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छत्तीसगढ़ के सीएम बघेल राहुल से मिले, पंजाब संगठन को लेकर रावत की सोनिया से मुलाकात

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज पार्टी नेता राहुल गांधी से मिले हैं। पिछले दो दिन में उनकी राहुल गांधी से दूसरी मुलाकात के बाद चर्चा है कि सीएम के रूप में बेहतर कामकाज और अच्छी छवि के बावजूद चुनाव के बाद हुए फैसले के मुताबिक अब बघेल की जगह टीएस सिंहदेव को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है, हालांकि, बघेल ने कहा है कि ‘सरकार के सभी विधायक एकजुट हैं’। उधर पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने राज्य कांग्रेस में चल रहे नए घटनाक्रम को लेकर आज अध्यक्ष सोनिया गांधी को रिपोर्ट दी है।

पहले बात छत्तीसगढ़ की। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज दोपहर पार्टी नेता राहुल गांधी से मुलाकात की। ऐसा माना जाता है कि जब 2018 के आखिर में कांग्रेस राज्य सत्ता में आई थी तो भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव को आधे-आधे काल के लिए मुख्यमंत्री बनाने की बात हुई थी क्योंकि देव भी सीएम पद के मजबूत दावेदार थे। हालांकि, पिछले करीब ढाई साल में बघेल ने बेहतर काम से अपनी छवि इतनी अच्छी बना ली कि उनके समर्थक विधायक मानते हैं कि उन्हें मुख्यमंत्री बने रहना देना चाहिए।

हालांकि, चुनाव वाद हुए फैसले को लेकर देव मुख्यमंत्री पद पर अपना दावा जाता रहे हैं। उनके साथ कुछ विधायक भी हैं। अब स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव दिल्ली में डटे हुए हैं। बघेल भी दिल्ली में हैं। सोनिया गांधी से तो उनकी मुलाकात नहीं हुई है लेकिन सभी विधायकों को पार्टी के ताकतवर महासचिव केसी वेणुगोपाल से मिलने को कहा गया है। बघेल की आज जब राहुल गांधी की मुलाकात हुई तो महासचिव प्रियंका गांधी भी वहां उपस्थित थीं।

वेणुगोपाल विधायकों की बात सुनेंगे और संभवता यह तय होगा कि पार्टी के ही बीच  सत्ता हस्तांतरण कैसे होगा। बघेल खेमा अभी भी अपने नेता को ही मुख्यमंत्री पर जोर दे रहा है। बघेल खेमा अपने साथ 50 से ज्यादा विधायक होने का दावा कर रहा है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रभारी पीएल पुनिया भी सक्रिय हैं। कहा जाता है कि उनकी उपस्थिति में 50 से ज्यादा विधायकों ने हस्ताक्षर करके बघेल को सीएम बनाए रखने की मांग वाला एक पत्र तैयार किया है।

दिल्ली में चर्चा है कि बेहतर काम के बावजूद बघेल की जगह पार्टी टीएस सिंहदेव को मुख्यमंत्री बना दे। हालाँकि, बघेल पद नहीं छोड़ना चाहते हैं। अभी बैठकों का दौर चल रहा है और जल्दी ही कोई फैसला सामने आने की संभावना है।

उधर पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने आज दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। उन्होंने पंजाब में पार्टी में चल रहे घटनाक्रम पर गांधी को रिपोर्ट दी। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह में तनातनी जारी है। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी की इस लड़ाई को लेकर आलाकमान चिंता में है। प्रभारी हरीश रावत आलाकमान के निर्देश के बाद दोनों गुटों में शान्ति बनाने की जी-तोड़ कोशिश कर रहे हैं। उनकी  सिद्धू और कैप्टेन से बैठक हुई है।

अब आज हरीश रावत अध्यक्ष सोनिया गांधी से दिल्ली में मिले हैं। पंजाब के घटनाक्रम पर राज्य के कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने सोनिया गांधी को जानकारी

