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प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन से किया रूस-यूक्रेन युद्ध का जिक्र

कजान : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को रूस के कजान शहर में हो रहे 16वें ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे। जहां उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। इस दौरान पीएम मोदी ने एक बार फिर से रूस-यूक्रेन युद्ध का जिक्र किया।

उन्होंने रूस के राष्ट्रपति के समक्ष कहा कि समस्याओं का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से ही होना चाहिए। शांति और स्थिरता की जल्द से जल्द बहाली का हम पूरी तरह समर्थन करते हैं। इसके साथ ही पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन का शानदार स्वागत करने के लिए आभार भी व्यक्त किया।

पीएम मोदी ने कहा, “मैं आपकी मित्रता और गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं, मेरे लिए खुशी की बात है कि ब्रिक्स समिट के लिए कजान जैसे खूबसूरत शहर में आने का अवसर मिला है। इस शहर के साथ भारत के गहरे और ऐतिहासिक संबंध रहे हैं। कजान में भारत के नए कांसुलेट खुलने से ये संबंध और मजबूत होंगे।”

उन्होंने कहा, “पिछले तीन महीने में मेरा दो बार रूस आना हमारे करीबी समन्वय और गहरी मित्रता को दर्शाता है। जुलाई में मॉस्को में हुई हमारी एनुअल समिट से हर क्षेत्र को बल मिला है। पिछले एक वर्ष में ब्रिक्स की सफल अध्यक्षता के लिए मैं आपको बधाई देता हूं। 15 वर्षों में इसने अपनी एक अलग पहचान बनाई है और अब विश्व के ​अनेक देश इससे जुड़ना चाहते हैं। मैं ब्रिक्स समिट में भाग लेने के लिए उत्सुक हूं।”

पीएम मोदी ने कहा, “रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष के विषय पर हम लगातार संपर्क में रहे हैं। जैसा मैंने पहले भी कहा है, हमारा मानना है कि समस्याओं का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से ही होना चाहिए। शांति और स्थिरता की जल्द से जल्द बहाली का हम पूरी तरह समर्थन करते हैं। हमारे सभी प्रयास मानवता को प्रमुखता देते हैं। आने वाले समय में भी भारत हर संभव सहयोग देने के लिए तैयार है।”

पीएम मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के न्योते पर रूस पहुंचे हैं। जहां मेजबान रूस की अध्यक्षता में 16वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है।

करणी सेना का बड़ा एलान, लॉरेंस बिश्नोई का एनकाउंटर करने वाले को मिलेगा इनाम

नई दिल्ली: क्षत्रिय करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज शेखावत का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। उन्होंने लॉरेंस बिश्नोई के एनकाउंटर के लिए 1 करोड़ रुपये के इनाम की घोषणा कर दी है। उन्होंने एनकाउंटर करने वाले पुलिसकर्मी को 1,11,11,111 करोड़ रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। उन्हें वीडियो में बोलते हुए सुना जा रहा है कि सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या लॉरेंस बिश्नोई के जरिए कराई गई थी।

क्षत्रिय करणी सेना के एक्स हैंडल पर उनका वीडियो शेयर किया गया है, जिसमें उन्होंने कहा, परम आदरणीय अमर शहीद सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या लॉरेंस बिश्नोई के द्वारा कराई गई थी, जो पुलिसकर्मी लॉरेंस बिश्नोई का एनकाउंटर करेगा। उस पुलिसकर्मी को 1 करोड़ 11 लाख 11 हजार 1 सौ 11 करोड़ रुपये का पुरस्कार करणी सेना के तरफ से दिया जाएगा।

बता दें लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गोल्डी बरार ने सोशल मीडिया पर गोगामेड़ी की हत्या की जिम्मेदारी ली थी। उसने कहा था कि गोगामेड़ी को उसने दो से तीन बार चेतावनी दी थी लेकिन वह नहीं माना। इसलिए शूट कर दिया। अब करणी सेना के राज शेखावत ने लॉरेंस बिश्नोई के एनकाउंटर की बात कही है।

