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टोल प्लाजा पर देर हुई तो नहीं देना टोल टैक्स

नई दिल्ली : दुनिया के सबसे बड़े सड़क नेटवर्क की बात होती है तो इस लिस्ट में भारत का नाम भी आता है। सड़कों की मरम्मत हो या इसका रखरखाव, इसे संभालना भी बड़ी जिम्मेदारी होती है। ऐसे में सड़कों की मरम्मत और रखरखाव के लिए धन जुटाने के ल‍िए स्टेट और नेशनल हाइवे पर कुछ किलोमीटर की दूरी पर टोल प्लाजा स्थापित क‍िए गए हैं। हालांकि, हर एक्सप्रेसवे या हाइवे का टोल शुल्क एक जैसा नहीं होता है। लेकिन आपको टोल प्लाजा के उन नियमों के बारे में बताते हैं, जिसकी वजह से टोल टैक्स पूरी तरह फ्री हो सकता है।

देश के स्टेट, नेशनल हाइवे और एक्सप्रेस वे से रोजाना करोड़ों गाड़ियां गुजरती हैं। इस दौरान वाहन चालकों को टोल प्लाजा पर टोल टैक्स देना पड़ता है। हालांकि, कई बार टोल प्लाजा पर लंबी लाइन होने की वजह से लोगों को परेशानियों का सामना तो करना पड़ता ही है, साथ ही उन्हें टोल भी चुकाना पड़ता है। मगर कुछ साल पहले एक नियम लाया गया था, जो न सिर्फ लोगों के लिए राहत देने वाला था, बल्कि इस नियम के बारे में जानकारी होने पर आपको टोल देने से भी छुटकारा मिल सकता है।

साल 2021 में नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) लोगों की सहूलियत के लिए एक नियम लाई थी। इस नियम का उद्देश्य था कि कोई भी वाहन टोल प्लाजा पर 10 सेकंड से अधिक न रुके। अगर इससे अध‍िक वक्त लगता है, तो वह बिना टोल दिए वहां से जा सकता है।

एनएचआईए के नियम के अनुसार, टोल प्लाजा पर अगर अधिक भीड़ है या फिर वहां 10 सेकंड से अधिक रुकना पड़ रहा है, तो निशुल्क टोल का नियम लागू होगा। अगर इस दौरान आपको समस्या आती है, तो एनएचआई की हेल्पलाइन, 1033 पर संपर्क कर सकते हैं।

नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया का नियम कहता है कि अगर टोल प्लाजा पर 100 मीटर के दायरे में वाहनों की लंबी लाइन लगी हुई है, तो उस परिस्थिति में भी टोल टैक्स नहीं देना होता है। हालांकि, इस 100 मीटर में एक पीली पट्टी का होना आवश्यक माना जाता है। अगर आपकी गाड़ी इससे दूर है, तो आपको टोल टैक्स नहीं देना होगा। इसके अलावा टोल प्लाजा पर लगी फास्टैग मशीन के काम नहीं करने पर भी आप इससे बच सकते हैं।

उमर अब्दुल्ला होंगे जम्मू-कश्मीर के नए मुख्यमंत्री

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के गठबंधन को बहुमत प्राप्त हुआ है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने इस जनादेश के लिए जनता का आभार व्यक्त करते हुए घोषणा की है कि उमर अब्दुल्ला राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे। उन्होंने कहा कि जनता ने अपने वोट के माध्यम से यह संदेश दिया है कि वे 5 अगस्त 2019 के फैसले (धारा 370 हटाने) को स्वीकार नहीं करते हैं।

फारूक अब्दुल्ला ने बेरोजगारी, महंगाई और नशे के कारोबार के खिलाफ कार्यवाही करने का भी आश्वासन दिया। उमर अब्दुल्ला ने बडगाम और गांदरबल दोनों सीटों पर जीत हासिल की है, जिससे नेशनल कॉन्फ्रेंस चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। इस चुनाव में बीजेपी ने 29 सीटें जीती हैं, जबकि कांग्रेस के खाते में 6 सीटें आई हैं। महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी ने 3 सीटों पर जीत दर्ज की, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती को हार का सामना करना पड़ा।

लेबनान में पैदल घुसी इजरायली सेना, दर्जनों गांव बनाए श्मशान; जवाब में रॉकेट की बौछार

