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पंजाब के सीएम चन्नी के भतीजे को ईडी ने आधी रात किया गिरफ्तार

पंजाब विधानसभा चुनाव के मतदान के लिए अब दो हफ्ते से कम समय बचा है, प्रवर्तन निदेशालय ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भतीजे भूपेंद्र सिंह हनी को रेत खनन मामले में गुरुवार-शुक्रवार की आधी रात गिरफ्तार कर लिया। उन्हें आज 12 बजे जलंधर कोर्ट में पेश किये जाने की संभावना है।  कांग्रेस ने इसे चुनाव से जोड़कर ‘राजनीतिक कार्रवाई’ बताया है।

चुनाव से ऐन पहले इस घटनाक्रम से चन्नी के लिए राजनीतिक मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं, हालांकि कांग्रेस ने ईडी की कारववाई को ‘राजनीतिक’ बताते हुए दावे किया है इनसबके बावज़ूद राज्य में कांग्रेस की जीत होगी। बता दें हनी को ईडी ने धन शोधन के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया है। ईडी ने हनी को गुरुवार को पूछताछ के लिए बुलाया था।

अब हनी को आज ईडी दोपहर 12 बजे जलंधर कोर्ट में पेश कर सकती है। याद रहे कुछ दिन पहले ही ईडी की टीम की राज्य में अवैध बालू खनन को लेकर की गई छापेमारी में 8 करोड़ रुपये से अधिक नकद, 21 लाख रुपये का सोना और 12 लाख रुपये की रोलेक्स घड़ी बरामद हुई थी। कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त करने ईडी ने दावा किया था।

ओवैसी के काफिले पर हमला

मेरठ – दिल्ली मार्ग पर एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी के काफिले पर 3 जनवरी (गुरुवार को) हमला हो गया। हमलावरों ने छिजारसी टोल प्लाजा के पास उनकी गाड़ी पर तीन-चार राउंड गोलियां दागीं।

एआईएमआईएम प्रमुख किसी काम से मेरठ से दिल्ली जा रहे थे। यह अच्छा हुआ कि उस समय अदुद्दीन गाड़ी में मौजूद नहीं थे। घटना के वक्त ओवैसी अपने समर्थकों से मिलने के लिए गाड़ी से उतर गये थे। वह मेरठ से चुनाव प्रचार करके दिल्ली की ओर रवाना हुआ था।

इस घटना को लेकर ओवैसी ने कहा कि वह किठौर में चुनाव कार्यक्रम के बाद दिल्ली लौट रहे थे। छिजारसी टोल प्लाजा के पास दो लोगों ने उनकी गाड़ी पर अपराधियों ने तीन-चार राउंड फायरिंग की और फरार हो गये। उन्होंने बताया कि उनकी गाड़ी का टायर पंक्चर हो गया। फायरिंग करने वालों की संख्या तीन-चार बतायी जा रही है। ओवैसी के काफिले पर हमले के बाद यूपी पुलिस मौका-ए-वारदात पर पहुंच गयी और छिजारसी टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी कैमरे को खंगालने लगी। फिलहाल जांच जारी है।

सुप्रीम कोर्ट से रोड रेज मामले में सिद्धू को राहत, अगली सुनवाई 25 को

विद्यानसभा चुनाव से पहले पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष और पार्टी की तरफ से चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदारों में एक नवजोत सिंह सिद्धू को गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। उनके वकील की तरफ से मामले की सुनवाई टालने की अपील को मानते हुए सर्वोच्च अदालत ने अब इस मामले की सुनवाई 25 फरवरी को रखी है।

सिद्धू के वकील पी चिदंबरम ने गुरुवार को अदालत में कहा कि यह मामला अचानक 2  फरवरी की रात को लिस्ट हुआ। सिद्धू ने अब नया वकील किया है, हमें जवाब के लिए वक्त दिया जाए।’ सर्वोच्च अदालत ने उनकी दलील मंजूर करते हुए अगली सुनवाई 25 फरवरी के लिए तय की है।

सिद्धू एक पुराने (1998 का मामला) रोड रेज मामले में आरोपी हैं। इस मामले में पटियाला के रहने वाले एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। पहले शीर्ष अदालत ने सिद्धू को यह कहते हुए छोड़ दिया था कि उनके खिलाफ गैर इरादतन हत्या के कठोर आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं। उस समय शीर्ष अदालत ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द कर दिया था, जिसमें सिद्धू को गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराया गया था।

