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बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस के हादसे में 9 यात्रियों की मौत, 35 से ज्यादा घायल

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में गुरुवार देर रात एक ट्रेन हादसे में 9 लोगों की मौत हो गयी है जबकि 35 से ज्यादा घायल हुए हैं। यह ट्रेन असम की राजधानी गुवाहाटी जा रही थी। हादसे में ट्रेन के छह डिब्बे बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए।

भारतीय रेलवे ने हरेक मृतक के परिजन के लिए 5 लाख रुपये, गंभीर घायलों के लिए एक लाख रुपये और काम घायल यात्रियों के लिए 25,000 रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है। पीएम मोदी और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हादसे पर दुःख जताया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक हादसा तब हुआ जब बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए। लोगों की जान जाने की एक वजह यह रही कि हादसे के बाद ट्रेन डिब्बे  पटरी पर पलट गए जिससे कुछ लोग इसके नीचे कुचल गए। हादसे में अभी तक की रिपोर्ट्स के मुताबिक 9 यात्रियों की मौत हुई है जबकि 35 से ज्यादा घायल हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव घटनास्थल पर जा रहे हैं।

हादसे को लेकर रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन छह डिब्बे काफी ज्यादा  क्षतिग्रस्त हो गए। इस हादसे पर पीएम मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अफ़सोस जताया है। मोदी ने एक ट्वीट में कहा – ‘रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से बात कर पश्चिम बंगाल में हुए ट्रेन हादसे के मद्देनजर स्थिति का जायजा लिया. मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ है. घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं.’ पीएम ने सीएम  ममता बनर्जी से भी हादसे को लेकर बात की और जायजा लिया।

रेलवे अधिकारियों के मुताबिक हादसे के वक्त ट्रेन में 1053 यात्री थे। उन्होंने बताया कि रेलवे ने हरेक मृतक के परिजन के लिए 5 लाख रुपये, गंभीर घायलों के लिए एक लाख रुपये और काम घायल यात्रियों के लिए 25,000 रुपये की अनुग्रह राशि की देने का फैसला किया है।

उत्तर प्रदेश चुनाव 2022:  कांग्रेस ने जारी की 125 उम्मीदवारों की पहली सूची

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश में 50 सीटों पर महिला प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया है। प्रियंका गांधी ने लिस्ट जारी करते हुए कहा कि 125 उम्मीदवारों में से 40 प्रतिशत महिलाएं और 40 प्रतिशत युवा है।

उन्होंने आगे बताया कि कांग्रेस के उम्मीदवारों में महिलाओं के साथ-साथ कुछ पत्रकार, संघर्षशील महिलाएं शामिल है। आशा बहनों ने कोरोना में बहुत काम किया, लेकिन उन्हें पीटा गया।

गांधी ने आगे कहा कि उन्नाव रेप पीड़िता की मां को भी कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है। हमने सोनभद्र नरसंहार के पीड़ितों में से एक रामराज गोंड को भी टिकट दिया है। उन्हीं में से एक पूनम पांडेय को भी हमने नोएडा से टिकट दिया है। कि वे अपना संघर्ष जारी रखें, जिस सत्ता के जरिए उनकी बेटी के साथ अत्याचार हुआ, उनके परिवार को बर्बाद किया गया, वही सत्ता वे हासिल करें।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी लुइस खुर्शीद फ़रुखाबाद से, प्रदेश कांग्रेस नेत्री सुप्रिया एरॉन, हस्तिनापुर से अर्चना गौतम, उत्तर प्रदेश के वाणिज्यिक नगरी नोएडा से पंखुरी पाठक, रामपुर खास से आराधना मिश्रा, शिकोहाबाद से शशि शर्मा, शाहजहांपुर से आशा कार्यकर्ता पूनम पांडेय, लखनऊ सेंट्रल से एनआरसी-सीएए के खिलाफ आंदोलन करने वालीं सदफ ज़ाफ़री कांग्रेस के उम्मीदवार बनी।

