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असम में भाजपा विधायक के वाहन में ईवीएम मिलने पर राहुल, प्रियंका का आयोग और भाजपा पर निशाना

ईवीएम में गड़बड़ी के आरोपों के बीच असम में एक भाजपा विधायक और उम्मीदवार के वाहन से ईवीएम मिलने के बाद देश भर में राजनीति गरमा गयी है। असम में सत्तारूढ़ भाजपा कांग्रेस के साथ एक बहुत कड़े मुकाबले में फंसी हुई है। कांग्रेस ने इसे लेकर भाजपा और चुनाव आयोग पर जबरदस्त हमला किया है। चुनाव आयोग ने इस मामले में चार अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। उधर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस घटना पर बहुत सख्त प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट करके कहा – ‘ईसी की गाड़ी ख़राब, भाजपा की नीयत ख़राब, लोकतंत्र की हालत ख़राब !’ घटना से नाराज असम कांग्रेस के अध्यक्ष ने तो चुनाव बायकॉट करने जैसी कड़ी टिप्पणी की है।
असम में तीन चरणों में मतदान होना है। वहां अब यह चौंकाने वाला मामला सामने आया है। घटना असम के पथरकंडी विधानसभा क्षेत्र की है जहाँ भाजपा नेता की  सफेद रंग की बोलेरो कार से ईवीएम मिली है। एएस10बी0022 नंबर के अपने इस वाहन का हवाला भाजपा उम्मीदवार ने अपने नामांकन हलफनामे में भी दिया है।
भाजपा उम्मीदवार कृष्णेंदु पॉल की कार से ईवीएम मिलने के बाद कांग्रेस और एआईयूडीएफ आदि दलों ने भाजपा और चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
चुनाव आयोग के अधिकारियों ने अपना वाहन खराब होने की सफाई दी है लेकिन कांग्रेस ने इसे लेकर आयोग पर निशाना साधा है। कई दलों ने कहा है कि भाजपा असम में चुनाव हार रही है इसलिए अब ऐसे हथकंडे करने पर उत्तर आई है।
चुनाव आयोग ने 4 अधिकारियों को इस मामले में सस्पेंड कर दिया है और बूथ पर फिर से वोटिंग कराने का आदेश दिया है। भाजपा विधायक की बोलेरो कार में ईवीएम मशीन गुरुवार की आधी रात मिली है। जाहिर है यह ईवीएम मशीन दूसरे चरण के मतदान के बाद मिली है, जिससे आशंका गहरा गयी है।
आशंका होने पर स्थानीय लोगों ने कार को घेर लिया। इसपर कार का चालक घबराकर कार छोड़कर भाग गया। लोगों के मुताबिक जब कार लोगों ने पकड़ी उसमें   न तो चुनाव आयोग का कोई अधिकारी और न कोई सुरक्षाकर्मी था। कार में ईवीएम मिलने की खबर फैलते ही वहां बड़ी तादाद में स्थानीय ग्रामीण जमा हो गए और  माहौल तनावपूर्ण हो गया।
असम की घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया जिसके बाद लोगों ने चुनाव आयोग पर जमकर सवाल उठाये। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल आक्रामक हैं।  असम कांग्रेस के अध्यक्ष रिपुन बोरा ने चुनाव के बायकॉट की धमकी दे दी है और चुनाव आयोग से तुरंत कार्रवाई की मांग की है।
भाजपा नेता की कार में ईवीएम मिलने के मामले पर निर्वाचन आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारी से पूरी रिपोर्ट तलब की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक ईवीएम की सील बरकरार मिली थी, हालांकि राताबारी (एससी) सीट के 149 नंबर पोलिंग बूथ – इंदिरा एमवी स्कूल पर दोबार चुनाव कराने केश चुनाव आयोग ने दिए हैं। याद रहे पश्चिम बंगाल में भी दूसरे चरण के मतदान के बाद एक कार में ईवीएम मिलने की घटना के बाद तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध किया था।
इस घटना को लेकर भाजपा पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा कि चुनाव आयोग को इस तरह की शिकायतों पर निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए।  कांग्रेस महासचिव ने कहा कि सभी राष्ट्रीय दलों द्वारा ईवीएम की जरूरतों के उपयोग का पुनर्मूल्यांकन किया जाना चाहिए।
प्रियंका ने कहा – ‘हर बार जब ईवीएम किसी निजी गाड़ी में पकड़ी जाती है तो अप्रत्याशित रूप से उनमें यह चीजे होती हैं – 1. वाहन आमतौर पर भाजपा उम्मीदवारों या उनके सहयोगियों के होते हैं। 2. वीडियो को सिर्फ एक घटना मान कर भ्रम के रूप में खारिज कर दिया जाता है। 3. भाजपा अपने मीडिया तंत्र का इस्तेमाल उन लोगों पर आरोप लगाने के लिए करती है जिन्होंने वीडियो के जरिए पर्दाफाश किया।’
ईवीएम घटना पर राहुल गांधी का ट्वीट –
राहुल गांधी
EC की गाड़ी ख़राब,
भाजपा की नीयत ख़राब,
लोकतंत्र की हालत ख़राब!
#EVMs

