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बंगाल में  टीएमसी  नेता की गोली मारकर हत्या

पश्चिम बंगाल की 6 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहा है। उपचुनाव के बीच कोलकाता से सटे उत्तर 24 परगना जिले में बड़ी घटना घटी है। जगदल इलाके में टीएमसी (तृणमूल कांग्रेस) नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। अज्ञात बदमाशों ने वारदात को अंजाम दिया है। टीएमसी नेता की हत्या के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है। मृतक की पहचान जगतदल वार्ड नंबर- 12 के पूर्व अध्यक्ष अशोक शॉ के रूप में हुई। वारदात के समय बदमाशों ने उन पर बम भी फेंका, जिससे आसपास के लोग भी घायल हो गए। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया।

घटना की जानकारी देते हुए उत्तर 24 परगना जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जगतदल पुलिस थाने से करीब 100 मीटर की दूरी पर स्थित एक चाय की दुकान के सामने खड़े अशोक शॉ को बदमाशों ने गोली मारी और उन पर बम भी फेंका। बमबाजी के दौरान अशोक शॉ के आसपास खड़े अन्य लोग घायल हो गए। जानकारी मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और अशोक शॉ सहित अन्य घायलों को भाटपारा सरकारी अस्पताल ले गई। भाटपारा सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों ने अशोक शॉ को मृत घोषित कर दिया, जबकि अन्य घायलों को भर्ती कर इलाज शुरू किया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच-पड़ताल की जा रही है। बमबाजी में कुछ अन्य लोग भी घायल हुए हैं, जिनका सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है। वहीं घटना की सूचना मिलते ही बैरकपुर पुलिस कमिश्नर आलोक राजोरिया भी भारी पुलिस बल के साथ घटनास्थल पहुंचे और जांच-पड़ताल की। बैरकपुर पुलिस कमिश्नर आलोक राजोरिया ने मीडिया से बातचीत में बताया कि मामले की जांच-पड़ताल की जा रही है। कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। अभी तक की जांच में इस हत्या में कोई राजनीतिक संबंध नहीं मिला है। वहीं हत्या के बाद स्थानीय लोगों ने जगतदल पुलिस थाने के बाहर जमकर प्रदर्शन किया और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। वहीं स्थानीय लोगों ने बताया कि अशोक शॉ 2019 में वार्ड नंबर-12 से तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष थे। वह अभी भी टीएमसी के सक्रिय जमीनी कार्यकर्ता थे। बुधवार सुबह वह ऑटो से जा रहे थे। एक चाय की दुकान के पास पीछे से बाइक सवार कुछ युवक आए और पालघाट रोड पर बाइक से उन पर गोली चला दी। गोलियों की आवाज सुनकर स्थानीय लोग दौड़ पड़े, लेकिन तब तक बदमाश फरार हो गए। 

राजधानी दिल्ली की हवा में जहर, 355 दर्ज किया गया औसत एक्यूआई

नई दिल्ली :  राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ा हुआ है। मंगलवार को दिल्ली औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 355 दर्ज किया गया, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है।

केंद्रीय प्रदूषण एवं नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार दिल्ली में मंगलवार सुबह 7:30 बजे तक औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 355 दर्ज किया गया, जबकि दिल्ली एनसीआर के शहर फरीदाबाद में 205, गुरुग्राम में 234 गाजियाबाद में 269 ग्रेटर नोएडा में 286 और नोएडा में 235 एक्यूआई रहा। राजधानी दिल्ली की 5 इलाकों में एक्यूआई लेवल 400 से ऊपर बना हुआ है, जिसमें आनंद विहार में 404, जहांगीरपुरी में 418, मुंडका में 406, रोहिणी में 415, और वजीरपुर में 424 अंक बना हुआ है।

वहीं, दिल्ली के अन्य अधिकांश इलाकों में एक्यूआई स्तर 300 और 400 के बीच बना हुआ है, जिसमें अलीपुर में 358, अशोक विहार में 391, आया नगर में 347, बवाना में 393, बुराड़ी क्रॉसिंग में 374 चांदनी चौक में 371, मथुरा रोड में 347 डॉक्टर करणी सिंह शूटिंग रेलवे 345, डीटीयू में 364, द्वारका सेक्टर 8 में 366 और आईजीआई एयरपोर्ट में 344 एक्यूआई दर्ज किया गया। इसके अलावा आईटीओ में 347, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 322, लोधी रोड में 313, मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में 353, मंदिर मार्ग में 335, नजफगढ़ में 356, नरेला में 356, नेहरू नगर में 372, NSIT द्वारका में 364, ओखला फेस 2 में 354, पटपड़गंज में 371, पंजाबी बाग में 382, पूषा में 320, आर के पुरम में 366, शादीपुर में 361, सिरी फोर्ट में 342, सोनिया विहार में 380 और विवेक विहार में 385 एक्यूआई बना हुआ है। बता दें कि इससे एक दिन पहले सोमवार को दिल्ली में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 347 दर्ज किया गया था।