बता दें उस आदेश में उन्हें तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि सिद्धू को मेडिकल रिकॉर्ड सहित सभी सबूतों की जांच के बाद गलत तरीके से दोषी ठहराया गया था। सिद्धू पर स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 323 के तहत आरोप लगाया गया था, हालांकि उन्हें सिर्फ 1000 रूपये जुर्माना देकर छोड़ दिया गया था।

शीर्ष अदालत ने तब पाया था कि घटना 30 साल से अधिक पुरानी है और आरोपी और पीड़ित के बीच कोई पुरानी दुश्मनी नहीं थी। अदालत ने यह भी कहा कि आरोपी ने किसी हथियार का इस्तेमाल नहीं किया।

अब सिद्धू के वकील नियुक्त हुए पी चिदंबरम ने सर्वोच्च अदालत में इस मामले की  सुनवाई टालने की अपील की थी, जिसे गुरुवार की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने मंजूर कर लिया। अब इस मामले की सुनवाई 25 फरवरी को तय की गयी है। बता दें पंजाब में 20 फरवरी को विधानसभा के चुनाव एक ही चरण में होने हैं।

पहले चरण में दागी छवि वाले उम्मीदवारों की भरमार : एडीआर रिपोर्ट

राजनीति और चुनावों को अपराध से मुक्त करके कोशिशों के बीच एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में विधानसभा के पहले चरण के चुनाव में 623 में से 615 प्रत्याशियों के शपथपत्र के विश्लेषण से जाहिर होता है कि इनमें से 156 पर आपराधिक मुक़दमे हैं जिनमें से 121 पर गंभीर मामले हैं। चुनाव में उतरे 280 उमीदवार करोड़पति हैं। चुनाव में महिलाओं को सबसे ज्यादा टिकट कांग्रेस ने दिए हैं।

पहले चरण में 58 सीटों पर चुनाव हो रहा है। इनमें से सपा के 75 फीसदी, रालोद के  59 फीसदी, भाजपा के 51 फीसदी, कांग्रेस के 36 फीसदी और बसपा के 34 फीसदी जबकि आप के 15 फीसदी उम्मीदवार अपराधी या दागी छवि वाले हैं। चुनाव सुधार पर काम करने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की यह बात सामने आई है।

रिपोर्ट के मुताबिक 20 फीसदी प्रत्याशियों पर गंभीर किस्म के आरोप हैं। पहले चरण में सपा के सबसे ज्यादा प्रत्याशी अपराधी छवि के हैं। उसने कुल 28 में से 21 ऐसे लोगों को टिकट दिया है, जिस पर गंभीर आपराधिक मामले हैं। पहले चरण में अपराधी छवि वाले लोगों को टिकट देने के मामले में आरएलडी दूसरे नंबर पर है जिसके 29 में से 17 प्रत्याशी दागी छवि वाले हैं।

इस मामले में भाजपा भी पीछे नहीं। उसके 57 में से 29 प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले हैं। कांग्रेस के 58 में से 21 प्रत्याशियों, बसपा के 56 में से 19 प्रत्याशियों पर और आम आदमी पार्टी (आप) के 52 में से 15 प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले हैं।

इस चुनाव में 58 में 53 सीटें ऐसी हैं जहां कम से कम 3 या अधिक प्रत्याशियों पर आपराधिक मुकदमे हैं। एडीआर का कहना है कि राजनीतिक दलों के टिकट वितरण से जाहिर हो जाता है कि उनकी चुनाव सुधार में कोई दिलचस्पी नहीं है।

चुनाव के प्रत्याशियों के पास संपत्ति की बात की जाए तो भाजपा उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 12 करोड़, सपा उम्मीदवारों की 13 करोड़, रालोद की 8 करोड़, बसपा की 7 करोड़ और कांग्रेस उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 3 करोड़ से अधिक है। कांग्रेस के 58 में 32 और आप के 52 में 22 प्रत्याशी करोड़पति हैं।

पहले चरण में सभी दलों ने मिलाकर सिर्फ 12 फीसदी महिलाओं को टिकट दिया है। इनमें महिलाओं को सबसे ज्यादा टिकट कांग्रेस ने 28 फीसदी, भाजपा ने 12 फीसदी, सपा, बसपा और रालोद ने 7-7 फीसदी जबकि आप ने 13 फीसदी महिलाओं को टिकट दिए हैं।

एमसीडी की सियासत में उत्तर प्रदेश चुनाव की आहट

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के चुनाव को लेकर दिल्ली में हर रोज सियासत तेज होती जा रही है। भले ही अभी चुनाव की तारीख का ऐलान नहीं हुआ है। लेकिन एमसीडी के चुनाव में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव की आहट सुनी जा रही है।

