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ट्रंप के टैरिफ वॉर पर पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत तैयार’ ; किसानों के हितों की रक्षा का संकल्प

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को साफ शब्दों में कहा कि भारत अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हितों से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेगा। उन्होंने यह बयान ऐसे समय पर दिया है जब अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत तक का आयात शुल्क लगाने का ऐलान किया है।

प्रधानमंत्री एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, *”हमारे लिए अपने किसानों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारत अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हितों से कभी भी समझौता नहीं करेगा। मुझे पता है कि इसके लिए मुझे व्यक्तिगत रूप से बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है, लेकिन मैं तैयार हूं। भारत आज अपने अन्नदाताओं के साथ पूरी मजबूती से खड़ा है।”*

प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय पर आई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आयातित कुछ वस्तुओं पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने का कार्यकारी आदेश जारी किया है। इससे पहले ट्रंप भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा कर चुके थे, जिसे अब बढ़ाकर कुल 50 प्रतिशत कर दिया गया है।

यह कदम रूस से भारत द्वारा तेल खरीद जारी रखने के विरोध में उठाया गया है। अमेरिका ने इस पर आपत्ति जताते हुए भारत पर आर्थिक दबाव बनाने की रणनीति अपनाई है। बुधवार को भारत सरकार ने अमेरिका के इस कदम को *“अनुचित, अन्यायपूर्ण और अविवेकपूर्ण”* करार देते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि रूस से तेल खरीद भारत की ऊर्जा सुरक्षा का हिस्सा है और वह अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।

पाक आर्मी चीफ जनरल मुनीर फिर जाएंगे अमेरिका; 2 महीने में दूसरा दौरा

एक तरफ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया के खिलाफ टैरिफ वॉर छेड़ रखा था, वहीं दूसरी तरफ अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्ते गहराते दिख रहे हैं। पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर दो महीने में दूसरी बार अमेरिका दौरे पर जा रहे हैं।

इस बार जनरल असीम मुनीर अमेरिका के सेंट्रल कमांड (CENTCOM) के कमांडर जनरल माइकल ई. कुरिल्ला के विदाई समारोह में हिस्सा लेने जा रहे हैं। यह समारोह अमेरिका के फ्लोरिडा राज्य के टैम्पा स्थित CENTCOM मुख्यालय में आयोजित होगा।

गौरतलब है कि जनरल कुरिल्ला ने जुलाई के आखिर में पाकिस्तान का दौरा किया था। CENTCOM के कमांडर रहते हुए उनका पाकिस्तान से खास लगाव रहा है। उन्होंने आतंकवाद, खासकर इस्लामिक स्टेट-खुरासान (ISIS-K) के खिलाफ पाकिस्तान की भूमिका की कई बार तारीफ की है। हालांकि जनरल कुरिल्ला का यह भी कहना रहा है कि अमेरिका को भारत और पाकिस्तान दोनों से अच्छे रिश्ते बनाए रखने चाहिए।

आसीम मुनीर इस साल जून महीने में अमेरिका के दौरे पर गए थे। उन्होंने इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ लंच भी किया था। दोनों की मुलाकात लगभग दो घंटे तक चली थी।

इस बीच यहां यह भी बता दें कि, पाकिस्तान पर मेहरबान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 फीसदी का अतिरिक्त टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। यूक्रेन युद्ध के बाद से रूस से सस्ते दाम पर लगातार कच्चा तेल खरीदने की वजह से ट्रंप ने भारत पर टैरिफ लगाया है। भारत पर अमेरिका कुल 50 फीसदी टैरिफ लगा चुका है।

भारत की रूस से तेल डील पर बौखलाए राष्ट्रपति ट्रंप, लगाया 25 पर्सेंट एक्स्ट्रा टैरिफ

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को भारत से होने वाले आयात पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाने का आदेश जारी किया है। इस फैसले के पीछे भारत द्वारा रूस से तेल खरीद जारी रखना बताया गया है। 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने के बाद अब भारत पर कुल टैरिफ 50 फीसदी हो गया है।