यासिर अराफात की 20वीं पुण्यतिथि पर वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनियों ने किया याद

वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनियों ने अपने दिवंगत फिलिस्तीनी नेता यासिर अराफात को उनकी 20वीं पुण्यतिथि पर याद किया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को मध्य पश्चिमी तट के रामल्लाह में फिलिस्तीनी राष्ट्रपति परिसर में अराफात की कब्र पर एक समारोह आयोजित किया गया, जिसका आयोजन फिलिस्तीनी राष्ट्रीय मुक्ति आंदोलन (फतह) द्वारा किया गया था और इसमें अधिकारियों और आम लोगों दोनों ने भाग लिया।

इस कार्यक्रम में दर्जनों बच्चों सहित प्रतिभागियों ने फिलिस्तीनी झंडे, फतह के पीले बैनर और केफ़ियेह को उठाया, जिसे दिवंगत नेता अक्सर पहने हुए देखे जाते थे।

फतह के उप नेता महमूद अल-अलौल ने अपने भाषण में कहा कि इस साल अराफात की पुण्यतिथि इजरायली “आक्रामकता” के कारण फिलिस्तीनी लोगों के लिए “कठिन समय” में आई है।

अल-अलौल ने कहा कि फिलिस्तीनी लोग “बर्बरतापूर्ण युद्ध अपराधों” का सामना कर रहे हैं क्योंकि ये “कब्जा” सभी अंतरराष्ट्रीय समझौतों, कानून और मानदंडों की अनदेखी करता है। उन्होंने फिलिस्तीनियों के खिलाफ किए गए “उल्लंघन और अपराधों” पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की “चुप्पी” की भी आलोचना की।

यासिर अराफात फाउंडेशन बोर्ड के अध्यक्ष अहमद सोबोह ने कहा उन्होंने अस्तित्व, जीत और “हमारे अधिकारों और स्वतंत्र राज्य” को विश्व मंच पर सबसे आगे रखने के लिए राष्ट्रीय एकता के महत्व पर जोर दिया।

सोमवार को भी, तुलकरम और हेब्रोन सहित कुछ अन्य वेस्ट बैंक शहरों, कस्बों और गांवों ने अराफात की स्मृति में गतिविधियां, प्रदर्शन और फोटो प्रदर्शनी आयोजित की गई। अराफात का 11 नवंबर, 2004 को 75 वर्ष की आयु में फ्रांस के एक अस्पताल में अज्ञात बीमारी के कारण निधन हो गया था। फिलिस्तीनियों ने इजरायल पर जहर देकर मारने का आरोप लगाया था, लेकिन इजरायल ने इस दावे को नकार दिया।

इस साल पुण्यतिथि ऐसे समय में आई है जब गाजा पट्टी में हमास-इजरायल संघर्ष जारी है। ये जंग 7 अक्टूबर, 2023 को शुरू हुई थी। इस संघर्ष के परिणामस्वरूप 43,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए और देश को खासा नुकसान हुआ है।

इजरायली अधिकारियों के अनुसार, हमास के हमले में लगभग 1,200 इजरायली मारे गए थे और लगभग 250 को बंधक बनाया गया था।

रूस में ‘सेक्स मंत्रालय’ बनाने पर विचार कर रहे पुतिन

मॉस्को : रूस में घटती जनसंख्या दर को लेकर सरकार काफी चिंतित है। सूत्रों की माने तो रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अब देश में सेक्स मंत्रालय बनाने पर विचार कर रहे है। यह फैसला यूक्रेन युद्ध के बाद से लगातार घटती जनसंख्या दर को देखते हुए लिया गया है। रूसी संसद की पारिवारिक सुरक्षा समिति की अध्यक्ष नीना ओस्टेनिना इस प्रस्ताव की समीक्षा कर रही हैं।

इस मंत्रालय के माध्यम से सरकार जनसंख्या वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के उपाय करने पर विचार कर रही है। इनमें से कुछ प्रमुख उपाय इस प्रकार हैं:

रात 10 बजे से सुबह 2 बजे तक इंटरनेट और लाइटें बंद : इस दौरान जोड़े अपनी अंतरंग गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित कर सकें।

घर पर काम करने वाली माताओं को भुगतान :  इससे महिलाएं आसानी से बच्चे पैदा कर सकेंगी।

पहली डेट पर 5,000 रूबल तक का फंड :  इससे युवाओं को डेटिंग के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

शादी की रात के होटल का खर्च सरकार उठाएगी : इससे जोड़े शादी के बाद आसानी से गर्भधारण कर सकें।

रूस के अलग-अलग इलाकों में दंपतियों को बच्चे पैदा करने के लिए प्रेरित करने के उपाय किए जा रहे हैं। सरकार का मानना है कि ‘सेक्स मंत्रालय’ के गठन से देश की जनसंख्या में वृद्धि होगी। वहीं, रूस में ‘सेक्स मंत्रालय’ बनाने के फैसले को लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कुछ लोग इस फैसले का समर्थन कर रहे हैं तो कुछ लोग इसे अजीब मान रहे हैं।

कोई भी धर्म प्रदूषण बढ़ाने को बढ़ावा नहीं देता, सालभर पटाखा बैन पर विचार करे सरकार: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली :सुप्रीम कोर्ट ने आज सवाल किया कि पटाखों पर स्थायी, राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया गया और दिल्ली में सिर्फ खास महीनों के दौरान ही प्रतिबंध लागू किए जाते हैं, जबकि राजधानी में वायु प्रदूषण साल भर मुद्दा बना रहता है। सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसा माना जाता है कि कोई भी धर्म किसी भी ऐसी गतिविधि को बढ़ावा नहीं देता, जो प्रदूषण को बढ़ाती है या लोगों की सेहत को नुकसान पहुंचाती है।

जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की सदस्यता वाली पीठ ने कहा कि अगर पटाखे इसी तरह से फोड़े जाते रहे तो इससे नागरिकों का सेहत का मौलिक अधिकार प्रभावित होगा। अदालत ने कहा, “सिर्फ़ कुछ महीने ही क्यों? वायु प्रदूषण तो पूरे साल बढ़ता ही रहता है!” अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने बताया कि मौजूदा आदेश त्योहारी मौसम और उन महीनों में वायु प्रदूषण पर केंद्रित है जब हवा दिल्ली में प्रदूषण को बढ़ाती है। हालाँकि, पीठ इससे सहमत नहीं थी और उसने सुझाव दिया कि स्थायी प्रतिबंध पर विचार किया जाना चाहिए।

बता दें कि दिल्ली में अभी अक्तूबर से नए साल तक ही पटाखों पर प्रतिबंध लगाया जाता है। इसके बाद कोई बैन नहीं होगा, लेकिन आप सरकार इस बीच भी सख्ती से इसे लागू करने में विफल हो रही है। अब यही देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा कि दिल्ली में सालभर पटाखा बैन पर 25 नवंबर से पहले फैसला लें।

मणिपुर हिंसा: सुरक्षाबलों ने 10 उपद्रवियों को मार गिराया, एक जवान घायल

इंफाल : मणिपुर में जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। जिरीबाम इलाके में सुरक्षाबलों ने कुकी उपद्रवियों के हमले का मुंहतोड़ जवाब देते हुए 10 उपद्रवियों को मार गिराया है। वहीं, इंफाल पूर्व जिले में किसानों पर लगातार हमले हो रहे हैं। जिरीबाम में हथियारों से लैस कुकी उपद्रवियों ने सीआरपीएफ पोस्ट पर हमला किया था। जवाबी कार्रवाई में असम राइफल और सीआरपीएफ ने 10 उपद्रवियों को मार गिराया। इस मुठभेड़ में सीआरपीएफ का एक जवान घायल हुआ है।

इंफाल पूर्व जिले में सोमवार सुबह उग्रवादियों ने खेत में काम कर रहे एक किसान पर गोलीबारी कर घायल कर दिया। इससे पहले भी इस क्षेत्र में किसानों पर हमले की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। जातीय संघर्ष के कारण घाटी के बाहरी इलाकों में रहने वाले कई किसान खेतों में जाने से डर रहे हैं और इससे धान की फसल की कटाई प्रभावित हो रही है।

