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छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन, कर्रेगुट्टा पहाड़ी में 31 नक्सली ढेर

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों को नक्सलियों के खिलाफ बड़ी सफलता हाथ लगी है। कर्रेगुट्टा पहाड़ी क्षेत्र में चलाए गए संयुक्त अभियान में सुरक्षा बलों ने 31 नक्सलियों को मार गिराया है। इसके साथ ही भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किए गए हैं।

सीआरपीएफ के डीजी ने जानकारी दी कि नक्सल विरोधी अभियान की शुरुआत 2014 में हुई थी, लेकिन 2019 के बाद से इस अभियान ने अधिक गति पकड़ी है। जवानों के लिए देश भर में संयुक्त प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है, जिससे उनकी रणनीतिक और सामरिक क्षमताओं में वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि जहां 2014 में 35 जिले नक्सली गतिविधियों के केंद्र हुआ करते थे, वहीं 2025 तक यह संख्या घटकर मात्र 6 जिलों तक सीमित रह गई है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के समन्वित प्रयासों के चलते नक्सली हिंसा में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। इस ऑपरेशन पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा बलों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि ‘नक्सल फ्री भारत’ के संकल्प में एक ऐतिहासिक सफलता प्राप्त करते हुए सुरक्षा बलों ने नक्सलवाद के खिलाफ अब तक के सबसे बड़े ऑपरेशन में छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा के कुर्रगुट्टालू पहाड़ (केजीएच) पर 31 कुख्यात नक्सलियों को मार गिराया।

गृह मंत्री ने कहा कि जिस पहाड़ पर कभी लाल आतंक का राज था, वहां आज शान से तिरंगा लहरा रहा है। कुर्रगुट्टालू पहाड़ पीएलजीए बटालियन 1, डीकेएसजेडसी, टीएससी और सीआरसी जैसी बड़ी नक्सल संस्थाओं का यूनिफाइड हेडक्वार्टर था, जहां नक्सल ट्रेनिंग के साथ-साथ रणनीति और हथियार भी बनाए जाते थे। उन्होंने बताया कि नक्सल विरोधी इस सबसे बड़े अभियान को हमारे सुरक्षा बलों ने मात्र 21 दिनों में पूरा किया और मुझे अत्यंत हर्ष है कि इस ऑपरेशन में सुरक्षा बलों में एक भी जानहानि नहीं हुई। खराब मौसम और दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में भी अपनी बहादुरी और शौर्य से नक्सलियों का सामना करने वाले हमारे सीआरपीएफ, एसटीएफ और डीआरजी के जवानों को बधाई देता हूं। पूरे देश को आप पर गर्व है। शाह ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम नक्सलवाद को जड़ से मिटाने के लिए संकल्पित हैं। मैं देशवासियों को पुनः विश्वास दिलाता हूं कि 31 मार्च 2026 तक भारत का नक्सलमुक्त होना तय है।” उल्लेखनीय है कि सुरक्षा बलों और खुफिया एजेंसियों के सहयोग से अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। कर्रेगुट्टा जैसी दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में इस प्रकार की कार्रवाई सुरक्षा बलों की सतर्कता और साहस का प्रमाण है।

कर्नल सोफिया पर विवादित बयान मामले में मंत्री विजय शाह की मुश्किलें बढ़ी

मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री कुंवर विजय शाह की मुश्किलें बढ़ गई हैं। भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर उनकी कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने मंत्री विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।

कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना की वो अधिकारी हैं, जिन्होंने हाल ही में पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना द्वारा किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में मीडिया को विस्तृत जानकारी दी थी। मंत्री विजय शाह की टिप्पणी का मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लिया।

जस्टिस अतुल श्रीधरन की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) को मंत्री विजय शाह के खिलाफ तुरंत FIR दर्ज करने का आदेश दिया। अदालत ने राज्य के महाधिवक्ता प्रशांत सिंह को भी सख्त निर्देश देते हुए कहा कि हर हाल में एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।   अदालत ने यह भी कहा कि वह कल सुबह सबसे पहले इसी मामले पर सुनवाई करेगी।

