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दिल्ली के कई हिस्सों में 4 मई से 13 मई तक चलेगा बुलडोजर

दक्षिण दिल्ली नगर निगम साउथ दिल्ली के कई हिस्सों में अवैध निर्माण पर चलेगा बुल्डोजर। दक्षिण निगम के स्थायी समिति के उपाध्यक्ष राजपाल सिंह ने दक्षिण दिल्ली के कई हिस्सों में 4 मई से 13 मई तक अवैध निर्माण गिराने का पहले चरण की शुरुआत करेगी।

साउथ नगर निगम 4 से 13 मई तक शाहीन बाग, कालिंदी कुंज, जसोला, एमजी रोड, करणी सिंह शूटिंग रेंज इलाकों में अतिक्रमण के खिलाफ बुलडोजर चलेगा।

दक्षिण व दक्षिण पूर्व डीसीपी को पत्र लिखकर भारी पुलिस सुरक्षा की भी मांग की गई है। ताकि अवैध निर्माण गिराते समय इलाके में कानून व्यवस्था बनी रहे।

आपको बता दे, दिल्ली के शाहीन बाग में अवैध निर्माण गिराने का काम 9 मई को किया जाएगा। साथ ही शाहीन बाग इलाके के दुकानदारों ने अपना सामान हटाने का काम भी शुरू कर दिया है। यह बुल्डोजर सभी अवैध कब्जो पर चलेगा।

इस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे पर हुए दो अलग-अलग हादसों में तीन की मौत चार की हालत गंभीर

इस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे पर हुए दो सड़क हादसों में तीन की मौत और चार लोग गंभीर रूप से जख्मी है। जख्मी लोगों को इलाज के लिए एम्स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है।

यह हादसा दनकौर थाना क्षेत्र से गुजर रहे इस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे पर दो अलग-अलग हुए हादसों में वाहनों के आपस में टकराने से हुआ। वाहनों की भिड़ंत इतनी भीषण थी कि वाहनों के परखच्चे ही उड़ गए।

आपको बता दे, एडिशनल डीसीपी विशाल पांडे ने हादसे जानकारी साझा की है और उन्होंने बताया कि, यहां दो हादसे हुए है जिसमें पहला हादसा थाना दनकौर के अट्टा गुजरान गांव के पास गलत दिशा से आ रहे ट्रैक्टर के टर्न होते समय तेज रफ्तार से जा रही कार में भिड़ंत के कारण हुआ। कार की रफ्तार इतनी तेज थी के कार पर काबू नहीं पाया गया।

कार और ट्रैक्टर की इस भिड़ंत में कार में सवार महिला सोना देवी और उनके पुत्र रिंकू, हरबती और कृष्णा शामिल थे। इन सभी को गंभीर चोटे भी आई है। हालांकि इन्हें ग्रेटर नोएडा के एक अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया वहां इनमें से दो लोगों को मृत घोषित कर दिया गया है व अन्य दो कि हालत बेहद गंभीर है और उन्हे एम्स के ट्रॉमा में रेफर कर दिया गया है।

दूसरा हादसा, थाना क्षेत्र के गांव अट्टा फतेहपुर के पास देर रात को हुआ था। जिसमें एक बड़ी गाड़ी को पलवल की तरफ से आ रहे टैंकर ने टक्कर मारी। इस हादसे में टैंकर ड्राइवर की मौके पर ही मौत हो गर्इ।

मुंबई: सेशंस कोर्ट से नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा को मिली जमानत

हनुमान चालीसा विवाद में निर्दलीय लोकसभा सदस्य नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को जमानत मिल गयी है। निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और विधायक रवि राणा को 11 दिन पहले गिरफ्तार किया गया था, हालांकि कुछ शर्तों के बाद उन्हें मुंबई सेशन कोर्ट से जमानत मिल गयी है।

शर्तो के मुताबिक राणा दंपति को मीडिया से बातचीत करने व सबूतों से छेड़छाड़ करने पर रोक है। शनिवार को हुई सुनवाई में दोनों पक्षों के वकीलों ने जमानत के लिए दलील दी थी जिसके बाद बाद विशेष न्यायाधीश आरएन रोकड़े ने यह फैसला सोमवार को सुरक्षित रख लिया था।

आपको बता दे, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के ‘मातोश्री’ बांद्रा के निजी आवास के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की सार्वजनिक घोषणा के बाद उत्पन्न विवाद में नवनीत राणा और उनके पति रवि को 23 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था।

