Home Blog Page 480

उपचुनाव के परिणाम 26 जून को घोषित होने के बाद ही नेताओं की लोकप्रियता का मालूम पड़ेगा

दिल्ली की राजेन्द्र नगर विधानसभा में हुये उपचुनाव और उत्तर प्रदेश की दो लोकसभा चुनाव रामपुर और आजमगढ़ में हुये 23 जून के चुनाव परिणाम 26 जनवरी को घोषित किये जायेगे। इन उपचुनाव में भाजपा की प्रतिष्ठा सीधे तौर पर दांव पर लगी है। भाजपा की इन सीटों पर जीत से ये निश्चित तौर पर कहा जायेगा कि भाजपा की लोकप्रियता में इजाफा हो रहा। अगर भाजपा हारती है तो भाजपा के लिये सकारात्मक मैसेज नहीं होगा।

बताते चलें राजेन्द्र नगर सीट पर आप पार्टी का कब्जा रहा है। ये सीट राघव चड्डा के राज्य सभा में जाने से ये सीट खाली हुई है। आप पार्टी ने दुर्गेश पाठक को चुनाव मैदान में उतारा है। यहां के लोगों का कहना है कि आप पार्टी की लोकप्रियता पर खासा असर पड़ने वाला नहीं है। वहीं भाजपा ने राजेश भाटिया को चुनाव मैदान में उतार कर एड़ी चोटी का जोर लगाया है ताकि भाजपा को जीत हासिल हो सकें। लेकिन उत्तर प्रदेश में हालत अलग है। क्योंकि रामपुर और आजमगढ़ में सपा के दोनों सांसदों ने मोदी लहर में भी चुनाव जीता था।इस लिहाज से भाजपा ने अपने प्रत्याशियों को चुनाव जीताने के लिये कड़ी मेहनत की है।

उत्तर प्रदेश भाजपा के नेताओं का कहना है कि अगर इन दोनों सीटों पर भाजपा चुनाव जीतती है और सपा को हराती है। तो निश्चित तौर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ की लोकप्रियता में इजाफा माना जायेगा।वैसे प्रदेश की जनता का मानना है कि प्रदेश विधानसभा के चुनाव अलग होते है। उस हिसाब से चुनाव में जनता वोट देती है। लेकिन लोकसभा के चुनाव अलग होते है। उसमें केन्द्र की राजनीति के मुताबिक वोट देते है। फिलहाल 26 जून के चुनाव परिणाम सामने आने से ही प्रदेश की राजनीति और सूबे के नेताओं की लोकप्रियता का मालूम पड़ेगा।

मुंबई हमले के साजिशकर्ता को पाक अदालत ने सुनाई 15 साल की क़ैद

मुंबई आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान पर आरोप लगते रहे हैं। अब पाकिस्तान की एक अदालत ने 2008 के मुंबई हमले के एक साजिशकर्ता साजिद को 15 साल से अधिक की जेल की सजा सुनाई है। लाहौर की आतंकवाद-रोधी अदालत ने यह सजा आतंकवाद के वित्तपोषण के एक मामले में सुनाई है। साजिद 26/11 के मुंबई हमलों में भूमिका के लिए भारत की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल है। इस घटना में 166 लोग की जान गयी थी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह सजा इस महीने की शुरुआत में लाहौर की आतंकवाद-रोधी अदालत ने प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एक आतंकी साजिद मजीद मीर को सुनाई। दोषी घोषित मीर अप्रैल में गिरफ्तार हुआ था और उसके बाद से कोट लखपत जेल में बंद है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक अदालत ने मीर पर 4,00000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। दिलचस्प बात यह है कि पाकिस्तान में पंजाब पुलिस का आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी), जो मीडिया को ऐसे मामलों में दोषसिद्धि की जानकारी साझा करता है, ने आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में मीर की दोषसिद्धि की सूचना नहीं दी थी। यह जानकारी में मीडिया में इस मामले से जुड़े एक वकील के जरिये बाहर आई।

