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डीजल-पेट्रोल के दामों में इजाफा से किसानों को बुवाई में आ रही दिक्कत

एक दौर वो था जब किसान देश की पहचान हुआ करता था। लेकिन आज सियासत की अनदेखी और पूंजीपतियों की बढ़ती दखल के चलते देश का किसान आज दो राहें पर खड़ा है। देश में लगभग एक साल से किसान अपने कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे है। पर सरकार उनकी मांगों को मान नहीं रही है। किसान नेता व एडवोकेट चौ . बीरेन्द्र सिंह ने बताया कि देश का किसान आज कई स्तर पर अपनी परेशानी से जूझ रहा है। जैसे पेट्रोल और डीजल के दामों में हो रही बढ़ोत्तरी के चलते उसे अपने खेतों में बुवाई के लिये महंगे डीजल को खरीदने को मजबूर हो रहा है। सरकार को अलग से किसानों के लिये डीजल के दाम निर्धारित करने चाहिये। मौजूदा समय में 70 प्रतिशत किसान की माली हालत ठीक नहीं है। ये किसान सिर्फ खेती पर आधारित अपनी जीविका चला रहे है।

किसानों ने तहलका संवाददाता को बताया कि देश –दुनिया में हर क्षेत्र में तरक्की हुई है। लेकिन किसानों की उपेक्षा सदैव हुई है।किसानों पर आरोप लगाये जाते है। किसान चन्द्रपाल सिंह का कहना है कि अगर डीजल –पेट्रोल के दामों यूं ही इजाफा होता रहा तो, आने वाले दिनों में कमजोर किसान अपने खेती की बुवाई कर्ज लेकर ही कर पायेगा।उन्होंने बताया कि डीजल-पेट्रोल के दामों में बढ़ोत्तरी के चलते सबसे असर किसानों पर पड़ा है।इस समय देश के पिछड़े इलाकों में जहां पर किसानों की माली हालत ठीक नहीं है वहां पर किसानों को गेंहू-चना की बुवाई में करने में दिक्कत आ रही है।खेती की सिचाईं करने में डीजल खरीदने के लिये वे साहूकारों की शरण में है। ताकि वे कर्ज लेकर अपने खेती की बुवाई कर सकें।

सब्जी के दामों में इजाफा

देश में बढ़ती मंहगाई के चलते लोगों को अपने घर को चलाना मुश्किल हो रहा है। खाद्य पदार्थो के साथ –साथ
सब्जी के बढ़ते दामों के चलते लोगों को सब्जी खरीदना मुश्किल हो रहा है। आलम ये है कि टमाटर के दाम 60
से 80 रूपये तक हो गये है। जिसके कारण अब लोगों पांव भर टमामर खरीदने के साथ एक –दो टमाटर के
हिसाब से टमाटर 5 से 7 रूपये कर के खरीद रहे है।
लोगों का कहना है कि जब सब्जी के दाम मंहगें हो और जेब में पैसा ना हो तो एक –दो टमाटर खरीदकर काम
चला लेनें में कोई दिक्कत नहीं है।एशिया की सब्जी बड़ी सब्जी मंडी आजाद पुर में इन दिनों टमाटर की आवक
कम है। सो टमाटर के दामों में इजाफा हो रहा है। आजादपुर मंड़ी में काम करने वाले चन्द्र पाल का कहना
है कि इन दिनों वैसे सब्जी मौसमी सर्दी वाली आनी शुरू हो जाती है। लेकिन गत माह हुई वर्षा के चलते टमाटर ,पालक और बैगन की सब्जी पर खासा असर पड़ा है जिसके कारण सब्जी मंहगी हो गयी है। सब्जी पवन सूद का कहना है कि सरकार की लापरवाही का नतीजा ये है कि वो जमाखोरों के खिलाफ कोई कार्रवाई करने की बजाय जमाखोरों को सरक्षण दें रहे है। जिसके कारण सब्जियों के दाम आसमान छू रहे है।उनका कहना है कि इस बार आलू छोड़ कर सभी सब्जियों के दामों में बढोत्तरी हो रही है।गरीबों को महंगी सब्जी खरीदना मुश्किल हो रहा है।

 

कोयले के विकल्प पर कारगर कदम उठाने का समय

कोयले के संकट को लेकर देश में तरह –तरह की बातें की जा रही है कि आने वाले दिनों में कोयले की कमी के कारण बिजली की कटौती हो सकती है। वहीं केन्द्रीय मंत्री आर के सिंह का कहना है कि देश में कोयले की कोई किल्लत नहीं है। उन्होंने कहा कि देश में कोयले को लेकर अफवाह फैलाई जा रही है। जबकि खुद केन्द्रीय मंत्री ने कहा था कि कोयला चार ही दिन का बचा है। वहीं देश के बड़े शहरों जिसमें दिल्ली सहित में बिजली की कटौती की जा रही है।

