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खस्ताहाल आगरा: बेपरवाह प्रशासन, दम तोड़ती विरासत

न हेरिटेज सिटी बन पाया, न स्मार्ट सिटी

बृज खंडेलवाल द्वारा

शाही विरासत और विश्वविख्यात स्मारकों का शहर आगरा आज अव्यवस्थित शहरीकरण और बदहाल प्रशासन की मार झेल रहा है। स्मार्ट सिटी बनने का सपना साकार होने के बजाय शहर बदइंतजामी, अतिक्रमण और बुनियादी सुविधाओं की कमी से कराह रहा है।

कभी मुगल साम्राज्य की राजधानी रहा, आगरा आज बिगड़ती यातायात व्यवस्था, जल संकट, बढ़ते प्रदूषण और अराजक शहरीकरण का शिकार बना हुआ है। बढ़ती आबादी  और अनियंत्रित विस्तार के कारण नागरिक सुविधाएँ चरमरा गई हैं। स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में सरकारी उपेक्षा ने स्थिति और दयनीय बना दी है।

आगरा में कई स्थानीय निकाय कार्यरत हैं, लेकिन समन्वय के अभाव में विकास कार्य ठप पड़े हैं। न तो हेरिटेज सिटी बनने की योजना साकार हुई और न ही स्मार्ट सिटी बनने की दिशा में ठोस कदम उठाए गए।

कभी शहर की जीवनरेखा रही यमुना आज सूखती जा रही है, जिससे न केवल आगरा का पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित हो रहा है, बल्कि ताजमहल की नींव भी खतरे में है। अपशिष्ट और औद्योगिक प्रदूषण ने नदी को जहरीला बना दिया है, लेकिन राजनैतिक नेतृत्व और प्रशासन बेखबर है।

पर्यटन पर अत्यधिक निर्भरता के कारण आगरा में औद्योगिक विकास नहीं हो पाया। आईटी हब, विनिर्माण उद्योग और कौशल विकास केंद्रों के विकसित न होने से बेरोजगारी बढ़ रही है। शहर को आर्थिक विविधीकरण की सख्त जरूरत है, स्थानीय व्यापारी कहते हैं।

एक लंबे समय से स्थानीय संगठन मांग कर रहे हैं  कि सशक्त शहरी विकास प्राधिकरण का गठन कर समन्वित विकास योजनाएँ लागू की जाएं। यमुना पुनर्जीवन परियोजना के तहत नदी में जल प्रवाह बहाल किया जाए। अतिक्रमण पर सख्त कार्रवाई और सार्वजनिक स्थानों का संरक्षण किया जाए। बेहतर सार्वजनिक परिवहन विकसित कर ट्रैफिक जाम और प्रदूषण को नियंत्रित किया जाए। साथ ही पर्यावरण संरक्षण की योजनाएं लागू कर प्रदूषण कम किया जाए। शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार कर जनता को बुनियादी सुविधाएँ प्रदान की जाएं। यदि प्रशासन और नागरिक एकजुट होकर ठोस कदम उठाएँ, तो आगरा अपने गौरव को फिर से प्राप्त कर सकता है। वरना, यह ऐतिहासिक शहर अपनी पहचान और विरासत दोनों खोने की कगार पर है।

ये सवाल अक्सर किया जाता है कि क्यों आधुनिकता की दौड़ में स्मार्ट सिटी आगरा दिन व दिन पिछड़ता जा रहा है। जवाब सिंपल है। राजनैतिक नेतृत्व विकास को दिशा और गति देने में कामयाब नहीं हुआ है। इच्छा शक्ति की घोर कमी है। व्यक्तिगत स्वार्थ हावी हैं।स्थानीय निवासी डॉ अनुभव कहते हैं कि शहर का बुनियादी ढांचा अपनी सीमा तक फैला हुआ है, नागरिक सुविधाएँ लगातार बढ़ती आबादी के साथ तालमेल बिठाने में विफल हो रही हैं। “पानी की कमी और बड़े पैमाने पर अतिक्रमण से लेकर बिगड़ते वायु प्रदूषण और अपर्याप्त स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं तक, आगरा की समस्याएं गहरा रही हैं, लेकिन जन प्रतिनिधियों को चिंता नहीं है।” डॉ हरेंद्र बताते हैं, “जैसे-जैसे आगरा की आबादी बढ़ती जा रही है, अवैध बस्तियाँ और झुग्गियाँ तेज़ी से फैल रही हैं, जिससे पहले से सीमित संसाधनों पर और दबाव पड़ रहा है। सार्वजनिक स्थानों, सड़कों और यहाँ तक कि विरासत क्षेत्रों पर अतिक्रमण बढ़ गया है, जिससे शहर के सौंदर्य और कार्यात्मक परिदृश्य में गिरावट आ रही है।”

