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कोरोना संक्रमित छात्रों के लिए सीबीएसई बोर्ड ने दी राहत

सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं 4 मई से शुरू होने जा रही हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच जहां एक ओर विशेषज्ञों ने बोर्ड परीक्षाओं को लेकर चिंता जाहिर की है। वहीं, सीबीएसई ने छात्रों को बड़ी छूट देने का एलान किया है। सीबीएसई की ओर से छात्रों के कोरोना संक्रमित होने अथवा उनके परिवार के किसी सदस्य के कोरोना संक्रमित होने पर बोर्ड की प्रायोगिक परीक्षाओं में राहत देने का निर्णय किया है।
दुनिया के कई देशों में बढ़ते  संक्रमण के मामलों के साथ देश के किछ राज्यों में कोरोना ने फिर कहर बरपाना शुरू कर दिया है। सबसे बुरे हालात महाराष्ट्र के हैं। इस बीच, युवाओं के भविष्य और परिजनों की चिंता को देखते हुए सीबीएसई बोर्ड ने छात्रों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए प्रायोगिक परीक्षाओं में राहत दी है।
सीबीएसई की ओर से छात्रों के कोरोना संक्रमित होने अथवा उनके परिवार के किसी सदस्य के कोरोना संक्रमित होने पर बोर्ड की प्रायोगिक परीक्षाओं में अनुपस्थित रहने के कारण उन्हें फेल नहीं किया जाएगा।
प्रैक्टिकल परीक्षा की अंक सूची में उनके नाम और रोल नंबर के आगे  कैपिटल सी अंकित किया जाएगा, ताकि उनके अंक बाद में अपडेट किए जा सकें। संबंधित स्कूल प्रशासन के द्वारा सीबीएसई के क्षेत्रीय केंद्रों से परामर्श के साथ उनकी प्रायोगिक परीक्षाएं बाद में ली जा सकेंगी, लेकिन दोबारा प्रायोगिक परीक्षा 11 जून, 2021 के पहले करानी होगी। इसके अलावा सीबीएसई ने सर्कुलर जारी कर कहा है कि परीक्षार्थी अपना प्रायोगिक परीक्षा केंद्र भी अपनी सुविधानुसार बदल सकते हैं।

सुपरस्टार रजनीकांत को मिला, 51वां दादा साहब फाल्के पुरस्कार

 

भारतीय सिनेमा में भारत के सर्वोच्च सम्मान दादा साहेब फाल्के पुरस्कार सुपरस्टार रजनीकांत को दिये जाने की घोषणा की गई है।इस सम्मान के अंतर्गत स्वर्ण कमल पदक, एक शॉल व 10 लाख रुपये नकद की राशि पुरस्कार के रूप में प्रदान की जाती है।

चार दशक के करियर में वैसे तो रजनीकांत को कई अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है लेकिन इस साल उन्हें प्रतिष्ठित 51वें दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने 1 अप्रैल को की है। यह पुरस्कार रजनीकांत को 3 मई 2021 को प्रदान किया जाएगा।

केंद्रीय सूचना एंव प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गुरूवार को ट्वीट कर कहा, मुझे इस बात की बेहद खुशी हो रही है, कि भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे महान अभिनेताओं में से एक रजनीकांत को 2019 का दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया है। अभिनेता, निर्माता और पटकथा लेखक के रूप में उनका योगदान प्रतिष्ठित रहा है। पांच सदस्यों की ज्यूरी ने एकमत से इसकी सिफारिश की है।

सुपरस्टार को पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा के बाद से ही वह सोशल मीडिया पर खूब ट्रैंड हो रहा है। और  बधाईयों का ताता लग गया है, लगातार उनके फैंस उन्हें सोशल मीडिया पर बधाई दे रहे है।

दादा साहेब फाल्के पुरस्कार 1969 में स्थापित भारतीय सिनेमा में सर्वोच्च सम्मान है। यह राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह सूचना और प्रसारण मंत्रालय के एक संगठन, फिल्म समारोह निदेशालय द्वारा प्रतिवर्ष प्रस्तुत किया जाता है।  