केंद्र ने ‘संविधान का निर्माण’, ‘चित्रंजलि @ 75’ प्रदर्शनियों का उद्घाटन किया

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और जी कृष्णा रेडी ने आज नैशनल मीडिया सेंटर में आयोजित अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत चित्र प्रदर्शनी और चित्रांजली @ 75 वर्चुअल फ़िल्म पोस्टर प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।

ग़ौरतलब है कि संविधान के 75 वर्ष पूरे होने के जश्न पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 23 अगस्त से 29 अगस्त तक आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया है।ये आयोजन मंत्रालय के आइकॉनिक वीकसमारोह के तहत किए जाएंगे।

इस महोत्सव के तहत स्वतंत्रता संग्राम के मूल्यों और गौरव के साथ युवा, नए और प्रतिष्ठित भारतकी आकांक्षाओं और सपनों को प्रदर्शित किया जा रहा है

कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि फोटो प्रदर्शनी का उद्देश्य लोगों कोसंविधान निर्माण के बारे में जानकारी देना है। ये प्रदर्शनी केवल देश के युवाओं को संविधान के बारे में जानने के लिए प्रोत्साहित करेगी बल्कि उन्हें उनके अधिकारों के बारे में शिक्षित करेगी और साथ ही उन्हें राष्ट्र के प्रति उनके कर्तव्यों की भावना से अवगत कराएगी।

कार्यक्रम में बोलते हुए– “केंद्रीय मंत्री जी किशनरेड्डी ने कहा-” चित्रंजलि@75 लोगों को हमारे स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा किए गए बलिदानों की याद दिलाएगा। यह हमारी फिल्मों को हमारी सांस्कृतिक विरासत के हिस्से के रूप में देखने का एक अवसर है। भारतीय फिल्मों के पास भारत की सॉफ्ट पावर को आगे बढ़ाने का एक अनूठा अवसर है। मुझे विश्वास है कि फोटो और पोस्टर प्रदर्शनी देश के युवाओं को प्रेरित और उत्साहित करेगी।

अमिताभ की सुरक्षा में लगे हेड कांस्टेबल को डेढ़ करोड़ सालाना, हुई कार्रवाई

मेगास्टार अमिताभ बच्चन के बॉडीगार्ड रहे मुंबई पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल जितेंद्र शिंदे अपनी कमाई को लेकर चर्चा में हैं। उनकी फीस की जानकारी मिलने पर अब पुलिस कमिश्नर हेमंत नगराले ने शिंदे का तबादला कर दिया है। जितेंद्र पर आरोप लगाया गया है कि अमिताभ बच्चन उनको सालाना 1.5 करोड़ रुपये बतौर तनख्वाह देते थे।

जैसे ही इसकी जानकारी आला अफसरों को मिली तो जितेंद्र शिंदे के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू करा दी गई है। शिंदे 2015 से अमिताभ के साथ सुरक्षा में लगे हुए हैं। चर्चा यह भी है कि वे अपनी निजी सुरक्षा एजेंसी भी चलाते हैं। यह खबर कुछ लोगों को हजम नहीं हुई और इसकी शिकायत आला अफसरों तक पहुंचाई, जिसके बाद मुंबई के पुलिस कमिश्नर में इस पर कार्रवाई की है। उनको बच्चन की सुरक्षा से हटा दिया गया है।

मुंबई में पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले ने पदभार संभालने के साथ ही फरमान जारी किया था कि कोई भी पुलिसकर्मी एक पद पर, एक पुलिस स्टेशन में चार साल से अधिक समय तक नहीं रह सकता है। विभाग का कहना है कि इसी नियम के तहत शिंदे का तबादला डीबी मार्ग पुलिस स्टेशन में कर दिया गया। पेमेंट के भुगतान को लेकर अमिताभ बच्चन के अकाउंट डिपार्टमेंट से भी जानकारी मांगी जा सकती है। हालांकि शिंदे ने डेढ़ करोड़ रुपये सालाना लेने की खबर को सही नहीं बताया है।