चीन और ताइवान के बीच शुरु हो सकती है जंग

बीजिंग : चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग ने अपने सैनिकों से जंग के लिए तैयार रहने को कहा है। साथ ही सेना को और मजबूत बनाने की बात भी कही है। चीन इस समय ताइवान के आसपास, उत्तरी इलाके में और मध्य चीन में तीन स्तर पर बड़े युद्धाभ्यास कर रहा है। इसमें सबसे बड़ी मिलिट्री ड्रिल ताइवान के आसपास है।

आशंका जताई जा रही है कि जिनपिंग के इस बयान के कुछ समय बाद ही ताइवान पर हमले की तैयारी हो सकती है। जिनपिंग ने ताइवान समेत अपने दुश्मन देशों को चेतावनी भी दी। जिनपिंग ने कहा कि चीन की ताकत को कम समझने की कोशिश न की जाए। हम अपने रणनीतिक मुद्दे को हल करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।

जिनपिंग ने जो निर्देश पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के जवानों को दिया है, उससे साफ पता लगता है कि चीन ताइवान को लेकर कितना ज्यादा गंभीर है। बीजिंग और ताइपे के बीच दो साल से विवाद चल रहा है। चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है। ताइवान खुद को स्वतंत्र देश कहता है।

इस हफ्ते चीन के राष्ट्रपति कई मिलिट्री ड्रिल में गए थे। इस दौरान वह सैनिकों से मिले और उनके सामने भाषण भी दिया। ताइवान के चारों तरफ इस समय चीन के सैकड़ों युद्धपोत, फाइटर जेट्स और मिसाइल सिस्टम तैनात है। चीन के रक्षा मंत्रालय की माने तो ये सभी मिलिट्री ड्रिल इस हिसाब से तैयार किए गए है, ताकि सैनिकों को ये लगे कि वो सच में ताइवान से जंग लड़ रहे हैं।

जिनपिंग ने कहा कि इस समय दुनिया में जिस तरह का माहौल चल रहा है, ऐसे में हमें सतर्क रहने की जरूरत है। चीन की सेना किसी भी देश की सेना से कमजोर नहीं है। देश की रक्षा के लिए वह किसी भी हद तक जा सकती है। चीन की सेना को लगातार आधुनिक बनाया जाएगा।

हमारे सपने और संकल्प के पूरा होने तक न हमें चैन है और न ही आराम के लिए जगह है : पीएम मोदी

नई दिल्ली : एनडीटीवी वर्ल्ड समिट 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले 10 साल में बहुत सारे काम किए हैं, लेकिन यह आराम का वक्त नहीं है। देश को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए अभी बहुत काम करना बाकी है।

पीएम मोदी ने कहा, “अक्सर लोग मुझे कहते हैं कि पिछले 10 साल में इतने काम हुए हैं। आपने तीन बार अपनी सरकार बना ली है। अब भी आप इतनी मेहनत क्यों करते हैं, इतनी दौड़ धूप क्यों करते हैं?”

पीएम मोदी ने कहा कि उनको ऐसा कहने वाले लोग बहुत मिले हैं। उनको कहना है कि अब मेहनत की क्या जरूरत है। लेकिन जो सपने हमने देखे हैं और जो संकल्प हम लेकर चले हैं, उसमें न चैन के लिए कोई जगह है न ही आराम के लिए।

पीएम मोदी ने पिछले 10 साल में किए गए कार्यों का जिक्र करते हुए आगे कहा, “पिछले 10 साल में 12 करोड़ शौचालय बनाए गए हैं। पिछले 10 साल में 16 करोड़ गैस कनेक्शन मिले हैं। इसी अवधि में 350 मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं, जिसमें 15 से ज्यादा एम्स हैं। पिछले 10 सालों में डेढ़ लाख से ज्यादा स्टार्टअप हुए हैं, जिसमें आठ करोड़ युवाओं ने मुद्रा लोन लेकर पहली बार अपना काम शुरू किया है।”

पीएम मोदी ने कहा कि लोग पूछते हैं क्या इतना करना काफी नहीं है?