उचित शहरी परिवहन योजना की कमी के कारण आगरा की सड़कें यातायात से जाम हो जाती हैं। अतिक्रमण, बेतरतीब पार्किंग और खराब रखरखाव वाली सड़कें समस्या को और बढ़ा देती हैं। ऑटो-रिक्शा और निजी वाहनों पर शहर की निर्भरता अराजकता को बढ़ा रही है, जिसके परिणामस्वरूप यात्रा का समय लंबा होता है, ईंधन की बर्बादी होती है और प्रदूषण बढ़ता है। वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन, निर्माण धूल और औद्योगिक प्रदूषकों के कारण शहर की वायु गुणवत्ता खतरनाक दर से खराब हो रही है।  अनियमित औद्योगिक इकाइयाँ लगातार चल रही हैं, जिससे वातावरण में जहरीले पदार्थ निकल रहे हैं। इससे न केवल आगरा के निवासियों का स्वास्थ्य खतरे में है, बल्कि इसके विश्व प्रसिद्ध स्मारकों का क्षय भी तेजी से हो रहा है,” ये कहना है रिवर कनेक्ट कैंपेन के श्री जुगल किशोर का।

व्यवसाई राहुल राज सुझाव देते हैं “इलेक्ट्रिक बसों, समर्पित बस लेन और पैदल यात्री-अनुकूल क्षेत्रों सहित एक अच्छी तरह से एकीकृत सार्वजनिक परिवहन प्रणाली विकसित की जानी चाहिए। बेहतर यातायात प्रबंधन प्रणाली भीड़भाड़ और प्रदूषण को कम करने में मदद कर सकती है।”

संभावनाएं और अवसर अनेक हैं, लेकिन राजनैतिक नेतृत्व प्रभावहीन होने की वजह से विकास को दिशा नहीं मिल रही है। जब कर्मठ कार्यकर्ता जमीन से जुड़े पुरुषोत्तम खंडेलवाल को विधायक के रूप में चुना गया तो शहरवासियों को उम्मीद की किरण दिखाई दी थी। लेकिन यमुना बैराज, हाई कोर्ट बेंच आदि मुद्दों पर उनकी चुप्पी रहस्य को गहरा रही है। कुछ बड़ी उम्मीदें योगेंद्र उपाध्याय से भी थीं कि आगरा विश्वविद्यालय का काया कल्प होगा। नवीन जैन तो खुद मेयर रहकर आगरा की समस्याओं से अच्छी तरह वाकिफ थे, पर राज्य सभा में आगरा की वेदना को प्रभावी तरीके से उठाने की कोशिश भी नहीं कर रहे हैं।

नगर वासी बार बार पूछ रहे हैं कि भाजपा की झोली में इतने सारे विधायक और सांसद डालने के बाद भी आगरा की आवाज दबी हुई और लड़खड़ाती सी क्यों है। विपक्ष के सांसद  तो न राम के रहे हैं, न सफलता के सुमन खिला सके हैं। फेलियर चहुंमुखी है। समूचा राजनैतिक नेतृत्व आगरा की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है।

महाकुंभ में मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत की पुष्टि

मुख्यमंत्री योगी ने किया 25-25 लाख के मुआवजे का ऐलान

महाकुंभ में संगम तट पर मची भगदड़ में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 60 से अधिक घायल हुए हैं। अधिकारियों के मुताबिक, भीड़ के दबाव के कारण बैरिकेड्स टूट गए, जिससे भगदड़ मच गई। डीआईजी मेला वैभव कृष्ण ने बताया कि मध्यरात्रि के आसपास हुई इस घटना में 30 में से 25 मृतकों की पहचान कर ली गई है। घायलों को कुंभ क्षेत्र के सेक्टर-2 में बने अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटनास्थल पर पहुंचे अधिकारियों ने बताया कि कोई वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं था।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया और घटना की जांच के आदेश दिए। उन्होंने इस हादसे की जिम्मेदारी लेने और मृतकों के परिवारों को सहायता देने का आश्वासन दिया है। महाकुंभ में हुई भगदड़ में जान गंवाने वालों के परिवारों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 25-25 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। यह मुआवजा मृतकों के परिजनों को दिया जाएगा।

इस हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अपने नजदीकी घाट पर स्नान करें और संगम नोज की ओर न बढ़ें। उन्होंने कहा कि कई घाट बनाए गए हैं, जहां आसानी से स्नान किया जा सकता है। संतों ने भी श्रद्धालुओं से अनुशासन बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने कहा कि इतनी बड़ी भीड़ को नियंत्रित करना मुश्किल है और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सबसे ज्यादा जरूरी है।