जितेंद्र शिंदे हमेशा अमिताभ बच्चन के साथ परछाईं की तरह नजर आते थे। कुछ समय पहले अचानक उनकी सैलरी को लेकर सोशल मीडिया में चर्चा शुरू हुई और यह कहा जाने लगा कि शिंदे की सैलरी किसी बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनी के सीईओ से भी ज्यादा है। चर्चा रही कि हेड कांस्टेबल हर महीने 12 लाख रुपये अमिताभ से लेते थे, इसके अलावा उन्हें सरकारी सैलरी भी नियमित रूप से मिल रही थी।

जानकारी के अनुसार, शिंदे को इतने ज्यादा रकम देने की वजह यह थी कि वे बच्चन परिवार को अपनी प्राइवेट सिक्योरिटी भी मुहैया कराते थे। शिंदे ने जाने-माने अमेरिकी अभिनेता और निर्माता एलिजा वुड को भारत आने पर सुरक्षा प्रदान की थी। कांस्टेबल जितेंद्र शिंदे को अब मुंबई पुलिस से जोड़ दिया गया है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शिंदे ने पुलिस को बताया कि उनकी पत्नी सिक्योरिटी एजेंसी चलाती हैं, जिसके जरिए वे कई सेलेब्स को सुरक्षा प्रदान करते हैं। शिंदे ने इस बात से साफ इनकार किया है कि अमिताभ बच्चन उन्हें 1.5 करोड़ रुपये बतौर वेतन देते हैं। अब राज्य सरकार इस बात की जांच कर रही है कि क्या शिंदे ने अपनी दूसरी कमाई की जानकारी प्रशासन को दी थी और क्या वे किसी दूसरी जगह से पैसा तो नहीं कमाते थे। महाराष्ट्र के सेवा नियमों के अनुसार, एक सरकारी कर्मचारी दो प्रतिष्ठानों से वेतन स्वीकार नहीं कर सकता है।

काबुल के धमाकों में मरने वालों की संख्या 100 के पार पहुंची; बाइडन बोले हमले का बदला लिया जाएगा  

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में गुरुवार की रात हुए बम धमाकों में मरने वालों की संख्या 108 पहुँच गयी है। अभी भी 200 से ज्यादा लोग अस्पतालों में ज़िंदगी की जंग लड़ रहे हैं। धमाकों, जिसकी जिम्मेवारी आइएसके ने ली है, में जान गंवाने वाले 13 अमेरिकी सैनिकों और 95 अफगानी और अन्य लोगों के शव ब्लास्ट वाली जगह से निकाल लिए गए हैं। धमाकों के एक दिन बाद दोबारा अफगानिस्तान से बाहर जाने वालों की बड़ी भीड़ एयर पोर्ट के बाहर दिखाई देने लगी है। उधर काबुल में और धमाके होने का अलर्ट भी जारी किया गया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक बम धमाकों में मरने वालों की संख्या बढ़ रही है और अब तक 108 लोगों की जान जाने की पुष्टि हो चुकी है। ब्लास्ट्स में 200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं और उनका अस्पतालों में इलाज चल रहा। विपक्ष की तरफ से हमले झेल रहे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने हमले में अमेरिकी सैनिकों की मौत पर गहरा शोक जताते हुए है शुक्रवार को कहा – ‘हम हमले में शामिल लोगों को छोड़ेंगे नहीं। इसका बदला लिया जाएगा और उन्हें ढूंढ़ कर ख़त्म कर दिया जाएगा।’ अमेरिका में इन सैनिकों की शहादत पर उनके सम्मान में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुकाकर रखा गया है।

