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दिल्ली नगर निगम के चुनाव को लेकर दिल्ली की सियासत गरमायी

 

किसानों की महापंचायत में भाजपा पर किये हमले से दिल्ली की सियासत गरमा गयी है। अगले साल 2022 में दिल्ली नगर के चुनाव है। ऐसे में कांग्रेस, भाजपा और आप पार्टी सहित अन्य राजनीतिक दल अभी से ताना-बाना बुनने में लग गये है।

दिल्ली में अभी भाजपा का दिल्ली नगर की तीनों क्षेत्रों पर कब्जा है। दूसरे नंबर पर आप पार्टी है। ऐसे में अपनी ताकत बढ़ाने के लिये कांग्रेस पार्टी हर रोज कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रही है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता का मानना है कि दिल्ली में कांग्रेस की हालत कमज़ोर है। भाजपा का अगर मुकाबला हो सकता है तो आप पार्टी से, जबकि आप पार्टी के नेता दुष्यंत पाठक का मानना है कि भाजपा की वजह से दिल्ली नगर में भ्रष्ट्राचार बढ़ा है।

जिससे जनता दुखी है। वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी का कहना है कि कांग्रेस ही एक ऐसी पार्टी है जो दिल्ली में विकास कर सकती है। खैर दिल्ली नगर निगम को लेकर अभी से दिल्ली के नेताओं के बीच अभी से आरोप- प्रत्यारोप का दौर तेज़ है। सबसे बड़ी बात ये कि मुजफ्फर नगर में किसान पंचायत को लेकर गैर भाजपाई गदगद है और भाजपा की हालत दिन पर दिन कमज़ोर होती जा रही है। जो चुनावी समीकरण बदल सकती है।

 

मुल्ला हसन अखुंद अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार में पीएम बने

तालिबान और उनके सहयोगियों की अंतरिम सरकार में मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को अफगानिस्तान का कार्यकारी प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है जबकि मुल्ला गनी बरादर और मौलवी हनाफी को उप प्रधानमंत्री बनाया गया है।
इस की घोषणा अब से कुछ देर पहले तालिबान ने एक प्रेस कांफ्रेंस में की है। इस अंतरिम सरकार में मुल्ला याकूब रक्षा मंत्री होंगे। घोषणा के मुताबिक सराजुद्दीन हक्कानी को गृह मंत्री बनाया गया है।
अंतरिम सरकार की घोषणा करते हुए बताया गया है कि शेर अब्बास को उप विदेश मंत्री,  खैरूल्लाह सूचना मंत्री बनाए गए हैं। काफी समय से सरकार के बनने का इन्तजार किया जा रहा था। हालांकि, अभी अंतरिम सरकार बनाई गयी है।

करनाल में हजारों किसानों ने किया मिनी सचिवालय का घेराव, सरकार ने पांच जिलों में इंटरनेट बंद किया

संयुक्त किसान मोर्चा ने हरियाणा के करनाल जिले में आज महापंचायत के बाद अपना आंदोलन जारी रखते हुए मिनी सचिवालय का घेराव कर लिया है और बड़ी संख्या में किसान वहां डटे हुए हैं। इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं से  प्रशासन की बातचीत नाकाम रही। जिला प्रशासन ने पहले ही शहर में धारा 144 लगा दी है और करनाल सहित पांच जिलों में इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है।

हज़ारों किसान पुलिस का घेरा तोड़ते हुए मिनी सचिवालय पहुँच गए जहाँ उन्होंने उसका घेराव जारी रखा हुआ है। उनपर पुलिस ने पानी की बौछार की लेकिन किसान वहां डटे रहे। वरिष्ठ किसान नेता जोगिंदर सिंह उग्राहन ने कहा कि प्रशासन के साथ संयुक्त मोर्चा  की बातचीत नाकाम हो गई क्योंकि वे हमारी मांगों पर सहमत नहीं थे। किसानों पर 28 अगस्त को हुए पुलिस के लाठीचार्ज के विरोध में करनाल में महापंचायत करने और मिनी सचिवालय का घेराव करने के लिए बड़ी संख्या में किसान जुटे हुए हैं।