घायलों की जानकारी के लिए एक हेल्पलाइन नंबर (1920) जारी किया गया है। अधिकारियों के मुताबिक, भारी भीड़ के कारण बैरिकेड्स टूट गए और लोगों को कुचल दिया गया। इस घटना के बाद कुंभ मेला प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने का फैसला किया है।

कांग्रेस ने दिल्ली वालों को दीं 5 गारंटियां

दिल्ली विधानसभा चुनाव के संदर्भ में कांग्रेस पार्टी ने अपना विस्तृत घोषणापत्र जारी किया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने इस अवसर पर कहा, इस गारंटी का इस्तेमाल आज सभी पार्टियां कर रही हैं। पहली बार कांग्रेस ने कर्नाटक चुनाव के दौरान गारंटी शब्द का इस्तेमाल किया था। हमारा उद्देश्य है कि जनता तक यह संदेश पहुंचे कि कांग्रेस जो कहती है, वह करती है। ये गारंटी सिर्फ पार्टी की नहीं बल्कि जनता का हक है।

कांग्रेस ने दिल्लीवासियों के लिए पांच प्रमुख गारंटियां पेश की हैं, जिन्हें पार्टी ने पहले ही घोषित किया था और अब इन्हें पूरा करने का संकल्प लिया है। इन 5 गारंटियों में निम्नलिखित योजनाएँ शामिल हैं:

1. गरीब परिवारों के लिए आर्थिक सहायता: प्रत्येक गरीब परिवार को एक महिला सदस्य को महीने में ₹2,500 प्रदान किए जाएंगे।

2. मुफ्त चिकित्सा सुविधा: दिल्ली के सभी निवासियों को ₹25 लाख तक का मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया जाएगा, जिसमें मुफ्त दवाइयां और जांच शामिल हैं।

3. युवाओं के लिए अप्रेंटिसशिप: सभी बेरोजगार युवाओं को पब्लिक या प्राइवेट सेक्टर में एक साल की अप्रेंटिसशिप प्रदान की जाएगी, जिसके दौरान उन्हें प्रति माह ₹8,500 का वेतन मिलेगा।

4. रसोई गैस सिलेंडर और राशन किट: 500 रुपए में रसोई गैस सिलेंडर प्रदान किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, हर महीने 5 किलो चावल, 2 किलो चीनी, 1 किलो कुकिंग ऑयल, 6 किलो दाल, 250 ग्राम चाय पत्ती समेत एक मुफ्त राशन किट वितरित की जाएगी।

5. मुफ्त बिजली सुविधा: सभी पात्र परिवारों को प्रति माह 300 यूनिट मुफ्त बिजली की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

कांग्रेस पार्टी का मानना है कि ये योजनाएँ दिल्लीवासियों के जीवन स्तर में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी और चुनाव में जनता का विश्वास जीतने में सहायक होंगी। पार्टी ने इस घोषणा के साथ दिल्ली के भविष्य को उज्ज्वल बनाने का संकल्प व्यक्त किया है।

महाकुंभ में भगदड़ के बाद रेलवे का बड़ा ऐलान, सभी स्पेशल ट्रेनें रद्द

महाकुंभ में बुधवार को मौनी अमावस्या पर्व पर भगदड़ मचने के बाद रेलवे ने बड़ा फैसला किया है। रेलवे ने महाकुंभ स्पेशल ट्रेनों को फिलहाल अगले आदेशों तक रद्द कर दिया है। इसके अलावा जिन ट्रेनों को प्रयागराज आना था, उन्हें पंडित दीन दयाल उपाध्याय स्टेशन पर रोक दिया गया है। कुछ ट्रेनों के रूटों को डायवर्ट कर दिया गया है।

वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी श्रद्धालुओं से अपील की है कि किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न दें। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी पोस्ट में कहा गया, “श्रद्धालुओं से अपील है कि – मां गंगा के जिस घाट के समीप हैं, वहीं स्नान करें, संगम नोज की ओर जाने का प्रयास न करें। प्रशासन के निर्देशों का अनुपालन करें, व्यवस्था बनाने में सहयोग करें। किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें।”

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर बात कर घटना की जानकारी ली थी। प्रधानमंत्री प्रयागराज में मची भगदड़ पर करीब से नजर बनाए हुए हैं। उधर, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस भगदड़ के संबंध में बात की। उन्होंने सभी घायलों को हर प्रकार की चिकित्सा सुविधा देने का आश्वासन दिया।