रोजगार के नाम पर रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर संक्रिमत पानी और खाने की सप्लाई ज़ोरों पर

राजधानी दिल्ली के रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों में कोरोना काल में भी संक्रमित खाने –पीने के सामानों की बिक्री जोरों पर चल रही है। जानकारों ने तहलका संवाददाता को बताया कि मौजूदा वक्त में देश में संक्रमित बीमारी कोरोना का कहर फिर से ऊफान पर है। जागरूक लोग डर रहे है।

वहीं शासन-प्रशासन की अनदेखी के कारण बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों पर खाने –पीने के सामानों की बिक्री धड़ल्लें से चल रही है। बतातें चलें थैलियों में पानी , जो या तो हैण्ड पम्म का होता है या जेट का होता है। वो भी पाँलीथीनों में धांगों से बांधकर सस्ते दामों में बेचा जा रहा है।इसी प्रकार खाना का सामान जो घरों से बनकर आता है। और रेलवे स्टेशनों के अंदर और बाहर बेंचा जा रहा है। इसी तरह बस अड्डों और बसों के अंदर यहीं सामान बेंचा जा रहा है।

जानकार धीरेन्द्र सिंह सहोता ने बताया कि जब से कोरोना आया है। तब से लोग बेरोजगारी के नाम पर रोजगार के पाने के लिये कोई भी धंधा कर रहे है। ऐसे में दूर दराज इलाकों से आये लोग मजबूरी में और सस्ते के चक्कर में खाने –पीने का सामान खरीद रहे है। जो अपने आप में संक्रमित बीमारी को बढ़ावा दे रहे है।क्योंकि इसमें ना तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है और ना सेनेटाईज का प्रयोग हो रहा है।

जो बीमारी का बड़ा कारण बन सकता है। बस आनंद बिहार बस अड्डे पर काम करने वाले प्रकाश धौलिया ने बताया कि कोरोना काल में यहां पर एक प्रकार का माफिया राज सा देखा जा रहा है।जो अपने तरीके से धंधे कर रहा है। इनका नेटवर्क दिल्ली के अन्य बस अड्डों और सार्वजनिक स्थानों में देखा जा रहा है। जो कोरोना जैसी बीमारी के बढ़ने का एक प्रमुख कारण हो सकता है।

व्यापारियों ने सरकार से साप्ताहिक बाज़ारों के लिये उचित स्थान मुहैया कराने की माँग की

अजीब बिडम्वना कहें, या राजनीति की नीति का हिस्सा कि एक ओर तो केन्द्र और दिल्ली सरकार बढ़ते कोरोना की रोकथाम को लेकर तमाम तरह से सख्ती की बात कर रही है।यानि कि कोरोना भी रूके और बाजार भी चलें।ऐसे में कोरोना को काबू पाने में मुश्किल होगा।वहीं दिल्ली में साप्ताहिक बाजारों में गाइड लाइन की धज्जियां उड़ाई जा रही है।

तहलका संवाददाता ने साप्ताहिक बाजारों में जाकर देखा, बाजारों में भयंकर भीड़ है जिसमें 50 से 60 प्रतिशत लोग बिना मास्क के बाजारों में जमकर खरीददारी कर रहे है। ऐसा नहीं है कि बाजारों में पुलिस तैनात नहीं रहती है लेकिन सब दिखावे के तौर पर । पुलिस बिना मास्क पहने एक- आध ही लोगों के चालान काट कर अपनी जिम्मेदारी निभा रही है।

बताते चलें दिल्ली में जहां जहां पर साप्ताहिक बाजार लगते है। उसमें जो अधिकत्तर छोटे व्यापारी दिल्ली और उत्तर प्रदेश से आकर अपना सामान बेचनें को आते है।दिल्ली के व्यापारी सुरेश गुप्ता ने बताया कि वे 14 साल से दिल्ली के कई इलाकों में साप्ताहिक बाजार लगाते रहे है। कोरोना जब 2020 में आया था । तब लाँकडाउन लगा था। सारा धंधा उनका चौपट हो गया था।