बताते चलें एमसीडी के चुनाव में भाजपा, कांग्रेस और आप पार्टी मुख्य रूप से चुनाव मैदान में होगीं। लेकिन लोगों का कहना है कि उत्तर प्रदेश की तरह एमसीडी के चुनाव में कांग्रेस अपने खोये हुये जनाधार का वापस लाने का प्रयास भर करेगी। जबकि मुख्य मुकाबला भाजपा और आप पार्टी के बीच ही होगा।

दिल्ली के सियासतदानों का कहना है कि अगर भाजपा उत्तर प्रदेश के चुनाव में शानदार जीत हासिल करती है और सरकार बनाती है। तो उसका असर एमसीडी के चुनाव पर पड़ेगा और भाजपा के कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा। क्योंकि उत्तर प्रदेश, दिल्ली से सटा हुआ राज्य है। इस लिहाज से भाजपा की जीत का असर देखने को मिलेगा।

यदि भाजपा किसी कारण वश सरकार बनाने में असफल होती है। तो दिल्ली में आप पार्टी के लिये चुनाव एक तरफा हो सकता है। क्योंकि आप पार्टी की नीतियों में फ्री की राजनीति का दबदबा है। लोगों ने बिजली–पानी और महिलाओं को फ्री में बस की यात्रा का लाभ मिला है। इसलिये आप पार्टी  एक बड़े वर्ग के लिये सही साबित हो रही है।

दिल्ली की राजनीति के जानकार के डी पाठक का कहना है कि अब राजनीति में आरोप–प्रत्यारोपों का कोई खास महत्व नहीं रह गया है। क्योंकि राजनीति में मौजूदा दौर में कोई भी नेता ऐसा नहीं जो दूध का धुंला हो। सो जनता अब आरोपों पर ध्यान नहीं देती है। मतदाता तो अपना लाभ देखकर उसी पार्टी को वोट करता है। जिससे उसको लाभ मिलना है या लाभ मिला हो। मौजूदा दौर में एमसीडी चुनाव पर उत्तर प्रदेश की सियासत हावी है। क्योंकि आप पार्टी, भाजपा और कांग्रेस के नेता उत्तर प्रदेश के चुनावी रैलियों में है। वहीं से एमसीडी के चुनाव की जीत हार का तानाबाना बुन रहे है।

डिजिटल मुद्रा नकदी में बदली जा सकती है, लेनदेन में भी सुरक्षित : पीएम मोदी

आम बजट में प्रस्तावित डिजिटल मुद्रा को नकदी में तब्दील किया जा सकता है और यह फिनटेक क्षेत्र में अवसरों के नए द्वार खोलेगी। यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को भाजपा के ‘आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।

उन्होंने डिजिटल मुद्रा को ऑनलाइन लेनदेन में सुरक्षित बताते हुए कहा कि   इसमें किसी तरह का कोई रिस्क भी नहीं होगा।

कार्यक्रम में पीएम ने कहा – ‘इस कदम से आने वाले वक्त में डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। यह हमारी वर्तमान करंसी डिजिटल रुपया, जो अभी हमारी फिजिकल करेंसी (भौतिक मुद्रा) है, उसका ही डिजिटल रूप होगा। इसे आरबीआई  द्वारा नियंत्रित किया जाएगा और साथ ही इसे फिजिकल करंसी से एक्सचेंज भी किया जा सकेगा।’

पीएम ने कहा कि केंद्रीय बैंक की डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) डिजिटल मुद्रा ऑनलाइन लेनदेन को और सुरक्षित बनाएगा। साथ ही इसमें किसी प्रकार का कोई रिस्क (खतरा) भी नहीं होगा। मोदी ने कहा – ‘सीबीडीसी से डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।’

मोदी ने कहा कि ‘डिजिटल मुद्रा फिनटेक क्षेत्र में नए मौके सृजित करेगी और कैश के प्रबंधन, छपाई, परिवहन संबंधी परिवहन के बोझ को न्यूनतम करके क्रांतिकारी परिवर्तन का कारण बनेगी।’

सम्मेलन में भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, कई केंद्रीय मंत्री, पार्टी पदाधिकारी और कई राज्यों के सीएम शामिल हुए।

जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस पर देशवासियों से माफी मांगे केंद्र सरकार:  कांग्रेस

जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस डील पर जब से विदेशी मीडिया ‘न्यूयार्क टाइम्स’ ने अपनी रिपोर्ट पेश की है तब से जासूसी मामले को लेकर भारत में फिर से सियासी पारे ने तूल पकड़ ली है। इस मुद्दे पर भारतीय युवा कांग्रेस ने सड़कों पर उतर कर केंद्र सरकार का कड़ा विरोध जताया है।