बता दें कि प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान बुधवार को मौनी अमावस्या के दिन भगदड़ मच गई। इस हादसे में करीब 30 महिलाएं घायल हो गईं, जो संगम में स्नान करने के लिए जा रही थीं।

जसप्रीत बुमराह ICC क्रिकेटर ऑफ द ईयर

जसप्रीत बुमराह की शानदार प्रतिभा के कारण इस साल भारतीय तेज गेंदबाज को 2024 के लिए आईसीसी पुरुष क्रिकेटर ऑफ द ईयर का खिताब मिला, जिससे उन्होंने ट्रैविस हेड, जो रूट और हैरी ब्रुक को पीछे छोड़ते हुए प्रतिष्ठित सर गारफील्ड सोबर्स पुरस्कार जीता।

बुमराह उन भारतीय क्रिकेटरों की सूची में शामिल हो गए हैं जिन्होंने यह सम्मान प्राप्त किया है। उनके पूर्ववर्तियों में राहुल द्रविड़ (2004), सचिन तेंदुलकर (2010), रविचंद्रन अश्विन (2016) और विराट कोहली (2017, 2018) शामिल हैं। ऐसे साल में जब बल्लेबाजों ने अक्सर सुर्खियां बटोरीं, बुमराह ने चुनौतियों से ऊपर उठकर क्रिकेट जगत को बेहतरीन गेंदबाजी की अहमियत की याद दिलाई।

लाल गेंद वाले क्रिकेट में बुमराह का प्रदर्शन असाधारण रहा। वह 200 टेस्ट विकेट हासिल करने वाले सबसे तेज भारतीय तेज गेंदबाज बन गए, उन्होंने साल का अंत 20 से कम की औसत से सिर्फ़ 13 मैचों में 71 शिकार करके किया। 2024 में उनका यह रिकॉर्ड किसी भी गेंदबाज़ द्वारा बनाया गया सबसे ज़्यादा विकेट है और एक कैलेंडर वर्ष में भारतीय तेज गेंदबाज़ द्वारा सबसे ज़्यादा विकेट लेने के मामले में कपिल देव के रिकॉर्ड के बाद दूसरे नंबर पर है। बुमराह का दबदबा उनकी आईसीसी टेस्ट बॉलिंग रैंकिंग में साफ़ दिखाई दिया, जहां उन्होंने 900 अंकों की सीमा पार की और रिकॉर्ड तोड़ 907 अंकों के साथ समाप्त हुए- जो किसी भारतीय गेंदबाज़ के लिए अब तक का सबसे ज़्यादा है।

बुमराह का शिखर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान आया, जहां उन्होंने पांच टेस्ट मैचों में 32 विकेट चटकाए। पर्थ, ब्रिसबेन और मेलबर्न में पांच विकेट लेने सहित उनके प्रदर्शन ने ऑस्ट्रेलिया की मज़बूत बल्लेबाज़ी को तहस-नहस कर दिया, जिसके लिए उन्हें प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ का पुरस्कार मिला। उनकी निरंतर सटीकता और सपाट और चुनौतीपूर्ण दोनों तरह की पिचों पर गति और मूवमेंट निकालने की क्षमता ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ों को परेशान कर दिया। मौजूदा 2023-2025 डब्ल्यूटीसी चक्र में, बुमराह ने पहले ही 77 विकेट चटका लिए हैं – जो किसी भी तेज गेंदबाज द्वारा एक चक्र में लिए गए सबसे ज़्यादा विकेट हैं। इसमें ऑस्ट्रेलिया के अलावा बांग्लादेश, न्यूज़ीलैंड और इंग्लैंड के खिलाफ़ भारत के मैचों में अहम योगदान शामिल है।

जहां उनकी टेस्ट उपलब्धियां शानदार थीं, वहीं बुमराह का सफ़ेद गेंद का प्रदर्शन भी उतना ही शानदार था। आईसीसी पुरुष टी20 विश्व कप में भारत की अगुआई करते हुए, बुमराह ने 17 साल बाद देश के लंबे समय से प्रतीक्षित विश्व खिताब को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे टूर्नामेंट के सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ बनकर उभरे, उन्होंने 8.26 की ज़बरदस्त औसत और सिर्फ़ 4.17 की इकॉनमी से 15 विकेट लिए। पाकिस्तान के खिलाफ़ उनके शानदार प्रदर्शन (3-14) और दक्षिण अफ़्रीका के खिलाफ़ फ़ाइनल में 2-18 के शानदार प्रदर्शन ने उन्हें मैच विजेता के रूप में स्थापित किया। बुमराह 200 टेस्ट विकेट तक पहुंचने वाले सबसे तेज़ भारतीय तेज गेंदबाज़ भी बने।