जून जुलाई से साप्ताहिक बाजार के लगने से थोड़ा धंधा चलने की उम्मीद जागी थी। उनका कहना है कि साप्ताहिक बाजारों में मध्यम और गरीब वर्ग का तबका सस्ता सामान खरीदने का आता है। इस लिहाज से सैकड़ों व्यापारियों की रोजी रोटी चलती है।साप्ताहिक बाजार में काम करने वाले नीरज सिंघल ने बताया कि बाजारों में भीड़ है, तो इसका मतलब ये ना समझें कि ये व्यापारी जमकर कमा रहे है।

सरकार से साप्ताहिक व्यापारियों ने अपील की है कि कोरोना के बढ़ते कहर को देखते हुये लाँकडाउन ना लगाये। बल्कि बाजारों के लिये या तो पार्क में या डीडीए के मैदान में जगह एलाँट कर देंअन्यथा साप्ताहिक बाजार का व्यापारी को रोजी-रोटी चलाना मुश्किल हो जायेगा। क्योंकि छोटा व्यापारी वैसे ही कोरोना काल में काफी टूट चुका है।

 

ममता की मतदान से पहले सोनिया गांधी, विपक्षी नेताओं को चिट्ठी; केंद्र के खिलाफ एकजुट होने की अपील  

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोनिया गांधी से लेकर एनसीपी नेता शरद पवार सहित कई विपक्षी नेताओं को बुधवार को एक चिट्ठी लिखी है। इसमें उन्होंने भाजपा पर संविधान पर हमला करने का आरोप लगाते हुए इसके खिलाफ एकजुट होने की अपील की है। ममता की यह चिट्ठी बंगाल में दूसरे चरण की वोटिंग से एक दिन पहले सामने आई है।
जानकारी के मुताबिक ममता बनर्जी ने सभी बड़े विपक्षी नेताओं को अपनी चिट्ठी में लिखा है कि भाजपा देश की तमान संस्थाओं को तबाह कर रही है और उसने संविधान पर हमला किया है।ममता बनर्जी ने यह चिट्ठी उन सभी नेताओं को लिखी है,  भाजपा विपक्ष का हिस्सा हैं। ममता ने यह चिट्ठी बंगाल में दूसरे चरण के मतदान से ऐन पहले लिखी गयी है।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के अलावा ममता ने अपनी चिट्ठी एनसीपी नेता शरद पवार, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे, यूपी के नेता अखिलेश यादव, बिहार के नेता तेजस्वी यादव के अलावा तमिलनाड के डीएमके नेता स्टालिन, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, सीएम जगनमोहन रेड्डी, और सीएम हेमंत सोरेन को भी भेजी है।
‘तहलका’ की जानकरी के मुताबिक इस चिट्ठी में ममता ने केंद्र सरकार और भाजपा पर संविधान की धज्जियाँ उड़ाने जैसा गंभीर आरोप लगाया है। सीएम ममता ने आरोप लगाया कि राज्यपाल भाजपा के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं। ऐसे में लोकतंत्र बचाने के लिए विपक्ष को एकजुट होना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने मोदी सरकार पर राज्य का फंड रोकने का भी आरोप लगाया है। ममता ने यह भी आरोप लगाया है कि देश के प्रधानमंत्री का व्यवहार निरंकुश है।

इमरान खान की अध्यक्षता में पाक केबिनेट ने भारत से कपास खरीदने को मंजूरी दी, दोस्ती की बड़ी पहल  