संयुक्त किसान मोर्चा ने आईएएस अधिकारी आयुष सिन्हा के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की है। सिन्हा कथित तौर पर एक टेप में पुलिस कर्मियों को प्रदर्शन कर रहे किसानों के ‘सिर तोड़ने’ के लिए कहते सुनाई दे रहे हैं। संगठन ने सिन्हा को बर्खास्त करने की भी मांग की है।

उधर आज शाम पुलिस ने संयुक्त किसान मोर्चा के कई नेताओं को सचिवालय जाने की कोशिश में हिरासत में ले लिया। बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया। मोर्चा के सभी नेताओं को नमस्ते चौक से हिरासत में लिया गया था।

लघु सचिवालय का घेराव करने के कार्यक्रम से एक दिन पहले प्रशासन ने जिले में सोमवार को लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया था और मोबाइल इंटरनेट सेवा को निलंबित कर दिया गया था। हरियाणा सरकार ने करनाल से सटे चार जिलों कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद और पानीपत में भी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं सोमवार दोपहर 12:30 बजे से लेकर मंगलवार मध्य रात्रि तक बंद रखने का आदेश दिया है।

मोर्चा के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि करनाल में किसानों पर वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया। एक ट्वीट में टिकैत ने कहा कि करनाल में सरकार किसानों की बात नहीं सुन रही। या तो खट्टर सरकार मांग माने या हमें गिरफ्तार करे। हम हरियाणा की जेलें भरने को भी तैयार हैं।

एक और नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि बताया कि करनाल प्रशासन के साथ किसानों के साथ बातचीत विफल हो गई। पुलिस ने मोर्चा के कई नेताओं को हिरासत में लिया था। बाद में पुलिस ने उन सभी को छोड़ दिया।

याद रहे किसानों के बड़ी संख्या में जुटने के बीच स्थानीय प्रशासन ने उनकी मांगों पर चर्चा करने और उन्हें सचिवालय की ओर मार्च करने से रोकने के लिए उनके 11 नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल को बातचीत के लिए बुलाया था। हालांकि, वरिष्ठ किसान नेता जोगिंदर सिंह उग्राहन ने कहा कि प्रशासन के साथ उनकी बातचीत विफल हो गई क्योंकि वे हमारी मांगों पर सहमत नहीं थे।

किसानों की मांग है कि घरौदा ब्लॉक के किसान सुशील काजल जो विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई लाठी चार्ज से पहले घायल हुए और बाद में दिल का दौरा पड़ने से जिनकी मौत हो गई, उनके परिवार को 25 लाख रुपये मुआवजा और उनके बेटे को नौकरी दी जाए, करनाल के एसडीएम आयुष सिन्हा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए और जो लोग प्रदर्शन के दौरान घायल हुए उन्हें 2 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए।

बिना मास्क चलना घातक हो सकता है, क्योंकि कोरोना अभी गया नहीं

भले ही दिल्ली- एनसीआर में कोरोना के मामले कम हो रहे हो, इसका मतलब ये नहीं है कि जनमानस मुंह में मास्क लगाना और सोशल डिस्टेसिंग का पालन करना बंद कर दें। मौजूदा समय में बाज़ारों में भीड़ है। वहां पर लोग मुंह पर मास्क लगाने वाले कम दिखते है। सोशल डिस्टेसिंग का पालन भी ना के बराबर होता है। तामाम अध्ययन के बाद कोरोना को लेकर इस बात पर आशंका जताई जा रही है कि अगर लोगों ने लापरवाही बरती तो कोरोना को फैलने से कोई नहीं रोक सकता है।