इस बीच, इस मुद्दे पर सियासत भी गरमा गई है। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मंत्री कुंवर विजय शाह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने कहा, “हमने मध्य प्रदेश के मंत्री कुंवर विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। मध्य प्रदेश के एक मंत्री ने सेना के अधिकारियों और बहनों का अपमान किया है। यदि उन्हें 24 घंटे के भीतर बर्खास्त नहीं किया गया, तो हम देश के सभी थानों में विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे।”

बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार की आखिरकार हुई वतन वापसी,गलती से किया था पाक सीमा में प्रवेश

पाकिस्तान से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान पूर्णम कुमार शॉ गलती से पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश कर गए थे। पाकिस्तन रेंजर्स ने उन्हें हिरासत में ले लिया था। अब भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर के बाद पाकिस्तान रेंजर्स ने पूर्णम कुमार शॉ को भारत को सौंप दिया है। बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार शॉ अटारी बॉर्डर से वापस भारत लौटे हैं।

बता दें कि पूर्णम बीएसएफ की 182वीं बटालियन फिरोजपुर में तैनात है। 23 अप्रैल को पूर्णम ममदोट के फेंसिंग पर लगे गेट नंबर-208/1 के पास था। इस दौरान साहू की तबीयत खराब हो गई। वह पेड़ के नीचे बैठ गया। इसी दौरान पाकिस्तानी रेंजर्स ने उन्हें पकड़ लिया और उसके हथियार भी छीन लिए थे।

भारतीय सेना ने सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक सैन्य अभियान ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया- लेफ्टिनेंट जनरल डी.एस. राणा

अंजलि भाटिया
नई दिल्ली , 13 मई- भारतीय सेना ने सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक सैन्य अभियान ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया है, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना है।  यह अभियान 22 अप्रैल को भारतीय प्रशासित कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू किया गया था, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी।  
मानेकशॉ सेंटर में आयोजित एक ऐतिहासिक सामरिक ब्रीफिंग में, रक्षा खुफिया एजेंसी (डीआईए) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल डी.एस. राणा ने 70 से अधिक देशों के सैन्य प्रतिनिधियों को इस अभियान की जानकारी दी।  उन्होंने बताया कि ऑपरेशन में मुरीदमें  स्थित लश्कर-ए-तैयबा  के मुख्यालय तथा बहावलपुर और जैश-ए-मोहम्मद के नौ प्रमुख ठिकानों को  ध्वस्त किया गया।  
लेफ्टिनेंट जनरल राणा ने  कहा ऑपरेशन सिंदूर के दौरान साइबर, अंतरिक्ष और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमताओं का व्यापक उपयोग किया गया, जो भारत की बहु-डोमेन सैन्य शक्ति को भी   दर्शाता है।   उन्होंने कहा कि यह अभियान सिर्फ गतिज (kinetic) नहीं था, बल्कि गैर-गतिज (non-kinetic) युद्धक प्राविधियों में भारत की बढ़त का भी परिचायक था । इस  ऑपरेशन ने भारत की सैन्य श्रेष्ठता, रणनीतिक संकल्प और नए युग के युद्ध में क्षमताओं को प्रदर्शित करके भारत-पाकिस्तान संबंधों को फिर से परिभाषित किया है ।
जनरल राणा ने पिछली रिपोर्टों का हवाला देते हुए पाकिस्तान के चल रहे दुष्प्रचार प्रयासों की निंदा की – जिसमें 2020 ईयू डिसइन्फ़ोलैब एक्सपोज़ भी शामिल है।
 जिसमें पाकिस्तान के वैश्विक प्रचार नेटवर्क का विस्तारपूर्वक दस्तावेजीकरण किया गया था। जनरल राणा ने इसे पूरे देश की प्रतिक्रिया बताते हुए पाकिस्तान के दुष्प्रचार को बेनकाब करते हुए कहा  कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट और कठोर रुख अपना रहा है।
हालांकि, नियंत्रण रेखा पर तनाव बना हुआ है। विशेषज्ञ इसे दक्षिण एशिया में युद्ध के बदलते स्वरूप का संकेत मान रहे हैं। जबकि 22 अप्रैल के बाद से रोज़ाना संघर्ष विराम उल्लंघन हो रहे हैं, जिनमें अब तक 12 भारतीय नागरिकों की मृत्युऔर 57 लोग घायल हो चुके हैं।
जनरल राणा  ने कहा ऑपरेशन सिंदूर ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी ‘लाल रेखा’ को लेकर गंभीर है और किसी भी कीमत पर इसे स्वीकार नहीं करेगा।दुनिया अब बारीकी से देख रही है कि इस उच्च-दांव टकराव के बाद भारत और पाकिस्तान कैसे आगे बढ़ते हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने आदमपुर एयरबेस पहुंच बढ़ाया जवानों का हौसला