वैसे मीर को लेकर पहले यह रिपोर्ट्स मीडिया में आती रही थीं कि उसकी मौत हो चुकी है। पाकिस्तान ने साजिद मीर को एफएटीएफ की ‘ग्रे लिस्ट’ से हटाने की मांग करने के लिए गिरफ्तार किया था और उस पर मुकदमा चलाया गया था। साजिद मीर, पर पांच मिलियन अमरीकी डालर का इनाम भी घोषित है। मीर कथित तौर पर 2005 में फर्जी नाम से फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल कर भारत आया था।

द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन किया दाखिल, पीएम मोदी समेत अन्य बड़े नेता रहे उपस्थित

झारखंड की पूर्व राज्यपाल और एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने आज संसद भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में अपना नामांकन दाखिल कर दिया है।

नामांकन के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बड़े नेता व कई राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद रहे। साथ ही ओडिशा की सत्ताधारी बीजू जनता दल (बीजद) के प्रतिनिधि के रूप में राज्य सरकार के दो अन्य वरिष्ठ मंत्री भी मौजूद रहे।

द्रौपदी मुर्मू के नामांकन पत्र में पहले प्रस्तावक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रहे। साथ ही भाजपा के अध्यक्ष नड्डा समेत पार्टी के अन्य दिग्गज नेता भी प्रस्तावकों में शामिल हुए।

आपको बता दे, वाईएसआर कांग्रेस और बीजू जनता दल ने राष्ट्रपति पद के लिए द्रौपदी मुर्मू को अपना समर्थन देने का ऐलान किया है। साथ ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाये जाने की खुशी जताई है।

वहीं दूसरी तरफ विपक्ष के साझा उम्मीदवार पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा 27 जून को राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए अपना नामांकन दाखिल करेंगे।

महाराष्ट्र के घटनाक्रम को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल

महाराष्ट्र का राजनीतिक संकट सर्वोच्च न्यायालय में पहुँच गया है। वहां के राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गयी है जिसमें दलबदल में शामिल सभी विधायकों पर कार्रवाई की मांग की गयी है।

यह याचिका मध्यप्रदेश महिला कांग्रेस की नेता जया ठाकुर ने दायर की है जिसमें उन्होंने सर्वोच्च अदालत से याचिका पर जल्द सुनवाई का आग्रह किया है। उनके वकील ने कहा कि यह मामला काफी गंभीर है और कोर्ट इस पर शीघ्र सुनवाई करे। सर्वोच्च अदालत ने इस पर सहमति जताई और कहा कि आने वाले बुधवार (29 जून) को सुनवाई होगी।

याचिका दायर करने वाली मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष जया ठाकुर ने अर्जी में दलबदल करने वाले विधायकों को पांच साल के लिए चुनाव लड़ने से रोकने के निर्देश देने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि अयोग्य/इस्तीफा देने वाले विधायकों को उनके इस्तीफे/विधानसभा से अयोग्य ठहराए जाने की तारीख से पांच साल तक चुनाव लड़ने की रोक लगे।

याचिका में कहा गया है कि राजनीतिक दल देश के लोकतांत्रिक ताने-बाने को नष्ट करने की कोशिश में हैं। विधायकों का दलबदल असंवैधानिक है। ये अर्जी 2021 में उनके द्वारा पहले से ही लंबित याचिका में दायर की गई है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2021 में केंद्र से जवाब मांगा था। अर्जी में कर्नाटक में 2019 में दोषपूर्ण विधायकों के फिर से चुनाव का हवाला भी दिया गया है।

कोरोना के साथ डेंगू को लेकर बरते सावधानी

दिल्ली में कोरोना के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे है। वहीं डेंगू का डंक भी लोगों के बीच भय का कारण बना हुआ है। दिल्ली के डॉक्टरों ने तहलका संवाददाता को बताया कि अगर कोरोना के साथ डेंगू का कहर बढ़ता है। तो निश्चित तौर पर लोगों को विशेष सावधानी बरतनी होगी। 23 जून को दिल्ली में करीब एक हजार नौ से अधिक मामले आये है। वहीं दूसरी तरफ 22 जून को डेंगू के 7 से ज्यादा मामले सामने आने से दिल्ली के स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।