फिलहाल चिड़िया घर का खुलना ना तो इंसानों के लिये ठीक ना ही जानवरों के लिये

एक ओर तो कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुये सरकार स्कूलों को बंद करने का ऐलान कर रही है, जो पिछले साल फरवरी 2020 से बंद है। यानि कि खुले तक नहीं थे उनको बंद करने की बात कर रही है वहीं एक साल से अधिक समय से बंद चिड़िया घर को खोलकर कोरोना के बढ़ने का मौका दे रही है।

तहलका संवाददाता को जानकारों ने बताया कि अजीब विडंबना है कि दिल्ली में लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे है। स्कूलों सहित तामाम संस्थानों को बंद किया जा रहा है। ताकि कोरोना की बढ़ती रफ्तार को रोका जा सकें। 1 अप्रैल से चिडिया घर खुलने से हजारों लोगों की भीड़ जिसमें बच्चें शामिल है। वे चिड़िया घर के बाहर और अंदर देखे गये। भले ही चिड़िया घर प्रशासन ने कोरोना गाइड लाइन को सख्ती से पालन करने की बात कर रही है, चिडिया घर प्रशासन से जुड़े अधिकारी ने तहलका को बताया कि अगर चिड़िया घर में हर रोज बच्चें, युवा और बुजुर्ग प्रतिदिन आयेगें तो, निश्चित तौर पर ना तो इंसानों के लिये ठीक होगा ना ही जानवरों के लिये।क्योंकि हजारों की भीड़ पर निगरानी रखने के लिये कर्मचारी नहीं है। उन्होंने बताया कि टिकट काउन्टर से लेकर चिड़िया घर में प्रवेश पाने तक तो कोरोना गाइड लाइन का पालन तो हो सकता है। क्योंकि प्रवेश के दौरान ही लोगों का मुंह में मास्क, सेनेटाईज करना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाया जा सकता है। लेकिन चिड़िया घर के अंदर कोरोना गाइड लाईन का पालन मुश्किल हो सकता है।ऐसे में कोरोना के मामले बढ़ सकते है।चिड़िया घर में कार्यरत कर्मचारी बदला नाम मुकेश ने बताया कि चिड़िया घर में 50 प्रतिशत से अधिक लोग दिल्ली के बाहर के होते है। जो दिल्ली घूमने आते है। ऐसे में कोरोना संक्रमित मरीज भी हो सकता है। ऐसे में सरकार को इस मामलें में पुनः विचार करना चाहिये ताकि कोरोना जैसी महामारी को रोका जा सकें।

बिल्डर्स एसोसिएशन ने डॉक्टर रामनिवास गुप्ता को अध्यक्ष पद के लिए चुना

देश की राजधानी दिल्ली में पिछले दिनों हुए बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के चुनावों में प्रसिद्ध समाज सेवी राम निवास गुप्ता को इस चुनाव में नीर विरोध राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए चुना गया।

बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (BAI) के यह चुनाव 2021-2022 के लिए हुए हैं। बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (BAI) ऑल इंडिया बॉडी ऑफ इंजीनियरिंग कंस्ट्रक्शन कॉन्ट्रैक्टर्स और रियल एस्टेट कंपनियों के लिए एक शीर्ष संस्था हैं जिसकी स्थापाना वर्ष 1941 में की गई थी। वर्तमान में इस संस्था के अंतर्गत 20,000 से अधिक के व्यावसायिक संस्थाएं हैं जो देशभर में 200 से अधिक शाखाओं के साथ काम कर रही हैं।

वहीं बात करें यदि राम निवास गुप्ता की तो वे रामा सिविल इंडिया कंस्ट्रक्शन प्राईवेट लिमिटेड कम्पनी के प्रबंध निदेशक  है। कम्पनी का मुख्य उद्देश्य राष्ट्र निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करना है। इसके अलावा राम निवास गुप्ता स्वच्छ भारत अभियान से भी जुड़े हुए हैं।

सांसद डॉ सुशील गुप्ता जींद की किसान महापंचायत के लिये लोगों में भर रहें है उत्साह

नई दिल्ली, 31 मार्च,हरियाणा आम आदमी पार्टी के सह-प्रभारी व राज्यसभा सांसद डा सुशील गुप्ता जींद में होने वाली किसानों की महापंचायत को लेकर गांव-गांव जाकर लोगों में जोश भर रहें है। किसान महापंचायत का आयोजन रविवार 4 अप्रैल को जींद के हुडडा मैदान पर किया जा रहा है।
डा सुशील गुप्ता ने बताया कि ऐसा कोई भी गांव नहीं मिला, जहां लोगों का उत्साह कम मिला हो। उन्होंने बताया कि 4 अप्रैल की महापंचायत के मुख्यअतिथि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल होंगें। वह इस महापंचायत में किसानों की मांगो को लेकर उनके समर्थन में अपना पक्ष रखेंगे। इस मौके पर हरियाणा सहप्रभारी सांसद राज्यसभा डॉ सुशील गुप्ता, पंजाब सांसद भगवत मान भी रैली को संबोधित करेंगे।
डॉ गुप्ता ने बताया हरियाणा में वर्तमान भाजपा सरकार और उसकी सहयोगी जेजेपी से प्रदेश के लोग त्रस्त हो चुके है। ऐसे में यह स्पश्ट हो गया है कि आज प्रदेश की जनता की आस अगर किसी से है तो वह आम आदमी पार्टी है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा की असंवदेशनशील सरकार ने तीन महीने से अधिक समय से दिल्ली की सीमााओं पर बैठे किसानों की कोई सुनवाई नहीं की। वह लगातार उन पर एक के बाद एक पुलिस केस दर्ज करवा रही है। इस संघर्श में आम आदमी पार्टी लगातार किसानों के साथ खडी है।
उन्होंने कहा कि जबतक केन्द्र सरकार तीनों कृशि बिल और किसानों पर पुलिस केसो को वापस नहीं लेगी  पार्टी किसानों के साथ खडी है और हमेशा रहेगी।
डा सुशील गुप्ता ने कहा कि 4 अप्रैल को होने वाली रैली को सफल बनाने के लिए हरियाणा के लोगों का उत्साह देखते ही बनता है। उनके साथ युवा नेता साहिल लठवाल, अंकित क़दियन भी लगातार जनसम्पर्क में लगे हुए है। उन्होंने बताया कि जींद, सिरसा, पानीपत, फतेहाबाद, बहादुरगंढ, हांसी, बडौदा, भोसला, धनखेडी,शाहपुर, शामडो, थूना, सैडिल, मंडी, अलीपुरा,गेंदा खेरा, खर्कबुरा, तरखा ग्राम,सुदकेन कलां आदि ग्रामो में लोग किसान रैली में बढ चढकर हिस्सा लेने का भरोसा दे रहें है। इनमें पुरूष, महिलाओं के अलावा युवाओं में तो जोश अलग ही है।
उन्होंने बताया कि वह जिस भी गांव व ग्राम में जाते है तो उनके स्वागत के लिए खुद ही आगे आ रहें है, वह लगातार उनको भरोसा दे रहें है कि केजरीवाल की किसान महापंचायत के लिए वह कोई कसर नहीं छोडेंगे।
मालूम हो कि किसान महापंचायत को सफल बनाने के लिए सांसद डाक्टर सुशील गुप्ता पिछले एक सप्ताह से हरियाणा के विभिन्न जिलों का सघन दौरा कर है। जहां वह प्रत्येक दिन में 10 से 15 स्थानीय मीटिंग कर रहे है।
रैली का आयोजन रविवार 4 अप्रैल को हरियाणा के जींद जिले के हुडडा मैदान पर होगा, जहां केन्द्र सरकार द्वारा किसानों के खिलाफ लाए गए तीनों काले कृषि कानून के खिलाफ पार्टी के राष्टीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, सांसद डा सुशील गुप्ता,भगवत मान तथा अन्य लोग भी संबोधित करेंगे।