पीएम मोदी ने आगे जवाब दिया, “नहीं…इतनी करना काफी नहीं है। आज भारत दुनिया के सबसे युवा देश में एक है। इस युवा शक्ति की पूरी क्षमता का इस्तेमाल करते हुए आसमान की ऊंचाइयों को छुआ जा सकता है। इस ऊंचाई को छूने के लिए हमें बहुत तेजी से बहुत सारा कार्य करने की जरूरत है।”

पीएम ने कहा कि देश को 2047 तक विकसित बनाने का हमारा लक्ष्य है। इसलिए सफलता का मापदंड सिर्फ ये नहीं है कि हमने क्या पाया… अब हमारा आगे क्या लक्ष्य है, हमें कहां पहुंचना है…हम उस ओर देख रहे हैं। 2047 तक विकसित भारत का संकल्प भी इसी सोच को दिखाता है।

मैकडॉनल्ड्स  रेस्तरां  में शेफ बने डोनाल्ड ट्रंप  

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले, रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप  ने रविवार को एक मैकडॉनल्ड्स  रेस्तरां में पहुंचकर फ्रेंच फ्राइज़ सर्व किए। 78 वर्षीय पूर्व राष्ट्रपति, जो डेमोक्रेट प्रतिद्वंद्वी कमला हैरिस के साथ व्हाइट हाउस की दौड़ में समान स्तर पर हैं, ने काले और पीले रंग के एप्रन के साथ सफेद शर्ट और लाल टाई पहनी थी और आलू फ्राई कर रहे थे।

ट्रंप को फिलाडेल्फिया के पास एक ड्राइव-थ्रू विंडो से समर्थकों को फ्रेंच फ्राइज़ देते हुए भी देखा गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा, मुझे यह काम पसंद है। मुझे यहाँ बहुत मज़ा आ रहा है और अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर पोस्ट किए गए वीडियो में कहा, मैं हमेशा मैकडॉनल्ड्स में काम करना चाहता था।

इसके अलावा, ट्रंप ने पुनः स्पष्ट किया कि वह कानूनी तरीके से आने वाले अप्रवासियों का स्वागत करते हैं, लेकिन अवैध अप्रवासियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का संकेत दिया। अगस्त 2023 तक, दुनिया भर से 2.75 मिलियन अवैध अप्रवासी पकड़े गए हैं, जबकि पिछले वर्ष यह संख्या 3.2 मिलियन थी।

इजरायली सेना ने जानबूझकर यूएन निगरानी टावर को बुलडोजर से किया ध्वस्त: संयुक्त राष्ट्र

लेबनान में संयुक्त राष्ट्र के अन्तरिम बल मिशन (यूएनआईएफआईएल) ने रविवार को कहा कि इसराइली सेना ने जानबूझकर मरवाहीन में एक यूएन निगरानी टॉवर को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया।

यूएनआईएफआईएल ने रविवार को संयुक्त राष्ट्र की चौकी की गरिमा का हनन करना और यूएन सम्पत्तियों को नुकसान पहुंचाना, अंतरराष्ट्रीय कानून और सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 का खुला उल्लंघन है।”

यूएनआईएफआईएल ने इसराइली फोर्सेज और तमाम अन्य पक्षों को, संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारियों और सम्पत्ति की रक्षा सुनिश्चित करने की उनकी जिम्मेदारियों की याद दिलाई।

संयुक्त राष्ट्र मिशन ने कहा कि आईडीएफ ने बार-बार मांग की है कि यूएनआईएफआईएल ब्लू लाइन पर अपने ठिकानों को खाली कर दे। उसने जानबूझकर संयुक्त राष्ट्र के चौकियों को नुकसान पहुंचाया है।