जनवरी 1780 में भारत का पहला समाचार पत्र प्रकाशित हुआ

जेम्स ऑगस्टस हिकी की  निडर कलम ने अंग्रेजी औपनिवेशिक अत्याचार का डटकर मुकाबला किया था

बृज खंडेलवाल द्वारा

दिल्ली,28 जनवरी 2025, ऐसी दुनिया जहाँ स्वतंत्र पत्रकारिता निहित स्वार्थों से खतरे में है, हिंसक दमन और प्रौद्योगिकी के “बिग ब्रदरली” चालों से घिरी हुई है, इतिहास की गूँज फिर सुनाई दे रही है। याद कीजिए जब अपने पिछले कार्यकाल में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने प्रेस को “लोगों का दुश्मन” करार दिया था? उनके शब्द ईस्ट इंडिया कंपनी के वायसराय वॉरेन हेस्टिंग्स के औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाते हैं, जिन्होंने भारत के पहले समाचार पत्र के  अग्रदूत जेम्स ऑगस्टस हिकी को “एक मूर्ख, अज्ञानी दुष्ट” के रूप में खारिज कर दिया था।

फिर भी, अत्याचार के सामने, जे ए हिकी निडर होकर खड़े रहे। उनकी विरासत  साहस और दृढ़ विश्वास की एक किरण है, जो हमें लगातार एक स्वतंत्र प्रेस की अपरिहार्य भूमिका की याद दिलाती है—जो  लोकतंत्र की आधारशिला है। पत्रकारिता की प्रतिपक्षी विविधता की शुरुआत करते हुए, हिकी की साहसिक यात्रा ने दो शताब्दियों से अधिक समय तक भारतीय पत्रकारिता का मार्गदर्शन और पोषण किया है। स्वतंत्र भारत में पत्रकारों की कई पीढ़ियों ने हिकी की विरासत को जीवित रखा है जो साहस और दृढ़ विश्वास का एक चमकदार उदाहरण है, एक स्वतंत्र प्रेस की शक्ति का एक स्थायी सर्टिफिकेट, जो लोकतंत्र के लिए एक शर्त है।

जन्म से आयरिश और आत्मा से विद्रोही, हिकी ने जनवरी 1780 में बंगाल गजट की स्थापना की। यह भारत का पहला समाचार पत्र था। संपादक और प्रकाशक हिकी ने “सत्य और तथ्यों के प्रति कठोर पालन” का वादा किया था, लेकिन उनके मार्ग को जल्द ही शक्तिशाली औपनिवेशिक प्रशासन ने बाधित कर दिया इससे विचलित हुए बिना उन्होंने अपने साप्ताहिक समाचार पत्र को “निरंकुश और मनमाने तानाशाहों का अभिशाप” बनाने के अपने मिशन की घोषणा की। हिकी की कलम, स्याही की जगह जहर से भरी हुई थी, जिसने उनके बंगाल गजट को असहमति के हथियार में बदल दिया।

हफ़्ते दर हफ़्ते, उन्होंने ईस्ट इंडिया कंपनी और हेस्टिंग्स के प्रशासन के भीतर भ्रष्टाचार और कुप्रथाओं को निडरता से उजागर किया, जिससे वायसराय की छवि धूमिल हुई और कलकत्ता भर में बहस छिड़ गई। यहाँ तक कि कारावास भी उन्हें चुप नहीं करा सका। नौ महीने तक हिकी ने जेल से अपना अखबार प्रकाशित किया, प्रत्येक अंक औपनिवेशिक अत्याचार के खिलाफ़ एक विद्रोही गर्जना थी।

वायसराय ने मानहानि के मुकदमों के साथ जवाबी कार्रवाई की और कलकत्ता में सर्वोच्च न्यायालय ने 1782 में उनके प्रिंटिंग प्रेस को जब्त करने का आदेश दिया। हिकी के अखबार को चुप करा दिया गया, लेकिन उनके साहस ने एक अमिट छाप छोड़ी। हेस्टिंग्स को लंदन में महाभियोग का सामना करना पड़ा, उनकी प्रतिष्ठा एक अकेले पत्रकार की अथक कलम से धूमिल हुई।

हिकी की कहानी दृढ़ विश्वास की कहानी है – एक ऐसे पथप्रदर्शक जिन्होंने दिखाया कि प्रेस एक निडर प्रहरी हो सकता है, जो सत्ता को जवाबदेह ठहरा सकता है। उनके छोटे लेकिन प्रभावशाली करियर ने भारत में जुझारू और विपक्षी पत्रकारिता की नींव रखी।

