भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर कहर बनकर टूटी है। पिछले 24 घंटे में देश में कोविड-19 के 3.15 लाख नए मामले सामने आए हैं, जो महामारी शुरु होने के बाद दुनियाभर के किसी भी देश में अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। देश में आक्सीजन की भारी कमी है और हालत बदतर हो गए हैं। इस बीच दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री अशोक कुमार वालिया और माकपा नेता सीताराम येचुरी के बड़े बेटे पत्रकार आशीष येचुरी का कोविड-19 से निधन हो गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आज जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में भारत में 3 लाख 14 हजार 835 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं। इस दौरान 2104 लोगों की जान चली गई है। इसके बाद भारत में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 1 करोड़ 59 लाख 30 हजार 965 हो गई है, जबकि 1 लाख 84 हजार 657 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। देश में कोविड-19 के एक्टिव मरीजों की संख्या भी बढ़कर 22 लाख 91 हजार 428 हो गई है।
भारत में कोविड-19 के नए मामले पहली बार 3 लाख के आंकड़े को पार करते हुए अमेरिका के दैनिक मामलों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। इससे पहले 8 जनवरी को अमेरिका में सबसे ज्यादा 3 लाख 7 हजार 581 नए मामले दर्ज किए गए थे। भारत में अमेरिका से ज्यादा तेजी से नए मामलों की संख्या बढ़ी है और 1 लाख दैनिक मामलों से 3 लाख तक पहुंचने में सिर्फ 17 दिन का समय लगा है।
इस बीच कांग्रेस दिल्ली सरकार में कई बार मंत्री रहे एके वालिया का कोरोना से निधन हो गया है। वालिया ने दिल्ली के अपोलो अस्पताल में आखिरी सांस ली। वह तीन दिन से कोरोना वायरस से जंग लड़ रहे थे। डॉक्टर अशोक वालिया लगातार चार बार विधायक रहे और उन्होंने शीला दीक्षित की सरकार में राज्य मंत्री के रूप में काम किया था और स्वास्थ्य, शहरी विकास, भूमि और भवन विभागों का जिम्मा संभाला था।
उधर माकपा नेता सीताराम येचुरी के बेटे आशीष का भी कोरोना से निधन हो गया है।
गुरुग्राम के एक अस्पताल में आशीष येचुरी का कोरोना वायरस के चलते निधन हो गया। सीताराम येचुरी ने एक ट्वीट में कहा – ‘मैंने अपने बड़े बेटे आशीष येचुरी को आज सुबह कोविड के कारण खो दिया। मैं उन सभी को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने हमें आशा दी और जिन्होंने उसका इलाज किया।’
भारत में 24 घंटे में दुनिया भर में सर्वाधिक कोरोना मामले, 3.15 लाख नए मरीज, 2104 की मौत
अस्पतालों में आँक्सीजन की किल्लत,दलालों का बोलबाला
अगर आपको कोरोना होने की संभावना है या करोना के लक्षण नजर आ रहे है तो अस्पताल जाने से पहले अस्पताल में बैड उपलब्ध होने और आँक्सीजन होने का पता लगा ले, अन्य़था इस बीमारी के दौर में आपको बेवजह परेशानी हो सकती है।
तहलका संवाददाता को गणेश नगर निवासी किशन 54 ने बताया कि दो-तीन से उनको शरीर में कमजोरी महसूस हो रही थी। अचानक 20 अप्रैल की रात सांस लेने में दिक्कत होने लगी तो परिजनों ने पहले पास के अस्पताल लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में ले जाकर इलाज कराना बेहत्तर समझा। लेकिन अस्पताल में आँक्सीजन और बैड ना मिलने फिर वो दिल्ली के लेडी हार्डिंग अस्पताल में इलाज को पहुंचे वहां भी कोई कोरोना की जांच ना हो सकी। फिर बाद में राम मनोहर लोहिया अस्पताल में जाकर जैसे –तैसे आँक्सीजन मिल सकी ।और अन्य जांचे हो सकी।