बिजली की किल्लत को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और संबंधित मंत्रालय को पत्र लिखकर जानकारी दी है। आने वाले दिनों में कोयले की कमी के कारण दिल्ली में ब्लैक आऊट भी हो सकता है। कोयले की किल्लत को लेकर चलें आ रहे सियासी बयान बाजों के बीच दिल्ली के इलैक्ट्रानिक इंजीनियर आलोक कुमार
का कहना है कि सरकार को कोयले के समाधान के साथ –साथ कोयले के विकल्प के बारे में कारगर कदम उठाने
चाहिये। उन्होंन कहा कि विकल्प के तौर सौर ऊर्जा, पानी से बिजली और परमाणु बिजली पर काम होना चाहिये ताकि बिजली की समस्या उत्पन्न ना हो। उनका कहना है कि देश में आने वाले दिनों में बिजली की संकट कोयले
के कारण हो सकती है। इसलिये समय रहते कोयले के विकल्प पर कारगर कदम उठाने की जरूरत है।

राजधानी दिल्ली में कोरोना के कहर के साथ –साथ डेंगू का कहर दिन व दिन बढ़ता ही जा रहा है

दिल्ली –एनसीआर में तो आलम ये है कि हर रोज डेंगू के बढ़ते मामलों के चलते सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों
का तांता लगा है। चिकित्सकों का मानना है कि कोरोना के साथ डेंगू के मामलों में जरा सी लापरवाही घातक हो सकती है। स्टार इमेंजिंग पैथ लैब के डायरेक्टर डाँ समीर भाटी का कहना है कि कोरोना के मामले जरूर कम हुये है। लेकिन कोरोना अभी गया नहीं है। ऐसे में सावधानी के तौर पर हमें बुखार को नजरअंदाज नहीं करना चाहिये।
अपने घरों के आस-पास पानी को जमा नहीं होने देना चाहिये। आई एम ए के पूर्व संयुक्त सचिव डाँ अनिल बंसल ने कहा ने कहा कि हर साल अक्टूबर नवम्बर के महीने में डेंगू के मामले लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत डाल रहा है। उन्होंने बताया कि डेंगू ऐडिस मच्छर के काटने से होता है। डेंगू होने पर प्लेटलेट्स कम होने से रोगी की जान को खतरा हो सकता है। इसलिय डेंगू को लेकर लापरवाही ना बरतें बल्कि समय पर जांच करवायें।डाँ अनिल बंसल का कहना है कि अगर डेंगू के
मामलों को लेकर जल्दी काबू नहीं पाया गया तो ये डेंगू का कहर भी घातक हो सकता है।

लखीमपुर खीरी में शहीद किसानों के लिए अंतिम अरदास; प्रियंका भी पहुंचीं, याद में बनेगा स्मृति स्थल

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हाल की हिंसा में शहीद हुए चार किसानों और एक पत्रकार के लिए आज संयुक्त किसान मोर्चा ने अंतिम अरदास का आयोजन किया जिसमें बड़ी संख्या में देश के कई हिस्सों से किसान पहुंचे। इस अरदास कार्यक्रम में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी शामिल हुईं।

दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधन समिति ने इस मौके पर घोषणा की कि लखीमपुर खीरी में पांच किसानों की याद में स्मृति स्थल बनेगा। याद रहे केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा इस मामले में मुख्य आरोपी हैं और अदालत ने उन्हें चार दिन के लिए पुलिस रिमांड पर भेजा है।

संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत ने मीडिया के लोगों से कहा कि वो पुलिस जांच से संतुष्ट नहीं है। अगर किसानों को जल्द न्याय नहीं मिला तो हमारा आंदोलन लगातार चलता रहेगा। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी लखीमपुर खीरी के तिकुनिया पहुंचीं। पहले उन्हें रोक लिया गया था। उनके साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय लल्लू भी रहे।

श्रद्धांजलि सभा के लिए करीब 30 एकड़ इलाके में इंतजाम किए गए हैं। यह कार्यक्रम स्थल घटनास्थल से एक किलोमीटर की दूरी पर है। आरएलडी के अध्यक्ष जयंत चौधरी और अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा भी पहुंचे। किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने पश्चिमी यूपी में 20 आईपीएस अधिकारियों को तैनात किया है।