डेंगू को लेकर बरतें सावधानी 

राजधानी दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ने के साथ ही डेंगू के मामले हर रोज बढ़ रहे है। जिससे स्वास्थ्य महकमे हड़कंप मचा हुआ है। लेकिन जागरूकता के अभाव में डेंगू के मामले कम होने का नाम ही नहीं ले रहे है। चिकित्सकों का मानना है कि डेंगू के जो आंकड़े आ रहे है। वो पूरे तरह से सही नहीं इससे भी ज्यादा डेंगू के मामले हो सकते है।क्योंकि 1 मई तक डेंगू के मामलों की संख्या 70 के करीब थी।
इस बारे आई एम ए के पूर्व संयुक्त सचिव डॉ अनिल बंसल का कहना है कि डेंगू का मच्छर साफ पानी में ही पनपता है। जो एडिस मच्छर के काटने से होता है। अगर डेंगू का नजरअंदाज किया गया तो जानलेवा साबित हो सकता है। उन्होंने बताया कि डेंगू से बचाव के लिये अपने घरों के आस पास पानी को जमा न होने दें। जहां पर पानी जमा है। वहां पर घासलेट का तेल (मिट्टी) के तेल का छिड़काव करें। अगर किसी को एस मौसम में बुखार आने के साथ अचानक कमजोरी महसूस हो तो कोरोना के साथ डेंगू की जांच अवश्य करवाये। क्योंकि डेंगू का इलाज समय रहते करवाया जाए तो उसका इलाज आसान व सरल होता है।
दिल्ली नगर निगम के डॉ पी के सिंह का कहना है कि भले ही कोरोना के साथ -साथ अन्य बीमारियों के प्रति जागरूकता अभियान पर बल दिया जा रहा है। लेकिन डेंगू के बढ़ते मामले जरूर हमें चिंता में डालते है।उन्होंने बताया कि गर्मी के मौसम में डेंगू का आना ठीक नहीं है। क्योंकि डेंगू का कहर तो जून के महीने से शुरू होता है। क्योंकि बरसात शुरू होने से जमीन में नमी होने के कारण मच्छर पनपता है।
उन्होंने बताया कि पिछले साल तो डेंगू के मामले जुलाई महीने से आने शुरू हुए थे।लेकिन इस बार जो डेंगू के मामले बढ़ रहे है। उनको समय रहते नहीं रोका गया तो भयावह स्थिति पैदा हो सकती है।इसलिये डेंगू से बचाव के तौर पर पानी को जमा न होने दें। जो घरों में कूलर रखते है वो कूलर के पानी को हर रोज बदलें ।

कोविड-19:  नए मामले बीते दिन के मुताबिक 18.6 फीसदी कम

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों मे देशभर में कोविड-19 के कुल 2568 नए मामले सामने आए है। जो कि बीते दिन के मुताबिक 18.6 फीसदी कम है।

देश में एक्टिव केस की संख्या 19 हजार के पार है। जो कि एक्टिव केस के कुल संक्रमण का करीब 0.05 फीसदी है। बीते 24 घंटों में कोरोना से मरने वालों की संख्या कुल 20 है। इसी के साथ अब तक कोरोना से देश में कुल 523889 मौतें दर्ज हुई है।

आपको बता दे, देश में कोविड-19 के कुल संक्रमितों की संख्या 4 करोड़ 30 लाख 84 हजार 913 हो गर्इ है। साथ ही ठीक होने वालो की संख्या 2911 है। यह रिकवरी रेट 98.74 फीसदी है।

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान के तहत कुल 189.41 करोड़ और बीते पिछले 24 घंटों में कुल 16,23,795 कोरोना वैक्सीन की खुराक लोगों को दी जा चुकी है।