मैक्स अस्पताल के कैथ लैब के डायरेक्टर डाँ विवेका कुमार का कहना है कि कोरोना को लेकर लोगों के बीच ये भ्रम है कि कोरोना चला गया है। जबकि सच्चाई तो ये है कि कोरोना देश के कई राज्यों में है। कालरा अस्पताल के हार्ट रोग विशेषज्ञ डाँ अंकित कालरा का कहना है कि जिनका प्रतिरोधक क्षमता कम है और हार्ट रोग जैसी बीमारी के साथ दमा, बी पी और शुगर की बीमारी है उनको सावधानी बरतनी चाहिये।

डाँ अंकित का कहना है कि कोरोना सितम्बर और अक्टूबर में आ सकता है तो कम से कम अभी हमें सावधानी बरती होगी, क्योंकि अभी गया नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट का हॉकी को राष्ट्रीय खेल घोषित करने की याचिका पर सुनवाई से इंकार, कहा सरकार के पास जाएं  

सुप्रीम कोर्ट ने हॉकी को राष्ट्रीय खेल घोषित करने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करने से इंकार करते हुए याचिकाकर्ता को उन्हें सरकार के पास अपनी मांग रखनी चाहिए थी क्योंकि इस तरह का आदेश देना कोर्ट का काम नहीं है। इसके बाद याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका वापस ले ली।

यह याचिका जस्टिस युयु ललित, एस रविंद्र भाट और बेला त्रिवेदी की बेंच में लगी थी। यह याचिका वकील विशाल तिवारी ने दाखिल की थी जिसमें मांग की गयी थी कि एथलेटिक्स जैसे खेलों में सुविधाएं बढ़ाई जाएं और हॉकी को राष्ट्रीय खेल घोषित किया जाए। याचिकाकर्ता ने कहा कि हॉकी को राष्ट्रीय खेल के रूप में जाना तो जाता ही है, उसे आधिकारिक रूप से राष्ट्रीय खेल घोषित नहीं किया गया है।

हालांकि, सर्वोच्च अदालत ने याचिकाकर्ता से कहा कि आपका उद्देश्य अच्छा है। हम भी इससे सहमत हैं। लेकिन हम इस पर सुनवाई नहीं कर सकते। इस तरह का आदेश देना कोर्ट का काम नहीं है। आप को सरकार के पास अपनी मांग रखनी चाहिए थी। कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली।

याद रहे हाल में टोक्यो ओलंपिक्स में भारत ने पुरुष हॉकी में कांस्य पदक जीता था जबकि महिला हॉकी टीम भी कांस्य पदक के पास आकर चूक गयी थी। हॉकी शुरू से ही भारत का मुख्य खेल रहा है।

करनाल किसान महापंचायत शुरू, टिकैत की मांग लाठीचार्ज प्रभावित परिवारों को मुआवजा दे सरकार  

मुजफ्फरनगर में बड़ी किसान महापंचायत करने के बाद अब करनाल में किसानों की महापंचायत शुरू हो गयी है। बड़ी संख्या में किसान वहां पहुँच रहे हैं, हालांकि, सरकार ने करनाल शहर को छावनी में तब्दील कर दिया है। सभी बड़े किसान नेता करनाल पहुँच चुके हैं। सरकार ने करनाल में इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया है। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने करनाल पहुँचने के बाद मांग की है कि लाठीचार्ज में जिन लोगों को नुक्सान पहुंचा है उनके परिवारों को मुहावजा मिले।

भाकियू नेता ने कहा कि किसान इस बार अधिकारियों से बात करेंगे, हम चाहते हैं कि लाठीचार्ज में जिनको नुकसान पहुंचा उन परिवारों को मुआवजा मिले। टिकैत ने कहा  – हम हरियाणा जाते हैं तो वहां के मुख्यमंत्री हमें बाहरी बोलते हैं। अगर उन्हें ही ऐसा कहा जाए तो कैसा लगेगा। यदि प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश में बाहरी नहीं हैं, तो हम हरियाणा-गुजरात में बाहरी कैसे हो गए।’