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पंजाब के आदमपुर एयरबेस पर पहुंचकर एयरफोर्स अधिकारियों और बहादुर जवानों के साथ मुलाकात और बातचीत की। पीएम मोदी मंगलवार सुबह आदमपुर एयरबेस पहुंचे।

पीएम मोदी ने इस मुलाकात की तस्वीरें और जानकारी अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर भी शेयर की। उन्होंने पोस्ट में लिखा, आज सुबह मैं एएफएस आदमपुर गया और हमारे बहादुर वायु योद्धाओं और सैनिकों से मिला। साहस, दृढ़ संकल्प और निडरता के प्रतीक लोगों के साथ रहना एक बहुत ही खास अनुभव था। भारत हमारे सशस्त्र बलों के प्रति हमेशा आभारी रहेगा, क्योंकि वे हमारे देश के लिए सब कुछ करते हैं।

पीएम मोदी की वायुसेना के जवानों से बातचीत की कई तस्वीरें भी सामने आई हैं। फोटो में देखा जा सकता है कि पीएम मोदी सेना के जवानों का हौसला अफजाई करते हुए दिख रहे हैं। खास बात यह है कि एक फोटो में पीएम मोदी के पीछे भारतीय लड़ाकू विमान की तस्वीर भी नजर आ रही है, इसके ऊपर लिखा है- “क्यों दुश्मनों के पायलट ठीक से सो नहीं पाते?”

इससे पहले, पीएम मोदी ने सोमवार को रात 8 बजे ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार देश को संबोधित करते हुए आतंकवाद के खिलाफ भारत के सख्त रुख को स्पष्ट किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘राष्ट्र के नाम संबोधन’ में इस बात पर जोर दिया कि आतंक के खिलाफ लड़ाई में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने एक नई लकीर खींची है। उन्होंने कहा कि आतंक की लड़ाई में एक नई लकीर खींच दी है, एक नया पैमाना, न्यू नॉर्मल तय कर दिया गया है।

पीएम मोदी ने कहा कि पहला पैमाना यह है कि भारत पर आतंकी हमला हुआ तो मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। हम अपने तरीके से, अपनी शर्तों पर जवाब देकर रहेंगे। हर उस जगह जाकर कठोर कार्रवाई करेंगे, जहां से आतंक की जड़ें निकलती हैं।

दूसरा पैमाना यह है कि कोई भी न्यूक्लियर ब्लैकमेल भारत नहीं सहेगा। न्यूक्लियर ब्लैकमेल की आड़ में पनप रहे आतंकवादी ठिकानों पर भारत सटीक और निर्णायक प्रहार करेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा तीसरा पैमाना यह है कि हम आतंक की सरपरस्त सरकार और आतंक के आकाओं को अलग-अलग नहीं देखेंगे। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान दुनिया ने पाकिस्तान का वह घिनौना सच फिर देखा है, जब मारे गए आतंकियों को विदाई देने, पाकिस्तानी सेना के बड़े-बड़े अफसर उमड़ पड़े। सरकार प्रायोजित आतंकवाद का यह बहुत बड़ा सबूत है। हम भारत और अपने नागरिकों को किसी भी खतरे से बचाने के लिए लगातार निर्णायक कदम उठाते रहेंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि युद्ध के मैदान में हमने हर बार पाकिस्तान को धूल चटाई है। और इस बार ऑपरेशन सिंदूर ने नया आयाम जोड़ा है। हमने रेगिस्तानों और पहाड़ों में अपनी क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया, और साथ ही, न्यू एज वॉरफेयर में भी अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की। इस ऑपरेशन के दौरान, हमारे ‘मेड इन इंडिया’ हथियारों की प्रमाणिकता सिद्ध हुई। आज दुनिया देख रही है, 21वीं सदी के वॉरफेयर में ‘मेड इन इंडिया’ डिफेंस इक्विपमेंट्स, इसका समय आ चुका है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की पश्चिमी सीमा पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा

आमने-सामने की लड़ाई में भारतीय सेना से बुरी तरह पिछड़ने के बाद पाकिस्तान ने सीमा पार से फायरिंग व गोला बारूद न दागने की बात कही है। पाकिस्तानी सेना के पीछे हटने के बाद मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीडीएस, थल सेना और नौसेना प्रमुख के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की।

रक्षा मंत्रालय ने इस संबंध में आधिकारिक जानकारी देते हुए बताया कि नई दिल्ली में हुई बैठक के दौरान देश की पश्चिमी सीमा को लेकर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की गई। रक्षा मंत्री ने सीमा सुरक्षा को लेकर यह समीक्षा की। बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, नौसेना स्टाफ के प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह शामिल हुए। वहीं वायुसेना प्रमुख की अनुपस्थिति में वायु सेना के उप प्रमुख एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी इस समीक्षा बैठक में उपस्थित रहे।

जानकारी के मुताबिक बैठक के दौरान रक्षा मंत्री को पाकिस्तान से लगती नियंत्रण रेखा व अंतरराष्ट्रीय सीमा के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। माना जा रहा है कि रक्षा मंत्री को भारत व पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस के बीच हुई वार्ता की भी जानकारी दी गई। यह वार्ता सोमवार शाम पांच बजे हॉटलाइन पर हुई थी। इस बातचीत में पाकिस्तान ने कहा है कि वह सीमा पार से एक भी गोली नहीं चलाएगा। वार्ता में कहा गया है कि दोनों पक्षों को एक भी गोली नहीं चलानी चाहिए। एक-दूसरे के खिलाफ कोई आक्रामक और शत्रुतापूर्ण कार्रवाई शुरू नहीं करनी चाहिए।

सेना के मुताबिक इस बात पर सहमति हुई कि दोनों पक्ष यानी भारत और पाकिस्तान सीमाओं और अग्रिम क्षेत्रों से सैनिकों की संख्या में कमी सुनिश्चित करने के लिए तत्काल उपायों पर विचार करें। इसके अलावा भारत व पाकिस्तान के डीजीएमओ के बीच हुई अन्य बातचीत की भी पूरी जानकारी रक्षा मंत्री को दी गई है।

वहीं भारत आज यानी मंगलवार को नई दिल्ली में विभिन्न देशों के रक्षा अताशे (डीए) को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तकनीकी विवरण से अवगत कराएगा। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारतीय सेनाओं द्वारा आतंकवाद के विरोध में शुरू किया गया सैन्य अभियान है। अब भारतीय सशस्त्र बल विभिन्न देशों के रक्षा अताशे के साथ महत्वपूर्ण जानकारी और परिचालन डेटा साझा करेंगे। इस दौरान स्वदेशी वायु रक्षा प्रणालियों की परफॉर्मेंस और 7 से 10 मई के बीच किए गए स्ट्राइक मिशन के परिणाम शामिल हैं। सूत्रों ने पुष्टि की है कि इस सत्र में कई घटनाक्रमों पर चर्चा होगी, जिसमें भारत के वायु रक्षा बलों द्वारा चीनी और तुर्की निर्मित ड्रोनों और पीएल-15 मिसाइलों को नष्ट करना शामिल है, जिससे भारतीय हवाई क्षेत्र में किसी भी तरह की घुसपैठ को रोका जा सका।

डीजीएमओ की बातचीत से पहले प्रधानमंत्री  मोदी की बैठक, सीडीएस और तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद

भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ की बातचीत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर बड़ी बैठक हो रही है। बताया जा रहा है कि इस बैठक में शामिल होने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीडीएस, तीनों सेना के अध्यक्ष और अन्य कई अधिकारी भी प्रधानमंत्री आवास पहुंचे हैं।

बता दें कि दोपहर 12 बजे भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ की हॉटलाइन पर बात होगी, जिसमें सीजफायर को लागू रखने और लंबे समय तक शांति कायम रखने पर चर्चा हो सकती है। साथ ही पाकिस्तान की ओर से किए गए सीजफायर उल्लंघन का मुद्दा भी उठाया जा सकता है।