इजरायल  की 91वीं डिवीजन लेबनान में दाखिल हो चुकी है। यह डिवीजन टैंकों और तबाही मचाने वाले हथियारों के साथ आगे बढ़ रही है। लेबनानी  सुरक्षा सूत्रों के अनुसार इजरायली पैदल सेना ने लेबनान  के सीमावर्ती गांव मारून अल-रास में दाखिल हुई। करीब 50 इजरायली सैनिकों ने ब्लू लाइन को पार किया।

इजराइली सेना भारी गोलाबारी और हवाई हमलों के साथ आगे बढ़ने का रास्ता तैयार कर रही है। इस दौरान दक्षिणी लेबनान  में दर्जनों गांवों  को निशाना बनाया गया है। लेबनान सीमा के पास दर्जनों टैंकों  को देखा गया है। इन टैंकों को इजरायली ड्रोन और लड़ाकू विमान कवर देने में जुटे हैं।

सूत्रों के मुताबिक इजरायली सेना ने यारून, अल्मा अल-शाब, अल-वजानी और कफरचौबा समेत कई स्थानों पर दाखिल होने की कोशिश की। मगर हिजबुल्लाह जवाब में कई कत्युशा रॉकेटों की बौछार की। इजरायली सेना ने घोषणा की है कि 91वीं डिवीजन हिजबुल्लाह के खिलाफ लक्षित, सीमित और स्थानीयकृत ऑपरेशन में शामिल होने के लिए दक्षिणी लेबनान में प्रवेश कर चुकी है।

इससे पहले इजरायल की पैराट्रूपर डिवीजन 98 और आर्मर्ड डिवीजन 36 ने पिछले मंगलवार को लेबनान में जमीनी कार्रवाई शुरू की थी। उधर, इजरायली सेना ने बताया कि क्षेत्र में जारी तनाव के बीच अमेरिकी सेंट्रल कमांड के कमांडर माइकल एरिक कुरिल्ला रविवार को इजरायल पहुंचे। कुरिल्ला और इजरायली चीफ ऑफ जनरल स्टाफ हर्जई हलेवी ने तेल अवीव में स्थिति का आकलन किया। 23 सितंबर को इजरायल ने हिजबुल्लाह के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी। अब तक संघर्ष में कम से कम दो हजार लोगों की जान जा चुकी है।

एलपीजी गैस सिलिंडर उपभोक्ताओं के लिए ई-केवाईसी कराना हुआ जरूरी

नई दिल्ली :  एलपीजी गैस सिलिंडर उपभोक्ताओं के लिए बड़ी खबर है। अब आपकों अपने कनेक्शन का ई-केवाईसी करवाना होगा, नहीं तो आपका कनेक्शन काट दिया जाएगा।

2019 के पहले जिनका कनेक्शन है, उन्हीं को ई-केवाईसी करानी है। वहीं एजेंसियों के कर्मचारी घर-घर जाकर चूल्हा व पाइप की भी जांच करेंगे। 31 दिसंबर तक जिनका ई-केवाईसी नहीं हुआ तो उनके गैस कनेक्शन निरस्त किए जाएंगे। घरेलू गैस कनेक्शन को लेकर पेट्रोलियम कंपनियों ने अपने वास्तविक उपभोक्ताओं की पहचान शुरू कर दी है। वितरक एजेंसियों को उपभोक्ताओं की सुरक्षा को लेकर घर-घर जांच का निर्देश दिया गया है। इससे एजेंसियां ग्राहकों को जागरूक कर रहीं। जिले में इंडेन, भारत गैस और एचपी गैस के लगभग पौने पांच लाख उपभोक्ता हैं। इस समय घरेलू सिलिंडर का दाम 903 रुपये है, इस पर भारत सरकार की ओर से 48 रुपये और उज्ज्वला के लाभार्थियों को 300 रुपये सब्सिडी मिल रही है। यानि सामान्य सिलेंडर 855 और उज्ज्वला सिलेंडर 550 रुपये में मिल रहा है। लेकिन लंबे समय से उपभोक्ताओं का सर्वे न होने के कारण सब्सिडी में भी समस्या आ रही है।