जहां एक ओर संसद का बजट सत्र चल रहा है वहीं दूसरी तरफ भारतीय युवा कांग्रेस ने जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस को लेकर सरकार के विरूद्ध बुधवार को शास्त्री भवन के बाहर खुलकर विरोध प्रदर्शन किया।

विरोध प्रदर्शन रैली भारतीय युवा कांग्रेस कार्यालय रायसीना रोड़ से शास्त्री भवन होते हुए संसद भवन तक तय की जानी थी। किंतु पुलिस की भारी तैनाती के चलते यह प्रदर्शन शास्त्री भवन के बाहर तक ही सिमट कर रह गया।

भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास भद्रावती वेंकट ने कहा कि, “वर्ष 2017 में विदेशी सरकार के साथ भारत की केंद्र सरकार द्वारा की गई 17 हज़ार करोड़ की पेगासस डील जो की सरकार ने केवल अपने शौक के लिए की थी। जासूसी करना इस सरकार की पुरानी आदत है। और अब सरकार को सामने आकर पेगासस डील पर देशवासियों से माफी मांगनी चाहिए। और यदि सरकार ऐसा नहीं करती तो देश की जनता सरकार को माफ नहीं करेगी।“

आपको बता दें, संसद का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो गया है। इसी बीच विपक्षी कांग्रेस पार्टी पेगासस, एमएसपी पर कानूनी गारंटी, आरआरबी-एनटीपीसी परीक्षा परिणाम, किसान आंदोलन के दौरान दर्ज हुए मुकदमे वापस न होने व लद्दाख में चीनी घुसपैठ से संबंधित नए खुलासों समेत अन्य कई मुद्दों पर केंद्र सरकार को घेरने की तैयारी में है।

बाजारों में बढ़ती भीड़ चिंता का कारण-डब्ल्यू एच ओ

World Health Organization leaders at a press briefing on COVID-19, held on March 6 at WHO headquarters in Geneva. Here's a look at its history, its mission and its role in the current crisis.

भारत में कोरोना के मामलें जरूर कम हो रहे है।
लेकिन मौतों के आंकड़े हर रोज चौकानें वाले सामने आ
रहे है। वहीं भारत देश में कोरोना की रोकथाम के लिये
तामाम पाबंदियों को लगाया था। लेकिन व्यापारियों के
दाबाव के कारण पाबंदियों को हटा दिया गया है।
जिससे बाजारों में फिर से भीड़ बढ़ने लगी है। जिससे
कोरोना के मामलें और बढ़ने की संभावनाओं को बल
मिल रहा है।बाजारों में बढ़ती भीड़ को देखते हुये विश्व
स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू एच ओ)ने चिंता व्यक्त करते
हुये आगाह किया है। जिस अंदाज में तामाम पाबंदियों
पर लगी रोक को हटा दिया गया है। वो घातक साबित
हो सकती है। इसलिये जो भी पाबंदियों को लगाया था।
उसको शनैः शनैः खोलना था।बताते चलें देश में लगभग
दो लाख कोरोना के मरीज हर रोज सामने आ रहे है।
जो किसी प्रकार से कम मामलें नहीं कहें जा सकते

है।इस बारे में दिल्ली स्टेट प्रोग्राम आँफीसर
(एनसीसीएचएच) डाँ भरत सागर का कहना है कि
कोरोना का वायरस अभी पूरी तरह से गया नहीं है। गत
तीन दिनों से 8 सौ से अधिक मौतें कोरोना से हो रही
है। जो अपने आप में ज्यादा है। उनका कहना है कि
अगर ऐसा ही सिलसिला चलता रहा है। तो फिर
परिणाम चौकानें वाले साबित होगें।एम्स के कोरोना
विरोधी अभियान के सदस्य डाँ आलोक कुमार का
कहना है कि कोरोना की रोकथाम को लेकर जो गाईड
लाईन बनायी गयी है ।उसको लेकर लोगों में गंभीरता
का अभाव है। सोशल डिस्टेसिंग का पालन नहीं हो रहा
है। दिल्ली जैसे शहर में लोग दिखावे के तौर पर मुंह में
मास्क लगा रहे है। जो कोरोना के बढ़ने कारण हो
सकता है।डाँक्टरों का कहना है कि कोरोना को
जागरूकता से हराया और हटाया जा सकता है।