इस बीच आज के कार्यक्रम में घोषणा की गयी कि लखीमपुर खीरी में पांच किसानों की याद में स्मृति स्थल बनेगा। दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधन समिति की तरफ से संयुक्त किसान मोर्चा के नेता दर्शनपाल ने अंतिम अरदास मंच से इसका ऐलान किया।

उधर लखीमपुर खीरी तिकुनिया हिंसा में मृतक किसानों की अंतिम अरदास में पहुंचीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी आम लोगों के बीच ही बैठीं। आयोजकों ने किसी भी राजनीतिक को अपने मंच पर नहीं बैठने दिया।

उत्तराखंड में भाजपा को चुनाव से पहले बड़ा झटका; मंत्री यशपाल आर्य, बेटा कांग्रेस में शामिल हुए

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ भाजपा को झटके लगने शुरू हो गए हैं। वहां वरिष्ठ नेता और भाजपा सरकार में मंत्री यशपाल आर्य मंत्री पद से इस्तीफा देकर भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। उनके साथ उनके बेटे संजीव आर्य भी कांग्रेस में चले गए हैं।

आर्य सोमवार को दिल्ली में बड़े नेताओं की उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल हुए। कांग्रेस के संगठन मंत्री केसी वेणुगोपाल, उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला इस मौके पर मौजूद थे। कांग्रेस में शामिल होने से पहले यशपाल आर्य ने उत्तराखंड के केबिनेट  मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।

याद रहे बता दें कि दोनों यशपाल और उनके बेटे संजीव साल 2017 में कांग्रेस से दलबदलकर भाजपा में शामिल हो गए थे। भाजपा की सरकार बनने के बाद यशपाल को तोहफा देते हुए केबिनेट मंत्री बनाया गया था। इस मौके पर सुरजेवाला ने कहा कि यशपाल आर्य किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं।

याद रहे यशपाल आर्य लंबे समय तक उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं। यशपाल 6 बार उत्तराखंड विधानसभा के लिए चुने गए हैं। यशपाल ने इस मौके पर कहा – ‘कांग्रेस ही एक ऐसी पार्टी है जो सही मायने में सभी धर्मों, समुदायों और लोगों का प्रतिनिधित्व करती है। घर वापस आकर मैं खुश हूँ।’

उधर सुरजेवाला ने कहा – ‘दलित, वंचित और गरीब समाज की बढ़ोतरी के लिए पूरे उत्तर भारत में यशपाल आर्य ने कई काम किए हैं। राहुल गांधी से मिलकर यशपाल और संजीव आर्य ने कांग्रेस की सरकार का गठन करने का संकल्प किया है।’

पूँछ में आतंकवादियों से मुठभेड़ में सुरक्षा बल के 5 जवान शहीद

जम्मू कश्मीर में अपनी गतिविधियां बढ़ाते हुए आतंकवादियों ने सोमवार को जम्मू कश्मीर के पूंछ सेक्टर में एक जेसीओ समेत 5 जवानों को शहीद कर दिया है। आतंकियों ने घात लगाकर तब हमला किया जब सुरक्षा बल जवान गश्त पर थे।  मुठभेड़ चल रही है और एक आतंकी के मारे जाने की खबर है। श्रीनगर में वारदातों को अंजाम देने के बाद आतंकियों ने यह बड़ी घटना की है।

जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर के सूरनकोट में यह घटना हुई है। गश्त पर निकले जवानों पर जब हमला हुआ तो वहां मुठभेड़ शुरू हो गयी जिसमें 5 जवान शहीद हो गए। इनमें एक जेसीओ और 4 जवान हैं। आज ही सुबह अनंतनाग और बांदीपोरा में एक अलग मुठभेड़ में दो आतंकियों को सुरक्षा बलों ने ढेर कर दिया था। वहां 4-5 आतंकियों के छिपे होने की खबर है।

जवानों की यह शहादत उस समय हुई, जब सेना की एक टुकड़ी इलाके में आतंकवादियों के खिलाफ अभियान चला रही थी। इसी दौरान इलाके में छिपे आतंकियों ने घात लगाकर जवानों पर हमला कर दिया। इसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। सेना के एक प्रवक्ता के मुताबिक सूचना के आधार पर सेना ने सुबह जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के सुरनकोट अधिकार क्षेत्र में गांवों में घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया था।