यहीं हाल दिल्ली के करावल नगर निवासी परम सिंह का कहना है उनकी पत्नी और बहु को कोरोना होने पर जीटीबी अस्पताल ले गये। लेकिन वहां पर डाक्टरों और पैरामेडिकल कर्मचारियों का रवैया ही कुछ ऐसा था । जिससे उनको इलाज कराने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। परम सिंह का कहना है कि आँक्सीजन की कमी होने पर डाक्टरों द्वारा मरीजों को ऐसे अपमानित किया जाता था। जैसे मरीजों द्वारा कोई अपराध किया हो।
अस्पताल के बाहर दलालों का कोरोना काल में बहुत ज्यादा दखल नज़र आ रहा है । और ये मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के नाम पर जांच के नाम पर मरीजों को गुमराह कर रहे है और औने-पौने दाम वसूल रहे है।
सबसे चौकाने वाली बात ये है कोरोना काल में इलाज में सरकारी और प्राइवेट डाक्टरों के बीच ऐसा गठबंधन है , जो मरीजों के परिजनों को प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने को कहते है। कुल मिलाकर अस्पतालों के बाहर मरीजों के साथ हो रहे दुर्व्यहार के कारण मानवता सहम रही है। वहीं महामारी के दौर में कुछ ऐसे भी डाक्टर्स है जो अपनी जान पर खेल कर मरीजों की जान बचा रहे है।
महाराष्ट्र के नासिक में आक्सीजन टैंकर लीक होने से 22 की मौत
अधिकारियों ने पुष्टि की है कि यह हादसा हुआ और इसमें 22 लोगों की जान चली गयी है। यह हादसा नासिक के जाकिर हुसैन अस्पताल में हुआ है। वहां आक्सीजन टैंकर लीक हो गया जिसके बाद आक्सीजन की सप्लाई रोकी गयी थी। कुछ मरीजों की हालत खराब बताई गयी है, हालांकि, अब घटना पर नियंत्रण होने का दावा किया गया है।
जानकारी के मुताबिक जाकिर हुसैन अस्पताल में ऑक्सीजन टैंक लीक कर गया, जिसके बाद वहां हड़कंप मच गया। नासिक के इस दर्दनाक हादसे में 22 मरीजों की मौत की पुष्टि अधिकारियों ने की है। प्रशासन के मुताबिक लीकेज की वजह से ऑक्सीजन की सप्लाई करीब आधे घंटे तक ठप हो गई (या सप्लाई रोकनी पड़ी), जिसकी वजह से वेंटिलेटर पर मौजूद 22 मरीजों की मौत हो गई है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक घटना के समय अस्पताल में पर कुल 23 मरीज वेंटिलेटर पर थे। प्रशासन ने लीकेज की घटना की जांच के आदेश दिए हैं। जब घटना हुई, तब अस्पताल में 171 मरीज थे। जानकारी के मुताबिक ऑक्सीजन लीक होने की घटना के बाद अस्पताल में भर्ती मरीजों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया गया है।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कोविशील्ड टीका सरकारी में 400, निजी अस्पतालों में 600 का किया
देश में कोरोना के मामलों में आशातीत बढ़ौतरी के साथ ही बुधवार को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने कोरोना की कोविशील्ड वैक्सीन के मूल्य की घोषणा करते हुए बताया है कि सरकारी अस्पतालों में यह वैक्सीन 400 रुपए जबकि जबकि निजी अस्पतालों में इसके लिए 600 रुपए में उपलब्ध होगी। कई राज्यों के सरकारी अस्पतालों में यह वैक्सीन इस समय मुफ्त लग रही है जबकि निजी अस्पतालों में इसकी कीमत 250 रुपए है।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने बताया कि केंद्र सरकार के निर्देशानुसार हम कोविशील्ड वैक्सीन के दाम का एलान कर रहे हैं। पहली मई से देशभर में 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को भी वैक्सीन लगाई जाएगी। सीआईआई ने कहा कि राज्य सरकारों को 400 रुपये प्रति डोज के हिसाब से कोविशील्ड मुहैया कराई जाएगी जबकि निजी अस्पतालों को यह 600 रुपये प्रति डोज दी जाएगी।