कोरोना संक्रमित छात्रों के लिए सीबीएसई बोर्ड ने दी राहत

सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं 4 मई से शुरू होने जा रही हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच जहां एक ओर विशेषज्ञों ने बोर्ड परीक्षाओं को लेकर चिंता जाहिर की है। वहीं, सीबीएसई ने छात्रों को बड़ी छूट देने का एलान किया है। सीबीएसई की ओर से छात्रों के कोरोना संक्रमित होने अथवा उनके परिवार के किसी सदस्य के कोरोना संक्रमित होने पर बोर्ड की प्रायोगिक परीक्षाओं में राहत देने का निर्णय किया है।
दुनिया के कई देशों में बढ़ते  संक्रमण के मामलों के साथ देश के किछ राज्यों में कोरोना ने फिर कहर बरपाना शुरू कर दिया है। सबसे बुरे हालात महाराष्ट्र के हैं। इस बीच, युवाओं के भविष्य और परिजनों की चिंता को देखते हुए सीबीएसई बोर्ड ने छात्रों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए प्रायोगिक परीक्षाओं में राहत दी है।
सीबीएसई की ओर से छात्रों के कोरोना संक्रमित होने अथवा उनके परिवार के किसी सदस्य के कोरोना संक्रमित होने पर बोर्ड की प्रायोगिक परीक्षाओं में अनुपस्थित रहने के कारण उन्हें फेल नहीं किया जाएगा।
प्रैक्टिकल परीक्षा की अंक सूची में उनके नाम और रोल नंबर के आगे  कैपिटल सी अंकित किया जाएगा, ताकि उनके अंक बाद में अपडेट किए जा सकें। संबंधित स्कूल प्रशासन के द्वारा सीबीएसई के क्षेत्रीय केंद्रों से परामर्श के साथ उनकी प्रायोगिक परीक्षाएं बाद में ली जा सकेंगी, लेकिन दोबारा प्रायोगिक परीक्षा 11 जून, 2021 के पहले करानी होगी। इसके अलावा सीबीएसई ने सर्कुलर जारी कर कहा है कि परीक्षार्थी अपना प्रायोगिक परीक्षा केंद्र भी अपनी सुविधानुसार बदल सकते हैं।

सुपरस्टार रजनीकांत को मिला, 51वां दादा साहब फाल्के पुरस्कार

 

भारतीय सिनेमा में भारत के सर्वोच्च सम्मान दादा साहेब फाल्के पुरस्कार सुपरस्टार रजनीकांत को दिये जाने की घोषणा की गई है।इस सम्मान के अंतर्गत स्वर्ण कमल पदक, एक शॉल व 10 लाख रुपये नकद की राशि पुरस्कार के रूप में प्रदान की जाती है।

चार दशक के करियर में वैसे तो रजनीकांत को कई अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है लेकिन इस साल उन्हें प्रतिष्ठित 51वें दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने 1 अप्रैल को की है। यह पुरस्कार रजनीकांत को 3 मई 2021 को प्रदान किया जाएगा।

केंद्रीय सूचना एंव प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गुरूवार को ट्वीट कर कहा, मुझे इस बात की बेहद खुशी हो रही है, कि भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे महान अभिनेताओं में से एक रजनीकांत को 2019 का दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया है। अभिनेता, निर्माता और पटकथा लेखक के रूप में उनका योगदान प्रतिष्ठित रहा है। पांच सदस्यों की ज्यूरी ने एकमत से इसकी सिफारिश की है।