इन समस्याओं को लेकर पिछले दिनों सरकार के निर्देश के क्रम में अब पेट्रोलियम कंपनियों की ओर से अभियान चलाकर ग्राहकों की ई-केवाइसी कराई जा रही है। इसके लिए दिसंबर तक का समय दिया गया है। घरेलू गैस कनेक्शन धारकों और सिलेंडर की सुरक्षा के मद्देनजर चूल्हा व सिलेंडर जांच कराना अनिवार्य होता है। इसके लिए गैस एजेंसियों की ओर से उपभोक्ताओं के घर कर्मी पहुंचकर जांच करेंगे, जरूरत पड़ने पर पाइप आदि बदला जाएगा। ई-केवाइसी के साथ-साथ यह कार्य किए जा रहे हैं।

भारत की स्टार जिमनास्ट दीपा कर्माकर ने किया संन्यास का ऐलान

नई दिल्ली  : भारत की स्टार जिमनास्ट दीपा कर्माकर ने खेल जगत को अलविदा कह दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने फैन्स को इस बात की जानकारी दी। दीपा ने अपने करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन उन्होंने हमेशा भारतीय जिमनास्टिक को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का प्रयास किया।

2016 रियो ओलंपिक में दीपा कर्माकर ने प्रोडुनोवा वॉल्ट करके सभी को चौंका दिया था। वह इस मुकाम तक पहुंचने वाली पहली भारतीय जिम्नास्ट थीं। हालांकि, वह पदक से महज 0.15 अंकों से चूक गई थीं।

दीपा कर्माकर  ने 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स में जिमनास्टिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रचा था। इसके अलावा, उन्होंने एशियन चैंपियनशिप में भी कई मेडल जीते। इसी साल उन्होंने एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर एक बार फिर सभी को प्रभावित किया था।

दीपा ने अपने संन्यास के फैसले के पीछे कई कारण बताए हैं। उन्होंने कहा कि वह काफी समय से इस बारे में सोच रही थीं और अब यह सही समय है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी बॉडी अब उन्हें और पुश करने की अनुमति नहीं देती।

दीपा कर्माकर  ने कहा कि वह जिमनास्टिक से हमेशा जुड़ी रहेंगी। वह युवा जिमनास्ट्स को मेंटर करना चाहती हैं और इस खेल को आगे बढ़ाने में अपना योगदान देना चाहती हैं। दीपा कर्माकर का संन्यास भारतीय जिमनास्टिक के लिए एक बड़ा नुकसान है। उन्होंने भारतीय जिमनास्टिक को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया और युवाओं के लिए एक प्रेरणा बनीं। हम उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हैं।

लालू, तेजस्वी और तेजप्रताप यादव को मिली जमानत, पासपोर्ट करना होगा सरेंडर

नई दिल्ली : लैंड फॉर जॉब स्कैम  मामले में आरजेडी  के प्रमुख लालू यादव, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव को राउज एवेन्यू कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने सभी आरोपियों को 1 लाख रुपए के मुचलके के साथ जमानत दे दी है। कोर्ट ने सभी आरोपियों को पासपोर्ट सरेंडर करने के लिए भी कहा है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव और मीसा भारती एक ही टेबल पर एक साथ बैठे थे।

कोर्ट को बताया गया कि समन की तामील करते हुए सभी आरोपी पेश हुए हैं। सभी आरोपीयों ने जमानत अर्जी दाखिल की है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को होगी। तेजस्वी यादव ने लैंड फॉर जॉब मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट से जमानत मिलने के बाद कहा कि ये मामला राजनीतिक है। केस में कोई दम नहीं है, ये हमारे खिलाफ साजिश है। कोर्ट पर भरोसा है। उसने हमें जमानत दी है। जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है।

रेलवे में ग्रुप D की नौकरी के बदले जमीन लेने के कथित घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए 8 आरोपियों को समन जारी किया था। जांच एजेंसी ने चार्जशीट में 11 आरोपी बनाए थे, जिनमें से 3 आरोपियों की मौत हो चुकी है।

आरोप है कि 2004 से 2009 के बीच लालू प्रसाद देश के रेल मंत्री थे, उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर रेलवे में ग्रुप D की भर्ती में कई लोगों को जमीन के बदले नौकरी पर लगवाया। इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी कर रही है। ईडी की ओर से दाखिल सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार को पेश होने का आदेश दिया था।

भारत होगा दुनिया का अगला सेमीकंडक्टर हब: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव

बेंगलुरु : केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव की ओर से कहा गया कि भारत दुनिया का अगला सेमीकंडक्टर हब बनने की तरफ तेजी से बढ़ रहा है, क्योंकि देश में इस सेक्टर में बड़ी संख्या में निवेश किया जा रहा है।