उधर भारत में वैक्सीन की जबरदस्त कमी को देखते हुए सरकार ने रूसी वैक्सीन स्पूतनिक वी के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। जानकारी के मुताबिक इस वैक्सीन की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार के मुताबिक 10 डॉलर प्रति डोज यानी करीब 750 रुपये हो सकती है। इस तरह यह सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सिन से थोड़ी महंगी होगी। इसपर अंतिम फैसला वैसे अभी होना है।
उधर देश भर में आक्सीजन की जबरदस्त किल्लत जारी है और हाहाकार मचा हुआ। है। सभी गैर भाजपा राज्यों ने केंद्र से उन्हें आक्सीजन की जल्द सप्लाई की मांग की है। राजधानी दिल्ली में भी कमी चल रही है। यही हाल महाराष्ट्र, राजस्थान आदि में भी है।
अपील: तृणमूल कांग्रेस ने फिर कहा-बाकी तीन चरणों के चुनाव एक साथ कराए जाएं
देश के ज्यादातर हिस्सों में बढ़ रही कोरोना महामारी के चलते पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने मंगलवार को एक बार फिर से चुनाव आयोग से राज्य में बाकी बचे तीन चरणों का चुनाव एक साथ कराने की अपील की। इससे पहले भी ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग से बचे हुए चरणों के चुनाव एक साथ कराने का अनुरोध किया था। लेकिन तब चुनाव आयोग ने मांग को ठुकरा दिया था।
बंगाल में टीएमसी के एक विधायक समेत चुनाव मैदान में उतरे दो प्रत्याशियों कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है। 17 अप्रैल को पांचवें चरण के चुनाव के दौरान बीरभूम जिले के मुरारई सीट से टीएमसी के निर्वतमान विधायक अब्दुर रहमान की संक्रमण से मौत हो गई थी। निर्वाचन आयोग ने इन अटकलों को खारिज कर दिया था कि बंगाल में विधानसभा चुनाव के आखिरी तीन चरण के मतदान को एक बार में कराया जाएगा।
इसके बरअक्स मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी आरिज आफताब ने सर्वदलीय बैठक में बचे हुए चरणों के लिए मास्क लगाने और दो गज की दूरी का पालन करने सहित कोविड-19 से जुड़े सभी प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करने को कहा था। बता दें कि अप्रैल के पहले 15 दिनों में ही पश्चिम बंगाल में संक्रमण के 49 हजार 970 नए मामले आ चुके हैं, और इस दौरान 151 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। सोमवार को यहां बीते 24 घंटे में कोरोना के 8 हजार 426 नए केस दर्ज किए गए।
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव इस बार आठ चरणों में कराए जा रहे हैं। जबकि पिछले लोकसभा चुनाव सात चरणों में कराए गए थे। कोरोना काल में लंबे खिंचते चुनाव और प्रचार के दौरान लोगों की भीड़ ने नए तरह का संकट पैदा कर दिया है। अभी तक पांच चरणों के चुनाव हो चुके हैं, जबकि तीन चरण बाकी हैं। ऐसा लगता है कि कोरोना की दूसरी लहर के चरम पर पहुंचने के साथ ही बंगाल में वोटिंग की प्रक्रिया पूरी होगी।
लालू के जेल से बाहर आने में कोरोना बना अड़ंगा
राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को जमानत मिलने के बावजूद नई मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। उनको बाहर आने के लिए अब कोरोना गाइडलाइन का पालन करना होगा। दिल्ली एम्स में इलाज करा रहे लालू को झारखंड हाईकोर्ट ने 18 अप्रैल को ही में जमानत प्रदान की है। अब उनकी रिहाई का रास्ता साफ है, पर कोरोना के चलते यह इंतजार एक हफ्ता बढ़ गया है।