टिकैत ने मुजफ्फरनगर में अपने भाषण में नारेबाजी पर भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि ‘हमने अल्लाह-हू-अकबर और हर-हर महादेव के नारे लगवाए, तो कुछ लोगों को बड़ी परेशानी हुई। हमें हरेक की इज्जत करनी चाहिए। ऐसा नहीं होगा तो फिर संविधान की क्या ज़रुरत है उसे भी बंद कर दो। यदि किसी को आपत्ति है, तो फिर कह दो कि वह मुसलमान का उगाया अन्न नहीं खाएंगे।’

हरियाणा सरकार के करनाल में इंटरनेट बंद करने पर टिकैत ने कहा – ‘प्रशासन ने यह पाबंदी लगाई है। क्या इंटरनेट बंद होने से लोग महापंचायत में नहीं आएंगे ? हम अधिकारियों से बात कर मुद्दे का हल निकालेंगे। सरकार अगर चाहे तो कृषि कानून पर बातचीत का माहौल बना सकती है।’

इस बीच किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने किसानों से अपील की है कि वह शांत रहें। हमारा आंदोलन शांतिपूर्वक रहेगा। उन्होंने किसानों से कहा कि किसी ने भी उपद्रव नहीं करना है। चढ़ूनी ने कहा कि देश भर से कई बड़े किसान नेताओं का समर्थन मिल रहा है।

बता दें करनाल प्रशासन ने सोमवार को ही जिले में धारा-144 लागू कर दी थी। करनाल, जींद, कुरुक्षेत्र, कैथल और पानीपत में मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं पर सोमवार रात से मंगलवार रात 12 बजे तक रोक लगा दी गयी है।

अहमद मसूद ने कहा अंतिम सांस तक पंजशीर में रहूंगा, तालिबान ने किया घाटी पर कब्जे का दावा

पाकिस्तान की एजेंसी आईएसआई के प्रमुख और अन्य अधिकारियों के काबुल आने के बाद से तालिबान लगातार पंजशीर घाटी पर कब्जे का दावा कर रहा है, हालांकि नॉर्थन एलायंस के नेता अहमद मसूद और पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने दावा किया है कि पंजशीर पर अभी भी उनका कब्ज़ा है और तालिबान का दावा गलत है। अहमद मसूद ने यहाँ तक कहा कि वे अंतिम सांस तक पंजशीर में ही रहेंगे।

तालिबान ने फिर दावा किया है कि उसने पंजशीर घाटी पर कब्ज़ा कर लिया है और इस तरह उसका पूरे अफगानिस्तान पर कब्ज़ा हो गया है। अपुष्ट ख़बरों के मुताबिक रेजिस्टेंस फ़ोर्स के प्रवक्ता की तालिबान के हमले में मृत्यु हो गयी है।

उधर तालिबान अफगानिस्तान में अपनी सरकार के गठन के लिए लगातार बैठकें कर रहा है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि तालिबान और कुछ सहयोगी संगठनों के बीच सरकार को लेकर तकरार है। इसके अलावा भारत के साथ रिश्तों को लेकर भी तालिबान जहाँ अलग रुख दिखा रहा है वहीं अलकायदा जैसे संगठन कश्मीर का राग अलाप रहे हैं।

तालिबान ने आज फिर कहा है कि वह अपनी धरती (अफगानिस्तान) को किसी भी देश के खिलाफ इस्तेमाल नहीं देगा। उसके इस ब्यान को भारत के सन्दर्भ में देखा जा रहा है। लेकिन जब तक सरकार का गठन नहीं हो जाता तब तक तालिबान के इस ब्यान के असल में अमल पर कुछ नहीं कहा जा सकता।

अहमद मसूद का अंतिम सांस तक पंजशीर में रहना वाला ब्यान इन रिपोर्ट्स के बाद आया है जिनमें दवा किया गया था कि मसूद तीन डिओन पहले ताजिकिस्तान चले गए हैं। उधर अमरुल्लाह सालेह भी लगातार वीडियो जारी करके तालिबान के पंजशीर पर कब्जे के दावे को गलत बता रहे हैं।