मणिपुर में कुकी और मैतेयी समुदाय के बीच शुरू हुआ संघर्ष हिंसक रूप ले चुका है और पिछले कई महीनों से यहां लगातार हिंसा हो रही है। इस हिंसा में अब तक 200 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। मणिपुर में सुरक्षाबलों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। उग्रवादी लगातार नए हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं और सुरक्षाबलों पर हमले कर रहे हैं। इसके अलावा, घने जंगलों और पहाड़ी इलाकों में उग्रवादियों को पकड़ना बहुत मुश्किल है।

मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए सरकार को कई कदम उठाने होंगे। इसमें दोनों समुदायों के बीच विश्वास बहाल करना, उग्रवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना और विकास कार्यों को गति देना शामिल है।

जस्टिस संजीव खन्ना बने देश के मुख्य न्यायाधीश

नई दिल्ली : जस्टिस संजीव खन्ना ने देश के सीजेआई  के तौर पर शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु  ने उन्हें शपथ दिलाई। राष्ट्रपति भवन  के अशोक हॉल में संजीव खन्ना  ने शपथ ली। इस दौरान समारोह में प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी  सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

चुनाव में ईवीएम की उपयोगिता बनाए रखना, चुनावी बांड योजना को खारिज करना, अनुच्छेद-370 के निरस्तीकरण के फैसले को कायम रखना और दिल्ली  के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव  के दौरान प्रचार के लिए अंतरिम जमानत प्रदान करने के फैसले देने वाले बेंच में वो शामिल थे।

तीस हजारी कोर्ट से भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश तक का सफर
जस्टिस संजीव खन्ना दिल्ली के रहने वाले हैं और उन्होंने अपनी सारी पढ़ाई-लिखाई दिल्ली से ही की है। उनका जन्म 14 मई 1960 को हुआ था। उनके पिता न्यायमूर्ति देस राज खन्ना थे, जो दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हुए थे।

साल 1983 में वो दिल्ली बार काउंसिल के साथ एक वकील के रूप में नामांकित हुए। शुरुआत में दिल्ली के तीस हजारी परिसर में जिला न्यायालयों में और बाद में दिल्ली के उच्च न्यायालय और संवैधानिक कानून, प्रत्यक्ष कराधान, मध्यस्थता जैसे विविध क्षेत्रों में न्यायाधिकरणों में प्रैक्टिस की। वाणिज्यिक कानून, कंपनी कानून, भूमि कानून, पर्यावरण कानून और चिकित्सा लापरवाही कानूनों पर उनकी जबर्दस्त पकड़ है।

18 जनवरी, 2019 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में उन्हें पदोन्नत किया गया। उन्होंने 17 जून 2023 से 25 दिसंबर 2023 तक सुप्रीम कोर्ट कानूनी सेवा समिति के अध्यक्ष का पद संभाला। वह वर्तमान में राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष और राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भोपाल के गवर्निंग काउंसिल के सदस्य भी हैं। संजीव खन्ना 13 मई, 2025 तक सीजेआई के पद पर रहेंगे।

ओआरओपी के 10  साल, पीएम मोदी बोले लाखों पेंशनधारकों को हुआ लाभ

नई दिल्ली :  आज के ही दिन 10 साल पहले केंद्र की मोदी सरकार ने वन रैंक वन पेंशन(ओआरओपी) लागू की थी। पीएम ने इस ऐतिहासिक दिन को याद करते हुए बताया कि लाखों पेंशनधारकों को फायदा पहुंचा है।

आज इसे लागू हुए पूरे 10 साल हो चुके हैं। वन रैंक वन पेंशन को लेकर गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। पोस्ट में उन्होंने लिखा, इस दिन वन रैंक वन पेंशन लागू किया गया। यह हमारे दिग्गजों और भूतपूर्व सैन्यकर्मियों के साहस और बलिदान को श्रद्धांजलि थी। जिन्होंने हमारे देश की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। इसे लागू करने का निर्णय लंबे समय से चली आ रही मांग को संबोधित करने और हमारे नायकों के प्रति हमारे राष्ट्र की कृतज्ञता की पुष्टि करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। आप सभी को यह जानकर खुशी होगी कि पिछले एक दशक में लाखों पेंशन धारकों और उनके परिवारों को इस ऐतिहासिक पहल से लाभ मिला है। संख्याओं से परे, ओआरओपी हमारे सशस्त्र बलों की भलाई के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करता है।

हम हमेशा अपने सशस्त्र बलों को मजबूत करने और हमारी सेवा करने वालों के कल्याण को आगे बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सशस्त्र सेनाओं के प्रति नीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ रहा है। उनके नेतृत्व में सरकार सैनिकों और उनके परिवारों की देखभाल करने के लिए प्रतिबद्ध है। ओआरओपी के क्रियान्वयन से 25 लाख से अधिक भूतपूर्व सैनिकों को लाभ मिला है। देश के भूतपूर्व सैनिकों से की गई प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री का आभार।

भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, जैसा कि हम वन रैंक वन पेंशन की वर्षगांठ मना रहे हैं। एक ऐतिहासिक सुधार जो पिछले एक दशक से हमारे दिग्गजों को सम्मानित और उत्थान करता आ रहा है। ओआरओपी ने सुनिश्चित किया है कि समान रैंक और सेवा अवधि वाले सशस्त्र बल कर्मियों को उनकी सेवानिवृत्ति तिथि की परवाह किए बिना समान पेंशन मिले। इस क्रांतिकारी सुधार से 25 लाख से अधिक सशस्त्र बल पेंशन धारकों और उनके परिवारों को लाभ हुआ है। पिछले 10 वर्षों में भारत सरकार ने वन रैंक वन पेंशन पर 1.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं। हर 5 साल में पेंशन को फिर से तय किए जाने के साथ, हमारे नायकों के प्रति यह प्रतिबद्धता समय के साथ मजबूत होती जा रही है।

जेट एयरवेज का सफर हुआ खत्म, सुप्रीम कोर्ट ने एयरलाइन की एसेट्स बेचने का दिया आदेश

नई दिल्ली:  सुप्रीम कोर्ट ने बंद हो चुकी एयरलाइन जेट एयरवेज को जालान कलरॉक कंसोर्टियम को हस्तांतरित करने के एनसीएलएटी के फैसले को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने आज 7 नवंबर को दिक्कतों से जूझ रही जेट एयरवेज को लिक्विडेट करने यानी कि इसकी संपत्तियों को बेचने का आदेश दिया है।

एनसीएलएटी ने जेट एयरवेज का मालिकाना हक मंजूर हो चुके रिजॉल्यूशन प्लान के तहत जालान-कालरॉक कंसोर्टियम (JKC) को देने का फैसला सुनाया था। हालांकि इस फैसले के खिलाफ एसबीआई और बाकी क्रेडिटर्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने जेट एयरवेज को फिर से ट्रैक पर लाने के लिए कंसोर्टियम की प्रस्तावित समाधान योजना को रद्द कर दिया और कहा कि कंसोर्टियम निर्धारित समय में पहला किश्त का पैसा भी नहीं डाल सकी। सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को 16 अक्टूबर को ही सुरक्षित कर लिया था और इसे चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में तीन जजों की पीठ ने सुनाया। चीफ जस्टिस 10 नवंबर को रिटायर होने वाले हैं। जालान कालरॉक ने 150 करोड़ रुपये की जो बैंक गारंटी की थी, उसे भी जब्त कर लिया गया है।

अखाड़ों की बैठक में भिड़ गए साधु-संत, महाकुंभ की तैयारी को लेकर हुई बैठक में जमकर हंगामा

प्रयागराज : महाकुंभ 2025 को लेकर अखाड़ों की जमीन निरीक्षण से पहले आज 13 अखाड़ों के साधु-संतों की बैठक मेला प्राधिकरण के दफ्तर में हुई। इसी दौरान निर्मोही अखाड़े के महंत राजेंद्र दास से किसी बात को लेकर किसी साधु से झगड़ा हुआ और नौबत मार-पीट तक आ गई। इस बीच अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री स्वामी हरी गिरी महाराज ने भी दूसरे गुट के संत की पिटाई की। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने कहा-जमीन आवंटन को लेकर विवाद है।

कुछ संतों की तरफ से हंगामा हुआ। महाकुंभ के लिए जमीन आंवटन को लेकर संत आपस में भिड़े, दोनों गुटों को बैठक के लिए बुलाया गया था। निर्मोही अखाड़े के अध्यक्ष राजेंद्र दास ने कहा-जब भी कोई मेला होता है, तो जो अखाड़े के पदाधिकारी हैं। उन्हें बुलाया जाता है। लेकिन, कुंभ मेले में ये दो तीन बार हुआ है कि पदाधिकारियों को न बैठाकर दूसरों को बैठाया जाता है।

महाकुंभ 2025 के दौरान पूरे 2 महीने प्रयागराज में मांस और शराब की बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी। इस आदेश का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसलिए लोगों की धार्मिक आस्था और भावनाओं का ख्याल रखते हुए इस आदेश का दिल से सम्मान करें और इसे दिल से मानें।