भारत-पाकिस्तान के रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलने के संकेतों के बीच बुधवार को पीएम इमरान खान की अध्यक्षता में पाकिस्तान केबिनेट ने एक बड़ा फैसला करते हुए भारत से कपास खरीद को मंजूरी दे दी है। इससे पहले फरवरी में दोनों देशों के बीच सीमा पर युद्धविराम रखने और इसके बाद पाकिस्तान के पीएम इमरान खान और सेना प्रमुख जनरल बाजवा ने भारत से रिश्ते सुधारने को लेकर बड़े ब्यान दिए थे। यही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके बाद पाकिस्तान ने नेशनल डे पर इमरान खान को एक बधाई सन्देश भेजकर रिश्तों को बहाल करने की पहल को आगे बढ़ाया था।
जानकारी के मुताबिक आज पाकिस्तान की आर्थिक मामलों से जुड़ी केबिनेट की बैठक पीएम इमरान खान की अध्यक्षता में हुई जिसमें भारत से कपास खरीदने का प्रस्ताव किया गया और उसे मंजूरी भी दे दी गयी। भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापारिक रिश्ते बहाल होने की दिशा में इसे बड़ा कदम माना जा सकता है।
इमरान खान सरकार भारत के साथ व्यापार शुरू करने को लेकर हाल के कुछ दिनों में काफी सक्रिय हुई है। ‘तहलका’ की जानकारी के मुताबिक दोनों देशों के बीच रिश्ते बहाल करने की पहल में यूएई का बड़ा रोल रहा है। अब पाकिस्तान भारत से 30 जून, 2021 तक कपास आयात करेगा। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए आज पाकिस्तान की केबिनेट में इकॉनोमिक कॉर्डिनेशन कमेटी की एक रिपोर्ट पेश की गयी। इसपर चर्चा के बाद भारत के साथ कपास के व्यापार को मंजूरी दे दी गयी।
बैठक में भारत के साथ कपास के अलावा शूगर ट्रेड शुरू करने की भी बात हुई और भारत से इसके लिए अपील की गयी है। अब भारत की तरफ से इसे लेकर क्या फैसला आता है, यह देखना होगा। पाकिस्तान और भारत के बीच कई महीनों से व्यापार रिश्ते बंद पड़े हैं। पुलवामा और बालाकोट के बीच दोनों देशों में चरम पर पहुंचे तनाव के दौरान भारत ने पाकिस्तान से ट्रेड रिश्ते तोड़ लिए थे और साथ ही पड़ौसी देश के साथ ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ का टैग भी वापस ले लिया था।
मंगलवार को पाकिस्तान के कपड़ा उद्योग मंत्रालय ने इमरान खान की अध्यक्षता में हुई भारत से कपास और सूती धागे के आयात पर प्रतिबंध हटाने के लिए  केबिनेट  की आर्थिक समन्वय समिति (ईसीसी) से अनुमति मांगी थी। पाकिस्तान ने कपड़ा क्षेत्र में कच्चे माल की कमी को पूरा करने के लिए भारत सरकार कपास के आयात पर प्रतिबंध हटाने की सिफारिश की थी और इसका कारण यह है कि देश (पाकिस्तान) में कपास की पैदावार निचले स्तर पर पहुँच गयी है।
कपास और यार्न की कमी को पूरा करने के लिए पाकिस्तान को उज्बेकिस्तान,  अमेरिका और ब्राजील पर निर्भर रहना पड़ता है। हालांकि, भारत से माल पाकिस्तान पहुँचने में इन देशों के मुकाबले बहुत कम वक्त लगता है जिससे यह उसे सस्ता पड़ता है।
याद रहे अनाव से पहले भारत वाघा के रास्ते पाकिस्तान को कपास भेजता था। हालांकि, 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद पाकिस्तान ने भारत से कपास और चीनी सहित इंपोर्ट बंद करने का ऐलान कर दिया था। इससे पहले पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से आने वाली सभी वस्तुओं पर 200 प्रतिशत ड्यूटी लगा दी थी जिससे दोनों पड़ौसियों के बीच व्यापार बंद हो गया था।

एनसीपी प्रमुख शरद पवार पेट दर्द के बाद अस्पताल में भर्ती, हो सकती है पित्ताशय की सर्जरी