सुपरस्टार को पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा के बाद से ही वह सोशल मीडिया पर खूब ट्रैंड हो रहा है। और  बधाईयों का ताता लग गया है, लगातार उनके फैंस उन्हें सोशल मीडिया पर बधाई दे रहे है।

दादा साहेब फाल्के पुरस्कार 1969 में स्थापित भारतीय सिनेमा में सर्वोच्च सम्मान है। यह राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह सूचना और प्रसारण मंत्रालय के एक संगठन, फिल्म समारोह निदेशालय द्वारा प्रतिवर्ष प्रस्तुत किया जाता है।  

रोजगार के नाम पर रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर संक्रिमत पानी और खाने की सप्लाई ज़ोरों पर

राजधानी दिल्ली के रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों में कोरोना काल में भी संक्रमित खाने –पीने के सामानों की बिक्री जोरों पर चल रही है। जानकारों ने तहलका संवाददाता को बताया कि मौजूदा वक्त में देश में संक्रमित बीमारी कोरोना का कहर फिर से ऊफान पर है। जागरूक लोग डर रहे है।

वहीं शासन-प्रशासन की अनदेखी के कारण बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों पर खाने –पीने के सामानों की बिक्री धड़ल्लें से चल रही है। बतातें चलें थैलियों में पानी , जो या तो हैण्ड पम्म का होता है या जेट का होता है। वो भी पाँलीथीनों में धांगों से बांधकर सस्ते दामों में बेचा जा रहा है।इसी प्रकार खाना का सामान जो घरों से बनकर आता है। और रेलवे स्टेशनों के अंदर और बाहर बेंचा जा रहा है। इसी तरह बस अड्डों और बसों के अंदर यहीं सामान बेंचा जा रहा है।

जानकार धीरेन्द्र सिंह सहोता ने बताया कि जब से कोरोना आया है। तब से लोग बेरोजगारी के नाम पर रोजगार के पाने के लिये कोई भी धंधा कर रहे है। ऐसे में दूर दराज इलाकों से आये लोग मजबूरी में और सस्ते के चक्कर में खाने –पीने का सामान खरीद रहे है। जो अपने आप में संक्रमित बीमारी को बढ़ावा दे रहे है।क्योंकि इसमें ना तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है और ना सेनेटाईज का प्रयोग हो रहा है।

जो बीमारी का बड़ा कारण बन सकता है। बस आनंद बिहार बस अड्डे पर काम करने वाले प्रकाश धौलिया ने बताया कि कोरोना काल में यहां पर एक प्रकार का माफिया राज सा देखा जा रहा है।जो अपने तरीके से धंधे कर रहा है। इनका नेटवर्क दिल्ली के अन्य बस अड्डों और सार्वजनिक स्थानों में देखा जा रहा है। जो कोरोना जैसी बीमारी के बढ़ने का एक प्रमुख कारण हो सकता है।

व्यापारियों ने सरकार से साप्ताहिक बाज़ारों के लिये उचित स्थान मुहैया कराने की माँग की

अजीब बिडम्वना कहें, या राजनीति की नीति का हिस्सा कि एक ओर तो केन्द्र और दिल्ली सरकार बढ़ते कोरोना की रोकथाम को लेकर तमाम तरह से सख्ती की बात कर रही है।यानि कि कोरोना भी रूके और बाजार भी चलें।ऐसे में कोरोना को काबू पाने में मुश्किल होगा।वहीं दिल्ली में साप्ताहिक बाजारों में गाइड लाइन की धज्जियां उड़ाई जा रही है।

तहलका संवाददाता ने साप्ताहिक बाजारों में जाकर देखा, बाजारों में भयंकर भीड़ है जिसमें 50 से 60 प्रतिशत लोग बिना मास्क के बाजारों में जमकर खरीददारी कर रहे है। ऐसा नहीं है कि बाजारों में पुलिस तैनात नहीं रहती है लेकिन सब दिखावे के तौर पर । पुलिस बिना मास्क पहने एक- आध ही लोगों के चालान काट कर अपनी जिम्मेदारी निभा रही है।