व्हाइट हाउस के अनुसार, यह कदम यूक्रेन युद्ध के चलते रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों को और प्रभावी बनाने की दिशा में उठाया गया है। ट्रंप ने पहले ही पिछले सप्ताह भारत पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की थी, जिसे अब आधिकारिक रूप से लागू किया जा रहा है। आदेश में कहा गया है कि भारत प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रूस से तेल आयात कर रहा है, जिसे अमेरिका अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के लिए खतरा मानता है। आदेश के मुताबिक, “अनुरूप कानूनों के तहत, अमेरिका के सीमा शुल्क क्षेत्र में भारत से आयातित वस्तुओं पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाया जाएगा।”

यह नया शुल्क आदेश जारी होने के 21 दिन बाद लागू होगा। हालांकि, वे वस्तुएं जो उस समय तक समुद्री मार्ग में हों और 17 सितंबर से पहले अमेरिकी सीमा शुल्क से क्लियर हो जाएं, उन्हें इस शुल्क से छूट दी जाएगी। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह अतिरिक्त शुल्क पहले से लागू अन्य शुल्कों के अतिरिक्त होगा, जब तक कि वे कुछ विशेष श्रेणियों या पहले से जारी व्यापार आदेशों में छूट के तहत न आते हों।
साथ ही, इन वस्तुओं को अमेरिकी सीमा शुल्क क्षेत्र में “प्रिविलेज्ड फॉरेन स्टेटस” के तहत लाया जाना होगा, जो सख्त सीमा शुल्क नियमों के अधीन होगा। ट्रंप ने इस आदेश में बदलाव का अधिकार अपने पास सुरक्षित रखा है, ताकि भविष्य में भारत या रूस की नीति में बदलाव या जवाबी कार्रवाई की स्थिति में इसे संशोधित किया जा सके। इसके अलावा, आदेश में अमेरिकी वाणिज्य विभाग, विदेश विभाग, कोषागार विभाग और अन्य एजेंसियों को निर्देश दिया गया है कि वे अन्य देशों द्वारा रूस से तेल व्यापार की निगरानी करें और आवश्यकता पड़ने पर ऐसे ही कदमों की सिफारिश करें।

उत्तराखंड में कई जगह बारिश का अलर्ट

उत्तराखंड के कई जनपदों में बारिश का अलर्ट है। मौसम विभाग ने राज्य के पांच जनपदों के लिए बारिश का अलर्ट जारी किया है। इससे पहले मंगलवार को उत्तराकाशी में बादल फटने की घटना से बड़े पैमाने पर जानमाल का नुकसान हुआ है। उत्तराखंड में मौसम विभाग ने पांच जनपदों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इनमें देहरादून, नैनीताल, चंपावत, उधमसिंहनगर एवं बागेश्वर में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है, जिसके मद्देनजर नौ जनपदों में छुट्टी का आदेश जारी किया गया है।

पौड़ी, अल्मोड़ा, बागेश्वर जनपदों में सुरक्षा के लिहाज से आज स्कूलों को बंद किया गया है। कक्षा 1 से 12वीं तक के सभी शैक्षणिक संस्थानों और आंगनबाड़ी केंद्रों में अवकाश रहेगा। बता दें मंगलवार को उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में बादल फटने के बाद बड़े पैमाने पर जानमाल का नुकसान हुआ है। भारतीय सेना ने बचाव और राहत कार्य तेज कर दिए हैं और प्रभावित लोगों की सहायता के लिए जमीनी और हवाई दोनों स्तरों के जरिए राहत पहुंचाई जा रही है।

उत्तराखंड में बिगड़ते मौसम के बीच श्री केदारनाथ धाम जाने वाला मोटर मार्ग सोनप्रयाग व गौरीकुंड के मध्य मलबा पत्थर आने से बाधित है, वहीं केदारघाटी से आने वाली मन्दाकिनी नदी भी उफान पर है। उत्तराखंड सूचना एवं जनसंपर्क विभाग (डीआईपीआर) की तरफ से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करके बताया गया है कि जनपद रुद्रप्रयाग में लगातार हो रही बारिश के कारण श्री केदारनाथ धाम जाने वाला मोटर मार्ग सोनप्रयाग व गौरीकुंड के मध्य मलबा पत्थर आने से बाधित है, वहीं केदारघाटी से आने वाली मन्दाकिनी नदी भी उफान पर है