प्रियंका गांधी ने आगे कहा कि सदफ जाफर ने सीएए-एनआरसी के समय बहुत संघर्ष किया था, सरकार ने उनका फोटो पोस्टर में छपवा कर उन्हें प्रताड़ित किया। मेरा संदेश है कि अगर आपके साथ अत्याचार हुआ तो आप अपने हक के लिए लड़ें। कांग्रेस ऐसी महिलाओं के साथ है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि उन्नाव में जिनकी बेटी के साथ भाजपा ने अन्याय किया, अब वे न्याय का चेहरा बनेंगी- लड़ेंगी, जीतेंगी।

”इस लिस्ट में कुछ महिला पत्रकार हैं। एक अभिनेत्री हैं और बाकी संघर्षशील महिलाएं हैं, जिन्होंने कांग्रेस में रहते हुए कई साल संघर्ष किया है”। उन्होंने कहा, ‘’पार्टी ने जीतने और लड़ने की क्षमता देखकर महिला उम्मीदवारों को चुना है, आज यूपी में तानाशाही सरकार है। हमारी कोशिश मुद्दों को केंद्र में लाने की है”। नेताओं के कांग्रेस छोड़ने के सवाल पर प्रियंका गांधी ने कहा, ‘’ये हर चुनाव में होता है, कुछ लोग आते हैं, कुछ लोग जाते हैं, कुछ घबरा जाते हैं। हमारे संघर्ष के लिए हिम्मत की जरूरत है, किसी के जाने से दुख तो होता ही है’’।

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “इन चुनाव के बाद भी मैं उत्तर प्रदेश में ही रहूंगी। इसके बाद अगर पार्टी मुझे कहीं जाने को कहेगी तो मैं जाऊंगी, मैं उत्तर प्रदेश में रह कर ही अपनी पार्टी को मजबूत बनाऊंगी”।

 

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का ट्विटर अकाउंट हुआ हैक

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का ट्विटर अकाउंट 12 जनवरी की सुबह हैक हो गया। हालांकि कुछ समय बाद अकाउंट को फिर से री-स्टोर कर लिया गया था।

अकाउंट को हैक करने के बाद हैकर ने प्रोफाइल नेम को बदल कर एलन मस्क लिखा साथ ही प्रोफाइल फोटो में मछली की फोटो लगा दी थी। इसके साथ ही लगातार कई सारे ट्वीट भी किए गए जिनमे से एक पर एक लिंक के साथ एलन मस्क की फोटो को भी शेयर किया था। और कैप्शन में समथिंग अमेज़िंग भी लिखा था।

हालांकि, कुछ समय पश्चात् अकाउंट के रिस्टोर होने की जानकारी भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल (सीईआरटी) ने आईटी मंत्रालय के अकाउंट से साझा की।

मंत्रालय ने ट्वीट कर लिखा, “अकाउंट एटदरेट एमआईबी इंडिया बहाल कर लिया गया है। यह सभी अनुयायियों की जानकारी के लिए है।”

आपको बता दें, पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आर्य एसडब्ल्यूए, आईएमए का भी ट्विटर अकाउंट भी हैक किया गया था। ऐसे कयास लगाए जा रहे है कि हैकर्स वही हो सकते है जिन्होंने पिछले दिनों इन सभी के अकाउंट हैक किए थे।

पूर्व जज जस्टिस इंदु मल्होत्रा के नेतृत्व मे कमेटी करेगी जांच: पीएम सुरक्षा चूक मामला

पंजाब में प्रधानमंत्री सुरक्षा में चूक मामले में सुप्रीम ने पांच सदस्यों की जांच कमेटी गठित की है। इस कमेटी की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज जस्टिस इंदु मल्होत्रा करेंगी। कमेटी के अंतर्गत पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल, एडीजीपी व अन्य शामिल है।

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब व केंद्र सरकार द्वारा  बनाई गई कमेटियों को अपनी जांच रोकने के आदेश दिए है। चीफ जस्टिस ऑफ (सीजेआई) ने इस कमेटी के रिपोर्ट सौंपने की कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की है। लेकिन उन्होंने कहा कमेटी जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट सौंपे।