इस बीच धमाकों के एक दिन बाद शुक्रवार से अफगानिस्तान से निकासी उड़ानें फिर से शुरू हो गईं हैं। शुक्रवार सुबह से कई विमान उड़ान भर चुके हैं। अमेरिका ने इस के बाद और भी हमलों की आशंका जताई है और कल ही अपने देश के नागरिकों को एयरपोर्ट से दूर रहने को कहा था। अमेरिका का कहना है कि देश के सबसे लंबे युद्ध को समाप्त करने के लिए विदेशी सैनिकों की वापसी की मंगलवार की समय सीमा से पहले और हमले की आशंका है। रिपोर्ट्स के मुताबिक गुरुवार के धमाकों में जो लोग मरे हैं उनमें 28 तालिबानी लड़ाके भी शामिल हैं।

उधर यूएस सेंट्रल कमांड के प्रमुख जनरल फ्रैंक मैकेंजी ने आज कहा – ‘इस्लामिक स्टेट की तरफ से और हमले किए जाने की रिपोर्ट्स पर अमेरिकी कमांडर अलर्ट पर हैं। इसमें रॉकेट और वाहन के जरिए बम धमाके की आशंका है, ताकि एयरपोर्ट को निशाना बनाया जा सके। हम तैयार रहने के लिए वो हर काम कर रहे हैं, जिसकी जरूरत है। कुछ खुफिया जानकारी तालिबान की तरफ से साझा की गई हैं। कुछ हमले तालिबान ने होने से रोके भी हैं।’

दिल्ली सरकार शुरू करेगी ‘देश का मेंटोर’ प्रोग्राम, सोनू सूद होंगे ब्रांड एंबेसडर

बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद ने शुक्रवार को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ प्रेस वार्ता की जिसके दौरान बताया गया  कि दिल्ली सरकार ‘देश का मेंटॉर’ नाम से एक कार्यक्रम शुरू कर रही है जिसके ब्रांड एंबेसडर सोनू सूद होंगे।

केजरीवाल ने बताया कि यह कार्यक्रम सितंबर मध्य तक शुरू हो सकता है। सोनू सूद ने कोरोना संकट के दौरान आम लोगों की बेहद मदद की थी। जिसकी देशभर में सराहना भी हुई हैं।

प्रेस वार्ता के दौरान  जब सोनू सूद से राजनीति में उनकी एंट्री को लेकर सवाल किए गए तो उन्होंने कहा कि, हमारे बीच किसी भी प्रकार की पॉलिटिक्स डिस्कस नहीं हुई। हालांकि लोग अक्सर राजनीति में आने के लिए बोलते है लेकिन अभी इस प्रकार की कोई भी बात नहीं हुई।“

इसी के साथ, दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने कहा कि, “अभी किसी भी प्रकार  की राजनीति की चर्चा सोनू सूद से नहीं हुई है। लेकिन जो काम बाकी सरकारे नहीं कर पाए वो काम सोनू सूद ने करके दिखाया है और यह वाकई तारीफ के काबिल है।

उन्होंने आगे कहा यदि देश में कहीं भी कोई भी परेशान होता है तो वे मदद के लिए सीधे सोनू को फोन लगाता है। खुशी की बात यह है कि ‘देश के मेंटोर’ कार्यक्रम प्रोग्राम के ब्रांड एंबेसडर बनने के लिए सोनू तैयार हो गए है। जो कि  नवंबर में लांच किया जाएगा।

इस ‘देश के मेंटोर’ कार्यक्रम प्रोग्राम में बच्चों को उनके भविष्य से संबंधित गाइडेंस दी जाऐगी।