बताते चलें कोरोना और डेंगू दोनों ही संक्रमित बीमारी है। इसमें रोगी को तुरन्त जानकारी नहीं मिलती है। दो दिन बाद रोगी को इसके हल्के लक्षण मिलते है। ऐसे में सावधानी के तौर पर भीड़-भाड़ वाले इलाके में जाने से बचना आवश्यक है।

एम्स के डॉ आलोक कुमार का कहना है कि आने वाले दिनों में बरसात का मौसम आयेगा जिससे मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ेगा। जिसमें डेंगू और मलेरिया शामिल है। उनका कहना है कि डेंगू को लेकर दिल्ली में कहर अक्सल रहा है। जिसमें रोगी के प्लेटलेट्स गिरने लगते है। और साथ ही रोगी का वजन भी।

डॉ आलोक कुमार ने बताया कि समय रहते अगर कोरोना के साथ अगर डेंगू को काबू नहीं पाया गया तो ये घातक हो सकता है। जिसके चपेट में बच्चे , युवा और बुजुर्ग भी आ सकते है।डाँ संजय चौधरी का कहना है कि तमाम अध्ययनों से इस बात की पुष्टि हुई है कि जून के आखिरी में और जुलाई के शुरू में कोरोना का कहर बढ़ सकता है। ऐसे में बचाव के तौर पर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मुंह मास्क लगाकर ही निकलें ताकि कोरोना के साथ डेंगू को काबू पाया जा सकें।

गुजरात दंगे: नरेंद्र मोदी को मिली ‘क्लीन चिट’ को बरकरार रखा सुप्रीम कोर्ट ने

गुजरात दंगों के मामले में उस समय राज्य के मुख्यमंत्री और अब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘क्लीन चिट’ देने वाली विशेष जांच टीम (एसआईटी) की रिपोर्ट के खिलाफ जाकिया जाफरी की याचिका सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को खारिज कर दी। लम्बी चली सुनवाई के बाद 9 दिसंबर, 2021 को सर्वोच्च अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था। सर्वोच्च अदालत ने

जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सीटी रवि कुमार की पीठ यह फैसला सुनाया। सर्वोच्च अदालत ने आज राज्य के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी को मिली क्लीन चिट को बरकरार रखा है। अदालत ने 2002 दंगों के पीछे ‘बड़ी साजिश’ की जांच से इनकार करते हुए दिवंगत कांग्रेस नेता जाकिया जाफरी की याचिका खारिज कर दी। फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जाकिया की अपील में कोई मेरिट नहीं है।

याद रहे यह याचिका जाकिया जाफरी ने दायर की थी जिनके पति कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की 2002 के गुजरात दंगों के दौरान गुलबर्ग हाउसिंग सोसाइटी हत्याकांड में मौत हो गयी थी। जाफरी ने एसआईटी की रिपोर्ट को सर्वोच्च अदालत में चुनौती वाली याचिका दायर की थी।

एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में गोधरा हत्याकांड के बाद सांप्रदायिक दंगे भड़काने में राज्य के उच्चाधिकारियों की किसी भी ‘साजिश’ को खारिज किया गया था। साल 2017 में गुजरात हाई कोर्ट ने एसआईटी की क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ जकिया की विरोध शिकायत को मजिस्ट्रेट द्वारा खारिज करने के खिलाफ उसकी चुनौती को खारिज कर दिया था।

इन दंगों में उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘क्लीन चिट’ देने के खिलाफ याचिका का एसआईटी और गुजरात सरकार ने विरोध किया है। दंगों की जांच के लिए गठित एसआईटी ने जाकिया जाफरी के बड़ी साजिश के आरोपों को नकारा है। एसआईटी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि इस मामले में एफआईआर या चार्जशीट दर्ज करने के लिए कोई आधार नहीं मिला।

उधर जाकिया जाफरी ने एसआईटी पर आरोपियों के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया है। पिछली सुनवाई में सर्वोच्च अदालत ने इस पर आपत्ति जताई थी। कोर्ट ने कहा सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एसआईटी के लिए मिलीभगत एक कठोर शब्द है।