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार (80) की तबीयत गड़बड़ होने के बाद उन्हें मंगलवार शाम मुम्बई के अस्पताल में भर्ती किया गया है। जानकारी के मुताबिक उनके पेट में दर्द है और वे असहज महसूस कर रहे हैं। पहले उन्हें बुधवार को अस्पताल में भर्ती किया जाना था लेकिन वे एक दिन पहले ही अस्पताल में भर्ती हो गए हैं।
जानकारी के मुताबिक पेट में दर्द की शिकायत के बाद पवार को शाम मुम्बई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया। एनसीपी के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक ने बताया है कि शरद पवार को पित्ताशय की एंडोस्कोपी और सर्जरी के लिए बुधवार को अस्पताल में भर्ती कराया जाना था, लेकिन उन्हें लगातार पेट में दर्द की शिकायत हो रही थी, जिसके बाद आज ही ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
बता दें सोमवार को भी पवार को पित्ताशय में समस्या हुई, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया था जबकि 31 मार्च को उनकी सर्जरी तय की गयी थी। नवाब मलिक ने एक ट्वीट में कहा – ‘हमारी पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार साहब को कल शाम को पेट में दर्द की शिकायत हुई जिसके बाद उन्हें ब्रीच कैंडी अस्पताल ले जाया गया। जांच के बाद उनके पित्ताशय में समस्या का पता चला।’
नवाब मलिक ने कहा – ‘पवार ब्लड थिनर (रक्त पतला करने की दवा ) ले रहे थे, जिसे रोक दिया गया है। उनकी 31 मार्च को एंडोस्कोपी और सर्जरी की जाएगी। इसलिए उनके सभी कार्यक्रम अगली सूचना तक स्थगित कर दिए गए हैं।
तीन दिन पहले गुजरात में उनकी गृह मंत्री अमित शाह की कथित मुलाकात की खबर काफी तेजी से वायरल हुई थी। हालांकि, इस मिलकात को लेकर अभी सही जानकारी सामने नहीं आई है। मालिक ने तो इस भेंट से साफ़ इंकार किया है और इसे अफवाह बताया है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की दिल्ली के एम्स में बाइपास सर्जरी सफल

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की एम्स, दिल्ली में मंगलवार को हुई बाइपास सर्जरी सफल रही है। राष्ट्रपति कुछ दिन से अस्पताल में भर्ती हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज एक ट्वीट करके इसकी जानकारी दी है।
राष्ट्रपति भवन की ओर से दो दिन पहले एक बयान में कहा गया था कि राष्ट्रपति की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें ‘एम्स’ ले जाया गया है। राष्ट्रपति की जांच के बाद डाक्टरों ने उन्हें बाइपास सर्जरी कराने की सलाह दी थी। अब आज उनका सफल ऑपरेशन किया गया है।
याद रहे शुक्रवार सुबह सीने में तकलीफ और बेचैनी के बाद राष्ट्रपति को सेना के रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल ले जाया गया था। वहां उनके शुरुआती जाँच के बाद उन्हें और जांच के लिए ‘एम्स’ रेफर किया गया था। उधर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को राष्ट्रपति के स्वास्थ्य की जानकारी लेने रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल गए थे।
आज एक ट्वीट करके राजनाथ सिंह ने राष्ट्रपति कोविंद के जल्द स्वास्थ्यय लाभ की कामना की है। सिंह ने सफल ऑपरेशन के लिए एम्स के डॉक्टरों की टीम को बधाई दी। उन्होंने एम्स डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया को निर्देश दिया कि वे राष्ट्रपति के स्वास्थ्य की लगातार मॉनिटरिंग करते रहें।

उत्तर प्रदेश ग्राम पंचायत चुनाव की हलचल दिल्ली तक

उत्तर प्रदेश ग्राम पंचायत चुनाव को लेकर दिल्ली में राजनीतिक माहौल गर्म है। उत्तर प्रदेश के ग्राम पंचायत चुनाव में भाजपा, सपा , बसपा के बीच भले ही मुकाबला नजर आ रहा हो। पर भाजपा इस बार ग्राम पंचायत चुनाव में हर हाल में जीत हासिल करने के लिये जी तोड़ मेहनत कर रही है।