वैष्णव ने न्यूयॉर्क में हाल ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शीर्ष टेक सीईओ के बीच हुई राउंड टेबल बातचीत का हवाला देते हुए कहा कि इस दौरान तीन शीर्ष एग्जीक्यूटिव्स ने कहा कि ऐसा जोश हमने पिछले 35 से 40 वर्षों में इतिहास में किसी और देश में नहीं देखा है।

केंद्र सरकार की ओर से अब तक 1.52 लाख करोड़ रुपये के निवेश मूल्य के पांच सेमीकंडक्टर प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है।

चिप उत्पादन पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अमेरिकी की माइक्रोन टेक्नोलॉजी 2025 की शुरुआत भारत में चिप का उत्पादन करना शुरू कर देगी। वहीं, सीजी पावर सेमीकंडक्टर सुविधा का कंस्ट्रक्शन चल रहा है और टाटा की ओर से असम में बनाई जा रही एटीएमपी सुविधा में भी काम तेजी से किया जा रहा है और इसका कंस्ट्रक्शन शुरू हो गया है।

इससे पहले केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री की वृद्धि से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को मजबूती मिलेगी। सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री, सभी उद्योगों का आधार है। चिप का इस्तेमाल मेडिकल डिवाइस, मोबाइल फोन, लैपटॉप, कार, ट्रक, ट्रेन , टीवी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में किया जाता है।

साथ ही कहा कि अब तक सरकार की ओर से गई सभी पहल जिसमें डिजिटल इंडिया मिशन और टेलीकॉम इंडिया मिशन शामिल हैं, उसने सामान्य नागरिकों के हाथ में टेक्नोलॉजी आई है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत का सेमीकंडक्टर मार्केट 2026 तक 64 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। यह 2019 के बाजार मूल्य से करीब 3 गुना होगा।

जानकारों के मुताबिक, अपनी भारत अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ा सेमीकंडक्टर सेक्टर में एक बड़ा खिलाड़ी बनने की तरफ बढ़ रहा है। सेमीकॉम इंडिया प्रोग्राम और इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) जैसी पहल के कारण भारत को इस क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर बाजार हिस्सेदारी हासिल करने में मदद मिलेगी। इससे बड़ी संख्या में भारत में नौकरियां भी पैदा होंगी।

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू चार दिनों की भारत यात्रा पर आए

नई दिल्ली : मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू चार दिनों की भारत यात्रा पर आए हैं। मुइज्जू चार दिवसीय राजकीय यात्रा पर रविवार को नई दिल्ली  पहुंचे। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने आश्वासन दिया है कि उनका देश कभी भी ऐसा कुछ नहीं करेगा जो भारत की सुरक्षा को कमजोर करता हो।  मुइज्जू ने कहा कि चीन के साथ देश के संबंधों से भारत की सुरक्षा को कभी कोई खतरा नहीं होगा।

उन्होंने कहा, मालदीव कभी भी ऐसा कुछ नहीं करेगा जो भारत की सुरक्षा को कमजोर करता हो। भारत मालदीव का एक मूल्यवान भागीदार और मित्र है, और हमारे संबंध आपसी सम्मान और साझा हितों पर बने हैं। जबकि हम विभिन्न क्षेत्रों में अन्य देशों के साथ अपना सहयोग बढ़ाते हैं, हम बने रहेंगे यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि हमारे कार्यों से हमारे क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता से समझौता न हो।

साक्षात्कार में जब मुइज्जू से भारतीय सैनिकों की वापसी पर उनके फैसले के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि वह घरेलू प्राथमिकताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि “मालदीव और भारत को अब एक-दूसरे की प्राथमिकताओं और चिंताओं की बेहतर समझ है। मैंने वही किया जो मालदीव के लोगों ने मुझसे पूछा था। हालिया बदलाव घरेलू प्राथमिकताओं को संबोधित करने के हमारे प्रयासों को दर्शाते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने जारी की पीएम-किसान सम्मान निधि की 18वीं किस्त

नई दिल्ली  : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब 9.4 करोड़ किसानों के खाते में 20,000 करोड़ रुपये की पीएम-किसान सम्मान निधि की 18वीं किस्त भी जारी की। इससे पहले पीएम मोदी वाशिम पहुंचे। यहां उन्होंने जगदंबा माता मंदिर, पोहरादेवी में दर्शन पूजा-अर्चना की। अब तक पीएम किसान सम्मान निधि के तहत अब तक किसानों को केंद्र सरकार की ओर से कुल 3.45 लाख करोड़ रुपये भेजे जा चुके हैं।