इस संबंध में एसपी रुद्रप्रयाग अक्षय प्रल्हाद कोंडे ने जानकारी देते हुए बताया है कि आम जनमानस व श्रद्धालुओं की सुरक्षा के दृष्टिगत अग्रिम आदेशों तक केदारनाथ धाम यात्रा स्थगित की गई है। केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग में आए हुए श्रद्धालु जो जहां पर हैं, वहीं पर सुरक्षित रुकवाया गया है।

उन्होंने बताया कि गौरीकुंड से केदारनाथ के मध्य कुछ स्थानों पर पैदल मार्ग में पत्थर इत्यादि गिरने की सम्भावना व मार्ग बाधित होने के कारण फिलहाल आवाजाही बन्द की गयी है। केदारनाथ धाम पैदल मार्ग सहित सम्पूर्ण जनपद में पुलिस बल अलर्ट है। जनपद से होकर गुजरने वाली मन्दाकिनी नदी व अलकनंदा नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई है, नदी किनारे जाने से परहेज करें।

मौसम पूर्वानुमान के अनुसार आज अगले कुछ घंटों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। जनपद पुलिस की आम जनमानस व श्रद्धालुओं से अपील है कि अनावश्यक यात्रा करने से बचें तथा जो जहां पर हैं, वहीं पर सुरक्षित रहें।

दूसरी ओर बद्रीनाथ राजमार्ग पर भूस्खलन के बाद से पर्यटकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि प्रशासन स्थिति को सामान्य बनाने में जुटा हुआ है। एक पर्यटक ने आईएएनएस को बताया, “प्रशासन जिस तरह से काम कर रहा है, उससे लगता है कि स्थिति जल्द ही नियंत्रण में आ जाएगी। स्थानीय प्रशासन बहुत अच्छा काम कर रहा है और बहुत सहयोगात्मक है।”

जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन

भारत के राजनेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल चौधरी सत्यपाल सिंह मलिक का मंगलवार को निधन हो गया है। वे लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे। दिल्ली के डॉ. राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। सत्यपाल मलिक के निधन की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उनके ही आधिकारिक अकाउंट से साझा की गई। एक्स पोस्ट में लिखा गया, “पूर्व गवर्नर चौधरी सत्यपाल सिंह मलिक नहीं रहे।”

जानकारी के अनुसार, सत्यपाल मलिक पिछले कई महीनों से विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। आरएलएम अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया था, जहां चिकित्सकों की देखरेख में उनका इलाज चल रहा था। लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद मंगलवार को उनका निधन हो गया। चौधरी सत्यपाल सिंह मलिक मेघालय, गोवा, बिहार और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों में राज्यपाल के पद पर रह चुके थे। मलिक ने जम्मू-कश्मीर के अंतिम पूर्णकालिक राज्यपाल के रूप में काम किया। वे अपने स्पष्टवादी और बेबाक बयानों के लिए भी खासे चर्चित रहे।

सत्यपाल मलिक के निधन की खबर फैलते ही राजनीतिक और सामाजिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई। कई प्रमुख नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके योगदान को याद किया। हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने सत्यपाल मलिक के निधन पर दुख जताते हुए ‘एक्स’ पर लिखा, “पूर्व राज्यपाल एवं वरिष्ठ जननेता सत्यपाल मलिक के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है। वे हमेशा जनहित की बात निर्भीकता से रखते रहे। जननायक जनता पार्टी उनकी बेबाक राजनीति, किसान हितैषी सोच और सार्वजनिक जीवन में सादगी को सादर नमन करती है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।”

गुरमीत राम रहीम एक बार फिर से 40 दिन की पैरोल पर

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख 14वीं बार मिली रिहाई

नई दिल्ली: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम एक बार फिर सुनारिया जेल से बाहर आ गया है। इस बार उन्हें 40 दिन की पैरोल दी गई है। 5 अगस्त को जेल से रिहा होने के बाद वे पुलिस सुरक्षा में अपने सिरसा स्थित डेरे के लिए रवाना हुए। राम रहीम को इससे पहले 9 अप्रैल 2025 को 21 दिन की फरलो मिली थी। अब तक वह 14 बार जेल से बाहर आ चुके हैं। इस साल 1 जनवरी से 14 सितंबर तक के चार महीने की अवधि में वह 91 दिन जेल से बाहर रहेंगे।