साथ ही सीजेआई एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने यह फैसला भी सुनाया है कि कमेटी अपनी जांच में यह देखे कि पीएम की सुरक्षा में क्या चूक हुई, इसके लिए कौन जिम्मेदार है और ऐसी घटना भविष्य में दोबारा ना हो इसके लिए क्या किया जाए।

कोर्ट ने कहा, पीएम की सुरक्षा एक संवेदनशील मामला है। ऐसे में एक प्रशिक्षित स्वतंत्र और न्यायिक शख्स को जांच का जिम्मा दिए जाने की ज़रूरत है, जिसे बाकी सदस्य सहयोग करेंगे।

पीएम मोदी करेंगे सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक: कोरोना पर चर्चा

देश में तेजी से बढ़ते कोरोना और ओमिक्रॉन वेरिएंट संक्रमण मामलों के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार (13 जनवरी) को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर सकते है।

हालांकि देश में कोरोना के नए मामलों में कल की तुलना में कमी जरुर आई है लेकिन अभी भी यह आंकड़ा 1.68 लाख से ज्यादा ही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले हफ्ते रविवार को देश में कोविड महामारी के हालात, स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे और आपूर्ति व्यवस्था की चल रही तैयारियों, देश में टीकाकरण अभियान की स्थिति, ओमिक्रॉन के प्रसार और इसके जन स्वास्थ्य प्रभाव की समीक्षा करने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की थी।

साथ ही इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिला स्तर पर स्वास्थ्य संबंधी पर्याप्त बुनियादी ढांचा सुनिश्चित किए जाने और वयस्कों के लिए टीकाकरण मुहिम मिशन मोड पर तेज किए जाने की अपील की थी।

उन्होंने कहा कि, राज्यों के हालात, तैयारियों और जन स्वास्थ्य सुविधाओं पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक बुलाई जाएगी। कोविड महामारी मामलों में वृद्धि के बीच देश में स्वास्थ्य कर्मियों, अग्रिम मोर्चे के कर्मियों और अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित 60 वर्ष से अधिक आयु के मरीजों को एहतियाती तौर पर टीकों की बूस्टर खुराक दिए जाने की मुहिम शुरू हो गई है।

यूपी में भाजपा को झटके, एसपी मौर्या का इस्तीफा, कुछ और कतार में !

उत्तर प्रदेश में स्वामी प्रसाद मौर्या के मंगलवार को भाजपा से इस्तीफे के बाद उत्तर प्रदेश भाजपा में भगदड़ मच गयी है। उनके अलावा 7 और विधायकों ने इस्तीफे देने की ‘बात’ कही है। योगी सरकार में मंत्री मौर्या ने दावा किया है कि एक-दो दिन में भाजपा के कई और विकेट गिरने वाले हैं। विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा से इतने ज्यादा विधायकों के इस्तीफों की खबर से यूपी भाजपा हिल गयी है। यह विधायक सपा में जा सकते हैं। भाजपा एकाध दिन में यूपी के उम्मीदवारों की सूची जारी करने वाली है।

इस घटनाक्रम से बेचैन भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने इन विधायकों से जल्दबाजी में फैसला न करने की अपील की है। इस्तीफों की इन ख़बरों से जाहिर हो रहा है कि विधायकों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति नाराजगी है। जिन विधायकों ने आज इस्तीफा देने की ‘बात’ कही है उनमें रोशन लाल वर्मा, बृजेश प्रजापति, ममतेश शाक्य, भगवती सागर, विनय शाक्य, धर्मेंद्र शाक्य और नीरज मौर्य के नाम शामिल हैं। चर्चा है कि आने वाले समय में दारा सिंह चौहान, देवेंद्र प्रताप सिंह, नंदगोपाल नंदी, धर्म सिंह सैनी जैसे नेता भी कुछ फैसला कर सकते हैं।

बता दें आज स्वामी प्रसाद मौर्य जब इस्तीफा लेकर राजभवन गए उनके साथ विधायक रोशन लाल वर्मा भी थे। इस से जाहिर होता है कि यह विधायक कुछ समय से योगी के खिलाफ एकजुट हो रहे हैं। इस बीच वर्तमान घटनाक्रम से परेशान उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने एक ट्वीट करके इन विधायकों से जल्दबाजी में फैसला न करने की अपील की है। उन्होंने कहा – ‘स्वामी प्रसाद मौर्य जी ने किन कारणों से इस्तीफा दिया मैं नहीं जानता हूं। उनसे अपील है कि संगठन में बैठकर बात करें और जल्दबाजी में किये फैसले अक्सर गलत साबित होते हैं।’