बताते चलें दिल्ली में जहां जहां पर साप्ताहिक बाजार लगते है। उसमें जो अधिकत्तर छोटे व्यापारी दिल्ली और उत्तर प्रदेश से आकर अपना सामान बेचनें को आते है।दिल्ली के व्यापारी सुरेश गुप्ता ने बताया कि वे 14 साल से दिल्ली के कई इलाकों में साप्ताहिक बाजार लगाते रहे है। कोरोना जब 2020 में आया था । तब लाँकडाउन लगा था। सारा धंधा उनका चौपट हो गया था।

जून जुलाई से साप्ताहिक बाजार के लगने से थोड़ा धंधा चलने की उम्मीद जागी थी। उनका कहना है कि साप्ताहिक बाजारों में मध्यम और गरीब वर्ग का तबका सस्ता सामान खरीदने का आता है। इस लिहाज से सैकड़ों व्यापारियों की रोजी रोटी चलती है।साप्ताहिक बाजार में काम करने वाले नीरज सिंघल ने बताया कि बाजारों में भीड़ है, तो इसका मतलब ये ना समझें कि ये व्यापारी जमकर कमा रहे है।

सरकार से साप्ताहिक व्यापारियों ने अपील की है कि कोरोना के बढ़ते कहर को देखते हुये लाँकडाउन ना लगाये। बल्कि बाजारों के लिये या तो पार्क में या डीडीए के मैदान में जगह एलाँट कर देंअन्यथा साप्ताहिक बाजार का व्यापारी को रोजी-रोटी चलाना मुश्किल हो जायेगा। क्योंकि छोटा व्यापारी वैसे ही कोरोना काल में काफी टूट चुका है।

 

ममता की मतदान से पहले सोनिया गांधी, विपक्षी नेताओं को चिट्ठी; केंद्र के खिलाफ एकजुट होने की अपील  

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोनिया गांधी से लेकर एनसीपी नेता शरद पवार सहित कई विपक्षी नेताओं को बुधवार को एक चिट्ठी लिखी है। इसमें उन्होंने भाजपा पर संविधान पर हमला करने का आरोप लगाते हुए इसके खिलाफ एकजुट होने की अपील की है। ममता की यह चिट्ठी बंगाल में दूसरे चरण की वोटिंग से एक दिन पहले सामने आई है।
जानकारी के मुताबिक ममता बनर्जी ने सभी बड़े विपक्षी नेताओं को अपनी चिट्ठी में लिखा है कि भाजपा देश की तमान संस्थाओं को तबाह कर रही है और उसने संविधान पर हमला किया है।ममता बनर्जी ने यह चिट्ठी उन सभी नेताओं को लिखी है,  भाजपा विपक्ष का हिस्सा हैं। ममता ने यह चिट्ठी बंगाल में दूसरे चरण के मतदान से ऐन पहले लिखी गयी है।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के अलावा ममता ने अपनी चिट्ठी एनसीपी नेता शरद पवार, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे, यूपी के नेता अखिलेश यादव, बिहार के नेता तेजस्वी यादव के अलावा तमिलनाड के डीएमके नेता स्टालिन, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, सीएम जगनमोहन रेड्डी, और सीएम हेमंत सोरेन को भी भेजी है।
‘तहलका’ की जानकरी के मुताबिक इस चिट्ठी में ममता ने केंद्र सरकार और भाजपा पर संविधान की धज्जियाँ उड़ाने जैसा गंभीर आरोप लगाया है। सीएम ममता ने आरोप लगाया कि राज्यपाल भाजपा के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं। ऐसे में लोकतंत्र बचाने के लिए विपक्ष को एकजुट होना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने मोदी सरकार पर राज्य का फंड रोकने का भी आरोप लगाया है। ममता ने यह भी आरोप लगाया है कि देश के प्रधानमंत्री का व्यवहार निरंकुश है।

इमरान खान की अध्यक्षता में पाक केबिनेट ने भारत से कपास खरीदने को मंजूरी दी, दोस्ती की बड़ी पहल  

