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अब उत्तर प्रदेश में स्थानीय-निकाय चुनाव को लेकर सियासत

उत्तर प्रदेश की सियासत में अब हर रोज नये समीकरण बन रहे है। उत्तर प्रदेश में हाल में ही में दो लोकसभा के चुनाव उपचुनाव में समाजवादी पार्टी को मिली करारी हार से समाजवादी पार्टी में आशा-निराशा का माहौल बना हुआ है।वहीं बसपा और कांग्रेस के बीच यही हाल है। भाजपा की बल्ले-बल्ले है। बताते चलें इसी साल संभावित नवम्बर -दिसम्बर माह में होने वाले स्थानीय -निकाय चुनाव को लेकर सरगर्मियां हर रोज तेज हो रही है।भले ही समाजवादी पार्टी में मौजूदा समय में राजनीतिक तौर पर निराशा का माहौल है।लेकिन पार्टी के नेताओं का कहना है कि पार्टी आशावादी है कि आने वाले दिनों में समाजवादी पार्टी की वापसी हो सकती है।

वहीं भाजपा का दावा है कि आने वाले स्थानीय -निकाय चुनाव में भाजपा ऐतिहासिक जीत दर्ज कराएगी। भाजपा का कहना है कि देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता दिन व दिन बढ़ती जा रही है।उनका कहना है कि भाजपा ने जो काम कर रही है। उससे जनता खुश है। उन्होंने बताया कि सपा के गढ़ माने जाने वाले आजमगढ़ और रामपुर में भाजपा ने लोकसभा चुनाव जीतकर ये बता दिया है। भाजपा के कामों से जनता में साफ मैसेज है कि जो काम वो कर रही है। उससे जनता को किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है।रहा सवाल बसपा और कांग्रेस का तो वो अपना खोये हुये जनाधार को पाने के लिये स्थानीय स्तर के चुनाव में जीत दर्ज कराने के लिये संघर्ष को तैयार है। सो उसने अभी से अपनी चुनावी रणनीति बनानी शुरू कर दी है।

पठानकोट में सेना के जवान ने अपने ही दो साथियों पर गोली मारकर की हत्या

पंजाब के पठानकोट जिले की मिरथल छावनी में सोमवार को एक जवान ने अपने ही दो साथियों की गोली मारकर हत्या कर दी। 22 वर्षीय सिपाही चार साल से सेना में सेवा दे रहा है। आरोपी ने पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र के दो हवलदारों पर गोलियां चला दी और सर्विस हथियार को छोड़कर मौके से फरार हो गया था, किंतु कुछ समय पश्चात उसे पकड़ लिया गया।

पुलिस अधिकारी का कहना है कि अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे है कि गोलीबारी किस वजह से की गर्इ। हालांकि पुलिस और सेना के जवानों ने तलाशी अभियान शुरू कर दिया है साथ ही आरोपी को छावनी से कुछ ही किलोमीटर की दूरी से गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।

आपको बता दे, सेना के अधिकारी ने पुलिस में मामले की शिकायत दर्ज कराई और कहा कि जब वे सो रहे थे तो उन्होंने गोलियों की आवाज सुनी और तुरंत घटना की जानकारी अपने सहयोगियों को दी। घायलों को पठानकोट के एक अस्पताल में ले जाया गया जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

पत्रकार मोहम्मद जुबैर गिरफ्तार, राहुल ने कहा सच बोलने वाले से डरते हैं ‘वो’

फैक्ट-चेकिंग वेबसाइट AltNews के को-फाउंडर और पत्रकार मोहम्मद जुबैर को दिल्ली पुलिस ने सोमवार देर रात धार्मिक भावनाएं आहत करने और वैमनस्य फैलाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। उन्हें मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया जहाँ से उन्हें एक दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। उनके खिलाफ ‘पर्याप्त सबूत’ के दावे के साथ स्पेशल सेल पुलिस स्टेशन में 20 जून को मामला दर्ज किया गया था।

जुबैर को आज फिर कोर्ट में पेश किया जाएगा। AltNews के सह संस्थापक प्रतीक सिन्हा ने जुबैर की गिरफ्तारी पर कहा – ‘जुबैर को दिल्ली पुलिस ने किसी अन्य मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन गिरफ्तारी किसी और मामले पर की गयी है। उन्हें अनिवार्य नोटिस नहीं दिया गया। हमें अनुरोध के बावजूद एफआईआर की कॉपी नहीं दी जा रही है।’