भाजपा को पहला बड़ा झटका आज लगा जब स्वामी प्रसाद मौर्य ने योगी केबिनेट के साथ भाजपा से भी इस्तीफा दे दिया। राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के बाद अखिलेश यादव के साथ उनकी तस्वीर से जाहिर हो गया कि वे समाजवादी पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं। मौर्य योगी सरकार में श्रम मंत्री थे। मौर्या ने इशारा किया कि भाजपा में ‘बड़ी भगदड़ मचने वाली है’।

मौर्य ने आरोप लगाया कि भाजपा में उनकी उपेक्षा हो रही थी। इधर चर्चा है कि आने वाले समय में दारा सिंह चौहान, देवेंद्र प्रताप सिंह, नंदगोपाल नंदी, धर्म सिंह सैनी जैसे नेता भी कुछ फैसला कर सकते हैं। आज मौर्या ने कहा – ‘मुझे कोई पछतावा नहीं है।  सुबह ही मैं दिनेश शर्मा और बंसल जी से मिला। एकाध दिन की अंदर इंतजार करिए। अभी तो खेल शुरू हुआ है, एक-दो दिन में खेल का नतीजे आएंगे।’

दिल्ली में निजी कर्मियों के लिए अब सिर्फ ‘वर्क फ्रॉम होम’, ज़रूरी सेवा रहेंगी जारी

दिल्ली में सभी निजी कार्यालय बंद करने का आदेश देते हुए मंगलवार को दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (डीडीएमए) ने संशोधित दिशानिर्देश जारी किए हैं।इनके मुताबिक बढ़ते कोविड मामलों को देखते हुए इनमें काम करने वाले कर्मियों को वर्क फ्रॉम होम करने को कहा गया है।

दिल्ली में बार और रेस्त्रां बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। निर्देश के मुताबिक मेडिकल सेवाएं और कोविड प्रोटोकॉल से  छूट मिले दफ्तर खुले रहेंगे। दिल्ली मेट्रो में 100 प्रतिशत क्षमता से लोग सफर करते रहेंगे लेकिन वे खड़े होकर सफर नहीं कर सकेंगे।

दिल्ली में कोविड के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए डीडीएमए ने यह संशोधित दिशा निर्देश जारी किये हैं। अब राजधानी में सभी निजी कार्यालय बंद रहेंगे। फिलहाल दिल्ली में 50 प्रतिशत लोगों को दफ्तर जाने की छूट थी। दिल्ली में कोविड मामलों की बढ़ती संख्या की सरकार समीक्षा कर रही थी। कल ही यहाँ 19 हजार नए मामले आने के बाद डीडीएमए ने पाबंदियां लगाई हैं।

आप सरकार की इस फैसले के बाद निंदा हो रही है, क्योंकि पंजाब में उसके नेता  चुनाव रैलियां कर रहे हैं। फिलहाल आपको बता दें कि डीडीएमए ने आज जो संशोधित दिशा निर्देश जारी किये हैं उनके मुताबिक केंद्र सरकार और सरकार के उपक्रमों के कर्मियों को दफ्तर जाने के जाने के लिए आईडी कार्ड लेकर चलना होगा। जज, न्यायिक अधिकारी, सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली हाईकोर्ट, जिला कोर्ट आदि के कर्मचारियों, वकीलों और सुनवाई से जुड़े लोगों को मान्य आईडी कार्ड या फोटो एंट्री पास साथ लेकर चलना होगा। नहीं होगा तो कार्रवाई होगी।

इसके मुताबिक निजी स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, लैब कर्मचारी मान्य आईडी कार्ड लेकर चलेंगे, गर्भवती महिलाएं, बीमार लोग (और उनके अटेंडेंट) डॉक्टर की पर्ची (मेडिकल दस्तावेज) से ही अस्पताल जा सकेंगे। कोविड जांच या वैक्सीनेशन के लिए जाते हुए आईडी कार्ड साथ रखना होगा।