पिछली 17वीं किस्त 18 जून को पीएम मोदी ने अपने लोकसभा क्षेत्र वाराणसी से रिलीज की थी। दरअसल इस योजना का उद्देश्य किसानों की आर्थिक मदद कर उन्हें खेतीबाड़ी के लिए आवश्यक साधन उपलब्ध कराना है, जिससे उनकी आय में सुधार हो सके। पिछली बार 18 जून 2024 को 9.25 करोड़ किसानों को ये राशि मिली थी, यानी इस बार लगभग 25 लाख नए किसान भी लाभार्थियों में शामिल हुए हैं।

भारत-पाक रिश्तों पर वार्ता नहीं, एससीओ बैठक के लिए जा रहा हूं इस्लामाबाद: एस जयशंकर

नई दिल्ली :  विदेश मंत्री एस जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पाकिस्तान जाने वाले हैं। उन्होंने पड़ोसी देश की अपनी आगामी यात्रा के दौरान भारत-पाकिस्तान के बीच किसी वार्ता की संभावना से इनकार किया है।

जयशंकर ने माना कि दोनों देशों के बीच संबंधों की प्रकृति को देखते हुए उनकी पाकिस्तान यात्रा पर मीडिया का खासा ध्यान रहेगा लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि यह दौरा किसी बातचीत के लिए नहीं हो रहा है। उल्लेखनीय है कि लगभग एक दशक में यह पहली बार है कि देश के विदेश मंत्री पाकिस्तान का दौरा करेंगे। दोनों देशों के बीच संबंध खास तनावपूर्ण रहे हैं। इसका एक बड़ा कारण पाकिस्तानी धरती से संचालित होने वाली आतंकी गतिविधियां हैं।

विदेश मंत्री ने कहा, “यह (यात्रा) एक बहुपक्षीय कार्यक्रम के लिए होगी। मैं वहां भारत-पाकिस्तान संबंधों पर चर्चा करने नहीं जा रहा हूं। मैं एससीओ के एक अच्छे सदस्य के रूप में वहां जा रहा हूं। आप जानते हैं, मैं एक विनम्र और सभ्य व्यक्ति हूं, इसलिए उसी के अनुसार व्यवहार करूंगा।” पाकिस्तान 15 और 16 अक्टूबर को एससीओ शासनाध्यक्ष परिषद (सीएचजी) की बैठक की मेजबानी कर रहा है। अपनी यात्रा के बारे में विस्तार से बताते हुए जयशंकर कहा, “मैं इस महीने पाकिस्तान जाने वाला हूं। यह यात्रा एससीओ शासनाध्यक्षों की मीटिंग के लिए है। आम तौर पर, राष्ट्राध्यक्षों के साथ उच्च स्तरीय बैठक के लिए प्रधानमंत्री जाते हैं। इस साल यह मीटिंग इस्लामाबाद में हो रही है क्योंकि पााकिस्तान ग्रुप का एक नया सदस्य है।”

आईसी सेंटर फॉर गवर्नेंस द्वारा आयोजित सरदार पटेल व्याख्यान में जयशंकर ने पाकिस्तान पर उसकी आतंकी गतिविधियों को लेकर परोक्ष हमला भी किया। विदेश मंत्री ने कहा, “आतंकवाद एक ऐसी चीज है जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। हमारे एक पड़ोसी ने आतंकवाद का समर्थन करना जारी रखा है। इस क्षेत्र में यह हमेशा नहीं चल सकता। यही कारण है कि हाल के वर्षों में सार्क की बैठकें नहीं हुई हैं।’ जयशंकर ने आगे कहा, “हालांकि, इसका मतलब यह नहीं कि क्षेत्रीय गतिविधियां बंद हो गई हैं। वास्तव में, पिछले 5-6 वर्षों में, हमने भारतीय उपमहाद्वीप में कहीं अधिक क्षेत्रीय एकीकरण देखा है। आज, यदि आप बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, म्यांमार और श्रीलंका के साथ हमारे संबंधों को देखें, तो आप पाएंगे कि रेलवे लाइनों को बहाल किया जा रहा है, सड़कों का पुनर्निर्माण किया जा रहा है और बिजली ग्रिड का निर्माण किया जा रहा है।”