रिपोर्ट्स के मुताबिक जुबैर की गिरफ्तारी दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट में ड्यूटी अफसर की शिकायत पर 20 जून एफआईआर हुई है। ड्यूटी ऑफिसर के दावे के मुताबिक मॉनिटरिंग के दौरान उन्होंने एक हनुमान भक्त (ट्विटर आईडी @balajikijai), ने मोहम्मद जुबेर का एक ट्वीट शेयर किया था जिसमे आपत्तिजनक बातें थीं।

पुलिस का कहना है कि जुबैर इस मामले की जांच में शामिल हुए थे जो स्पेशल सेल पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। दिल्ली पुलिस ने स्टेटस रिपोर्ट में मोहम्मद जुबैर का ट्वीट आपत्तिजनक नहीं पाया गया, हालांकि उनके ट्वीट के बाद किए गए अन्य ट्वीट सवाल खड़े करने वाले और अपमानजनक थे। एफआईआर नंबर – 194/20 की जांच के दौरान उनसे पहले भी पूछताछ हुई थी और अब निष्कर्ष की ओर है।

पुलिस के मुताबिक ‘पर्याप्त सबूत’ के आधार पर ही जुबैर को गिरफ्तार किया गया है। जुबैर से पूछताछ जारी है। पुलिस आज उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश कर और हिरासत की मांग करेगी।

इस बीच जुबैर की गिरफ्तारी का काफी विरोध हुआ है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में कहा – ‘भाजपा की नफरत, कट्टरता और झूठ को उजागर करने वाला हर शख्स उनके लिए खतरा है।’ एक और कांग्रेस नेता शशि थरूर ने जुबैर की गिरफ्तारी को ‘सच्चाई पर हमला’ बताते हुए उनकी रिहाई की मांग की है।

राज्यसभा सदस्य और कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा – ‘दिल्ली पुलिस बदले की भावना से काम कर रही है क्योंकि AltNews सरकार के फर्जी दावों को उजागर करता है।’ वकील-कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने कहा – ‘सरकार उन लोगों के पीछे पड़ी है जो हेट स्पीच का पर्दाफाश कर रहे हैं।’

यशवंत सिन्हा अपना चुनावी अभियान केरल से शुरू करेगे

यूपीए से राष्ट्रीय पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने आज संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह चुनाव जरूर राष्ट्रपति का लड़ रहे है लेकिन चुनाव में हार-जीत हो इसकी कोई बात नहीं है और मौजूदा सरकार के विरोध में अंतिम सांस तक लड़ेगे। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार में आज लोकतांत्रिक सिस्टम न के बराबर है।उन्होंने कहा कि वे केरल से वे अपनी चुनावी यात्रा शुरू करेगे। और पूरे देश की राजधानियों में जाकर वोट मांगेगे। यशवंत सिंह ने कहा कि आज बहुत सी ऐसी पार्टियां है । जिनमें आंतरिक लोकतंत्र कम ही बचा है।

उन्होंने बताया कि आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से बात हुई हैं। तो उन्होंने बताया कि चुनाव के समय में ही अपना मत का ऐलान करेंगे।फिल हाल उन्होंने अभी अपने पत्ते नहीं खोले है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार में समाज को बांटने का काम किया जा रहा है। देश में तमाम समस्याएं है उस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। लेकिन देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मौजूदा समय में विदेश यात्रा में है । वहां पर क्या बात करते है। इसकी जानकारी विपक्ष को नहीं लगती है। लेकिन इतना जरूर है।

जो लोग भारत के वहां पर रहते है उनके साथ जरूर बड़ी -बड़ी बात करते है। यशवंत सिन्हा ने बताया कि वे भी एक समय में भाजपा के नेता रहे है। तब भाजपा कुछ और थी और आज कुछ और है। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई का जिक्र करते हुए कहा जब अटल बिहारी बाजपेई की सरकार एक वोट से गिरी थी। तब अटल बिहारी बाजपेई ने कहा था कि मंडी सजी हुई थी समान बिक रहा था लेकिन उन्होंने खरीद- फरोख्त नहीं की थी।