दिशा निर्देश के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया को पाबंदियों से छूट रहेगी।  है। जो लोग रेलवे स्टेशन या एयरपोर्ट पर बाहर से आ रहे हैं, वे अपने टिकट दिखाकर गंतव्य तक जा सकेंगे। परीक्षा देने जा रहे छात्रों को एडमिट कार्ड दिखाना होगा, शादी के लिए 20 जनों को ही मंजूरी होगी और उन्हें शादी के कार्ड की सॉफ्ट या हार्ड कॉपी साथ रखनी होगी।

दिल्ली में वीकेंड लॉकडाउन से मिठाई और ढ़ाबा वाले परेशान

अगर कोरोना का कहर बढ़ता गया तो, निश्चित तौर पर छोटे-बड़े होटलों के साथ मिठाईयों की दुकान चलाने वाले और ढ़ाबा चलाने वालों पर काफी विपरीत असर पड़ेगा साथ ही आर्थिक नुकसान भी होगा। दिल्ली में शनिवार और रविवार को हुये लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा असर मिठाईयों की दुकान चलाने वालों पर और ढ़ाबा चलाने वालों पर पड़ा है।

तहलका संवाददाता को मिठाई वालों ने और जो गली मुहल्लों में छोटे-छोटे रेस्टोरेंट (ढ़ाबा) चला रहे है। बताया कि, शनिवार–रविवार को पुलिस ने दुकानों की शटर खुलवाकर देखा है कि कोई काम–धंधा तो नहीं चल रहा है। इसके कारण काफी परेशानी हुई है। कई दुकान वालों के तो पुलिस ने चालान तक काटे है।

बताते चलें, दिल्ली में गली–गली में छात्रों के लिये और मध्यम वर्गीय लोगों के लिये रेस्टोरेंट (ढ़ाबा) खुले हुये है। जहां पर वे आकर भोजन भी करते है। रेस्टोरेंट चलाने वाले सुधीर गर्ग का कहना है कि 2020 से अब तक कोरोना के कहर के कारण लोगों के काम–धंधे बंद पड़े है।

जैसे–तैसे काम शुरू होता है कोरोना का कहर फिर से आ जाता है। ऐसे में सरकार व्यापारियों की परेशानी तो समझती ही नहीं है। बल्कि परेशान कर चालान और कटवा रही है। जिसके कारण व्यापारी सरकार की नीतियों से नाराज है।

लक्ष्मी नगर में ढ़ाबा चलाने वाले सुशील शर्मा ने बताया कि, उनके रेस्टोरेंट में 7 कारीगर है। जो खाना बनाते है और रेस्टोरेंट में ही रहते है। रविवार की शाम पुलिस ने आकर रेस्टोरेंट खुलवाया और कहा कि लाँकडाउन में काम कर रहे हो चालान कटेगा। लेकिन पुलिस को बताना पड़ा कि कारीगर यहीं रहते है। तब जाकर पुलिस ने चालान तो नहीं काटा लेकिन परेशान किया।

इसी तरह दिल्ली में तामाम दुकान दारों को परेशानी का सामना करना पड़ा है। दिल्ली में हजारों की संख्या होटल है । वहां पर भी तामाम तरह की पाबंदियों के लगने से होटल कारोबारियों में रोष है। उन्होंने दिल्ली सरकार से अपील की है कि होटल से जुड़े काम में कई घरों की रोजी-रोटी चल रही है। अगर होटल को बंद किया गया तो हजारों लोगों की रोजी –रोटी पर संकट आ जायेगा।

ड्रग्स मामले में पूर्व मंत्री मजीठिया को हाई कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत

ड्रग्स मामले में घिरे पूर्व मंत्री और अकाली दल नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने सोमवार को राहत देते हुए अंतरिम जमानत दे दी है। मजीठिया ने इसके लिए याचिका डाली थी। अदालत ने मजीठिया को जांच में सहयोग  के निर्देश दिए हैं।