इससे पहले, 11 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास पर शीर्ष रक्षा अधिकारियों के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद रहे।

यह बैठक पाकिस्तान के साथ सीमा पर तनावपूर्ण शांति के बीच हुई, जहां फिलहाल संघर्ष विराम के उल्लंघन की कोई नई घटना सामने नहीं आई है। दरअसल, शनिवार शाम को पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का उल्लंघन किया, लेकिन देर रात में शांति बनी रही। पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का पालन करने को लेकर प्रतिबद्धता जताई थी।

इससे पहले, रविवार शाम को भारतीय थल सेना के महानिदेशक सैन्य अभियान (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने एक प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद को खत्म करना था, जिसमें भारतीय सेना ने जबरदस्त सफलता हासिल की।

लेफ्टिनेंट जनरल घई ने बताया कि ऑपरेशन के तहत 100 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया गया, साथ ही उनके कई ठिकानों को भी नेस्तनाबूद किया गया। उन्होंने कहा, “हमने आतंकवादी हमले का माकूल जवाब दिया है और सबूतों के साथ आतंकी अड्डों को तबाह करने की पुष्टि भी की है।”   

हमारी लड़ाई आतंकवादियों और आतंकवाद के खिलाफ थी- भारतीय सेना

ऑपरेशन सिंदूर के हर एक क्षेत्र में, तीनों सशस्त्र बलों के बीच पूर्ण तालमेल रहा है, जिसे सरकार, विभागों और 140 करोड़ भारतीयों का समर्थन प्राप्त है।”

नई दिल्ली- भारतीय सशस्त्र सेनाओं ने आज  कहा हमारी लड़ाई  आतंकवादियों  और आतंकवाद के खिलाफ थी । पाकिस्तान सेना से नहीं ।  पाकिस्तान सेना  ने  आतंकवादियों के समर्थन में इस लड़ाई में शामिल होने का फैसला लिया । जिसके  कारण भारत को उसके सैनिक ठिकानों को निशाना बनाना पड़ा।इसलिए इस संघर्ष में पाकिस्तान को जो नुकसान हुआ है उस के लिए वह खुद जिम्मेदार है।
 ऑपरेशन सिंदूर पर तीनों सेनाओं के डीजीएमओ  द्वारा सोमवार  को प्रेस ब्रीफिंग की गई. आर्मी में  लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, नेवी से वाइस एडमिरल ए एन प्रमोद और एयरफोर्स से एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर जानकारी दी। वहीं डीजीएमओ ब्रीफिंग के दौरान, भारतीय सेना ने पाकिस्तानी मिराज का मलबा दिखाया. वहीं एयर मार्शल एके भारती ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना द्वारा निशाना बनाए गए लक्ष्यों की समग्र तस्वीर पेश की.
एयर मार्शल एके भारती ने बताया कि हमारा एयर डिफेंस सिस्टम मल्टीलेयर है। पाकिस्तान के सभी ड्रोन को स्वदेशी काउंटर ड्रोन सिस्टम से गिराया गया। हमारी लड़ाई आतंकवाद और आतंकियों के खिलाफ थी। इसलिए 7 मई को हमने केवल आतंकी ठिकानों पर ही हमला किया था पर अफसोस इस बात का है कि पाकिस्तानी सेना ने आतंकियों का साथ देना उचित समझा। इस लड़ाई को अपनी लड़ाई बना ली। हमारी एयर डिफेंस सिस्टिम दीवार की तरह खड़ी थी और इसको भेदना दुश्मन के लिए असंभव था। तुर्की के ड्रोन हो  या कहीं की भी कोई शास्त्र तकनीक हो हमारी स्वदेशी रक्षा प्रणाली, प्रशिक्षित योद्धा उससे मुकाबले के लिए तैयार है। ऑपरेशन सिंदूर में हमारा नुकसान बेहद मामूली रहा है । हमारे सैन्य प्रतिष्ठान,शास्त्र प्रणालियों पूरी तरह से कार्यशील है, जरूरत पढ़ने पर हम अगले मिशन के लिए तैयार है ।
उन्होंने कहा के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान सेना द्वारा इस्तेमाल किए गए चीन के हथियार नाकाम साबित हुए । पिछले दस साल में सरकार से सेनाओं को जो बजटीय समर्थन मिल है. उससे हमें देश की वायुरक्षा प्रणाली मजबूत एवं आधुनिक बनाएं में बढ़ी मदद मिली है । ऑपरेशन सिंदूर के हर एक क्षेत्र में, तीनों सशस्त्र बलों के बीच पूर्ण तालमेल रहा है, जिसे सरकार, विभागों और 140 करोड़ भारतीयों का समर्थन प्राप्त है।”

