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होटल के पूरी क्षमता के साथ खुलने से लौटी रौनक

दो साल से अधिक समय से कोरोना काल के चलते दिल्ली के छोटे-बड़े होटल बंद पड़े थे। इस नवरात्रि से अब पूरी तरह से खुलने लगे है। जिससे होटलों में रौनक लौटने लगी है और वहीं होटल व्यापारियों में खुशी की लहर है।

कोरोना काल के चलते होटल सहित तमाम संस्थानों में कोरोना को लेकर पाबंदियां लगाई थी। जिसके चलते होटल कारोबार पूरी तरह से बंद था। होटल एसोसिएशन से जुड़े संदीप गुप्ता ने बताया कि कुछ होटल तो खुल रहे थे। तमाम पाबंदियों के साथ लेकिन अब पूरी तरह से बिना रोक-टोक के खुल रहे है। उनका कहना है कि करोल बाग और  नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास जो होटल है। कोरोना के चलते उनका सारा का सारा काम चौपट हो गया था।

लेकिन अब खुलने से होटल व्यापारियों ने राहत की सांस ली है। उन्होंने आगे बताया कि अब देश -परदेस से लोग होटल में ठहरने को आते है। बिना मास्क के और बिना सेनेटाइज हुए जिससे ये महसूस होता है। कि कोरोना का कहर ही कम नहीं हुआ है। बल्कि लोगों के अंदर से कोरोना का डर चला गया है।

होटल मैनेजर मुकेश वत्स ने बताया कि होटल कारोबार के बंद होने से एक ओर तो आने -जाने वाले राहगीरों को ठहरने की व्यवस्था तक नहीं हो पाती थी।वहीं होटल वालों को आर्थिक नुकसान हो रहा था। साथ ही होटल से टैक्स सरकार तक नहीं पहुंच पा रहा था। जिससे सरकार को हर महीने करोड़ों रुपये की राजस्व की क्षति हो रही थी

निजी सुरक्षा गार्ड के नाम पर बड़ा खेला चल रहा है

दिल्ली सरकार के अस्पतालों और केन्द्र सरकार के अस्पतालों में लगे निजी सुरक्षा गार्ड व्यवस्था के नाम पर मजाक बने हुए है। जिनके भरोसे मरीजों और तीमारदारों की सुरक्षा है। वे मरीजों को परेशान करने से नहीं चूकते है।
बताते चलें अस्पतालों में निजी सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर बड़ा खेला चल रहा है। जिसमें शासन और प्रशासन की सांठगांठ के चलते करोड़ों रुपये का सलाना सरकार को चूना लगाया जा रहा है। मौजूदा समय में सुरक्षा गार्ड जिनके भरोसे अस्पताल की सुरक्षा है वे अधिकारियों की सेवा में लगे रहते है और उनके घरेलू काम करते रहते है।सबसे चौकाने वाली बात तो ये है गरीब व बेरोजगारी के मारे उच्च शिक्षा प्राप्त युवा नौकरी पाने के लिये गार्ड की नौकरी करते है।
लेकिन उनको जो वेतन बताया जाता है यानि तय किया जाता है उससे काफी कम दिया जाता है। जिसके कारण गार्ड अपने आप को ठगा सा महसूस सा करते है। गार्डो का कहना है कि कहने को तो सारा का सारा सिस्टम ऑनलाइन है  और वेतन भी एकाउन्ट्स में जाती है। लेकिन नगद वापस ठेकेदार को देना होता है। यानि वेतन का एक हिस्सा कमीशन के तौर पर दिया जाता है।
गार्डों का कहना है कि मौजूदा समय में विधायकों और मंत्रियों के परिजनों की सुरक्षा एजेंसियां  चल रही है। जिससे गार्डो के कारोबार (सुरक्षा) के नाम पर बड़ा खेला चल रहा है। इन सुरक्षा गार्डों पर ये आरोप है कि पुलिस की तरह संगठित तरीके से तानाशाही और मनमर्जी दिखाने में लगे रहते है। 
कोरोना काल में इन निजी सुरक्षा गार्डों ने कोरोना रोग से पीड़ित मरीजों के परिजनों के साथ काफी अभद्रता की है।    

राष्ट्रीय सुरक्षा पर सरकार ने 22 यूट्यूब चैनल ब्लॉक किए, इनमें पाकिस्तान के चार चैनल भी  

भारत सरकार ने मंगलवार को पाकिस्तान के 4 यूट्यूब चैनल सहित कुल 22 चैनल ब्लॉक कर दिए हैं। सरकार के मुताबिक यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा के तहत किया गया है।