किसान मोर्चा का 27 को ‘भारत बंद’ और ‘रेल रोको’ का ऐलान, भाजपा सरकार उखाड़ फेंकने का संकल्प

मुजफ्फरनगर की किसान महापंचायत ने 27 सितंबर को ‘भारत बंद’ का ऐलान कर दिया है। महापंचायत ने उस दिन ‘रेल रोको’ की भी घोषणा की है। मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ मुजफ्फरनगर में किसानों की भीड़ से शहर छोटा पड़ गया है और किसान नेताओं ने कहा है कि देश भर से 5 लाख किसान यहाँ पहुंचे हैं। मंच से किसान नेताओं ने मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प किया है।
आज की मुजफ्फरनगर की किसान महापंचायत की भीड़ के बाद भाजपा में भी दरार दिखने लगी है। भाजपा के सांसद वरुण गांधी ने आज कहा कि किसानों की सुनी जानी चाहिए। उनसे पहले राज्यपाल सत्यपाल मलिक भी किसानों के प्रति केंद्र सरकार की नीति की खुले रूप से आलोचना कर चुके हैं।
इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने आज कहा कि चुनाव आते जाते रहेंगे लेकिन किसान अपनी मांगों पर तब तक अडिग रहेंगे जब तक इन्हें मान नहीं लिया जाता। संयुक्त किसान मोर्चा  महापंचायत में ऐलान किया कि 27 सितंबर को ‘भारत बंद’ रखा जाएगा और उस दिन ‘रेल रोको’ भी होगा।
आज की किसान महापंचायत में किसानों की इतनी संख्या पहुँची है कि इसके लिए स्थल छोटा पड़ गया। इसके बाद किसानों को आसपास की जगह में बैठना पड़ा। देश भर के लाखों किसान महापंचायत में जुटे हैं। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी है जिनमें काफी पंजाब से हैं।
महापंचायत के दौरान मंच से किसान नेताओं ने मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प किया है। वहां केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को वापस न लेने पर उसके और नेताओं के खिलाफ नारे भी लगाए गए। किसानों में केंद्र सरकार के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा दिखा।