वाइस एडमिरल ए एन प्रसाद ने कहा कि भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के किसी भी खतरे से निपटने के लिए कई लेयर की तैयारी कर ली थी। हमने लड़ाकू और टोही विमान को काम पर लगा दिया था। हमने अत्याधुनिक रेडार का इस्तेमाल करते हुए हमारे पायलट दिन और रात दोनों ही वक्त तैयार थे। हमने सैकड़ों किलोमीटर कि निगरानी की।   कोई भी संदिग्ध और दुश्मन के हवाई जहाज को कई सौ किलोमीटर तक पास आने का मौका नहीं दिया।जब पाकिस्तान एयरफोर्स ने हमारे एयर फील्ड पर लगातार हमले किए तो हमारे सिस्टम ने उसे विफल किया। हमारी एयरफील्ड हर तरह से ऑपरेशन है।पाकिस्तान की चीनी मूल की मिसाइल PL-15 भी गिराई।   उन्होंने बताया       स्वदेशी आकाश सिस्टम का इस्तेमाल हुआ।  पाकिस्तान के ड्रोन लेजर गन को भी टारगेट किया। पाकिस्तान के एक-एक ड्रोन को मार गिराया। पाकिस्तान के नूरखान एयरबेस को तबाह किया।

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, ” हमारे एयरफील्ड हर प्रकार से ऑपरेशनल है. पाकिस्तान के ड्रोन हमारे ग्रिड के कारण नष्ट हुई. मैं यहां पर अपने बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स की सहराना करता हूं. जिसके कारण पाकिस्तान की नापाक हरकतों का विनाश किया गया.
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की एयर डिफेंस कार्रवाई को हमें एक संदर्भ में समझने की जरूरत है. उन्होंने कहा, “पिछले कुछ सालों में आतंकी गतिविधियों के कैरेक्टर में बदलाव आ रहा था. अब हमारी सेना के साथ-साथ निर्दोष लोगों पर भी हमला हो रहा था. 2024 में शिवखोड़ी मंदिर की ओर जाने वाले तीर्थयात्री और इस साल अप्रैल में पहलगाम में मासूम पर्यटक को निशाना बनाया गया.”
उन्होंने कहा, “पहलगाम तक उनका पाप का घड़ा भर चुका था, क्योंकि आतंकियों पर हमारे सटीक हमले एलओसी  और आईबी को पार किए बिना किए गए थे. हमें पूरा अंदेशा था कि पाकिस्तान का हमला भी सीमा पार से ही होगा इसलिए हमने एयर डिफेंस की तैयारी की थी. जब 9-10 मई को पाकिस्तान की वायुसेना ने हमारे एयर फील्ड और लॉजिस्टिक इंस्टॉलेशन पर हमला किया तो वे इस मजबूत एयर डिफेंस ग्रिड के सामने विफल हुए।
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 एयर मार्शल ए.के. भारती  ने तुलसीदास कृत रामचरितमानस की एक चौपाई पढ़ी। विनय न मानत जलधि जड़, गए तीनि दिन बीति। बोले राम सकोप तब, भय बिनु होइ न प्रीति। एके भारती ने कहा कि यह चौपाई रामचरितमानस से है, जिसमें श्री राम ने समुद्र से रास्ता देने के लिए विनती की, मगर जब समुद्र ने तीन दिन तक उनकी विनती नहीं मानी, तो भगवान राम ने क्रोध में कहा कि बिना भय के प्रीति नहीं होती। यानी पाकिस्तान को अब साफ शब्दों में कह दिया गया है कि अगर उसने दोबारा ऐसी हरकत की तो उसका अंजाम उसे भुगतना पड़ेगा।
सोमवार को ब्रीफिंग की शुरुआत रामधारी सिंह दिनकर की एक कविता से  याचना नहीं, अब रण होगा’ गाने से शुरू हुई । 