डेरा प्रमुख साल 2017 से रोहतक की सुनारिया जेल में बंद हैं। उन्हें पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत ने साध्वियों से बलात्कार और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या मामले में दोषी ठहराया था। उन्हें 20-20 साल की दो सजाएं सुनाई गई हैं।

पैरोल की शर्तों के तहत राम रहीम सिरसा डेरे में ही रहेंगे। जानकारी के मुताबिक, इस बार पैरोल की अवधि के दौरान वह 15 अगस्त को अपना 58वां जन्मदिन मनाएंगे और डेरे में पूरे महीने कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इससे पहले अप्रैल में पैरोल के दौरान 29 अप्रैल को डेरा स्थापना दिवस भी मनाया गया था। गौरतलब है कि राम रहीम को पहले भी चुनावी या धार्मिक आयोजनों से पहले पैरोल मिलती रही है। फरवरी में दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान भी उन्हें 30 दिन की पैरोल मिली थी।

राम रहीम की बार-बार पैरोल पर रिहाई को लेकर राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर सवाल उठते रहे हैं। विपक्षी दलों और मानवाधिकार संगठनों का आरोप है कि सरकारें डेरा समर्थकों के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए राजनीतिक लाभ के लिए राहत देती हैं।

डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों के बीच रूस ने 38 साल पुरानी डील तोड़ी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हालिया धमकियों के बीच रूस ने एक बड़ा फैसला लेते हुए छोटी और मध्यम दूरी की मिसाइलों की तैनाती पर लगी रोक हटा दी है। वर्षों पहले इस प्रकार की मिसाइलों की तैनाती पर स्वैच्छिक प्रतिबंध लगाया गया था, जिसे अब रूस ने समाप्त कर दिया है। रूसी विदेश मंत्रालय ने सोमवार को बयान जारी कर कहा कि अब वह खुद को इस प्रतिबंध से बंधा हुआ नहीं मानता, क्योंकि इस प्रतिबंध को बनाए रखने के लिए आवश्यक परिस्थितियाँ समाप्त हो चुकी हैं।

रूस का यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के उस आदेश के बाद सामने आया है, जिसमें उन्होंने रूस के तटों के पास अमेरिका की दो परमाणु पनडुब्बियाँ तैनात करने के निर्देश दिए थे। इस आदेश के बाद रूस और अमेरिका के बीच तनाव और भी गहरा गया है।

गौरतलब है कि वर्ष 1987 में रूस और अमेरिका के बीच एक ऐतिहासिक समझौता हुआ था, जिसमें दोनों देशों ने 500 से 5,500 किलोमीटर की रेंज वाली ग्राउंड-लॉन्च बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों की तैनाती न करने पर सहमति जताई थी। हालांकि, अमेरिका वर्ष 2019 में इस समझौते से एकतरफा रूप से बाहर निकल गया था।

रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा, “इस मुद्दे पर हमारी बार-बार की चेतावनियों को नजरअंदाज किया गया। हमने यह स्पष्ट किया था कि हम ऐसी मिसाइलों की तैनाती तभी करेंगे जब अमेरिका पहले ऐसा कोई कदम उठाएगा। अब चूंकि अमेरिका ने ऐसा कदम उठा लिया है, इसलिए हमने भी यह रोक हटाने का फैसला किया है।”

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार NDA सांसदों की बैठक

PM मोदी का भव्य सम्मान; ‘हर हर महादेव’ के नारे गूंजे

ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन महादेव की सफलता के बाद मंगलवार, 5 अगस्त को पहली बार एनडीए (NDA) संसदीय दल की बैठक आयोजित हुई। बैठक की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जोरदार स्वागत से हुई। सांसदों ने ‘हर हर महादेव’ के गगनभेदी नारों और तालियों की गड़गड़ाहट के बीच प्रधानमंत्री का अभिनंदन किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक की अध्यक्षता की और कुछ ही देर में उन्होंने सांसदों को संबोधित भी किया। बैठक के दौरान एनडीए सांसदों ने ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन महादेव की सफलता पर सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया। इसके साथ ही ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विशेष रूप से बधाई दी गई।

बैठक में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई और उनके परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की गई। इसके अलावा, हाल ही में निर्वाचित नए सांसदों का प्रधानमंत्री से औपचारिक परिचय भी कराया गया।