याद रहें अदालत में इस मामले की पिछली सुनवाई के दौरान ड्रग्स मामले में फंसे  मजीठिया की अग्रिम जमानत की याचिका पर पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर 10 जनवरी तक जवाब देने को कहा था। पिछली सुनवाई में जस्टिस लीजा गिल ने मजीठिया की अग्रिम जमानत पर करीब डेढ़ घंटे चली बहस के बाद पंजाब सरकार को यह नोटिस जारी किया गया था।

पिछली सुनवाई में मजीठिया की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा था कि मजीठिया के खिलाफ यह मामला राजनैतिक दुर्भावना और रंजिश के तहत राज्य की कांग्रेस सरकार ने दर्ज करवाया है, ताकि आगामी विधानसभा चुनाव में फायदा ले सके। उन्होंने मजीठिया के खिलाफ लगे सभी आरोपों को भी निराधार बताया था। उन्होंने तर्क कि मजीठिया जांच में शामिल हो सकते हैं, लिहाजा उन्हें अग्रिम जमानत दी जाए।

मजीठिया की अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील पी चिदंबरम को पेश किया था। उन्होंने मजीठिया की जमानत का विरोध करते हुए कहा कि यह एफआइआर तथ्यों के आधार पर ही की गई है, यह बेहद ही गंभीर मामला है। ऐसे में मजीठिया से पूछताछ की जानी बेहद जरूरी है। लिहाजा मजीठिया को जमानत न दी जाए। हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मजीठिया की अग्रिम जमानत पर पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर सुनवाई 10 जनवरी तक स्थगित कर दी थी। अब सोमवार को अदालत ने मजीठिया की याचिका स्वीकार करते हुए उन्हें अंतरिम जमानत दे दी।

उत्तर प्रदेश में समानान्तर धुव्रीकरण होगा

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर अभी तक जो समीकरण समाजवादी और भाजपा के बीच बन रहे थे। साथ ही चुनावों की तारीखों की घोषणा के बाद अब बसपा और कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने भी कमर कस ली है।

बतातें चले, बसपा के नेताओं का मानना है कि उनका दलित और ब्राहमण वोट फिर से एक हो रहा है। जबकि कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने सपा और भाजपा पर कई बार सियासी हमला कर बता दिया है। जब से कांग्रेस की सरकार नहीं बनी है तब से उत्तर प्रदेश में दंगा और लूटपाट–कब्जा का चलन बढ़ा है।

कांग्रेस का मानना है कि देश में बढ़ती महंगाई और भ्रष्टाचार को लेकर जनता दुखी है। इसलिये कांग्रेस से जनता ने आस लगायी है। भाजपा का मानना है भाजपा छोड़ अन्य पार्टियां मुस्लिम मतदाताओं को लुभाने में जोर लगा रही है। यानि मुस्लिम वोटों का धुर्वीकरण करेगी। जबकि भाजपा मुस्लिम मतदाता की तरह हिन्दू धुर्वीकरण पर जोर दे रही है। यानि की समानान्तर धुर्वीकरण होगा।

मौजूदा समय में राजनीतिक दल इस बात पर जोर दें रहे है कि राजनीति अपने दम पर और अकेले ही अपनी पार्टी के नाम पर की जाये। अगर किसी कारण बस किसी भी दल को बहुमत में कुछ कमी रह जाती है तो चुनाव बाद भी समझौता हो सकता है।

यानि चुनाव बाद का गठबंधन हो सकता है। इसलिय राजनीतिक दल अकेले दम पर चुनाव लड़ने की बात कर रहे है। उत्तर प्रदेश की राजनीति के जानकार पवन कुमार का कहना है कि कोरोना काल चल रहा है। पहले तो ये तय नहीं हो रहा है कि चुनाव में रैली होगी या नहीं, जिस प्रकार चुनाव आयोग ने आदेश दिये है कोरोना को देखते हुये।

इससे तो स्पष्ट है कि प्रदेश में मतदाता को पहचानना मुश्किल होगा कि मतदाता किस के पक्ष में है। इसलिये चुनाव जब चरम पर होगा। तभी कुछ कहा जा सकता है। फिलहाल चुनाव में कड़ा संघर्ष है।