मतलब साफ है कि आज के समय में कोई एक वोट से सरकार गिर जाये संभव नहीं है। क्योंकि आज की राजनीति में तोड़-फोड़ और खरीद-फरोख्त पर बल दिया जाता है। उन्होंने कहा कि उनका बेटा जयंत सिन्हा राजधर्म का पालन कर रहा है और वे राष्ट्र धर्म का पालन कर रहे है।
यशवंत सिन्हा ने कहा कि एक दौर वो था जब राष्ट्रपति का चुनाव होता था। तब क्षेत्र बाद और जातिवाद की कोई बात नहीं होती थी लेकिन मौजूदा समय में जातिवाद के नाम पर राजनीति हो रही है। जो लोकतंत्र के लिये ठीक नहीं है। फिलहाल चुनाव 18 जुलाई को है।

भारतीय प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग वर्ष 2021 में 3.25 अरब डॉलर के पार, विश्व में 12वें स्थान पर

भारतीय प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग का कोरोना जैसी विपरीत परिस्थितियों के बावजूद वर्ष 2021 में खुदरा बिक्री आकार विश्व स्तर पर 3.25 अरब डॉलर के पार पहुंच गया है। वाशिंगटन स्थित फेडरेशन ऑफ डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन (डब्ल्यूएफडीएसए) की एक ताजा रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 3.259 अरब डॉलर से अधिक की प्रत्यक्ष खुदरा बिक्री के साथ भारत ने गत तीन वर्षों में 15.7 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक विकास दर (सीएजीआर) हासिल की जो विश्व में तीन अरब से ज्यादा के प्रत्शक्ष बिक्री बाजार वाले 15 देशों में सर्वाधिक है। कोरोना महामारी की चुनौतियों के बावजूद, देश के प्रत्यक्ष बिक्री बाजार ने लचीलापन और स्थिरता दिखाते हुये आलोच्य अवधि में सालाना 7.7 प्रतिशत से अधिक की विकास दर भी हासिल की जो इस उद्योग की मजबूती का द्योतक है।

रिपोर्ट यह दर्शाती है कि भारत जहां विश्व प्रत्यक्ष बिक्री रैंकिंग में 12 वें वहीं यह एशिया प्रशांत क्षेत्र में कोरिया, चीन, जापान, मलेशिया और ताइवान के बाद छठे स्थान पर है। कुल वैश्विक प्रत्यक्ष बिक्री में 42.67 अरब डॉलर यानि 23 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी के साथ अमरीका विश्व में शीर्ष स्थान पर बना हुआ है। वहीं कोरिया ने जर्मनी को तीसरे स्थान पछाड़ कर खुद दूसरे स्थान पर कब्जा किया है। वर्ष 2020 तक दूसरे स्थान पर रहा चीन, कोरोना और कुछ अन्य कारणों से अब चौथे स्थान पर है। अन्य शीर्ष स्थानों पर भारत से ऊपर क्रमश: जापान, मलयेशिया, ब्राजील, मैक्सिको, फ्रांस, ताइवान और कनाडा हैं।

रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग ने वर्ष 2021 में लगभग 1.5 प्रतिशत की मामूली वृद्धि दर्ज कर कुल लगभग 186.10 अरब डॉलर का कारोबार किया।

डब्ल्यूएफडीएसए की रिपोर्ट को लेकर इंडियन डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन (आईडीएसए) ने एक बयान में कहा कि विश्व के 15 शीर्ष प्रत्यक्ष बिक्री बाजारों के मुकाबले भारत की गत तीन वर्षों में 15.7% की सर्वाधिक सीएजीआर इसके प्रत्यक्ष बिक्री बाजार की मजबूती, भविष्य में इसके तेजी से आगे बढ़ने और अगले एक दशक में विश्व के शीर्ष पांच बाजारों में खुद को स्थापित करने की क्षमता दिखाती है।

महाराष्ट्र: शिवसेना बागियों को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल को थमाया नोटिस

महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक संकट के चलते शिंदे गुट की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। दो जजों की बेंच ने सुनवाई की है। शिंदे गुट की ओर से नीरज किशन कौल ने बहस की।

सियासी जंग के बीच आज डिप्टी स्पीकर को झटका लगा है। और पूछा गया कि जब बागी विधायकों ने उनके खिलाफ अविश्वास का नोटिस दिया था तो उसे डिप्टी स्पीकर ने बिना सदन में रखे खारिज कैसे किया?