प्रवक्ता ने बताया कि पुंछ में आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान सेना के एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर (जेसीओ) और 4 जवान गंभीर रूप से घायल हो गए।

लखीमपुर हत्याकांड में मुख्य आरोपी आशीष गिरफ्तार

लखीमपुर खीरी में किसानों को वाहन से कुचलकर मार देने की घटना में मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को गिरफ्तार कर   लिया गया है। आशीष से इस मामले में लगातार 12 घंटे तक पूछताछ की गयी जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। कांग्रेस, संयुक्त किसान मोर्चा और अन्य विपक्ष दल लगातार इस मामले में दबाव बनाए हुए थे।

आशीष पूछताछ के लिए सुबह लखीमपुर खीरी में क्राइम ब्रांच दफ्तर पहुंच गए जिसके बाद उनसे लगातार पूछताछ हुई। मुख्य आरोपी का कलमबद्ध ब्यान दर्ज करने के लिए वहां पुलिस अधिकारियों के अलावा मजिस्ट्रेट भी उपस्थित रहे। बता दें किसानों के हत्याकांड मामले में आशीष मिश्रा के खिलाफ धारा 302 जैसी गंभीर धाराएं लगाई गयी हैं।

क्राइम ब्रांच के दफ्तर के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए थे। आशीष के घर पेशी के लिए पुलिस को दो बार नोटिस चस्पा करना पड़ा था। हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा पर किसानों को कुचलने का आरोप है। केंद्रीय मंत्री अपने बेटे को इस मामले में निर्दोष बताते रहे हैं। उधर आशीष के समर्थक आज बाहर बड़ी संख्या में मौजूद रहे। आशीष के वकील और मंत्री पिता भी साथ थे।

बता दें आशीष को सुबह 11 बजे पेश होना था, लेकिन वह करीब 20 मिनट पहले ही क्राइम ब्रांच के दफ्तर पहुंच गया था। पहले मीडिया में आशीष मिश्रा के फरार होने की रिपोर्ट्स भी आई थीं। उसके वकील ने आज बताया कि आशीष मिश्रा तय समय पर पुलिस के सामने पेश होंगे। पहले अजय मिश्रा ने अपने बेटे को ‘निर्दोष’ बताते हुए शुक्रवार को उसके ‘अस्वस्थ’ होने की बात कही थी।

इस बीच सीएम योगी ने कहा कि किसी को भी कानून हाथ में लेने की छूट नहीं है।  लेकिन ‘किसी दबाव में भी कोई कार्रवाई नहीं होगी’। योगी ने कहा, ‘लखीमपुर खीरी की घटना दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार उसकी तह तक जा रही है। लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है, जब कानून सबको सुरक्षा प्रदान करने की गारंटी दे रहा है, तो किसी को भी अपने हाथ में कानून लेने का अधिकार नहीं है, चाहे वह कोई भी हो।’

संयुक्त किसान मोर्चा की 12 को तिकुनिया में शहीद किसानों के लिए होगी अंतिम अरदास

संयुक्त किसान मोर्चा ने 12 अक्टूबर को तिकुनिया में शहीद किसानों की अंतिम अरदास करने और 5 शहीदों की अस्थि कलश यात्रा देश भर में ले जाने का ऐलान किया है। इसके अलावा  15 अक्टूबर को दशहरा पर मोदी और शाह का पुतला दहन करने और 18 अक्टूबर को देशव्यापी रेल रोको की भी घोषणा की है। किसान मोर्चा 26 अक्टूबर को लखनऊ में महापंचायत करेगा।

एक साझी प्रेस कांफ्रेंस में संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने इसकी घोषणा की है। किसान मोर्चा के ऐलान के बाद अब उत्तर प्रदेश और देश भर में लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में किसानों की मौत का मामला गरमा गया है। किसान संगठनों के नेताओं ने  केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी और  अजय मिश्रा को केबिनेट से हटाने की मांग की है।
मोर्चा ने कहा कि 12 अक्टूबर को देशभर के किसान लखीमपुर खीरी पहुंचेंगे और  लखनऊ में 26 को महापंचायत भी की जाएगी। किसान नेता दर्शनपाल ने शनिवार को कहा कि घटना में किसान शहीद हुए हैं और किसान मोर्चा अंत तक लड़ाई लड़ेगा। उन्होंने गृह राज्य मंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा – ‘उन्होंने (अजय मिश्रा) आतंक का माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं और लखीमपुर में पंजाबी किसानों की जान को गंभीर खतरा है।