ऋण धोखाधड़ी केस में अनिल अंबानी से आज ED करेगी पूछताछ

मशहूर उद्योगपति अनिल अंबानी से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मंगलवार को पूछताछ करेगा। यह कार्रवाई 17,000 करोड़ की कथित ऋण धोखाधड़ी और धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) से जुड़े मामले की जांच के तहत की जा रही है। 66 वर्षीय अनिल अंबानी आज दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय में पेश होंगे, जहां एजेंसी धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत उनका बयान दर्ज करेगी। कारोबारी दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं।

ईडी ने अनिल अंबानी के खिलाफ पहले ही लुकआउट सर्कुलर (LOC) जारी किया हुआ है, जिसके चलते वह बिना जांच अधिकारी की अनुमति के देश छोड़कर नहीं जा सकते। सूत्रों के अनुसार, 1 अगस्त को ईडी ने उन्हें समन भेजा था, जिसके बाद आज उनकी पेशी तय हुई है। ईडी की कार्रवाई यहीं तक सीमित नहीं रही। 24 जुलाई से शुरू हुई छापेमारी तीन दिन तक चली, जिसमें मुंबई में 35 से अधिक ठिकानों पर तलाशी ली गई। ये ठिकाने अनिल अंबानी समूह से जुड़ी 50 कंपनियों और 25 अधिकारियों से संबंधित थे। जांच एजेंसी को संदेह है कि 2017 से 2019 के बीच यस बैंक से अंबानी की कंपनियों को मिले लगभग 3,000 करोड़ के ऋण का दुरुपयोग किया गया।

ईडी की जांच वित्तीय अनियमितताओं, संदिग्ध निवेश और ऋण के ग़लत इस्तेमाल से संबंधित है। आरोप है कि कई कंपनियों के जरिए लिए गए 17,000 करोड़ के समूह ऋण का उपयोग अनुचित या अनधिकृत गतिविधियों में किया गया।

ईडी विभिन्न कंपनियों और अधिकारियों की भूमिका की जांच कर रही है, ताकि यह पता चल सके कि इस बड़े घोटाले में कौन-कौन शामिल हैं और कैसे पैसे की हेराफेरी की गई। यह मामला न सिर्फ कॉर्पोरेट जगत, बल्कि वित्तीय संस्थानों और कानून व्यवस्था से भी जुड़ा हुआ है, इसलिए यह खबर राष्ट्रीय स्तर पर बेहद गंभीर और महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

आपको कैसे पता चीन ने ज़मीन कब्ज़ा रखी…सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को लगाई फटकार

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भारतीय सेना को लेकर की गई कथित टिप्पणी पर दर्ज मानहानि केस के खिलाफ दाखिल याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। सुनवाई के दौरान अदालत ने राहुल गांधी को फटकार लगाते हुए कहा, आपको कैसे पता चला कि चीन ने 2000 किलोमीटर तक भारत की जमीन हड़प ली है? अगर आप सच्चे भारतीय होते तो ऐसा नहीं कहते।

कोर्ट ने यह भी पूछा, “आप विपक्ष के नेता हैं, तो इस तरह की बातें सोशल मीडिया पर क्यों कह रहे हैं? आप ये सवाल संसद में क्यों नहीं पूछते?” राहुल गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि “उन्होंने चुनाव संसद में बोलने की छूट पाने के लिए नहीं लड़ा, बल्कि उन्हें संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत स्वतंत्र रूप से बोलने का अधिकार है।” सिंघवी ने कहा कि इस मामले में संज्ञान लिए जाने से पहले राहुल गांधी को प्राकृतिक न्याय (नैचुरिक जस्टिस) नहीं मिला।

कोर्ट ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में यह तर्क नहीं उठाया और अब सुप्रीम कोर्ट में भी विशेष अनुमति याचिका (SLP) में यह बिंदु शामिल नहीं किया गया है। हालांकि, सुनवाई के अंत में सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को अंतरिम राहत देते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया और निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर फिलहाल रोक लगा दी है। यह मामला उस टिप्पणी से जुड़ा है जो राहुल गांधी ने 9 दिसंबर 2022 को भारत-चीन सीमा पर हुई झड़प के बाद सेना और जमीन कब्जे को लेकर की थी। इसी टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ उत्तर प्रदेश में मानहानि का मामला दर्ज हुआ है।