जाकिया जाफरी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि जब एसआईटी की बात आती है तो आरोपी के साथ मिलीभगत के स्पष्ट सबूत मिलते हैं। राजनीतिक वर्ग भी सहयोगी बन गया है। एसआईटी ने मुख्य दस्तावेजों की जांच नहीं की।

देश भर में कोरोना मामलों में बड़ी उछाल, एक दिन में आये 17,336

ऐसा लग रहा है कि देश में कोरोनावायरस फिर पांव पसार रहा है। यह कितना लम्बा खिंचेगा कहना मुश्किल है, क्योंकि बड़े पैमाने पर टीकाकरण हो चुका है। लेकिन पिछले 24 घंटे में 17,336 नए मामले सामने आने के बाद चौकस हो गया है।

एक दिन में इतने ज्यादा मामले एक दिन पहले के मुकाबले आये मामलों से 30.2 फीसदी ज्यादा हैं। गुरुवार को कुल 13,313 नए मामले सामने आए थे। अब देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 4 करोड़, 33 लाख, 62 हजार 294 हो गई है।

पिछले 24 घंटे में देशभर में 13 लोगों की कोविड से मौत हुई है। देश में कोविड से अब तक कुल 5 लाख 24 हजार 954 लोगों की जान जा चुकी है। कोविड से मौत की दर बढ़कर अब 1.21 फीसदी हो गई है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में कुल एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 88 हजार के पार हो गई है जबकि 88,284 सक्रिय मरीज हैं। एक्टिव केस कुल संक्रमण का 0.20 फीसदी हो गया है।

बागी 24 घंटे में वापस लौटें, हम एमवीए से बाहर आने पर विचार करेंगे: राउत

महाराष्ट्र की राजनीति में मची उथल पुथल के बीच शिव सेना के ताकतवर नेता सांसद संजय राउत ने गुरुवार को बागी विधायकों को कहा कि कि ‘वे 24 घंटे में वापस लौट आएं हम महाविकास अघाड़ी से निकलने पर विचार करेंगे।’ हालांकि, साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि शिंदे के साथ गए 21 विधायक उनके संपर्क में हैं।

राउत का यह बयान इस लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है कि बागी शिव सेना विधायक एकनाथ शिंदे भी यही मांग कर रहे हैं कि शिव सेना को एनसीपी-कांग्रेस से अलग होकर भाजपा से फिर गठबंधन कर लेना चाहिए।

उन्होंने यह भी दावा किया कि ‘उद्धव ठाकरे जल्द सीएम आवास वर्षा लौटेंगे। फ्लोर टेस्ट हुआ तो हम जीतेंगे क्योंकि हमारे विधायकों का अपहरण किया गया है। हम मौजूदा सरकार से बाहर निकलने को तैयार हैं। लेकिन जो भी आपकी मांग है, वो मुंबई आकर बताएं आप अगर कहते हैं कि आप सच्चे शिवसैनिक हैं, तो मुंबई लौट आएं।’

शिव सेना में वापस लौटे दो विधायकों नितिन देशमुख और कैलाश पाटिल के साथ प्रेस कांफ्रेंस करके हुए राउत ने यह बात कही। प्रेस कांफ्रेंस में संजय राउत ने कहा – ‘बागी शिवसेना विधायक 24 घंटे में लौट आएं। हम महाविकास अघाड़ी से निकलने पर विचार करेंगे।’

राउत का यह बयान सिर्फ अपने विधायकों को वापस लाने के लिए है या सच में शिव सेना एनसीपी-कांग्रेस से अलग होने का फैसला कर सकती है, यह अभी कहना बहुत मुश्किल है। राउत ने कहा – ‘इन लोगों (शिंदे और उनके साथ गए विधायक) की मुंबई आने की हिम्मत नहीं है। यहां पर आकर उन्हें जो कुछ कहना है, वो कहना चाहिए। यहां आकर पत्र व्यवहार करना चाहिए, लेकिन ये सभी लोग गुवाहाटी में बैठकर बातें बना रहे हैं। हिम्मत है तो मुंबई वापस आइए।’