इसकी वजह यह है कि कोरोना के तेजी से प्रसार होने की वजह से झारखंड के वकीलों ने खुद को न्यायिक कार्य से अलग कर रखा है। बता दें कि झारखंड में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए झारखंड राज्य बार काउंसिल ने 25 अप्रैल तक अदालती कार्य नहीं करने आदेश जारी किया है। बार ने राज्य के सभी वकीलों को इसका पालन करने को कहा है। वकील इस दौरान किसी भी तरह की कार्रवाई में शामिल नहीं हो सकेंगे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद को गत 18 अप्रैल को ही हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है, लेकिन 25 अप्रैल तक उनकी रिहाई के लिए जमानत का बांड भरा नहीं जा सकेगा। जमानती बांड भरने के लिए वकीलों का अदालत में जाना अनिवार्य है। बार काउंसिल ने अगली बैठक 25 अप्रैल को बुलाई है। यदि इस दिन न्यायिक कार्य बंद रखने की अवधि बढ़ाई गई तो लालू यादव को रिहाई के लिए और लंबा इंतजार करना पड़ेगा।
पीएम का राष्ट्र संबोधन, फिलहाल देशव्यापी लॉक डाउन नहीं लगाने के संकेत, दूसरी लहर तूफान जैसी
देश में कोरोना के रेकॉर्ड मामले बढ़ने और घबराहट में लोगों के पलायन और आक्सीजन सहित बीएड की भयंकर कमी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार रात देश को संबोधित करते हुए संकेत दिया कि फिलहाल देश में राष्ट्रीय लॉक डाउन घोषित करने की केंद्र सरकार की कोई योजना नहीं है और राज्यों को भी उन्होंने यही सलाह दी कि लॉक डाउन अंतिम विकल्प होना चाहिए। मोदी ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर तूफान बनकर आई है और उनकी सरकार इससे निपटने के लिए संभव उपाए कर रही है।
पीएम मोदी ने इस मौके पर लोगों से कि बहुत जरूरत होने पर ही घर से बाहर निकलें। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर तूफान बनकर आ गई। उन्होंने कहा कि जो पीड़ा आप सह रहे हैं मुझे उसका एहसास है। पीएम ने कहा कि हम हौसले और तैयारियों से यह जंग जीतेंगे।
मोदी ने सभी कोरोना योद्धाओं की सराहना की और कहा कि बीते दिनों में जो कदम उठाए गए हैं, उससे उससे स्थिति को सुधारेंगे। उन्होंने मजदूरों से अपील की वे पलायन न करें और जहाँ हैं वहीं रहें। दिल्ली सहित कुछ जगह बड़ी संख्या में मजदूरों का शुरू हो चुका है।
मोदी ने कहा कि देश में ऑक्सीजन की डिमांड बढ़ी है। हर जरूरतमंद को ऑक्सीजन पहुंचाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। मोदी ने कहा कि हमारे देश का फार्मा सेक्टर मजबूत है और हम दवाई कंपनियों से हर संभव मदद ले रहे हैं।
राहुल गांधी कोरोना पॉजिटिव, ट्वीट करके खुद दी जानकारी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। खुद राहुल गांधी ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी है।
कुछ देर पहले किये ट्वीट के मुताबिक कांग्रेस नेता राहुल गांधी कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। राहुल गांधी ने ट्वीट में कहा कि हल्के लक्ष्य दिखने के बाद उन्होंने कोरोना टेस्ट करवाया और उनकी मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
राहुल ने ट्वीट में लिखा है कि हाल में जो भी लोग हमारे संपर्क में आए हैं, वो सभी कोरोना प्रोटोकॉल फॉलो करें और सुरक्षित रहें।
कोरोना पर राजनीति के चलते हेल्थसिस्टम नाकाम, आम जनता परेशान