भारत-पाकिस्तान के रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलने के संकेतों के बीच बुधवार को पीएम इमरान खान की अध्यक्षता में पाकिस्तान केबिनेट ने एक बड़ा फैसला करते हुए भारत से कपास खरीद को मंजूरी दे दी है। इससे पहले फरवरी में दोनों देशों के बीच सीमा पर युद्धविराम रखने और इसके बाद पाकिस्तान के पीएम इमरान खान और सेना प्रमुख जनरल बाजवा ने भारत से रिश्ते सुधारने को लेकर बड़े ब्यान दिए थे। यही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके बाद पाकिस्तान ने नेशनल डे पर इमरान खान को एक बधाई सन्देश भेजकर रिश्तों को बहाल करने की पहल को आगे बढ़ाया था।
जानकारी के मुताबिक आज पाकिस्तान की आर्थिक मामलों से जुड़ी केबिनेट की बैठक पीएम इमरान खान की अध्यक्षता में हुई जिसमें भारत से कपास खरीदने का प्रस्ताव किया गया और उसे मंजूरी भी दे दी गयी। भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापारिक रिश्ते बहाल होने की दिशा में इसे बड़ा कदम माना जा सकता है।
इमरान खान सरकार भारत के साथ व्यापार शुरू करने को लेकर हाल के कुछ दिनों में काफी सक्रिय हुई है। ‘तहलका’ की जानकारी के मुताबिक दोनों देशों के बीच रिश्ते बहाल करने की पहल में यूएई का बड़ा रोल रहा है। अब पाकिस्तान भारत से 30 जून, 2021 तक कपास आयात करेगा। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए आज पाकिस्तान की केबिनेट में इकॉनोमिक कॉर्डिनेशन कमेटी की एक रिपोर्ट पेश की गयी। इसपर चर्चा के बाद भारत के साथ कपास के व्यापार को मंजूरी दे दी गयी।
बैठक में भारत के साथ कपास के अलावा शूगर ट्रेड शुरू करने की भी बात हुई और भारत से इसके लिए अपील की गयी है। अब भारत की तरफ से इसे लेकर क्या फैसला आता है, यह देखना होगा। पाकिस्तान और भारत के बीच कई महीनों से व्यापार रिश्ते बंद पड़े हैं। पुलवामा और बालाकोट के बीच दोनों देशों में चरम पर पहुंचे तनाव के दौरान भारत ने पाकिस्तान से ट्रेड रिश्ते तोड़ लिए थे और साथ ही पड़ौसी देश के साथ ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ का टैग भी वापस ले लिया था।
मंगलवार को पाकिस्तान के कपड़ा उद्योग मंत्रालय ने इमरान खान की अध्यक्षता में हुई भारत से कपास और सूती धागे के आयात पर प्रतिबंध हटाने के लिए  केबिनेट  की आर्थिक समन्वय समिति (ईसीसी) से अनुमति मांगी थी। पाकिस्तान ने कपड़ा क्षेत्र में कच्चे माल की कमी को पूरा करने के लिए भारत सरकार कपास के आयात पर प्रतिबंध हटाने की सिफारिश की थी और इसका कारण यह है कि देश (पाकिस्तान) में कपास की पैदावार निचले स्तर पर पहुँच गयी है।
कपास और यार्न की कमी को पूरा करने के लिए पाकिस्तान को उज्बेकिस्तान,  अमेरिका और ब्राजील पर निर्भर रहना पड़ता है। हालांकि, भारत से माल पाकिस्तान पहुँचने में इन देशों के मुकाबले बहुत कम वक्त लगता है जिससे यह उसे सस्ता पड़ता है।
याद रहे अनाव से पहले भारत वाघा के रास्ते पाकिस्तान को कपास भेजता था। हालांकि, 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद पाकिस्तान ने भारत से कपास और चीनी सहित इंपोर्ट बंद करने का ऐलान कर दिया था। इससे पहले पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से आने वाली सभी वस्तुओं पर 200 प्रतिशत ड्यूटी लगा दी थी जिससे दोनों पड़ौसियों के बीच व्यापार बंद हो गया था।