इसी के चलते डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल और केंद्र समेत कई को नोटिस भेजा गया है। मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी।

दूसरी तरफ महाराष्ट्र सरकार की तरफ से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि बागी विधायकों को पहले हाईकोर्ट का रुख करना चाहिए था।

आपको बता दें, महाराष्ट्र में सड़कों पर शिवसैनिकों और शिंदे समर्थकों की जंग भी देखने को मिली है। शिवसेना के बागी नेताओं के समर्थन में लोग सड़कों पर उतरे।

विपक्ष के साझा प्रत्याशी यशवंत सिन्हा ने राष्ट्रपति पद के लिए दाखिल किया नामांकन

विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने सोमवार को संसद भवन पहुंचकर अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। राहुल गांधी समेत 17 दलों का समर्थन उन्हें प्राप्त हुआ है। नामांकन के मौके पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार, मल्लिकार्जुन खड़गे, माकपा नेता सीताराम येचुरी, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, तेलंगाना के सीएम केसीआर समेत कई अन्य विपक्षी नेता मौजूद रहे।

यशवंत सिन्हा 28 जून से अपने अभियान की शुरुआत करेंगे और उनका अभियान तमिलनाडु के चेन्नई से शुरू होने की संभावना जताई जा रही है साथ ही वे पहले दक्षिण के राज्यों में समर्थन मांगेंगे फिर उसके बाद ही उत्तर के राज्यों में आएंगे।

सिन्हा पूर्व नौकरशाह व बाद में राजनेता बने। उन्होंने काफी लंबे समय तक भारतीय जनता पार्टी के साथ काम भी किया है। इस दौरान वे दो बार (1990-91 और 1998-2004) केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री बने। उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1984 में चंद्रशेखर के नेतृत्व में जनता पार्टी से की थी। फिर बाद में वे बीजेपी में शामिल हुए और कुछ नाराजगी के चलते वे 2021 में तृणमूल कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए।

वहीं दूसरी तरफ एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को अपना नामांकन दाखिल किया था। और उस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह समेत भाजपा के तमाम बड़े नेता मौजूद रहे थे।

आपको बता दें, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। और अगले राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए 18 जुलाई को मतदान होना तय है। राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया जारी है और 29 जून नामांकन की आखिरी तारीख है।

आप पार्टी उपचुनाव में मिली जीत से गदगद

दिल्ली के राजेन्द्र नगर विधानसभा उपचुनाव में आप पार्टी को मिली जीत से आप पार्टी गदगद है। आप पार्टी ने तीसरी बार इस विधानसभा सीट पर जीत दर्ज कराई है।

तहलका संवाददाता को आप पार्टी के प्रवक्ता व नव निर्वाचित विधायक दुर्गेश पाठक ने बताया कि दिल्ली में आप पार्टी की और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जीत है। लोगों को विश्वास है कि आप पार्टी ही दिल्ली में ईमानदारी से काम कर रही है। जिसमें समाज का हर तबका खुश है।

बताते चलें इस सीट पर भाजपा के प्रत्याशी राजेश भाटिया और आप पार्टी के प्रत्याशी दुर्गेश पाठक बीच ही शुरू से चुनावी मुकाबला रहा है। कांग्रेस सहित जो अन्य 12 प्रत्याशी चुनाव में खड़े थे। उनका जमानत जब्त हो गई है।

दिल्ली की सियासत के जानकार कमल किशोर का कहना है कि राजेन्द्र नगर का उपचुनाव कई मायने में बढ़ा महत्वपूर्ण था। कयास को ये लगाये जा रहे थे। कि अगर भाजपा चुनाव जीतती है। तो आप पार्टी की लोकप्रियता का गिरता ग्राफ माना जायेगा।

भाजपा का मानना था कि अगर भाजपा ये चुनाव जीतती है तो दिल्ली में एमसीडी के चुनाव में भाजपा एकतरफा चुनाव जीतने की उम्मीद करती लेकिन सियासी समीकरण अब फिर से बदल गये है। भाजपा सहित अन्य दलों को यह लगने लगा है कि आप पार्टी के मुकाबले उनकी रणनीति काफी कमजोर है। तभी तो चुनाव में तमाम मेहनत करने के बाद भी आप पार्टी के सामने असफलता ही हासिल होती है। ऐसे में आप पार्टी का गदगद होना लाजिमी है।

उपचुनाव में आप पार्टी को पराजित करने के लिये तमाम सियासी हथकंडे अपनाये गये लेकिन आप पार्टी की लोकप्रियता और फ्री की सुविधाओं के सामने अन्य दलों की सारी की सारी राजनीति धर की धरी रह गई।