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 एयर मार्शल ए.के. भारती ने  एक एक प्रश्न के जवाब में  कहा कि भविष्य के संघर्ष पिछले संघर्षों से काफी भिन्न होंगे और लगातार बदलते युद्ध के मैदान में विरोधियों से आगे रहने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “यह एक अलग तरह का युद्ध था और ऐसा होना तय है। भगवान न करे, लेकिन अगर हम कोई और युद्ध लड़ते हैं, तो वह इस युद्ध से बिल्कुल अलग होगा। यह एक बिल्ली और चूहे का खेल है, और हमें दुश्मन को हराने के लिए समय से पहले काम करना होगा।” जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत ने किराना हिल्स पर हमला किया है, तो एयर मार्शल ए.के. भारती ने जवाब दिया, “हमें यह बताने के लिए धन्यवाद कि किराना हिल्स में कुछ परमाणु प्रतिष्ठान हैं, हमें इसके बारे में पता नहीं था। हमने किराना हिल्स पर हमला नहीं किया है, चाहे वहां कुछ भी हो।

बुद्ध पूर्णिमा की राष्ट्रपति मुर्मू और पीएम मोदी ने देशवासियों को दी शुभकामनाएं

देश में आज बुद्ध पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं ने बुद्ध पूर्णिमा की देशवासियों को बधाई दी है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक्स पर लिखा, “बुद्ध पूर्णिमा के शुभ अवसर पर मैं सभी देशवासियों और पूरे विश्व में भगवान बुद्ध के अनुयायियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देती हूं। करुणा के प्रतीक महात्मा बुद्ध का अहिंसा, प्रेम और करुणा का अमर संदेश समस्त मानवता के कल्याण का मूल मंत्र है। उनके आदर्शों से समानता, सद्भाव और न्याय जैसे शाश्वत मूल्यों में हमारी आस्था प्रबल होती है। उनकी शिक्षाएं हम सबको नैतिक मूल्यों पर आधारित जीवन जीने के लिए प्रेरित करती हैं। आइए, हम सब महात्मा बुद्ध की शिक्षाओं को अपनाएं और अपने जीवन में सदाचार का अनुसरण करते हुए शांतिपूर्ण, सौहार्दपूर्ण एवं विकसित भारत के निर्माण में योगदान करें।”

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुद्ध पूर्णिमा की बधाई देते हुए एक्स पर लिखा, “बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर सभी नागरिकों को हार्दिक शुभकामनाएं। यह पवित्र दिन भगवान बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण का प्रतीक है, जिनकी गहन बुद्धि चुनौतीपूर्ण समय में हमारे लिए ध्रुव तारे के रूप में कार्य करती है। भगवान बुद्ध का अहिंसा, दया और मध्यम मार्ग का संदेश आज की दुनिया में पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक है, व्यक्ति और समग्र मानवता दोनों के लिए। आइए हम गौतम बुद्ध द्वारा बताए गए महान सिद्धांतों के प्रति खुद को फिर से प्रतिबद्ध करें और उनकी शिक्षाओं का प्रकाश सबके लिए अधिक शांतिपूर्ण, दया माया से भरा और सामंजस्यपूर्ण समाज बनाने की दिशा में मार्गदर्शन करें।”

प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर लिखा, “सभी देशवासियों को बुद्ध पूर्णिमा की ढेरों शुभकामनाएं। सत्य, समानता और सद्भाव के सिद्धांत पर आधारित भगवान बुद्ध के संदेश मानवता के पथ-प्रदर्शक रहे हैं। त्याग और तप को समर्पित उनका जीवन विश्व समुदाय को सदैव करुणा और शांति के लिए प्रेरित करता रहेगा।”

इसके अलावा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनाएं दी।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देशवासियों को बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “ज्ञान, करुणा और अहिंसा के मार्ग पर चलकर मानव समाज को समानता और एकता का संदेश देने वाले भगवान बुद्ध का जीवन मनसा, वाचा और कर्मणा की त्रिवेणी है। भगवान बुद्ध से सभी के सुख और शांति की कामना करता हूं।”