देश में कोरोना महामारी ने लोगों को वो अनुभव दिये है। जो उसे आसानी से ना मिलते ।मौजूदा वक्त में एक ओर कोरोना का कहर तो दूसरी ओर किस्तों में लाँकडाउन या कर्फ्यू का लगना लोगों के आम जीवनको अस्त- व्यस्त कर मुशीबत में डाल दिया है।तहलका संवाददाता को डाक्टरों ,व्यापारियों और आम लोगों ने बताया कि लाँकडाउन के कारण उनको किस कदर तामम झंझावतों से जूझना पड़ रहा है।डीएमए के पूर्व अध्यक्ष डाँ अनिल बंसल का कहना है कि दिल्ली में कोरोना की चेन को तोड़ने के लिये दिल्ली सरकार ने जो फैसला लिया है, वो सराहनीय है। क्योंकि दिल्ली में कोरोना का कहर रूक ही नहीं रहा है। ऐसे में लाँकडाउन होने से कोरोना की चेन टूटेगी और जिससे कोरोना के मामले भी कम सामने आयेगे।जबकि दिल्ली के स्थानीय इलाकों में छोटी –छोटी दुकान खोलकर अपने परिवार का पालन -पोषण करने वाले दुकानदारों ने बताया कि उनकी दुकान का किराया अब लाँकडाउन के लगने से नहीं निकल रहा है। सरकार ने लाँकडाउन लगाकर छोटे व्यापारियों की हालत पतली कर दी है। दुकानदार सुरेश गुप्ता का कहना है कि अगर ऐसे ही कोरोना के कारण लाँकडाउन का सिलसिला चलता रहा तो, वो दिन दूर नही। जब छोटे दुकानदारों को अपनी दुकाने बंद करनी होगी। क्योंकि पिछले साल के लाँकडाउन से अभी व्यापारी उभर ही नहीं पाया था, कि अब फिर से लाँकडाउन। दिल्ली के लोगों ने बताया कि देश में केन्द्र सरकार और दिल्ली की आप सरकार कोरोना को काबू करने में असफल रहे है। क्योंकि दोनों सरकारों ने सिर्फ राजनीति कर कोरोना के नाम पर जनता को गुमराह किया है।जबकि सरकार को पता था कि कोरोना सालों- साल रहने वाली बीमारी है।तो सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्यों सुधार नहीं किया है।अगर देश का स्वास्थ्य सिस्टम बेहत्तर होता तो कोरोना को लेकर हाहाकार ना होता।आज वैक्सीन और आँक्सीजन के न मिलने से मरीजों को परेशानी हो रही है। दवाओँ का टोटा होने लगा है।जो अपने आप में कोरोना जैसी बींमारी के रूप में लोगों को देश के नेताओं की राजनीति से अवगत करा रहा है।कि देश के नेता जनता के लिये कितना सोचते है।
मशहूर फिल्मकार सुमित्रा भावे का निधन
जानी-मानी फिल्म निर्देशक और लेखिका सुमित्रा भावे का लंबी बीमारी के बाद यहां पुणे में सोमवार को निधन हो गया। सुमित्रा फेफड़ों संबंधी बीमारियों से पीड़ित थीं।
78 साल की सुमित्रा भावे मराठी सिनेमा और रंगमंच की मशहूर हस्ती थीं। करीब दो महीने से फेफड़ों संबंधी बीमारियों का इलाज करा रही थीं। उनके साथ करीब साढ़े तीन दशक से काम कर रहे फिल्म निर्देशक सुख्तनकर ने बताया कि भावे ने सोमवार की सुबह महाराष्ट्र के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली।
सुमित्रा भावे को उनके बेहतरीन काम के लिए कई राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी होने के बाद एक समाज कल्याण संस्था के साथ काम शुरू किया। पुणे स्थित कर्वे इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज में अध्यापन का काम किया। इसके बाद उन्होंने समाचार वाचक के रूप में भी सेवाएं दीं। उन्होंने 1985 में अपनी पहली लघु फिल्म बाई बनाई, जिसे कई राष्ट्रीय पुरस्कार मिले।
सुमित्रा भावे और सुख्तनकर ने निर्देशन के क्षेत्र में कदम रखते हुए 1995 में दोघी फिल्म बनाई, जिसे राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया। इसके अलावा उन्होंने देवराई (2004), घो माला असाला हवा, हा भारत माजा जैसी तमाम बेहतरीन फिल्मों का उन्होंने निर्माण किया।