यूएनआईएफआईएल ने जोर देकर कहा कि चुनौतियों के बावजूद शांति सैनिक अपनी लोकेशन पर बने हुए हैं और अपने निर्धारित कार्य जारी रखेंगे। उसने कहा, “हमें जो शासनादेश व ज़िम्मेदारी सौंपी गई है हम उसके लिए निगरानी करना और रिपोर्ट सोंपने का अपना काम जारी रखेंगे।”

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायली सेना ने इन दिनों लेबनान में यूएनआईएफआईएल के ठिकानों पर कई बार हमला किया, जिससे संयुक्त राष्ट्र के शांति सैनिकों को चोटें आई हैं।

ये हमले ऐसे समय में हुए हैं जब इजरायली सेना 23 सितंबर से हिजबुल्लाह के साथ खतरनाक तनाव के चलते लेबनान पर हवाई हमले कर रही है। उसने सीमा पार एक ‘सीमित’ जमीनी अभियान भी चलाया है, जिसका उद्देश्य कथित तौर पर हिजबुल्लाह की क्षमताओं को कम करना है।

लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इजरायल-हिजबुल्लाह संघर्ष की शुरुआत से लेकर अब तक लेबनान पर इजरायली एयर स्ट्राइक में मरने वालों की संख्या 2,464 तक पहुंच गई, जबकि 11,530 लोग घायल हुए हैं। मंत्रालय ने रविवार को बताया कि अकेले शनिवार को इजरायली हमलों में 16 लोग मारे गए और 59 अन्य घायल हो गए।

8 अक्टूबर, 2023 को हिजबुल्लाह ने गाजा में हमास के प्रति एकजुटता जाहिर करते हुए इजरायल पर रॉकेट दागने शुरू किए थे। नवीनतम घटनाक्रम इसी संघर्ष का विस्तार है।

देश भर में सीएपीएफ कर्मियों के आश्रितों के लिए 26 एमबीबीएस और 3 बीडीएस सीटें आरक्षित : अमित शाह

नई दिल्ली : गृह मंत्री अमित शाह ने पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के राष्ट्रीय पुलिस मेमोरियल में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने देश की सुरक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही देश की सुदूर तक फैली सीमाओं की सुरक्षा करने के लिए सभी बलों का आभार भी जताया।

उन्होंने कहा, “पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर मैं सभी देशवासियों को बधाई देता हूं। आज देश के विभिन्न इलाकों और जगहों पर देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले अलग-अलग बल के जवानों को मैं श्रद्धांजलि देता हूं। मेरे लिए यह सौभाग्य की बात है कि यहां आकर अमर जवानों को श्रद्धांजलि देने का मुझे मौका मिला। यही हमारे जवान हैं कि कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और कच्छ से लेकर किबिथू तक फैली हमारी सीमाओं को सुरक्षित रखते हैं।”

केंद्रीय पुलिस बलों के लिए किए गए कामों की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, “हमने 113 बैरकों को मंजूरी दी है और 24 मार्च तक 11276 घरों और 111 बैरकों का निर्माण पूरा हो चुका है। हमने सीएपीएफ ई आवास वेब पोर्टल के माध्यम से खाली घरों को आवंटित करने का भी काम किया है। प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना हमारे पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए वरदान साबित हुई है और सीएपीएफ कर्मियों के आश्रितों के लिए 26 एमबीबीएस और 3 बीडीएस सीटें आरक्षित की गई हैं। केंद्रीय अनुग्रह राशि में वृद्धि और एकमुश्त मुआवजा देने से हमारे युवाओं के परिवारों को राहत मिली है। हमने विकलांगता अनुग्रह राशि में और वृद्धि करके भी इस दिशा में काम किया है।”