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक्स पर लिखा, “बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर मैं शांति, ज्ञान और करुणा के प्रतीक महात्मा बुद्ध को नमन करता हूं। उनकी शाश्वत शिक्षाएं मानवता को सद्भाव, आत्म-साक्षात्कार और धर्म के मार्ग पर ले जाती हैं।”

बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक्स पर लिखा, “सत्य, अहिंसा व मानवता के आदर्श ज्योति को दुनिया में फैलाकर भारत को जगदगुरु का सम्मान दिलाने वाले तथागत गौतम बुद्ध को आज उनकी जयंती पर शत्-शत् नमन व उनके अनुयाइयों को बुद्ध पूर्णिमा की हार्दिक बधाई एवं आतंक आदि से मुक्त सुखी जीवन की शुभकामनाएं। तथागत गौतम बुद्ध के बताए रास्ते पर सही से चलकर लोगों के जीवन को सुखी व सम्पन्न बनाना ही सच्चा राजधर्म। पड़ोसी देशों को भी इससे प्रेरणा लेनी चाहिए। साथ ही, ’अप्प दीपो भवः’ अर्थात शिक्षित बनो, खुद ऊपर उठो व अपना प्रकाश स्वयं बनो के सिद्धान्त से ही देश आत्मनिर्भर एवं महान बनेगा।”

भारत की सीमाओं और समुद्री क्षेत्रों की चौबीसों घंटे निगरानी के लिए इसरो के 10 सैटेलाइट्स- चेयरमैन

भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चेयरमैन वी. नारायणन ने सुरक्षा को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं और समुद्री क्षेत्रों की चौबीसों घंटे निगरानी के लिए इसरो की 10 सैटेलाइट्स लगातार काम कर रही हैं। उनका यह बयान अगरतला स्थित केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (CAU) के दीक्षांत समारोह में सामने आया।

नारायणन ने स्पष्ट किया, “अगर हमें अपने देश की सुरक्षा सुनिश्चित करनी है तो हमें उपग्रहों के माध्यम से सेवा देनी होगी। हमारे 7,000 किलोमीटर लंबे समुद्री क्षेत्र की निगरानी उपग्रह और ड्रोन तकनीक के बिना संभव नहीं है।”

अब तक ISRO कुल 127 भारतीय सैटेलाइट्स लॉन्च कर चुका है। इनमें से 22 सैटेलाइट्स लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में हैं। 29 सैटेलाइट्स जियो-सिंक्रोनस ऑर्बिट में कार्यरत हैं। भारत के पास करीब एक दर्जन स्पाई और सर्विलांस सैटेलाइट्स हैं, जिनमें Cartosat, RISAT, EMISAT और Microsat सीरीज शामिल हैं। इन सैटेलाइट्स का उपयोग सीमाओं की निगरानी, दुश्मन की गतिविधियों पर नजर और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अन्य कार्यों के लिए किया जाता है।

ISRO जल्द ही अपनी निगरानी क्षमता को और मजबूत करने जा रहा है। 18 मई को EOS-09 (RISAT-1B) नामक रडार इमेजिंग सैटेलाइट को सूर्य-तुल्यकालिक कक्षा (Sun-Synchronous Orbit) में लॉन्च किया जाएगा। यह सैटेलाइट सीमाओं की निगरानी में अहम भूमिका निभाएगा।

IN-SPACe के चेयरमैन पवन गोयनका के मुताबिक, भारत अगले 5 वर्षों में 52 नए निगरानी उपग्रहों को लॉन्च करने की योजना पर काम कर रहा है। इस योजना में निजी क्षेत्र की भागीदारी भी बढ़ाई जाएगी। ये सैटेलाइट्स भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना को रीयल टाइम इंटेलिजेंस और निगरानी में सहायता प्रदान करेंगे।

नारायणन ने पूर्वोत्तर भारत के विकास में ISRO की भूमिका को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि इसरो के कई सैटेलाइट्स इस क्षेत्र में विकास परियोजनाओं की निगरानी और कार्यान्वयन में सक्रिय रूप से लगे हुए हैं।

कार्यक्रम में मौजूद छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “डिग्री लेने के बाद समाज को कुछ लौटाना आपकी जिम्मेदारी है। भारत जब आजादी के 100 साल पूरे करेगा, तब वह दुनिया को दिशा देने वाला राष्ट्र होगा।”