किसान नेता योगेंद्र यादव ने भी इस मौके पर कहा – ‘पहले कार्यक्रम के तहत 12 को  को शहद किसानों और पत्रकार के लिए हम लखीमपुर के तिकोनिया में अंतिम अरदास करेंगे। देशभर के किसान 12 तारीख़ को लखीमपुर  पहुंचेंगे। लखीमपुर की घटना जलियांवाला बाग से कम नहीं है। हम देश के तमाम नागरिक संगठनों से आग्रह करते हैं कि वो अपने शहरों में कैंडल मार्च निकालें। हम पूरे देश के नागरिकों से अपील करते हैं कि शाम 8 बजे अपने घरों पर मोमबत्ती जलाएं।’

यादव ने कहा कि 12 को लखीमपुर से अस्थि कलश यात्रा यूपी में शुरू होकर हर राज्य में जाएगी और अस्थि विसर्जन किया जाएगा। कहा कि 15 अक्टूबर को दशहरा है सभी किसान प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह का पुतला दहन करेंगे जबकि 18 को रेल रोकेंगे और 26 को लखनऊ में बहुत बड़ी महापंचायत की जाएगी।

किसान नेता जोगिंदर उग्राहां ने इस  मौके पर कहा – ‘हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण चल रहा है। हमें खालिस्तानी कहा गया, आतंकवादी कहा गया, लेकिन 3 महीने से भाजपा  सरकार हिंसा पर उतर आई है। उनके सीएम खट्टर का बयान सुनिए। करनाल में किसानों पर लाठियां बरसाई गईं। लेकिन हम कतई हिंसा नहीं करेंगे। हम सहेंगे और संघर्ष करते रहेंगे।’

लखीमपुर घटना के आरोपी आशीष मिश्रा के पेश होने के बाद सिद्धू ने ख़त्म किया अपना अनशन

पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने शनिवार को दो दिन पुराना अपना अनशन तब ख़त्म कर दिया जब लखीमपुर खीरी हिंसा मामल के मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा आज सुबह लखीमपुर में क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के सामने पूछताछ के लिए हाजिर हो गए।

बता दें आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सिद्धू ने 3 अक्टूबर की हिंसा में मारे गए पत्रकार रमन कश्यप के लखीमपुर आवास पर शुक्रवार को मौन धारण कर लिया था। सिद्धू ने घटना के मुख्य आरोपी गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी तक मौन धारण कर अनशन की घोषणा कर दी थी।

सिद्धू के साथ पंजाब कांग्रेस के अलावा दूसरे राज्यों के पार्टी नेता और कार्यकर्ता भी उपस्थित हैं। सिद्धू कल टिन शेड के नीचे तख्त पर लेते रहे। सिद्धू को मनाने की अफसरों की कोशिश भी नाकाम रही। इससे पहले सिद्धू, पंजाब के लोक निर्माण मंत्री विजय इंदर सिंगला, विधायकों राजकुमार चब्बेवाल, कुलजीत सिंह नागरा, रविंदर सिंह और मदनलाल जलालपुर के अलावा कांग्रेस नेताओं गुरदीप सिंह, गौरव  संधू और ओएसडी सुमित सिंह के साथ रमन कश्यप के घर पहुंचे।

पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सिद्धू ने करीब आधा घंटा रमन की पत्नी, माता-पिता और भाइयों से बात की और घटना और तमाम हालात की जानकारी ली। उन्होंने परिजनों को सांत्वना दी और मदद का भरोसा भी दिलाया। इसके तुरंत बाद जैसे ही सिद्धू दिवंगत पत्रकार के घर से बाहर निकले वो वहीं एक वहीं टिनशेड के नीचे पड़े फट्टे (तख्ते) पर धरना देकर बैठ गए और बाद में मूंदकर लेट गए।

इससे पहले उन्होंने घोषणा की कि जब तक तिकुनिया मामले में गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के इस्तीफे और उनके बेटे आशीष मिश्र की गिरफ्तारी होने तक वे मौन अनशन कर बैठे रहेंगे। उनके इस ऐलान से अफसरों के हाथ-पैर फूल गए और वहां उपस्थित लखनऊ के आईपीएस अफसर सुनील कुमार सिंह, गोला एसडीएम अखिलेश यादव और निघासन एसडीएम ओमप्रकाश गुप्ता सिद्धू को मनाने की पूरी कोशिश के लेकिन वो नहीं माने। सिद्धू तख्त पर लेट गए जिसके बाद दिवंगत पत्रकार के परिजनों ने वहां एक चद्दर बिछा दी और पंखा लगा दिया।