उन्होंने कहा, “हमारे पुलिसकर्मी, विशेषकर सभी सीएपीएफ कर्मी, कानून व्यवस्था की स्थिति और देश की सुरक्षा को संभालने के अलावा और भी कई काम करते हैं। आज मैं देश के लोगों को बताना चाहता हूं कि 2019 से लेकर 2024 तक हमारे सीएपीएफ के जवानों ने करीब 5 करोड़ 80 लाख 90 हज़ार पौधे लगाए हैं और उन्हें अपने बच्चों की तरह पालने और बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। सरकार के एक प्रोग्राम के माध्यम से सभी सीमावर्ती जिलों में भारत सरकार और राज्य सरकार की सभी योजनाओं को नागरिकों तक पहुंचाने का काम भी किया जा रहा है। साथियों आज वो दिन है, जब हमें अपने सभी शहीद पुलिस जवानों को श्रद्धांजलि देता हूं, उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए और आज मैं उन शहीद पुलिस जवानों के परिवारों को विश्वास के साथ कहना चाहता हूं कि आपके परिजनों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। देश की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और 2047 में देश एक विकसित राष्ट्र बनेगा और उस समय भी जब आज़ादी की शताब्दी मनाई जाएगी, तब भी एक पुण्य राष्ट्र आपके परिजनों के बलिदान को नमन करके उन्हें हमेशा याद रखेगा। आज एक बार फिर श्रद्धांजलि के माध्यम से अब तक बलिदान देने वाले सभी हजारों पुलिसकर्मियों को मैं श्रद्धांजलि देता हूं।”

राजस्थान में पुलिस शहीद पर दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन

जोधपुर : राजस्थान के जोधपुर में सोमवार को पुलिस शहीद दिवस मनाया गया। इस दौरान रक्तदान शिविर और पौधारोपण कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ। जोधपुर के रातानाडा स्थित पुलिस लाइन में आयोज‍ित कार्यक्रम में पुलिस अधिकारियों ने शहीदों को पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम में पुलिस जवानों ने शहीदों को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। पुलिस कमिश्नर राजेंद्र सिंह इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। पुलिस कमिश्नर राजेंद्र सिंह ने कहा कि हम शहीद दिवस पर शहीदों को याद करने के साथ-साथ उनकी वीरांगनाओं को भी याद करते हैं।

कार्यक्रम में शहीद ताराचंद सहारण पर पुष्प चक्र चढ़ाए गए। इसके अलावा पुलिस लाइन स्थित डिस्पेंसरी में रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया, जो सोमवार को पूरे दिन चलेगा। इसमें पुलिस बल के जवानों द्वारा रक्तदान किया जा रहा है। पुलिस के आला अधिकारियों ने पुलिस लाइन स्थित परिसर में पौधारोपण किया।

बता दें कि इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर देश की सुरक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही देश की सुदूर सीमाओं की सुरक्षा करने के लिए सभी बलों का आभार भी जताया।

उन्होंने नई दिल्ली में पुलिस मेमोरियल में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर मैं सभी देशवासियों को बधाई देता हूं। आज देश के विभिन्न इलाकों और जगहों पर देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले अलग-अलग बलों के जवानों को मैं श्रद्धांजलि देता हूं। मेरे लिए यह सौभाग्य की बात है कि यहां आकर अमर जवानों को श्रद्धांजलि देने का मुझे मौका मिला। यही हमारे जवान कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और कच्छ से लेकर किबिथू तक फैली हमारी सीमाओं को सुरक्षित रखते हैं।”

जम्मू-कश्मीर कैबिनेट से राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव पारित

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव पारित किया गया।

आधिकारिक सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, गुरुवार को कैबिनेट की पहली बैठक में जम्मू-कश्मीर मंत्रिमंडल ने केंद्रीय सरकार से राज्य का दर्जा बहाल करने की अपील की। सूत्रों की मानें तो प्रस्ताव का मसौदा तैयार कर लिया गया है और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला आने वाले दिनों में दिल्ली आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह मसौदा सौंपेंगे।

बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने की, जिसमें उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी और मंत्री सकीना मसूद इटू, जावेद अहमद राणा, जावेद अहमद डार और सतीश शर्मा शामिल हुए।