धनबाद इलाके में खदान के मलबे में दबकर 5 की मौत, अभी कई लापता

झारखंड के निरसा में मंगलवार को तीन खदानों में हुए हादसे में फंसे 12 से ज्यादा लोगों का अभी भी कुछ पता नहीं चल पाया है जबकि प्रशासन ने 5 लोगों के मरने की पुष्टि की है। आशंका जताई गयी है कि मरने वालों की संख्या ज्यादा हो सकती है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घटना पर गहरा दुख जताते हुए कहा जिला राहत कार्य में जुटा है और घायलों की मदद की जा रही है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक इन खादानों में 15 से ज्यादा लोग थे। इतनी देर खदान में फंसे  रहने के कारण इन लोगों को लेकर चिंता जताई गयी है। निरसा का यह इलाका धनबाद में पड़ता है। निरसा में ईसीएल की गोपीनाथपुर, कापासारा और बीसीसीएल की दहीबाड़ी आउटसोर्सिंग में मंगलवार को यह हादसा तब हुआ जब वहां अवैध खनन का काम चल रहा था।

काम के दौरान मलबे में दबकर कई ग्रामीणों की जान चली गयी। अभी तक प्रशासन ने 5 लोगों के मरने की पुष्टि की है लेकिन काफी लोग अभी भी मलबे में फंसे हैं। बता दें यह खदानें 10 से 20 किलोमीटर के बड़े क्षेत्र के बीच हैं।

हादसे के बाद वहां लोगों की जान बचाने के लिए स्थानीय खदान प्रबंधन पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाए गए हैं। स्थानीय विधायक अपर्णा सेनगुप्ता और पूर्व विधायक अरूप चटर्जी के आने के बाद जाकर प्रबंधन ने मलबा हटाने का काम शुरू किया। ग्रामीण भी वहां लगातार जुटे रहे और मदद की।

घटना को लेकर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। घटना पर जिला खनन अधिकारी से भी रिपोर्ट तलब की गयी है। इस मामले में चूक कैसे हुई, इसे लेकर जांच के आदेश दिए गए हैं।

सुनहरे भविष्य की ओर बढ़ते हुए आत्मनिर्भर भारत का वर्ष 2022-23 का बजट: ओम माथुर

लोकसभा में वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बजट केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया। निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट चौथी बार पेश किया है। बजट में डिजिटल करेंसी शुरू करने, आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत 16 लाख नौकरियां, मेक इन इंडिया के तहत 60 लाख नौकरिया समेत अन्य कई बड़े ऐलान भी किए गए है।

भारतीय जनता पार्टी के सांसद और पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम माथुर ने लोक सभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत वर्ष 2022-2023 के आम बजट की सराहना करते हुए कहा कि, “किसानों की गेहूं और धान की फसल के 2.37 लाख करोड़ रुपये का एमएसपी का भुगतान सीधे 163 लाख किसानों के खातों में किया जायेगा। यह बजट आगामी 25 वर्षों के लिए ब्लूप्रिंट है जो देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

उन्होंने आगे कहा कि, समावेशी विकास हमारी सरकार की प्राथमिकता है जिसमें धान, खरीफ और रबी फसलों के लिए किसान शामिल है जिसके तहत 1 हजार करोड़ एमएलटी धान की खरीद होने से एक करोड़ से अधिक किसान लाभान्वित होंगे।”

ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों को लाभ

ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में 60 हजार घरों की पीएम आवास योजना के लाभार्थियों के रूप में पहचान की जायेगी। इस योजना के लिए 40 हजार करोड़ रूपये भी दिये जायेंगे जिससे 80 लाख लोगों को घर मिलेगा। साथ ही रक्षा क्षेत्र में 25 प्रतिशत रक्षा रिसर्च के लिए खर्च किया जायेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत 2 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अपग्रेड किया जायेगा। मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य, सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 इन तीनों योजनाओं से महिलाओं और बच्चों को अत्याधिक लाभ मिलेगा।

इंफ्रास्ट्रक्चर को लाभ

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए वर्ष 2022-23 बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए 20 हजार करोड़ के कोष की व्यवस्था की गयी है। साथ ही वर्ष 2022 में 5जी नेटवर्क की शुरुआत भी की जायेगी।

इन सबके साथ ही सरकार ने पेयजल की गंभीर समस्या को देखते हुए ‘हर घर, नल से जल’ योजना के लिए वर्ष 2022-23 में 60 हजार करोड़ रुपये आवंटित किया है जिससे की इस योजना से 5.5 करोड़ घरों को जोड़ा जा सकेगा।

एक राष्ट्र एक पंजीकरण

देश में कहीं भी जीवन यापन और व्यवसाय करने में आसानी के लिए ‘एक राष्ट्र एक पंजीकरण’ योजना की शुरुआत की गई है। अगले तीन वर्षों के दौरान बेहतर क्षमता वाली 400 नई जनरेशन की वंदे भारत ट्रेन चलाने की सुविधा भी की गई है।