शिव सेना नेता ने बागियों से कहा कि वे उद्धव ठाकरे के सामने अपनी बात रखें। ‘मुझे पूरा भरोसा है कि आपकी बात सुनी जाएगी। आप 24 घंटों के अंदर वापस आइए, एमवीए से बाहर निकलने पर विचार करेंगे।’ राउत ने दावा किया कि ‘शिंदे के साथ गए 21 विधायक हमारे संपर्क में हैं। हमारे विधायकों का अपहरण किया गया है।’

सूरत से वापस आये प्रेस कांफ्रेंस में उपस्थित शिवसेना विधायक नितिन देशमुख ने कहा – ‘सूरत में हमें जबरदस्त पुलिस सुरक्षा में रखा गया था। मुझे जबरन सूरत ले जाया गया।’ दूसरे विधायक कैलाश पाटिल ने कहा – ‘मुझे सूरत में कैद करके रखा गया। एक किलोमीटर भागकर चंगुल से निकला। हमारे कई विधायक मजबूरी के चलते मुंबई नहीं लौट पा रहे हैं।’

राजेन्द्र नगर विधानसभा उपचुनाव का मतदान जारी

दिल्ली राजेन्द्र नगर विधानसभा उप चुनाव का आज मतदान जारी है। उप चुनाव में आप पार्टी और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है। आप पार्टी का दावा है कि इस बार का उपचुनाव भाजपा को आप पार्टी के विकास कार्यो की जीत होगी । जबकि भाजपा का कहना है कि दिल्ली में जब से आप पार्टी की सरकार बनी है। तब दिल्ली मेें विकास कार्यो का पलीता लगा है।

खैर चुनाव में आरोप -प्रत्यारोप की बात छोड़े तो जनता का मिजाज कुछ बदला -बदला सा देखने को मिला है। आलम ये है कि सुबह से ही पोलिंग बूथ पर लोगों का आना शुरू हो गया था। सुरक्षा व्यवस्था चाँक चौबंद की गई ताकि चुनाव में किसी प्रकार की धांधली न हो सकें। राजेन्द्र नगर के लोगों का कहना है कि उप चुनाव में जीत हार से दिल्ली सरकार पर तो कोई खास असर नहीं पड़ेगा लेकिन इतना तो जरूर है कि आगामी दिल्ली के नगर निगम के चुनाव पर काफी असर पड़ेगा। चाहे भाजपा जीते या आप पार्टी । मौजूदा समय में दिल्ली की सियासत रूख कुछ बदला है। चाहे वो भाजपा की प्रवक्ता की ओर से दिये गये बयान के चलते या फिर अग्निपथ योजना को लेकर क्यों न हो।

बताते चले चुनाव के पूर्व भाजपा और आप पार्टी ने अग्निवीर को लेकर जमकर एक दूसरे दल पर तीखें हमले किये है। जिसका मतदाताओं ने जमकर मचा भी लिया है।चुनाव परिणाम 26 जून को घोषित किये जायेगे। जानकारों का कहना है कि 26 जून के बाद चुनाव परिणाम के दिल्ली की सियासत का अपना अलग से रूख होगा। जो एमसीडी के चुनाव की रूप रेखा लिखेगा।

कुमारी सैलजा, सिंघवी, रेड्डी और लल्लू सीडब्ल्यूसी में शामिल किये

हरियाणा में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद से हटाई गईं कुमारी सैलजा को अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण समिति कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) में शामिल किया है। उनके अलावा अभिषेक मनु सिंघवी, टी सुब्बारामी रेड्डी और अजय कुमार लल्लू को भी समिति में जगह मिली है।

पार्टी के महासचिव ( संगठन) किसी वेणुगोपाल की तरफ से जारी एक प्रेस नोट के मुताबिक कुमारी सैलजा और अभिषेक मनु सिंघवी को सीडब्ल्यूसी में स्थाई सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।

इसके अलावा टी सुब्बारामी रेड्डी को सीडब्ल्यूसी में स्थायी आमंत्रित सदस्य के रूप में जगह दी गयी है। उत्तर प्रदेश के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को विशेष आमंत्रित के तौर पर सीडब्ल्यूसी में शामिल किया गया है।