काबुल एयरपोर्ट के बाहर ब्लास्ट, 40 लोगों के मरने की आशंका

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के बाहर दो ब्लास्ट हुए हैं। इनमें कम से कम 40 लोग मारे गए हैं जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हुए  की हालत गंभीर है। पेंटागन ने भी इन ब्लास्ट की पुष्टि की है और इसे आत्मघाती हमला बताया है जबकि एक बंदूकधारी ने भी गोलियां चलाई हैं। आशंका जताई जा रही है कि इन ब्लास्ट के पीछे आईएस का हाथ हो सकता है, हालांकि, इसकी अभी कोई पुष्टि नहीं हुई है।
रूस की मीडिया रिपोर्ट्स में कम से कम 40 लोगों के मारे जाने की बात कही गयी है, जिनमें अमेरिका के चार सैनिक (मरीन कमांडो) भी शामिल हैं। किसी भारतीय के ब्लास्ट में घायल होने की जानकारी नहीं है। तालिबान ने इसे ‘आतंकी हमला’ बताते हुए हमले की निंदा की है। इस घटना के बाद फ्रांस ने अपने दूतावास को बंद करते हुए अधिकारियों और कर्मचारियों को वापस बुला लिया है।
अमेरिका में पेंटागन के प्रवक्ता ने इस ब्लास्ट की पुष्टि करते हुए कहा है कि यह ब्लास्ट काबुल एयरपोर्ट के बाहर हुए हैं। पहला विस्फोट काबुल एयरपोर्ट के एबे गेट पर हुआ, जबकि दूसरा ब्लास्ट बरून होटल के पास हुआ है।
कुछ टीवी फुटेज में एयरपोर्ट के बाहर धुंए के गुब्बार उठते देखे गए हैं। पेंटागन के मुताबिक यह ब्लास्ट एयरपोर्ट के एब्बे गेट के नजदीक हुआ है। अमेरिका के नागरिक और सैनिक (मरीन कमांडो) भी शामिल हैं। तालिबान ने इसे ‘आतंकी हमला’ बताते हुए हमले की निंदा की है।
रिपोर्ट्स में इस ब्लास्ट में 40 लोगों के मरने की बात कही गयी है जिनकी संख्या और ज्यादा हो सकती है। इनमें बच्चे भी शामिल हैं। तालिबान के प्रवक्ता ज़ब्बीउल्लाह ने इसे ‘आतंकी हमला’ बताया है। तालिबान ने कहा कि उसने अमेरिकी सेना को इस खतरे को लेकर पहले ही आगाह किया था।
अमेरिका के अधिकारियों ने काबुल एयरपोर्ट पर अपने देश के लोगों को जाने से बचने की लिए कहा है। आशंका जताई जा रही है कि इन  ब्लास्ट के पीछे आईएसआईएस का हाथ हो सकता है, हालांकि, इसकी अभी कोई पुष्टि नहीं की है।