दिल्ली नगर निगम के चुनाव में होगी बुलडोजर की राजनीति

दिल्ली नगर निगम के चुनाव को लेकर भले ही अभी परिसीमन होना है लेकिन इतना तो तय है कि अब दिल्ली नगर निगम में 250 सीटों पर ही चुनाव होना है ।राजनीति के जानकारों का कहना है कि दिल्ली नगर निगम के चुनाव नवंबर -दिसंबर के बीच हो सकते है। तब तक दिल्ली की सियासत में नये -नये प्रयोग होगे।
ध्रुवीकरण का राजनीति के साथ बुलडोजर की राजनीति जोर पकड़ जायेगी। जिससे एक पार्टी को बड़ा लाभ हो सकता है। बताते चलें दिल्ली की सियासत में आप पार्टी , कांग्रेस और भाजपा के बीच मुकाबला चलता है।लेकिन ध्रुवीकरण और बुलडोजर वाली राजनीति में अलग तरह की राजनीति होगी।
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता ने बताया कि दिल्ली एक छोटा राज्य है कुछ शक्तियां और अधिकार राज्य सरकार के पास है तो कुछ केन्द्र सरकार के पास है। ऐसे में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की तरह राजनीति होगी तो निश्चित तौर पर दिल्ली की सियासत में बड़ा बदलाव हो सकता है। साथ ही बवाल भी हो सकता है।
क्योंकि एक दल को बुलडोजर और ध्रुवीकरण करने से लाभ है तो दूसरे दल को फ्री की राजनीति करने का लाभ है। ऐसे में दिल्ली में की सियासत में विकास की बात तो दूर की होगी। साथ  दिल्ली में जातीय , ध्रुवीकरण और बुलडोजर की राजनीति हावी होगी। 
खैर, दिल्ली नगर निगम के चुनाव को लेकर अब 15 अगस्त के बाद से राजनीति तेज हो सकती है। लोगों का कहना है कि तब तक दिल्ली में कोरोना सहित अन्य मुद्दो पर स्थिति स्पष्ट हो जायेगी।क्योंकि कोरोना को लेकर जो चर्चा है कि जून -जुलाई में कोरोना फिर से आ सकता है। बताते चलें सभी राजनीतिक दलों के संभावित प्रत्याशियों ने अभी से अपने क्षेत्र का सघन संपर्क अभियान तेज कर दिया है।   

प्रशांत किशोर पार्टी का संचालन तो सही कर सकते है, क्या पार्टी चला सकते है ?

प्रशांत किशोर ने भले ही अलग से पार्टी बनाने की घोषणा न की हो पर सियासी हलचल तेज हो गयी है। क्योंकि प्रशांत किशोर का कहना है कि देश की सत्ता का अलर मालिक कोई है तो वो हां देश की जनता है। इससे साफ मैसेज है कि प्रशांत किशोर जनता में जाकर अपनी पार्टी बनाने का ऐलान कर सकते है।
बताते चलें प्रशांत किशोर ने हाल में कांग्रेस पार्टी से बात न बनने पर उन्होंने ये मैसेज दिया है। जानकार का कहना है कि अगर प्रशांत  किशोर अपनी अलग से पार्टी बनाते है तो ये आने वाला वक्त ही तय करेगा कि वह राजनीति में कितने सफल होते है। लेकिन इतना जरूर है कि पार्टी का संचालन और प्रबंधन सही तरीके से कर सकते है।
बिहार के ही रहने वाले व राजनीतिक जानकार विनोद कुमार का कहना है कि किसी स्थापित पार्टी को चुनाव में जीत दिलाना अलग होता है। वहीं अपनी पार्टी को स्वयं से अलग खड़ा करके पार्टी में सभी प्रत्याशियों को जीत दिलाना एक अलग बात है। वैसे उन्होंने भाजपा, कांग्रेस, सपा और तृणमूल कांग्रेस पार्टी सहित आप पार्टी में अहम भूमिका निभाई है।
जानकार का कहना है कि बिहार से प्रशांत किशोर राजनीति शुरू कर सकते है।प्रशांत किशोर को लेकर अन्य सियासी दलों का मानना है कि एक दौर था जब आप पार्टी को जनता ने मौका दिया है। और आप पार्टी की सरकार तक बनवा दी है। लेकिन अब सियासी समीकरण बदले हुए है। लोगों का मिजाज भी बदला है। ऐसे में प्रशांत किशोर कितने सफल राजनीतिज्ञ होते है ये आने वाला समय ही बताएंगा।

राजस्थान के जोधपुर में ईद की नमाज के बाद दो गुटों में हुई झड़प, इलाके में इंटरनेट सेवाएं सस्पेंड

राजस्थान के जोधपुर में ईद से पहले यानी सोमवार को पथराव की घटना हुई, जिसके चलते इलाके में प्रशासन ने इंटरनेट सेवाओं को सस्पेंड कर दिया हैं। सूत्रों के अनुसार जालोरी गेट इलाके में यह झड़प दो गुटों के बीच झंडा फहराने को लेकर हुई। विवाद के चलते ईद की नमाज पुलिस सुरक्षा में अदा की गई।