जानकारी के मुताबिक सूचना प्रसारण मंत्रालय ने इन यूट्यूब चैनलों के खिलाफ इस कार्रवाई का कारण यह बताया है कि यह चैनल राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश संबंधों और सार्वजनिक व्यवस्था को लेकर भ्रामक जानकारियां प्रसारित कर रहे थे।

कुल 22 यूट्यूब चैनल ब्लॉक किये गए हैं जिनमें चार पाकिस्तान के चैनल भी शामिल हैं। सरकार ने यह कार्रवाई आईटी नियम 2021 के तहत की है। सरकार ने यह नियम बनने के बाद अब तक 72 ऐसे चैनल को ब्लॉक किया है।

पार्टी सांसद सरकार के काम जनता तक पहुंचाए, संसदीय दल की बैठक में बोले मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पार्टी संसदीय दल की बैठक में भाजपा सांसदों से स्थापना दिवस पखवाड़े के तहत अपने-अपने संसदीय क्षेत्रों में प्रतिदिन एक बड़ा आयोजन करने और समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने को कहा है। इस बैठक में पार्टी के बड़े नेता अमित शाह, जेपी नड्डा भी उपस्थित थे।

संसदीय दल की बैठक में मोदी ने जल संरक्षण पर भी जोर दिया। पीएम ने कहा – ‘सांसद अपने इलाकों में जलाशयों की प्रगति का काम करें। वह अगले 15 दिन तक अपने-अपने इलाकों में रहें और वहां तालाब और वॉटर बॉडीज को संवारने का काम करें।’

मोदी ने कहा कि छह अप्रैल को पार्टी की स्थापना दिवस है,  लिहाजा जो पार्टी की नीतियां हैं उन्हें सांसद अपने इलाके में पहुंचाएं। मोदी ने कहा – ‘पार्टी सांसद जनता के हित में चलाए गए सरकार के कार्यक्रमों की जानकारियां भी जनता को दें।’

इस बैठक में वरिष्ठ भाजपा नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जगतप्रकाश नड्डा और अन्य वरिष्ठ नेता और सांसद उपस्थित थे। भाजपा संसद सत्र के दौरान संसदीय दल की बैठक करती रही है।

कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में सोनिया का एकता पर जोर

हाल के विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस में चिंतन-मनन का दौर जारी है। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) की बैठक  की। यह बैठक संसद भवन में हुई। गांधी ने जोर देकर कि समय आ गया है कि कांग्रेस नेता आपसी मतभेद भुला दें और पार्टी को मजबूत जुट जाएँ।

गांधी ने कहा कि देश के लिए कांग्रेस जरूरी है और इसके लिए कार्यकर्ताओं और नेताओं को एकजुट होना होगा। पार्टी अध्यक्ष ने कांग्रेस का चिंतन शिविर भी जल्दी आयोजन करने पर जोर दिया। उन्होंने पार्टी की मजबूती पर जोर दिया और कहा कि  नेता आपसी मतभेद भुला दें।

सोनिया ने बैठक में कहा – ‘भाजपा की नीतियां विभाजनकारी हैं। वे बाज नहीं आ रहे हैं लिहाजा जमीन पर उनके खिलाफ संघर्ष करना ही होगा। पार्टी नेताओं को महंगाई के खिलाफ भी अपनी आवाज मजबूत तरीके बुलंद करनी चाहिए क्योंकि यह आम जनता से जुड़ा मसला है। सरकार जरूरी चीजों की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने में नाकाम रही है।’

बैठक में कांग्रेस नेता ने कहा कि संगठन में एकता सर्वोपरि है और वे इसे सुनिश्चित करने के लिए हर कदम उठाने को तैयार हैं। उन्होंने कहा – ‘मुझे जो सुझाव मिले हैं , उनपर काम कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी का पुनरुत्थान न सिर्फ पार्टी, बल्कि देश के लोकतंत्र और समाज के लिए भी जरूरी है।’

सोनिया गांधी ने पार्टी का चिंतन शिविर आयोजित करने की भी बात कही। गांधी ने कहा – ‘चिंतन शिविर आयोजित करना बहुत जरूरी है। इसमें लोग अपनी बात कह सकेंगे और पार्टी को चलाने के लिए एक रोड मैप तैयार हो सकेगा।’

इस मौके पर सोनिया गांधी ने पार्टी के चार वरिष्ठ नेताओं के राज्यसभा से सेवानिवृत्त होने का भी जिक्र किया और कहा कि प्रत्येक ने अपने कार्यकाल के दौरान बहुत पार्टी और देश के लिए बहुत योगदान दिया है। सोनिया ने कहा – ‘मैं उन सभी को धन्यवाद देती हूंऔर भरोसा करती हूँ कि वे सभी सार्वजनिक और राजनीतिक जीवन में किसी न किसी तरह से जुड़े रहेंगे और पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करना जारी रखेंगे।’