बताते चलें, पिछली साल 2020 में कोरोना के कारण ग्राम पंचायत के चुनाव ना हो सकें थे। इस लिये सत्ता से जुड़े ग्रामीण नेता हर हाल में चुनाव जीतने के लिये उत्तर प्रदेश से लेकर दिल्ली तक राष्ट्रीय नेताओं से संपर्क में है। उत्तर प्रदेश के बांदा जिला के विनीत रावत ने बताया कि अगर भाजपा ने टिकट देकर अपने प्रत्याशी चुनाव में उतारे तो निश्चित तौर पर भाजपा की ऐसिहासिक जीत होगी। विनीत का कहना है कि भाजपा टिकट के दावेंदार लखनऊ और दिल्ली में नेताओं से संपर्क  में है। साथ ही जो मजदूर उत्तर प्रदेश का दिल्ली में दिहाड़ी मजदूरी का काम करता है। उससे वे लगाताकर संपर्क कर रहे है। ताकि मतदान के दौरान गांव ले जाकर अपने पक्ष में वोट करवा सकें।

महोबा जिले  कबरई से आये सपा नेता ने तहलका को बताया कि देश और प्रदेश की राजनीति में गांव वालों की अहम् भूमिका होती है। इस बार का चुनाव कोरोना काल के दौरान हो रहा है। देश में महगांई चरम पर किसानों को पैट्रोल, डीजल मंहगा खरीदना पड़ रहा है । गांव वाले और किसान देश और प्रदेश की सरकार से नाराज है। इस लिहाज से सपा को इस बार ऐतिहासिक जीत मिलेगी।

जबकि ललितपुर  बसपा के नेता चौधरी जीत कुमार ने बताया कि बसपा का जनाधार ही गांव का रहा है। सपा और भाजपा को जनता जान चुकी है। इसलिये ग्रामीण स्तर के जमीनी लोग बसपा पर विश्वास कर रहे है। दिल्ली में तीनों दलों के नेता अपने –अपने नेताओं से संपर्क कर यहां रह रहे लोगों से संपर्क कर रहे है। मजे की बात तो ये है जिन मजदूरों की बात गांव में नहीं होती थी अब वो दिल्ली के पंचसितारा होटल में लंच और डिनर के साथ बात कर रहे है। तभी तो कहते ये राजनीति जो ना कराये वो ठीक है।

 

गर्मी ने तोड़ा रिकार्ड, कोरोना और हार्ट रोगी बरतें सावधानी

जब बीमारी के बारे जानकारी ना हो तो अलग बात होती है, लेकिन जब बीमारी के बारे जानकारी हो और लापरवाही बरती जाये तो इसके घातक परिणाम होते है। ऐसा मामला आजकल देश में देखने को मिल रहा है। देश में कोरोना का कहर लगातार बढ़ रहा है। लेकिन सावधानी और सतर्कता के नाम पर लोग कोई खास परहेज तक नहीं कर रहे है। आलम ये है जो लोग मुंह मास्क लगाते है वो नाक के नीचे लगा रहे है। जिसके कारण कोरोना का सही बचाव तक नहीं हो पा रहा है।

कोरोना के बदलते स्वरूप के कारण चिकित्सा जगत इस बात पर हैरान है कि ये सर्दी के मौसम का वायरस है या गर्मी के मौसम का। ऐसे में ये अनुमान नहीं लग पा रहा है। क्योंकि जैसे –जैसे गर्मी का मौसम व तापमान बढ़ रहा है वैसे –वैसे कोरोना का प्रकोप बढ़ रहा है। इंडियन हार्ट फाउंडेशन के चैयरमेन डाँ आर एन कालरा ने कहा कि कोरोना को हल्के में ना लें । क्योंकि अप्रैल और मई के बीच जो सम्भावित कोरोना की लहर आ सकती है । वो काफी घातक बतायी जा रही है। ऐसे में सरकार के साथ-साथ लोगों को कोरोना से बचाव के लिये कारगर कदम उठाने होगें। क्योंकि 2021 के मार्च में जो गर्मी ने रिकार्ड तोड़ा है। उससे भी कोरोना, हार्ट रोगियों को विशेष सावधानी बरतनी चाहियें। क्योंकि बढती गर्मी में हार्ट रोगियों का खतरा ज्यादा रहता है।