जेकेपीसीसी (जेके प्रदेश कांग्रेस कमेटी ) अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने पत्रकारों से कहा कि हमारी पार्टी तब तक जम्मू-कश्मीर मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होगी, जब तक कि राज्य का दर्जा बहाल नहीं हो जाता।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने भरोसा जताते हुए कहा कि केंद्र सरकार जल्द ही जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करेगी। उन्होंने कहा कि हमने पहले भी इस बारे में बात की है और आज भी सुप्रीम कोर्ट ने दो महीने के भीतर राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग वाली अर्जी पर सुनवाई करने पर सहमति जताई है। मुझे यकीन है कि भारत सरकार जल्द ही इसे बहाल करेगी।

जब उनसे पूछा गया कि क्या नेशनल कॉन्फ्रेंस अनुच्छेद 370 का मुद्दा उठाएगी या विधानसभा में इसके खिलाफ कोई प्रस्ताव पास करेगी, तो अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें अपनी दलीलें पेश करने के लिए अदालत में वापस लौटना होगा।

लाल चौक का दौरा करते समय, अब्दुल्ला ने कहा कि सड़कों पर कोई वीआईपी संस्कृति नहीं होगी और लोगों को सायरन की आवाज से राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि यहां पर कोई वीआईपी नहीं है, चाहे वह स्थानीय हों या राजनीतिज्ञ, सभी समान हैं।

आपको बताते चलें कि जम्मू-कश्मीर का पूर्व राज्य दर्जा 2019 में खत्म हो गया था। 5 अगस्त 2019 को भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद जम्मू कश्मीर दो संघ शासित प्रदेशों, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया गया था।

सिटीजनशिप एक्ट की धारा 6A की वैधता बरकरार, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सिटीजनशिप एक्ट  की धारा 6A की वैधता पर अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने धारा 6A की वैधता को बरकरार रखा है। CJI डीवाई चंद्रचूड़ का कहना था कि 6A उन लोगों को नागरिकता प्रदान करता है जो संवैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत नहीं आते हैं और ठोस प्रावधानों के अंतर्गत नहीं आते हैं।

सिटीजनशिप एक्ट की धारा 6A को 1985 में असम समझौते को आगे बढ़ाने के लिए संशोधन के बाद जोड़ा गया था। असम समझौते के तहत भारत आने वाले लोगों की नागरिकता के लिए एक विशेष प्रावधान के रूप में नागरिकता अधिनियम में धारा 6ए जोड़ी गई थी। इस धारा में कहा गया है कि जो लोग 1985 में बांग्लादेश समेत क्षेत्रों से 1 जनवरी 1966 या उसके बाद लेकिन 25 मार्च 1971 से पहले असम आए हैं और तब से वहां रह रहे हैं, उन्हें भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए धारा 18 के तहत अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इस प्रावधान ने असम में बांग्लादेशी प्रवासियों को नागरिकता देने की अंतिम तारीख 25 मार्च 1971 तय कर दी। इससे पहले दिसंबर 2023 में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामे दायर किया था और कहा था कि वो भारत में अवैध प्रवास की सीमा के बारे में सटीक डेटा नहीं दे पाएगा क्योंकि प्रवासी चोरी-छिपे आए हैं।

SC ने नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 6ए की वैधता बरकरार रखी और 4:1 के बहुमत से फैसला दिया। जस्टिस जे पारदीवाला ने असहमति जताई। जस्टिस पारदीवाला का कहना था कि यह संभावित प्रभाव से असंवैधानिक है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्यकांत, एमएम सुंदरेश और मनोज मिश्रा बहुमत में रुख रहा। नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 6ए को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। इन याचिकाओं पर SC की पांच जजों की संविधान पीठ ने सुनवाई की और फैसला सुनाया। कोर्ट का कहना था कि असम में 40 लाख प्रवासी हैं और पश्चिम बंगाल में 56 लाख प्रवासी हैं। लेकिन इसका प्रभाव असम में ज्यादा है। इसलिए असम को अलग करना वैध है। 1971 की कटऑफ तिथि तर्कसंगत विचार पर आधारित है। ऑपरेशन सर्चलाइट के बाद पूर्वी पाकिस्तान से पलायन बढ़ा है।