बंगाल गजट सिर्फ़ एक प्रकाशन नहीं था; यह न्याय और सत्य के लिए एक स्पष्ट आह्वान था, जो सेंसरशिप और नियंत्रण के युग में उत्पीड़न को चुनौती देता था। आज, जब दुनिया भर के पत्रकार प्रेस की स्वतंत्रता के

लिए खतरों का सामना कर रहे हैं, हिकी का दृढ़ संकल्प लिखित शब्द की शक्ति की याद दिलाता है।

संगम तट पर मची भगदड़, 14 की मौत और 50 से ज्यादा घायल

प्रयागराज के संगम तट पर मंगलवार-बुधवार की रात भगदड़ मच गई। इसमें 14 से अधिक लोगों की मौत होनें की आशंका है वहीं 50 से ज्यादा घायल बताए जा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक अस्पताल में14 शव पोस्टमॉर्टम के लिए लाए जा चुके हैं। हालांकि, प्रशासन ने मौत या घायलों की संख्या को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टी नहीं की है।

भगदड़ के बाद प्रशासन के अनुरोध पर सभी 13 अखाड़ों ने आज मौनी अमावस्या का अमृत स्नान रद्द कर दिया था। इसके बाद अखाड़ों ने बैठक की। इसमें तय हुआ कि 10 बजे के बाद अमृत स्नान करेंगे। PM मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने CM योगी से फोन पर घटना की जानकारी ली। अब हेलिकॉप्टर से महाकुंभ की निगरानी की जा रही है। जानकारी के मुताबिक अफवाह के चलते संगम नोज पर भगदड़ मची। कुछ महिलाएं जमीन पर गिर गईं और लोग उन्हें कुचलते हुए निकल गए। हादसे के बाद 70 से ज्यादा एंबुलेंस संगम तट पर पहुंचीं। इनसे घायलों और मृतकों को अस्पताल ले जाया गया। हादसे के बाद संगम तट पर NSG कमांडो ने मोर्चा संभाल लिया। संगम नोज इलाके में आम लोगों की एंट्री बंद कर दी गई। भीड़ और न बढ़े, इसलिए प्रयागराज शहर में भी श्रद्धालुओं के आने पर रोक लगा दी गई है। बता दें महाकुंभ में आज मौनी अमावस्या का स्नान है, जिसके चलते करीब 5 करोड़ श्रद्धालुओं के शहर में मौजूद होने का अनुमान है। प्रशासन के मुताबिक, संगम समेत 44 घाटों पर आज देर रात तक 8 से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने का अनुमान है। इससे एक दिन पहले यानी मंगलवार को साढ़े 5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। पूरे शहर में सुरक्षा के लिए 60 हजार से ज्यादा जवान तैनात हैं।

प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग के दिग्गज, कारोबार की छवि और प्रतिष्ठा सुधारने पर करेंगे काम

नई दिल्ली : प्रत्यक्ष बिक्री दद्योग के दिग्गज इस कारोबार की छवि और साख सुधारने समेत इसके समक्ष आने वाली अन्य महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान खोजने को लेकर पर एकजुट होकर काम करेंगे। 

देश में प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग की अग्रणी संस्था इंडियन डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन (आईडीएसए) की सदस्य कम्पनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) परिषद की यहां आहूत एक बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक में  मौजूद ओरिफ्लेम, मोदीकेयर, हर्बालाइफ, एमवे, यूनिसिटी, फोरलाइफ, पीएम इंटरनेशनल, एटॉमी, मॉडेर और यूसाना जैसी प्रमुख कम्पनियों के सीईओ ने सर्वसम्मति से उद्योग की प्रतिष्ठा सुधारने, नैतिक आचरण और महिला सशक्तिकरण पर ध्यान देने के साथ इस क्षेत्र को प्रभावित करने वाले प्रमुख मुद्दों पर सामूहिक रूप से काम करने का संकल्प लिया।

आईडीएसए की आज यहां जारी विज्ञप्ति के अनुसार उद्योग के प्रतिनिधियों ने पोंजी और पिरामिड योजनाओं के माध्यम से प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग की छवि धूमिल करने और लोगों के साथ धोखाधड़ी कर उनकी गाढ़ी कमाई लूट कर रफूचक्कर होने वाली संदिग्ध कम्पिनयों के कारण होने वाले प्रतिकूल प्रभावों से निपटने पर तत्काल आवश्यकता जताई गई। बैठक में सभी एकमत थे कि इस तरह की गतिविधियां न केवल उपभोक्ताओं के हितों को नुकसान पहुंचाती हैं बल्कि उनका विश्वास भी कम करती हैं तथा इसके अलावा वैध एवं कारोबारी परिदर्शिता भी प्रभावित होती है। दिग्गजो ने ऐसी चुनौतियों से निपटने, उपभोक्ता हितों का संरक्षण,  प्रत्सक्ष बिक्री के लिए विश्वसनीय माहौल बनाने तथा पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए भी काम करने पर प्रतिबद्धता जाहिर की।