हामिद करजई और अब्दुल्ला अब्दुल्ला  को नजरबंद किए जाने का दावा

अफगानिस्तान में तालिबान का राज कायम होने के बाद से रोजाना नया कलेवर देखने को मिल रहा है। एक ओर जहां तालिबान के बदलाव की बात कही जा रही है तो दूसरी ओर उसकी कार्रवाई से शंका भी पैदा हो रही है। उसने भारत और पाकिस्तान को लेकर भी अपनी राय जाहिर की है।
पाकिस्तान और चीन तो शुरू से ही साथ हैं। ईरान ने तो अपना व्यापार बंद ही नहीं किया और अब सामान्य हालात में पहुंचने की बात कही है। तेल की आपूर्ति पहले ही शुरू कर चुका है। अब ताजा खबर जो अमेरिकी एजेंसियों के हवाले से सामने आ रही है उसने चौंका दिया और तालिबान को लेकर फिर से पुराने किस्से याद आने लगे हैं।
कुछ समय पहले तक तालिबान जिन नेताओं के साथ बातचीत के जिरये शांति की ओर जाने की बात कर रहा था, उन्हें ही प्रभावी तौर पर नजरबंद किया जा रहा है। अमेरिकी मीडिया ग्रुप सीएनएन ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि तालिबान ने पूर्व अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई और विपक्ष के पूर्व मुखिया अब्दुल्ला-अब्दुल्ला से सारी सुरक्षाएं छीन ली हैं और उन्हें घर में ही नजरबंद कर दिया गया है।
अफगानिस्तान में तालिबान और वहां की सरकार के बीच बातचीत कराने में अहम भूमिका निभा रहे राष्ट्रीय सुलह परिषद के एक अधिकारी ने बताया कि सोमवार को आतंकियों ने करजई की हथियारबंद सुरक्षा टीम के सभी हथियार और गाड़ियां छीन लीं। इतना ही नहीं, तालिबान ने बाद में अब्दुल्ला-अब्दुल्ला के घर पर भी छापेमारी की और उनकी सुरक्षा और गाड़ियां भी जब्त कर ली गई हैं।
इस बीच, ज्यादातर जेलों में बंद तालिबानी नेताओं और कार्यकर्ताओं को रिहा कर दिया गया है। इसके बाद यूरोपीय देशों  ने आतंकी हमले का अलर्ट जारी कर दिया है। काबुल एयरपोर्ट पर भी हमले की आशंका जताई जा रही है। इसके लिए बचाव अभियान रोकने की बात भी कई देश कर चुके हैं। इनमें पोलैंड ने विदेशियों को ले जाने का अभियान बंद कर दिया है। नीदरलैंड और हंगरी ने भी जल्द बंद करने का ऐलान किया है। ब्रिटेन और अमेरिका भी 31 अगस्त तक इसे बंद करने वाले हैं। इससे पहले ही वहां पर खास सतर्कता बरती जा रही है।
बता दें कि पिछले ही हफ्ते तालिबान के प्रवक्ता ने कहा था कि उनका संगठन अफगानिस्तान में समावेशी सरकार चाहता है। तबसे तालिबान ने करजई से लेकर अब्दुल्ला तक से बात की थी। ये दोनों नेता तालिबान से बातचीत के लिए पिछले कई दिनों से काबुल में ही ठहरे थे। इससे पहले दोहा में भी ये वार्ताओं पर शिरकत कर चुके हैं।  दोनों पक्षों की चर्चा के बाद अब्दुल्ला ने तो यहां तक कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि तालिबान सभी को साथ लेकर चलने वाली सरकार का गठन करेगा। लेकिन दिन बीतने के साथ ही तालिबान अपने असली रूप में सामने आ रहा है।

अफगानिस्तान के पूर्व आईटी मंत्री जर्मनी में कर रहे पिज्जा डिलीवरी

अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन के बाद तालिबान के राज में यूंतो कई बदलाव देखने को मिल रहे हैं। इस बीच, पूर्व के मंत्री और सेना संभालने वालों की अलग-अलग तरह की खबरें आ रही हैं। इस बीच, अफगानिस्तान के पूर्व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री सैयद अहमद शाह सआदत जर्मनी में पिज्जा की डिलीवरी करते देखे जा रहे हैं। पिज्जा कंपनी की यूनिफॉर्म पहने हुए वह जर्मन शहर लीपजिग में साइकिल से पिज्जा को घर-घर पहुंचा रहे हैं।

सआदत को अफगानिस्तानम में आईटी मंत्री रहते हुए मोबाइल फोन नेटवर्क को बढ़ावा दिए जाने के तौर पर जाना जाता है। बाद में वे अफगानिस्तान छोड़कर जर्मनी पहुंच गए। खाड़ी के चैनल अलजजीरा को सआदत ने बताया कि उन्होंने पिछले साल ही सूचना मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके और राष्ट्रपति अशरफ गनी के बीच कई मसलों पर मतभेद थे। इस्तीफा देकर कुछ समय वे देश में ही रहे, लेकिन बाद में जर्मनी चले आए।

पूर्व आईटी मंऋी ने बताया कि शुरुआत में सब अच्छे से चलता रहा, लेकिन पैसे की कमी होने के बाद उन्होंने पिज्जा डिलीवरी ब्वाॅय बनना पसंद किया। उनका कहना है कि कोई भी काम हो, उसे करना शर्म की बात नहीं है।