श्रीलंका में विपक्ष का सरकार में शामिल होने से इनकार

गंभीर आर्थिक संकट से दो-चार श्रीलंका में विपक्ष ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे की सरकार में शामिल होने की अपील को ठुकरा दिया है। उधर देश में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन बढ़ते जा रहे हैं। इधर भारत ने श्रीलंका को आर्थिक संकट से उबरने में मदद के लिए वित्तीय सहायता के रूप में एक बिलियन यूएस डालर क़र्ज़ के रूप में देने की घोषणा की है।

आर्थिक संकट में विपक्ष को सरकार में जोड़कर गोटबाया साझे रूप से  निकलने की दलील दे रहे थे  इसे दिखावा बताते हुए सरकार में शामिल होने से इनकार कर दिया है। विपक्ष ने यह कहते हुए कि जनता संकट से गुजर रही है, सरकार से जनता के लिए भोजन, ईंधन और दवाओं की बिगड़ती स्थिति को देखते इस्तीफे की मांग की है।

राष्ट्रपति राजपक्षे ने पूर्ण मंत्रिमंडल की नियुक्ति होने तक, ताकि संसद की वैधता और स्थिरता बनी रहे, के लिए चार मंत्रियों को नामित किया है। इस बीच श्रीलंका में शनिवार को लगाया गया 36 घंटे का कर्फ्यू हटा लिया गया है,  हालांकि,देश में इमरजेंसी अभी भी जारी है। पश्चिमी राजनयिकों ने, हालांकि, आपातकालीन कानूनों के उपयोग पर चिंता जताई है।

हाल के संकट के बाद देश में राष्ट्रपति राजपक्षे परिवार के खिलाफ नाराजगी बढ़ी है। वहां सार्वजनिक आंदोलन जारी है जिसमें सत्तारूढ़ लोगों से इस्तीफे की मांग की जा रही है।

अशोक तंवर के आप पार्टी में शामिल होने से आप का बढ़ेगा जनाधार !

हरियाणा विधानसभा चुनाव को भले अभी समय है पर हरियाणा की सियासत में दिन व दिन जोड़-तोड़ की राजनीति तेज होती जा रही है। इसी क्रम में  हरियाणा के युवा नेता व पूर्व सांसद अशोक तंवर ने आप पार्टी ज्वाइन कर ली है।
बताया जाता है कि अशोक तंवर की हरियाणा में किसानों के साथ युवाओं में अच्छी-खासी पकड़ है। आप पार्टी मानती है कि अगर हरियाणा में आप पार्टी को चुनाव जीतना है तो उसे उसी प्रदेश के जमीन से जुड़े नेता की जरूरत है। सूत्रों की मानें तो आने वाले दिनों में हरियाणा के कई बड़े चेहरे आप पार्टी में शामिल हो सकते है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस बात को भली-भांति मानते है कि हरियाणा में चुनाव जीतने के लिए वहां के चर्चित नेता का होना बहुत जरूरी है। क्योंकि जब से आप पार्टी का उदय हुआ है तब से आप पार्टी लगातार हरियाणा की राजनीति में बढ़-चढ़ कर भाग ले रही है। चाहे वह लोकसभा का चुनाव हो या फिर विधानसभा का चुनाव हो।
अशोक तंवर कांग्रेस से सांसद रहे है और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे है। ऐसे में आप पार्टी में अशोक तंवर के आने से कांग्रेस को वोटो का लाभ मिलेगा। जानकारों का कहना है कि अगर हरियाणा में अशोक तंवर की तरह अन्य दलों के नेता शामिल होते है। तो हरियाणा में कांग्रेस को भारी नुकसान हो सकता है। और भाजपा को चुनाव जीतने के लिए कड़ा संघर्ष करना होगा।
हरियाणा की राजनीति के जानकार विजय कुमार का कहना है कि हरियाणा में कांग्रेस का जनाधार दिन व दिन सिकुड़ता जा रहा है। वहीं भाजपा से बढ़ती महंगाई से जनता परेशान है। सो इस बार आप पार्टी और भाजपा के बीच चुनावी जंग हो सकती है।

महंगाई के खिलाफ कांग्रेस, टीएमसी सहित विपक्ष का लोकसभा से वॉकआउट

लगातार बढ़ रही तेल और रसोई गैस की कीमतों के विरोध में सोमवार को विपक्षी कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और शिवसेना समेत कई दलों के सदस्यों ने लोकसभा से बहिर्गमन किया।

पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि का विरोध करते विपक्ष के सदस्य
लोकसभा में शून्यकाल शुरू होते ही अध्यक्ष के आसन के पास पहुंच गए। उन्होंने नारेबाजी भी की। विपक्षी सदस्यों ने लगातार बढ़ रही महंगाई पर चर्चा करने की मांग की।

विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने शून्यकाल को जारी रखा। इस बीच कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दलों, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया।

बता दें सोमवार को ही देश में पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में 12वीं बार बढ़ौतरी की गयी जिससे तेल 40 पैसे प्रति लीटर की महंगा हो गया। इन 12 दिनों में पेट्रोल की कीमत में 8.40 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है।

बढ़ौतरी के बाद राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 103.41 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर अब 103.81 रुपये प्रति लीटर और डीज़ल की कीमत 94.67 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 95.07 रुपये प्रति लीटर हो गई है। लोगों में इससे लगातार बेचैनी है क्योंकि दूसरी चीजों की कीमतें भी बढ़ रही हैं।

हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे अशोक तंवर ‘आप’ में शामिल

हरियाणा में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और सांसद रहे अशोक तंवर आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हो गए हैं। किसी समय तंवर को राहुल गांधी का करीबी माना जाता था लेकिन अध्यक्ष पद से उनको हटाए जाने के बाद तंवर ममता बनर्जी की टीएमसी में शामिल हो गए थे।

पंजाब में आप की सरकार बनने के बाद उत्तर भारत के इन राज्यों में आप में जाने का सिलसिला शुरू हुआ है। अशोक तंवर के आप में शामिल होने के बाद चर्चा है कि पार्टी हरियाणा में नए सिरे से संगठन खड़ा कर सकती है।

तंवर बड़े कद के नेता कहे जा सकते हैं क्योंकि यह दलित नेता हरियाणा कांग्रेस का अध्यक्ष रह चुका है। यही नहीं वे भारतीय युवा कांग्रेस और कांग्रेस की छात्र इकाई एनयूएसआई के अध्यक्ष पद पर भी रहे हैं।

तंवर हरियाणा से लोकसभा के सदस्य भी रहे हैं। तंवर आम आदमी पार्टी में शामिल होने से पहले तक ममता बनर्जी की टीएमसी में थे। तंवर आज पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की उपस्थिति में आप में शामिल हुए।

महंगाई से लोग परेशान 

महंगाई की मार से एक ओर दिल्ली के थोक और फुटकर बाजारों में उथल-पुथल मची हुई है। वहीं  डीजल-पेट्रोल के दामों के हर रोज बढ़ने से गरीबों की थाली से हरी सब्जियां गायब होती जा रही है। फलों के दाम तो आसमान छू रहे है।
दिल्ली की छोटी मंडियों में कोई भी हरी सब्जी के दाम 40 रुपये  से कम नहीं हैा। नींबू के दाम 200 रुपये प्रति किलो से कम नहीं है। 1 नींबू के दाम 10 से 12 रुपये है।आजाद पुर मंडी के थोक सब्जी विक्रेता रमन लाल ने बताया कि सरकार की अनदेखी और लापरवाही की वजह से देश में महंगाई बढ़ रही है। यूक्रेन-रूस की जंग से दुनिया में तांडव मचा हुआ है।ऐसे में भारत देश में कुछ लोग मौके का फायदा ले रहे है। जिससे देश का गरीब नागरिक गरीब होता जा रहा है और अमीर नागरिक अमीर होता जा रहा है।
रमन लाल का कहना है कि थोक के भाव से दो गुने रेट पर सब्जियों को बेचा जा रहा है। करेला और भिंडी के दाम प्रति किलो 80 रुपये से अधिक है। जो अपने आप में इस साल के इस सीजन के सबसे अधिक दाम है। वहीं हरी मिर्च 100 प्रति किलोग्राम से अधिक बिक रही है।
मंडियों से जुड़े व्यापारियों का कहना है कि जब भी कोई उतार चढ़ाव बाजार में आता है। तब कुछ बिचौलिये अपने लाभ के लिये काला बाजारी करने लगते है। जैसे सामानों की जमाखोरी करना आदि। उन्होंने बताया कि अगर डीजल के दामों में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी को लेकर अगर ट्रक चालक अपने किराये भाड़े में बढ़ोतरी और करते है तो देश में हर सामान में महंगाई का बढ़ना निश्चित है।
व्यापारी सुनील कुमार ने बताया कि महंगाई को काबू करने के लिये सरकार को समय  रहते कोई ठोस पहल करनी होगी अन्यथा महंगाई से लोग बेहाल हो जायेगे। दिल्ली के बाजारों में आटा का दाम तेजी से बढ़े है।अगर आटा  के दाम और बढ़े तो गरीबों को और परेेशानी बढ़ेगी।