सीईओ परिषद ने जन जागरण और सरकार के सहयोग से प्रत्यक्ष बिक्री क्षेत्र की ब्रांड छवि मजबूत करने हेतु प्रभावी रणनीति बनाने, सुदृढ़ एआई और डिजिटल दिशानिर्देश विकसित करने, उद्योग के विकास में प्रौद्योगिकीय समावेश और प्रत्यक्ष विक्रेताओं की आजीविका संरक्षण हेतु नीति सृजन पर काम करने का भी निर्णय लिया गया। छवि सुधार को लेकर बैठक में प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग को संदिग्ध कम्पनियों से दूर रखने हेतु ठोस उपाय करने तथा जनता को वैध प्रत्यक्ष बिक्री प्रथाओं और उद्योग  की  विशिष्टता के बारे में जागरूक करने को लेकर अभियान चलाने पर सहमति बनी।

विज्ञप्ति के अनुसार बैठक में उच्च उत्पाद गुणवत्ता तथा इनकी सामग्री और लाभों को लेकर पारदर्शिता सुनिश्चित करना, जिम्मेदार और नैतिक कारोबार करने हेतु प्रत्यक्ष विक्रेताओं को व्यापक प्रशिक्षण प्रदान करने, कानूनी ढांचे और नियामक मानकों का पालन सुनिश्चित करने तथा विश्वास और विश्वसनीयता कायम करने हेतु उपभोक्ता संरक्षण तंत्र को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया गया।

इस अवसर पर आईडीएसए अध्यक्ष विवेक कटोच ने इस अवसर पर कहा, ” बैठक का आयोजन भारत में प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग की प्रतिष्ठा सुधार और चुनौतियों से निपटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस पर एकजुट होकर आम करने पर सहमति बनने हम इस उद्योग और कारोबार के लिए एक स्थायी भविष्य सुनिश्चित कर रहे हैं। हमारे सामूहिक प्रयास लाखों लोगों, विशेष रूप से महिलाओं का सशक्तिकरण और उपभोक्ताओं का विश्वास मजबूत करेंगे तथा उद्योग को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। “

विज्ञप्ति के अनुसार, भारत का प्रत्यक्ष बिक्री बाजार इस समय वैश्चिक पायदान पर 11वें स्थान पर है तथा यह सालाना  12 प्रतिशत से अधिक की विकास दर दर्ज कर 21,282 करोड़ रूपये को पार कर चुका है। उद्योग की भारतीय अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भागीदारी है तथा यह उद्यमिता का एक मंच भी है। प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग अपनी भावी चुनौतियों से निपटते हुये छवि में सुधार करने तथा समावेशी विकास में अपनी क्षमता भूमिका को परिलक्षित करता है।

दिल्ली के लोग आज भी गंदा पानी पीने को मजबूर : नायब सिंह सैनी

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब  सिंह सैनी ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर कटाक्ष करते हुए कहा की  दिल्ली सरकार द्वारा पानी वितरण  की सही व्यवस्था न कर पाने के  कारण दिल्ली की जनता दूषित पानी पीने को मज़बूर है ।  श्री केजरीवाल ने  योजनाबद्ध तरीके से 28 नाले यमुना नदी में डाल दिए। अब दिल्ली के आम चुनाव में दिल्ली की जनता श्री केजरीवाल को सबक सिखाने का काम करेगी।  

मुख्यमंत्री आज यहाँ प्रेस वार्ता के दौरान अरविन्द केजरीवाल द्वारा हरियाणा पर यमुना नदी में जहरीला पानी छोड़े जाने के आरोप पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे।  

 मुख्यमंत्री ने कहा कि आरोप लगाकर भाग जाने की बात केजरीवाल में देखने को मिलती है।  यह उनकी फितरत भी है और उनकी पार्टी की सोच भी है।