महाराष्ट्र: डिप्टी स्पीकर का 16 बागी विधायकों को नोटिस, 27 तक मांगा जवाब

महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक संकट के बीच डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल ने सत्तारूढ़ शिवसेना के 16 बागी विधायकों को नोटिस जारी कर दिया है। शिव सेना ने उन्हें आयोग्य घोषित करने की डिप्टी स्पीकर से मांग करते हुए उन्हें पत्र दिया था। डिप्टी स्पीकर ने इन सभी विधायकों से 27 जून को शाम 5.30 बजे तक जवाब देने को कहा है। इस बीच प्रदेश में राजनीतिक संकट लगातार बना हुआ है, हालांकि, अभी स्थिति साफ़ नहीं है।

डिप्टी स्पीकर के विधायकों को नोटिस में कहा गया है कि यदि यह विधायक जवाब नहीं देते हैं तो यह मान लिया जाएगा कि उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं है और फिर आगे की प्रक्रिया के मुताबिक कार्यवाही की जाएगी।

बता दें शनिवार को शिव सेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल न होने पर भी बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने का नोटिस जारी किया है साथ ही इन सभी को लिखित में भी जवाब देने को कहा गया है।

उधर शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के साथ आज छठे दिन भी गुवाहाटी में बैठे हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ इस सब के बीच शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शिवसेना मुख्यालय में शनिवार को हुई जिसमें चार प्रस्ताव पास किए गए हैं।

आपको बता दें, मुंबई में राजनीतिक उलटफेर के चलते एकनाथ शिंदे ग्रुप के बागी विधायकों के खिलाफ गुस्साए शिवसैनिक सड़कों पर उतर गए हैं। इन शिवसैनिकों ने तोड़-फोड़ की है और बागी विधायकों के पोस्टर जलाए हैं।

मुंबई में हालात को देखते हुए धारा 144 लगा दी गयी है जो कि 10 जुलाई तक लागू रहेगी। इस बीच महाराष्ट्र की राजनीतिक लड़ाई चुनाव आयोग पहुंच गयी है। उद्धव ठाकरे ने आयोग में आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा है कि शिंदे गुट ‘बाला साहब’ और ‘शिवसेना’ का नाम इस्तेमाल नहीं कर सकते।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सीएम उद्धव ठाकरे कल तक बागी विधायकों को बागी कह रहे थे किंतु आज उद्धव ठाकरे ने उन्हें ‘गद्दार’ करार दिया है। साथ ही उन्होंने घोषणा की है कि गद्दारों को अब कभी शिवसेना में वापस नहीं लिया जाएगा।

उद्धव ठाकरे ने शिवसेना में फूट का जिम्मेदार भाजपा को ठहराया है। उन्होंने कहा बालासाहेब ठाकरे का नाम इस्तेमाल करने का हक किसी को नहीं है और एकनाथ शिंदे को चुनौती दी है कि यदि उनमें हिम्मत है तो अपने बाप के नाम पर वोट मांग कर दिखाए।

केरल: राहुल गांधी के कार्यालय पर हमला, एडीजीपी करेंगे जांच

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के केरल के वायनाड कार्यालय पर हमला मामले की जांच एडीजीपी करेंगे। साथ ही इससे पहले मामले में केरल सरकार के कलपेट्टा के डीएसपी को जांच लंबित रहने तक के लिए सस्पेंड कर दिया गया हैं। स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया के कार्यकर्ता ने शुक्रवार को राहुल गांधी के दफ्तर में तोड़फोड़ की थी।

आपको बता दे, इस मामले में सीएमओ की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि एडीजीपी जांच करने और एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपगें।

कुछ समय पश्चात सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण को लेकर बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा था कि संरक्षित वनों, वन्यजीव अभयारण्यों के आसपास का एक किलोमीटर वाला पूरा इलाका पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र रहने वाला है और इसमे जो भी तमाम गतिविधियां होती रहती हैं उन्हें नियंत्रित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया।

केरल में विवाद इस बात को लेकर है कि यदि यह नियम लागू हो जाएगा तो पर्यावरण-संवेदनशील इलाके में रह रहे लोग कहां जाएंगे ? और इसी के विरोध में एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने वायनाड में प्रदर्शन किया। हालांकि इस मुद्दे पर राहुल गांधी ने अभी तक कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी है। किंतु सूत्रों के अनुसार उनकी तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी गयी है।