्वास्थ्य विभाग जल्द ही अगले दो दिनों में एक बैठक करेगा। सोशल मीडिया और आ रही खबरों से कई गलतफहमियां पैदा हो रही हैं, लेकिन डरने की जरूरत नहीं है। नागरिकों को अपना ख्याल रखने की सलाह दी गई है। स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि नागरिकों को संक्रामक रोगों के संबंध में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री ने ये भी कहा कि मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य विभाग स्थिति पर नजर बनाये हुए हैं।

बता दें कि इस संक्रमण के अब तक 6 मामले सामने आ चुके हैं। HMPV के 6 मामले सामने आ चुके हैं। इससे पहले दो मामले बेंगलुरु, एक मामला गुजरात और एक पश्चिम बंगाल से सामने आ चुका है। बच्चों की उम्र एक साल से कम है और तीनों की स्थिति स्थिर बनी हुई है। एक को तो अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा चुका है। तीनों बच्चों के परिजनों का कोई यात्रा संपर्क और इतिहास नहीं देखा गया है।