मुख्यमंत्री ने बताया  कि उन्होंने केजरीवाल को कहा है कि वे अपने मुख्य सचिव को हरियाणा भेजे  और हरियाणा सोनीपत में जहाँ से  दिल्ली को पानी दे रहा है वहां जाकर उनके अधिकारी जांच कर लें कि हरियाणा कैसा पानी दे रहा है।  उन्होंने कहा कि हालांकि पानी की कोई कमी नहीं है परंतु दिल्ली सरकार का पानी का वितरण ठीक नहीं है।  पिछले 10 सालों में श्री अरविंद केजरीवाल पानी के वितरण  को ठीक नहीं कर पाए जिसकी वजह से दिल्ली के लोग आज भी गंदा पानी पीने को मजबूर हैं।  

उन्होंने कहा कि 2014 से पहले हरियाणा प्रदेश में महिलाओं को सिर  पर मटका उठाकर पीने का पानी लेने के लिए जाना पड़ता था।  2014  के बाद  प्रधानमंत्री  श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने प्रदेश के हर घर में नल और स्वच्छ जल सुनिश्चित किया।  अब हरियाणा प्रदेश में लोगों को घरों में ही स्वच्छ जल उपलब्ध हो रहा है।  इसके विपरीत श्री केजरीवाल ने दिल्ली की जनता से स्वच्छ जल का वादा किया था।  उन्होंने यह भी कहा था कि यमुना  को स्वच्छ करेंगे।  परन्तु उन्होंने इस दिशा में कोई काम नहीं किया और अब चुनाव में वहां की जनता उन्हें सबक सिखाएगी।  

हरियाणा मुख्यमंत्री ने प्रदेशभर में 324 क्रेच का किया उद्घाटन

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने राज्य में महिला और बाल कल्याण की दिशा में बड़ी पहल करते हुए आज 324 क्रेच केंद्रों का उद्घाटन किया। इन केंद्रों का उद्देश्य कामकाजी महिलाओं को अपने कार्यक्षेत्र में सहायता प्रदान करना और उनके बच्चों के लिए पोषित और सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराना है।

मुख्यमंत्री आज यहां हरियाणा सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री अनिल विज, श्री विपुल गोयल, श्री श्याम सिंह राणा, श्री रणबीर गंगवा, श्रीमती श्रुति चौधरी और विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ कृष्ण लाल मिड्ढा उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर महिलाओं और बच्चों के सशक्तिकरण के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही अन्य योजनाओं का भी उल्लेख किया और कहा कि हरियाणा को एक समृद्ध, सशक्त और समानता पर आधारित राज्य बनाने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है।  

उन्होंने कहा कि महिलाओं को स्वावलंबी बनाकर उनका सशक्तिकरण सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को और तेज गति देने के लिए सभी महिला सरपंचों को उनके गांव का ब्रांड एम्बेसडर बनाने का निर्णय लिया गया है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश की आधी आबादी को सशक्त बनाने के लिए पानीपत से ‘बीमा सखी योजना का शुभारंभ किया। इसमें महिलाओं को पहले साल 7 हजार, दूसरे साल 6 हजार और तीसरे साल 5 हजार रुपये मासिक वेतन मिलेगा। साथ ही, बीमा कमीशन और हर महीने 2100 रुपये की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि भी मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गरीब परिवारों को हर घर-हर गृहिणी योजना में हर महीने केवल 500 रुपये में गैस सिलेंडर दिया जा रहा है। इसका लाभ 13 लाख 2 हजार 400 परिवारों को निरंतर मिल रहा है। सरकार ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में 750 रुपये और सहायिकाओं के मानदेय में 400 रुपये मासिक की बढ़ोतरी की है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस 2023 के अवसर पर लखपति दीदी योजना शुरू करने की घोषणा की थी। इस योजना के माध्यम से प्रदेश की महिलाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण देकर सूक्ष्म उद्यम स्थापित करने में सहायता प्रदान की जा रही है। प्रदेश में 5 लाख महिलाओं को ‘लखपति दीदी’ बनाने का लक्ष्य रखा गया है। अब तक 1 लाख 85 हजार महिलाओं को लखपति दीदी बनाया जा चुका है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार नमो ड्रोन दीदी के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए 5,000 महिलाओं को ड्रोन पायलट प्रशिक्षण प्रदान करेगी। अब तक 100 महिलाओं को ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण देकर, उन्हें मुफ्त ड्रोन भी दिए जा चुके हैं। इन्हें 8 लाख रुपये तक की कीमत का ड्रोन मुफ्त दिया जाएगा।

इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ विवेक जोशी, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री अरूण कुमार गुप्ता, सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ अमित अग्रवाल, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ साकेत कुमार, सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक श्री के मकरंद पांडुरंग, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव श्री तरूण भंडारी और मीडिया सचिव श्री प्रवीण आत्रेय सहित अन्य विभागों के प्रशासनिक सचिव उपस्थित थे।