जानकारी के अनुसार जोधपुर में परशुराम जयंती का तीन दिवसीय उत्सव चल रहा है जिसमें धार्मिक झंडे भी लगाए गए है। इस विवाद ने संघर्ष का रूप तब लिया जब धार्मिक झंडे को लेकर दोनों गुटों के बीच झड़प ने हिंसा का रूप ले लिया।

तनावपूर्ण स्थिति के चलते स्थानीय इलाके में प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर भी पथराव किए है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घटना की कड़ी निंदा की है साथ ही लोगों को शांति बनाए रखने को कहा है।

अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि, “जोधपुर, मारवाड़ की प्रेम एवं भाईचारे की परंपरा का सम्मान करते हुए मैं सभी पक्षों से मार्मिक अपील करता हूं, कि शांति बनाए रखें एवं कानून-व्यवस्था बनाने में सहयोग करें।“

राघव चड्डा सहित तीन सदस्यों ने राज्य सभा सदस्य की शपथ ली

पंजाब से राज्य सभा के लिए हाल में निर्वाचित आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा सहित तीन सदस्यों ने शपथ ली। उनके अलावा उनकी ही पार्टी के संजीव अरोड़ा और डॉ. अशोक कुमार मित्तल शामिल हैं।

तीनों नवनिर्वाचित सदस्यों को उप राष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने शपथ दिलाई। संजीव अरोड़ा, राघव चड्ढा और शोक कुमार मित्तल पंजाब में आप की सरकार बनने के बाद खाली हुई सीटों से राज्य सभा के लिए चुने गए थे।

राघव चड्डा को आप का तेजतर्रार नेता माना जाता है और हाल के विधानसभा चुनाव में वे पंजाब के आप प्रभारी थे। उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत 2012 में अरविंद केजरीवाल से मुलाकात के बाद शुरू हुई और साल 2012 में राघव पार्टी की ड्राफ्टिंग कमेटी का हिस्सा बने। राघव को सार्वजनिक मंचों पर पार्टी का पक्ष रखने के लिए जाना जाता है। वह पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष भी रह चुके हैं।

बेअंत हत्या के दोषी राजोआना की दया याचिका पर 2 माह में फैसला करे केंद्र : सुप्रीम कोर्ट

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से दोषी बलवंत सिंह राजोआना की दया याचिका पर 2 महीने के भीतर फैसला करने का आदेश दिया है। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि  राजोआना की लंबित याचिका पर फैसला लेना लंबित अन्य दोषियों की अपील के
रास्ते में नहीं आएगा। बता दें राजोआना 31 अगस्त, 1995 को पंजाब सिविल सचिवालय के बाहर एक विस्फोट में उस समय पंजाब के मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या में शामिल होने के दोषी हैं।

इस विस्फोट में बेअंत सिंह के साथ 16 अन्य लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में जुलाई 2007 में एक विशेष अदालत ने राजोआना और उसके सहयोगी जगतार सिंह हवारा को मौत की सजा सुनाई थी।

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री की हत्या के दोषी और 25 साल से जेल में बंद राजोआना की सजा माफी पर केंद्र सरकार अभी तक रुख साफ नहीं कर पाई है। राजोआना ने दो साल पहले सर्वोच्च न्यायालय में रहम की याचिका दायर की थी। केंद्र ने अभी तक इसपर स्पष्ट जवाब नहीं दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को 30 अप्रैल तक निर्णय लेने का आदेश दिया था और साथ ही यह भी कहा था कि अगर इसके बाद भी रुख साफ नहीं किया तो गृह सचिव को कोर्ट के सामने व्यक्तिगत तौर पर हाजिर होना होगा। कोर्ट ने कहा था कि दोषी की याचिका पर लंबे समय से केंद्र की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया है।

जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इस मामले में बहुत समय बीत जाने के बाद भी कुछ नहीं किया गया है। केंद्र सरकार की ओर से उनके वकील के पास कोई साफ निर्देश नहीं है।

पीठ ने कहा – ‘हम निर्देश देते हैं कि इस मामले की जांच एजेंसी सीबीआई और भारत सरकार ‘दो हफ्ते के भीतर सजा को लेकर प्रस्ताव या आपत्ति दाखिल करें।’