तालिबान ने किया नई सरकार का गठन

इस बीच, तालिबान ने मंगलवार को अपनी अंतरिम सरकार के कई मंत्रियों का ऐलान किया है। खास बात यह है कि संगठन ने किसी समय तालिबान के कट्टर विरोधी रहे गुल आगा शेरजई को वित्तमंत्री नियुक्त किया है। शेरजई पहले कंधार और फिर नंगरहार के गवर्नर रह चुके हैं।

इसके अलावा हामिद करजई और अब्दुल्ला अब्दुल्ला को भी जगह दी गई है। मुल्ला सखाउल्लाह को कार्यवाहक शिक्षा मंत्री और अब्दुल बारी को उच्च शिक्षा मंत्री बनाया है। सद्र इब्राहिम को गृह मंत्री बनाया गया है। वहीं, मुल्ला शिरीन को काबुल का गवर्नर और हमदुल्ला नोमानी को काबुल का मेयर नियुक्त किया गया है।

राहुल गांधी का आरोप, 70 साल में बनी देश की पूंजी बेच रहे मोदी ; एनएमपी से बेरोजगारी पैदा होगी  

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार शाम मोदी सरकार पर अब तक के सबसे सख्त हमले में आरोप लगाया है पीएम देश के संसाधनों को बेच रहे हैं। एक दिन पहले ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार की राष्ट्रीय मौद्रीकरण योजना (एनएमपी) नीति की घोषणा की थी। अब राहुल गांधी ने इसका सख्त विरोध करते हुए देश के युवाओं को चेताया है कि इससे उनके बेरोजगार होने का रास्ता खुलेगा।

एक प्रेस कांफ्रेंस को सम्बोधित करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि इस योजना के जरिए मोदी सरकार देश के सरकारी संसाधानों को बेचने की तैयारी कर चुकी है। उन्होंने कहा कि भाजपा कहती रही है कि पिछले 70 साल में देश में कुछ नहीं हुआ लेकिन अब मोदी सरकार 70 साल में देश में जो पूंजी बनी, मोदी सरकार उसे बेच रही है।

गांधी ने कहा – ‘मोदी सरकार ने 1.6 लाख करोड़ का रोडवेज बेच दिया। देश की रीढ़ कही जाने वाली रेलवे को 1.5 लाख करोड़ में बेच दिया। गेल की पाइप लाइन, पेट्रोलियम की पाइपलाइन, बीएसएनल और एमटीएनल को भी केंद्र ने बेच दिया।  वेयरहाउसिंग को भी केंद्र सरकार बेच रही है।’

राहुल गांधी ने कहा – ‘रेलवे को निजी हाथों में बेचा जा रहा है। पीएम सबकुछ बेच रहे हैं। भाजपा का नारा था कि 70 साल में कुछ नहीं हुआ। कल वित्त मंत्री ने देश में जो भी 70 वर्षों में बना, उसे बेच दिया। देश के युवाओं से केंद्र ने रोजगार छीना, कोरोना में मदद नहीं की, किसानों के लिए तीन कृषक कानून बनाए जिससे किसानों का भविष्य खतरे में है।’

कांग्रेस नेता ने कहा कि रेलवे देश की रीढ़ है। गरीब आदमी एक शहर से दूसरे शहर रेलवे के बिना सफर नहीं कर सकता है। करीब 1.50 लाख करोड़ रुपये रेलवे, 400 स्टेशन, 150 ट्रेनें और रेलवे ट्रैक सरकार बेच रही है।’ रेलवे कर्मचारियों को अगाह करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अगर ये रेलवे से छीनकर प्राइवेट कंपनी को दिया जाएगा तो आपका रोजगार भी खतरे में पड़ जाएगा।