मुजफ्फरनगर में किसानों का बड़ा रेला, महापंचायत में देश भर से आए किसान

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में किसानों की महापंचायत में देश भर से एक लाख से ज्यादा किसान पहुंच चुके हैं। रैली शुरू हो गयी है और वहां किसानों की तरफ से लंगर से लेकर तमाम अन्य इंतजाम किए गए हैं। तमाम बड़े किसान नेता मंच पर मौजूद हैं। आम जनता का महापंचायत को समर्थन मिलने से किसानों की ताकत बढ़ती दिख रही है। यह पंचायत संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले हो रही है। भाकियू ने शनिवार से ही एनएच-58 के सिवाया टोल को फ्री करा दिया था जबकि आज (रविवार) को भी मेरठ से मुजफ्फरनगर के बीच टोल फ्री रहेगा।
महापंचायत में हिस्सा लेने के लिए पिछली रात तक देश भर से लाखों किसान मुजफ्फरनगर पहुँच चुके थे और रात भर उनका आना जारी रहा।  जबरदस्त जोश देखा जा रहा है और वे सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ अपना आंदोलन तेज करने की तैयारी में दिखते हैं। इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि यह रैली भाजपा के खिलाफ़ जारी देशव्यापी अभियान को नयी दिशा देगी। मोर्चा ने कहा है कि तीनों किसान विरोधी कानून रद्द कराने, बिजली संशोधन बिल 2020 वापस कराने और सभी कृषि उत्पादों की लागत से डेढ़ गुना दाम पर एमएसपी पर खरीद की कानूनी गारंटी की मांग न मानने वाली भाजपा के ख़िलाफ़ इस रैली के जरिए मिशन उत्तर प्रदेश–उत्तराखंड की ऐतिहासिक शुरुआत की जाएगी।
सबसे ज्यादा किसान पंजाब से आए हैं जबकि हरियाणा और उत्तर प्रदेश के साथ 15 राज्यों से किसान महापंचायत में शिरकत करने पहुंचे हैं। आज की महापंचायत में किसान नेता अपने आंदोलन के भविष्य की दिशा की दिशा को लेकर घोषणा कर सकते हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि 9 महीने से चल रहे इस किसान आंदोलन को समाज की सभी जातियों, धर्मों, राज्यों, वर्गों,छोटे व्यापारियों और समाज के सभी तबकों का समर्थन हासिल है। पिछले 9 महीने में देश भर में हुई महापंचायतों में मुजफ्फरनगर की महापंचायत अब तक की सबसे बड़ी महापंचायत है।
राजनीतिक दृष्टि से बहुत अहम पश्चिम उत्तर प्रदेश की इस किसान महापंचायत पर भाजपा की भी नजर है और जिस संख्या में किसान यहाँ पहुँच रहे हैं उससे निश्चित ही भाजपा में बेचैनी होगी। किसान नेता खुलकर भाजपा के खिलाफ बोलने लगे हैं, क्योंकि केंद्र में कृषि क़ानून लाने वाली भाजपा की ही सरकार है।
इस बीच भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा – ‘महापंचायत को किसान और मजदूर अपनी अस्मिता से जोड़कर देख रहे हैं। मैंने  ‘बिल वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं’ का संकल्प ले रखा है। किसान मोर्चा के आदेश पर मुजफ्फरनगर महापंचायत में जरूर आया हूँ लेकिन यहाँ अपने घर नहीं जाऊंगा।’
उधर किसान महापंचायत को लेकर पुलिस और प्रशासन अलर्ट है। भाकियू ने शनिवार से ही एनएच-58 के सिवाया टोल को फ्री करा दिया था। रविवार को भी मेरठ से मुजफ्फरनगर के बीच टोल फ्री रहेगा। मुजफ्फरनगर के जीआईसी मैदान में किसान महापंचायत हो रही है। भाकियू पदाधिकारियों का दावा है कि किसान महापंचायत ऐतिहासिक होगी। महापंचायत में लाखों किसान जुटें हैं। कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल तक से किसानी जत्थे वहां पहुंचे हैं।

टोक्यो पैरालिंपिक: निशानेबाजी में भारत को गोल्ड और सिल्वर मेडल की सौगात

भारतीय पैरालिंपिक टीम ने शानदार प्रदर्शन कर पिछले वर्षो के सारे रिकार्ड तोड़ डाले है। भारत के पदकों की संख्या अब 15 हो गई है।

शनिवार को निशानेबाजी में भारतीय टीम के मनीष नरवाल ने गोल्ड व सिंहराज अधाना ने सिल्वर मेडल जीते। इसी के साथ बैडमिंटन में दो भारतीय खिलाड़ियों ने फाइनल में अपनी जगह बना ली है।

जहां एक तरफ, 19 वर्षीय मनीष ने 50 मीटर मिक्स पिस्टल एसएच 1 इवेंट में गोल्ड मेडल जीता व फाइनल में 218 का स्कोर हासिल किया। वहीं दूसरी तरफ सिंहराज ने दूसरा स्थान प्राप्त कर सिल्वर मेडल जीता।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निशानेबाज सिंहराज अधाना को टोक्यो में पैरालंपिक खेलों में रजत पदक जीतने पर बधाई दी, और ट्वीट कर कहा, उत्कृष्ट सिंहराज अधाना ने इसे फिर से किया, मिक्स्ड 50 मीटर पिस्टल एसएच 1 इवेंट में पदक जीता, भारत उनकी इस जीत से बेहद खुश है। प्रधानमंत्री ने उन्हें भविष्य के लिए भी शुभकामनाएं दी

प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर सिंहराज अधाना को भी बधार्इ दी और कहा कि, उत्कृष्ट सिंहराज अधाना ने इसे फिर से किया। उन्होंने एक और पदक जीता, इस बार मिक्स्ड 50 मीटर पिस्टल एसएच1 इवेंट में। भारत उनके इस कारनामे से खुश है।