राष्ट्रीय मौद्रीकरण योजना को लेकर राहुल गांधी ने आज सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने सब कुछ बेच दिया। केंद्र सरकार ने युवाओं के हाथों से रोजगार छीन लिया। मोदी अपने मित्रों की मदद कर रहे हैं।’
गांधी ने सवाल किया कि सड़क मार्ग, रेलवे, बिजली क्षेत्र, पेट्रोलियम पाइप लाइन, टेलिकॉम, वेयरहाउसिंग, खनन, एयरपोर्ट, पोर्ट, स्टेडियम ये सब किसको जा रहा है? इन सबको बनाने में 70 साल लगे हैं। ये तीन-चार लोगों को दिया जा रहा है। युवाओ आपका भविष्य बेचा जा रहा है। तीन-चार लोगों को तोहफे में दिया जा रहा है।

राहुल ने आंकड़ों के साथ दावा किया कि सरकार ने 400 स्टेशन, 150 ट्रेनें, पावर ट्रांसमिशन का नेटवर्क, पेट्रोलियम का नेटवर्क, सरकारी गोदामों, 25 एयरपोर्ट और 160 कोयला खदानों को बेच दिया। ईस्ट इंडिया कंपनी के समय भी एकाधिकार था।  हम गुलामी की तरफ बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा – ‘हम निजीकरण के खिलाफ नहीं है। हमारा निजीकरण तार्किक था।  घाटे वाली कंपनी का निजीकरण करते थे न कि रेलवे जैसी महत्वपूर्ण विभाग की। अब निजीकरण मोनोपोली बनाने के लिए किया जा रहा है। मोनोपॉली से रोजगार मिलना बंद हो जाएगा।’

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने इस मौके पर कहा कि सरकार बिना किसी लक्ष्य और पैमाना तय किए इतना बड़ा फैसला कर लिया। किसी से चर्चा भी नहीं की गई। नीति आयोग में सब कुछ तय हो गया। इस कार्यवाही के बाद सार्वजनिक क्षेत्र नहीं बचेगा।  उन्होंने कहा – ‘वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इससे 6 लाख करोड़ जुटाने की बात कही है। जबकि प्रधानमंत्री ने बीते तीन स्वतंत्रता दिवस को 100 लाख करोड़ के इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन की घोषणा कर चुके हैं। यह घोटाला है।’

याद रहे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को छह लाख करोड़ रुपये की ने एनएमपी की घोषणा की थी जिसके तहत यात्री ट्रेन, रेलवे स्टेशन से लेकर हवाई अड्डे, सड़कें और स्टेडियम का मुद्रीकरण शामिल हैं। इन बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में निजी कंपनियों को शामिल करते हुए संसाधन जुटाए जाएंगे और संपत्तियों का विकास किया जायेगा। निजी निवेश हासिल करने के लिए चेन्नई, भोपाल, वाराणसी और वडोदरा सहित भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (एएआई) के करीब 25 हवाई अड्डे, 40 रेलवे स्टेशनों, 15 रेलवे स्टेडियम और कई रेलवे कॉलोनी की पहचान की गयी है।  इन्हें निजी क्षेत्र के निवेश से विकसित किया जाएगा।

यूक्रेन का प्लेन काबुल से हाईजैक, मंत्री का दावा; 83 लोग हैं सवार

यूक्रेन के एक मंत्री ने दावा किया है कि लोगों को बचाने के लिए काबुल गए उसके एक प्लेन को हाईजैक कर लिया गया है। प्लेन में 83 लोग सवार थे। यह प्लेन लोगों को लेने के लिए काबुल गया था।
मंत्री के मुताबिक यह घटना रविवार की है। प्लेन में 83 लोग सवार थे। काबुल में यह प्लीन यूक्रेन के लोगों को लेने पहुंचा था। उनके मुताबिक प्लेन को ईरान की तरफ ले जाय गया है।
यूक्रेन के मंत्री ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि प्लेन को रविवार को अगवा किया गया है। किसने किया यह जानकारी नहीं है, लेकिन हाईजैक करने वाले लोग हथियारबंद थे।
अभी तक ईरान ने भी इस घटना की पुष्टि नहीं की है। उनके मुताबिक प्लेन को 83 लोगों के साथ ईरान की तरफ ले जाया गया है।